“लव जेहाद”करने वाले आरोपी पर इतने कड़े प्रतिबंध लगाने वाला “लव जेहाद” पर प्रतिबंध संबंधी कानून‘धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020’ को मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी attacknews.in

भोपाल, 29 दिसंबर ।मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल ने कथित ‘लव जिहाद’ के खिलाफ मंगलवार को ‘मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020’ को मंजूरी दे दी।

इस अध्यादेश के जरिए शादी तथा किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतरण के मामले में अधिकतम 10 साल की कैद का प्रावधान किया गया है।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मध्यप्रदेश के कानून एवं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2020 को मंगलवार को अध्यादेश के रूप में मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस अध्यादेश को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के पास उनकी स्वीकृति के लिए भेजा गया है और उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून के रूप में प्रदेश में लागू हो जाएगा।’’

मिश्रा ने बताया, ‘‘मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020 सहित कई अन्य अध्यादेशों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई।’’ उन्होंने कहा कि इन विधेयकों को कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के चलते 28 दिसंबर से शुरू होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा के तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र के स्थगित हो जाने से सदन में पेश नहीं किया जा सका।

इसके पहले शनिवार को यहां हुयी मंत्रिपरिषद की बैठक में लवजिहाद और धर्म परिवर्तन रोकने संबंधी महत्वपूर्ण मप्र धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 को स्वीकृति प्रदान की थी। इसे सोमवार से प्रारंभ होने वाले तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र में पेश किया जाना था, लेकिन कोरोना के चलते सत्र स्थगित कर दिया गया है।

राज्य सरकार ने धर्म परिवर्तन और लवजिहाद रोकने के लिए संबंधित विधेयक में सख्त प्रावधान किए हैं। इसके लागू होने के बाद कोई भी व्यक्ति दूसरे को प्रलोभन, धमकी, बल, दुष्प्रभाव, विवाह के नाम पर अथवा अन्य कपटपूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष अथवा अन्य तरीके से उसका धर्म परिवर्तन या धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर सकेगा। कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन किए जाने का दुष्प्रेरण अथवा षड़यंत्र नहीं कर सकेगा।

किसी भी व्यक्ति के द्वारा इससे संबंधित अधिनियम का उल्लंघन करने पर एक साल से पांच साल तक के कारावास और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा।

नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति, जनजाति के मामले में दो से दस साल तक का कारावास और कम से कम 50 हजार रुपए का अर्थदंड लगाने का प्रावधान है।

अपना धर्म छिपाकर (लवजिहाद) धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम का उल्लंघन करने पर तीन साल से दस साल तक के कारावास और 50 हजार रुपए अर्थदंड और सामूहिक धर्म परिवर्तन (दो या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर 5 से 10 वर्ष के कारावास और एक लाख रुपए के अर्थदंड का प्रावधान किया गया है।

नए कानून में धर्म संपरिवर्तन (लवजिहाद) के आशय से किया गया विवाह शून्य घोषित करने के साथ महिला और उसके बच्चों के भरण पोषण का हकदार करने का प्रावधान भी किया गया है। ऐसे विवाह से जन्मे बच्चे माता-पिता की संपत्ति के उत्तराधिकारी होंगे। धर्मांतरण के लिए होने वाली शादियों पर रोक लगाने के लिए प्रस्तावित धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम को कठोर बनाने के साथ कुछ ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जो देश के किसी भी राज्य में अब तक नहीं हैं।

धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम का उल्लंघन करने वाली संस्था और संगठन को भी अपराधी के समान सजा मिलेगी। धर्मांतरण नहीं किया गया है, यह आरोपी को ही साबित करना होगा। अपराध को संज्ञेय और गैर जमानती बनाने के साथ उप पुलिस निरीक्षक से कम श्रेणी का अधिकारी इसकी जांच नहीं कर सकेगा।

मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल ने 12 अध्यादेशों का अनुमोदन कर राज्यपाल की स्वीकृति के लिये भेजा attacknews.in

भोपाल 29 दिसम्बर। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रि-परिषद की वर्चुअल बैठक हुई। मंत्रि-परिषद की बैठक में 12 अध्यादेशों का अनुमोदन कर राज्यपाल की स्वीकृति के लिये भेजने की मंजूरी दी।

मंत्रि-परिषद ने पूर्व में अनुमोदित, मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक को, मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश,2020 के रूप में प्रभावशील करने के विभागीय प्रस्ताव को अनुमोदित किया तथा अध्यादेश जारी करने के लिए आनुषांगिक विधिक कार्यवाही हेतु गृह विभाग को अधिकृत किया।

मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी (संशोधन) अध्यादेश, 2020 का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद ने पूर्व में अनुमोदित, मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी (संशोधन ) विधेयक,2020 को मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के रूप में प्रभावशील करने का विभागीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया तथा आनुषांगिक विधिक कार्यवाही करने हेतु लोक सेवा प्रबंधन विभाग को अधिकृत किया गया।

मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (संशोधन) अध्यादेश, 2020 का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद ने पूर्व में अनुमोदित, मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (संशोधन) विधेयक, 2020 को मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के रूप में प्रभावशील करने के विभागीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया तथा आनुषांगिक विधिक कार्यवाही करने के लिये पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को अधिकृत किया गया।

मध्यप्रदेश वेट (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2020 का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद ने पूर्व में अनुमोदित, मध्यप्रदेश वेट (द्वितीय संशोधन) 2020 विधेयक को मध्यप्रदेश वेट (द्वितीय संशोधन)अध्यादेश, 2020 के रूप में प्रभावशील करने के विभागीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया तथा आनुषांगिक विधिक कार्यवाही हेतु वाणिज्यिक कर विभाग को अधिकृत किया गया।

मध्यप्रदेश मोटर स्पिरिट उपकर (संशोधन) अध्यादेश, 2020 का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद ने पूर्व में अनुमोदित मध्यप्रदेश मोटर स्पिरिट उपकर (संशोधन) विधेयक, 2020 को मध्यप्रदेश मोटर स्पिरिट उपकर (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के रूप में तथा मध्यप्रदेश हाई स्पीड डीजल उपकर (संशोधन) विधेयक, 2020 को मध्यप्रदेश हाई स्पीड डीजल उपकर (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के रूप में प्रभावशील करने के विभागीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया तथा आनुषांगिक विधिक कार्यवाही करने हेतु वाणिज्यिक कर विभाग को अधिकृत किया गया।

मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी (संशोधन) अध्यादेश, 2020 का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद ने पूर्व में अनुमोदित, मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2020 को मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के रूप में प्रभावशील करने के विभागीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया तथा आनुषांगिक विधिक कार्यवाही करने हेतु सहकारिता विभाग को अधिकृत किया गया।

दण्ड विधि (मध्यप्रदेश संशोधन) अध्यादेश, 2020 का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद ने पूर्व में अनुमोदित दण्ड विधि (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक, 2020 को दण्ड विधि (मध्यप्रदेश संशोधन)अध्यादेश, 2020 के रूप में प्रभावशील करने का विभागीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया तथा आनुषांगिक विधिक कार्यवाही करने हेतु विधि और विधायी कार्य विभाग को अधिकृत किया गया।

मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश, 2020 तथा अन्य अध्यादेशों का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद ने पूर्व में अनुमोदित, मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2020 को मध्यप्रदेश भोज(मुक्त) विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश, 2020, डाँ. बी.आर.अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2020 को डाँ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश, 2020 तथा पंडित एस.एन. शुक्ला विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2020 को पंडित एस.एन.शुक्ला विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के रूप में प्रभावशील करने के विभागीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया तथा आनुषांगिक विधिक कार्यवाही करने के लिये उच्च शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया।

इसी प्रकार मंत्रि-परिषद ने पूर्व में अनुमोदित ,मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) द्वितीय संशोधन विधेयक, 2020 श्री अरबिन्दो विश्वविद्यालय, इन्दौर एवं महाकौशल विश्वविद्यालय, जबलपुर की स्थापना को, मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) द्वितीय संशोधन अध्यादेश, 2020 श्री अरबिन्दो विश्वविद्यालय, इन्दौर एवं महाकौशल विश्वविद्यालय, जबलपुर की स्थापना के रूप में प्रभावशील करने का विभागीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया तथा आनुषांगिक विधिक कार्यवाही करने के लिये उच्च शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया।

मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल के कई निर्णय: हर खेत को पानी के लिये 1706 करोड़ स्वीकृत,राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन होगा,भू-अर्जन की पुनर्व्यवस्थापन योजना तैयार, 3 विश्वविद्यालयों में प्रति कुलपति के पदों की मंजूरी attacknews.in

भोपाल 22 दिसम्बर। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रि-परिषद की वर्चुअल बैठक हुई।

मंत्रि-परिषद ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (हर खेत को पानी) अंतर्गत भू-जल से सिंचाई योजना के लिये 1706 करोड़ एक लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। इसमें राज्यांश 682 करोड़ 40 लाख 40 हजार रूपये रहेगा। इस योजना में मध्यप्रदेश के पाँच जिले मण्डला, डिण्डौरी, शहडोल, उमरिया और सिंगरौली का चयन कर भू-जल स्त्रोंतों से बोरवेल निर्मित कर 62135 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।

जेल विभाग के लिये 30 मेल नर्स

मंत्रि-परिषद ने जेल विभाग के फार्मासिस्ट ग्रेड-2 के 34 रिक्त पदों को समर्पित कर मेल नर्स के 30 पद सृजित करने की स्वीकृति दी। इससे जेलों में चिकित्सा सुविधा में वृद्धि होगी। बंदियों को त्वरित एवं प्रभावी उपचार उपलब्ध करवाया जा सकेगा।

राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन एवं संरचना संबंधी निर्णय

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन एवं संरचना के संबंध में निर्णय लिया। इसमें पिछड़े वर्गो से संबंधित मामलों का ज्ञान रखने तथा उनके कार्य के लिये जाने जाते होंगे, ऐसे पाँच अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति की जायेगी। इसमें से एक सदस्य आयोग के अध्यक्ष के रूप में एवं अन्य सदस्य उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए जाएंगे। अध्यक्ष और कम से कम दो अन्य सदस्य पिछड़े वर्ग से संबंधित होंगे। साथ ही एक महिला सदस्य को भी नियुक्त किया जायेगा।

म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में संशोधन

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में संशोधन करने का निर्णय लिया है। इसमें अनुसूची 5 के 31 गौण खनिजों के उत्खन्न पट्टा आवेदन/ई निविदा से आवंटन करने के प्रावधान किये गये हैं। संशोधन अनुसार निजी भूमि पर भूमि-स्वामी/ सहमति धारक को रायल्टी के अलावा 15 प्रतिशत अतिरिक्त राशि भुगतान की शर्त पर 30 वर्ष की अवधि के लिये आवेदन के आधार पर उत्खन्न पट्टा स्वीकृत करने के प्रावधान किये गये हैं। संचालक उत्खन्न पट्टा विभागीय मंत्री के पूर्व अनुमोदन से स्वीकृत कर सकेंगे।

शासकीय व निजी भूमि पर 250 हेक्टेयर क्षेत्र पर ई-निविदा के माध्यम से 30 वर्ष की अवधि के लिये अनुसूची 5 के उत्खन्न पट्टा आवंटन करने के प्रावधान किये गये हैं। उच्चतम निविदाकार को देय रायल्टी के अलावा स्वीकृत ई-निविदा दर से वन टाइम बिट के आधार पर अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा। संचालक शासकीय भूमि पर तथा शासकीय एवं निजी भूमि के संयुक्त क्षेत्र पर राज्य सरकार से तथा निजी भूमि पर विभागीय मंत्री का पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने के बाद स्वीकृत कर सकेंगे।

निजी भूमि अथवा ई-निविदा से अनुसूची 5 के स्वीकृत उत्खन्न पट्टों में 25 करोड़ रूपये तथा उससे अधिक निवेश कर उद्योग स्थापित करने पर उत्खन्न पट्टे का 10-10 वर्ष के लिये दो बार नवीनीकरण किया जा सकेगा। अनुसूची 1 और 2 के खनिजों के 4 हेक्टेयर तक के क्षेत्र के उत्खन्न पट्टे कलेक्टर द्वारा जिला स्तर पर स्वीकृत किये जा सकेंगे। इसमें 4 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र स्वीकृत करने के अधिकार संचालक को दिये जा रहे हैं। अनुसूची एक के खनिजों के मामलों में स्वीकृति से पहले संचालक द्वारा विभागीय मंत्री से पूर्व अनुमोदन प्राप्त किया जायेगा।

अनुसूची एक मे पत्थर से निर्मित रेत (यांत्रिक क्रिया द्वारा) को शामिल किया जा रहा है। इससे अब पत्थर से रेत बनाने के उत्खन्न पट्टे भी स्वीकृत हो सकेंगे।गौण खनिज रेत बजरी की रायल्टी दर 125 रूपये प्रति घन मीटर निर्धारित की गई। यह भी प्रावधान किया गया है कि बाहर के राज्यों से परिवहित होकर आने वाले गौण खनिज पर 25 रूपये प्रति घन मीटर की दर से विनियमन शुल्क लिया जायेगा।

फर्शी पत्थर की वार्षिक डेडरेंट की राशि दो लाख रूपये प्रति हेक्टेयर के स्थान पर रूपए 1.50 लाख प्रति हेक्टेयर निर्धारित की गई है। पट्टाधारी को स्वीकृत खदानों में से 75 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के मूल निवासियों को अनिवार्य रूप से प्रदान करना होगा। सरकारी तालाब, बांध आदि से गाद के साथ निकाली गई रेत का निर्वर्तन मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 एवं राज्य सरकार द्वारा बनाये गये नियमों के तहत किया जायेगा।

नियमों अनुसूची 5 (31 गौण खनिज) की रायल्टी व डेडरेंट की दरें पुनरीक्षित की गई हैं। विभिन्न आवेदन शुल्क, न्यायालयीन स्टाम्प शुल्क, प्रतिभू निक्षेप, सुरक्षा राशि, रेखांक शुल्क में भी वृद्धि की गई है। अनुसूची 5 के खनिजों के लिये उत्खन्न पट्टा के लिये नये आवेदन शुल्क एवं सुरक्षा राशि भी निर्धारित की गई हैं। नियम में उपरोक्त अनुसार संशोधन करने से न केवल प्रदेश के खनिज राजस्व में भारी वृद्धि संभावित हैं बल्कि गौण खनिज के खदानों में प्रदेश के मूल निवासियों को बड़ी संख्या में रोजगार भी मिलना संभावित है। इसी के साथ प्रदेश में खनिज आधारित निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

भू-अर्जन की पुनर्व्यवस्थापन योजना तैयार

मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया है कि भू-अर्जन के परिणामस्वरूप विस्थापन के मामलें में विस्थापित कुटुम्बों के पुनर्वासन के लिये यदि ग्रामों में आंकलित आकार की शासकीय भूमि उपलब्ध है तो ऐसी शासकीय भूमि के लिये सिंचित कृषि भूमि के बाजार मूल्य के 1.6 गुणा के बराबर की राशि अपेक्षक निकाय से लेकर, उक्त भूमि पर भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के अनुसरण में पुनर्व्यवस्थापन योजना तैयार की जायेगी। जहां अपेक्षक निकाय राज्य सरकार के विभाग या उपक्रम हैं वहां ग्रामों में स्थित शासकीय भूमि बिना कोई राशि लिये उपलब्ध कराई जायेगी।

भू-अर्जन के परिणामस्वरूप विस्थापन के मामलें में विस्थापित कुटुम्बों के पुनर्वासन के लिये यदि शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं है तो ग्रामों में स्थित निजी भूमियां उक्त अधिनियम प्रावधानों के अंतर्गत मध्यप्रदेश के पक्ष में अर्जित व पुनर्वास योजना के क्रियान्वयन के लिये प्राप्त की जायेंगी। इसमें भू-अर्जन की अवार्ड की राशि का भुगतान संबंधित अपेक्षक निकाय से प्राप्त की जायेगी।

इस प्रकार तैयार योजना के क्रियान्वयन के लिये ऐसी चिन्हांकित भूमि पर उक्त अधिनियम की तीसरी अनुसूची अनुसार अवसंरचना के निर्माण के लिये (भूमि) अपेक्षक निकाय को योजना के क्रियान्वयन हेतु युक्तियुक्त समय के लिये आधिपत्य में दी जायेगी। ताकि अपेक्षक निकाय नियत अवधि में अवसंरचना निर्माण कर योजना के अनुसार भूखंड या मकान तथा अन्य सामुदायिक सुविधायें (उक्त अधिनियम की अनुसूची 3 में उल्लेखित समस्त मदों के लिये ) तैयार कर कलेक्टर को वापिस आधिपत्य सौंपे।

इस प्रकार योजना के अनुरूप विकसित क्षेत्र का आधिपत्य प्राप्त कर कलेक्टर ऐसे क्षेत्र को मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधानों के अनुसार आबादी घोषित करेगें और इस प्रकार विकसित आबादी क्षेत्र में कलेक्टर भूमि अर्जन,पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के अनुसरण में विस्थापित कुटुम्ब को यथास्थिति मध्यप्रदेश भू-राजस्व सहिंता 1959 के प्रावधानों के अनुसार भूखंड या मकान आवंटित करेगा।

ऐसे मामलें जिनमें वन भूमि (जिन भूमियों पर वन संरक्षण अधिनियम 1980 आकर्षित होता हैं) किसी निजी कम्पनी/भारत सरकार की कम्पनी/निजी संस्थाओं (अपेक्षक निकाय) को परियोजना के लिये आवंटित की जाती हैं, ऐसे मामलों में प्रतिपूर्ति वनीकरण (वैकल्पिक वनीकरण) के लिये भारत सरकार के समय-समय पर जारी किये गये दिशा निर्देशों के अनुक्रम में वन विभाग को प्रभावित भूमि के बराबर भूमि दिये जाने की अनिवार्यता है, ऐसे मामलों में वन विभाग का ऊपर वर्णित अपेक्षक निकाय के व्यय पर शासकीय भूमि प्रतिपूर्ति वनीकरण के लिये ऐसी भूमि के सिंचित कृषि भूमि के बाजार मूल्य के 1.6 गुणा बराबर की राशि लेकर उपलब्ध कराई जायेगी। उपरोक्त राशि के अतिरिक्त भारत सरकार के दिशा निर्देश एवं राज्य सरकार के वन विभाग के निर्देशों के अनुसरण में वनीकरण के लिये व्यय की जाने वाली राशि भी अपेक्षक निकाय को पृथक से देना होगी।

विधेयकों को विधानसभा में प्रस्तुत करने का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद ने तीन विश्वविद्यालयों मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय भोपाल, पंडित एस.एन. शुक्ला विश्वविद्यालय शहडोल और डाँ.बी.आर. अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू के अधिनियम में प्रति कुलपति पद के प्रावधान के लिये संशोधन विधेयक 2020 को विधानसभा मे प्रस्तुत करने की मंजूरी दी।

