नयी दिल्ली 06 फरवरी । तीन कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर शनिवार को किसानों के तीन घंटे के राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का मिलाजुला असर रहा तथा इस दौरान बड़ी संख्या में आंदोलनकारी हिरासत में लिये गये।
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में चक्का जाम का प्रभावी असर दिखाई दिया जबकि अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में इसका मिलाजुला असर दिखाई दिया। पंजाब और हरियाणा में अनेक स्थानों पर बंद का व्यापक असर देखा गया।
कर्नाटक में प्रस्तावित समय से पहले ही राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर रहे बड़ी संख्या में किसानों एवं वामपंथी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। कई स्थानों पर आंदोलनकारियों ने राजमार्गाें के बीच में ही खाना पकाने के लिए सड़क के बीचोबीच आग जला ली थी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पहले फील्ड मार्शल जनरल करियप्पा के जन्मस्थान पर संग्रहालय के उद्घाटन और तला कावेरी के दौरा को देखते हुए कर्नाटक के कोडागु जिले में चक्का जाम को वापस ले लिया गया था।
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्वाभिमानी शेतकरी संगठन (एसएसएस) और किसान संघर्ष समिति (केएसएस) के कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानून के विरोध में किसानों का समर्थन करते हुए चक्का जाम किया। पुलिस ने एसएसएस के अध्यक्ष राजू शेट्टी को हिरासत में ले लिया।
कोल्हापुर के मुख्य बस अड्डा के समीप दाभोलकर कॉर्नर में आंदोलनकारी एकत्र हुए और केन्द्र सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए तीनों कृषि कानून को वापस लेने की मांग की। सड़क के दोनों तरफ आंदोलन करने वालों ने रास्ता रोक दिया। इस दौरान श्री शेट्टी और अन्य नेताओं ने केन्द्र सरकार के खिलाफ नारे लगाये और कृषि कानून को वापस लेने की मांग की। बाद में हालांकि पुलिस ने श्री शेट्टी समेत अन्य नेताओं को छोड़ दिया।
पुड्डुचेरी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े किसानों ने अन्ना चौराहे के पास सड़क जाम किया तथा यातायात को बाधित किया। इस दौरान पुलिस ने 25 आंदोलनकारी को हिरासत में ले लिया।
पंजाब में विभिन्न किसान संगठनों ने राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गाें पर 70 से अधिक स्थानों पर सड़क जाम किया। किसानों ने अमृतसर, लुधियाना, संगरूर, बठिंडा, मोहाली, पठानकोट, गुरदासपुर, नकोदर, फिरोजपुर, रोपड़ और होशियारपुर में राजमार्गाें को जाम कर यातायात बाधित किया।
इस बीच किसान संगठनों ने आज के चक्का जाम हड़ताल को सफल बताया। बंद का आह्वान 12 बजे से तीन बजे तक किया गया था। इस दौरान एक्सप्रेस वे पर वाहनों को लंबी कतारें लग गई लेकिन एम्बुलेंस को आने जाने दिया गया। कुछ स्थानों पर लोगों को खाने पीने का भी प्रबंध किया गया था।
इस आंदोलन में दिल्ली, एनसीआर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को शामिल नहीं किया गया था। चक्का जाम आंदोलन के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए थे और कई मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया था।
गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसान संगठन पिछले 70 दिन से अधिक से आंदोलन कर रहे हैं।
कृषि कानूनों के विरोध में मध्यप्रदेश में भी किसानों का चक्काजाम
भोपाल,से खबर है कि,कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों के समर्थन में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के अन्य स्थानों पर आज दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच किसानों के साथ कांग्रेस नेताओं ने चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया।
