दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या बढ़कर 58,62,560 हो गयी है तथा संक्रमितों की संख्या बढ़कर 41,96,83,838 हो गयी है।
अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के कोरोना वायरस रिसोर्स सेंटर की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, अब तक विश्व भर में कोराेना वैक्सीन की कुल 10,30,46,87,211 डोज दी जा चुकी है।
दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के शीर्ष दस देशों में अमेरिका पहले स्थान पर है, जहां इस महामारी के कुल मामलों की संख्या 7,82,69,443 और अब तक कुल 9,31,741 लोगों की मौत हो चुकी है। दूसरे स्थान पर भारत है, जहां कोविड संक्रमितों की कुल संख्या 4,27,80,235 हो गई है जबकि कोविड-19 के कारण अब तक जान गंवाने वाले लोगों का आंकड़ा बढ़कर 5,10,905 हो गया है।
इसके बाद इटली तीसरे स्थान पर है, जहां संक्रमितों की कुल संख्या 1,23,23,398 है, जबकि देश में मृतकों का आंकड़ा 1,52,282 हो गया है।
ब्राजील में कोरोना से अब तक 2,79,40,119 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 6,42,156 लोगों की मौत हो चुकी है।
फ्रांस में कोविड-19 से 2,22,23,882 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 1,37,143 लोगों की मौत हुई है।
जर्मनी में वैश्विक महामारी से अभी तक 1,33,09,040 लोग प्रभावित हुए हैं। देश में मृतकों का आंकड़ा 1,20,997 तक पहुंच गया है।
वहीं, ब्रिटेन में अभी तक करीब 1,86,28,702 लोग इस महामारी से प्रभावित हो चुके हैं, जबकि 1,60,785 लोगों की इस जानलेवा वायरस से मौत हो चुकी है।
स्पेन में कोरोना से अब तक 1,07,78,607 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 97,710 लोगों की मौत हो चुकी है।
रूस में कोरोना के मामलों की संख्या बढ़कर 1,46,24,423 हो गई है और इस महामारी से अब तक 3,36,299 लोगों की मौत हो गयी है।
तुर्की में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 1,32,66,265 हो गई है। देश में कोरोना संक्रमण से अब तक 91,646 लोग जान गंवा चुके हैं।
महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी मामले में अब ठाणे पुलिस ने कालीचरण महाराज को किया गिरफ्तार attacknews.in
ठाणे (महाराष्ट्र), 20 जनवरी । महाराष्ट्र के ठाणे शहर की पुलिस ने महात्मा गांधी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में हिंदू धर्मगुरु कालीचरण महाराज को छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
नौपाड़ा थाने के एक अधिकारी ने बताया कि कालीचरण महाराज को बुधवार रात छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से गिरफ्तार किया गया, जहां वह ऐसे ही एक मामले में जेल में बंद था। उसे ट्रांजिट रिमांड पर ठाणे लाया जा रहा है और बृहस्पतिवार शाम तक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा।
इससे पहले, पिछले साल 26 दिसंबर को छत्तीसगढ़ की राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करने के आरोप में रायपुर पुलिस ने कालीचरण महाराज को गिरफ्तार किया था। वहीं, 12 जनवरी को महाराष्ट्र के वर्धा की पुलिस ने उसे इसी तरह के एक मामले में गिरफ्तार किया था।
नौपाड़ा थाने के अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपिता के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एवं महाराष्ट्र के मंत्री जितेंद्र अव्हाड की शिकायत के आधार पर कालीचरण के खिलाफ दर्ज मामले में रायपुर से उसे गिरफ्तार किया गया।
इससे पहले, पुणे पुलिस ने भी 19 दिसंबर 2021 को वहां आयोजित ‘शिव प्रताप दिन’ कार्यक्रम में कथित रूप से भड़काऊ भाषण के मामले में कालीचरण महाराज को गिरफ्तार किया था। छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा मुगल सेनापति अफजल खान को मारे जाने की घटना की याद में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
‘अकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज’ द्वारा फरवरी 2022 में होने वाले ऑस्कर पुरस्कारों को एक महीने के लिए टाला गया attacknews.in
लॉस एंजिलिस, 28 मई । ऑस्कर पुरस्कारों का आयोजन करने वाले ‘अकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज’ (एएमपीएएस) ने 2022 में होने वाले समारोह को एक महीने के लिए टालने का फैसला किया है।
एएमपीएएस ने एक बयान में कहा कि यह पुरस्कार समारोह पहले 27 फरवरी को होना था और अब यह 27 मार्च 2022 को आयोजित किया जाएगा।
हालांकि, अकेडमी पुरस्कारों के लिए पात्रता 31 दिसंबर तक की ही रहेगी।
पिछले समारोह में अकेडमी ने कोविड-19 महामारी के कारण पात्रता में बदलाव करते हुए इसे 28 फरवरी 2021 तक के लिए बढ़ा दिया था।
अब एक बार फिर उन फिल्मों को पुरस्कारों की दौड़ में शामिल होने का मौका मिलेगा जिन्हें थिएटरों में रिलीज किया जाना था लेकिन इसके बजाय उन्हें ऑनलाइन रिलीज किया गया।
सशस्त्र बल कार्मिकों एवं पूर्व सैनिकों को टेली-मेडिसिन सेवाएं प्रदान करने के लिए सेहत ओपीडी पोर्टल का शुभारंभ attacknews.in
नईदिल्ली 27 मई ।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘सर्विसेज़ ई-हेल्थ असिस्टेन्स एवं टेली-कंसल्टेशन (सेहत) ओपीडी पोर्टल शुरू किया। यह पोर्टल सेवारत सशस्त्र बलों कार्मिकों, पूर्व सैनिकों तथा उनके परिवारों को टेली-मेडिसिन सेवाएं प्रदान करता है। वेबसाइट
पर रजिस्ट्रेशन कराकर इन सेवाओं का लाभ उठाया जा सकता है। यह उन्नत सुरक्षा सुविधाओं के साथ सेहत ओपीडी पोर्टल का अंतिम संस्करण है। इसका परीक्षण संस्करण अगस्त 2020 में शुरू किया गया था। सैन्य सेवा के डॉक्टरों द्वारा बीटा संस्करण पर 6500 से अधिक चिकित्सा परामर्श पहले ही दिए जा चुके हैं।
इस अवसर पर श्री राजनाथ सिंह ने सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए), सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाएं (एएफएमएस), एकीकृत रक्षा स्टाफ (आईडीएस), प्रगत संगणन विकास केन्द्र (सी-डैक) मोहाली और पोर्टल के विकास में शामिल अन्य संगठनों की सराहना करते हुए कहा कि यह डिजिटल इंडिया और ई-गवर्नेंस के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने रेखांकित किया, ‘हमेशा से हमारा प्रयास रहा है कि हमारे देशवासियों को बेहतर, तेज और पारदर्शी सुविधाएं प्रदान की जाएं। रक्षा मंत्री ने सेहत ओपीडी पोर्टल को नवाचार का एक बड़ा उदाहरण बताया, खासकर ऐसे समय में जब राष्ट्र कोविड-19 महामारी से लड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल से अस्पतालों का भार कम करने में मदद मिलेगी और मरीज आसान और प्रभावी तरीके से संपर्क रहित परामर्श प्राप्त कर सकेंगे।
रक्षा मंत्री ने एएफएमएस से आग्रह किया कि वे इस पोर्टल पर विशेषज्ञ डॉक्टरों को जोड़ने पर विचार करें और सेवाकर्मियों के घरों में दवाओं के वितरण की सेवा को शामिल करें। उन्होंने कहा कि इससे अतिरिक्त सेवाएं उपलब्ध होंगी और सशस्त्र बलों के कर्मियों को अधिक सुविधा सुनिश्चित होगी। श्री राजनाथ सिंह ने सुझाव दिया कि सेवाओं के बेहतर वितरण के लिए लाभार्थियों का नियमित फीडबैक लिया जाना चाहिए।
