नयी दिल्ली 28 जुलाई । सरकार ने वायरल हेपेटाइटिस के मरीजों को बड़ी राहत देते हुये राष्ट्रीय हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम की आज शुरुआत की जिसके तहत उन्हें मुफ्त दवाइयाँ और टीके मिल सकेंगे।
यह पहला मौका है जब देश में इस बीमारी की रोकथाम और इलाज के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया गया है। वायरल हेपेटाइटिस में हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई आते हैं। देश में अभी इनके पाँच करोड़ से ज्यादा मरीज हैं। इनमें चार करोड़ हेपेटाइटिस बी से पीड़ित हैं जिनमें 40 लाख को इलाज की जरूरत है। हर साल टीबी, मलेरिया और एड्स से होने वाली कुल मौतों से ज्यादा हेपेटाइटिस से होती है। इस बीमारी में लिवर प्रभावित होता है और कई मामलों में मरीज की मौत भी हो जाती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. जे.पी. नड्डा ने विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर इस कार्यक्रम की शुरुआत के मौके पर कहा कि सरकार का लक्ष्य उन सभी बीमारियों से होने वाली मौतों को रोकना है जिनमें बचाव संभव है। उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्य की दृष्टि से एक लंबी छलाँग है जो वायरल हेपेटाइटिस को समाप्त करने के सतत विकास लक्ष्यों को प्रति भारत की प्रतिबद्धता दर्शाता है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2030 तक हेपेटाइटिस सी को पूरी तरह समाप्त करने और हेपेटाइटिस ए, बी, डी और ई को नियंत्रित करने का लक्ष्य रखा है।
इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत किया जायेगा। अभी मिशन के स्वास्थ्य कर्मियों को कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षण देने का काम शुरू किया जायेगा और इस साल के अंत तक हेपेटाइटिस की जाँच और मरीजों को दवाएँ देने का काम शुरू हो जायेगा।
इस मौके पर एक स्मारक डाक टिकट, कार्यक्रम के लिए परिचालन दिशा-निर्देश, वायरल हेपेटाइटिस की जाँच के लिए प्रयोगशालाओं को दिशा-निर्देश तथा बीमारी की पहचान और प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किये गये।
संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि डाक विभाग राष्ट्रीय महत्त्व के विषयों पर जागरुकता के लिए समय-समय पर स्मारक डाक टिकट जारी करता रहता है। उसने स्वच्छ भारत अभियान पर भी टिकट जारी किया है। वायरल हेपेटाइटिस स्वास्थ्य क्षेत्र की बड़ी समस्या है और इसलिए इस पर डाक टिकट जारी किया गया है।attacknews.in