राहुल गांधी देखने गये सांड़ों को लड़ाने के पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू कार्यक्रम के दौरान 58 लोग घायल attacknews.in

मदुरै, 14 जनवरी । सांड़ों को लड़ाने के पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू के दौरान यहां बृहस्पतिवार को 58 लोग घायल हो गए।

पुलिस ने यह जानकारी दी।

फसल उत्सव पोंगल के अवसर पर अवनियापुरम में आयोजित इस खेल में 529 सांड़ों को शामिल किया गया।

पुलिस ने बताया कि घायलों में खेल देखने के लिए आए दर्शक और खिलाड़ी भी शामिल हैं।

जल्लीकट्टू कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य के मंत्री सेल्लूर के राजू ने किया।

तमिलनाडु में कोरोना दिशा निर्देशों के साथ जल्लीकट्टू उत्सव शुरु

तमिलनाडु के अवनीयापुरम में कोरोना वायरस के दिशा निर्देशों के साथ गुरुवार को बैलों के खेल ‘जल्लीकट्टू’ पारंपरिक उत्साह और जोश के साथ शुरू हुआ।

सहकारिता मंत्री सेलूर के. राजू और जिला अधिकारी टी अंबालागन ने सुबह आठ बजे जल्लीकट्टु का शुभारंभ किया। यह खेल शाम 1600 बजे तक चला।

राहुल ने उठाया जलीकट्टु समारोह का लुत्फ

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को तमिलनाडु में मदुरै जिले के अवनियापुरम में आयोजित प्रसिद्ध ‘जलीकट्टु’ समारोह का लुत्फ उठाया।

श्री गांधी ने तमिलनाडु के लोगों के साथ निकटता दिखाने के लिए एक पहल के तौर पर पार्टी के ‘राहुलिन तमीज वनक्कम’ (राहुल का तमिल स्वागत) कार्यक्रम के हिस्से के रूप में ‘जलीकट्टु’ समारोह में भाग लिया।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बृहस्पतिवार को तमिलनाडु के पारंपरिक खेल आयोजन ‘जल्लीकट्टू के साक्षी बने।

पोंगल के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में राहुल गांधी के साथ द्रमुक की युवा इकाई के सचिव उदयनिधि स्टालिन, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केएस अलागिरी और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी भी मौजूद थे।

‘जल्लीकट्टू’ तमिलनाडु के ग्रामीण इलाक़ों का एक परंपरागत खेल है जो पोंगल त्यौहार पर आयोजित किया जाता है। इसमें लोग बैलों को पकड़ने एवं उन्हें काबू करने की कोशिश करते हैं।

उदयनिधि स्टालिन आयोजन स्थल पर सुबह से ही मौजूद थे और शुरू में वह मंच पर राहुल गांधी और कांग्रेस के दूसरे वरिष्ठ नेताओं के साथ नहीं बैठे थे, हालांकि बाद में वह राहुल गांधी के साथ बैठे जिसके बाद दोनों बातचीत करते देखे गए।

इस साल अप्रैल-मई में होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में द्रमुक और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावना है।

अलागिरी ने मंगलवार को कहा था कि राहुल गांधी तमिलनाडु दौरे पर ‘जल्लीकट्टू’ कार्यक्रम के साक्षी बनकर केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को नैतिक समर्थन देंगे।

उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष इस दौरे पर चुनाव प्रचार के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।

हाल ही में राहुल गांधी निजी दौरे पर विदेश गए थे और वह पिछले दिनों लौटे हैं। विदेश से लौटने के बाद वह यहां पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए।

झारखंड में हथिनी एम्मा के साथ की जा रही क्रूरता के बाद अस्वस्थ हालात में मथुरा लाया गया,हथिनी के पैरों में दर्द के बावजूद उसे देशी शराब पिला कर काम करने के लिए मजबूर किया जाता रहा attacknews.in

बीमार हथिनी के लिए विशेष एम्बुलेंस का इंतजाम

मथुरा 6 जनवरी । बीमार हथिनी ‘एम्मा’ को झारखण्ड से हाथी संरक्षण केन्द्र चुरमुरा (फरह) मथुरा लाने के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस ने विशेष रूप से डिजाइन किए गए हाथी एम्बुलेंस का प्रयोग किया था। यह हथिनी पांच जनवरी को हाथी संरक्षण केन्द्र फरह में लाई गई थी।