श्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और सशस्त्र बलों द्वारा दूसरी कोविड-19 लहर के खिलाफ लड़ाई में निभाई जा रही भूमिका की सराहना की। उन्होंने डीआरडीओ द्वारा दिल्ली, लखनऊ, गांधीनगर और वाराणसी सहित देश भर में कई स्थानों पर स्थापित किए जा रहे कोविड अस्पतालों और ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों के साथ-साथ वायरस से लड़ने के लिए 2-डीजी दवा के विकास का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कोविड अस्पतालों में अतिरिक्त चिकित्सा पेशेवरों की तैनाती और मामलों में वृद्धि से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एएफएमएस की भी सराहना की। श्री राजनाथ सिंह ने देश-विदेश के भीतर से समय पर ऑक्सीजन और अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों के परिवहन के लिए अथक परिश्रम करने के लिए भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना की सराहना की। उन्होंने उनसे आग्रह किया कि वे अपनी मुहिम में ढिलाई न लाएं और कोविड-19 के खिलाफ युद्ध जीतने तक समर्पण के साथ अपने प्रयास जारी रखें।
इस अवसर पर रक्षा प्रमुख जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, डीजी एएफएमएस सर्जन वाइस एडमिरल रजत दत्ता, डिप्टी चीफ आईडीएस (मेडिकल) लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ सिविल तथा सैन्य अधिकारी मौजूद रहे।
शिवराज सिंह चौहान ने बताया:ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में ‘किल कोरोना अभियान’ को मिल रहे जन-सहयोग से संक्रमण की चेन तोड़ने में।मिली सफलता,पॉजिटिविटी रेट घटकर आज 10.68 प्रतिशत हुआ attacknews.in
भोपाल, 16 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में ‘किल कोरोना अभियान’ को मिल रहे जन-सहयोग से कोरोना की संक्रमण की चेन तोड़ने में सफलता मिल रही है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर (पॉजिटिविटी रेट) घटकर आज 10.68 प्रतिशत रह गई है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री चौहान ने एक वीडियो संदेश में बताया कि प्रदेश के कुछ जिलों में तो पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से कम रह गई है। आज 7 हजार 106 नये कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। लगभग 12 हजार 345 कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ्य हुए हैं। रिकवरी दर आज 86.10 प्रतिशत रही।
श्री चौहान ने कहा कि किल कोरोना अभियान के अंतर्गत घर-घर सर्वे टीम पहुँच रही है। सर्दी-जुखाम और बुखार से पीड़ित मरीज अपने इन लक्षणों को छुपाये नहीं बल्कि बतायें, ताकि उनका समुचित इलाज किया जा सके, जिससे दवाइयों की किट उन्हें उपलब्ध कराई जा सके। इस समय रिकवरी दर अधिक है। प्रदेश के 52 जिलों में कुल 354 कोविड केयर सेंटर प्रारंभ किए जा चुके हैं, जिसमें थोड़े लक्षण वाले रोगियों को रखा जा रहा है। इनमें वर्तमान में कुल 21 हजार 988 बेड्स हैं। इनमें से 3 हजार 240 ऑक्सीजन बेड्स स्थापित किए जा चुके हैं। बेड्स की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक कुल 22 हजार 404 संस्थागत क्वारेंटाइन सेंटर्स बनाए जा चुके हैं, जिसमें 2 लाख 69 हजार 309 से अधिक बेड्स स्थापित किए गए हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित सभी कोविड केयर सेंटर्स और संस्थागत क्वारेंटाइन सेंटर्स में रहने वाले शत-प्रतिशत मरीजों को मेडिकल किट और हेल्थ ब्रोशर्स प्रदान किए जा रहे हैं।
प्रदेश के 313 विकासखंडों में और 50 हजार 546 ग्रामों में संकट प्रबंधन समूहों का गठन किया जा चुका है। शहरी क्षेत्र में 407 स्थानीय निकायों और 7 हजार 568 वार्ड में वार्ड स्तरीय संकट प्रबंधन समिति का गठन किया जा चुका है। पोर्टल पर अपडेशन का कार्य किया जा रहा है। जिलों में भाप केन्द्रों की व्यवस्था भी की गई है। 46 जिलों में 2 हजार 158 भाप केन्द्र क्रियाशील है।
कोरोना वायरस से बचाव को दृष्टिगत रखते हुए महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ राज्य एवं मध्यप्रदेश राज्य के बीच अंतर्राज्यीय बस परिवहन सेवा को 23 मई तक स्थगित रखने के आदेश जारी किए गए हैं। ब्लैक फंगस के उपचार के लिये कम से कम 24 हजार एम्फोटेरिसिन बी-50 एमजी दवा प्रदेश को आवंटित करने के लिए केन्द्रीय राज्य मंत्री, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय से अनुरोध किया गया है।
कोविड-19 महामारी के दौरान राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा (ई-संजीवनी) के जरिए 50 लाख से ज्यादा मरीजों की सेवा की गयी;हर दिन 1,500 से अधिक डॉक्टर देते हैं सेवाएँ attacknews.in
ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म के माध्यम से दूरस्थ सेवा देते हैं
कुछ राज्य विशेष होम आइसोलेशन ओपीडी लाने की दिशा में काम कर रहे हैं जहां एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र दूरस्थ रूप से कोविड-19 के लिए मरीजों की जांच कर सकते हैं
नईदिल्ली 14 मई । लगभग एक वर्ष में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की प्रमुख राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी के जरिए 50 लाख (आधे करोड़ से अधिक) मरीजों की सेवा की गयी है।
मंत्रालय ने अप्रैल 2020 में मरीजों के लिए डॉक्टरों की दूरस्थ परामर्श सेवाएं शुरू की थीं, जबकि देश में पहले लॉकडाउन के दौरान ओपीडी बंद थे।
देश के 31 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में ई-संजीवनी पहल चालू है और देश भर में हरदिन लगभग 40,000 मरीज स्वास्थ्य सेवा वितरण के इस संपर्क रहित और जोखिम रहित तौर-तरीके का उपयोग कर रहे हैं।
ई-संजीवनी के दो मॉड्यूल हैं:
ई-संजीवनी एबी-एचडब्ल्यूसी- डॉक्टर टू डॉक्टर टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म- को भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत हब और स्पोक मॉडल में देश के सभी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों पर लागू किया जा रहा है। अब तक ई-संजीवनीएबी-एचडब्ल्यूसी को 18,000 से ज्यादा स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों और 1,500 से ज्यादा हब में लागू किया गया है और दिसंबर 2022 तक टेलीमेडिसिन 1,55,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में चालू हो जाएगा। नवंबर 2019 में ई-संजीवनीएबी-एचडब्ल्यूसी को शुरू कर दिया गया था और 22 राज्यों ने इस डिजिटल मोडेलिटी का उपयोग करना शुरू कर दिया है, जहां 20 लाख के करीब मरीजों को डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं दी गई हैं। विशेषज्ञों, डॉक्टरों और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों सहित कुल मिलाकर सभी 21,000 से अधिक उपयोगकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है और ई-संजीवनीएबी-एचडब्ल्यूसी से जोड़ा गया है।
राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा का दूसरा मॉड्यूल ई-संजीवनीओपीडी है। इसे 28 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में शुरू किया गया है। ई-एसंजीनीओपीडी पर 350 से अधिक ओपीडी स्थापित किए गए हैं, इनमें से 300 से अधिक विशिष्ट ओपीडी हैं। 30,00,000 से अधिक मरीजों को ई-संजीवनीओपीडी के माध्यम से सेवा दी गई है, जो निशुल्क सेवा है। डिजिटल स्वास्थ्य का यह मॉड्यूल नागरिकों को उनके घर की चारदीवारी में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने को सक्षम बनाता है।
