नयी दिल्ली 25 अप्रैल । देश में पांच हजार से भी अधिक लोग कोरोना महामारी की चपेट में आने के बाद ठीक हुए हैं और इस वायरस से संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की दर बढकर 20.66 फीसदी हो गयी है जबकि संक्रमण के कारण होने वाली मौतों की दर 3.1 प्रतिशत है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डा हर्षवर्धन की अध्यक्षता में आज यहां कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के लिए मंत्रियों के समूह की तेरहवीं बैठक हुई।
बैठक में बताया गया कि कोरोना महामारी की चपेट में आये 5062 लोगों का सफलतापूर्वक उपचार किया गया है और इन रोगियों के ठीक होने की दर 20.66 प्रतिशत पहुंच गयी है जो अनेक देशों की तुलना में बहुत बेहतर है। देश में पिछले एक महीने से लागू पूर्णबंदी को इसका एक प्रमुख कारण माना गया है। यह भी बताया गया कि महामारी के कारण मौत की दर 3.1 प्रतिशत है।
मंत्रिसमूह ने की कोरोना संकट से निपटने की तैयारियों की समीक्षा
देश में इस समय प्रतिदिन एक लाख से अधिक पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) अौर एन 95 मास्क का उत्पादन हो रहा है।
पीपीई 104 और एन 95 मास्क तीन घरेलू निर्माता बना रहे हैं।
लोकसभा सचिवालय ने कोरोना से लड़ाई के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की हाल में राज्य विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारियों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान किये गये निर्णय के अनुसार लोकसभा सचिवालय में तत्काल प्रभाव से एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जिसका उद्देश्य कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ का मुक़ाबला करने के लिए तुरंत सहायता पहुंचाने के लिए सांसदों, विधायकों और आम जनता के बीच शीघ्र संपर्क स्थापित करने में मदद करना है।
श्री बिरला की 21 अप्रैल को पीठासीन अधिकारियों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कोरोना महामारी से उत्पन्न हुई स्थिति के बारे में विस्तार से चर्चा हुई थी। इस महामारी के दौरान आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए देश में सांसदों और विधायकों / विधान परिषद के सदस्यों की भूमिका और प्रयासों का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने इस बात पर ज़ोर दिया था कि संसद और राज्य विधानमंडल कार्यपालिका के साथ खड़े हैं तथा सांसद और विधायक/विधानसभा परिषद के सदस्य इस महामारी को फैलने से रोकने के राष्ट्रीय प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।