मध्यप्रदेश के 24 जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी,प्रदेश के बड़े हिस्से में बारिश जारी है attacknews.in

भोपाल, 24 जुलाई । भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को मध्यप्रदेश के 24 जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। प्रदेश के बड़े हिस्से में बारिश जारी है । विभाग ने इसकी जानकारी दी ।

भारत मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी पी के साहा ने कहा कि यह अलर्ट रविवार सुबह तक के लिए है।

साहा ने कहा कि जबलपुर, रीवा, सतना, अनूपपुर, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, नरसिंहपुर, मंडला, सागर, टीकमगढ़, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, धार, देवास, आगर-मालवा, अशोक नगर और शिवपुरी जिलों के अलग-अलग स्थानों पर भारी से भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा भोपाल, इन्दौर और चंबल सहित राज्य के दस संभागों में से अधिकांश में बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि आगर-मालवा जिले के सुसनेर में शनिवार सुबह 08.30 बजे तक गत 24 घंटे में पश्चिमी मध्यप्रदेश में सबसे अधिक 211 मिमी बारिश हुई, जबकि इस अवधि में पूर्वी मध्यप्रदेश के उमरिया शहर में सबसे अधिक 170.5 मिमी बारिश हुई।

अमेरिका के पोर्टलैंड शहर में गर्मी के रिकॉर्ड टूटे:पूर्वी वाशिंगटन स्टेट से लेकर पोर्टलैंड तक के अन्य शहरों में गर्मी के रिकॉर्ड टूटने की संभावना attacknews.in

पोर्टलैंड (अमेरिका), 27 जून (एपी) अमेरिका में ओरेगन राज्य का सबसे बड़ा शहर पोर्टलैंड भीषण गर्मी का सामना कर रहा है और शनिवार को शहर में गर्मी के सारे रिकॉर्ड टूट गए। रविवार को भी गर्मी के नए रिकॉर्ड बन सकते हैं।

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि शहर के निवासियों को इतिहास की सबसे भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। शहर में लू चलने से पारा बहुत अधिक बढ़ गया है। दुकानों में पोर्टेबल एयर कंडीशनरों और पंखों की आपूर्ति मांग से कम पड़ गई है, अस्पतालों ने बाहर टीकाकरण शिविर रद्द कर दिए हैं, शहरों में कूलिंग केंद्र खुल गए हैं और बेसबॉल खेल प्रतियोगिताएं रद्द कर दी गयी हैं।

राष्ट्रीय मौसम सेवा के अनुसार, पोर्टलैंड में शनिवार दोपहर को तापमान 42.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। ओरेगन के सबसे बड़े शहर में इससे पहले 1965 और 1981 में अधिक गर्मी पड़ी थी और तब तापमान 41.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

सिएटल में शनिवार को तापमान 38.3 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया जिससे वह जून में सबसे गर्म दिन बन गया और इतिहास में केवल चौथी बार शहर में तापमान 100 डिग्री फेरेनहाइट के पार चला गया है।

रविवार और सोमवार को और अधिक गर्मी पड़ने का अनुमान है जिससे कई रिकॉर्ड टूट सकते हैं। सिएटल में 2009 में सबसे अधिक 39.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।

पूर्वी वाशिंगटन स्टेट से लेकर पोर्टलैंड तक के अन्य शहरों में गर्मी के रिकॉर्ड टूटने की संभावना है।

मध्यप्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश, गर्मी से रही राहत;रीवा, शहड़ोल, जबलपुर, सागर, होशंगाबाद, इंदौर, उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर, और चंबल संभागों के जिलों में गरज चमक के साथ बिजली चमकने की संभावना attacknews.in

भोपाल, 13 जून । मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कुछ स्थानों पर आज हल्की बारिश हुयी, हालांकि इस बीच प्रदेश भर में आंशिक बादल छाए रहे, जिससे गर्मी से राहत रही।

अगले चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ बारिश की संभावना है।

मौसम विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ पी के साहा ने बताया कि मानसून प्रदेश में आने के बाद से सक्रिय है और यह लगातार आगे बढ़ रहा है।

सुबह कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुयी।

पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के चलते गर्मी में भी राहत रही है।

राजधानी भोपाल में कल रात को बारिश हुयी, लेकिन सुबह हल्की धूप खिल गयी।

शाम को एक बार फिर बारिश की बौछारें पडी, जिससे मौसम ठंडा हो गया।

विभाग के अगले चौबीस घंटों के दौरान रीवा, शहड़ोल, जबलपुर, सागर, होशंगाबाद, इंदौर, उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर, और चंबल संभागों के जिलों में कहीं कही गरज चमक के साथ बिजली चमकने की संभावना है।

विभाग के अनुसार अगले तीन से चार दिनों तक मौसम इसी तरह का बना रहेगा।

राजधानी भोपाल में कल रात अच्छी बारिश के बाद आज सुबह कुछ देर के लिए मौसम साफ हो गया, लेकिन दोपहर बाद इसमें बदलाव देखा गया और आसमान में बादल छाए गए।

देर शाम कुछ देर के लिए तेज बारिश हुयी, जिससे मौसम में ठंडक घुल गयी।

अगले चौबीस घंटों के दौरान भी यहां मौसम इसी तरह का बना रहेगा।

गरज चमक के साथ बिजली गिरने के भी आसार जताए गए हैं।

मध्यप्रदेश में सक्रिय हुआ मानसून,कई स्थानों हुई बारिश, कई जिलों में अतिवर्षा के आसार:कई जिले में अति वर्षा का ‘ओरेंज अलर्ट’ जारी किया गया attacknews.in

भोपाल, 12 जून । मानसून सक्रिय होने से मध्यप्रदेश में आज प्रदेश में तेज हवाओं के बीच अनेक स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई।

बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के चलते मध्यप्रदेश में मध्यप्रदेश में दो दिन पूर्व पहुंचा दक्षिण पश्चिम मानसून सक्रिय हो गया, जिसके चलते कई जिले में अति वर्षा का ‘ओरेंज अलर्ट’ जारी किया गया।

मौसम विज्ञान केन्द्र भोपाल के वैज्ञानिक डॉ पी के साहा ने बताया कि बंगाल की खाडी में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।

इसके चलते प्रदेश में दो दिन पूर्व पहुंचा दक्षिण पश्चिम मानसून सक्रिय हो गया है और अब यह तेजी से प्रदेश के अन्य स्थानों को भी ‘कवर’ कर लेगा।

इसी के चलते आगामी चौबीस घंटों के दौरान जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला और बालाघाट जिलों में अतिवर्षा की चेतावनी जारी की गयी है।

डाॅ साहा ने बताया कि इसके अलावा विदिशा, रायसेन, सीहोर, होशंगाबाद, बैतूल, सागर, रीवा और सतना जिलों में भारी बारिश का ऐलो अलर्ट जारी किया गया है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के छह संभागों में अब तक मानसून पहुंच चुका और जल्द ही इसके पूरे प्रदेश को कवर कर लेने के आसार है।

मौसम विभाग के बुलेटिन के अनुसार राज्य के महाकौशल अंचल में आने वाले छिंदवाड़ा जिले में दूसरे स्थानों की तुलना में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई।

छिंदवाड़ा जिले में 43 मिमि वर्षा दर्ज की गई।

वहीं पचमढ़ी में 31 मिमि, होशंगाबाद जिले में 14 मिमि, भोपाल में 3़ 2 मिमि, भोपाल शहर में 1़ 5 एवं सागर जिले में 2़ 0 मिमि दर्ज की गई।

इसके अलावा बाकी अन्य कई स्थानों पर बारिश होने की खबर है।

प्रदेश के अनेक स्थानों पर आसमान में बादल छाये रहे।

राजधानी भोपाल में भोपाल टाकीज के समीप तेज हवाओं के कारण एक पेड़ धराशाही होकर एक मकान पर गिरने से उसमें कई दब गये।

इसी तरह बुरहानपुर जिले में तेज हवाओं के बीच पेड़ गिरने से उसके चपट में आने से एक किशोर की मौत हो गयी।

बीते चौबीस घंटों के दौरान राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के अन्य स्थानों पर झमाझम बारिश हुयी।

