नयी दिल्ली, 19 अप्रैल। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अगले साल से उन अस्पतालों के नाम उजागर करने का फैसला किया है जो मंत्रालय की ‘कायाकल्प’ पहल के तहत स्वच्छता, कचरा प्रबंधन एवं संक्रमण नियंत्रण सहित विभिन्न मानकों पर खरे नहीं उतरते।
इसके साथ ही विभिन्न स्तरों पर अस्पतालों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय उन अस्पतालों के नाम भी सार्वजनिक करेगा जिनके बारे में मरीजों ने मंत्रालय के ‘मेरा अस्पताल’ ऐप्प पर नकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
‘मेरा अस्पताल’ पहल का मकसद जन स्वास्थ्य सुविधाओं के अनुभव की गुणवत्ता पर मरीजों के विचार प्राप्त कर उन्हें सशक्त बनाना है। अगस्त 2016 में इस पहल की शुरुआत हुई थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने आज यहां कायाकल्प पहल के तहत पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा, ‘‘अगले साल से हम ना केवल कायाकल्प के तहत अच्छा प्रदर्शन करने वाले अस्पतालों को पुरस्कृत करेंगे, बल्कि उन अस्पतालों का भी नाम बतायेंगे जो स्वच्छता, कचरा प्रबंधन एवं संक्रमण नियंत्रण सहित विभिन्न मानकों पर खरे नहीं उतरते।’’
नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत की जनता से महात्मा गांधी के ‘स्वच्छ भारत’ के सपने को साकार करने के आह्वान के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने ‘‘कायाकल्प’’ कार्यक्रम शुरू किया था।
इस बीच एम्स मॉडल को अमल में लाने की मुहिम के तहत मंत्रालय आदान प्रदान कार्यक्रम शुरू करेगा। इसके तहत राष्ट्रीय राजधानी स्थित एम्स और पीजीआई चंडीगढ़ के डॉक्टर अन्य एम्स और केंद्र सरकार के अस्पतालों में जाकर अपने अनुभवों को साझा करेंगे और उनके प्रदर्शन मानकों के सुधार में मदद करेंगे।
इसी तरह से अन्य अस्पतालों के डॉक्टर भी प्रतिष्ठित संस्थान में आकर प्रशिक्षण हासिल करेंगे।attacknews.in