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) संशोधन विधेयक 2020, मध्यप्रदेश सिंचाई प्रंबधन में कृषकों की भागीदारी (संशोधन) विधेयक 2020, मध्यप्रदेश मोटर स्पिरिट उपकर (संशोधन) विधेयक 2020, मध्यप्रदेश हाई स्पीड डीजल उपकर (संशोधन) विधेयक 2020 और मध्यप्रदेश कराधान अधिनियमों की पुरानी बकाया राशि का समाधान विधेयक 2020 को अनुमोदित कर विधानसभा में पुर:स्थापित करवाने की सहमति दी।

मध्यप्रदेश राज्य में खाद्य और दवाओं का अपमिश्रण रोकने के उद्देश्य से वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए एवं तात्कालिक विधान की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए अपमिश्रणकर्ता के विरूद्व आजीवन कारावास की सजा का उपबंध करने के लिये दंण्ड विधि (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक 2020 तैयार किया गया हैं। इसे भी मंत्रि-परिषद ने विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिये अनुमोदन दिया।

शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया: मध्यप्रदेश में राेजगार संबंधी कोई योजना बंद नहीं की गयी ,अब रोजगार संबंधी योजना का स्वरूप बदलने का विचार चल रहा है attacknews.in

भोपाल, 21 दिसंबर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि राज्य में रोजगार संबंधी कोई योजना बंद नहीं की गयी है।

श्री चौहान ने यहां मीडिया से कहा कि रोजगार संबंधी योजना का स्वरूप बदलने का विचार चल रहा है। इस पर कार्रवाई की जा रही है। युवा उद्यमी योजना हमने इसलिए बनायी थी कि प्रतिभाशाली युवा स्टार्टअप के जरिए उद्योगपति बन सकें। लेकिन विश्लेषण में पता चला कि युवा पहले से ही स्थापित हैं। जो ऐसे परिवारों से आते हैं, उन्हीं के परिजनों को लाभ जाता था।

श्री चौहान के मुताबिक उन्हें लगा कि जो जरुरतमंद है, उन्हें ही लाभ मिलना चाहिए। इसलिए फिर से योजना बनाने और स्वरूप बदलने का तय किया गया। नए स्वरूप में योजना आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लक्ष्य को भी पूर्ण करने में मददगार साबित होगी।

उन्होंने युवाओं को रोजगार मुहैया कराने की सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि हाल ही में दो फैक्ट्रियों का उदघाटन किया गया है। इस दिशा में लगातार कार्य कर रहे हैं। इनसे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।

श्री चौहान ने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस मामले में सवाल पूछने का अधिकार ही नहीं है। वे तो युवाओं को बैंड बजाने और ढोर चराने का प्रशिक्षण दिलवा रहे थे। उन्होंने युवाओं को तबाह किया और अब सवाल पूछ रहे हैं।

इसके पहले श्री कमलनाथ ने ट्वीट करके आरोप लगाया कि शिवराज सरकार किसाना विरोधी होने के साथ ही युवा और रोजगार विरोधी है। यह सरकार रोजगार वाली योजनाओं को बंद कर रही है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कृषि उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत बड़ी संख्या में युवाओं को ऋण मिलने के साथ साथ अनुदान व सब्सिडी भी मिलती थी। जो प्रकरण स्वीकृत हो चुके हैं, उनके भी आवेदन रोकने का निर्णय लिया गया है।

श्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार ऐसे जनविरोधी फैसले पर पुनर्विचार करें और इन योजनाओं को तत्काल वापस प्रारंभ किया जाए।

स्वरोजगार योजनाओं में होगा सुधार: शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की स्वरोजगार योजनाओं में परिवर्तन लाया जायेगा, जिससे प्रतिभावान युवाओं और गरीब एवं छोटे-छोटे व्यवसाय करने वालों को सम्मानजनक आजीविका और आर्थिक सुरक्षा मिल सके।

श्री चौहान आज यहां मिंटो हॉल में आयोजित राज्य स्तरीय ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर्स ऋण वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 20 हजार ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर्स (ग्रामीण लघु व्यवसायियों) के खातों में सिंगल क्लिक द्वारा 10-10 हजार रूपये की ब्याज मुक्त ऋण राशि पहुंचायी। मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना में ग्रामीण छोटे व्यवसासियों को 10-10 हजार रूपये का ब्याज रहित ऋण उनके कार्य के लिये बैंक से दिलाया जाता है। क्रेडिट गारन्टी राज्य शासन देता है। ऋण वितरण कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव सचिन सिन्हा, एम.एस. बेलवाल मंचासीन थे।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ग्रामीण पथ विक्रेता निश्चिंत होकर अपना कारोबार करें। उनके आर्थिक सामाजिक सशक्तीकरण के लिये जहां जरूरत होगी राज्य सरकार साथ रहेगी। सरकार का प्रयास है कि पथ विक्रेताओं को रोजगार, सम्मान और सुरक्षा मुहैया करायी जाये ताकि वे स्वाभिमान के साथ अपना व्यवसाय करते हुये आगे बढ़ें और खुशहाल जीवन जियें।
श्री चौहान ने कहा कि एक समय बैंक से बड़े व्यवसाय करने वालों को ही ऋण मिलता था। बैंक लघु व्यवसाय करने वालों को ऋण नहीं देते थे। राज्य सरकार की योजना से लघु व्यवसाय करने वालों को सरकार की गारंटी पर लोन दिलवाया गया है। कोरोना काल में लघु व्यवसायियों का व्यवसाय बन्द हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरी स्ट्रीट वेण्डर्स योजना बनायी और राज्य सरकार ने ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर्स योजना बनायी।
पहले लघु व्यवसायी, साहूकारों से ऊँची ब्याज दर पर राशि लेते थे। अब स्ट्रीट वेण्डर्स को इन साहूकारों से पैसा नहीं लेना पड़ेगा। राज्य सरकार ने सूद पर पैसा देने वालों को भी नियंत्रित करने का कानून बनाया है। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दर पर राशि देने वाले लायसेंस धारक साहूकार ही ब्याज पर पैसा दे सकते है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि देखा गया है कि बड़ी कम्पनियां छोटे-छोटे काम-धंधे भी शुरू कर रही हैं जिससे छोटे व्यवसायियों का रोजगार छिन सकता है। लेकिन मध्यप्रदेश सरकार का संकल्प है कि ऐसे नियम बनाये जायेंगे जिससे कि छोटे व्यवसायियों का काम छिनने नहीं दिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर योजना के तहत 8 लाख 52 हजार से अधिक हितग्राहियों का पंजीयन किया जा चुका है। अब तक 60 हजार से अधिक हितग्राहियों को ऋण वितरण कार्य पूर्ण हो गया है। यह कार्य हर महीने आगे भी चलता रहेगा। योजना के पंजीकृत व्यवसासियों को उनके पहचान पत्र नगरीय निकायों, जनपद पंचायतों, ग्राम पंचायतों से दिये जायेंगे ताकि व्यवसाय करते हुये उन्हें सम्मान मिले। पुरूष पथ व्यवसासियों की पत्नियां भी स्व-सहायता समूहों से जुड़ रही हैं और अपनी आजीविका को सुदृढ़ कर रही हैं।

शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश की 53 सिंचाई योजनाओं के वर्चुअल लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम में कहा:किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए उपयोगी होंगे नए कृषि कानून attacknews.in

भोपाल, 14 दिसंबर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नए कृषि कानून किसानों की आर्थिक उन्नति में उपयोगी होंगे। मध्यप्रदेश में किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 का प्रभावी क्रियान्वयन हो रहा है। मंडी के अलावा फसल को बेचने के वैकल्पिक उपायों का लाभ किसानों को मिलेगा।

श्री चौहान आज यहां मिंटो हॉल में सिंचाई योजनाओं के वर्चुअल लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के सिंचाई रकबे में निरंतर वृद्धि की जाएगी। यह राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। भगवान के बाद मेरे लिए किसान है। वो धरती पर अन्न उगाता है। खून-पसीना एक करता है। हमारी व्यवस्था का केन्द्र बिन्दु है किसान। सिंचाई साधनों का विस्तार धरती पुत्र किसानों के लिए वरदान होता है। प्रदेश के सिंचाई रकबे को 65 लाख तक पहुंचाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आय दोगुनी करना चाहते हैं। मध्यप्रदेश इस लक्ष्य को पूरा करने में सक्रिय रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निर्मित सिंचाई क्षमता का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। इस वर्ष गेहूँ उत्पादन उपार्जन में मध्यप्रदेश ने पंजाब को पीछे छोड़ दिया। कोरोना काल में कम से कम अन्न का कोई संकट नहीं रहा। इस अवधि में यह राहतकारी सिद्ध हुआ। प्रदेश में कृषि अधोसंरचना को सशक्त बनाया जाएगा। किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को आंदोलन का रूप देंगे। हमारा लक्ष्य किसानों की हालत को बदलना है।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई रकबा सिर्फ सात-आठ लाख हेक्टेयर हुआ करता था जिसे बढ़ाकर हम चालीस लाख हेक्टेयर के आगे ले गए। अब 65 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य है। एक-एक इंच कृषि भूमि सिंचित होगी। उन्होंने कहा कि आने वाले एक वर्ष में 30 हजार करोड़ रूपए की योजनाएं मंजूर की जाएंगी। नर्मदा जल का पूरा उपयोग किया जाएगा। तीन वर्ष में नर्मदा योजनाओं के क्रियान्वयन को भी पूर्ण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की पहल पर किसान रेल चल रही है। किसानों को उत्पादन का सही मूल्य मिले इसके लिए निरंतर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। प्रदेश में 27 वृहद, 47 मध्यम और 287 लघु सिंचाई परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। इनकी लागत 60 हजार 737 करोड़ है। इन सभी की सिंचाई क्षमता 24 लाख हेक्टेयर होगी। इस लक्ष्य को पूरा करने का काम शुरू हो चुका है। करीब चार लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आंशिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई जा चुकी है। स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की वजह से योजनाओं के निर्माण पर कुछ फर्क पड़ा है लेकिन इस वर्ष करीब 100 परियोजनाएं पूरी कर सवा लाख हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता विकसित करने का लक्ष्य है। श्री चौहान ने कहा कि आज लोकार्पित 50 योजनाओं की लागत 384.35 करोड़ रूपये है। इनसे 16 हजार 336 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा। प्रदेश के 9 जिलों के 131 ग्रामों के किसान लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने रतलाम जिले की 7.82 करोड़ रूपये की तीन अन्य सिंचाई योजनाओं के लिए भूमिपूजन भी किया।

