नागपुर 10 फरवरी । महाराष्ट्र में नागपुर के केंद्रीय जेल में गेंगस्टर अरुण गवली समेत पांच कैदियों के बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।
जेल अधीक्षक अनूप कुमरे ने बताया कि गवली और चार अन्य कैदियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद जेल के डॉक्टरों द्वारा उपचार किया जा रहा है
नागपुर केन्द्रीय कारागार में बंद गैंगस्टर अरुण गवली समेत पांच कैदी बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।
गवली शिवसेना नेता कमलाकर जामसंदेकर की हत्या से संबंधित मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
जेल अधीक्षक अनूप कुमरे ने कहा कि गवली और चार अन्य कैदी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और जेल के चिकित्सक उनका इलाज कर रहे हैं। कुमरे ने कहा कि गवली सोमवार को बीमार पड़ने के बाद वायरस से संक्रमित पाया गया है।
महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून की एक विशेष अदालत ने शिवसेना नेता और निगम पाषर्द रहे कमलाकर जामसंदेकर की हत्या के मामले में गैंग्स्टर से राजनीतिज्ञ बने अरुण गवली को दोषी करार दिया था ।
इस मामले में अदालत ने 11 अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया था । 27 अगस्त 2011 को दोषियों को सजा सुनायी गयी थी ।
मामले की सुनवाई के दौरान बाला सुर्वे नाम के एक आरोपी की मौत हो गयी जबकि तीन आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया ।
साल 2008 के मार्च महीने में जामसंदेकर को उपनगरीय घाटकोपर इलाके में स्थित उनके आवास पर गोली मार दी गयी थी । गवली को 21 मई 2008 को गिरफ्तार किया गया जिसके बाद से वह जेल में बंद है ।
सात अक्तूबर 2010 को अदालत ने गवली एवं अन्य आरोपियों के खिलाफ मकोका के अलावा आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 34 (एक जैसी मंशा) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप तय किए थे । हालांकि, गवली और अन्य आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया था ।
पुलिस के मुताबिक, जामसंदेकर की हत्या की सुपारी कथित तौर पर आरोपी साहेबराव भिंतड़े और बाला सुर्वे ने दी थी । भिंतड़े और सुर्वे के बारे में कहा जाता है कि वे इमारतों के निर्माण के व्यापार और स्थानीय राजनीति में जामसंदेकर के प्रतिद्वंदी थे।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, जामसंदेकर को गवली के इशारे पर मौत के घाट उतारा गया । गवली ने सह-आरोपियों के साथ शिवसेना नेता को मारने की साजिश रची।