महामारी शुरू होने के बाद से, मरीजों और डॉक्टरों के बीच स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा को तेजी से और व्यापक रूप से अपनाया गया है। ई-संजीवनी पहले से ही जरूरत से ज्यादा भार उठा रही देश की स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली की एक समानांतर धारा के रूप में प्रदर्शन कर रही है। पिछले साल अप्रैल में शुरू किए जाने के समय, ई-संजीवनी की गैर-कोविड संबंधित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के मॉड्यूल के रूप में परिकल्पना की गयी थी, लेकिन ई-स्वास्थ्य के मॉड्यूल के संभावित लाभों को ध्यान में रखते हुए राज्यों ने कोविड-19 से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की खातिर ई-संजीवनी के इस्तेमाल के लिए तेजी सेप्रक्रियाएं और कार्य प्रगति तैयार की।राज्यों ने घरों में अलग-थलग रह रहे कोविड-19 के मरीजों की निगरानी और प्रबंधन के लिए ओपीडी स्थापित किए हैं।
कुछ राज्य विशेष होम आइसोलेशनओपीडी को चालू करने की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसमें मरीजों की कोविड-19 के लिए जांच की जाएगी। ये राज्य दूरस्थ रूप से कोविड-19 की जांच संबंधी उद्देश्यों के लिए एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्रों को शामिल करने की योजना बना रहे हैं। कोविड मामलों के बढ़ते भार के कारण, कुछ राज्यों में ई-संजीवनीका चौबीसों घंटे इस्तेमाल किया जा रहा है। तमिलनाडु ई-संजीवनी पर 10 लाख से अधिक परामर्श दर्ज करने वाला पहला राज्य है। रक्षा मंत्रालय ने भी कुछ राज्यों में जनता को अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाओं के वरिष्ठ डॉक्टरों को शामिल किया है।
मोहाली में सी-डैक के केंद्र में, ई-संजीवनीके निर्माता ई-संजीवनीओपीडी में एक और नवीनसुविधा जोड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं, जो ई-संजीवनीओपीडीपर नेशनलओपीडी शुरू करने में सक्षम करेगा। ये नेशनलओपीडी डॉक्टरों को देश के किसी भी हिस्से में मरीजों को दूरस्थ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाएंगे। यह कुछ हद तक देश के विभिन्न क्षेत्रों में डॉक्टरों और विशेषज्ञों की कमी और असमान वितरण जैसी चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा।
ई-संजीवनी अपनाने वाले शीर्ष 10 राज्यों में तमिलनाडु (1044446), कर्नाटक (936658), उत्तर प्रदेश (842643), आंध्र प्रदेश (835432), मध्य प्रदेश (250135), गुजरात (240422), बिहार (153957), केरल (127562), महाराष्ट्र (127550) और उत्तराखंड (103126) शामिल हैं।
उत्तरप्रदेश के बराबंकी में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के आठ तस्कर गिरफ्तार,15 करोड़ की मारफीन बरामद attacknews.in
बाराबंकी, 24 मार्च । उत्तर प्रदेश की बाराबंकी पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के आठ सदस्यों को आज जैदपुर इलाके से गिरफ्तार कर उनके कब्जे से पांच किलो मारफीन बरामद की, जिसकी कीमत 15 करोड़ रुपए आंकी गई है।
पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बुधवार का यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अपराध पर अंकुश लगाने के लिए जिले में अपराधियों के विरूद्ध अभियान चलाया जा रहा है। आज मुखबिर की सूचना पर जैदपुर पुलिस ने आठ तस्करों को चन्दौली माईनर पुलिया एवं चन्दौली गांव से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार तस्करों के पास कब्जे से पांच किलो 150 ग्राम मारफीन ,एक कार बरामद की ।
आसमान से गिरी बिजली की चपेट से ट्रक पलटने के बाद साढ़े चार सौ घरेलू गैस सिलेंडर दीपावली के बमों की तरह एकसाथ घंटों फूटते रहे और धमाके होते रहे attacknews.in
जयपुर 24 मार्च । राजस्थान के भीलवाड़ा में जयपुर-कोटा हाईवे पर हनुमान नगर के पास आकाशीय बिजली गिरने से गैस सिलेंडर से भरा एक ट्रक पलट गया और उसमें आग लग जाने से सिलेंडर फटने से धमाके हुए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार रात आकाशीय बिजली गिरने से सड़क पर चल रहा करीब साढ़े चार सौ घरेलू गैस सिलेंडर से भरा ट्रक पलट गया और उसमें आग लग गई। इससे सिलेंडर फटने लगे और करीब दो-ढाई घंटे तक सिलेंडरों में धमाके होते रहे। ट्रक पलटने एवं आग से चालक एवं खलासी घायल हो गए। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। मौके पर दमकल गाड़ी भी पहुंची, लेकिन सिलेंडरों में विस्फोट एवं भीषण आग के कारण पास जाने की हिम्मत नहीं हुई और बाद में आग के कमजोर पड़ने एवं धमाके बंद होने पर उस पर काबू पाया गया
हादसे के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -52 बंद हो गया और सुबह कोटा, अजमेर और जयपुर जाने वाले यात्रियों को मार्ग बदलकर जाना पड़ा। हादसे के बाद मौके पर पुलिस पहुंची और गैस कंपनी के कर्मचारियों को भी बुलाया गया।
सड़क पर ट्रक जल गया और उसके चारो तरफ सिलेंडर ही सिलेंडर बिखरे पड़े थे। सिलेंडर फटने से उनके टुकड़े दूर दूर तक बिखर गए। सुबह से सिलेंडरों के टुकड़ों एकत्रित किया गया।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग(एचएसएससी) की ग्राम सचिव परीक्षा का लीक हुआ पेपर;आंसर-की उपलब्ध करवाने वाला हवलदार गिरफ्तार, एक और का नाम आया सामने attacknews.in
जींद, 21 मार्च। हरियाणा की जींद शहर थाना पुलिस ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग(एचएसएससी) की ग्राम सचिव परीक्षा में एक परीक्षार्थी को आंसर-की उपलब्ध कराने वाले राज्य पुलिस के एक हवलदार विजय को गिरफ्तार किया है।
शहर थाना प्रभारी डा. सुनील ने बताया कि ग्राम सचिव परीक्षार्थी को आंसर भेजने के आरोप में हवलदार विजय को गिरफ्तार कर अदालत से दो दिन के रिमांड पर लिया है। उन्होंने बताया कि आरोपी से अब तक की पूछताछ में इस मामले में एक और हवलदार सुनील का नाम सामने आया है जिसकी धरपकड़ के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
उल्लेखनीय है कि एचएसएससी की एक टीम ने गत दस जनवरी को बाल आश्रम स्कूल में ग्राम सचिव की परीक्षा के दौरान हाट गांव निवासी सीमा को आंसर-की के साथ पकड़ा था। पुलिस पूछताछ में सामने आया था कि सीमा को यह आंसर-की वहाट्सएम के माध्यम से भिवानी निवासी विजय ने भेजी थी। पुलिस ने सीमा तथा विजय के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सीमा इस मामले में न्यायिक हिरासत में है जबकि विजय के हत्थे चढ़ने पर उसे दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। उसने प्रारम्भिक पूछताछ में बताया कि उसे आंसर-की एक अन्य हवलदार सुनील ने उपलब्ध कराई थी जिसे बाल आश्रम स्कूल में परीक्षा दे रही सीमा को भेजा था। पेपर पास होने के बाद तीन लाख रुपये देने की बात हुई थी। पुलिस अब सुनील की तलाश में जुट गई है फिलहाल वह फरार है।