श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में फसल बीमा योजना की राशि जमा नहीं की गई थी। किसानों के वर्ष 2019 में वचन नहीं निभाए गए। किसान सम्मान निधि का लाभ किसानों को दिलवाने के लिए पात्र हितग्राहियों की सूची नहीं भिजवाई गई, जिसके फलस्वरूप प्रधानमंत्री किसान निधि के लाभ से प्रदेश के किसान वंचित हुए। अब योजना पुन: गति में आएगी, इसके अंतर्गत किसान को मिलने वाली 6 हजार रूपए की राशि में 4 हजार का योगदान राज्य सरकार दे रही है। हमने 70 लाख से अधिक किसानों की सूची तैयार की। आवश्यकता हुई तो अन्य पात्र किसान भी इसमें जोड़े जाएंगे। लघु और सीमांत कृषकों के लिए इस योजना के 10 हजार रूपए काफी महत्व रखते हैं।

अरविंद केजरीवाल की आप पार्टी ने सिविक सेंटर में कार्यालय चलाने के एवज में किराया बकाया नहीं देने वाली दक्षिणी दिल्ली नगर निगम पर ढाई हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर CBI जांच के लिए अभियान शुरू किया attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर । आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता आतिशी मार्लेना ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम में हुए ढाई हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार की केंद्रीय जांच ब्यूरो( सीबीआई) से जांच कराने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

‘आप’ विधायक सुश्री आतिशी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सीबीआई जांच की मांग को लेकर पार्टी के विधायक और पार्षद कल सुबह 11 बजे दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलेंगे।

‘आप’ के पार्षद और विधायक उपराज्यपाल और केंद्रीय गृहमंत्री के घर के बाहर तब तक बैठे रहेंगे जब तक कि वे सीबीआई जांच के आदेश नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि इस ढाई हजार करोड़ रुपए से उत्तरी निगम के सभी कर्मचारियों का वेतन दिया जा सकता था, लेकिन जनता के ढाई हजार करोड़ रुपये का गबन हो चुका है। इस भ्रष्टाचार के लिए कौन जिम्मेदार है और भाजपा के किस नेता को कितने पैसे गए हैं? दिल्ली के शहरी विकास मंत्री ने भी इस भ्रष्टाचार की जांच करने का आदेश दिया है।

उन्होंने कहा, “ भाजपा शासित उत्तरी नगर निगम हमेशा कहती रहती है कि उसके पास कर्मचारियों का वेतन देने के लिए पैसा नहीं है। वह कहते हैं कि हमारे पास पैसा नहीं है कि हम निगम के अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कर्मचारियों का वेतन दे सकें। वह कहते हैं कि हमारे पास पैसा नहीं है कि हम नगर निगम के स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों का वेतन दे सकें, वह कहते हैं कि हमारे पास पैसा नहीं है कि हम नगर निगम के अधीन काम करने वाले सफाई कर्मचारियों का वेतन दे सकें परंतु वहीं उत्तरी निगम 2.5 हजार करोड़ रुपए की बकाया राशि, जोकि उन्हें दक्षिणी दिल्ली नगर निगम से वसूल करनी थी, उसे माफ करके शून्य कर देती है।”

उन्होंने कहा कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम सिविक सेंटर में अपना कार्यालय चलाती है, उसके एवज में जो किराया देना होता है, यह 2.5 हजार करोड़ रुपए उसी बकाया किराए की राशि है, लेकिन बड़े ही आश्चर्य की बात है कि इस साल के बजट में वह ढाई हजार करोड़ रुपए बकाया राशि शून्य हो जाती है।

एक पत्रकार के प्रश्न का जवाब देते हुए सुश्री आतिशी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर जो पिछले कुछ दिनों से निगमों के महापौर और निगम पार्षद 13000 करोड़ रुपए की बकाया राशि की मांग लेकर धरने पर बैठे हुए हैं, सभी इस बात को भलीभांति जानते हैं कि वह आधारहीन है, बिल्कुल बेबुनियाद है। दिल्ली सरकार के ऊपर नगर निगम की कोई बकाया राशि नहीं है परंतु हम जिस ढाई हजार करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर माननीय उपराज्यपाल और गृह मंत्री के घर सीबीआई की जांच की मांग करने जा रहे हैं, वह बिल्कुल सही है, तथ्यात्मक है और उसका एक आधार है।

मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर शिवराज सिंह चौहान और कमलनाध आमने-सामने:आरोप का जवाब शिवराज ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए बैठक आयोजित करके दिया attacknews.in

भोपाल, 12 दिसंबर । मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल होने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि यहां के हमीदिया अस्पताल के कोरोना वार्ड में बिजली गुल होने के कारण तीन मरीजों की दुखद मृत्यु हो गयी।

श्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि भोपाल के सरकारी हमीदिया अस्पताल के कोरोना वार्ड में बिजली गुल हुयी। पॉवर बेकअप फेल हो गया। जनरेटर बंद रहा और डीजल भी नहीं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि यह कैसी स्वास्थ्य व्यवस्था है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वजह से तीन मरीजों की मौत हुयी है और यह बेहद गंभीर लापरवाही है। इसके दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होना चाहिए। उन्होंने राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि अभी हाल ही में शहडोल में मासूम बच्चों की मौत का आकड़ा 21 तक पहुंच गया है।

स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने किए जाए सभी उपाय: शिवराज

इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के हमीदिया अस्पताल के कोरोना वार्ड में बिजली गुल हो जाने मामले की जानकारी ली और इसकी विस्तृत जांच के निर्देश देते हुए कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिये सभी उपाय किये जाएं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, संभागयुक्त कवीन्द्र कियावत, जनसंपर्क आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने हमीदिया अस्पताल भोपाल के कोरोना वार्ड की बिजली गुल होने के मामले में जानकारी लेते हुये विस्तृत जांच के निर्देश दिये हैं।

उन्होंने कहा कि तथ्य सबके सामने रखे जाएँ। यदि कमियां है तो उन्हें दूर किया जाये। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सम्पूर्ण सिस्टम को मजबूत बनाया जाये। पहले चरण में मेडिकल कॉलेज चिकित्सालयों में मैनेजमेंट का कार्य-प्रबंधन-विशेषज्ञ को सौंपा जाना चाहिये।

श्री चाैहान ने कहा कि चिकित्सक, चिकित्सा कार्य ही देखें। अगले चरण में यही व्यवस्था जिला चिकित्सालयों में लागू की जाये। बड़े अस्पतालों में प्रबंधन और इलाज के लिये अलग-अलग जिम्मेदारियां देने से अस्पताल की सम्पूर्ण व्यवस्था सुधरेगी और आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधायें मिल सकेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय के साथ निजी क्षेत्रों के अस्पतालों में जनता को बेहतर इलाज और सुविधायें मिलें। इसके लिये भी आवश्यक प्रयास किये जाएँ। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य सरकार आवश्यक धन उपलब्ध करायेगी। बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी। भारत सरकार से अधिक से अधिक मदद ली जायेगी। उपलब्ध संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करें और आवश्यकतानुसार इसे बढ़ायें भी।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की कार्ययोजना के मुताबिक योजनाओं को अमल में लाया जाये। बड़े अस्पतालों के प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिये कुछ निर्णय तत्काल लें तथा इस दिशा में लांगटर्म प्लानिंग भी करें। उन्होंने कहा कि शासकीय अस्पतालों की स्वशासी व्यवस्था के संबंध में चर्चा करें और पुनर्विचार करें। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के मुख्य आधार स्तम्भों में स्वास्थ्य शामिल है।

मध्यप्रदेश के 5 लाख किसानों के खातों में 100 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर करके शिवराज सिंह चौहान ने कहा:मंडियों और समर्थन मूल्य व्यवस्था को बंद करने वाली बातें भ्रामक और असत्य,कांग्रेस किसानों के नाम पर रही राजनीति attacknews.in

सीहोर, 03 दिसंबर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मंडियों और समर्थन मूल्य व्यवस्था को बंद करने वाली बातें भ्रामक और असत्य हैं। किसान इन बातों पर ध्यान न दें। प्रदेश में 50 वर्षो से एक-दो एकड़ कृषि भूमि पर काबिज परिवारों को पट्टे दिए जाएंगे।

