नईदिल्ली 28 मार्च। सीबीएसई के पूर्व अध्यक्ष अशोक गांगुली के अनुसार 12वीं के इकोनॉमिक्स और 10वीं के मैथ्स का पेपर परीक्षा केंद्र ले जाते हुए लीक हुआ.
बातचीत में गांगुली ने बताया कि पेपर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसे कई लेवल पर सेट किया जाता है.
उन्होंने अनुमान लगाया कि कलेक्शन सेंटर से एग्जाम सेंटर ले जाते समय ही चूक की वजह से पेपर लीक हुआ होगा. उन्होंने कहा कि एग्जाम से पहले कई स्तर पर काम होता है जिसमें पेपर सेटिंग भी शामिल है. इसमें कम से कम 6 महीने का समय लगता है. इसके अलावा ये समय स्थिति के अनुसार बढ़ाया भी जा सकता है.
इस तरह होता है पेपर सेट
पेपर की सेटिंग के लिए देशभर के कई एक्सपर्ट की मदद ली जाती है, ये एक्सपर्ट एक दूसरे से अंजान होते हैं.
अगले चरण में एग्जाम पेपर्स को मॉडरेटर के पास भेजा जाता है.
सीबीएसई के उप-नियमों के मुताबिक इस स्तर पर पेपरों की कठिनाई की जांच की जाती है. इससे छात्रों के बीच समानता सुनिश्चित होता है क्योंकि छात्र अलग-अलग बैकग्राउंड से आते हैं. इस स्तर पर पेपर की लेंथ, सिलेबस, और कठिनाई को चेक किया जाता है. इससे पेपर का निर्धारित मानक बनाया जाता है.
इसके बाद पेपर को ट्रांसलेशन के लिए भेजा जाता है जहां से इसे छपने के लिए भेजा जाता है. इस स्तर से गुजरने के बाद पेपर को एक जगह पर स्टोर करके रखा जाता है.
इसके बाद कलेक्शन सेंटर पर पेपर्स को भेजा जाता है, ये कोई सुरक्षित जगह जैसे बैंक इत्यादि हो सकता है.इन सारी प्रक्रियाओं के समय सुरक्षा का खास बंदोबस्त किया जाता है.
गांगुली ने बताया कि इकोनॉनिक्स और मैथ्स का पेपर निश्चित रूप से पेपर सेंटिंग और पब्लिश करने के दौरान लीक नहीं हुआ है. ये एग्जाम सेंटर तक ले जाते समय ही लीक हुआ है.attacknews.in