देश में रोजगार प्रोत्साहन के लिये नई योजना की घोषणा, नये लोगों की भर्ती पर दी जायेगी पीएफ सहायता, कोविड-19 टीके पर शोध के लिए 900 करोड़ रुपये अनुदान,65,000 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी का ऐलान attacknews.in
नयी दिल्ली, 12 नवंबर । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को रोजगार प्रोत्साहन के लिये नई योजना की घोषणा की। इसके तहत नई नियुक्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को भविष्य निधि योगदान में सहायता प्रदान की जाएगी।
योजना के तहत उद्योगों को नई नियुक्तियों पर उनके कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योगदान पर कर्मचारी के साथ साथ नियोक्ता के हिस्से का योगदान भी सरकार की तरफ से किया जायेगा।
सीतारमण ने कहा कि इसके तहत सेवानिवृत्ति कोष में कर्मचारियों का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) और नियोक्ता का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) यानी कुल वेतन का 24 प्रतिशत हिस्सा अगले दो साल के दौरान नई नियुक्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को दिया जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में पंजीकृत प्रतिष्ठानों को नए कर्मचारियों की नियुक्ति पर यह सब्सिडी मिलेगी।
वित्त मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन पाने वाले नए कर्मचारी को ही शामिल किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि कि इसमें 15,000 से कम वेतन पाने वाले ऐसे कर्मचारी भी शामिल होंगे, जिन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान नौकरी से निकाल दिया गया था और वे एक अक्टूबर 2020 को या उसके बाद दोबारा जुड़े हैं।
योजना के दायरे में ईपीएफओ के पास पंजीकृत प्रतिष्ठान आएंगे। नये कर्मचारियों का आकलन सितंबर 2020 की स्थिति से किया जाएगा।
इस योजना का लाभ लेने के लिए अधिकतम 50 कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कम से कम दो नई भर्तियां करनी होंगी, जबकि जिन प्रतिष्ठानों में 50 से अधिक कर्मचारी हैं, उन्हें कम से कम पांच नई नियुक्ति करनी होगी।
योजना 30 जून, 2021 तक परिचालन में रहेगी।
नई रोजगार सृजन योजना की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को नई रोजगार सृजन योजना की घोषणा की, जिसके तहत नई भर्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को सब्सिडी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सब्सिडी के तहत दो साल के लिए सेवानिवृत्ति निधि में कर्मचारियों के साथ ही नियोक्ताओं के योगदान को भी शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) और नियोक्ता का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत), इस तरह कुल वेतन का 24 प्रतिशत हिस्सा अगले दो वर्षों के लिए नई भर्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को दिया जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में पंजीकृत प्रतिष्ठानों को नए कर्मचारियों की भर्ती पर यह सब्सिडी मिलेगी।
वित्त मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन पाने वाले नए कर्मचारी को गिना जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसमें 15,000 से कम वेतन पाने वाले ऐसे कर्मचारी भी शामिल होंगे, जिन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान नौकरी से निकाल दिया गया था और वे एक अक्टूबर 2020 को या उसके बाद दोबारा जुड़े हैं।
इस योजना का लाभ लेने के लिए अधिकतम 50 कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कम से कम दो नई कर्मचारियों को भर्ती करना होगा, जबकि जिन प्रतिष्ठानों में 50 से अधिक कर्मचारी हैं, उन्हें कम से कम पांच नई भर्ती करनी होगी।
आपात ऋण सहायता गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाये जाने की घोषणा-
वित्त मंत्री ने आपात ऋण सहायता गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाये जाने की भी घोषणा की। इस योजना के तहत लघु एवं मझोले उद्यमों को गारंटीशुदा और बिना किसी गिरवी के कर्ज उपलब्ध कराया जाता है।
सीतारमण ने दबाव वाले क्षेत्रों की मदद के लिये गारंटीशुदा ऋण योजना की भी घोषणा की।
योजना दबाव वाले 26 क्षेत्रों में कार्यरत इकाइयों के अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र पर भी लागू होगी। इन दबाव वाले क्षेत्रों की पहचान के वी कामत समति ने की है। इसके तहत 29 फरवरी, 2020 तक 50 करोड़ रुपये से अधिक या 50 करोड़ रुपये तक के कर्ज वाली इकाइयां आएंगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि 29 फरवरी, 2020 तक बकाये का 20 प्रतिशत तक कर्ज क्षेत्र की इकाइयों को दिया जाएगा।
अतिरिक्त कर्ज की अवधि पांच साल होगी। इसमें एक साल के लिये मूल राशि को लौटाने पर रोक शमिल है। योजना 31 मार्च, 2021 तक के लिये होगी।
कोविड-19 के टीके पर शोध के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग को 900 करोड़ रुपये अनुदान देने की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड-19 के टीके पर शोध के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग को 900 करोड़ रुपये अनुदान देने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि अनुदान के दायरे में टीके की वास्तविक लागत और वितरण का खर्च शामिल नहीं है। टीका उपलब्ध होने पर इसके लिए अलग से प्रावधान किया जाएगा।
सीतारमण ने कहा कि घरेलू रक्षा उपकरण, औद्योगिक प्रोत्साहन, अवसंरचना और हरित ऊर्जा के लिए पूंजीगत एवं औद्योगिक व्यय के लिए 10,200 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय आवंटन का भी प्रावधान किया जाएगा।
65,000 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी का ऐलान –
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को घोषित प्रोत्साहन पैकेज के तहत किसानों को 65,000 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी देने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि किसानों को आगामी फसल सत्र के दौरान उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने 65,000 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
सीतारमण ने आगे कहा कि कर्ज सहायता के जरिए निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक्जिम बैंक को 3,000 करोड़ रुपये दिए
शहरी आवास योजना के लिए 18,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शहरी आवास योजना के लिए 18,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रावधान की घोषणा की।
इस घोषणा से रियल एस्टेट परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी, जिससे अनेक क्षेत्रों में रोगजार मिलेगा और अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए बजट अनुमानों के अलावा अतिरिक्त बजटीय संसाधनों से 18,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
यह राशि इस साल दिए जा चुके 8,000 करोड़ रुपये से अतिरिक्त होगी।
