ट्यूनिस, 31 अक्टूबर (एपी) फ्रांस के नीस स्थित गिरजाघर में हमले में शामिल 21 वर्षीय ट्यूनिशयाई नागरिक जब किशोर था तब उस पर हिंसा के छोटे-मोटे मामले थे लेकिन ऐसा कुछ नहीं था जिससे ट्यूनिशयाई अधिकारियों को लगता कि वह चरमपंथी रुझान रखता है।
इब्राहिम ईसाओई को इटली से निकाले जाने का आदेश दिया गया था जहां वह नौका पर सवार होकर अवैध तरीके से पहुंचा था। कुल मिलाकर वह जहां जाना चाहे, वहां जाने के लिए स्वतंत्र हो गया।
तब इब्राहिम बेरोकटोक फ्रांस की ओर बढ़ गया।
इटली की गृह मंत्री लूसियाना लामोर्गीज ने शुक्रवार को एपी को बताया कि इब्राहिम पर ट्यूनिशयाई अधिकारी अथवा खुफिया सेवाओं को कोई संदेह नहीं था।
उन्होंने कहा कि इटली के खचाखच भरे पुनर्वास केंद्रों में उसके लिए कोई जगह नहीं थी।
हालांकि इटली के आश्रयगृहों में ठहरने के लिहाज से पात्र नहीं होने वाले ट्यूनिशियाई नागरिकों को उनके देश वापस भेजने के समझौते हैं।
इस संदर्भ में लार्मोगीज ने कहा, ‘‘जाहिर तौर पर हम ऐसे लोगों को प्राथमिकता देते हैं जिन पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों या ट्यूनिशयाई अधिकारियों को संदेह नहीं होता।’’
ट्यूनिशया के आतंकवाद निरोधक अभियोजन कार्यालय के प्रवक्ता मोहसिन दाली ने कहा कि इब्राहिम को आतंकवादी तत्व के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया था।
दाली के मुताबिक इब्राहिम की मां ने जांचकर्ताओं को बताया था कि उसने अपनी उम्र के लोगों की तरह सामान्य जिंदगी जी। वह शराब पीता था और साधारण कपड़े पहनता था। उसने दो साल पहले नमाज अदा करना शुरू किया था और उसका कोई संदिग्ध साथी भी नहीं था।
फ्रांस के नीस स्थित गिरजाघर में तीन लोगों की हत्या के मामले में आरोपी हमलावर इब्राहिम पुलिस की कार्रवाई में गंभीर रूप से घायल हो गया और वह गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती है। फ्रांस और ट्यूनीशिया की आतंकरोधी जांच एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं।
फ्रांस ने बताया: चर्च के भीतर हमला करने वाला ट्यूनीशिया का नागरिक
फ्रांस के नीस शहर में नोट्रे-डेम बेसिलिका के अंदर गुरुवार को लोगों पर हमला करने वाला ट्यूनीशिया का नागरिक है।
नाइस मेटिन अखबार ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि हमलावर 21 साल का है और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को नीस के एक चर्च में चाकू के हमले में तीन लोग मारे गये। इस पर नीस के मेयर क्रिश्चियन एस्ट्रोसी ने कहा कि अपराधी पुलिस की गिरफ्त में होने के बावजूद ‘ अल्लाहु-अकबर ‘ चिल्लाता रहा। इसी दिन एक अन्य घटना में फ्रांस के एविग्नन में एक व्यक्ति ने ‘ अल्लाहु-अकबर ‘ बोलते हुये पुलिस अधिकारियों पर चाकू से वार करने की कोशिश की, जो बाद में पुलिस की कार्रवाई में मारा गया।