कोरोना की तीसरी लहर के लिए सभी तैयारियां सर्वश्रेष्ठ रखने के निर्देश
बिस्तरों, दवाओं, ऑक्सीजन, सीटी स्केन, आईसीयू, पीआईसीयू,चिकित्सकों, स्टाफ की पर्याप्त व्यवस्था हो
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ‘अस्पताल प्रबंधन तथा संसाधन की उपलब्धता’ संबंधी मंत्री समूह की बैठक ली
उज्जैन 03 जुलाई। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर के लिए सभी तैयारियां सर्वश्रेष्ठ हों। सभी जिलों में बिस्तरों, दवाओं, ऑक्सीजन, सीटी स्केन, आईसीयू, पीआईसीयू, चिकित्सकों, स्टाफ आदि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में यदि तीसरी लहर आती है तो हमें संक्रमण की रोकथाम के साथ ही हर मरीज को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करानी है, जिससे कि पहले तो मरीज को अस्पताल जाने की आवश्यकता ही न पड़े और यदि अस्पताल जाना पड़ता है तो वह जल्दी से जल्दी स्वस्थ होकर घर वापस आ जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान गत दिवस मंत्रालय में ‘अस्पताल प्रबंधन तथा संसाधन की उपलब्धता’ संबंधी मंत्री समूह की बैठक ले रहे थे। बैठक में चिकित्सा मंत्री श्री विश्वास सारंग, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री श्री भारत सिंह कुशवाह, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री इंदर सिंह परमार, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, स्वास्थ्य आयुक्त श्री आकाश त्रिपाठी आदि उपस्थित थे।
दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है
प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि प्रदेश में कोरोना के उपचार के लिए दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है। नि:शुल्क होम किट्स के लिए सभी दवाइयाँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, रेमडेसिविर इंजेक्शन लगभग एक लाख हैं। एम्फोटेरेसिन-बी, टोसीजोमान इंजेक्शन के लिए रेट कान्टेक्ट किया जा रहा है। सभी दवाओं की मेडिकल कॉलेज तथा जिलावार उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। 2डी ऑक्सीडी दवा की भी व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश के सभी 11 हजार उप स्वास्थ्य केन्द्रों में कोविड मेडिकल किट के डिपो स्थापित किए गए हैं।
वर्तमान में 68 हजार बेड्स
प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि वर्तमान में मध्यप्रदेश में कोरोना के इलाज के लिए कुल 68 हजार 22 बिस्तर चिन्हांकित हैं, जिनमें 54 हजार 130 शासकीय तथा 13 हजार 892 निजी अस्पतालों में हैं। इनके अंतर्गत 4 हजार बिस्तर प्रायवेट मेडिकल कॉलेजेस में चिन्हांकित किए गए हैं। आयुष्मान योजना अंतर्गत शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों में कुल 31 हजार 11 बिस्तर चिन्हांकित हैं। प्रत्येक जिले के शासकीय एवं निजी अस्पतालों में बिस्तर बढ़ाए जाने के संबंध में कार्ययोजना बनाई गई है। अधिक से अधिक संख्या में सामान्य बेड्स को ऑक्सीजन बेड्स एवं आईसीयू बेड्स में परिवर्तित करने का कार्य भी किया जा रहा है।
चिकित्सकों एवं स्टाफ को प्रशिक्षण
प्रदेश में 7523 चिकित्सक, 15 हजार 999 स्टाफ नर्स, 26 हजार 301 आयुष चिकित्सक सहित अन्य विभागीय 34439 मैदानी कार्यकर्ताओं, 6003 वॉलेन्टीयर्स, 51 हजार 684 आशा कार्यकर्ता तथा 14 हजार 217 ए.एन.एम. को प्रशिक्षण दिया गया है।
शिशुओं के उपचार की गाइड लाइन जारी
प्रदेश में विशेषज्ञों की समिति द्वारा गहन अध्ययन के पश्चात शिशुओं के उपचार की विस्तृत प्रोटोकॉल गाइड लाइन जारी की गई है। साथ ही अभिभावक बच्चों के साथ वार्ड में रह सकें, इसके लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं। होम आयसोलेशन में रहने वाले बच्चों के अभिभावकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
कुल 1002 एम्बुलेंस
कोरोना रोगियों को निर्बाध रूप से अस्पतालों तक ले जाने के लिए एम्बुलेंस नेटवर्क का सुदृढ़ीकरण किया गया है। कुल 1002 एम्बुलेंस इस कार्य के लिए चिन्हांकित की गई हैं, जिनमें 167 ए.एल.एस. (एडवांस लाइफ सपोर्ट) तथा 835 बी.ए.एस. (बेसिक लाइफ सपोर्ट) एम्बुलेंस हैं।
170 पी.एस.ए प्लांट स्थापित होंगे