उन्होंने कहा कि इस फैसले से 12 लाख मकानों का काम शुरू करने के साथ ही 18 लाख मकानों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि इससे 78 लाख नए रोजगार के मौके पैदा होंगे और स्टील तथा सीमेंट की मांग भी बढ़ेगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था में जोरदार ढंग से सुधार हो रहा है: सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि एक लंबे और कड़े लॉकडाउन के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत में जोरदार सुधार देखने को मिल रहा है। उन्होंने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए कुछ और प्रोत्साहनों की घोषणा करने के लिए आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि व्यापक आर्थिक संकेतक हालात में सुधार की ओर इशारा कर रहे हैं।
सीतारमण कहा कि देश मे कोविड-19 के सक्रिय मामले एक समय 10 लाख से अधिक थे, जबकि अब ये मामले घटकर 4.89 लाख रह गए हैं और मृत्यु दर घटकर 1.47 प्रतिशत पर आ गयी है।
अर्थव्यवस्था में सुधार का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि कंपनियों के कारोबार की गति का संकेत देने वाला कंपोजिट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अक्टूबर में बढ़कर 58.9 रहा, जो इससे पिछले महीने में 54.6 था।
उन्होंने कहा कि अक्टूबर के दौरान ऊर्जा खपत में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह 10 प्रतिशत बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
वित्त मंत्री ने कहा कि दैनिक रेलवे माल ढुलाई में औसतन 20 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि बैंक ऋण में भी 5.1 प्रतिशत का सुधार हुआ है।
इसके अलावा अप्रैल-अगस्त में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 13 प्रतिशत बढ़कर 35.37 अरब अमरीकी डालर रहा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर के सकारात्मक दिशा में लौटने का अनुमान जताया है।
सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित पिछले प्रोत्साहनों की प्रगति का ब्यौरा देते हुए कहा कि एक सितंबर से 28 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ‘एक देश- एक राशन कार्ड’ योजना के तहत आ गए हैं। इसके तहत 68.6 करोड़ लाभार्थी शामिल हैं, जो इन 28 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में किसी भी पीडीएस दुकान से खाद्यान्न ले सकते हैं।
उन्होंने आगे बताया कि रेहड़ी दुकानदारों के लिए आत्मनिर्भर निधि के तहत 26.62 लाख ऋण आवेदन मिले, जिनमें से 13.78 लाख लोगों को कुल 1,373.33 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से 2.5 करोड़ किसानों को ऋण प्रोत्साहन मिला है।
इसी तरह प्रधानमंत्री मातृ संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत 21 राज्यों के 1,682.32 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने की योजना पर काम कर रहे भारत और चीन,योजना के तहत सबसे पहले पैंगगाेंग झील के उत्तरी किनारे से दोनों देश अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे हटायेंगे attacknews.in
नयी दिल्ली 11 नवंबर । पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पिछले छह महीने से भी अधिक समय से चले आ रहे अभूतपूर्व सैन्य गतिरोध को समाप्त करने के लिए भारत और चीन चरणबद्ध तरीके से अपने सैनिकों को पीछे हटाने की एक योजना पर काम कर रहे हैं।
सरकार के सूत्रों के मुताबिक इस योजना को लागू करने से पहले अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस योजना के तहत सबसे पहले पैंगगाेंग झील के उत्तरी किनारे से दोनों देश अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे हटायेंगे। छह नवंबर को दोनों देशों के सैन्य कोर कमांडरों के बीच आठवें दौर की वार्ता के दौरान चीन ने इस योजना का प्रस्ताव सामने रखा था।
सूत्रों के मुताबिक इस योजना के तहत पैंगगोंग झील के उत्तरी किनारे की फिंगर-4 से लेकर फिंगर-8 तक के इलाके से भारत और चीन अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटायेंगे।
सूत्रों के अनुसार यह अभी केवल एक प्रस्ताव है जिस पर विचार किया जा रहा है और जल्द ही सैन्य कोर कमांडरों के बीच होने वाली अगले दौर की बातचीत में इस पर विस्तार से चर्चा की जायेगी। इस योजना पर सहमति बनने और प्रत्येक पहलू की जांच होने के बाद ही कई चरणों में सैनिकों को पीछे हटाया जायेगा।
गौरतलब है कि मई की शुरुआत में तनाव बढ़ने के बाद से ही चीन ने एलएसी पर बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को युद्ध के लिए आवश्यक पूरे साजो-सामान के साथ तैनात कर रखा है। दरअसल, चीनी सैनिकों की ओर से लगातार भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिशों के कारण ही यह तनाव पैदा हुआ है।
मौजूदा स्थिति के अनुसार फिंगर-4 इलाके पर भारत का नियंत्रण है और फिंगर-8 भी हमारा ही इलाका है। चीन के सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की गश्त को रोकने के लिए फिंगर-8 से फिंगर-4 की ओर घुसपैठ करने की कोशिश की थी।
पैंगगोंग झील के उत्तरी किनारे से सैनिकों को हटाने के बाद इसके दक्षिणी किनारे पर तैनात टैंकों और अन्य युद्धक वाहनों को हटाने की योजना पर काम किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि इस गतिरोध को खत्म करने के लिए अब तक दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर की कई दौर की बातचीत हो चुकी है जिसका कोई नतीजा नहीं निकला है।
भारत में सोमवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 27 लाख के पार हुई,मृतक मरीजों की संख्या 52 हजार हुई, स्वस्थ होने वालों की संख्या 19.73 लाख से अधिक attacknews.in
नयी दिल्ली 17 अगस्त ।देश में सोमवार रात तक कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के 56 हजार से अधिक नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या 27 लाख के पार पहुंच गयी तथा 866 और लोगों की मौत होने से मृतकाें की तादाद 52 हजार के करीब पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर 73 फीसदी के पार पहुंच गयी है।
विभिन्न राज्यों से मिली जानकारी के अनुसार आज देर रात तक 56,934 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या 27,04,088 हो गयी तथा मृतकों की संख्या 51,911 हो गयी है। स्वस्थ होने वालों की दर में निरंतर हो रही वृद्धि के कारण देश में पहली बार इस दौरान सक्रिय मामलों में 2,356 मरीजों की कमी दर्ज की गयी जिससे इनकी संख्या घटकर 6,74,544 हो गयी है।
राहत की एक ओर बात यह है कि इस दौरान 55,050 लोगों के स्वस्थ होने से संक्रमण मुक्त हाेने वालों की संख्या भी 19,73,126 पर पहुंच गयी। इस प्रकार स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर बढ़कर आज 73.07 पहुंच गयी जो रविवार को 72.36 प्रतिशत थी जबकि मृत्यु दर घटकर 1.92 फीसदी रह गयी।
राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में सबसे अधिक 8493 मामले सामने आये। इसके बाद आंध्र प्रदेश में 6780, कर्नाटक में 6317, तमिलनाडु में 5,890, उत्तर प्रदेश में 3798, पश्चिम बंगाल में 3080, असम में 2792, बिहार में 2,592, ओडिशा 2244, केरल में 1725 , पंजाब में 1489 , गुजरात में 1033 तथा राजधानी दिल्ली में महज 787 मामले सामने आये।
