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भारत में कोरोना के नये वैरिएंट से बढ़ा खतरा: 20 संक्रमित आये सामने,सभी राज्यों से अधिक सावधानी बरतने के निर्देश,ब्रिटेन जाने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध सात जनवरी तक बढ़ा attacknews.in

नयी दिल्ली 30 दिसंबर । ब्रिटेन में पाये गये कोरोना वायरस के नये वैरिएंट से देश में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़कर अब 20 हो गयी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय ने आज इस बाबत जानकारी देते हुए कहा कि 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से भारत आये जिन यात्रियों की कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई, उनके नमूने आगे की जांच के लिए इन्साकॉग की अलग-अलग लैब में भेजे गये।

इन 10 लैब में से छह लैब ने अब तक ऐसे कुल 107 नमूनों की जांच की , जिनमें से 20 नमूने नये वैरिएंट से संक्रमित पाये गये। सबसे अधिक 50 नमूनों की जांच पुणे स्थित एनआईवी में हुई और वहां मात्र एक यात्री का नमूना नये वैरिएंट से संक्रमित पाया गया।

एनसीडीसी दिल्ली में जांच किये गये 14 नमूनों में से आठ, एनआईबीजी कल्याणी, कोलकाता में जांच किये गये सात नमूनों में से एक, निम्हांस में जांच किये गये 15 नमूनों में से सात, सीसीएमबी में जांच किये गये 15 नमूनों में से दो और आईजीआईबी में जांच किये गये छह नमूनों में से एक नमूना ब्रिटेन के वैरिएंट से संक्रमित पाया गया।

डीबीटी पुणे, आईएलएस भुवनेश्वर, एनसीसीएस, पुणे और डीबीटी बेंगलुरू में एक भी नमूना जांच के लिए नहीं भेजा गया था।

गौरतलब है कि डेनमार्क, नीदरलैंड, इटली, फ्रांस, जर्मनी आदि कई देशों में ब्रिटेन का कोरोना वायरस का नया वैरिएंट पाये जाने पर केंद्र सरकार ने भी ब्रिटेन से 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच भारत आये यात्रियों की ट्रैकिंग शुरू कर दी। मंत्रालय ने मंगलवार को बताया था कि 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से भारत में करीब 33 हजार यात्री आये। विभिन्न राज्य और केेंद्र शासित प्रदेश इन यात्रियों की ट्रैकिंग करके आरटी-पीसीआर टेस्ट कर रहे हैं।

कोरोना के नये वैरिएंट से संक्रमित इन सभी व्यक्तियों को आइसोलेशन में संबंधित राज्य सरकारों द्वारा रखा गया है। उनके नजदीकी संपर्क के व्यक्ति भी क्वारंटाइन हैं। उनके साथ के सह यात्रियों, परिजनों और संपर्क में आये अन्य व्यक्तियों की ट्रैकिंग की जा रही है। फिलहाल संक्रमित यात्रियों के जिनोम सिक्वेसिंग का काम जारी है।

ब्रिटेन का यह नया वैरिएंट अब तक डेनमार्क, नीदरलैंड, आस्ट्रेलिया, इटली, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, स्वीडन, स्पेन, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी पाया गया है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान में भी यह वैरिएंट पाया गया है।

कोलकाता में कोराना वायरस स्ट्रेन का पहला मामला

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ब्रिटेन से लौटे एक व्यक्ति में कोरोना वायरस के नये स्वरूप (स्ट्रेन) का पहला मामला सामने आया है।

एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि मरीज कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी का पुत्र है जिसमें कोरोना वायरस के नये स्वरूप से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। मरीज की दस दिनों पहले कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लौटने पर जांच की गयी थी जिसमें उसे संक्रमित पाया गया है।

ब्रिटेन जाने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध सात जनवरी तक बढ़ा

कोविड-19 वायरस के नए स्ट्रेन के संक्रमण को देखते हुए ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध सात जनवरी 2021तक बढ़ा दिया गया है।

नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को ट्वीट करके यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों के देश में उतरने पर लगाया गया अस्थाई प्रतिबंध सात जनवरी तक बढ़ाने का फैसला किया गया है। इसके बाद धीरे-धीरे उड़ाने शुरू की जाएंगी जिसके तौर तरीकों के बारे में बाद में जानकारी दी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में नए स्ट्रेन के संक्रमण के तेजी से फैलने के मद्देनजर सरकार ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर 22 दिसंबर की आधी रात से 31 दिसंबर तक के लिए पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था।

