नयी दिल्ली,14 अक्टूबर । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को प्रदूषण के स्तर में थोड़ी गिरावट आई, लेकिन वायु गुणवत्ता ‘‘खराब’’ श्रेणी में दर्ज की गई। यह जानकारी सरकारी एजेंसियों ने दी।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार बृहस्पतिवार तक वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार होकर मध्यम श्रेणी में आने की संभावना है।
दिल्ली में 24 घंटे के दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 276 दर्ज किया गया। मंगलवार को एएक्यूआई 300 रहा था।
मंगलवार सुबह एक्यूआई “बहुत खराब” श्रेणी में दर्ज किया गया और यह 306 रहा था, जो फरवरी के बाद सबसे खराब था। इसके बाद ‘वेंटिलेशन इंडेक्स’ में थोड़ा सुधार होने से प्रदूषण के स्तर में थोड़ी कमी आयी।
‘वेंटिलेशन इंडेक्स’ वह गति है जिस पर प्रदूषक तितर-बितर हो सकते हैं। औसतन 10 किमी प्रति घंटे से कम हवा की गति के साथ 6,000 वर्गमीटर प्रति सेकंड से कम वेंटिलेशन सूचकांक, प्रदूषकों के फैलने के लिए प्रतिकूल है।
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
कम तापमान और हवा स्थिर रहने से सतह के नजदीक प्रदूषक जमा हो जाते हैं जिससे वायु गुणवत्ता प्रभावित होती है।
भारतीय मौसम विभाग में वरिष्ठ वैज्ञानिक के अनुसार बुधवार को हवा की अधिकतम गति 10 किलोमीटर प्रति घंटा थी जो हरियाणा और पंजाब में खेत की आग से धुएं के परिवहन के लिए अनुकूल नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘बुधवार और बृहस्पतिवार को वेंटिलेशन इंडेक्स 6,000 वर्गमीटर प्रति सेकंड रहने की संभावना है।’’
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानीकर्ता, सफर ने कहा, ‘‘हरियाणा, पंजाब और आस-पास के सीमावर्ती क्षेत्रों में मंगलवार को अपेक्षाकृत कम पराली जलायी गई।’’
खेतों में आग संख्या 357 थी लेकिन हवा की दिशा प्रदूषकों के परिवहन के लिए अनुकूल नहीं थी। इसलिए, इसलिए इससे दिल्ली के पीएम2.5 में नाममात्र की बढ़ोतरी की संभावना है।
बुधवार को न्यूनतम तापमान 23.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खराब रहने से कोविड-19 महामारी में बढ़ोतरी हो सकती है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने बुधवार को क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तहत राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार से डीजल जनरेटर के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए।
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण के खिलाफ एक व्यापक अभियान शुरू किया गया है। ‘युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ का नेतृत्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय द्वारा किया जा रहा है।
सर्दियों में वायु प्रदूषण के उच्च स्तर से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की निगरानी के लिए दिल्ली सचिवालय में 10 सदस्यीय विशेषज्ञ दल के साथ एक ‘ग्रीन वार रूम’ स्थापित किया गया है।
पर्यावरण विभाग ने धूल नियंत्रण मानदंडों की धज्जियां उड़ाने वाले निर्माण और निर्माण गिराने वाले बड़े स्थलों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंची, इस मौसम में पहली बार हवा हुई इतनी खराब
इससे पहले कल हवा की गति कम होने और तापमान कम होने के चलते प्रदूषक तत्त्वों के हवा में जमा होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता मंगलवार सुबह “बहुत खराब” श्रेणी में पहुंच गई। इस मौसम में पहली बार हवा की गुणवत्ता इतनी खराब हुई है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार, पंजाब, हरियाणा और पाकिस्तान के नजदीकी क्षेत्रों में खेतों में पराली जलाने की घटना में वृद्धि भी दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाली है महानगर में सुबह 9:30 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 304 दर्ज किया, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। सोमवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 261 रहा, जो फरवरी के बाद से सबसे खराब है। यह औसत रविवार को 216 और शनिवार को 221 दर्ज किया गया था।
दिल्ली के वजीरपुर में एक्यूआई 380, विवेक विहार में 355 और जहाँगीरपुरी में 349 रही, जहां सबसे अधिक प्रदूषण का स्तर दर्ज किया गया।