श्री चौहान जिले के नसरुल्लागंज में 5 लाख किसानों के खातों में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की 100 करोड़ रुपये की राशि सिंगल क्लिक से ट्रांसफर करने के बाद सभा को सम्बोधित कर रहे थे।

पूरे प्रदेश के किसानों से सीधे जुड़े मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कृषकों से कृषि कानूनों पर चर्चा की और किसानों ने कृषि कानूनों का जोरदार स्वागत और समर्थन करते हुए तालियां बजाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया।

कांग्रेस किसानों के नाम पर रही राजनीति: शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कांग्रेस पर आराेप लगाते हुए कहा कि कर्जमाफी के नाम पर प्रदेश के किसानों को धोखा देने वाली कांग्रेस अब केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हितों के लिए लाए गए कृषि सुधार बिल के नाम पर किसानों को गुमराह कर रही है।

श्री चौहान जिले के नसरुल्लागंज में ‘किसान कल्याण योजना की राशि रु.100 करोड़ का वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज 15 हज़ार से ज्यादा किसानों ने किसान कृषि बिल के समर्थन में समर्थन दिया, लेकिन कर्जमाफी के नाम पर किसानों को धोखा देने वाली कांग्रेस आज किसानों के नाम पर राजनीति कर रही है। किसानों के हित में बने कानून पर वे किसानों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कानून में किसान को उपज मंडी के अलावा कहीं भी बेचने की छूट है। उन्होंने कहा कि कृषि उपज मंडियां बंद नहीं होंगी, लेकिन मंडी के अलावा अगर कोई व्यापारी किसान को फसल के अच्छे दाम दे रहा हो तो किसान मंडी के बाहर भी बेच सकता है। ये किसान की मर्जी होगी कि वो जहां चाहेगा वहां फसल बेचेगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के साथ खड़े हैं। किसान हित में बने नये कानून के अनुसार किसान बोनी से पहले व्यापारी के साथ अपनी उपज का कांट्रैक्ट कर सकेगा। उन्होंने कहा कि फसल खराब होने की चिंता से किसान मुक्त होगा।

उत्तरप्रदेश में लखनऊ के बाद गाजियाबाद दूसरा ऐसा स्थानीय निकाय होगा, जो म्यूनिसिपल बांड जारी कर पैसा जुटाएगा,इसी तरह आगरा, कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी भी इस मार्ग से संसाधन जुटाएंगे attacknews.in

मुंबई, दो दिसंबर । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि गाजियाबाद उत्तर प्रदेश का दूसरा ऐसा स्थानीय निकाय होगा, जो म्यूनिसिपल बांड जारी कर पैसा जुटाएगा।

आदित्यनाथ ने बुधवार यहां लखनऊ नगर निगम (एलएमसी) के बांड की सूचीबद्धता के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि लखनऊ इस मार्ग से पैसा जुटाने वाला उत्तर प्रदेश का पहला और राष्ट्रीय स्तर पर सातवां शहर है।

एलएमसी ने पिछले महीने म्यूनिसिपल बांड से 200 करोड़ रुपये जुटाए हैं।

मुख्यमंत्री ने इसे ऐतिहासिक अवसर बताते हुए कहा कि अन्य शहर मसलन गाजियाबाद, आगरा, कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी भी इस मार्ग से संसाधन जुटाएंगे।

आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि जल्द हम यहां गाजियाबाद नगर निगम का बांड सूचीबद्ध होने के अवसर के लिए उपस्थित होंगे। ’’

एशिया के सबसे पुराने शेयर बाजार बीएसई में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि बांड निर्गम के जरिये धन जुटाने से किसी नगर निगम का लेखा व्यवहार और अन्य प्रणालियों में सुधार होता है।

उन्होंने कहा कि 10 साल का यह निर्गम ऐसे समय आया है जबकि ऋण दरें पिछले एक दशक के सबसे निचले स्तर पर हैं। यह दूसरी सबसे निचली कपून दर 8.5 प्रतिशत के साथ लाया गया है।

उन्होंने संसाधन जुटाने में देश की वित्तीय राजधानी की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि ‘महालक्ष्मी मंदिर’ एक सदी से अधिक से देश की आर्थिक प्रगति में योगदान दे रहा है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी आशुतोष टंडन, सतीश महाना और सिद्धार्थ नाथ सिंह और लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया तथा अन्य अधिकारी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने मंगलवार शाम को यहां पहुंचने पर फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार के साथ मुलाकात की थी। उनका बुधवार को बॉलीवुड की अन्य हस्तियों तथा टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन सहित अन्य उद्योपतियों से भी मिलने का कार्यक्रम है।

उत्तरप्रदेश में फिल्म सिटी बसाने के लिए योगी आदित्यनाथ पहुंचेंगें मुंबई,महाराष्ट्र भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा:मुंबई से बॉलीवुड को कोई नहीं हटा सकता attacknews.in

लखनऊ/कोल्हापुर 01 दिसम्बर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में उद्योगपतियों को आमंत्रित करने के लिये कल 2 दिसम्बर को देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई जायेंगे और बड़े व्यावसाईयों तथा उद्योगपतियों से बात करेगे ।

इसके लिये निवेशकों ,बैंकर्स तथा उद्यमियों के साथ बैठक होगी । राज्य में बड़ा पूंजी निवेश लाने और फिल्म सिटी परियोजना को आगे बढ़ाने की तैयारी है ।

फिल्म सिटी परियोजना को आगे बढ़ाने के लिये मुख्यमंत्री की अक्षय कुमार,बोनी कपूर,मनमोहन शेट्टी,सुभाष घई से बात और चर्चा होगी । फिल्म वालों से निवेश,प्रस्तावित फिल्म और फाइनेंस सिटी पर चर्चा होगी । बैंको से गंगा एक्सप्रेस वे के लिये कर्ज की भी बात होगी ।

उततर प्रदेश में अब तक दो लाख करोड़ रूपये का निवेश हो चुका है तथा 48 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश वाली 156 परियोजनायें चालू हो गई हैं ।
राज्य में रिलायंस जिओ, वर्ल्ड ट्रेड सेंट ,पतंजलि ,वीवो मोबाइल,ओप्पो मोबाइल,अडानी ,सैमसंग,सनवोडा इलेक्ट्रोनिक जैसी कंपनी आ चुकी है ।

मुंबई से बॉलीवुड को कोई नहीं हटा सकता: पाटिल

इधर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने दावा किया है कि कोई भी मुंबई से बॉलीवुड को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित नहीं कर सकता।

श्री पाटिल मंगलवार को कोल्हापुर विधान परिषद के लिए हो रहे चुनाव के लिए मतदान करने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

श्री पाटिल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुंबई से बॉलीवुड को उत्तर प्रदेश ले जाने के बयान के संबंध में कहा कि बॉलीवुड को मुंबई से बाहर कोई नहीं ले जा सकता।

शिवराज सिंह चौहान ने वैवाहिक आयोजनों में संख्या संबंधी अनावश्यक प्रतिबंध नहीं लगाने के दिए निर्देश, मास्क न पहनने व सावधानियां नहीं बरतने वालों को “ओपन जेल” में रखने को कहा attacknews.in

भोपाल 27 नवम्बर ।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के जिन जिलों में कोरोना संक्रमण अधिक है, वहां क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की सलाह अनुसार वैवाहिक आयोजनों में संख्या संबंधी प्रतिबंध लगाया जाएं, परंतु जिन जिलों में प्रकरण कम हैं, वहां वैवाहिक आयोजनों पर अनावश्यक प्रतिबंध न लगाए जाएं। मास्क न लगाने तथा कोरोना संबंधी अन्य सावधानियां न बरतने पर कुछ समय के लिए ‘ओपन जेल’ में रखा जाए। जो लोग ‘होम आइसोलेशन’ में हैं, उनके घर के बाहर तत्संबंधी सूचना प्रदर्शित की जाए, जिससे वे घर से बाहर न निकलें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिन क्षेत्रों में संक्रमण अधिक है, वहां ‘कंटेनमेंट जोन’ बनाए जाएं, जिससे संक्रमण आगे न फैले। भोपाल शहर में कोलार, एम.पी. नगर तथा अशोका गार्डन क्षेत्रों में कुल 05 संक्रमण क्षेत्र बनाए गए हैं। इन क्षेत्रों में विशेष सावधानी रखी जाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना योद्धा डॉ. शुभम उपाध्याय कोरोना मरीजों की सेवा करते हुए शहीद हो गए हैं। हमने उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की। उन्हें ‘लंग ट्रांसप्लांट’ के लिए चैन्नई भी ले जाने वाले थे, परंतु इसके पूर्व उनका दु:खद निधन हो गया। हम सभी उन्हें सादर श्रद्धांजलि देते हैं। उनके परिवार को 50 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज निवास से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

‘होम आइसोलेशन’ की कड़ी निगरानी हो

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि जो मरीज ‘होम आइसोलेशन’ में हैं, उनकी कमाण्ड एंड कंट्रोल सेंटर्स के माध्यम से कड़ी निगरानी की जाए। आवश्यक होने पर तुरंत उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाए। वे घर से बाहर न निकलें, इस पर सख्त पाबंदी की जाए। प्रदेश में कोरोना के कुल मरीजों में 62 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में हैं।

91.1 प्रतिशत रिकवरी रेट

प्रदेश में कोरोना की रिकवरी रेट 91.1 प्रतिशत है, पॉजिटिविटी रेट 5.5 प्रतिशत है तथा मृत्यु दर 1.6 प्रतिशत है। कोरोना के एक्टिव प्रकरणों की संख्या 14 हजार 677 है तथा प्रदेश में प्रति 10 लाख व्यक्ति कोरोना टैस्ट की संख्या 42 हजार 889 है।