सभी राज्य बरतें नये साल पर अधिक सावधानी: स्वास्थ्य सचिव

इधर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर नववर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित समारोहों के जरिये कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार की आशंका अधिक होने के प्रति सचेत किया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी दी कि नये साल के अवसर पर आयोजत समारोहों के दौरान संक्रमण के प्रसार की आशंका बढ़ जाती है, जिसे देखते हुए स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को अधिक सावधानी बरतने की सलाह देते हुए पत्र लिखा है।

उन्होंने साथ ही सर्दी के मौसम में संक्रमण के मामले बढ़ने के प्रति भी सचेत किया है।श्री भूषण ने सभी राज्यों से कहा है कि वे स्थानीय परिस्थिति के अनुसार 30 और 31 दिसंबर तथा एक जनवरी 2021 को समुचित प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकते हैं। कोई भी राज्य हालांकि राज्यों के भीतर और दो राज्यों के बीच व्यक्तियों तथा सामान की आवाजाही पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता।स्वास्थ्य मंत्रालय ने साथ ही ब्रिटेन में पाये गये कोरोना के नये स्वरूप को देखते हुए ब्रिटेन से भारत आने वाली उड़ानों पर 31 दिसंबर तक लगाये गये प्रतिबंध की सीमा बढ़ाकर सात जनवरी करने की भी सिफारिश की। स्वास्थ्य मंत्रालय की इस सिफारिश पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों पर सात जनवरी तक प्रतिबंध लगा दिया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने साथ ही यह भी कहा है कि सात जनवरी 2021 के बाद भी ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों की संख्या सीमित किये जाने पर भी विचार किया जाना चाहिए।

बीते एक माह के दौरान ब्रिटेन से भारत आये यात्रियों पर केंद्र की पैनी नजर

ब्रिटेन में कोरोना वायरस के अधिक संक्रामक स्वरूप के पाये जाने के बाद से पूरी दुनिया में खौफ का नया माहौल बन गया है और भारत में भी इसे लेकर काफी सतर्कता बरती जा रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गत ब्रिटेन से भारत आये यात्रियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य करने के साथ ही कई दिशा-निर्देश (एसओपी) गत 22 दिसंबर को जारी किये थे। इसके बाद 29 दिसंबर को आयोजित स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस वार्ता में भी कोरोना के नये वैरिएंट के भारत में पाये जाने पर चिंतायें जतायी गयीं तथा सभी लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गयी।

आज फिर स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सभी राज्यों को इस बाबत पत्र लिखा है कि वे गत 22 दिसंबर को जारी किये एसओपी का पूरी तरह पालन सुनिश्चित करें।

श्री अग्रवाल ने कहा है कि एसओपी के मुताबिक 21 से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से भारत आये सभी यात्रियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य है। अगर किसी यात्री का नमूना पॉजिटिव पाया जाता है , तो उनके नमूने का स्पाइक जीन आधारित आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाये। जो यात्री पॉजिटिव पाये जायें , उन्हें पृथक आइसोलेशन फैसिलिटी में रखा जाये, जिनका समन्वयन संबंधित राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों से होगा।

फैसिलिटी के स्तर पर ही नमूनों को जिनोम सिक्वेंसिंग यानी जीनोम अनुक्रमण के लिए इन्साकॉग के विभिन्न लैब में भेजा जायेगा। अगर जीनोम अनुक्रमण से पता चलता है कि , उक्त यात्री नये कोरोना वैरिएंट से संक्रमित है तो उन्हें पृथक आइसोलेशन में ही रखा जायेगा तथा उनका उपचार क्लीनिकल प्रोटोकॉल के तहत होगा।

ब्रिटेन से आये जो यात्री कोरोना के नये वैरिएंट से संक्रमित पाये जायें, उनके संपर्क में आये सभी व्यक्तियों को भी पृथक संस्थागत क्वारंटीन में रखा जाये और आईसीएमआर के निर्देशों के अनुसार, उनकी जांच की जाये। पॉजिटिव पाये जाने वाले यात्रियों के संपर्क में आये व्यक्तियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट संपर्क में आने से पांचवें से दसवें दिन के बीच होना चाहिए।

ब्रिटेन से आये जो यात्री निगेटिव पाये जायें, उन्हें घर में क्वारंटीन में रहने की सलाह दी जाये। इसके अलावा जो भी यात्री गत एक माह के दौरान ब्रिटेन से भारत आये हैं, उनके जिला निगरानी अधिकारी संपर्क स्थापित करें तथा समुदाय में उनकी निगरानी करेंगे। इन सभी यात्रियों का भी आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से भारत आये जिन यात्रियों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आयी, उनमें से अब तक 20 यात्री कोरोना के नये वैरिएंट से संक्रमित पाये गये हैं।

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