बीमार हथिनी को उसके मालिकों से मुक्त कराने के बाद विशेष एम्बुलेंस से उसे पशु चिकित्सा विशेषज्ञों और हाथियों की देखभाल करने वाली एक टीम की देखरेख में धनबाद से मथुरा के हाथी संरक्षण केन्द्र में लाने के दौरान टीम को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। बीमार पशु को 1000 मील से भी अधिक दूरी को तय कराना एक चुनौती थी। वाइल्डलाइफ एसओएस के पशु चिकित्सकों द्वारा प्रारंभिक जांच में पता चला कि हथिनी को पैरों में गंभीर दर्द है जिसके कारण वह अपने आगे के दोनों पैरों पर स्वयं का ही भार उठाने में असमर्थ है।

डीएफओ,धनबाद बिमल लाकरा ने बताया कि हथनी को अवैध रूप से राज्य की सीमाओं के पार ले जाया जा रहा था तथा अवैध दस्तावेज के आधार पर वन विभाग द्वारा इसे जब्त किया गया था।

वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक डॉ. इलियाराजा, ने बताया कि ‘एम्मा’ के लिए उसके नाजुक और संवेदनशील पैरों पर खड़ा होना कठिन साध्य है क्योकिं उसके पैरों में कांच, कीलें और पत्थर के टुकड़े लगे हुए थे। इन्हे यद्यपि निकाल दिया गया है लेकिन उसके घाव का दर्दे उसकी बीमारी को एक प्रकार से बढ़ा रहा हैं। हथनी के पैरों में दर्द है और वह ऑस्टियोआर्थराइटिस (जोड़ों की बीमारी) से पीड़ित है कुपोषण के कारण उसकी स्वास्थ्य स्थिति भी काफी खराब है। 40 वर्षीय इस हथिनी से काम लेने के लिए उसके मालिक उसे देशी शराब पिलाते थे।

’वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा उन्हें जल्दी से हथनी को अस्पताल लाना था, जिससे उसकी सही तरीके से सेवा एवं चिकित्सा हो सके। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि उसे उसके मालिक द्वारा शराब पिलाई जाती थी जो उसकी अपार क्रूरता और उपेक्षा को दर्शाता है।

वन विभाग ने उसके मालिकों पर वन्यजीव कानूनों के उल्लंघन और गंभीर उपेक्षा का आरोप लगाकर उसे मुक्त कराया था तथा वाइल्डलाइफ एसओएस से हथिनी को हाथी अस्पताल में चिकित्सा उपचार और देखभाल प्रदान करने की सहायता करने का भी अनुरोध किया था।

इसके मालिकों द्वारा इसके साथ की जा रही क्रूरता के बारे में हाथी संरक्षण केन्द्र फरह के निदेशक बैजू राज ने बताया कि इस 40 वर्षीय हथनी की जिन्दगी में राहत के पल बहुत ही कम थे, उसे भीख मांगने, धार्मिक जुलूस, शादी समारोह, पर्यटक सवारी जैसी गतिविधि के लिए नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाता था। रात में, उसे कसकर बाँध दिया जाता था जिसकी वजह से वह लेटने और आराम करने में असमर्थ थी। उसे मिठाइयों और तले हुए खाद्य पदार्थों से निर्मित अस्वस्थ आहार खिलाया जाता था।

उन्होंने बताया कि हथनी के पैरों में दर्द के बावजूद उसे देशी शराब पिला कर काम करने के लिए मजबूर किया जाता रहा। हथिनी के मालिकों स्वीकार किया कि वे उसे उचित चिकित्सा उपचार नहीं दिला सकते थे। उसके मालिकों का कहना था कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए वे कैद में रखे हाथियों को शराब और तम्बाकू तक का सेवन कराते है जब कि चिकित्सकों के अनुसार यह शराब हाथी के लिए किसी विष से कम नहीं होती। वैसे भी इस तरह की अमानवीय हरकत खतरनाक साबित हो सकती है, क्योंकि भीड़भाड़ वाले इलाके में हाथी अनियंत्रित भी हो सकते है तथा निर्दोष दर्शकों की जान खतरे में पड़ सकती है।

जम्मू-कश्मीर में शुरू हुई औद्योगिक क्षेत्रों के बहुआयामी विकास के साथ आर्थिक क्रांति,कश्मीर के नौजवानों को 2021 में मिलेगा रोज़गार के अवसरों का तोहफा attacknews.in