राजधानी भोपाल के परवलिया स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग पर कांग्रेस नेताओं ने किसानों के समर्थन में चक्काजाम किया। इसके अलावा बैरसिया और नजीराबाद में भी प्रदर्शन कर चक्काजाम किया गया और केन्द्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गयी। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ देर के लिए यातायात प्रभावित हुआ, हालांकि बाद में पुलिस की समझाइश के बाद चक्काजाम समाप्त कर दिया गया।
राजधानी भोपाल के अलावा जबलपुर में भी किसानों के समर्थन में चकाजाम किया गया। वहां कृषि कानूनों के विरोध में खजरी-खिरिया चौक पर चकाजाम किया गया। दो घंटे चले चकाजाम के कारण वायपास पर यातायात पूरी तहर से ठप रहा। इस दौरान किसानो ने अपनी मांग के संबंध में ज्ञापन भी सौंपा। चकाजाम संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में किया गया, जिसमें विभिन्न किसान संगठनों के लोग भी शामिल हुए।
उधर, सतना में किसानो के चकाजाम का आंशिक असर दिखा। जिले के अमरपाटन, रामनगर, उचेहरा, मैहर और सतना शहर के कुछ मार्गो पर किसान और कांग्रेस नेताओं ने धरना देकर थोड़े समय के लिये आवागमन को रोक दिया। वहां किसानो का चकाजाम शांतिपूर्ण रहा और कहीं भी किसी तरह की अप्रिय स्थिति का सामना नही करना पड़ा।
इसके अलावा शिवपुरी के निकट ग्राम परोड़ा के पास दोपहर ग्वालियर देवास फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग पर कृषि कानून के विरोध में जाम लगाया गया। हालांकि किसानों की संख्या कम थी, लेकिन फिर भी कुछ देर के लिए वाहन दोनों तरफ रुके रहे। पुलिस द्वारा मौके पर जाकर किसानों को समझाया, जिसके बाद उनके द्वारा जाम खोल दिया गया। वहीं, ग्वालियर, सागर, रीवा, उज्जैन सहित अन्य स्थानों पर भी किसानों के समर्थन में चकाजाम किया गया।
बिहार में नहीं दिखा चक्का जाम का असर
पटना से खबर है कि ,किसान आंदोलन के समर्थन में आज राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का बिहार में कोई खास असर नहीं दिखा ।
राज्य के कुछ हिस्सों में विपक्षी दलों की ओर से थोड़े समय के लिए चक्का जाम किया गया और इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई । पटना सिटी के टोल प्लाजा के पास जन अधिकार पार्टी (जाप) और नौबतपुर में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा माले) के कार्यकर्ताओं ने कुछ देर के लिए सड़क जाम किया ।
इसी तरह भोजपुर, बक्सर, जहानाबाद, औरंगाबाद और पूर्णिया समेत कुछ अन्य जिलों में भी विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर कर किसानों के समर्थन में नारेबाजी की । बिहार में इंटरमीडिएट की परीक्षा के कारण विपक्षी दलों ने चक्का जाम का सिर्फ नैतिक समर्थन दिए जाने की घोषणा की थी ।
कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन गुटबाजी का हुआ शिकार
बड़वानी, से खबर है कि, केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में बुलाए गए चक्का जाम में मध्यप्रदेश के बड़वानी के कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी स्पष्ट रूप उभर कर सामने आ गयी।
बड़वानी जिला मुख्यालय के बाहरी हिस्से में स्थित खंडवा-वड़ोदरा राजमार्ग पर आज चक्काजाम को लेकर बड़वानी जिले के कांग्रेस नेता दो गुटों में विभाजित हो गए। जहां पूर्व गृह मंत्री बाला बच्चन और अन्य विधायकों का गुट सभा स्थल पर ही बना रहा, तो दूसरी ओर पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुखलाल परमार का गुट खंडवा बड़ोदरा राजमार्ग पर जाकर बैठ गया। इसी दौरान बड़वानी के कांग्रेस जिलाध्यक्ष वीरेंद्र दरबार द्वारा खंडवा बड़ोदरा रोड पर बैठे लोगों के कांग्रेसी नहीं होने की टिप्पणी कर दिए जाने पर विरोध के स्वर तीखे हो गए।
