नयी दिल्ली, 20 जून।देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमितों की संख्या शनिवार तक 402,518 पहुंच गयी लेकिन इसके साथ ही स्वस्थ होने वालों की दर निरंतर बढ़ कर 54.26 फीसदी हो गया।
देश में आज संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 54.26 फीसदी तक पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर 3.25 प्रतिशत रही। शुक्रवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 54.03 थी। गुरुवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 53.08 थी। बुधवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 53.08 फीसदी पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर 3.34 प्रतिशत रही। मंगलवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 52.97 फीसदी थी जबकि मृत्यु दर केवल 2.87 प्रतिशत थी। सोमवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 51.23 फीसदी थी जबकि मृत्यु दर केवल 2.85 प्रतिशत थी। पिछले छह दिनों में मरीजों के स्वस्थ होने की दर में 3.03 फीसदी का इजाफा हुआ है।
‘कोविड19इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 4,05,518 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी है जबकि सुबह यह संख्या 3,95,048 थी। अब तक कुल 2,18,421 मरीज स्वस्थ हुये हैं जबकि करीब 13,082 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। अन्य 1,70,965 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि सक्रिय मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या 47 हजार से अधिक हो चुकी है। इससे यह भी साफ है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के जितने मरीज आए हैं, उनमें से आधे से अधिक पूरी तरह बीमारी से निजात पा चुके हैं। समय पर कोरोना के संदिग्ध मामलों की जांच और उनका सही तरीके से इलाज इसमें अहम भूमिका निभा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया कि दैनिक आंकड़ों का रुझान, बढ़ती रिकवरी दर और सक्रिय एवं ठीक हुए मामलों के बीच बढ़ता अंतर भारत की कोविड-19 के लिए समयबद्ध प्रबंधन की रणनीति को दर्शाता है।
राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के साथ तालमेल कर भारत सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर उचित व्यवहार के बारे में लोगों को जागरूक करने, लॉकडाउन के कार्यान्वयन जैसे सक्रिय उपायों ने इस वायरस के प्रसार को काफी सीमित कर दिया। लॉकडाउन ने सरकार को परीक्षण सुविधाओं और स्वास्थ्य के ढांचे को बेहतर बनाने के लिए समय दिया, जिससे समय पर रोगियों का पता लगाने और कोविड-19 के मामलों के चिकित्सीय प्रबंधन के जरिए रिकवरी दर को सुधारना सुनिश्चित हुआ। इस प्रकार यह बढ़ता हुआ अंतर कोविड-19 को नियंत्रित करने की दिशा में सरकार के समयबद्ध, वर्गीकृत एवं अग्र-सक्रिय दृष्टिकोण और इस पर अनगिनत फ्रंटलाइन वर्कर्स के जरिए अमल का ही परिणाम है।
देश में इस समय कोरेाना की जांच में 715 सरकारी और 259 निजी प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं और इनमें रियल-टाइम आरटी पीसीआर आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं 543 (सरकारी 350 और निजी 193), ट्रू एनएटी आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं 356 (सरकारी 338 और निजी 18) और सीबीएनएएटी आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं 75 (सरकारी 27 और निजी 48) हैं।
पिछले 24 घंटों में 1,89,869 नमूनों की जांच की गई और अब तक 66,16,496 नमूनों की जांच की जा चुकी है।
सिसोदिया ने आइसोलेशन विवाद के सुलझने पर बैजल का किया शुक्रिया
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने राजधानी में कोरोना वायरस‘कोविड-19’ संक्रमितों के होम आइसोलेशन विवाद के सुलझ जाने पर उप राज्यपाल अनिल बैजल का शुक्रिया किया है।
श्री बैजल ने शुक्रवार को आदेश दिया था जिसमें संक्रमित व्यक्ति के लिए पांच दिन का सांस्थानिक आइसोलेशन अनिवार्य किया गया था। दिल्ली सरकार इसका विरोध कर रही थी।
श्री सिसोदिया ने कहा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में होम आइसोलेशन को लेकर जो शंकाएं थी, उनका समाधान हो गया है। अब संक्रमित के घर में आइसोलेशन की सुविधा जारी रहेगी।
उन्होंने कहा कि विवाद का हल हो जाने के लिए वह उप राज्यपाल का शुक्रिया करते हैं।
उप राज्यपाल ने कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमितों के सांस्थानिक आइसोलेशन को अनिवार्य बनाने का आदेश आज वापस ले लिया।
श्री बैजल ने ट्वीट कर कहा कि अब कोरोना संक्रमित का सांस्थानिक आइसोलेशन उसी के लिए जरूरी होगा जिसके घर में होम आइसोलेशन की पर्याप्त सुविधाएं नहीं होंगी। जिसे जांच में अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं समझी जायेगी, उसके लिये सांस्थानिक आइसोलेशन अनिवार्यता नहीं होगी।
उप राज्यपाल ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के साथ आज कोविड रोगियों के इलाज के लिए अस्पताल के बिस्तर की दरें तय करने के लिए उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी। सभी अस्पतालों में आइसोलेशन बेड, आईसीयू के बिना और वेंटीलेटर के साथ दरें क्रमशः 8000-10000, 13000-15000 और 15000-18000 तय की गयी हैं।