कोरोना महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान 8,493 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या आज रात बढ़कर 6,04,358 हो गयी तथा इस दौरान रिकॉर्ड 11,391 मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या भी 4,28,514 हो गयी लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर 71 फीसदी के करीब पहुंच गयी है। इस दौरान 228 और लोगों की इससे मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 20,265 हो गयी है।
राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर आज आंशिक वृद्धि के साथ बढ़कर 70.90 फीसदी हो गयी जो रविवार को 70 प्रतिशत थी जबकि मरीजों की मृत्यु दर भी घटकर 3.35 प्रतिशत पर आ गई। राहत की एक और बात यह है कि राज्य में आज सक्रिय मामलों में 3,127 की कमी दर्ज की गयी। राज्य में कुल सक्रिय मामलों की संख्या आज 1,55,268 रही जो रविवार को 1,58,395 रही थी। सभी मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।
आंध्र में कोरोना मामले तीन लाख के करीब, 2.09 लाख से अधिक स्वस्थ
आंध्र प्रदेश में कोरोना महामारी (कोविड-19) दिनों-दिन विकराल रूप लेती जा रही है और पिछले 24 घंटों के दौरान 6,780 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या सोमवार को तीन लाख के करीब पहुंच गयी लेकिन इस दौरान संक्रमण से निजात पाने वालों की संख्या में तुलनात्मक वृद्धि दर्ज की गयी तथा स्वस्थ लोगों की संख्या 2.09 लाख के पार हो गयी।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस दौरान 7,866 लोगों के संक्रमण मुक्त होने से स्वस्थ लोगों की संख्या 2,09,100 हो गयी है। राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,96,609 हो गयी है। इस दौरान 82 और लोगों की मौत के बाद मृतकों का आंकड़ा 2,732 पहुंच गया है।
सूत्रों के मुताबिक सक्रिय मरीजों की संख्या में 1,168 की कमी के साथ यह 84,777 रह गई जो रविवार को 85,945 थी। सभी संक्रमित मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
गौरतलब है कि कोरोना से गंभीर रूप से प्रभावित आंध्र प्रदेश संक्रमण के मामले में पूरे देश में महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद तीसरे स्थान पर है। ढाई लाख से अधिक संक्रमण के मामलों वाला यह देश का तीसरा राज्य है।
राजस्थान में कोरोना के 1334 नये मामले, 11 और मरीजों की मौत
राजस्थान में वैश्विक महामारी कोरोना के सोमवार को 1334 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या बढकर 62 हजार 630 पहुंच गई वहीं इसके दस और मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा भी बढ़कर 887 पहुंच गया।
चिकित्सा निदेशालय की ओर से आज रात्रि जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में सर्वाधिक मामले जोधपुर में 252, अलवर में 198, जयपुर में 151, अजमेर में 71, उदयपुर में 70, सीकर और बीकानेर में 69-69, भीलवाड़ा में 58, धौलपुर में 42, राजसमंद में 39, कोटा में 35, चित्तौड़गढ़ में 30, भरतपुर में 27, बाड़मेर में 20, बांसवाड़ा में 20, नागौर में 19, करौली में 19, झुंझुनू में 17, प्रतापगढ़ में 13, डूंगरपुर में 13, बूंदी में 13, पाली में 11, सवाई माधोपुर में 10, झालावाड़, जैसलमेर, गंगानगर और दौसा मे नौ-नौ, चूरू में आठ, टोंक में सात, सिरोही में छह, हनुमानगढ़ में पांच, बारां में चार, जालौर में दो नये कोरोना संक्रमित मामले सामने आए।
बंगाल में कोरोना के 3080 नये मामले, 2932 स्वस्थ
कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण मामले में देश में सातवें स्थान पर कायम पश्चिम बंगाल में पिछले 24 घंटे के दौरान 3,080 नये मामले सामने आने के बाद सोमवार रात संक्रमितों की संख्या 1.20 लाख के करीब पहुंच गयी है लेकिन राहत की बात यह है कि इस दौरान 2,932 और मरीजों के स्वस्थ होने से रोग मुक्त लोगों का आंकड़ा 89 हजार के पार पहुंच गया है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,19,578 हो गयी है। इस दौरान रोग मुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 89,703 हो गयी है।
महाराष्ट्र में कोरोना मामले छह लाख के पार, रिकवरी दर 71 फीसदी के करीब
देश में कोरोना महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान 8,493 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या सोमवार रात बढ़कर 6.04 लाख के पार पहुंच गयी तथा इस दौरान रिकॉर्ड 11,391 मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या भी 4.28 लाख से अधिक हो गयी लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर 71 फीसदी के करीब पहुंच गयी है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में अब तक 6,04,358 लोग इस महामारी की चपेट में आए हैं। इस दौरान 228 और लोगों की इससे मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 20,265 हो गयी है। राज्य में इस अवधि में स्वस्थ होने वालों की कुल संख्या 4,28,514 हो गयी है।
कर्नाटक में कोरोना के 6317 नये मामले, 7071 स्वस्थ
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) से गंभीर रूप से जूझ रहे कर्नाटक में पिछले 24 घंटों के दौरान 6,317 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या सोमवार को बढ़कर 2.34 लाख के करीब पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि इनमें से करीब 64 फीसदी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 2,33,283 हो गयी है। इस दौरान 7,071 मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या 1,48,562 हो गयी है। स्वस्थ होने वाले मरीजाें की दर बढ़कर आज 63.68 फीसदी हो गयी जो रविवार को 62.34 प्रतिशत थी।
जम्मू-कश्मीर में कोरोना मामले 29000 के करीब, 548 की मौत
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस (कोविड-19) के 422 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या सोमवार को 29 हजार के करीब पहुंच गयी तथा छह और लोगों की मौत के बाद मृतकों का आंकड़ा 548 हो गया।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक नये मामलों में 341 कश्मीर से तथा 81 जम्मू से सामने आये हैं। इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 28,892 हो गयी है।
मुख्तार अब्बास नकवी ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों को जनतंत्र से परास्त गुण्डातंत्र कहा attacknews.in
नयी दिल्ली, 18 दिसम्बर ।अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को कहा कि जनतंत्र से परास्त लोग ‘गुंडातंत्र’ के जरिए देश के सौहार्द और विश्वास के माहौल को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर रहे हैं जिसे जनतंत्र और सौहार्द की ताकत से परास्त करना होगा।
श्री नकवी ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की ओर से यहां आयोजित अल्पसंख्यक दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि नागरिकता कानून से किसी भारतीय नागरिक की नागरिकता पर कोई प्रश्न चिह्न या खतरा नहीं है। हमें ‘दुष्प्रचार के दानवों’ से होशियार रहना चाहिए। नागरिकता कानून नागरिकता देने के लिए है, नागरिकता छीनने के लिए नहीं। देश में अल्पसंख्यक तरक्की के बराबर के हिस्सेदार हैं।