इस बीच भोपाल में 48़ 2 मिलीमीटर (मिमी), पर्यटन नगरी पचमढ़ी में सबसे अधिक 70़ 4 मिमी, छतरपुर के नाैगांव में 42़ 8 मिमी, होशंगाबाद में 38़ 6 मिमी, दमोह में 29 मिमी, बैतूल में 28़ 4 मिमी, सागर में 13़ 8 मिमी, खजुराहो में 15 मिमी के बारिश हुयी है।

राजधानी भोपाल में कल रात हुयी बारिश के बाद आज सुबह से आसमान में आंशिक बादल छाए रहे।

शाम के समय तेज हवाये चली और करीब आधा बीस मिनट तक तेज बारिश हुई।

भोपाल के आसपास कई स्थानों पर भी हल्की वर्षा दर्ज की गई।

यहां आगामी चौबीस घंटों के दौरान वर्षा की संभावना जतायी गयी है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान जारी: मानसून के उत्तर, दक्षिण में सामान्य, मध्य भारत में सामान्य से अधिक रहने का अनुमान attacknews.in

नयी दिल्ली, एक जून । भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के उत्तर और दक्षिण भारत में सामान्य, मध्य भारत में सामान्य से अधिक और पूर्व तथा पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम रहने का अनुमान है।

दक्षिण पश्चिम मानसून 2021 के लिए अपना दीर्घावधि पूर्वानुमान जारी करते हुए आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि देश में इस साल मानसून सामान्य रहने का पूर्वानुमान है।

महापात्र ने कहा कि इसके सामान्य दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 96 से 104 प्रतिशत होने की संभावना है।

उन्होंने कहा, ‘‘ दक्षिण-पश्चिम मानसनू (जून – सितम्बर) की वर्षा सामान्य सामान्य दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 96 से 104 प्रतिशत होने की संभावना है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मात्रात्मक रूप से, देश में मानसून की बारिश के एलपीए के 101 प्रतिशत होने की संभावना है। ’’

वर्ष 1961-2010 मानसून की बारिश का एलपीए 88 सेंटीमीटर था।

यूपी में फिर बदलेगा मौसम,आधे राज्य में आंधी पानी का अलर्ट

मई के आखिरी सप्ताह में पूर्वांचल में आंधी बारिश के बाद उत्तर प्रदेश में मौसम एक बार फिर अंगड़ाई लेने को बेकरार है।

मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे में पूर्वी और मध्य यूपी के कई जिलों में धूल भरी आंधी और बारिश के साथ बज्रपात के आसार हैं।

मौसम विभाग द्वारा मंगलवार को जारी अलर्ट के अनुसार बहराइच,श्रावस्ती,गोंडा,बलरामपुर,श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, महाराजगंज, कुशीनगर,देवरिया,गोरखपुर,बलिया,सुलतानपुर,अंबेडकरनगर,जौनपुर,मऊ,गाजीपुर और आजमगढ़ में धूल भरी आंधी और तेज बारिश का अनुमान है। इस दौरान कई इलाकों में बिजली गिरने की भी संभावना है

चक्रवाती तूफान ‘यास’ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 106 टीमों को तैनात किया गया; प्रधानमंत्री ने ‘यास’ के व्‍यापक प्रभावों की समीक्षा की attacknews.in

यह सुनिश्चित करें कि सामान्य जनजीवन जल्द-से-जल्द बहाल हो: प्रधानमंत्री

नईदिल्ली 27 मई । प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने चक्रवाती तूफान ‘यास’ के व्‍यापक प्रभावों की समीक्षा के लिए आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता की।

इस अवसर पर अधिकारियों ने चक्रवाती तूफान से निपटने की तैयारियों के विभिन्न पहलुओं, तूफान से हुए नुकसान के आकलन और संबंधित विषयों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।

इस दौरान यह चर्चा की गई कि एनडीआरएफ की लगभग 106 टीमों को तैनात किया गया था। पश्चिम बंगाल/ओडिशा में से प्रत्येक में तैनात की गई 46 टीमों ने 1000 से भी अधिक व्यक्तियों की जान बचाई और 2500 से भी अधिक पेड़ों/खंभों को हटाया जो सड़कों पर गिर गए थे और जिनकी वजह से वहां आवागमन बाधित हो गया था। रक्षा बलों यथा थल सेना और तटरक्षक बल ने तूफान में विभिन्‍न स्‍थानों पर फंसे हुए लोगों की भी जान बचाई, जबकि नौसेना और वायु सेना अलर्ट पर थीं।

वैसे तो संबंधित राज्य चक्रवाती तूफान यास की वजह से हुए नुकसान के आकलन में अभी जुटे हुए हैं, लेकिन उपलब्ध प्रारंभिक रिपोर्टों से यही पता चलता है कि सटीक पूर्वानुमान लगाने और तूफान प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से प्रभावकारी ढंग से संवाद करने के साथ-साथ राज्यों एवं केंद्रीय एजेंसियों द्वारा समय पर लोगों की सुरक्षित निकासी करने से जान-माल का कम-से-कम नुकसान सुनिश्चित हो पाया।

इसके साथ ही सैलाब या अतिवृष्टि के कारण जो नुकसान हुआ है, उसका आकलन किया जा रहा है। तूफान से प्रभावित अधिकतर क्षेत्रों में बिजली और दूरसंचार सेवाएं बहाल कर दी गई हैं।

प्रधानमंत्री ने चक्रवाती तूफान से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में केंद्र और राज्यों की एजेंसियों द्वारा निभाई गई अत्‍यंत प्रभावकारी एवं सक्रिय भूमिका को रेखांकित किया और इसके साथ ही विभिन्‍न एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि तूफान प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य जीवन जल्द से जल्द बहाल हो और इसके साथ ही तूफान से प्रभावित व्यक्तियों के बीच राहत का वितरण उचित रूप से हो जाए।

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, विद्युत सचिव, दूरसंचार सचिव एवं आईएमडी के डीजी और अन्य महत्वपूर्ण अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लिया।

चक्रवाती तूफान यास ने ओड़िशा तट को पार किया, भारी बारिश हुई;धीरे धीरे कमजोर पड़ा, सुबह बाद झारखंड की तरफ जाते जाते एक गहरे दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा attacknews.in

भुवनेश्वर, 26 मई। भीषण चक्रवाती तूफान यास आज सुबह ओडिशा में बालासाेर तट से टकराया और उस समय इसकी रफ्तार 130 से 150 किलोमीटर प्रति घंटा थी लेकिन इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ जितनी पहले आशंका जताई जा रही थी।

भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युजंय मोहपात्रा ने बताया कि चक्रवाती तूफान यास बालासोर-भद्रक तट पर केन्द्रित था और यह बालासोर तट के दक्षिण में 20 किलोमीटर के समीप तट से टकराया तथा यह प्रकिया तीन घंटों तक जारी रही।

इसने सुबह 10.30 से 11.30 के बीच ओडिशा तट को पार किया और यह फिर मयूरभंज जिले की तरफ बढ़ गया तथा उस समय इसकी रफ्तार 120 से 130 किलोमीटर प्रतिघंटा था जिसकी वजह से भारी बारिश हुई थी।

उन्होेंने बताया कि यह धीरे धीरे कमजोर पड़ जाएगा और कल सुबह तक झारखंड की तरफ जाते जाते एक गहरे दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा तथा उस समय इसकी रफ्तार 60 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी और इसकी वजह से भारी से बहुत भारी बारिश होगी।

यास तूफान की वजह से बालासोर और भद्रक जिलों में अनेक स्थानों पर पेड़ उखड़ गए तथा हजारों कच्चे मकान तथा अस्थायी आवास नष्ट हो गए। इसकी वजह से सड़क यातायात बाधित हुआ और दो मीटर से ऊंची लहरों के कारण अनके गांवों में समुद्र का पानी घुस गया।

विशेष राहत आयुक्त पीके जेना ने बताया जगतसिंहपुर, केन्द्रपाड़ा और जाजपुर जिलों में कोई अधिक नुकसान नहीं हुआ है और यहां काफी संख्या में पेड़ उखड़ गए हैं। बालासाेर और भद्रक जिलों में एनडीआरएफ, ओडीआरएफ और दमकल विभाग की टीमों ने उखड़े हुए पेड़ों को हटाना शुरू कर दिया है।

