नयी दिल्ली 04 अक्टूबर । केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि मंत्रालय एक प्रारूप तैयार कर रहा है, जिसमें सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश उन लक्षित आबादी समूहों की सूची पेश करेंगे, जिन्हें पहले कोरोना वैक्सीन दी जानी चाहिए। इस माह के अंत तक इस सूची के पूरी होने की संभावना है।
डॉ हर्षवर्धन ने संडे संवाद में कहा,“ सरकार युद्धस्तर पर इस दिशा में काम कर रही है कि जब कोरोना वैक्सीन तैयार हो, तो लोगों के बीच इसका समान वितरण सुनिश्चित हो पाये। दुनिया के अन्य देशों की तरह केंद्र सरकार भी इसी बात पर ध्यान दे रही है कि किस तरह हर व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन मुहैया करायी जाये। इसके लिए उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया है, जो कोरोना वैक्सीन के सभी पहलुओं पर ध्यान दे रही है।”
उन्होंने कहा,“स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों के साथ मिलकर एक खाका तैयार कर रहा है कि कोरोना वैक्सीन पहले किनको दी जाये। मंत्रालय फिलहाल एक फॉर्मेट तैयार कर रहा है, जहां राज्य सरकारें उन आबादी समूहों की सूची पेश करेंगी, जिन्हें कोरोना वैक्सीन पहले दी जानी है। इसमें अग्रिम मोर्चे पर डटे कोरोना स्वास्थ्यकर्मी तथा कोरोना के टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की रणनीति को लागू करने में शामिल कर्मचारी शामिल हाेंगे। उम्मीद है कि यह सूची अक्टूबर के अंत तक तैयार हो जायेगी।”
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि राज्य सरकारों को साथ ही यह निर्देश दिया गया है कि वे काेल्ड चेन फैसिलिटी और कोरोना वैक्सीन के वितरण से संबंधित अन्य आधारभूत ढांचों की पूरी जानकारी भी दें। केंद्र सरकार इसके अलावा वैक्सीन के समुचित और समान वितरण के लिए मानव संसाधन, प्रशिक्षण और निरीक्षण संबंधी क्षमता में विस्तार की योजना पर काम कर रही है। ऐसा अनुमान है कि जुलाई 2021 तक करीब 20 से 25 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जायेगी। यह भी अनुमान जताया गया है कि तब तक कोरोना वैक्सीन के 40 से 50 करोड़ डोज खरीदे जायेंगे और उनका वितरण किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि सरकार इन योजनाओं को अंतिम रूप देने के समय कोरोना से संबंधित रोगप्रतिरोधक आंकड़ों पर नजर बनाये हुए है।
पत्रकारों को भी अन्य लोगों जितना है कोरोना का खतरा : हर्षवर्धन
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना वायरस कोविड-19 न देश में फर्क समझता है और न व्यक्ति के पेशे में तथा पत्रकारों को भी कोरोना से उतना ही खतरा है जितना हम लोगों को है और इससे बचाव के लिए उन्हें उन्हीं दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए जो एक आम इंसान के लिए है।
डॉ हर्षवर्धन ने ‘ कहा,“ हमारे मीडिया के साथी कोरोना वॉरियर्स की श्रेणी में आते हैं और कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मीडिया का योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। बीते नौ महीने के दौरान मैंने देखा है कि किस तरह हमारे पत्रकार बंधु और बहनें कोरोना को लेकर देश और समाज को जागरूक बनाने का काम करते रहे हैं।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा,“ लेकिन यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि कोरोना न देश में फर्क करता है और न पेशे में इसलिए पत्रकारों को भी कोरोना का खतरा उतना ही है, जितना हम लोगों को है। उन्हें भी उन्हीं दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए , जो आम इंसान के लिए है। कुछ समय पहले जब यह खबर आयी थी कि बड़े पैमाने पर मीडियाकर्मी कोरोना के शिकार हो रहे हैं तब सरकार ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को पत्र लिखकर इस पर चिंता जतायी थी। पत्र में कोरोना से जुड़ी खबर को कवर करने वाले पत्रकारों को कोरोना से सावधानी बरतने की भी सलाह दी गयी थी। उस समय हमने मीडिया संस्थानों को अपने पत्रकारों के बचाव के लिए जरूरी कदम उठाने काे कहा था।”
उन्होंने कहा,“ चाहे वो मुम्बई के पत्रकार हों या फिर दिल्ली के, मेरी सभी मीडियाकर्मियों से अपील है कि काम करते हुए वे कोरोना से बचाव के सभी तरीकों को अपनायें। जब वे किसी राजनेता और अन्य का बयान अपने कैमरे पर रिकॉर्ड करते हैं, तो उन्हें कुछ सावधानी बरतनी चाहिए। पत्रकारों को चाहिए कि वे मिलकर आपस में यह तय कर लें कि वे छह फुट की दूरी बनाकर रखेंगे ताकि वे एक दूसरे के संपर्क में न आयें। सामाजिक दूरी का ख्याल रखें और चेहरा ढंकने के लिए फेस मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।”
अफवाहाें पर ध्यान न दें, कोरोना का उपचार करायें: हर्षवर्धन
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण मौत होने पर मरीजों के अंग निकाले जाने के संबंध में पंजाब में फैली अफवाह राज्य के मरीजों के लिए घातक साबित हो सकती है इसलिए कोरोना संक्रमितों काे अफवाहों पर ध्यान न देकर अपना उपचार कराना चाहिए।
डॉ़ हर्षवर्धन से एक व्यक्ति ने सवाल पूछा कि पंजाब में यह अफवाह तेजी से फैल रही है कि कोरोना वायरस एक बहाना है, जिन लोगों को यह बीमारी नहीं है, कोविड-19 के सहारे उन्हें मारा जा रहा है और उनके अंग निकाल लिये जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इन बातों में कोई दम नहीं है और ये सिर्फ अफवाहें हैं।
आमतौर पर दो डोज वाली वैक्सीन होती है ज्यादा प्रभावी: हर्षवर्धन
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन ने आज कहा कि किसी भी महामारी को नियंत्रित करने में दो खुराक वाली वैक्सीन ज्यादा प्रभावी साबित होती है।
डॉ़ हर्षवर्धन ने कहा कि किसी भी महामारी को नियंत्रित करने में एक खुराक वाली वैक्सीन की अपेक्षा दो खुराक वाली वैक्सीन ज्यादा कारगर साबित होती है। वैक्सीन की पहली खुराक व्यक्ति में अपेक्षित मात्रा में रोगप्रतिरोधक क्षमता का निर्माण नहीं कर पाती है जबकि दूसरी खुराक देने पर अपेक्षित मात्रा में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है।
डॉ हर्षवर्धन की अपील: प्लाज्मा दान करने से न घबरायें लोग
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन ने आज कहा कि कोरोना संक्रमण मुक्त हुए लोगों को प्लाज्मा दान करने से घबराना नहीं चाहिए क्याेंकि यह रक्तदान से भी आसान है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि लोग प्लाज्मा देने से कतराते हैं क्योंकि शायद उन्हें इससे कुछ डर लगता है। केंद्रीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कुछ चुनिंदा संस्थानों को ही प्लाज्मा थेरेपी के परीक्षण की मंजूरी दी है। प्लाज्मा के दानकर्ता को तलाशना मुश्किल काम है क्याेंकि इसके लिए लोग आगे नहीं आते हैं।