नयी दिल्ली/ कोलकाता , 03 नवंबर। कांग्रेस ने केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार पर आरोप लगाया कि उसे इस साल अप्रैल-मई में बीते लाेकसभा चुनावों के समय इजरायली साॅफ्टवेयर पिगैसस के माध्यम से नेताओं, पत्रकारोंं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी कराये जाने की पूरी जानकारी थी और वह इस मामले में रहस्यमयी एवं षड़यंत्रकारी चुप्पी साधे हुए है।
कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां संवाददाता सम्मेलन में अपने आरोपों के समर्थन में कुछ दस्तावेज पेश करते हुए कहा, “अबकी बार जासूस सरकार।” उन्होंने कहा कि फेसबुक एवं व्हाट्सएप के मालिक ने 17 मई को अपनी रिपोर्ट में केन्द्र सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को इस बारे में जानकारी दे दी थी। उन्होंने कहा कि जासूसी के लिए इजरायल निर्मित जिस पिगैसस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया, उसे निर्माता कंपनी केवल एवं केवल सरकार एवं उसकी सुरक्षा एजेंसियों को ही बेचती है।
श्री सुरजेवाला ने रिपोर्ट के आधार पर यह दावा भी किया कि पिगैसस की जासूसी निगाह से नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) और विदेश संचार निगम लिमिटेड भी प्रभावित रहे हैं। इसका मतलब यह है कि कोई भी जासूसी के दायरे से अछूता नहीं था। उन्होंने कहा कि सरकार यह सब जानने के बावजूद एक रहस्यमयी एवं षड़यंत्रकारी चुप्पी साधे रही। अमेरिका में मामला 30 अक्टूबर को सामने आने के बाद संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीटर पर अगले दिन कहा कि उन्होंने कंपनी से जानकारी मांगी है ।
उन्होंने कहा कि आज तक सरकार ने इस बारे में कुछ भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया है और पत्रकारों एवं संपादकों पर दबाव डाल कर सूत्रों के हवाले के झूठी बातें छपवा रही है। उन्होंने सरकार से पूछा कि वह बताये कि क्या चुनाव के लिए उसने राजनेताओं एवं पत्रकारों की जासूसी करवायी। क्या यह टेलीग्राफ अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम का उल्लंघन नहीं है। केन्द्र सरकार ने किसके कहने पर पिगैसस की खरीद एवं उसके गैरकानूनी इस्तेमाल की इजाजत दी। क्या यह काम प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार या गृहमंत्री ने किया था। केन्द्र सरकार ने इस पर रहस्यमयी चुप्पी क्यों साधे रखी। क्या सरकार इसके जिम्मेदार मंत्रियों या अधिकारियों पर कोई कार्रवाई करेगी।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से इस मामले में भाजपा की संलिप्तता उजागर हुई है उसके बाद पार्टी के नाम का अर्थ अब भारतीय जासूस पार्टी हो गया है।
व्हाट्सएप के जरिये लोगों की निजता पर हमला गंभीर मामला: ममता
उधर कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने व्हाट्सएप के जरिये लोगों की ‘निजता पर हमला’ करने को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे गंभीर मामला बताया है।
सुश्री बनर्जी ने छठ पूजा महोत्सव के बाद संवाददाताओं से कहा, “यदि लोग बिना रिकॉर्ड किये स्वतंत्र रूप से बातचीत नहीं कर पाते हैं, तो इस देश के लोग किस तरह से आजाद हैं।” उन्होंने कहा कि इजरायल के नेशनल सर्विलांस ओलंपियाड (एनएसओ) किसी के भी व्हाट्सअप के जरिए हुई बातचीत को रिकॉर्ड कर सकता है।
उन्होंने कहा, “न लैंड लाइन फोन, न तो मोबाइल फोन और न ही व्हाट्सएप अब सुरक्षित है। विभिन्न एजेंसियों के जरिए लोगों की जासूसी की जा रही है। क्या किया जा सकता है? हम लोग बिना किसी अन्य के सुने बातचीत नहीं कर पायेंगे। यह बहुत गंभीर स्थिति है और मैं प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने और इस गैर कानूनी कार्रवाई पर ध्यान देने की अपील करती हूं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हकीकत है कि एनएसओ समूह लोगों की निजी सूचनाओं की सभी जानकारियां सरकार को मुहैया करायी है। उन्होंने कहा, “व्हाट्सअप ने सरकारी एजेंसी सर्ट-इन को इस बारे में जानकारी दी है। मैं जानती हूं सरकार राजनीतिज्ञों, मीडियाकर्मियों, न्यायाधीशों तथा अन्य महत्वपूर्ण लोगों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए इजरायल के एनएसओ समूह का इस्तेमाल कर रही है। यह गलत है। आप लोगों की निजता का हनन नहीं कर सकते हैं। यह किसी के अधिकारों का उल्लंघन है। इस पर अवश्य रोक लगायी जानी चाहिए। ”