नयी दिल्ली, 22 जून (वार्ता) देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमितों की संख्या सोमवार रात तक 4.36 लाख के पार पहुंच गयी लेकिन इसके साथ ही स्वस्थ होने वालों की दर भी निरंतर बढ़ती ही जा रही है।
देश में आज संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर बढ़ कर 55.84 फीसदी पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर महज 3.19 फीसदी रही। रविवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 55.70 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 3.20 प्रतिशत रही। शनिवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 54.26 फीसदी तक पहुंच गयी थी जबकि मृत्यु दर 3.25 प्रतिशत रही थी। शुक्रवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 54.03 थी। गुरुवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 53.08 थी। बुधवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 53.08 फीसदी पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर 3.34 प्रतिशत रही। मंगलवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 52.97 फीसदी थी जबकि मृत्यु दर केवल 2.87 प्रतिशत थी। पिछले एक सप्ताह में मरीजों के स्वस्थ होने की दर में करीब तीन फीसदी का इजाफा हुआ है।
‘कोविड19इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 436189 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी है जबकि सुबह यह संख्या 425282 थी। अब तक कुल 241140 मरीज स्वस्थ हुये हैं जबकि करीब 13808 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। अन्य 177190 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि सक्रिय मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या 64 हजार से अधिक हो चुकी है। इससे यह भी साफ है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के जितने मरीज आये हैं, उनमें से आधे से अधिक पूरी तरह बीमारी से निजात पा चुके हैं। समय पर कोरोना के संदिग्ध मामलों की जांच और उनका सही तरीके से इलाज इसमें अहम भूमिका निभा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान मेें कहा गया कि दैनिक आंकड़ों का रुझान, बढ़ती रिकवरी दर और सक्रिय एवं ठीक हुए मामलों के बीच बढ़ता अंतर भारत की कोविड-19 के लिए समयबद्ध प्रबंधन की रणनीति को दर्शाता है।
देश में जनसंख्या घनत्व अधिक होने के बावजूद यहां प्रति लाख कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के मामलों की संख्या विश्व औसत से काफी कम है। विश्व में औसतन प्रति लाख 114.67 कोरोना वायरस के मामले हैं लेकिन भारत में इनकी संख्या 30.04 प्रति लाख है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की 153वीं स्थिति रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि अमेरिका में यह संख्या 671.24, जर्मनी में 583.88, स्पेन में 526.22 और ब्राजील में 489.42 मामले प्रति लाख हैं। भारत में कोरोना मामलों का कम पाया जाना इस बीमारी के प्रति सरकार के शुरू से ही सतर्क रवैये और सक्रिय रणनीति का नतीजा है।
केन्द्र सरकार ने इस बीमारी को लेकर काफी पहले से ही अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी थी और सभी राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में कोरोना की रोकथाम, कंटेनमेंट और प्रबंधन की पुख्ता नीति बनाई थी।
देश में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है और सरकारी प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़कर 723 तथा निजी प्रयोगशालाओं की संख्या 262 हो गई है जो कुल मिलाकर 985 हैं।
इनमें रियल-टाइम आरटी पीसीआर आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं 549(सरकारी: 354 , निजी 195), ट्रू एनएटी आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं 359 (सरकारी: 341 , निजी: 18) और सीबीएनएएटी आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं 77 (सरकारी: 28 , निजी 49) हैं।
पिछले 24 घंटों में 143267 नमूनों की जांच की गई और अब तक कुल 6950493 नमूनों की जांच की जा चुकी है।