तूफान की वजह से सिमलीपाल में भारी बारिश 161 मिमी हुई और इसकी वजह से बूढाबालांग नदी में अचानक बाढ़ की आशंका जताई जा रही है।
श्री मोहापात्रा ने बताया कि उत्तर ओडिशा में दिन में भारी से बहुत भारी बारिश होगी और कईं स्थानों पर यह 20 सेंटीमीटर भी होगी।

यास’ के अगले 12 घंटों के दौरान उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने से अत्यधिक उग्र चक्रवाती तूफान के रूप में तेज होने का अनुमान: चंदबाली-धमरा बंदरगाह के बेहद निकट उ ओडिशा और प बंगाल तटों के निकट उ प बंगाल की खाड़ी पहुंचेगा attacknews.in

उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ता रहेगा, और तेज होगा तथा 26 मई, बुधवार की सुबह तक चंदबाली-धमरा बंदरगाह के बेहद निकट उत्तर ओडिशा और पश्चिम बंगाल तटों के निकट उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में पहुंचेगा

नईदिल्ली 25 मई । पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर उग्र चक्रवाती तूफान ‘यास’ उत्तर पश्चिम दिशा में लगभग 10 किमी प्रति घंटे की गति से पिछले 6 घंटों में बढ़ा और 25 मई, 2021 को 0530 बजे भारतीय मानक समय, पारादीप (ओडिशा) के 320 किमी दक्षिण दक्षिण पूर्व, बालासोर (ओडिशा) के 430 किमी दक्षिण दक्षिण पूर्व, दीघा (पश्चिम बंगाल) के 420 किमी दक्षिण दक्षिण पूर्व तथा खेपुपारा (बांग्लादेश) से 470 किमी दक्षिण दक्षिण पश्चिम के निकट अक्षांश 18.0 डिग्री उत्तर तथा देशांतर 88.6 डिग्री पूर्व के निकट पूर्वी मध्य तथा समीपवर्ती पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी में केंद्रित रहा।

इसके अगले 12 घंटों में उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने, एक अत्यधिक उग्र चक्रवाती तूफान में तेज होने का अनुमान है। यह उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ना जारी रखेगा और सघन होगा तथा बुधवार, 26 मई की सुबह तक चंदबाली-धमरा बंदरगाह के बेहद निकट उत्तर ओडिशा और पश्चिम बंगाल तटों के निकट उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में पहुंचेगा।

एक बेहद उग्र चक्रवाती तूफान के रूप में 26 मई, बुधवार की दोपहर में इसके पारादीप तथा सागर द्वीपसमूहों के बीच उत्तर ओडिशा-पश्चिम बंगाल तटों को पार करने का अनुमान है।

पूर्वानुमान ट्रैक और तीव्रता का विवरण नीचे टेबल में दिया गया है-

तिथि/समय ( भारतीय मानक समय) – स्थिति ( अक्षांश डिग्री उत्तर/ देशांतर डिग्री पूर्व) ‘अधिकतम निरंतर सतह हवा की गति (किमी प्रतिघंटे) -चक्रवाती विक्षोभ का वर्ग :

25.05.21/0230 -18.0/88.6 -100-110 से बढ़कर -120

उग्र चक्रवाती तूफान

25.05.21/0530 -18.7/88.2 -105-115 से बढ़कर -125

उग्र चक्रवाती तूफान

25.05.21/1130 -19.5/87.9 -125-135 से बढ़कर -150

बहुत उग्र चक्रवाती तूफान

25.05.21/1730 -20.1/87.7। -145-155 से बढ़कर -170

बहुत उग्र चक्रवाती तूफान

26.05.21/2330 -20.7/87.4 -155-165 से बढ़कर ‘185

बहुत उग्र चक्रवाती तूफान

26.05.21/1130 -21.8/86.5 -115-125 से बढ़कर -140

बहुत उग्र चक्रवाती तूफान

27.05.21/2330 -22.5/85.6 -60-70 से बढ़कर -80

गहरा विक्षोभ

27.05.21/1130 -23.2/84.7 -35-45 से बढ़कर ’55

विक्षोभ

चेतावनी- (1)

वर्षाः उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश- 25 मई को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा तथा अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा का अनुमान है।

ओडिशा- 25 मई को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा पुरी, जगतसिंहपुर, खुरदा, कटक, केंद्रपारा, जाजपुर, भद्रक, बालासोर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा तथा गंजाम, धेनकनल, मयूरभंज जिलों में भारी वर्षा, 26 मई को जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रपारा, जाजपुर, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, कियोंझारगढ़ में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी तथा अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा और पुरी, खुरदा, अंगुल, देवगढ़, सुंदरगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा और 27 मई को उत्तरी आंतरिक ओडिशा में भारी से बहुत भारी और अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने का अनुमान है।

पश्चिम बंगाल तथा सिक्किम- 25 मई को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना में भारी से बहुत भारी वर्षा तथा हावड़ा, हुगली और उत्तर 24 परगना जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने का अनुमान है, 26 मई को मेदिनीपुर में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा तथा झारग्राम, पुरुलिया, बांकुरा, बर्धमान, हावड़ा, हुगली, कोलकाता, उत्तर 24 परगना, बीरभूम में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है तथा 27 मई को माल्दा और दार्जिलिंग, दिनाजपुर, कलिमपोंग, जलपाईगुड़ी, सिक्किम में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने तथा बांकुरा, पुरुलिया, बर्धमान, बीरभूम और मुर्शिदाबाद के कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने का अनुमान है।

झारखंड- 26 एवं 27 मई को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा कहीं-कहीं बहुत भारी वर्षा और अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा तथा 28 मई को अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है।

बिहार- 27 मई को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा और अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने और 28 मई को अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है।

असम एवं मेघालय- 26 एवं 27 मई को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है।

(ii) हवा की चेतावनीः मध्य बंगाल की खाड़ी के प्रमुख हिस्सों के ऊपर चक्रवाती हवा गति (100-110 किमी तथा बढ़कर 120 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) के व्याप्त होने का अनुमान। इसके 24 मई की शाम से और तेज होकर 125-135 किमी तथा बढ़कर 140 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने का अनुमान है। उत्तर बंगाल की खाड़ी तथा उत्तर आंध्र प्रदेश-ओडिशा-पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों के ऊपर चक्रवाती हवा (गति 50-60 किमी तथा बढ़कर 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) के व्याप्त होने का अनुमान। धीरे धीरे यह बढ़कर 26 की सुबह से जगतसिंहपुर, केंद्रपारा, भद्रक सहित से उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उत्तरी ओडिशा और समीपवर्ती पश्चिम बंगाल तटों के ऊपर 155-165 किमी तथा बढ़कर 185 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी और तेजी आएगी और 26 मई की दोपहर से ओडिशा के बालासोर जिले के ऊपर बढ़ेगी, 26 मई की सुबह से ओडिशा के मयूरभंज जिले के ऊपर तथा पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर और 24 परगना जिले के ऊपर ऊपर 100-120 किमी तथा बढ़कर 145 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी। चक्रवाती हवा गति (80-90 किमी तथा बढ़कर 100 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) के इसी अवधि के दौरान ओडिशा के पुरी, कटक, खुरदा, जाजपुर जिलों तथा पश्चिम बंगाल के झारग्राम, पश्चिम मेदिनीपुर, उत्तरी 24 परगना के ऊपर व्याप्त होने का अनुमान। चक्रवाती हवा गति (60-80 किमी तथा बढ़कर 90 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) के गंजाम के निकट तथा उत्तरी ओडिशा शेष आंतरिक जिलों के ऊपर व्याप्त होने का अनुमान। चक्रवाती हवा (गति 60-80 किमी तथा बढ़कर 90 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) 26 मई की सुबह से ओडिशा के गंजाम, धेनकानल और किंयोझार जिलों तथा पश्चिम बंगाल के बांकुरा, पुरुलिया, हावड़ा, हुगली, नादिया और बर्धमान जिलों के ऊपर व्याप्त होगी। इसी अवधि के दौरान, चक्रवाती हवा (गति 50-60 किमी तथा बढ़कर 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) ओडिशा के अंगुल, देवगढ़ और सुंदरगढ़ जिलों, पश्चिम बंगाल के बीरभूम तथा मुर्शिदाबाद जिलों और आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम तथा विशाखापट्टनम जिलों के ऊपर व्याप्त होगी। 26 मई की दोपहर से दक्षिण झारखंड के ऊपर चक्रवाती हवा (गति 40-50 किमी तथा बढ़कर 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) व्याप्त होने का अनुमान और धीरे धीरे इसके बढ़कर 26 मई की शाम/रात तक दक्षिण पूर्व झारखंड के ऊपर गति 90-120 किमी तथा बढ़कर 130 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने तथा दक्षिण पश्चिम झारखंड के ऊपर गति 70-80 किमी तथा बढ़कर 90 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने का अनुमान है। चक्रवाती हवा (गति 50-60 किमी तथा बढ़कर 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) 27 मई को ओडिशा के केंद्रपारा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, कियोंझार, देवगढ़ और सुंदरगढ़ जिलों तथा पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर, झारग्राम, बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों के ऊपर व्याप्त होगी।

