नयी दिल्ली 27 जून । देश में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर पाँच लाख नौ हजार के करीब पहुँच चुकी है जिनमें तीन लाख 18 हजार से अधिक लोग जून में ही इसकी चपेट में आये हैं।
कोविड-19 के संक्रमण की रफ्तार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अप्रैल में जहाँ इसके 33,406 नये मामले आये थे, वहीं मई में 1,55,492 और जून में 3,18,418 नये मामले सामने आये।
अप्रैल में कोविड-19 संक्रमित 1,109 लोगों की जान गई थी।
देश में कोविड-19 के मामलों की संख्या 39 दिन में एक लाख से पांच लाख हुई:
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या एक लाख पहुंचने में 110 दिन लगे जबकि पांच लाख का आंकड़ा पार करने में केवल 39 दिन और लगे।
चिकित्सा विशेषज्ञों ने हाल में कोविड-19 के मामलों की संख्या में इतनी वृद्धि के लिए बड़े पैमाने और उचित दर पर उपलब्ध जांच की ओर इशारा किया।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार चार लाख मामले दर्ज होने के छह दिन बाद देश में कोविड-19 के मामलों की संख्या पांच लाख के पार पहुंच गई है।
आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक 18,552 नए मामले सामने के बाद, संक्रमित लोगों की कुल संख्या पांच लाख से अधिक हो गई तथा मृतकों की संख्या 15,685 हो गई है।
मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड-19 के मामलों की कुल संख्या 5,08,953 हो गई है जबकि पिछले 24 घंटे में 384 और लोगों की जान गई है।
यह लगातार चौथा दिन है, जब संक्रमण के 15,000 से अधिक मामले प्रतिदिन सामने आए हैं। देश में एक जून से 27 जून तक 3,18,418 नए मामले सामने आए हैं।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले एक लाख तक पहुंचने में 110 दिन का समय लगा जबकि 27 जून को पांच लाख का आंकड़ा छूने में मात्र 39 और दिन लगे।
देश में 100 मामलों से (19 मई) को एक लाख का आंकड़ा पहुंचने में 64 दिन लगे थे जबकि तीन जून को संक्रमितों की संख्या दो लाख के पार पहुंच गई थी।
कोविड-19 के मामलों की संख्या तीन लाख पार होने में 10 दिन लगे तथा चार लाख पहुंचने में और आठ दिन लगे।
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पहली बार राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 21 दिन के लिए 25 मार्च को लगाया गया था। बाद में लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक और इसके बाद फिर 17 मई तक बढ़ाई गई। बाद में फिर इसे 31 मई तक बढ़ा दिया गया।
देशभर में अब लॉकडाउन केवल निरूद्ध क्षेत्रों तक ही सीमित है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के ‘अनलॉक 1’ के तहत सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और खेल गतिविधियों की अब अनुमति है।
इंटरनल मेडिसिन, मैक्स हेल्थकेयर, की निदेशक डा. मोनिका महाजन ने कहा कि मामलों में तेजी से वृद्धि का कारण समझना महत्वपूर्ण है।
डा. महाजन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि मामलों की संख्या दोगुनी होने के लिए कई कारक हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन नियमों को हटाये जाने के बाद लोगों के व्यवहार में फिर से बदलाव आया है क्योंकि वे सामाजिक दूरी बनाये रखने के सिलसिले में जिम्मेदारी से काम नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जांच कराये जाने की शुल्क दर कम हुई है और जांच किट अब बड़ी आसानी से उपलब्ध है इसलिए अधिक मामले सामने आ रहे है।
शहर के एक सर्जन डा अरविंद कुमार ने कहा कि निश्चित रूप से मामलों की बढ़ती संख्या का एक बड़ा कारण तेजी से बढ़ती जांच भी है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार 26 जून तक कुल 79,96,707 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से शुक्रवार को एक दिन में सर्वाधिक 2,20,479 नमूनों की जांच की गई।
देश में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में सामने आया था। इस समय 1,97,387 मरीजों का इलाज चल रहा है जबकि 2,95,880 लोग स्वस्थ हो गये हैं।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘लगभग 58.13 प्रतिशत मरीज अब तक स्वस्थ हुए है।’’
अमेरिका, ब्राजील और रूस के बाद भारत इस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित चौथा देश है।