नयी दिल्ली ,30 दिसंबर ।कोविड की महामारी के बाद जम्मू -कश्मीर में वर्ष 2021 नौजवानों के लिए रोज़गार के बड़े अवसर ले कर आ रहा है और कृषि, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योेगों से लेकर सूचना एवं डिजीटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ढेर सारी संभावनाएं खुलने जा रहीं हैं।

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एजेंसी से खास मुलाकात में कहा कि केन्द्र शासित प्रदेश के नौजवानों को रोज़गार उपलब्ध कराने के लिए शिक्षा, प्रशिक्षण एवं ऋण की सुविधाओं और अनुकूल कारोबारी नीतियों को मिला कर एक मिशन यूथ शुरू किया गया है। इसमें मुंबई शेयर बाजार सहित भारत के बड़े कारपोरेट घरानों का सक्रिय सहयोग लिया जा रहा है।

श्री सिन्हा ने बताया कि पहले जम्मू कश्मीर में रोज़गार का साधन सरकारी नौकरियां होतीं थीं। केन्द्र शासित प्रदेश की 1.35 करोड़ की आबादी में उतने ही सरकारी कर्मचारी हैं जितने बिहार में हैं जबकि बिहार की आबादी करीब 12 -13 करोड़ है। इसका कारण यह था कि यहां रोज़गार के अन्य अवसरों के बारे में पहले कोई काम नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि केन्द्र शासित प्रदेश की सरकार ने केन्द्र सरकार की योजनाओं को समेकित करके मिशन यूथ शुरू किया। इसमें देश के बड़े कारोबारी घरानों ने भी सहयोग का हाथ बढ़ाया है।

उन्होंने कहा कि टाटा समूह ने बारामूला में एक एडवांस तकनीक का अत्याधुनिक कौशल विकास केन्द्र स्थापित किया है जिसमें आईटीआई, इंजीनियरिंग, पॉलीटैक्नीक में पढ़े 286 युवाओं को सूचना प्राैद्योगिकी, कृत्रिम मेधा (एआई), त्रिआयामी चित्रण, डाटा विश्लेषण सहित डिजीटल प्रौद्योगिकी की सभी विधाओं में पारंगत बनाया जा रहा है। टाटा का दूसरा केन्द्र जल्द ही जम्मू में शुरू होने जा रहा है। विप्रो टेक्नोलॉजीज़ भी प्रदेश के विभिन्न दूरदराज के इलाकों में शिक्षण और प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने वाली है। हिन्दूजा समूह ने भी कश्मीर घाटी एवं जम्मू क्षेत्र में दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की अनुमति प्राप्त की है।

श्री सिन्हा ने बताया कि मुंबई शेयर बाजार को जोड़ कर एक साल में पांच हजार युवाओं को शेयर कारोबार, बीमा व्यवसाय का प्रशिक्षण एवं बारीकियों की जानकारी दिलायी जाएगी। तीन माह के प्रशिक्षण कैप्सूल से युवा महीने में 15 से 20 हजार रुपए आसानी से कमाने में सक्षम हो जाएंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2021 में केन्द्र शासित प्रदेश में 2021 छोटे वाणिज्यिक वाहनों को बिना किसी अग्रिम भुगतान के उपलब्ध कराया जाएगा। सभी 20 जिलों के युवाओं को हर माह 50 से 100 वाहन प्रदान किये जाएंगे।

उन्होंने कहा कि अशोक लेलैंड के करीब सात लाख चार हजार रुपए के मिनी कॉमर्शियल वाहनों पर 81 हजार रुपए की सब्सिडी कंपनी की ओर से और 80 हजार रुपए की सब्सिडी केन्द्र शासित प्रदेश की सरकार की ओर से दी जाएगी। वाहन की बाकी कीमत के लिए मुद्रा योजना के तहत ऋण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स ने भी ऐसी योजना शुरू करने की पेशकश की है।