(iii) समुद्र की स्थिति– समुद्र की स्थिति पश्चिम मध्य तथा समीपवर्ती पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर उच्च से बहुत उच्च है। इसके 25 की शाम से 26 मई की शाम के दौरान मध्य बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्सों, उत्तर बंगाल की खाड़ी और उत्तरी आंध्र प्रदेश-ओडिशा-पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों के समीप बहुत उच्च से अत्यधिक उच्च हो जाने का अनुमान है।

(iv) मछुआरों को चेतावनी– मछुआरों को 26 मई की दोपहर तक मध्य बंगाल की खाड़ी तथा 25-26 मई के दौरान उत्तर बंगाल की खाड़ी और उत्तरी आंध्र प्रदेश-ओडिशा-पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों के करीब न जाने का सुझाव दिया गया है।

जो लोग उत्तर के गहरे समुद्र तथा समीपवर्ती मध्य बंगाल की खाड़ी में गए हुए हैं, उन्हें तट पर लौट आने का सुझाव दिया गया है।

(v) तूफान में तेजी की चेतावनी- खगोलीय ज्वार से ऊपर 2-4 मीटर की ज्वारीय लहरों के जमीन से टकराने के दौरान तक मेदिनीपुर बालासोर, भद्रक के निचले तटीय क्षेत्रों के जलमग्न होने की आशंका है और 2 मीटर की ज्वारीय लहरों के जमीन से टकराने के दौरान दक्षिण 24 परगना, मेदिनीपुर, केद्रपारा और जगतसिंहपुर जिलों के निचले तटीय क्षेत्रों के जलमग्न होने की आशंका है।

उत्तरी ओडिशा, पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों और इन राज्यों के समीपवर्ती आंतरिक जिलों के लिए अपेक्षित नुकसान

· फूस के मकान पूरी तरह ध्वस्त/कच्चे घरों को व्यापक नुकसान। पक्का घरों को कुछ नुकसान।

· उड़ने वाली वस्तुओं से संभावित खतरा

· बिजली तथा संचार के खंभों का मुड़ जाना/उखड़ना

· कच्ची तथा पक्की सड़कों को भारी नुकसान

· निकलने के रास्तों पर बाढ़

· रेलवे, ओवरहेड बिजली के तारों तथा सिग्नलिंग प्रणालियों में बाधा,

· खड़ी फसलों, बगानों, उद्यानों को व्यापक नुकसान, हरे नारियलों के गिरना तथा ताड़ पत्रों का टूटना

· आम जैसे झाड़ीदार पेड़ों को नुकसान

· छोटी नौकाएं, कंट्री क्राफ्ट मूरिंग्स से अलग हो सकते हैं

· दृश्यता बुरी तरह प्रभावित

उत्तरी ओडिशा, पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों और इन राज्यों के समीपवर्ती आंतरिक जिलों के लिए सुझाए गए कदम

· प्रभावित क्षेत्रों में मछली पालने का काम तथा जहाजों की आवाजाही स्थगित

· भारत के पूर्वी तट के करीब के बंदरगाह आवश्यक सावधानी बरत सकते हैं

· नौसेना बेस आपरेशन आवश्यक सावधानी बरत सकते हैं

· इन क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियां सीमित की जाएं

· पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय क्षेत्रों से निकासी की जाए

· रेल एवं सड़क यातायात की विवेकपूर्ण विनियमन

· प्रभावित क्षेत्रों के लोग घरों के भीतर ही रहें

तूफान आने से पूर्व तैयारी संबंधी कदम

चक्रवात ‘यास’ के 26 मई की शाम को 155-165 किमी की गति से हवा के तेज होकर 185 किमी चलने से प बंगाल और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में 4 मीटर तक ऊंचा तूफान आ सकता है attacknews.in

मोदी ने चक्रवाती तूफान ‘यास’ के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा की

नयी दिल्ली 23 मई । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चक्रवात ‘यास’ से निपटने के लिए संबंधित राज्यों तथा केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों की तैयारियों की आज एक बैठक में समीक्षा की।

मौसम विज्ञान विभाग ने सूचित किया कि चक्रवात ‘यास’ के 26 मई की शाम को 155-165 किलो मीटर की गति से चलने वाली हवा के तेज होकर 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने के अनुमान के साथ पश्चिम बंगाल तथा उत्तर ओडिशा तटों को पार करने की संभावना है। इससे पश्चिम बंगाल तथा उत्तर ओडिशा के तटीय जिलों में भारी वर्षा हो सकती है।

विभाग ने यह चेतावनी भी दी है कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में लगभग 2 से 4 मीटर ऊंचा तूफान आ सकता है। मौसम विभाग नियमित रूप से सभी संबंधित राज्यों को नवीनतम पूर्वानुमान के साथ बुलेटिन जारी कर रहा है।

प्रधानमंत्री को बताया गया कि कैबिनेट सचिव ने सभी तटीय राज्यों के मुख्य सचिव और संबंधित मंत्रालयों व एजेंसियों के अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की बैठक की। गृह मंत्रालय निरंतर स्थिति की समीक्षा कर रहा है और तटीय राज्यों तथा संबंधित मंत्रालयों और एजेंसियों के संपर्क में है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने राज्यों में नौकाओं, पेड़ काटने वाले उपकरणों, दूरसंचार उपकरणों आदि के साथ 46 टीमों को पहले से तैयार कर रखा है। इसके अतिरिक्त तैनाती के लिए 13 टीमें विमान से रवाना की जा रही हैं और 10 टीमें आपात स्थिति के लिए रखी गई हैं।

तटरक्षक बल तथा नौसेना ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जहाज तथा हेलीकॉप्टरों की तैनाती की है। वायु सेना तथा सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स इकाइयां तैनाती के लिए तैयार रखी गई हैं। मानवीय सहायता के साथ सात जहाज और आपदा राहत इकाइयां पश्चिमी तट पर तैयार हैं।

पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा समुद्र में सभी तेल प्रतिष्ठानों को सुरक्षित रखने तथा जहाजों को सुरक्षित बंदरगाह पर लाने के कदम उठाए गए हैं।

विद्युत मंत्रालय ने आपात कार्य प्रणाली को सक्रिय कर दिया है तथा ट्रांसफार्रमरों, डीजी सेटों तथा उपकरण आदि को तैयार रखा है ताकि बिजली की फौरन बहाली की जा सके। दूरसंचार मंत्रालय टावरों तथा एक्सचेंजों पर निरंतर निगरानी रखे हुए है और दूरसंचार नेटवर्क को बहाल करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रभावित होने वाले राज्यों को स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों और प्रभावित इलाकों में कोविड की स्थिति से निपटने के लिए परामर्श जारी किया है। बंदरगाह, नौवहन तथा जल मार्ग मंत्रालय ने सभी जहाजों को सुरक्षित रखने के उपाय किए हैं तथा आपातकालीन जहाजों की तैनाती की है।

