नयी दिल्ली , आठ जून । वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि ई – वाणिज्य कंपनियों के एफडीआई नियमों के कथित उल्लंघन से जुड़ी शिकायतों को प्रवर्तन निदेशालय तथा आरबीआई को भेजा गया है क्योंकि वे इस मामले को देखने के लिये उपयुक्त एजेंसियां हैं।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा , ‘‘ मान लीजिए मुझे शिकायत मिली … हम उसे उपयुक्त एजेंसियों को भेजते हैं क्योंकि ये एजेंसियां वे हैं जो ऐसे मामलों में संज्ञान लेती हैं। हम इसमें कोई निर्णय नहीं कर रहे है। जिन एजेंसियों को जिम्मेदारी मिली हुई है , वे इस पर गौर कर रही हैं। ’’
प्रभु ई – वाणिज्य खंड में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों के कथित उल्लंघन पर सवालों का जवाब दे रहे थे।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध स्वेदशी जागरण मंच ने आरोप लगाया है कि अमेरिकी खुदरा कंपनी वालमार्ट भारत में पिछले दरवाजे से प्रवेश के लिये नियमों का उल्लंघन कर रही है।
खुदरा व्यापारियों के संगठन कैट ने भी इस मामले में मंत्रालय के समक्ष शिकायत की है और कुछ आनलाइन खुदरा कंपनियों द्वारा ई – वाणिज्य नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया।
औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि विभाग द्वारा नीति बनाने के बाद उसे फेमा (विदेशी विनियमन प्रबंधन कानून) के तहत रिजर्व बैंक आर्थिक मामलों के विभाग के साथ अधिसूचित करता है।
अभिषेक ने कहा कि कानून का किसी प्रकार का उल्लंघन या आरोप की जांच ईडी करता है।
वालमार्ट – फ्लिपकार्ट सौदे के मामले में उन्होंने कहा , ‘‘ ई – वाणिज्य क्षेत्र में एफडीआई नीति के तहत केवल मार्केटप्लेस माडल की अनुमति है। इसीलिए वे फ्लिपकार्ट में जो निवेश कर रहे हैं और जो हमने सुना है , वह मार्केटप्लेस माडल के अंतर्गत आता है। उनका (वालमार्ट) परिचालन कंपनी से कंपनियों के बीच है और थोक कारोबार अलग है। ’’
उल्लेखनीय है कि वालमार्ट ने पिछले महीने फ्लिपकार्ट में 77 प्रतिशत हिस्सेदारी 16 अरब डालर (1.05 लाख करोड़ रुपये) में खरीदने की घोषणा की। ई – वाणिज्य क्षेत्र में यह सबसे बड़ा सौदा है।
घरेलू खुदरा कारोबारियों का आरोप है कि यह सौदा खुदरा कारोबार पर नियंत्रण जमाने का प्रयास है। वालमार्ट ई – कामर्स के जरिये दीर्घकाल में खुदरा बाजार में अपना दबदबा जमाना चाहता है।attacknews.in