भय और भ्रम का भूत खड़ा कर अफवाहों से अमन को अगवा करने की कोशिश: नकवी
श्री नकवी ने बुधवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर भय और भ्रम का भूत खड़ा कर अफवाहों से अमन को अगवा करने की कोशिश की जा रही है।
समाचार टेलीविजन चैनल न्यूज-18 के चौपाल कार्यक्रम में आज श्री नकवी एक महिला की दास्तां सुनकर भावुक हो गए और कहा नागरिकता कानून के नाम भय और भ्रम का भूत खड़ा कर अफवाहों से अमन को अगवा करने की कोशिश की जा रही है ।
श्री नकवी ने कहा कि सुबह एक बुजुर्ग महिला मिलने आई तो दुआएं दी । महिला ने कहा कि वह हज गई थी तो नरेंद्र मोदी के लिए दुआएं की । इसके बाद भावुक हुए श्री नकवी ने कहा,“ महिला ने कहा मैं इसी मुल्क में पैदा हुई। यही दफन हो जाऊंगी। कांग्रेस के लोग क्यों कह रहे हैं कि तुम्हें मुल्क छोड़कर जाना पड़ेगा । ”
श्री नकवी ने कहा कि उन्होंने महिला को आश्वस्त किया कि मुल्क का मुसलमान कहीं नहीं जायेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा जब से केंद्र की सत्ता में श्री मोदी जी आए हैं तब से हताश-निराश आत्माएं उनके प्रयासों का विरोध कर रही हैं। उन्होंने कांग्रेस पर तेज हमला करते हुए कहा कि जनतंत्र को गुंडातंत्र में बदलने की कोशिश हो रही है , जनतंत्र से हारे लोग ऐसी कोशिश कर रहे हैं, जनता कभी उन्हें माफ नहीं करेगी ।
मंहगाई पर रिजर्व बैंक ने लगाई मुहर: रेपो रेट में बदलाव नहीं,GDP 5% रहने का अनुमान,ब्याज सस्ता होने की उम्मीद हुई कम attacknews.in
मुंबई, पांच दिसंबर ।उद्योग एवं पूंजी बाजार की उम्मीदों को झटका देते हुये रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में अपनी नीतिगत ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया। आर्थिक वृद्धि की गति सुस्त पड़ने के बावजूद केंद्रीय बैंक ने महंगाई बढ़ने की चिंता में रेपो दर को 5.15 प्रतिशत के पूर्व स्तर पर बरकरार रखा। इससे पहले लगातार पांच बार रिजर्व बैंक ने रेपो दर में कुल मिलाकर 1.35 प्रतिशत की कटौती की।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने एक मत से रेपो दर को 5.15 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर को 4.90 प्रतिशत पर बनाये रखने के पक्ष में सहमति दी। मौद्रिक समीक्षा के लिये एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार को शुरू हुई थी।
रेपो दर वह दर होती है जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी त्वरित नकदी जरूरतों के लिये केंद्रीय बैंक से नकदी प्राप्त करते हैं जबकि रिवर्स रेपो दर के तहत केंद्रीय बैंक, प्रणाली में अतिरिक्त नकदी को नियंत्रित करने के लिये वाणिज्यिक बैंकों से नकदी उठाता है।
अर्थशास्त्रियों और बैंकों के साथ-साथ उद्योग जगत एवं निवेशकों को उम्मीद थी की सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि को थामने के लिये रिजर्व बैंक रेपो दर में लगातार छठी बार कटौती कर सकता है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर छह साल के निम्न स्तर 4.5 प्रतिशत पर पहुंच गई। एक साल पहले इसी तिमाही में यह वृद्धि 7 प्रतिशत रही थी।
आर्थिक वृद्धि में गिरावट के विपरीत अक्टूबर माह में खुदरा मुद्रास्फीति 4.6 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह पिछले 16 माह में सबसे ऊंची दर रही है। मुद्रास्फीति की यह दर रिजर्व बैंक के अनुमान से काफी ऊंची रही है।
हालांकि, मौर्दिक समीक्षा में कहा गया है कि आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये जब तक जरूरी समझा जायेगा रिजर्व बैंक अपना रुख उदार बनाये रखेगा। केंद्रीय बैंक ने 2019-20 के लिये आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को पहले के 6.1 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया। इस साल की शुरुआत से ही केंद्रीय बैंक आर्थिक वृद्धि के अनुमान को लगातार कम करता रहा है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल में पेश मौद्रिक समीक्षा में आर्थिक वृद्धि का अनुमान 7.2 प्रतिशत रखा गया था।
मौद्रिक नीति समीक्षा में हालांकि कहा गया है, ‘‘एमपीसी मानती है कि भविष्य की समीक्षाओं में नीतिगत बदलाव के लिये कदम उठाने की गुंजाइश बनी हुई है। बहरहाल, वृद्धि और मुद्रास्फीति की मौजूदा स्थिति को देखते हुये समिति समझती है कि इस समय रुकना ठीक रहेगा।’’
दास ने कहा, ब्याज दरों में कटौती के मामले में यह अस्थायी विराम है। एमपीसी इस मामले में फरवरी में बेहतर ढंग से निर्णय ले सकेगी। उस समय तक और आंकड़े सामने होंगे और सरकार भी 2020-21 का बजट पेश कर चुकी होगी।
दास ने कहा कि ब्याज दरों में लगातार कटौती करते रहने के बजाय समय अधिक महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा, ‘‘1.35 प्रतिशत की कटौती का पूरा असर आने दीजिये।’’
उन्होंने कहा कि इस समय जरूरत इस बात की है कि जो अड़चनें आ रही हैं उन्हें दूर करने के उपाय किये जायें, जिसकी वजह से निवेश रुका हुआ है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति का 4.6 प्रतिशत का आंकड़ा उसकी उम्मीद से काफी ऊंचा रहा है। यही वजह है कि बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही का मुद्रास्फीति का अपना अनुमान बढ़ाकर 5.1 – 4.7 प्रतिशत के बीच कर दिया। इससे पहले यह 3.5- 3.7 प्रतिशत रखा गया था।
नीति दरें यथावत, ब्याज सस्ता होने की उम्मीद हुयी कम:
चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में खुदरा मंहगाई के बढ़ने और आर्थिक विकास के 5.0 प्रतिशत पर आने का अनुमान को जताते हुये रिजर्व बैंक ने नीतिगत दराें को यथावत बनाये रखने का निर्णय लिया है जिससे घर, वाहन आदि के लिए सस्ते ऋण की उम्मीद लगाये लाेगों को निराश होना पड़ेगा।
रिजर्व बैंक ने लगातार पांच वार में रेपो दर में 1.35 प्रतिशत की कटौती कर चुका था और इस बार इस छठवीं बैठक में ब्याज दरों में कम से कम एक चाथाई फीसदी की कमी किये जाने की उम्मीद की जा रही थी क्योंकि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर छह वर्ष के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत पर आ गयी है।
केन्द्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। गुरूवार को बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में खुदरा महंगाई बढ़कर 5.1 प्रतिशत से 4.7 प्रतिशत के बीच पहुंच सकती है।
समिति ने वैश्विक और घरेलू कारकों से आर्थिक विकास में आयी सुस्ती का हवाला देते हुये चालू वित्त वर्ष के विकास अनुमान को 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5.0 प्रतिशत कर दिया है।
समिति ने रेपो दर को 5.15 प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर को 4.90 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसेलिटी दर (एमएसएफआर) 5.40 प्रतिशत, बैंक दर 5.40 प्रतिशत, नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को 4.0 प्रतिशत और वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) को 18.50 प्रतिशत पर यथावत बनाये रखने का निर्णय लिया है। रेपो दर वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण देता है।
