नई दिल्ली 31 मार्च । डोकलाम में हुए टकराव के बाद चीन के तिब्बती क्षेत्र की सीमाओं पर अरुणाचल सेक्टर पर भारत ने सेना की गश्त और सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है।
सैन्य अधिकारियों ने बताया कि भारत सामरिक रूप से संवेदनशील तिब्बती क्षेत्र में सीमाओं पर चीन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अपने निगरानी तंत्र को भी मजबूत कर रहा है और टोह लेने के लिए नियमित रूप से हेलिकॉप्टर तैनात करता रहा है।
आपको बता दें कि डोकलाम में हुए गितिरोध के बाद भारत चीन को लेकर किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाह रहा है। कई दशक बाद भारत और चीन के बीच सबसे बड़ा गतिरोध 2017 में डोकलाम में हुआ था। लोहित घाटी, दाऊ-डेलाई और दिबांग के पहाड़ी इलाके में चीन की बढ़ते हठ और दावों के मद्देनजर भारत इन इलाकों में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। जिसके तहत यहां के पहाड़ों, नदियों के पास और 17,000 फुट की उचाई पर बर्फीले पहाड़ों पर अपनी पकड़ पहले से कही अधिक मज़बूत कर रहा है।
किबितू में तैनात एक सैन्य अदिकारी ने कहा कि डोकलाम के बाद हमने अपनी गतिविधियां कई गुणा बढ़ा दी हैं। हम किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने के लिये तैयार हैं। किबितू भारत चीन सीमा पर स्थिति देश का सबसे पूर्वी इलाके का गांव है।
अधिकारी ने बताया कि हमने लॉन्ग रेंज पेट्रोल को मजबूत किया है जिसके तहत सैनिकों की छोटी टुकडिय़ों को गश्त के लिये भेजा जाता है। ताकि लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) की रक्षा की जा सके।
सिक्किम सेक्टर में स्थित डोकलाम में भारती और चीन की सेनाएं 73 दिनों तक आमने-सामने थीं। इस इलाके में चान सडक़ बना रहा था जिसे भारतीय सेना ने बनाने से रोक दिया था।
सेना के अधिकारी ने बताया कि हमने रणनीतिक तौर पर संवेनशील इलाकों में सैनिकों की संख्या भी बढ़ा दी हैष जिसमें भारत-चीन-म्यांमार का ट्राई-जंक्शन भी शामिल है।
अधिकारी ने बताया कि सीमा से सटे इलाके में चीन बुनियादी सुविधाओं को मजबूत कर रहा है, खास कर तिब्बती क्षेत्र में। ऐसे में भारत के लिये भी ये जरूरी हो जाता है कि वो भी अपनी सैन्य शक्ति और बुनियादी सुविधाओं जैसे सडक़ आदि के निर्माण को बढ़ाए। ताकि सेना की आवाजाही बेहतर और तेज हो सके। इस समय सेना किबितू में मिलिटरी सप्लाई के लिये फूट सस्पेंसन ब्जि का इस्तेमेल करती है। एक सडक़ जो लोहित के पूर्वी हिस्से को जोड़ती है वो भूस्खलन के कारण साल के ज्यादातर दिन बंद रहती है।
हालाकि भारत इस इलाके में संपर्क और आवाजाही की सुविधा को बेहतर करने के लिये दिबांग और लोहित घाटी के बीच एक सडक़ निर्माण जल्द करने जा रहा है। चीन भारत के साथ सटी पूरे 4000 किलोमीटर की सीमा पर सडक़ नेटवर्क बढ़ा रहा है।
हाल ही में भारत की रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा था कि चीन डोकलाम में हेलीपैड, सैनिक पोस्ट और बंकर आदि का निर्माण कर रहा है।attacknews.in