एनडीआरएफ खतरनाक स्थानों से लोगों को निकालने की तैयारियों में राज्य की एजेंसियों की सहायता कर रहा है और चक्रवात की स्थिति से निपटने के लिए निरंतर रूप से सामुदायिक जागरूकता अभियान चला रहा है।

प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को राज्यों के साथ निकट सहयोग के साथ काम करने को कहा है ताकि अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित ढंग से निकालने का काम सुनिश्चित हो सके। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि अपतटीय गतिविधियों में शामिल लोगों की समय से निकासी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने सभी संबद्ध विभागों को बिजली तथा दूरसंचार नेटवर्क में कटौती का समय कम करने और बिजली तथा दूरसंचार नेटवर्क की तेजी से बहाली के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को राज्य सरकारों के साथ उचित तालमेल और नियोजन कार्य करने को भी कहा ताकि अस्पतालों में कोविड के मरीजों के इलाज और टीकाकरण कार्य में कोई व्यवधान नहीं हो।

उन्होंने श्रेष्ठ व्यवहारों से अच्छी सीख लेने के लिए नियोजन और तैयारी की प्रक्रिया में जिला प्रशासन को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रभावित जिलों के नागरिकों को समझने लायक स्थानीय भाषा में क्या करे, क्या नहीं करें का परामर्श और निर्देश दें। प्रधानमंत्री ने तटीय समुदायों, उद्योगों आदि विभिन्न हितधारकों से सीधे संपर्क साधने और उन्हें संवेदी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

बैठक में गृह मंत्री, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, गृह राज्य मंत्री, कैबिनेट सचिव, गृह, दूरसंचार, मत्स्यपालन, नागर विमानन, विद्युत, बंदरगाह, नौवहन तथा जल मार्ग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालयों के सचिव, रेल बोर्ड के अध्यक्ष ,सदस्य तथा एनडीएमए के सचिव सदस्य, आईएमडी तथा एनडीआरएफ के महानिदेशक, प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

दिल्ली में मई में बारिश ने सभी रिकॉर्ड तोड़े;चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ और पश्चिमी विक्षोभ के कारण बीते 24 घंटों में रिकॉर्ड 119.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज attacknews.in

नयी दिल्ली, 20 मई । दिल्ली में चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ और पश्चिमी विक्षोभ के कारण बृहस्पतिवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक बीते 24 घंटों में रिकॉर्ड 119.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिसने मई में बारिश के पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि 1976 में 24 मई को 60 मिमी बारिश दर्ज की गई थी और इस बार उससे दोगुनी बारिश दर्ज की गई।

आईएमडी ने बृहस्पतिवार को कहा कि शहर में बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 16 डिग्री सेल्सियस गिर कर 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो 1951 के बाद से मई में सबसे कम अधिकतम तापमान है।

आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘दिल्ली में बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे से बृहस्पतिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक रिकॉर्ड 119.3 मिमी बारिश हुई।’’

लोधी रोड मौसम केंद्र ने इस अवधि के दौरान 124.4 मिमी बारिश दर्ज की।

पालम, आयानगर, नजफगढ़ और एसपीएस मयूर विहार में क्रमश: 64 मिमी, 98 मिमी, 92.5 मिमी और 95.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।

15 मिमी से कम की बारिश को हल्की, 15 से 64.5 मिमी के बीच की बारिश को मध्यम, 64.5 मिमी से 115.5 मिमी के बीच की बारिश को भारी, 115.6 से 204.4 मिमी के बीच को बहुत भारी बारिश माना जाता है। 204.4 मिमी से अधिक की बारिश को अत्यधिक भारी बारिश माना जाता है।

आईएमडी ने बताया कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तरी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बुधवार को चक्रवाती तूफान ताउते और एक पश्चिमी विक्षोभ के संपर्क के कारण बारिश हुई।

राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर. के. जिनामणि ने कहा, ‘‘मई आमतौर पर सूखा रहता है। सामान्यत: दिल्ली में इस महीने 24 घंटों में अधिकतम 30 मिमी या 40 मिमी बारिश होती है। लेकिन यह अरब सागर से आ रही और पश्चिमी विक्षोभ के संपर्क से पूरी तरह अलग व्यवस्था है। चूंकि इसके विशेष गुण दुर्लभ है तो इतनी बारिश होना हैरानी की बात नहीं है।’’

आईएमडी ने कहा कि बृहस्पतिवार को बारिश कम हो सकती है।

मूसलाधार बारिश से बुधवार को सफदरजंग में अधिकतम तापमान गिरकर 23.8 डिग्री सेल्सियस रह गया। बृहस्पतिवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से सात डिग्री कम 19.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘सफदरजंग में बुधवार को अधिकतम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 1951 के बाद से यह सबसे कम अधिकतम तापमान है।’’

उन्होंने बताया कि इससे पहले 13 मई 1981 को 24.8 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया था।

आईएमडी के अनुसार, बुधवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान श्रीनगर (25.8 डिग्री सेल्सियस) और धर्मशाला (27.2 डिग्री सेल्सियस) से कम दर्ज किया गया।

चक्रवात से मुंबई में बारिश का रिकॉर्ड टूटा: मई में 24 घंटे में अब तक की सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई attacknews.in

मुंबई, 18 मई । मुंबई में चक्रवाती तूफान ताउते के कारण 230 मिलीमीटर बारिश हुई। एक मौसम विशेषज्ञ ने इसे दर्ज इतिहास में मई में 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश होने का दावा किया है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुंबई केंद्र के अनुसार, सांताक्रूज वेधशाला ने मंगलवार सुबह 8.30 बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 230.3 मिमी बारिश दर्ज की।

इसके अलावा, कोलाबा वेधशाला ने इसी अवधि के दौरान 207.6 मिमी बारिश दर्ज की।

आईएमडी की गणना के अनुसार, 204.5 मिमी से अधिक वर्षा को अत्यधिक भारी वर्षा माना जाता है, पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान में उत्तरी हिंद महासागर में चक्रवातों को लेकर शोध करने वाले विनीत कुमार ने मंगलवार को ट्वीट किया, “मुंबई (सांताक्रूज): चक्रवात के प्रभाव के कारण पिछले 24 घंटों में 230 मिमी बारिश हुई, यह दर्ज इतिहास में मुंबई में मई में 24 घंटे में हुई सबसे अधिक बारिश है।”

चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ ने और विकराल रूप लिया है और ‘विकराल चक्रवाती तूफान’ में तब्दील हुआ, 180-190 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार से चली हवाएं 210 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लगी attacknews.in

मुंबई/ दिल्ली, 17 मई । भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को बताया कि तूफान ‘ताउते’ ‘‘विकराल चक्रवाती तूफान’’ में बदल गया है।

आईएमडी ने बताया कि तूफान ने सोमवार को तड़के विकराल रूप धारण कर लिया। विभाग ने पहले इसके विकराल रूप लेने का कोई अनुमान नहीं लगाया था।

आईएमडी के चक्रवात चेतावनी विभाग के अनुसार, इसका उच्चारण ‘ताउते’ है। ‘‘पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर बना अत्यधिक भीषण चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ पिछले छह घंटों के दौरान लगभग 20 किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा, और अब यह विकराल चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है।’’

इसके कारण अब 180-190 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं, जिसके 210 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तक चलने का अनुमान है।

आईएमडी ने हालांकि कहा कि गुजरात तट पर पहुंचने पर इसकी विकरालता कम होगी।

आईएमडी के चक्रवात चेतावनी संभाग ने कहा कि इसके आज रात गुजरात तट पर पहुंचने का अनुमान है।

उन्होंने कहा ‘‘ इसके उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 17 मई की शाम को गुजरात तट पर पहुंचने और 17 मई की रात (आठ से 11 बजे के बीच) पोरबंदर और महुवा (भावनगर जिला) के बीच गुजरात तट को पार करने का अनुमान है। इस दौरान 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं के 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने का अनुमान है।’’

आईएमडी की चेतावनी के बाद, गुजारात में निम्न तटीय इलाकों से करीब डेढ़ लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है और एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ के 54 दल वहां तैनात हैं। ‘ताउते’ के राज्य के तट पर सोमवार शाम पहुंचने और मंगलवार को यहां से आगे बढ़ने का अनुमान है।