मध्यप्रदेश में भारत सरकार, राज्य सरकार एवं अन्य स्त्रोतों से कुल 170 पी.एस.ए प्लांट स्थापित होंगे, जिनकी कुल क्षमता 200 मेट्रिक टन है। इनमें से 21 पी.एस.ए प्लांट लग गए हैं तथा शेष सितम्बर माह तक स्थापित हो जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन्हें जल्दी से जल्दी पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए।
जिला अस्पतालों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 78 ऑक्सीजन प्लांट
प्रदेश के 78 जिला अस्पतालों व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कुल 78 पी.एस.ए प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। चिकित्सा महाविद्यालयों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की क्षमता में 121 मीट्रिक टन की वृद्धि की जा रही है। जिला अस्पतालों में 11 हजार 184 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड्स बनाए गए हैं, 3063 नवीन ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड्स बनाए जा रहे हैं। साथ ही चिकित्सा महाविद्यालयों में 751 ऑक्सीजन बेड्स बढ़ाए जा रहे हैं।
आई.सी.यू. बेड्स में वृद्धि
प्रदेश में 813 आई.सी.यू. बेड्स स्थापित किए गए हैं। आगामी कार्य-योजना में 650 नए आई.सी.यू. बेड्स स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त चिकित्सा महाविद्यालयों में 345 आई.सी.यू. बेड्स बढ़ाए जा रहे हैं।
डेढ़ हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर एन.आर.सी. में
जिलों को दिए गए 6190 कंसन्ट्रेटर्स में से बच्चों के पोषण पुनर्वास केन्द्रों में 1500 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके अलावा जिलों को 5100 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अतिरिक्त रूप से प्रदाय किए जा रहे हैं।
प्रत्येक जिला चिकित्सालय में शिशु आईसीयू
प्रत्येक जिले में शिशु आईसीयू की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश में 320 शिशु आईसीयू के बिस्तर नियोजित किए गए हैं, जिनमें 200 बिस्तरों की संख्या अतिरिक्त रूप से स्थापित की जा रही है। इसके अतिरिक्त चिकित्सा महाविद्यालयों में 380 शिशु आईसीयू बिस्तरों की वृद्धि की जा रही है।
904 विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती शीघ्र
प्रदेश में 904 विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती के लिए मंत्रि-परिषद ने अनुमोदन कर दिया है, भर्ती शीघ्र पूर्ण की जाएगी। लोक सेवा आयोग द्वारा चिकित्सा अधिकारियों के 866 पदों पर भर्ती की कार्रवाई जारी है। मेडिकल कॉलेजेस में 863 चिकित्सकों की नियुक्ति की कार्रवाई जारी है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी हों अच्छी व्यवस्थाएँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी कोरोना उपचार की अच्छी से अच्छी व्यवस्थाएँ की जानी चाहिये। बताया गया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा विशेषज्ञों की पदस्थापना की जा रही है। साथ ही 500 ऑक्सीजन बिस्तर तथा 78 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट सितम्बर तक स्थापित हो जाएंगे।
हर मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल आदर्श हो
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि प्रदेश का हर मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पताल आदर्श हो, जिससे आस-पास के क्षेत्रों के व्यक्तियों को वहीं अच्छे से अच्छा इलाज मिल जाए। इलाज के लिए बड़े शहरों में न जाना पड़े।
अस्पतालों का प्रबंधन चिकित्सकों के पास न रहे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि अस्पतालों के प्रबंधन के लिए प्रबंधन के व्यक्तियों को नियुक्त किया जाए। अस्पताल प्रबंधन के कार्य में चिकित्सकों को न लगाया जाए।
शीघ्र प्रारंभ हो जिला अस्पतालों में सीटी स्केन व्यवस्था
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों एवं चिकित्सा महाविद्यालयों में सीटी स्केन व्यवस्था शीघ्र प्रारंभ की जाए। बताया गया कि वर्तमान में 14 जिला चिकित्सालयों में यह सुविधा प्रारंभ हो गई है, शेष सभी जिला चिकित्सालयों एवं चिकित्सा महाविद्यालयों में आगामी अक्टूबर माह तक प्रारंभ हो जाएगी।