नयी दिल्ली 23 जून । देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमितों की संख्या मंगलवार रात तक 4.54 लाख के पार पहुंच गयी लेकिन इसके साथ ही स्वस्थ होने वालों की दर भी निरंतर बढ़ती ही जा रही है।
देश में आज संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर बढ़ कर 56.67 फीसदी पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर महज 3.18 फीसदी रही। सोमवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 55.84 फीसदी रही। रविवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 55.70 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 3.20 प्रतिशत रही। शनिवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 54.26 फीसदी तक पहुंच गयी थी जबकि मृत्यु दर 3.25 प्रतिशत रही थी। शुक्रवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 54.03 थी। गुरुवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 53.08 थी। बुधवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 53.08 फीसदी पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर 3.34 प्रतिशत रही। पिछले एक सप्ताह में मरीजों के स्वस्थ होने की दर में करीब तीन फीसदी का इजाफा हुआ है।
‘कोविड19इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 455961 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी है जबकि सुबह यह संख्या 440215 थी। अब तक कुल 257835 मरीज स्वस्थ हुये हैं जबकि करीब 14454 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। अन्य 182616 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि सक्रिय मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या 74 हजार से अधिक हो चुकी है। इससे यह भी साफ है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के जितने मरीज आये हैं, उनमें से आधे से अधिक पूरी तरह बीमारी से निजात पा चुके हैं। समय पर कोरोना के संदिग्ध मामलों की जांच और उनका सही तरीके से इलाज इसमें अहम भूमिका निभा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी मंगलवार को जारी बयान में कहा गया है कि भारत में महामारी के मामलों या रोगियों का जल्द पता लगने, समय पर परीक्षण (टेस्टिंग) एवं निगरानी, मरीजों के संपर्क में आए लोगों का व्यापक रूप से पता लगाने और प्रभावकारी नैदानिक प्रबंधन या उपचार की बदौलत इस वजह से मरने वाले लोगों की संख्या को कम करने में मदद मिली है। यह कोविड-19 की रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर भारत सरकार द्वारा श्रेणीबद्ध, पूर्व-निर्धारित और अत्यंत सक्रिय नजरिया अपनाने का भी एक प्रमाण है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की 22 जून तक की स्थिति रिपोर्ट से पता चला है कि वैश्विक महामारी कोरोना से होने वाली मौतों के मामले में भारत ‘प्रति लाख आबादी पर सबसे कम मौतों’ वाले देशों में से एक है। भारत में प्रति लाख आबादी में एक व्यक्ति की मौत हो रही है, जबकि वैश्विक औसत इससे छह गुना से भी अधिक 6.04 है। ब्रिटेन में प्रति लाख आबादी पर कोविड-19 से संबंधित मौतों के 63.13 मामले दर्ज किए गए हैं और स्पेन, इटली तथा अमेरिका में यह आंकड़ा प्रति लाख 60.60, 57.19 और 36.30 व्यक्ति है।
केन्द्र सरकार ने इस बीमारी को लेकर काफी पहले से ही अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी थी और सभी राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में कोरोना की रोकथाम, कंटेनमेंट और प्रबंधन की पुख्ता नीति बनाई थी।
देश में कोरोना से निपटने के लिए सरकारी प्रयोगशालाओं (लैब) की संख्या बढ़ाकर 726 कर दी गई है और निजी प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाकर 266 हो गई है। इस तरह कुल संख्या 992 हो गई है।
इस समय वास्तविक समय आरटी पीसीआर आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं 553 (सरकारी: 357 प्लस निजी: 196) हैं जबकि ट्रूनेट आधारित परीक्षण प्रयोगशालाओं की संख्या 361 (सरकारी: 341 + निजी: 20) और सीबीएनएएटी आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं 78 (सरकारी: 28 प्लस निजी: 50) हैं।
पिछले 24 घंटों में 187223 नमूनों की कोरोना जांच की गयी है और अब तक देश में कुल 7137716 नमूनों की जांच हो चुकी है।