रिजर्व बैंक ने आर्थिक वृद्धि का अनुमान एक प्रतिशत से ज्यादा घटाकर पांच प्रतिशत किया:
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। इसकी प्रमुख वजह घरेलू और बाहरी मांग का कमजोर होना बताया गया है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही है। यह पिछले छह वर्ष का सबसे निचला स्तर है। इसकी प्रमुख वजह कृषि और विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन खराब रहना रहा है।
रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को जारी अपनी पांचवी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा, ‘‘ 2019-20 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर का अनुमान घटाकर पांच प्रतिशत किया जाता है। अक्टूबर की मौद्रिक नीति में यह 6.1 प्रतिशत था।’’
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.9 से 5.5 प्रतिशत और 2020-21 की पहली छमाही में 5.9 से 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
समीक्षा रपट के अनुसार नीतिगत दर में कटौती का लाभ लोगों तक पहुंचने में सुधार आने और वैश्विक व्यापार तनाव के समाधान की उम्मीद के चलते वृद्धि की संभावना बेहतर हुई है। वहीं घरेलू मांग के सुधरने में देरी, भू-राजनैतिक तनाव और वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में नरमी से नीचे जाने का जोखिम भी है।
रपट के अनुसार हालांकि, सकारात्मक पहलू यह है कि नीतिगत दर में फरवरी 2019 से लगातार कमी की गयी है और सरकार ने भी पिछले कुछ महीनों में राहत के कई कदम उठाए हैं। इससे घरेलू मांग और बाजार धारणा सुधरने की उम्मीद है।
मौद्रिक नीति पर विचार करने वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने कहा कि हालांकि, आर्थिक गतिविधियां कमजोर बनी हुई हैं और उत्पादन एवं खपत का अंतर भी नकारात्मक बना हुआ है।
रपट में कहा गया है कि कारपोरेट वित्तपोषण के आंकड़े और बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा मंजूर की गयी परियोजनाओं से निवेश गतिविधियों में जल्द सुधार के संकेत दिखते हैं। लेकिन यह संकेत कितने टिकाऊ हैं इस पर करीबी नजर रखने की जरूरत है।
आजम खान के विवादास्पद बयान पर संविधान पीठ की गंभीर टिप्पणी: अगर मौलिक अधिकारों की रक्षा नहीं की गई तो संविधान का महत्व खत्म हो जाएगा attacknews.in
नयी दिल्ली, 20 नवंबर ।उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि राज्य (सरकार) का काम करने वाले निजी लोगों द्वारा नागरिकों के जीवन एवं निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार जैसे मौलिक अधिकारों के हनन का निराकरण नहीं किया जाता है तो संविधान ‘‘अपना महत्व खो’’ देगा ।
संविधान के तहत जीवन, समानता का अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकार राज्य और उसकी मशीनरी तथा राज्य का काम करने वाले निजी पक्ष के खिलाफ लागू करने योग्य हैं, लेकिन वे यह दलील दे रहे हैं कि नागरिकों के ऐसे अधिकारों के उल्लंघन के लिए उन्हें जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान की ओर से बलात्कार के मामले में की गयी एक विवादित टिप्पणी से संबंधित मामले से उठे मुद्दे पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा, ‘‘सरकार का काम करने वाले निजी पक्षों द्वारा (नागरिकों के) मौलिक अधिकारों के हनन का कोई समाधान नहीं किया गया तो संविधान अपना महत्व खो देगा।’’
न्याय मित्र के रूप में संविधान पीठ की सहायता करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि सार्वजनिक कार्य करने के लिए आपका सरकारी कर्मचारी और सरकारी संस्था अनिवार्य रूप से होने का विचार दशकों पहले समाप्त हो चुका है कयोंकि निजी व्यक्ति और कंपनियां भी अब उन कार्यों को कर रही हैं जिन्हें पहले सरकार का काम समझा जाता था ।
उन्होंने पीठ से कहा कि सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लोक सेवा करने वाले सिद्धांत पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए। इस पीठ में मिश्रा के अलावा न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति विनीत सरन, न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट शामिल हैं ।
साल्वे ने निजी लोगों द्वारा किए जा रहे सरकारी कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि समाज में प्रगति के साथ, राज्य की भूमिका कम हो गयी है। सरकारी अधिकारियों की हमारे जीवन में भूमिकाएं भी सीमित हो गयी है और उसी अनुसार हमारे न्यायशास्त्र को बदलना होगा ।
इस पर पीठ ने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि आप यह कह रहे हैं कि रेलवे और टोल वसूली का काम अगर निजी कंपनियों को दिया जाता है तो उन्हें मौलिक अधिकारों को कायम रखने के लिए जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए ।’’
साल्वे ने कहा कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए निजी संस्थाओं को विशेषाधिकारों के साथ संवैधानिक सिद्धांत को अपनाने का समय आ गया है।
पीठ ने इससे पहले आजम खान के विवादित बयान का संज्ञान लिया था जिसमें सपा नेता ने 2016 में बुलंदशहर में हुए सामूहिक बलात्कार को ‘‘राजनीतिक साजिश’’ का हिस्सा बताया था ।
बाद में खान ने उच्चतम न्यायालय में बिना शर्त माफी मांगी थी जिसे स्वीकार कर लिया गया था ।
शीर्ष अदालत ने मामले को निपटाते हुए इस बड़े मुद्दे का फैसला करने के लिए इसे पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ में भेज दिया था ।
साल्वे ने कहा कि लोकतंत्र बड़ा नाजुक है और यह ‘‘व्यवस्था में लोगों के विश्वास’’ पर निर्भर है और ‘‘अवमानना के कानून का इस्तेमाल किसी व्यक्ति की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि संस्था में जनता के भरोसे को बनाये रखने के लिए किया जाना चाहिए ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र, व्यवस्था में लोगों के भरोसे पर आधारित है और इसके अलावा, कोई मंत्री संविधान के तहत शपथ से बंधा हुआ है तथा संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए बाध्य है।’’
अधिवक्ता ने कहा कि एक मंत्री जो संविधान के अनुसार पद और गोपनीयता की शपथ लेता है, उसे ‘‘अपने संवैधानिक शपथ के अनुरूप ही “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार” का इस्तेमाल करना होगा ।’’
उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार किसी मंत्री को इस बात की स्वतंत्रता नहीं देता है कि वह इस प्रकार का बयान दे जो पीड़ित के जीवन और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार को ‘‘प्रभावहीन’’ कर दे ।
अधिवक्ता ने कहा कि अगर राज्य अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में विफल हो जाता है तो पीड़ित व्यक्ति ऐसे गलत लोकसेवकों के खिलाफ अपकृत्य कानून के तहत क्षतिपूर्ति की मांग कर सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह राज्य का संवैधानिक कर्त्तव्य है कि वह इस बात को सुनिश्चित करे कि इसके नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं हो और ऐसा माहौल तैयार किया जाए जिसमें इन अधिकारों का आनंद उठा सकें।’’