नयी दिल्ली, 20 नवंबर ।केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली में अवैध कॉलोनियों में रह रहे लोगों को मालिकाना हक देने के लिए कानूनी रूपरेखा मुहैया कराने वाले विधेयक को बुधवार को मंजूरी दे दी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी।
मंत्रिमंडल ने हाल ही में मालिकाना हक देने का फैसला लिया था और बुधवार को उसने विधेयक को मंजूरी दे दी। यह विधेयक संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किया जाना है।
यह प्रस्ताव राष्ट्रीय राजधानी के 175 वर्ग किलोमीटर में फैली 1,797 चिह्नित अवैध कॉलोनियों पर लागू होगा।
बीपीसीएल, एससीआई ,कोनकोर, टीएचडीसीआईएल में रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी
सरकार ने विनिवेश कार्यक्रम पर आगे बढ़ते हुए बुधवार को भारतीय पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), शिपिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एसीआई), कोनकोर , टेहरी हाइड्रोइलेक्ट्रिक डेवलमेट कार्पोरेशन (टीएचडीसीआईएल) और नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कार्पाेरेशन लिमिटेड में रणनीतिक विनिवेश को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है।
सीतारमण ने बताया कि इन सरकारी उपक्रमों में विनिवेश का तरीका अलग अलग होगा।
उन्होंने कहा कि असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी में बीपीसीएल की हिस्सेदारी 61 प्रतिशत से अधिक है और इसको इस विनिवेश से पहले बीपीसीएल से अलग कर दिया जायेगा। नुमालीगढ़ रिफाइनरी की हिस्सेदारी तेल एवं गैस क्षेत्र की किसी सरकारी क्कंपनी को ही बेची जायेगी और इस प्रकार यह कंपनी सार्वजनिक उपक्रम बनी रहेगी।
उन्होंने बताया कि बीपीसीएल में सरकार की हिस्सेदारी 53.29 प्रतिशत है। रणनीतिक खरीदार को यह हिस्सेदारी स्थानातंरित की जायेगी।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि शिपिंग कार्पोरेशन में सरकार की हिस्सेदारी 63.75 प्रतिशत है जिसका विनिवेश किया जायेगा। कोनकोर में 54.80 प्रतिशत हिस्सेदारी में से 24 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार के पास रहेगी लेकिन 30.80 प्रतिशत हिस्सेदारी का रणनीतिक निवेशक किया जायेगा। नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर की शत प्रतिशत हिस्सेदारी और टीएसडीसीआईएल की 74.23 प्रतिशत हिस्सेदारी एनटीपीसी खरीदेगी। इन पांचों कंपनियों का प्रबंधन नियंत्रण विनिवेश के बाद सरकार के पास नहीं रह जायेगा।
उन्होंने बताया कि सरकार ने कुछ चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमोें में अपनी हिस्सेदारी 51प्रतिशत से भी कम करने का भी निर्णय लिया है लेकिन प्रबंधन अपने पास ही रखेगी।
उन्होंने बताया कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए कंपनी कर और न्यूनतम वैकल्पिक कर में दी गयी छूट को मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके साथ ही गिफ्ट सिटी में बनने वाले यूनिफाइड ऑर्थिरिटी के संबंध में भी निर्णय लिये गये हैं। इसमें एक अध्यक्ष और आठ सदस्य होंगे।
दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम शुल्क भुगतान से मिली राहत
सरकार नेे भारी आर्थिक संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनियों को राहत देते हुये स्पेक्ट्रम नीलामी के दो वर्षाें के शुल्क की किस्तों का फिलहाल भुगतान करने से छूट देने का निर्णय लिया है।
मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी। वित्त मंत्री सीतारमण ने संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुये कहा कि वर्ष 2020-21 और 2021-22 की किस्तों को भुगतान से छूट देने का निर्णय लिया गया है लेकिन इसके कारण शुल्क भुगतान की वर्तमान अवधि में कोई बढोतरी नहीं की गयी है।