आईएमडी ने सोमवार सुबह ट्वीट किया, ‘‘ चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ ने और विकराल रूप ले लिया है और यह ‘विकराल चक्रवाती तूफान’ (ईएससीएस) में तब्दील हो गया है…।’’

उसने कहा, ‘‘ पूर्वी-मध्य अरब सागर पर चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ विकराल चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया। गुजरात और दीव तटों क लिए चक्रवात संबंधी और चेतावनी जारी की गई है…’’

निजी कम्पनी ‘स्काईमेट’ ने इसके गुजरात में महुवा और पोरबंदर क्षेत्र के बीच कहीं पहुंचने का अनुमान लगाया है, जो दीव के नजदीक है।

उसने कहा कि आसपास के 100 किलोमीटर के क्षेत्र में इसका प्रभाव दिख सकता है।

गुजरात के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार ने बताया कि करीब 25,000 लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया ।

वहीं, मुंबई में 24 नगर निकाय वार्ड में संवदेनशील इलाकों के लोगों को ठहराने के लिए पांच अस्थायी आश्रय स्थल बनाए गए हैं।

कर्नाटक में ताउते का कहर, आठ लोगों की मौत

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड जिले और मलनाड क्षेत्र में चक्रवाती तूफान ताउते के कारण तेज हवाओं और भारी बारिश से कम से कम आठ लोगों की मौत हो चुकी है।

एक दुखद घटना में मेंगलुरु तट से दूर समुद्र में शनिवार को एक नौका पलट गई। स्थानीय लोगों ने ट्यूब का उपयोग करके नाव पर सवार आठ सदस्यों में से तीन लोगों को बचा लिया, जबकि दो लोगों के शव बरामद हो गए हैं और तीन लोग अभी भी लापता हैं।

ताउ ते’ के आज रात गुजरात तट से टकराने की आशंका, डेढ़ लाख से अधिक का स्थानांतरण

अरब सागर में उठे अत्यंत तीव्र (एक्स्ट्रीम्ली सिवीयर) श्रेणी के तूफ़ान ‘ताउ ते’ के आज रात आठ से 11 बजे के बीच गुजरात के महुवा (भावनगर) और पोरबंदर के बीच केंद्र शासित क्षेत्र दीव से 20 किमी पूर्व में तट से टकराने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
पहले इसके 18 मई की सुबह तट तक पहुंचने का अनुमान था। इस तूफ़ान के असर से पहले ही केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र में ख़ासी तबाही मची है।

तूफान ताउते के गुजरात तट से टकराने की संभावना

अरब सागर में उठे अत्यंत तीव्र श्रेणी के तूफ़ान ‘ताउते’ के सोमवार की रात लगभग साढ़े आठ बजे गुजरात तट से टकराने की प्रक्रिया शुरू हो गयी और इसके क़रीब दो घंटे में पूरा होने का अनुमान है।

भारतीय मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में यह आशंका व्यक्त की है। चक्रवाती तूफान का केंद्र अभी सौराष्ट्र के ऊपर है तथा अगले दो घंटों के दौरान यह सौराष्ट्र को पार कर केंद्र शासित प्रदेश दीव की ओर बढ़ जाएगा।

चक्रवाती तूफान पूर्व-मध्य सागर पर केंद्रित,अति तीव्र तूफ़ान में बदला अरब सागर का बवंडर ‘ताऊ ते’, गुजरात में भारी वर्षा की चेतावनी जारी;गृह मंत्री ने ‘ताउते’ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की attacknews.in

चक्रवाती तूफान ताउते पूर्व-मध्य सागर पर केंद्रित

हैदराबाद/अहमदाबाद/मुंबई/नईदिल्ली 16 मई । चक्रवाती तूफान ताउते रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे यह पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर केंद्रित रहा तथा पिछले कुछ घंटों के दौरान लगभग 11 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ उत्तर की ओर आगे बढ़ रहा है।

मौसम विज्ञान केंद्र ने रविवार को यहां विशेष बुलेटिन में यह जानकारी दी। केन्द्र ने बताया कि अगले 24 घंटों के दौरान चक्रवाती तूफान ताउते के और तेज होने की संभावना है। इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और सोमवार (17 मई) की शाम को गुजरात तट पर पहुंचने और मंगलवार (18 मई) की सुबह पाेरबंदर के आसपास और महुवा (भावनगर जिला) के बीच गुजरात के तटीय क्षेत्र को पार करने की अनुमान जताया गया है।

बुलेटिन में तेलंगाना के लिए अगले पांच दिनों के लिए चेतावनी जारी की गयी है कि चक्रवाती तूफान के आने पर अगले 24 घंटों के दौरान तेलंगाना के सभी जिलों में 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गरज और तेज हवाओं के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।

सोमवार को तेलंगाना में आदिलाबाद, कोमाराम भीम, मंचेरियल, निर्मल, निजामाबाद, नालगोंडा, सूर्यापेट, महबूबाबाद, वारंगल ग्रामीण, वारंगल शहरी, जंगोअन, सिद्दीपेट, नागरकुरनूल, वारनापार्थी, नारायणपेट और जोगुलांभा गडवाल जिलों के अलग-अलग स्थानों पर बिजली के कड़कने और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। वहीं मंगलवार को आदिलाबाद, कोमाराम भीम, मंचेरियल, जगत्याल, राजन्ना सिरिसियल, करीमनगर, पेड्डापल्ली, जयशंकर भूपालपल्ली, मुलुगु, भद्राद्री कोठागुडेम, खम्मम, नलगोंडा, सूर्यापेट, महबूबाबाद, वारंगल ग्रामीण, वारंगल शहरी, जांगोअन, तेलंगाना के सिद्दीपेट और नागरकुरनूल में गरज के साथ बारिश होने की संभावना जतायी गयी है।

अति तीव्र तूफ़ान में बदला अरब सागर का बवंडर ‘ताऊ ते’, गुजरात में भारी वर्षा की चेतावनी जारी;

अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफ़ान ताऊ ते अब अति तीव्र (वेरी सिवीयर) श्रेणी के तूफ़ान में परिवर्तित हो गया है तथा इसके अगले 24 घंटे में और विकराल रूप लेने और 18 मई की सुबह गुजरात के महुवा (भावनगर) और पोरबंदर के बीच से तट से टकराने का अनुमान व्यक्त किया गया है।

मौसम विभाग से आज मिली जानकारी के अनुसार यह तूफ़ान आज अपराहन 1130 बजे गुजरात के वेरावल तट से 620 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित था।इसके कल गुजरात तट के और क़रीब पहुंचने के दौरान हवाओं की रफ़्तार 155 से लेकर 185 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है। इसके साथ तटीय गुजरात में भावनगर, गिर सोमनाथ, अमरेली, पोरबंदर के अलावा अहमदाबाद, वडोदरा, भरूच, वलसाड आदि में भारी से अति भारी वर्षा भी हो सकती है।

ताउते के बीच अस्पतालों में बिजली एवं ऑक्सीजन आपूर्ति निर्बाध जारी जाएगी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आश्वस्त किया कि जब चक्रवाती तूफान राज्य के तटीय क्षेत्रों से टकरायेगा उस दौरान अस्पतालों में बिजली और ऑक्सीजन की आपूर्ति निर्बाध रहेगी।

श्री शाह ने आज सुबह एक वर्चुअल बैठक में महाराष्ट्र और गुजरात के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ दादर नगर हवेली के प्रशासकों द्वारा तैयारियों की समीक्षा की।

श्री ठाकरे ने कहा कि चक्रवाती तूफान ताउते के आने के बाद सभी बैकअप सिस्टम तुरंत चालू किए जाएंगे और मरीजों के उपचार में किसी तरह को कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुंबई में कोविड केन्द्रों से मरीजों को अन्य स्थाना पर स्थानांतरित किया जाएगा और सभी एहतियाती उपायों को किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तटीय क्षेत्रों में ऑक्सीजन के सुचारू उत्पादन और परिवहन को सुनिश्चित करने की योजना है और लोक निर्माण विभाग, पुलिस को इसके लिए विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि तटों पर झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को अन्य सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है।

मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने कहा कि डोलवी के 230 टन जेएसडब्ल्यू प्लांट, डोलवी आईनॉक्स के 120 टन, लिंडे तलोजा के 245 टन ईनोक्स रायगढ के 120 टन और लिंडे प्राक्स एयर मुरबाद के 120 टन सहित तटीय क्षत्रों में ऑक्सीजन उत्पादक संयंत्रों की सुरक्षा के संबंध में सभी तटीय क्षेत्र जिला कलेक्टरों और मुंबई नगर आयुक्त को निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर डोल्वी या फिर अन्य किसी ऑक्सीजन प्रोजेक्ट में किसी भी तरह की परेशानी आती है तो उसके वैकल्पिक प्रबंध किए गए हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शनिवार रात कहा कि चक्रवाती तूफान ताउते जो इस साल भारतीय तट पर सबसे पहले टकराने से पहले ही इसने गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले लिया है और यह गुजरात के तट की ओर बढ़ रहा है इसके साथ ही केंद्रशासित प्रदेश दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली और भी बढ रहा है।

चक्रवाती तूफान ताउत की केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र में भी कई क्षेत्रों में दस्तक देने की आशंका है। ताउते शब्द म्यांमार द्वारा सुझाया गया है, जिसका अर्थ बर्मी भाषा में ‘गेको’है जो एक विशिष्ट रूप से छिपकली का आकार है।

ताऊ ते तूफानः गोवा में भारी बारिश,तेज हवाओं के कारण बिजली गुल, एक की मौत

गोवा के रविवार को चक्रवाती तूफान ताऊ ते के कारण तेज हवाएं और भारी बारिश से बिजली के तार टूट कर गिर गये और खंभे उखड़ गए, जिसके कारण कई इलाकों में बिजली गुल हो गयी तथा पेड़ टूट कर गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी।

तेज हवाओं के कारण राज्य के कई हिस्सों में बिजली के तार टूट गए और खंभे उखड़ गए, जिससे सामान्य जीवन बाधित हो गया। चक्रवाती तूफान ताऊ ते के कारण भारी बारिश और पेड़ के टूट कर गिरने एक व्यक्ति की मौत हो गयी। बताया जा रहा है कि पीड़ित शीतल पाटिल (34) ने अंजुना में एक नारियल के पेड़ गिरने से घायल हो गयी थी, जिनकी बाद में मृत्यु हो गयी।

ताउते के कारण कोविड केन्द्रों के संचालन में बाधा न आये: कैबिनेट सचिव

कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने अधिकारियों से चक्रवाती तूफान ताउते के मद्देनजर तमाम एहितायती और जरूरी उपाय करने को कहा है जिससे कि प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द जनजीवन सामान्य बनाया जा सके और वहां स्थित कोविड देखभाल केन्द्रों के संचालन में किसी तरह की बाधा न आये।

श्री गाबा ने रविवार को वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की बैठक की अध्यक्षता की और अरब सागर में चक्रवाती तूफान ताउते के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा की।

बैठक में गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा , कर्नाटक , केरल और तमिलनाडु के मुख्य सचिवों के अलावा के केन्द्र शासित प्रदेशों लक्षद्वीप और दादरा नगर हवेली और दमन व दीव के प्रशासकों के सलाहकारों तथा विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों ने हिस्सा लिया।

श्री गाबा ने केन्द्रीय और राज्य एजेन्सियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए जोर देकर कहा कि प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए सभी उपाय किये जाने चाहिए जिससे कि जान माल का नुकसान न हो। बिजली , दूरसंचार और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं की बहाली के लिए भी तैयारी की जानी चाहिए ।

उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में कोविड देखभाल केन्द्रों के संचालन में बाधा न आये और वहां ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाये जाने चाहिए। उन्होंने संबंधित एजेन्सियों से राज्य सरकारों के साथ तालमेल बनाकर काम करने को कहा।

मुख्य सचिवों ने कैबिनेट सचिव को अपने अपने राज्यों की तैयारियों से अवगत कराया और कहा कि स्थिति से निपटने के लिए खाद्यान्न , पेयजल और अन्य अनिवार्य वस्तुओं का पर्याप्त भंडार रखा गया है।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की ओर से बताया गया कि प्रभावित क्षेत्रों में 79 टीमें तैनात की गयी हैं और 22 अतिरिक्त टीमों को तैयार रहने के लिए कहा गया है। सेना , नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल की बचाव और राहत टीमों को की भी तैनाती की गयी है।

गृह मंत्री ने ‘ताउते’ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों तथा दमन एवं दीव और दादर नगर हवेली के प्रशासक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक उच्चस्तरीय बैठक में चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ से निपटने की तैयारियों की आज समीक्षा की।

प्रधानमंत्री द्वारा शनिवार को चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ से निपटने की तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा के बाद श्री शाह ने रविवार को समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक का आयोजन स्थिति से निपटने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों एवं एजेंसियों की तैयारियों का आकलन करने के लिए किया गया था।

बैठक में गृह मंत्री ने विशेषकर चक्रवात से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में मौजूद सभी स्वास्थ्य केंद्रों की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने राज्‍य प्रशासन और जिला कलेक्‍टरों को निर्देश दिया कि वे सभी कोविड अस्पतालों, लैब, वैक्सीन कोल्ड चेन और अन्य चिकित्सा केंद्रों में पावर बैकअप की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें। इसके अलावा उन्होंने वाहनों की आवाजाही में संभावित व्यवधान को ध्यान में रखते हुए अस्पतालों में सभी आवश्यक दवाओं और आपूर्ति का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने की भी सलाह दी। चक्रवात के मार्ग में पड़ने वाले संभावित स्वास्थ्य केंद्रों को नुकसान से बचाने और रोगियों की सुरक्षित निकासी के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया गया।

श्री शाह ने ऑक्सीजन उत्‍पादन संयंत्रों के निकट स्थापित अस्थायी अस्पतालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया और कहा कि जरूरत पड़ने पर वहां के मरीजों को अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित किया जा सकता है।

उन्होंने महाराष्ट्र और गुजरात में स्थित ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों पर चक्रवात के प्रभाव की भी समीक्षा की। साथ ही दो दिनों के लिए ऑक्सीजन का बफर स्टॉक रखने और आवंटित राज्यों में ऑक्सीजन टैंकरों की आवाजाही के लिए अग्रिम योजना बनाने के निर्देश भी दिए ताकि किसी भी व्यवधान की स्थिति में आवंटित राज्यों को आपूर्ति प्रभावित न हो। गृह मंत्री ने अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु बिजली संयंत्रों की सुरक्षा के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि गुजरात में चक्रवात से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों में अनेक औद्योगिक क्षेत्र हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और इसके साथ ही उद्योग भी सतर्क रहें।

गृह मंत्री ने उन्हें केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियों की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए अधिकतम संसाधनों, जिनमें सरकारी और निजी दोनों ही शामिल हैं, का उपयोग किया जाना चाहिए।

गृह मंत्री ने जिला कलेक्टरों को निजी उद्योगों के साथ उचित समन्वय स्थापित करने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि उनके आपदा प्रबंधन प्रकोष्‍ठ को पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए। जिला कलेक्टरों से स्थानीय स्तर पर सामाजिक उद्देश्‍य के लिए काम करने वाले संगठनों और स्वयंसेवकों के साथ निकटता से जुड़ने के लिए भी कहा गया। श्री शाह ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि देश इस नई आपदा से सफलतापूर्वक निपटने में सक्षम साबित होगा।

श्री शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय में एक नियंत्रण कक्ष कार्यरत है, जिससे राज्यों द्वारा किसी भी समय किसी भी सहायता के लिए संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय तटरक्षक बल, नौसेना, सेना एवं वायु सेना की इकाइयों को भी तैयार रखा गया है और निगरानी विमान एवं हेलीकॉप्टर हवाई निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव उपाय करने का निर्देश दिया कि लोगों की सुरक्षित निकासी हो जाए और इसके साथ ही स्वास्थ्य और ऑक्सीजन केंद्रों, बिजली, दूरसंचार, पेयजल आदि सहित सभी आवश्यक सेवाओं का रखरखाव सुनिश्चित किया जाए। उन्‍होंने यह भी निर्देश दिया कि इन्‍हें कोई नुकसान होने की स्थिति में इन्हें तुरंत बहाल कर दिया जाए।