उपराज्यपाल ने कहा कि राज्य में कृषि भूमि संबंधी कानून में सुधार किया गया है जिससे सेब की पैदावार को चार गुना किया जाएगा। उद्यानिकी कार्यक्रम में सेब के अलावा अखरोट, चेरी और जाफरान या केसर की जीआई टैगिंग की गयी है। इस क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने के अलावा राजमा, चावल, लेमनग्रास एवं हींग की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। हाल में अमूल ने डेयरी प्लांट लगाया है जिसमें करीब एक लाख लीटर दूध आ रहा है। इसे पांच लाख लीटर तक लाना है।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर देश नहीं बल्कि दुनिया का ऐसा पहला प्रदेश है जिसमें ‘सेहत’ योजना में प्रत्येक नागरिक को पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा दिया गया है। केन्द्र शासित प्रदेश में रिलायंस, हिन्दूजा, टाटा आदि समूहों से बड़े एवं सुपर स्पेशियलटी अस्पताल बनाने की पेशकश की गयी है और उनका सकारात्मक जवाब मिल रहा है।

श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य में नयी औद्योगिक नीति आने वाली है जिसमें उद्योगों को उत्पादन एवं नियोजन आधारित सब्सिडी देने की योजना है। विभिन्न स्थानों पर आईटी पार्क एवं मेडिसिटी बनाये जाएंगे। इससे भी राेज़गार के नये अवसर बढ़ेंगे। उद्योगों के लिए 3000 एकड़ ज़मीन अधिगृहीत की गयी है तथा इतनी ही भूमि और ली जाएगी। राज्य की 90 प्रतिशत कृषि भूमि के लिए स्थानीय लोगों के अधिकारों एवं हितों को हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड की तर्ज पर सुरक्षित रखा गया है।

उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं के साथ साथ 3450 मेगावाट विद्युत उत्पादन की क्षमता में 4000 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता और जोड़ने के लिए ऊर्जा, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय से करार किया जा रहा है।

पंजाब में किसान आंदोलन की आड़ में उद्योग धंधों को बनाया जा रहा है निशाना,अमरिंदर सिंह सहित सरकार का समर्थन,राज्य में अब संचार सेवाओं को किया जा रहा है तहस नहस attacknews.in

नयी दिल्ली,26 दिसम्बर । केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों की आड़ में पंजाब में उद्योगों को निशाना बनाने को लेकर विशेषज्ञों ने चिंता जताते हुए कहा है कि इसके राज्य की औद्योगिक गतिविधियों पर दूरगामी विपरीत परिणाम हो सकते हैं।

किसान आंदोलन को लेकर पंजाब में मोबाइल टावरों की बिजली जबरन काटने और दूरसंचार कंपनी के मुलाजिमों से हाथापाई की रिपोर्टों के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों से ऐसा नहीं करने की केवल अपील की । वहीं विश्लेषक भी मान रहे हैं कि ऐसी हरकतों से आंदोलन तो भटक ही रहा है इस प्रकार की गतिविधियां राज्य की औद्योगिक गतिविधियों पर उल्टा असर डाल सकती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे लोगों को असुविधा होती है और किसानों को कानून अपने हाथों में नहीं लेना चाहिए, हालांकि उन्होंने किसानों के आंदोलन के समर्थन की घोषणा भी कर डाली।

विश्लेषकों की राय है कि मुख्यमंत्री को तोड़फोड़ करने वालों से सख्ती से निपटने की जरुरत है नहीं तो कानून और व्यवस्था पर उगली उठना लाजिमी है और यदि यह सवाल गहराया तो फिर औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं जिसके उदाहरण पहले भी कई राज्यों में सामने आ चुके हैं।

टॉवर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर एसोसिएशन (टीएआईपीए) ने सरकार से अनुरोध किया था कि राज्य सरकार उन्हें तथाकथित किसानों की गुंडागर्दी से बचाए। इसके बाद ही सरकार की तरफ से यह अपील की गई है। किसान आंदोलन की आड़ में मनसा, बरनाला, फिरोजपुर और मोगा समेत पंजाब के विभिन्न हिस्सों में बीते कुछ दिन से एक विशेष दूरसंचार ऑपरेटर के मोबाइल टावरों को की जा रही बिजली आपूर्ति को काट रहे हैं।

किसान आंदोलन पर नजर रखने वालों का कहना है कि पहले रेलें रोकी गई जिससे बिजली घरों तक कोयला नहीं पहुंच सका और राज्य में विद्युत संकट का संकट पैदा हो गया । गेहूं की सिंचाई का समय है और देश के सर्वाधिक गेहूं उत्पादक राज्य में बिजली संकट का असर रबी की इस मुख्य फसल के लिये घाटे का सौदा भी हो सकता है। सरकार को इस मामले में तुरंत एस्मा लगा कर कार्यवाही करनी चाहिए।