बिहार में नहीं दिखा चक्का जाम का असर
पटना से खबर है कि ,किसान आंदोलन के समर्थन में आज राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का बिहार में कोई खास असर नहीं दिखा ।
राज्य के कुछ हिस्सों में विपक्षी दलों की ओर से थोड़े समय के लिए चक्का जाम किया गया और इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई । पटना सिटी के टोल प्लाजा के पास जन अधिकार पार्टी (जाप) और नौबतपुर में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा माले) के कार्यकर्ताओं ने कुछ देर के लिए सड़क जाम किया ।
इसी तरह भोजपुर, बक्सर, जहानाबाद, औरंगाबाद और पूर्णिया समेत कुछ अन्य जिलों में भी विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर कर किसानों के समर्थन में नारेबाजी की । बिहार में इंटरमीडिएट की परीक्षा के कारण विपक्षी दलों ने चक्का जाम का सिर्फ नैतिक समर्थन दिए जाने की घोषणा की थी ।
राजस्थान में कई स्थानों पर दोपहर बारह से अपराह्न तीन बजे तक रहा चक्का जाम
जयपुर से खबर है कि , नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों के चक्काजाम के आह्वान के तहत आज राजस्थान में विभिन्न राजमार्गों पर दोपहर बारह से अपराह्न तीन बजे तक चक्का जाम किया गया।
प्रदेश में चक्का जाम को सत्तारुढ़ पार्टी कांग्रेस ने भी पूरा समर्थन दिया है और जयपुर सहित विभिन्न जिलों में किसानों के साथ कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता भी सड़कों पर आकर चक्का जाम में भाग लिया। इस दौरान सीकर रोड़, आगरा रोड़, दिल्ली रोड़, अजमेर रोड़ और टोंक रोड़ पर चक्का जाम किया गया जिससे मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारे लग गई है।
जयपुर-अजमेर रोड़ पर भांकरोटा चौराहे पर चक्काजाम लगाने से दो-तीन किलोमीटर लंबा जाम लग गया। इसके पुलिस ने एक घंटा बाद ही किसान एवं कांग्रेस नेताओं को समझाकर जाम खुलवाया। इस दौरान राजधानी जयपुर के चारों ओर राष्ट्रीय राजमार्गों पर ट्रैक्टर लगाकर रास्ते रोककर जाम लगा दिया गया। इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न जगहों पर ट्रैक्टर, पत्थर एवं सड़क पर बैठकर जाम लगाया गया। जाम में कई जगहों पर पर महिलाओं ने भाग लिया।
इसी तरह जयपुर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 52 पर चौमूं तिराहे पर चक्का जाम किया गया हैं जहां किसान एवं कांग्रेस के लोग एकत्रित होकर मार्ग को जाम कर दिया हैं। इसमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया एवं पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी तथा अन्य कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया।
इस अवसर पर श्री महरिया ने मीडिया से कहा कि केन्द्र सरकार किसानों की आवाज सुनने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब किसानों की इन कानूनों के लिए कोई मांग ही नहीं हैं। सरकार अगर देना ही चाहती हैं तो उसे किसानों को मुफ्त में बिजली एवं पानी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान आज स्वामीनाथन रिपोर्ट किसी तरह लागू हो, इसके लिए लालायित हैं।