इंदौर में सर्वाधिक नए प्रकरण

जिलावार समीक्षा में पाया गया कि कोरोना के सर्वाधिक नए प्रकरण इंदौर में 556 आए हैं, उसके बाद भोपाल में 313, ग्वालियर में 95, जबलपुर में 85, रतलाम में 51 तथा विदिशा में 33 नए प्रकरण आए हैं। इन जिलों पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा दिए गए।

विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम लेकर सागर जाएं

सागर में मृत्यु दर अधिक होने पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि वहां के प्रभारी अधिकारी विशेष चिकित्सकों की टीम लेकर कल ही सागर जाएं। वहां मृत्यु दर हर हालत में कम होनी चाहिए।

बुरहानपुर में कोई नया प्रकरण नहीं, केस स्टडी करें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बुरहानपुर जिले में घनी आबादी होने के बावजूद कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण पाया गया है। शुरूआत में जहां बुरहानपुर में बड़ी संख्या में कोरोना के प्रकरण आ रहे थे, वहीं आज जिले में कोई भी नया प्रकरण नहीं आया है तथा कोरोना लगभग समाप्ति की स्थिति में है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बुरहानपुर जिले की केस स्टडी करें तथा अन्य जिलों में भी ऐसी व्यवस्था लागू की जाए।

शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की जनता को बताया: कोरोना की वैक्सीन आने वाली है, लेकिन ढिलाई न बरतें, इससे पहले नरेन्द्र मोदी को अवगत कराया: वैक्सीन आने के बाद वितरण व्यवस्था को सुचारू ढंग से लागू किया जाएगा,इसकी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं attacknews.in

भोपाल,24 नवंबर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना की वैक्सीन जल्द ही आने वाली है। इस पर तेजी से कार्य चल रहा है। मध्यप्रदेश में भी राज्य सरकार ने इस संबंध में व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा है कि वैक्सीन आने से ही समस्या पूरी तरह हल नहीं होगी। किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं बरती जाना चाहिए। लोग मास्क का उपयोग करें और दो गज की दूर रखने तथा साबुन से बार-बार हाथ धोने जैसी सावधानियों का निरंतर पालन करें।

उन्होंने स्वैच्छिक संगठनों से भी आग्रह किया कि वे भी लोगों को मास्क के उपयोग के लिए समझाइश दें। उन्हाेंने कहा कि वे खुद हर जगह मिलने वाले लोगों को मास्क के उपयोग की बात समझाते हैं, उन्हें मास्क वितरित भी करते हैं। यह कार्य सभी को मिलकर करना है। सावधानी में ही सुरक्षा है। कोरोना से खुद बचने और अन्य लोगों के बचाने का दायित्व सभी को निभाना है।

कोरोना वैक्सीन वितरण के लिए राज्य योजना बनाएं – मोदी

इससे पहले आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस (कोविड-19) की वैक्सीन वितरण और उसके प्रशासन के संबंध में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस में कहा है कि भारत के साथ ही अन्य देशों में भी कोरोना से बचाव के वैक्सीन के लिए पूरे प्रयास हो रहे हैं। यह कार्य आखिरी दौर में है। भारत जो भी वैक्सीन देगा वो वैज्ञानिक कसौटी पर खरी होगी और इसके उपयोग की देशव्यापी व्यवस्था होगी।

वीडियों कान्फ्रेंस में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने वैक्सीन के संबंध में राज्य की तैयारियों की जानकारी प्रधानमंत्री को दी।

वीड़ियों कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि देश में गत कुछ महीने से कोरोना की चुनौती से निपटने के लिए केन्द्र सरकार ने भरसक प्रयास किए हैं। राज्यों द्वारा भी सजग और सक्रिय रहकर कोरोना से बचाव, रोगियों के उपचार और भविष्य की स्थिति के संबंध में अच्छा कार्य किया गया। हम आपदा के गहरे समंदर से निकलकर किनारे की तरफ बढ़ रहे हैं। लेकिन सावधानी अभी भी आवश्यक है। कहीं किसी शायर की यह पंक्तियां चरितार्थ न हों, कि हमारी कश्ती भी वहीं डूबी, जहाँ पानी कम था।

उन्होंने आज कोविड-19 वैक्सीन वितरण और उसके प्रशासन के संबंध में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा चर्चा की। इस चर्चा में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें मध्यप्रदेश में की गई तैयारियों की जानकारी दी।

इस दौरान श्री मोदी ने कहा कि जब कोरोना शुरू हुआ कुछ देशों में समस्या बहुत गंभीर थी। विशाल जनसंख्या वाले भारत देश में हमारा प्रयास था कि कम से कम नुकसान हो। इसमें सफलता भी मिली है। सभी को जागरूक होना होगा, ढिलाई बिल्कुल न हो, वैक्सीन आने में देर नहीं है लेकिन तब तक सभी सावधानियों का पालन करना ही है। वैक्सीन निर्माण के संदर्भ में केन्द्र सरकार निरंतर नजर रखे हुए है। वैक्सीन आने के पश्चात किसे कितना डोज देना होगा, यह तय नहीं है। हमें वैश्विक संदर्भ में आगे बढ़ना होगा।

श्री मोदी ने कहा कि रिकवरी रेट बढ़ने से लापरवाही नहीं बढ़ना चाहिए। टेस्टिंग की सुविधा का उपयोग करते हुए पॉजीटिविटी रेट को कम करना है। आइसोलेशन रोगियों की निरंतर मॉनीटरिंग, वैक्सीन के लिए सप्लाई व्यवस्था और जागरूकता अभियान में कोई कमी नहीं होना चाहिए। एक भी मृत्यु कहीं होती है तो उसके कारणों तक पहुंचना है।

उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान का कार्य काफी लंबा चलेगा। राज्यों से वैक्सीन की वितरण व्यवस्था पर आज सुझाव मांगे गए हैं। इन सुझावों के आधार पर अमल भी किया जाएगा। उन्होंने राज्यों से लिखित रूप में भी शीघ्र ही सुझाव भेजने का अनुरोध किया। विडियों कांफ्रेंस में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने उन 8 राज्यों की स्थिति भी जानी, जहां अभी भी कोरोना की समस्या अधिक गंभीर है। इन राज्यों में दिल्ली, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र शामिल है।

इस चर्चा में श्री चौहान ने प्रधामनंत्री को जानकारी दी कि मध्यप्रदेश में कोरोना वैक्सीन आने के बाद वितरण व्यवस्था को सुचारू ढंग से लागू किया जाएगा। वैक्सीन आने पर परिवहन व्यवस्था ड्राई स्टॉक, कोल्ड चैन स्पेस, नवीन कोल्ड चैन फोकल प्वाइंट का विस्तार, मॉनिटरिंग, वैक्सीनेटर्स के प्रशिक्षण का कार्य व्यापक पैमाने पर किया जाएगा। वर्तमान में भी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

श्री चौहान ने कहा कि राज्य में टीकाकरण कार्य सुचारू रूप से किया जाएगा। इसकी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। राज्य संचालन समिति बनाई जा चुकी है। यह समिति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई है। जिला टास्क फोर्स भी बना दिए गए हैं। ब्लॉक स्तर पर भी टास्कफोर्स गठित होंगे। उन्होंने कहा कि टीकाकरण कार्य में समाज को भी शामिल किया जाएगा। सामाजिक संगठन जैसे एनसीसी, एनएसएस और युवाओं का सहयोग लिया जाएगा। कोरोना से बचाव की वैक्सीन प्राथमिकता से किन लोगों को लगाई जाए, यह केन्द्र द्वारा प्राप्त दिशा निर्देशों के अनुरूप किया जाएगा।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1.94 लाख के पार हुई और मौत का आंकड़ा हुआ 3,172 ,इंदौर में दो दिनों से रिकार्ड मामले आने का सिलसिला जारी attacknews.in

भोपाल, 23 नवंबर । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों को लेकर 23 नवंबर, सोमवार को रात्रि में राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी किए गए बुलेटिन के अनुसार स्थिति इस प्रकार है।

जिला…….संक्रमित…मृत्यु…ठीक हुए

इंदौर………38247….735..34424
भोपाल…….29701….506…26872
ग्वालियर…..14022…176…13023
जबलपुर…..13789…218..12863
खरगौन……4209….73…..3978
सागर………4183….134….3752
उज्जैन…….3871……99….3555
होशंगाबाद..3170….55….3040
नरसिंहपुर…3156… 27….3081
धार………….3178…..52….2909
रतलाम…..3223…..64….2677
शिवपुरी……3139…26….2898
रीवा………..3095….31….2768
मुरैना…………3008….25….2919
बैतुल………2820……64…2643
शहडोल….2734….28…..2617
सतना……..2664…..39….2505
विदिशा……2669…..52….2321
नीमच………2574….35….2423
बालाधाट…..2500…11….2398
छिदंवाडा….2420….38…2300
दमोह……..2317…..70….2087
सीहोर…….2291…..48….2145
बडवानी….2286….21….2171
मंदसौर…..2258……25….2155
देवास……..2156……24..2031
रायसेन……2018…..37…1853
राजगढ……1955…..57…1743
खंडवा……1945…..54….1822
कटनी …….1882….16….1816
झाबुआ……1875…..20…1751
अनुपपुर…….1859….14..1783
छतरपुर……1746….30….1626
हरदा………1738….28…..1616
सीधी……..1662….10….1508
सिंगरौली……1608…25….1478
दतिया…….1578…..19….1451
शाजापुर…….1460….22..1333
सिवनी……..1315….9….1277
भिंड…………1314….8….1231
श्योपुर………1197…10…1122
गुना…………..1124…17….999
टीकमगढ़…..1102…26….1016
अलीराजपुर…1088..13….1058
उमरिया………1081…15..1029
मंडला……….1065….9….1026
पन्ना…………880…..3…..844
डिण्डोरी…….856…..1….826
अशोकनगर…869…16…721
बुरहानपुर…..798..26….766
आगर मालवा.536…10….490
निवाडी…………514….1….497
योग…….194745…3172…179237

