नयी दिल्ली 22 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता मेंआज हुई कैबिनेट की बैठक में बैंकरप्सी कानून में बदलाव के ऑर्डिनेंस को मंजूरी दे दी गयी है. ये अध्यादेश संसद के शीतकालीन सत्र में पेश होगा. इस अध्यादेश के लागू होने पर दिवालिया कंपनियों के प्रोमोटरों की मुश्किल बढ़ जायेंगी।
अध्यादेश लागू होने से दिवालिया कंपनियों के प्रोमोटर्स दोबारा कंपनियों में हिस्सेदारी नहीं खरीद पायेंगे. बैंकरप्सी कानून में होने वाले बदलाव से सरकारी बैंकों को बड़ा फायदा होगा. वहीं बैंकरप्सी प्रक्रिया से गुजर रहे कुछ अहम कंपनियों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है. साथ ही 15वें वित्त आयोग के गठन को भी कैबिनेट से मंजूरी मिल गयी है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिये गये फैसलों की जानकारी दी।
अरुण जेटली ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15वां वित्त आयोग बनाने को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि इसके नियम व शर्तें समय आने पर अधिसूचित होंगी. अरुण जेटली ने कहा है कि 15वां वित्त आयोग अप्रैल 2020 से 2025 तक लागू होगा. उन्होंने बताया कि संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होगा और 5 दिसंबर तक चलेगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यूरोपीय पुनर्गठन एवं विकास बैंक में भारत की सदस्यता को मंजूरी दी।
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के वेतन बढ़ोतरी प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. अब जजों को सातवें वेतन आयोग का लाभ मिलेगा. इसका लाभ 31 सुप्रीम कोर्ट के, 1000 हाईकोर्ट के और 2500 रिटायर जजों को मिलेगा. रविशंकर प्रसाद ने बताया कि प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र को भी मंजूरी दी गयी है।
साथ ही कैबिनेट की बैठक में होने वाले दूसरे बड़े फैसले में लेदर सेक्टर को राहत पैकेज देना का मामला फिलहाल टल गया है. माना जा रहा था कि सरकार 2500 करोड़ रुपये के राहत पैकेज दे सकती है. दरअसल, कंपनियों को टेक्नोलॉजी बेहतर करने के लिए राहत पैकेज का एलान होना था. इसके चलते आज शेयर बाजार में लेदर शेयरों में तेजी देखने को मिली थी।attacknews