कोरोना के वैश्विक संकट में दूरसंचार का माध्यम आजीविका का सबसे बड़ा साधन बना था और पंजाब में अब संचार सेवाओं को तहस नहस किया जा रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि राज्य के हित में सरकार को ऐसी गतिविधियों को तुरंत को रोकना होगा और जरुरत पड़ने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए। राज्य सरकार आवश्यक सेवाओं को चालू रखने में अक्षम साबित हुई है। दूरसंचार सेवाओं के बारे में उच्चतम न्यायालय भी साफ कर चुका है कि यह आवश्यक सेवाओं का अंग है, फिर भी मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं पंजाब में जारी हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि राजनीतिक नफे नुकसान से इतर सरकारी संपत्ति के नुकसान से किसी को कोई फायदा नही पहुंचता। मोबाइल टावरों की विद्युत आपूर्ति काटना सूबे की जीवन रेखा को शिथिल करने जैसा है। बच्चे ऑनलाइन क्लासेस से महरूम हैं, कोविड में जो लोग घर से काम कर रहे थे यानी वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे। उन्हें भी खतरे में धकेल दिया गया है। ऑनलाइन बिजनेस से जुड़े युवाओं के धंधे मंदे हो गए हैं।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 31 जुलाई को “पंजाब कोविड-19 रिस्पॉंस रिपोर्ट” में कहा है कि मंडियों के बाहर भी किसान को अपनी उपज बेचने का अधिकार मिलना चाहिए। पंजाब के मुख्य सचिव ने इसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए सितंबर में कहा था कि इसे लागू किया जाएगा। अपने रुख से पलटते हुए कांग्रेस आज किसानों का समर्थन कर रही है। जुलाई में रिपोर्ट आने के बाद, सितंबर में सुधार लागू करने का दम भरने वाली कांग्रेस ने अक्तूबर आते आते अपना रुख पूरी तरह बदल लिया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी शुक्रवार को किसानों के खाते में सम्मान निधि योजना हस्तांतरित करने के मौके पर किसी भी दल का नाम लिये हमला किया था और चुनौती दी थी कि सरकार ठोस तर्कों के आधार के साथ तीनों कानूनों पर खुलेमन से बातचीत के लिये तैयार है।
विश्लेषकों का कहना है कि कम्युनिस्ट हानन मोल्ला किसान आंदोलन का मुख्य चेहरा बने हुए हैं। आंकड़े गवाह है कि केरल और पश्चिमी बंगाल जैसे अपने गढ़ों में वामपंथी ना तो किसानों का भला कर पाए और ना ही उद्योग धंधों का।

श्री मोदी ने भी अपने संबोधन में केरल में कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) नहीं होने का उल्लेख किया है। किसानों की मांगों में एपीएमसी को बरकरार रखना बड़ी मांग है। केरल में उद्योग धंधे नहीं के बराबर हैं, राज्य की अर्थव्यवस्था पूरी तरह खाड़ी के देशों पर निर्भर है।

प्रधानमंत्री ने किसान आंदोलन पर तंज कसते हुए कहा कि “केरल में तो मंडी व्यवस्था है ही नही और वे पंजाब में मंडी व्यवस्था के पक्ष में खड़े हैं”।

पश्चिम बंगाल में कभी मिलों की चिमनियां सोना उगलती थी। टाटा की नैनो कार के प्रोजेक्ट को नहीं लगने देने के बाद आज वहां की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। कोलकता देश का पहला महानगर था। आज स्थिति उलट है, पश्चिम बंगाल को भारतीय उद्योगों का कब्रिस्तान माना जाने लगा है। 1977 में वाममोर्चा के सत्ता संभालने के बाद से ही मिलों में मारपीट, हत्या और आगजनी की घटनाएं बढ़ने लगीं। सरकारी समर्थन से हड़ताल ने स्थितियों को और बिगाड़ दिया और अतत: उद्योगों ने बंगाल से बाहर निकलने का फैसला कर लिया। इक्कीसवीं सदी की शुरूआत में नैंनों कार का प्लांट लगाने की एक कोशिश टाटा ने भी की, पर उसे भी सिंगुर में मुंह की खानी पड़ी, नुकसान सहा, दुर्व्यवहार का सामना किया और आखिरकार प्रोजेक्ट बंद करना पड़ा।