इंदौर जिले में कोरोना से तीन लोगों की मौत, रिकार्ड 586 नए मामले

इंदौर जिले में कोरोना संक्रमित तीन लोगों मौत दर्ज किये जाने के साथ यहां एक ही दिन में रिकॉर्ड 586 संक्रमित सामने आए हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कल देर रात बताया कि रविवार को कुल 5,651 कोरोना संदेहियों के सेम्पल जांचे गए हैं, जिसमें 586 संक्रमित सामने आए है। इसी के साथ यहां अब तक कुल जांचे गए 4,72,692 सेम्पल में अब तक 38,247 संक्रमित सामने आए हैं। रविवार को इनमें से 320 रोगियों को उपचार के बाद स्वस्थ पाए जाने पर डिस्चार्ज किया गया है। अब तक कुल 34,424 ठीक हो चुके है। जिले में 735 कोरोना रोगियों की अब तक मौत हुई है। वर्तमान में जिले में 3088 एक्टिव मामले बताये जा रहे है।

कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जिले में 21 नवंबर की रात 10 बजे से सुबह 6 तक कर्फ्यू अवधि घोषित कर दी गई है।

नीमच जिले में मिले 17 कोरोना पॉजिटिव

नीमच जिले में पिछले चौबिस घंटों में विभिन्न लैब से प्राप्त रिपोर्ट में 17 लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गए हैं।

जिला प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन 17 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उनमें से 8 नीमच और 2 मनासा,1 जावद और 7 व्यक्ति जिले के अन्य गांवों के हैं। इन्हें मिला कर नीमच जिले में कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों की संख्या 2455 हो गई है। जिले में अभी तक कोरोना संक्रमित 37 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है। अभी तक सामने आए कोरोना पीड़ितों में नीमच के 1052, जावद के 542 तथा 44 व्यक्ति उम्मेदपुरा और तारापुर के, 160 मनासा एवं बाकी अन्य स्थानों के है। जिले में 2285 कोरोना संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ होकर घर लौट गए है जबकि 133 व्यक्ति एक्टिव मरीज हैंं।

शिवपुरी में मिले 21 कोरोना पॉजिटिव

शिवपुरी में आज 21 मरीजों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जिसमें एक रिपोर्ट गुना के मरीज की है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया है कि जिले में कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या अब 3322 हो गई है तथा अभी तक 3075 मरीज ठीक हो चुके हैं। जिले में एक्टिव केस 221 है जबकि 26 लोगों की मौत हो चुकी है।

भोपाल में कोरोना रिकवरी रेट 91 प्रतिशत हुआ, स्वस्थ हुए 26636 कोरोना पीड़ित

राजधानी भोपाल में अब तक कोरोना संक्रमित पाए गए कुल 29352 लोगों में से 26636 संक्रमित पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। भोपाल का रिकवरी रेट भी बढ़कर 91 प्रतिशत हो गया।

जिला प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार भोपाल में अब तक 505 व्यक्तियों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो चुकी है। वर्तमान में यहाँ 2374 व्यक्ति ही संक्रमित है, जिनका उपचार किया जा रहा है। यहाँ आज तक 3 लाख 92 हजार से अधिक सैंपल लिए जा चुके हैं, जिसमें से 29352 लोगों की कोराना संक्रमण रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनमें से 26636 लोग कोरोना संक्रमण से पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं।

हरदा में 29 सेम्पल की रिपोर्ट आई पॉजिटिव

हरदा जिले में आज कोरोना संक्रमण के 29 नए मामले सामने आए हैं।

जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.किशोर कुमार नागवंशी ने बताया कि 23 नवम्बर को कुल 356 सैंपल की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। जिसमें 29 सेम्पल की रिपोर्ट पॉजिटिव तथा 327 सेम्पल की रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त हुई। आज 200 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। अभी तक भेजे गए कुल 33506 में से 32896 सैंपल की रिपोर्ट आ चुकी हैं जबकि 610 सैंपल की रिपोर्ट आना शेष हैं। वर्तमान में कोरोना संक्रमण के सक्रिय मरीज़ों की संख्या 95 है। जिले में 1618 मरीज़ स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं।

मध्यप्रदेश में किसानों को सब्जियों के सही दाम मिलने की व्यवस्था होगी,शिवराज सिंह चौहान हरेक जिले में जनकल्याणकारी योजनाओं की स्थिति का जायजा लेगें और सरकारी खरीद में एक हिस्सा महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों का होगा attacknews.in

भोपाल, 23 नवंबर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ऐसी बाजार व्यवस्था विकसित की जाए, जिससे किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले। सब्जियों के थोक और खुदरा मूल्य में अधिक अंतर नहीं होना चाहिए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में सब्जियों के दाम के संबंध में उद्यानिकी विभाग की उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि कि किसान दिन-रात पसीना बहाकर उत्पादन करता है परन्तु अधिक मुनाफा बिचौलिए ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी सब्जियों आदि उपज का समुचित मूल्य दिलवाना सरकार का लक्ष्य है। इसके लिए अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं का अध्ययन कर सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किए जाने संबंधी रिपोर्ट तैयार कर उनके समक्ष दो दिन में प्रस्तुत की जाए।

इस बैठक में बताया गया कि केरल आदि राज्यों में सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए जाने की व्यवस्था है। केरल में इसके लिए किसानों का पंजीयन किया जा रहा है। प्रदेश में सब्जियों आदि के परिवहन पर कहीं भी किसी प्रकार की रोक नहीं है। किसान आसानी से किसी भी मंडी अथवा स्थान पर अपनी फसलें लाना-ले जाना कर सकते हैं। इसके बाद श्री चौहान ने निर्देश दिए कि पशुपालन और संबंधित विभागों के अधिकारी सब्जी मंडियों आदि का औचक निरीक्षण कर देखें कि किसानों से सब्जी किस मूल्य पर खरीदी जा रही है और उपभोक्ता को किस मूल्य पर मिल रही है।

जनकल्याणकारी योजनाओं की स्थिति का जायजा लेगें शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के विभिन्न नगरों और ग्रामों का भ्रमण कर जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति देखेंगे।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसकी शुरुआत करते हुए आज भोपाल के विभिन्न क्षेत्र में जाकर जनता को मिल रही सुविधाओं और निर्माणाधीन कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर में लोक सेवा केन्द्र, राजधानी के नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और कोकता क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने इन कार्यों का अवलोकन करने के बाद संबंधित अधिकारियों को समय-सीमा में इन कार्यों की पूर्णता सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि आम जनता को उन्हें मिलने वाली सुविधाओं से वंचित करने वालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

श्री चौहान निरीक्षण के दौरान सबसे पहले यहाँ कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित लोक सेवा केन्द्र पहुंचे और लोगों से भेंट कर आवेदकों से जानकारी प्राप्त की कि उनके कार्य एक दिन में हो रहे हैं या नहीं।

उन्होंने कहा कि लोक सेवा केन्द्रों पर लगने वाले इस शुल्क में कमी के लिए नई नीति बनाई जाएगी। उन्होंने जिला कलेक्टर अविनाश लवानिया को केन्द्र में शुल्क की व्यवस्था को परिवर्तित कर जनता को राहत प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने केन्द्र में तैनात कर्मचारियों से चर्चा कर जनता को उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिए कर्मचारियों की सराहना भी की।

इसके बाद श्री चौहान ने भोजताल के पास कोहेफिजा अहमदाबाद क्षेत्र में नवनिर्मित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया और प्लांट के निर्माण में हो रहे विलंब की जानकारी प्राप्त की। इस प्लांट का निर्माण वर्ष 2019 में पूर्ण होना था।

उन्हाेंने प्लांट से संबंधित प्रक्रियाओं को पूरा कर लोकार्पण की तिथि तय करने के निर्देश देते हुए कहा कि जलस्रोतों की शुद्धि के लिए इस तरह के प्लांट अपनी पूरी क्षमता से कार्य करें और इनका लाभ नागरिकों को प्राप्त हो, इस दिशा में अधिकारी गंभीर रहें। उन्हाेंने अन्य स्थानों पर निर्मित हो रहे तीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के अधूरे कार्यों को भी शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

