नयी दिल्ली, 18 जून । देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमितों की संख्या गुरुवार की रात पौने चार लाख के करीब पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि स्वस्थ होने वालों की दर निरंतर बढ़ती ही जा रही है।
देश में आज संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 53.01 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर 3.32 प्रतिशत रही।
बुधवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 53.08 फीसदी पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर 3.34 प्रतिशत रही। मंगलवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 52.97 फीसदी थी जबकि मृत्यु दर केवल 2.87 प्रतिशत थी। सोमवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 51.23 फीसदी थी जबकि मृत्यु दर केवल 2.85 प्रतिशत थी।
रविवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 50.76 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर केवल 2.85 प्रतिशत रही थी। शनिवार को संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर 49.95 फीसदी पर पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर मात्र 2.86 प्रतिशत रही। पिछले छह दिनों में मरीजों के स्वस्थ होने की दर में तीन फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।
‘कोविड19इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 375767 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी है। सुबह यह संख्या 366946 थी। अब तक कुल 197894 मरीज स्वस्थ हुये हैं जबकि करीब 12389 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। अन्य 162439 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि सक्रिय मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या 35 हजार से अधिक हो चुकी है। इससे यह भी साफ है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के जितने मरीज आए हैं, उनमें से आधे से अधिक पूरी तरह बीमारी से निजात पा चुके हैं। समय पर कोरोना के संदिग्ध मामलों की जांच और उनका सही तरीके से इलाज इसमें अहम भूमिका निभा रहा है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज देश की पहली मोबाइल आई लैब(संक्रामक रोग नैदानिक लैब) लाँच की जो कोरोना वायरस‘कोविड-19’ के परीक्षण में मील का पत्थर साबित होगी।
इस मशीन को देश के दुर्गम, भीतरी और दूरस्थ क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा और इसकी क्षमता 25 आरटीपीसीआर टेस्ट और 300 एलिसा टेस्ट प्रतिदिन की है। इसके अलावा यह टीबी और एचआईवी परीक्षण करने में भी सक्षम है और ये परीक्षण सीजीएचएस की दरों पर किए जाएंगे। इस मशीन को कोविड-19 कमान रणनीति के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा जैव तकनीकी विभाग का समर्थन है।
सरकार ने भी कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए सरकारी और निजी क्षेत्रों की प्रयोगशालाओं की संख्या में इजाफा किया है और 699 सरकारी तथा 254 निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाएं संक्रमण की जांच में लगी हैं।
देश में ट्रूनेट आधारित प्रयोगशालाओं की संख्या 340 (325 सरकारी तथा 15 निजी) और सीबीएनटीटी आधारित टेस्टिंग प्रयोगशालायें 73 (25 सरकारी और 48 निजी) हैं। पिछले 24 घंटों में 165412 नमूनों की जांच की गई है और अब तक देश में कुल 6249668 नमूनों की जांच हो चुकी है।
दिल्ली-एनसीआर में महामारी से निपटने के लिए साझा रणनीति जरूरी: शाह
कोरोना वायरस संक्रमण के निरंतर बढते मामलों बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली- और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में इस महामारी से निपटने के लिए एक साझा रणनीति पर ज़ोर दिया है।
एनसीआर क्षेत्र में कोरोना प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा के लिए आज यहां एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री शाह ने कहा कि एनसीआर की नगर सरंचना को देखते हुए सभी संबन्धित निकायों को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है। गृह मंत्री ने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए पाजिटिव पाए गए लोगों की पहचान और इलाज के साथ ही अधिक से अधिक जांच करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मिशन मोड में काम करना होगा।
श्री शाह ने कहा कि नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पाल की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति ने कोविड की जांच के लिए 2400 रुपये की दर निर्धारित की है और अगर उत्तरप्रदेश तथा हरियाणा में जांच दर इससे अधिक है तो दोनों राज्य सरकारें आंतरिक सलाह-मशविरे के बाद अपनी जांच दरें कम कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि डॉ वी के पाल के नेतृत्व वाली कमेटी ने कोविड-19 बेड और उपचार की दरें तय की हैं और एनसीआर क्षेत्र के अस्पतालों में भी विचार-विमर्श के बाद इन दरों को लागू किया जा सकता है।
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा अनुमोदित नई रेपिड एंटीजेन प्रणाली से कोविड जांच करना बेहतर होगा इससे टेस्टिंग क्षमता बढ़ेगी और कोविड की जल्द पहचान तथा उपचार में मदद मिलेगी।
उन्होंने उत्तरप्रदेश और हरियाणा सरकार के अधिकारियों को कोविड-19 बेड, वेंटिलेटर, आक्सीजन सिलेन्डर, आईसीयू और एंबुलेंस की उपलब्धता और 15 जुलाई 2020 तक इनकी संख्या बढ़ाने की योजना की जानकारी देने का निर्देश दिया ताकि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में पूरे एनसीआर के लिए एक साझा रणनीति बनाई जा सके।
श्री शाह ने एनसीआर के निकायों को कोविड से निपटने के उनके प्रयासों में केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, दिल्ली, उत्तरप्रदेश और हरियाणा के मुख्य सचिव और दिल्ली-एनसीआर के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।