विश्लेषकों का कहना है कि पंजाब की समझदार कौम यह अच्छे से समझ रही है कि किसान आंदोलन पूरी तरह किसानों का नहीं रह गया है। किसी समय आतंकवाद से देश में सर्वाधिक प्रभावित राज्य में किसानों के मुद्दों की बात करते करते ‘पंजाब बनेगा खालिस्तान’ जैसे नारे सुनाई देना बड़ी चिंता का कारण है।

स्टार्टअप्स एंव उद्योग पर 300 से अधिक स्टार्टअप्स पर शोध कर चुके डा. प्रवीण कुमार तिवारी ने पंजाब की स्थिति पर चिंता सताते हुए कहा उद्योग धंधों को लेकर तथाकथित किसानों और राज्य सरकार का जो रवैया है उस पर जल्दी अंकुश नहीं लगाया तो पंजाब उद्योगों का कब्रिस्तान जरूर बन सकता है। उन्होंने कहा अब भी वक्त है छोटे-मोटे राजनीतिक फायदों को छोड़ कर मुख्यमंत्री और राज्य की विपक्षी पार्टियों को मिलकर पंजाब के भविष्य को ठोस शक्ल देने के कदम उठाने होंगे। उद्योगों और कृषि की एक साथ तरक्की ही भविष्य की राह है।

इंदौर रह रही पाकिस्तान से आई मूकबधिर युवती गीता के माता-पिता की खोजबीन का अभियान बे-नतीजा रहा, महाराष्ट्र- तेलांगना के सीमावर्ती पांच जिलों में करवाया गया भ्रमण attacknews.in

इंदौर, 21 दिसंबर । मध्यप्रदेश के इंदौर में रह रही पाकिस्तान से आई मूकबधिर युवती गीता के माता-पिता की खोजबीन के उद्देश्य से महाराष्ट्र- तेलांगना के सीमावर्ती पांच जिलों में चलाया गया भ्रमण अभियान बे-नतीजा रहा है।

गीता के माता पिता की खोजबीन के दल का नेतृत्व कर रहे सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया कि अपनी धुंदली यादों में झाक कर गीता ने कुछ संकेत दिए थे। उन्ही संकेतों के आधार पर एक समझ बनी थी कि गीता महाराष्ट्र और तेलंगाना के उन सीमावर्ती इलाकों से हो सकती है, जहां रेलवे स्टेशन हो। इसी क्रम में गीता को लासुर, औरंगाबाद, जलान, पर्वणी नांदेड़ और बासर में ले जाकर भ्रमण कराया गया। श्री पुरोहित ने बताया लेकिन इन स्थानों पर संभवता बीते वर्षो में हुए फेरबदल के चलते गीता अपने गृह स्थान को पहचान नहीं सकी है।

माता-पिता की तलाश जारी

उधर इंदौर से 15 दिसंबर की खबर थी कि, पाकिस्तान से भारत लौटी मूकबधिर युवती गीता के माता-पिता को तलाशने के लिए अभियान जारी है। इसी क्रम में गीता को महाराष्ट्र-तेलांगना के सीमावर्ती क्षेत्रों में भ्रमण कराकर उसके अपनों की तलाश के प्रयास किए जा रहे हैं।

वर्ष 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयासों से गीता भारत लौटी थी। इसके बाद से उसे मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित एक गैरसरकारी संगठन (एनजीओ) में संस्थागत पुनर्वास के लिए रखा गया था।

तीन माह पहले गीता को इंदौर जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस विभाग की पहल पर सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित को सौंपकर योजनाबद्ध तरीके से उसके माता-पिता की खोजबीन के प्रयास तेज किये गए ।

तीस वर्षीय गीता के माता-पिता की खोजबीन संबंधी दल का नेतृत्व कर रहे श्री पुरोहित ने बताया था कि 12 दिसंबर को वे गीता को एक चारपहिया वाहन से लेकर इंदौर से महाराष्ट्र के औरंगाबाद के लिए निकले हैं। यहां स्थानीय पुलिस और कुछ एनजीओ की मदद से संभावित स्थानों पर गीता को ले जाया गया है।

श्री पुरोहित के अनुसार लगभग 22-23 वर्ष पहले अपनों से बिछड़कर महज 7-8 वर्ष की आयु में पाकिस्तान पहुंची गीता ने महाराष्ट्र के इन क्षेत्रों को लेकर कुछ संकेत दिए थे। उन्हीं संकेतों के आधार पर उसे यहां नांदेड़, जालना और पांच अन्य जिलों में भ्रमण कराया जाएगा।