दौसा में किसानों ने चक्का जाम किया। इसमें कांग्रेस विधायक मुरारी लाल मीणा तथा अन्य कांग्रेस नेता एवं कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। कोटा शहर में किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्टर रैली निकाली गई और बाद में किसान सभा का आयोजन किया गया, जिसे नगरीय एवं स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल एवं कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने संबोधित किया। नागौर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 458 पर चक्काजाम किया गया जिसमें शेरानी आबाद से महिलाओं ने भाग लिया। जिले के परबतसर में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का चक्का जाम किया गया जिसमें कांग्रेस विधायक रामनिवास गावड़िया सहित कई कांग्रेसियों ने भी भाग लिया। इसी तरह इस दौरान चौमूं में आयोजित किसानों की महापंचायत में महिलाओं ने भी भाग लिया। सीकर जिले में किसानों ने टाेल बूथाें के पास चक्काजाम कर प्रदर्शन किया।
अलवर के पास नौगावां बार्डर पर किसानों ने प्रदर्शन किया। इसी तरह अलवर जिले के बडौदामेव, तिजारा-भिवाड़ी रोड, अलवर भरतपुर रोड पर बडाैदामेव के पास, खैरथल-कोटपूतली रोड पर बानसूर टोल के पास, ततारपुर चौराहे के पास, मालाखेड़ा से आगे जयपुर-अलवर रोड पर चक्काजाम लगाया गया। शाहजहांपुर बॉर्डर पर सर्विस लेन भी बंद कर दी गई, जो अपराह्न तीन बजे बजे तक बंद रही। इसके कारण हाईवे की सर्विस लेन से होकर जाने वाले वाहन गांवों से होकर निकलना पड़ा। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 48 पर शाहजहांपुर टोल प्लाजा पर भी चक्का जाम किया गया। इस दौरान मार्ग पर कंटीली झाड़ियां और पत्थर लगाकर रास्ता रोका और अपना विरोध जताया।
इसके अलावा श्रीगंगानगर, बीकानेर, अजमेर, जोधपुर, भरतपुर, बूंदी, हनुमानगढ़ सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में विभिन्न मार्गों पर तीन घंटे के लिए चक्काजाम किया गया। चक्का जाम से यातायात अवरुद्ध होने से वाहनों की लम्बी कतारे लग जाने से लोगों को परेशानी हुई। इस दौरान प्रदेश में कहीं से कोई अप्रिय खबर प्राप्त नहीं हुई। हालांकि चक्का जाम के दौरान एंबुलेंस, स्कूल बस, बुजुर्गों और महिलाओं को छूट दी गई।
इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि आंदोलनरत्त किसानों द्वारा आज दोपहर बारह बजे से अपराह्न तीन बजे तक नेशनल एवं स्टेट हाईवे चक्काजाम करने के आह्वान का राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी समर्थन करती है। उन्होंने सभी कांग्रेस के लोगों से निवेदन किया कि वे इस शांतिपूर्वक चक्काजाम को सफल बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
किसानों ने तीन घंटे के चक्का जाम में दिखाई ताकत
हिसार से खबर है कि,संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अखिल भारतीय किसान मजदूर समन्वय समिति के बैनर तले शनिवार को जिले के विभिन्न नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे पर 12 बजे से तीन बजे तक चक्का जाम किया गया। इसमें मुख्य रूप से मयड़ टोल, चौधरीवास टोल, बाडो पट्टी टोल व लांधड़ी टोल पर हजारों की संख्या में महिलाएं व पुरूष किसान उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त जिले के अन्य मुख्य स्थानों पर भी रास्ता जाम करते हुए विरोध जताया गया। मयड़ टोल पर धरने की अध्यक्षता धर्मपाल बडाला व रघुवीर खरड़ ने संयुक्त रूप से की, वहीं चौधरीवास टोल पर अध्यक्षता रिटायर्ड डीएसपी मनफूल सिंह ईश्वर सिंह श्योराण ने की।
लांधड़ी टोल पर महाबीर पूनिया ने अध्यक्षता की। मय्यड़ व लांधड़ी टोल पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चडुनी ने संबोधित किया। जिले में चक्का जाम पूरी तरह से सफल रहा। सभी टोलों पर विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया। महिलाओं ने सामाजिक व आंदोलन से संबंधित गीत गाकर अपने भाव प्रकट किए।