गर्मी के दिनों में हममें से ज्यादातर लोग शिकंजी पीते हैं. राहुल गांधी ने सोमवार को लोगों को आश्वस्त करने की कोशिश की कि जिस दुकान से हम शिकंजी पीते हैं उसका कोका-कोला के अविष्कार से संबंध है. लेकिन आपके लिए जानना जरूरी है कि अमेरिका में सड़क के किनारे स्टॉल पर स्टील की गिलास में कोका-कोला नहीं बनाया गया था.
दिल्ली तालकटोरा स्टेडियम में ओबीसी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कोल्ड ड्रिंक ब्रांड कोका कोला के फाउंडर शिकंजी बेचते थे. कैसे? राहुल ने बताया- “वह पानी में चीनी मिलाकर बेचते थे.”
राहुल गांधी के बयान के बाद Google सर्च से यह जानकारी सामने आई कि कोका-कोला का आविष्कारक एक फार्मासिस्ट था।
जॉन स्टिथ पेम्बर्टन अटलांटा में फार्मासिस्ट थे, जिन्होंने हमारे पसंदीदा सोडा के शुरुआती संस्करण का आविष्कार किया।
कोका और कोका वाइन के साथ प्रयोग करते समय, उन्होंने अंततः एक नुस्खा बनाया जिसमें कोला नट और दमियाना के अर्क शामिल थे, जिसे उन्होंने पेम्बर्टन के फ्रेंच वाइन को कोका नाम दिया।
आखिरकार, उन्होंने इस स्वादयुक्त सिरप का एक ऐसा स्वरूप बनाया जिसमें एल्कोहल नहीं था. वह इसे अपने पड़ोस के फार्मेसी में ले गए जहां उसे कार्बोनेटेड पानी के साथ मिलाया.
कार्बोनेटेड सिरप और पानी का मिश्रण 5 सेंट पर बेचा गया था. इसे “स्वादिष्ट और ताजा” बता कर बेचा गया।
डॉ. पेम्बर्टन के साथी और बुककीपर, फ्रैंक एम. रॉबिन्सन को इसे “कोका कोला” नाम देने का श्रेय दिया गया है, साथ ही साथ आज भी अलग-अलग स्क्रिप्ट तैयार करने का श्रेय दिया जाता है.
कोका-कोला के लिए पहला विज्ञापन अटलांटा जर्नल में दिखाई दिया. नागरिकों को इस नए लोकप्रिय सोडा पेय को आजमाने के लिए आमंत्रित किया. अपने पहले साल में कोका-कोला के प्रतिदिन की औसत बिक्री 9 ड्रिंक थी.
आज, कोका कोला का ग्लोबल मार्केट पेय पदार्थों में 1.9 बिलियन के आस-पास अनुमानित है. हालांकि, कोका कोला की सफलता से पहले पेम्बर्टन की मृत्यु हो गई. उसने अपनी मृत्यु से पहले अपने शेयर बेचे और तब से कोका-कोला ब्रांड के रूप में विकसित हुआ
उत्तर कोरिया में बैन है कोका कोला
अमेरिकी कंपनी कोका कोला की दुनियाभर के मार्केट में पकड़ है. लगभग दुनिया के हर कोने में कोका कोला की ड्रिंक्स की सप्लाई होती है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, रोजाना कोका कोला की दो अरब बोतलें बिकती है. लेकिन, दुनिया के दो ऐसे देश हैं जहां कोका कोला की सप्लाई नहीं की जाती. इनमें से एक है उत्तर कोरिया और दूसरा क्यूबा.
उत्तर कोरिया व्यापार मामले में भी अमेरिकी प्रतिबंध को हटाना चाहता है. यही वजह है कि उनकी मुलाकात में शायद इस पर भी चर्चा हुई हो.
नॉर्थ कोरिया में क्यों नहीं मिलती कोका कोला
दरअसल, उत्तर कोरिया पर अमेरिका की पाबंदी के चलते वहां कोका कोला की सप्लाई नहीं दी जाती है. ऐसे कई उत्पाद हैं, जो अमेरिका में बनते हैं और उत्तर कोरिया में बैन हैं. हालांकि, सिंगापुर में हुई मुलाकात में अमेरिका चाहता है कि किम जोंग उन से पूरी तरह परमाणु हथियार खत्म करे.
वहीं, उत्तर कोरिया भी अमेरिका की ओर से लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की है.
सूत्रों की मानें तो दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने पर भी बातचीत हुई है. अगर दोनों नेताओं की इस ऐतिहासिक मीटिंग के परिणाम सकारात्मक निकलते हैं, तो उत्तर कोरिया में कोका कोला की सप्लाई शुरू की जा सकती है.
कोका कोला ने भुनाया मौका
सिंगापुर में हुई ऐतिहासिक मुलाकात को अमेरिकी कंपनी कोका कोला ने भी भुनाया. दोनों की मुलाकात से पहले कंपनी ने अपने एक सोशल मैसेज जारी किया. इसमें कंपनी के लोगो के साथ दोनों नेताओं को हैंडशेक करते दिखाया गया. इसे कोक आइकोनिक ‘swirl’ नाम दिया गया. कोका कोला ने एक कैन का सोशल वीडियो जारी किया, जिसमें आधा इंग्लिशन और आधा कोरियन में लिखा हुआ है. कैन पर लिखे मैसेज का मतलब है ‘शांति, उम्मीद और समझ
भारत में क्यों ट्रेंड हुई कोका कोला
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को अपने एक बयान में कहा कि जिस शख्स ने कोका-कोला कंपनी शुरू की वह पहले शिकंजी बेचता था. वो अमरीका में शिकंजी बेचता था. पानी में चीनी मिलाता था. उसके अनुभव, हुनर का आदर हुआ. बस इसके बाद सोशल मीडिया पर राहुल के बयान को खूब ट्रेंड किया गया. इसमें कोका कोला एक ऐसा टॉपिक बना जो दिनभर ट्रेंड में रहा।attacknews.in