अयोध्या में शुरू हुई रामलीला,कई फिल्मी कलाकार भूमिका में आयेंगे नजर; मनोज तिवारी (अंगद) रवि किशन (भरत),बिंदु दारा सिंह-हनुमान, असरानी-नारद मुनि, रजा मुराद-अहिरावण, शाहबाज खान-रावण, राकेश वेदी-विभीषण, रितु‍ शिवपुरी-कैकेयी,राजेश पुरी और अवतार गिल भी अभिनय करेंगे attacknews.in

अयोध्या, 16 अक्टूबर । मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में शारदीय नवरात्र के अवसर पर फिल्मी कलाकारों के माध्यम से आयोजित होने वाली रामलीला कल से शुरू हो जायेगी।भगवान राम की जन्‍मस्‍थली अयोध्‍या के लक्ष्‍मण किला में राजनीतिक नेताओं और बॉलीवुड अभिनेताओं के अभिनय वाली रामलीला 25 अक्‍टूबर तक चलेगी।

रामलीला कमेटी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लक्ष्मण किला परिसर में आयोजित रामलीला के लिये भव्य मंच बनाया गया है। इस मंच को आकर्षक ढंग से सजाने का काम मुंबई से इवेंट मैनेजर हरिभाई ने किया है।

उन्होंने बताया कि 17 अक्टूबर से शुरू होने जा रही रामलीला में जूनियर आर्टिस्टों के साथ भगवान राम की भूमिका निभाने वाले कलाकार सोनू डालर व सीता की भूमिका निभाने में कविता जोशी यहां अयोध्या पहुंच रही हैं। वहीं सीनियर आर्टिस्ट भी अयोध्या आ रहे हैं। बताया गया है कि जूनियर आर्टिस्ट की टीम लक्ष्मण किला के निकट धर्मशाला में ही ठहरेगी। इसके अलावा अन्य कलाकार अलग-अलग जगहों पर ठहराये जायेंगे।

राज्य के संस्‍कृति और पर्यटन विभाग तथा अयोध्‍या शोध संस्‍थान के सहयोग से होने वाली यह रामलीला भी आकर्षण के केंद्र में है। बॉलीवुड के कलाकारों के चलते भी रामलीला का आकर्षण बना हुआ है।

आयोजन से जुड़े लोगों का कहना है कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल के चलते रामलीला के ऑनलाइन प्रसारण का ही फैसला किया गया है। सोशल मीडिया और यूट़यूब पर इसका प्रसारण होगा। हिंदी के अलावा अंग्रेजी, भोजपुरी, तमिल, तेलुगू, कन्‍नड़, मराठी, पंजाबी, उर्दू, राजस्‍थानी, हरियाणवी, बांग्‍ला समेत कुल 14 भाषाओं में इसका प्रसारण किया जाएगा।

आयोजकों ने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को भी रामलीला देखने का आमंत्रण दिया है जिसे मुख्‍यमंत्री ने सहर्ष स्‍वीकार किया। मुख्‍यमंत्री भी रामलीला देखने जाएंगे।

रामलीला में भरत की भूमिका निभाने जा रहे गोरखपुर के भाजपा सांसद रवि किशन शुक्‍ल भोजपुरी में कहते हैं कि ‘अयोध्‍या में प्रभु श्रीराम क भव्‍य मंदिर बनत बा, अउर एसे सुंदर का होई कि प्रभु श्रीराम के भूमि पर होवे वाली रामलीला में हम भूमिका निभाइब। जीयते जी मोक्ष मिल जाई।’ (अयोध्‍या में प्रभु श्रीराम का भव्‍य मंदिर बन रहा है और इससे सुंदर क्‍या होगा कि प्रभु श्रीराम की भूमि पर होने वाली रामलीला में हम भूमिका निभाएंगे। हमें जीते-जी मोक्ष मिल जाएगा।)

रवि किशन ने बताया कि ‘बचपन में मैं अपने गांव में रामलीला में सीता और अंगद की भूमिका करता रहा हूं। यह मां भगवती की कृपा है जो मुझे यह अवसर मिला है।’