सरकारी खरीद में एक हिस्सा महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों का होगा- शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में सरकारी खरीद का एक हिस्सा महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों का होगा और उनकी बनाई सामग्रियों को बाजार प्रदान करने तथा प्रोत्साहित करने के लिए शहरों में ‘मॉल्स’ में भी रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज मंत्रालय से वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा स्व-सहायता समूहों की महिलाओं के वर्चुअल क्रेडिट कैम्प को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता महिलाओं का सशक्तीकरण है। इसके लिए सरकार उन्हें विभिन्न गतिविधियों के लिए 4 प्रतिशत ब्याज पर बैंकों से ऋण दिला रही है और शेष ब्याज की राशि सरकार भर रही है। इस वर्ष महिलाओं को उनकी आर्थिक गतिविधियों के लिए 1400 करोड़ की राशि दिलाई जा रही है। इस मौके पर श्री चौहान ने उन्हें 150 करोड़ रूपए की ऋण राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरित की।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 35 लाख बहनें स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हैं तथा विभिन्न प्रकार की आर्थिक गतिविधियां सफलतापूर्वक संचालित कर रही हैं। इस बार बहनों को स्कूल गणवेश का कार्य दिया गया है। इसी के साथ कई स्थानों पर वे ‘रेडी टू ईट’ पोषण आहार का निर्माण भी कर रही हैं। हमें इस वर्ष 30 लाख और महिलाओं का आवश्यक प्रशिक्षण देकर स्व-सहायता समूहों से जोड़ना है। ये महिलाएं ‘लोकल को वोकल बनाएंगी’ और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण करेंगी।

उन्हाेंने कहा कि स्व-सहायता समूह की बहनें न केवल आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से गांव को स्वावलंबी एवं मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाएं बल्कि ग्रामीण नेतृत्व में हिस्सा लेकर गांवों का विकास भी करें। प्रदेश में स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाने के लिए सरकार अधिक से अधिक सहायता कर रही है। सरकार का लक्ष्य है कि स्व-सहायता समूहों की प्रत्येक महिला को कम से कम 10 हजार रूपए की मासिक आमदनी हो। इस अवसर पर स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने अपनी अपनी आर्थिक गतिविधियों की जानकारी दी और अपने विचारों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

मध्यप्रदेश में कन्टेनमेंट जोन में लगेगा लॉकडाउन,इन्दौर, भोपाल, ग्वालियर, रतलाम एवं विदिशा में रात्रिकालीन कर्फ्यू,एक से आठ की कक्षाएं आगामी आदेश तक बंद, महाविद्यालय भी रहेंगे बंद attacknews.in

कोविड-19 की रोकथाम के संबंध में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णय

  1. प्रदेश में कन्टेनमेंट जोन को छोड़कर शेष किसी भी जिले, शहर, क्षेत्र में लॉकडाउन नहीं लगाया जायेगा।
  2. अन्तर्राज्यीय एवं अन्तरजिला परिवहन सतत एवं निर्बाध रूप से चल सकेगा।
  3. अधिक संक्रमण के जिलों इन्दौर, भोपाल, ग्वालियर, रतलाम एवं विदिशा में 21 नवम्बर से आगामी आदेश तक प्रत्येक रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे तथा नागरिक अति आवश्यक होने पर ही इस अवधि में आवागमन कर सकेंगे।
  4. औद्योगिक मजदूरों के आवागमन एवं ट्रकों के परिवहन पर कोई रोक नहीं रहेगी।
  5. कक्षा 1 से 8वीं तक के समस्त स्कूल आगामी आदेश तक बंद रहेंगे। कक्षा 9 से 12 के स्कूली छात्र-छात्राएं तथा कॉलेज के छात्र-छात्राएँ विभागों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप गाइडेंस के लिए स्कूल/कॉलेज आ सकेंगे।
  6. फेस मास्क का उपयोग पब्लिक प्लेसेस में समस्त नागरिक करें इसका सख्ती से पालन कराया जायेगा।
  7. प्रदेश के समस्त जिलों में 21 नवम्बर से जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों की बैठक आयोजित कर 22 नवम्बर तक समस्त जिला कलेक्टर विवाह/सामाजिक कार्यक्रमों में उपस्थिति की अधिकतम सीमा क्या तय की जाए और जिले में कौन-कौन से कन्टेनमेंट जोन बनाए जाएंगे का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजेंगे।

भोपाल 20 नवम्बर । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक बुलाकर कोरोना की स्थिति के संदर्भ में सुझाव प्राप्त किए जाएं। प्रदेश में लॉकडाउन नहीं लगेगा। मास्क के उपयोग को सख्ती से लागू किया जाए। इस मामले में ढिलाई बरतने वालों पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति को गत आठ माह में नियंत्रित रखते हुए सर्वोत्तम प्रबंधन किए गए और प्रदेशवासियों ने भी सहयोग देते हुए जागरूकता का परिचय दिया, राज्य सरकार जागरूकता प्रयासों को निरंतर जारी रखेगी। अर्थव्यवस्था प्रभावित न हो और कोरोना भी नियंत्रित रहे, इस संतुलन को बनाए रखा जाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल कमाण्ड सेंटर सक्रिय रहें और आइसोलेशन के रोगियों की समुचित देखरेख भी सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोपाल और इंदौर में कल अपेक्षाकृत अधिक संख्या में आए पॉजीटिव प्रकरणों से चितिंत होकर प्रदेश में कोरोना के संबंध में आज मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा जिला कलेक्टर्स से चर्चा की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता के प्रयास निरंतर हों। आमजन को संदेश पहुंचाने के लिए कलेक्टर्स अभिनव प्रयास भी कर सकते हैं। उद्घोषणा द्वारा लोगों को शिक्षित करने का कार्य भी किया जाए और परिवारों के स्तर पर यह प्रयास हों कि बुजुर्ग लोग घरों से अधिक बाहर न निकलें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जागरूकता प्रयासों में एनजीओ भी सहयोग करें। विवाह समारोह और सांस्कृतिक गतिविधियां सीमित संख्या की भागीदारी में हों और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाए।

बैठक में गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिन नगरों में कोरोना संक्रमण के अधिक मामले सामने आएंगे वहां रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू किया जा सकता है। छोटे कंटेनमेंट क्षेत्र बनाकर गंभीर स्थिति वाले क्षेत्रों में एहतियात बढ़ाई जा सकती है। आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही करने वाले ट्रांसपोर्ट को भी नहीं रोका जाएगा। अर्थव्यवस्था की गति को कायम रखते हुए सिर्फ इसलिए सावधानी के प्रयास बढ़ाए जा रहे हैं ताकि कोरोना का प्रसार न हो।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि औद्योगिक संगठनों की गतिविधियां भी यथावत रहें। श्रमिकों के आने-जाने पर कोई रोक नहीं होगी। शिक्षा व्यवस्था के अंतर्गत कक्षा एक से आठ की कक्षाएं आगामी आदेश तक नहीं लगेंगी। महाविद्यालय भी अभी बंद रहेंगे। कक्षा नौ से बारह के विद्यार्थी एवं कॉलेज के विद्यार्थी विभागों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप मार्गदर्शन के लिये स्कूल/कॉलेज आकर शिक्षण व्यवस्था का लाभ ले सकेंगे। सिनेमाघर अभी पूर्व व्यवस्था के अनुसार 50 प्रतिशत दर्शक संख्या के साथ संचालित हो सकते हैं।

बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य डॉ. संजय गोयल, सचिव मुख्यमंत्री श्री एम.सेलवेन्द्रन, संचालक जनसंपर्क श्री आशुतोष प्रताप सिंह उपस्थित थे।

राज्य का रिकवरी रेट 93 प्रतिशत

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज विस्तारपूर्वक समीक्षा में प्रदेश में कोरोना की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसी भी जिले में ऑक्सीजन की कमी न हो, बेड भी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हों, होम आइसोलेशन की सुचारू व्यवस्था हो। टेस्टिंग क्षमता के लक्ष्य पूरे हों और सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-भाड़ न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि मध्यप्रदेश कोरोना के एक्टिव रोगियों की संख्या की दृष्टि से देश में 15वें स्थान पर है। राज्य का रिकवरी रेट 93 प्रतिशत है। वर्तमान में 15 हजार टेस्ट रोजाना हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोपाल और इंदौर कलेक्टर से इस सप्ताह पॉजीटिव रोगियों की संख्या के संदर्भ में चर्चा की और उपलब्ध उपचार सुविधाओं की जानकारी भी प्राप्त की।

कलेक्टर इंदौर ने बताया कि रात्रि में लोगों के अनावश्यक मूवमेंट को रोकने के प्रयास बढ़ाएंगे। कलेक्टर भोपाल ने बताया कि व्यापारी संघों से चर्चा हो रही है। वे मार्केट को स्वैच्छिक रूप से जल्दी बंद करवाने के लिए सहमत हैं। कलेक्टर जबलपुर ने बताया कि आमजन द्वारा पिकनिक और आउटिंग जैसी गतिविधियों को हतोत्साहित किया जा रहा है। वृद्धजन के निवास पर बने रहने की समझाईश परिवारों को दी जा रही है। कलेक्टर ग्वालियर ने बताया कि गंभीर प्रकरण अधिक न होने पर भी जागरूकता की गतिविधियां चल रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने होम आइसोलेशन रोगियों की देखरेख के संबंध में भी कलेक्टर्स से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि आर्थिक गतिविधियों के संचालन को प्रभावित किए बिना कोरोना से बचाव के सभी निर्धारित आवश्यक उपायों पर अमल किया जाए।

भोपाल और जबलपुर में कर्फ्यू लगाने संबंधी कोई निर्णय शासन ने नहीं लिया

इससे पहले दोपहर में बताया गया था कि,मध्यप्रदेश के भोपाल और जबलपुर में शासन द्वारा कर्फ्यू लगाने संबंधी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट के माध्यम से दोनों शहरों में कर्फ्यू लगाने का खंडन करते हुए जानकारी दी है कि कतिपय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कर्फ्यू लगाने संबंधी बयान वायरल हो रहा है, जो वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पूर्ण रूप से अप्रासंगिक है।