लुकुंग (लद्दाख) 17 जुलाई । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत एवं चीन के बीच सीमा विवाद का बातचीत से समाधान की कोई गारंटी नहीं है लेकिन यह तय है कि दुनिया की कोई ताकत भारत की एक इंच भूमि भी नहीं ले सकती है।
रक्षा मंत्री वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत एवं चीन की सेनाओं के हटने की प्रक्रिया की समीक्षा के लिए आज लद्दाख पहुंचे। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाॅफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुन्द नरवणे भी थे।
श्री सिंह ने पेगांग झील की उत्तरी सीमा पर स्थित लुकुंग अग्रिम चौकी पर भारतीय सेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों को संबोधित किया और सेना के टी-90 टैंकों और बीएमपी इन्फेन्ट्री युद्धक वाहनों के युद्धाभ्यास को भी देखा।
श्री सिंह ने भारत एवं चीन की सेनाओं के बीच पेगांग झील की फिंगर 4 को लेकर बने गतिरोध की जटिलता की ओर इशारा करते हुए कहा, “सीमा विवाद के समाधान के लिए बातचीत जारी है लेकिन बातचीत से किस हद तक समाधान हो सकेगा, मैं गारंटी नहीं दे सकता। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि विश्व की कोई भी शक्ति हमारी एक इंच भूमि भी नहीं ले सकती। यदि बातचीत से समाधान निकल आये तो उससे बेहतर कुछ नहीं।
रक्षा मंत्री ने गलवां घाटी में गश्त बिन्दु 14 पर 15 एवं 16 जून की दरम्यानी रात को हुई खूनी झड़प का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें यहां आकर खुशी हो रही है और साथ ही इस बात का दुख भी है कि भारत के 20 जवान शहीद हो गये हैं।
एलएसी- एलओसी पर सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने लेह पहुंचे राजनाथ
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार सुबह यहां पहुंचे।
श्री सिंह लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर हैं। गलवान घाटी में 15-16 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष के बाद रक्षा मंत्री पहली बार लेह आये हैं। वह चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे के साथ लेह हवाई अड्डे पर पहुंचे।
इससे पहले श्री सिंह ने ट्विटर पर लिखा, “दो दिन के जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के दौरे पर रहूंगा। इस दौरान मैं सीमा पर स्थिति की समीक्षा के लिए सीमावर्ती इलाकों में जाऊंगा और वहां सैन्य बलों से मुलाकात कर स्थिति की5 जानकारी लूंगा।”
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि श्री सिंह इस दौरान देश की सैन्य तैयारियों का जायजा लेंगे और समग्र स्थिति की समीक्षा करेंगे।
सूत्रों ने कहा कि यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब भारत और चीन अपनी सीमा पर संघर्ष समाप्त करने के लिए एक अंतिम रूपरेखा बना रहे हैं।
रक्षा मंत्री पहले तीन जुलाई को लद्दाख जाने वाले थे, लेकिन उनका कार्यक्रम स्थगित हो गया था, हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी दिन सभी को आश्चर्यचकित करते हुए देश की दृढ़ता का संकेत देने के लिए लद्दाख का दौरा किया था। उन्होंने सैनिकों को भी संबोधित किया और उन सैनिकों से मुलाकात की थी, जो गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ संघर्ष में घायल हो गए थे।
सूत्रों ने बताया कि श्री सिंह सेना के वरिष्ठ कमांडरों से एलएसी और अन्य सुरक्षा संबंधी मामलों की वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी लेंगे। वह जनरल नरवणे, सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी, 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे।सूत्रों ने कहा कि श्री सिंह का एलओसी और जम्मू-कश्मीर में समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए श्रीनगर का दौरा करने का कार्यक्रम है।
राजनाथ ने लद्दाख में सैन्य अभ्यास देखा
स्ताकना (लद्दाख),से खबर है कि,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को यहां ऊंचाई वाले एक अग्रिम अड्डे पर सैन्य अभ्यास देखा जिसमें युद्धक हेलीकॉप्टरों, टैंकों के साथ कमांडो भी शामिल हुए।
सैन्य अभ्यास में थल सेना और वायु सेना ने क्षेत्र में तैयारियों का प्रदर्शन किया। क्षेत्र में भारत और चीन तीखे सीमा गतिरोध में उलझे हुए हैं।
सैन्य अभ्यास में बड़ी संख्या में कमांडो, टैंक, बीएमपी युद्धक वाहनों, अपाचे, रुद्र और एमआई -17 वी5 जैसे हेलीकॉप्टरों ने भाग लिया।
जवानों ने रक्षा मंत्री सिंह की मौजूदगी में पैरा ड्रॉपिंग और अन्य करतबों का प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और थलसेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे भी मौजूद थे।
सिंह ने बाद में ट्वीट किया, ‘‘लेह के पास स्ताकना में आज पैरा ड्रॉपिंग और सैन्य प्रदर्शनों के दौरान भारतीय थलसेना की मारक क्षमता और प्रचंडता देखी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, मुझे उनके साथ बातचीत का अवसर मिला। मुझे इन बहादुर सैनिकों पर गर्व है।”
उन्होंने सैन्य कर्मियों के साथ अपनी बातचीत की तस्वीरें भी पोस्ट कीं।
सिंह एक दिवसीय दौरे पर सुबह लद्दाख पहुंचे। रक्षा मंत्री के साथ जनरल रावत और जनरल नरवणे भी आए हैं।
पूर्वी लद्दाख में पांच मई से भारत और चीन के सैनिकों के बीच गतिरोध चल रहा है।
गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मियों के शहीद हो जाने के बाद यह तनाव बहुत अधिक बढ़ गया।
हालांकि कई दौर की राजनयिक एवं सैन्य बातचीत के बाद छह जुलाई से दोनों ओर के सैनिक पीछे हटने लगे।
राजनाथ श्रीनगर में एलओसी कीर सुरक्षा स्थिति समीक्षा के लिए पहुंचे
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर पहुंचे और नियंत्रण रेखा (एलओसी), अंतर्राष्ट्रीय सीमा तथा प्रदेश के आंतरिक इलाकों की सुरक्षा स्थिति पर समीक्षा की।
श्री सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के साथ सुबह केन्द्रशासित प्रदेश लद्दाख में वास्तिविक नियंत्रण रेखा के साथ अग्रिम इलाकों का दौरा किया और सुरक्षा स्थिति पर समीक्षा की और इसके बाद अपराह्न में श्रीनगर में टेक्निकल एयरपोर्ट पहुंचे।