नयी दिल्ली, 26 दिसंबर । गंगा नदी को निर्मल एवं अविरल बनाने की पहल में पहली बार इसकी चार सहायक नदियों हिंडन, काली, राम गंगा और गोमती को शामिल किया है ।
जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के सचिव उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि गंगा को स्वच्छ बनाने की पहल में अभी चार सहायक नदियों को शामिल किया गया है। इन चार नदियों को शामिल किये बिना गंगा को साफ करना बेमानी होगा ।
उन्होंने कहा कि पहले चरण में इन चार सहायक नदियों को शामिल किया गया है । इन नदियों के तटों पर जलमल शोधन संयंत्र :एसटीपी: लगाया जायेगा । एसटीपी लगाने के प्रस्ताव को सरकार से जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है ।
उन्होंने कहा कि अगले चरण में कुछ अन्य सहायक नदियों को लिया जायेगा । अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा कानपुर में 20 एमएलडी शोधन क्षमता वाला एक साझा जलनिकासी शोधन संयंत्र :सीईटीपी: भी लगाया जायेगा ।
उन्होंने बताया कि नमामि गंगा मिशन के तहत मुख्य नदी में जलमल शोधन संयंत्र लगाने को मंजूरी प्रदान कर दी गई है । अब गंगा नदी की सहायक नदियों पर एसटीपी लगाने को मंजूरी प्रदान की जा रही है ।
गंगा नदी की सहायक नदियों के माध्यम से औद्योगिक प्रदूषण एवं इनके तट पर स्थित शहरों से निकलने वाले कचरे नदी में प्रदूषण के लिये काफी हद तक जिम्मेदार माने जाते हैं ।
काली और राम गंगा नदी को ऐसी नदी के रूप में चिन्हित किया गया है जिसके किनारों पर चमड़ा, कागज, लुगदी, चीनी उद्योगों की बहुलता है और इन उद्योगों का कचरा इन नदियों में बहाया जा रहा है । इसके कारण नदी में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ने की बात भी सामने आई है । जल संसाधन मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 1109 गंभीर प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों की पहचान की है और इनमें से अब तक 300 को बंद कर दिया गया है । इन 1109 गंभीर प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों में 422 कानपुर में हैं । जल संसाधन मंत्रालय के आंकड़ों से यह बात सामने आई है कि पिछले तीन साल में गंगा को साफ करने की 184 परियोजनाओं में से केवल 46 ही पूरी हो सकी है । लेकिन सरकार का कहना है कि इन परियोजनाओं पर कार्य जारी है और सरकार की प्रतिबद्धता में कोई कमी नहीं आई है । कई चीजें साथ साथ चल रही हैं।
मंत्रालय का कहना है कि परियोजनाओं को ठीक ढंग से और पारदर्शिता के साथ पूरा करने के लिये उचित निविदा प्रक्रिया पूरा करना जरूरी है । इससे तकनीकी एवं वित्तीय पहलु जुड़े होते हैं । अनेक परियोजनाओं के संबंध में निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं ।
मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पिछले तीन वर्षो में 5 राज्यों उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 123 नये घाटों का निर्माण किया गया है, साथ ही 65 नये श्मशान गृहों का भी निर्माण हुआ है । सतत रूप से नदी की साफ सफाई सुनिश्चित करने की पहल की गई है। इस उद्देश्य के लिये मंत्रालय ने जल क्रांति अभियान शुरू किया है जिसके तहत गंगा गांव, जल मित्र और महिला मित्रों को जोड़ा जा रहा है ।attacknewe.in