गुजरात और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों ने ऑक्सीजन उत्‍पादन संयंत्रों के निर्बाध रूप से कार्यरत रहने और सभी स्वास्थ्य केंद्रों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करने का आश्वासन दिया।

बैठक में कैबिनेट सचिव, गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा बिजली मंत्रालय में सचिव, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव, एनडीएमए के सदस्य, मौसम विभाग और एनडीआरएफ के महानिदेशक, गुजरात और महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, दमन व दीव और दादर नगर हवेली के प्रशासक के सलाहकार, गुजरात और महाराष्ट्र के आपदा प्रबंधन सचिव व संबंधित जिला कलेक्टर और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
गृह मंत्रालय राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश तथा संबंधित केंद्रीय एजेंसियों के निरंतर संपर्क में है। एनडीआरएफ ने 50 टीमों को पहले से ही तैनात कर रखा है जो नावों, पेड़ काटने वाली मशीनों, दूरसंचार उपकरणों, इत्‍यादि से लैस हैं और इसके साथ ही गुजरात में तैनाती के लिए 15 अतिरिक्त टीमों को हवाई मार्ग से पहुंचाया जा रहा है।

भारत में कोरोना महामारी और जनता कर्फ्यू की आपाधापी के बीच सही समय पर पहुंचा बारिश का माॅनसून 31 मई तक केरल पहुंचेगा attacknews.in

नयी दिल्ली 14 मई । भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने दक्षिण पश्चिम माॅनसून के 31 मई तक केरल पहुंचने की संभावना व्यक्त की है।

आईएमडी की ओर से शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया, “इस वर्ष दक्षिण पश्चिम मॉनसून केरल में 31 मई को पहुंच सकता है, हालांकि इस अनुमान में चार दिन कम या ज्यादा हो सकते हैं।” दक्षिणपश्चिम मॉनसून 22 मई के आसपास अंडमान सागर में पहुंचेगा। अरब सागर के ऊपर चक्रवात बनने के आसार हैं ऐसे में सागर के ऊपर भूमध्यरेखा से गुजरने वाली दक्षिण पछुआ हवाएं तेज हो गई हैं।

गौरतलब है कि जैसे-जैसे मानसून उत्तर की ओर बढ़ता है, क्षेत्रों में चिलचिलाती गर्मी के तापमान से राहत का अनुभव मिलता है। दक्षिण पश्चिम मानसून एक जून को लगभग सात दिनों के मानक विचल के साथ केरल में आ जाता है।

आईएमडी 2005 से केरल में मानसून के आरंभ की तारीख के लिए संक्रियात्मक पूर्वानुमान जारी कर रहा है।
भारतीय मानसून क्षेत्र में, मानसून की शुरुआती बारिश दक्षिण अंडमान सागर से होती है और उसकी बाद मानसूनी हवाएं उत्तर पश्चिम दिशा में बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ती हैं। मानसून की नई सामान्य तारीखों के मुताबिक दक्षिणपश्चिम मानसून 22 मई के आसपास अंडमान सागर में पहुंचेगा। विभाग ने इस वर्ष मानसून सामान्य रहने का अनुमान जताया है।

उल्लेखनीय है कि पिछले 16 वर्षों (2005-2020) के दौरान केरल में मानसून के आरंभ की तारीख का आईएमडी के संक्रियात्मक पूर्वानुमान वर्ष 2015 को छोड़कर सही साबित हुआ है। केरल के ऊपर 2021 के दक्षिण पश्चिम मानसून आरंभ के लिए पूर्वानुमान की बात करें तो इस वर्ष केरल के ऊपर दक्षिण पश्चिम मानसून के आरंभ की तारीख प्लस माइनस चार दिनों की मॉडल त्रुटि के साथ 31 मई होने की संभावना है।

ओ री चिरैया कहां तू चली गई:अब भी उपयुक्त कदम नहीं उठाया तो गौरैया की बातें दादी नानी की कहानियों तक ही सीमित रह जायेंगी;पिछले 40 साल में गौरैया की संख्या में करीब 60 प्रतिशत की कमी आई attacknews.in

मेरठ/इटावा 21 मार्च । बढ़ती आबादी के दबाव में छोटे और पक्के मकानों ने गौरैया के घरौंदे को इस तरह नुकसान पहुंचाया कि वह आज लुप्त होने के कगार पर पहुंच गई है और उसकी चहचहाहट सुनने के लिये कान तरसने लगे हैं।

आम जुबान में गौरैया या चिरैया के नाम से जाने जानी वाली इस घरेलू चिड़िया ने इंसानों के साथ जीना सीख लिया था। साथ रहने से उसकी खाने पीने और अपनी आबादी बढ़ाने की तमाम जरूरतें जो पूरी हो रही थीं।

ग्यारह हजार साल के इस साथ में उस समय से विकट स्थिति आ गई जब तेजी से बढ़ती इंसानी आबादी की वजह से लोगों के रहने सहने का ढंग बदलने लगा।

इसके नतीजे में छोटे पक्के मकानों ने बड़े और कच्चे मकानों की जगह ले ली।

आंकड़े बताते हैं कि पिछले 40 साल में गौरैया की संख्या में करीब 60 प्रतिशत की कमी आई है।

विश्व गौरेया दिवस पर संस्था हरितिमा की ओर से यहां इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हॉल में गौरैया संरक्षण पर एक कार्यक्रम किया गया।

उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक एनके जानू ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गौरैया संरक्षण के लिये एक कार्य योजना की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि सिर्फ घोंसले बनाने से ही काम नहीं चलेगा बल्कि उनके लिये दाने और पानी की भी व्यवस्था की जानी चाहिये।

श्री जानू ने कहा कि अगर अब भी उपयुक्त कदम नहीं उठाया गया तो गौरैया की बातें दादी नानी की कहानियों तक ही सीमित रह जायेंगी।

उन्होंने कहा कि इस छोटी चिड़िया के लुप्त होने से हमारा पारिस्थितिकी तंत्र पूरी तरह बिगड़ जायेगा।

इस अवसर पर बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री साइंटिस्ट, मुम्बई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा रजत भार्गव ने आवाहन किया कि आज हमें नन्हीं गौरैया को इस धरा पर चहकने के लिये एक आदर्श वातावरण देने का संकल्प लेना चाहिये।

इस अवसर पर डा भार्गव की एक पुस्तक ‘ओ री चिरैया’ का विमोचन भी किया गया।

संकटग्रस्त गौरैया चिड़िया का सबसे बड़ा संरक्षक बना इटावा

इधर गौरैया चिड़िया भले ही देश दुनिया से गायब नजर आ रही हो लेकिन उत्तर प्रदेश के इटावा में घर घर मे गौरैया की मौजूदगी ने हर किसी को बेहद खुश कर दिया है।

ऐसा कहा जा रहा है कि गौरैया चिड़िया को लेकर हर ओर उनके संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने की पहल का व्यापक असर कही अगर देखना है तो फिर इटावा आना पड़ेगा ।

फ्रैंडस कालौनी मुहाल मे रहने वाले वकील विक्रम सिंह यादव के घर गौरैया चिडिया नेे लाॅकडाउन के दरम्यान दो अंडे दिये । जिनमे से अब बच्चे बाहर आ चुके है । बच्चों की सुरमयी चहचहाट से गदगद विक्रम ने कहा कि वो बेहद खुश इस बात से बने हुए है कि उनका परिवार गौरैया संरक्षण की सही भूमिका अदा कर रहा है ।
अखिलेश सरकार में गौरैया के संरक्षण की दिशा में चलाए गए प्रदेश व्यापी अभियान का यह असर हुआ लोगो को यह समझ आ गया कि गौरैया गायब हो रही है । उसको बचाने की दिशा में घोसले आदि लगाने से भी काफी कुछ बदलाव हुआ है । आज उन्ही घोसले मे दो सैकडा के आसपास घरो मे गौरैया अंडे देने के बाद बच्चे दे रही है ।