कुंभकर्ण की भूमिका निभाने जा रहे बागपत से दो बार लोकसभा प्रत्‍याशी रहे भाजपा नेता मुखिया गुर्जर कहते हैं कि आयोजन में स्‍थान विशेष को महत्‍व दिया गया है। उन्होंने कहा कि वह मेरठ से आते हैं और उनका चयन इसलिए किया गया कि मेरठ रावण की ससुराल है। गुर्जर का कहना है कि इस आयोजन में रामायण के सभी पात्रों से जुड़े स्‍थानों को भी किसी न किसी बहाने एक सूत्र में पिरोया गया है।

रामलीला के लिए भगवान राम की शाही पोशाक उनकी ससुराल जनकपुर धाम (नेपाल) से बनकर आ रही है जबकि उनका धनुष कुरुक्षेत्र में तैयार हुआ है। सीता मैया की सजावट के सभी सामान अयोध्‍या में ही तैयार किये जा रहे हैं। दिलचस्‍प यह कि रावण के वस्‍त्र और आभूषण श्रीलंका से मंगाए गये हैं। श्रीराम के चरण जिन स्‍थानों पर पड़े उनमें 18 स्‍थानों की मिट़टी को एकत्र कर कलश पूजन किया गया है।

रामलीला आयोजन समिति के मुख्‍य संरक्षक दिल्‍ली के भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा हैं जबकि रामलीला में दिल्‍ली के ही सांसद मनोज तिवारी (अंगद) और गोरखपुर के सांसद रवि किशन (भरत) की भूमिका में आ रहे हैं। ये दोनों सांसद सिने जगत में भी दखल रखते हैं। आयोजन में पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली की मजबूत भागीदारी है।

हापुड के सोनू डागर (राम) की भूमिका में नजर आएंगे वहीं मुखिया गुर्जर के पुत्र परिवंदर सिंह (शत्रुघ्‍न) का अभिनय करेंगे। बॉलीवुड से बिंदु दारा सिंह-हनुमान, असरानी-नारद मुनि, रजा मुराद-अहिरावण, शाहबाज खान-रावण, राकेश वेदी-विभीषण, और रितु‍ शिवपुरी-कैकेयी की भूमिका में नजर आएंगी। राजेश पुरी और अवतार गिल भी इस रामलीला में अभिनय करेंगे।

पाकिस्तान में हर साल 1000 हिन्दू सिख लड़कियों का होता है जबरन धर्मान्तरण,अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय परिषद की रिपोर्ट ने तथ्यों को सार्वजनिक किया attacknews.in

इस्लामाबाद/नयी दिल्ली, 22 सितंबर । पाकिस्तान में हिन्दू एवं सिखों पर मजहब के आधार पर अत्याचार अनवरत जारी है और हर साल एक हजार से अधिक महिलाओं का अपहरण करके उन्हें जबरन धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता परिषद की वर्ष 2020 की रिपोर्ट में यह तथ्य रेखांकित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों की नाबालिग लड़कियों पर अत्याचार एवं हिंसा लगातार जारी है। हिन्दू, सिख एवं ईसाई समुदाय की युवतियों को अगवा करके बल पूर्वक इस्लाम में उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है। हर साल करीब एक हजार युवतियों को इस तरह इस्लाम में लाया जा रहा है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय पुलिस अक्सर इन मामलों की समुचित तहकीकात नहीं करती है। हाल के कुछ माह के दौरान सिख समुदाय में ऐसे 55 से अधिक मामले सामने आये हैं। बीते महीनों में सिख ग्रंथियों के परिवारों की नाबालिग लड़कियों को अगवा किया गया और जबरन इस्लाम कुबूलने को मजबूर किया गया। इनमें गत वर्ष ननकाना साहिब गुरुद्वारे के ग्रंथी की पुत्री जगजीत कौर का मामला पता चला था जबकि हाल ही में गुरुद्वारा पंजा साहिब के ग्रंथी की बेटी बुलबुल कौर को भी अगवा किया गया है।

पाकिस्तान में सिख समुदाय में इन घटनाओं से गहरा आक्रोश व्याप्त है और उन्होंने नाबालिग लड़कियों के अपहरण एवं बलपूर्वक धर्मान्तरण की बढ़ती घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन किया और पैदल मार्च किया है, पर पाकिस्तान सरकार की ओर से अब तक कोई संतोष जनक कदम नहीं उठाये गये हैं।

अभिनेत्री कंगना रनौत को लेकर मुंबई की राजनीति में आया भूचाल, इस मराठा नारी को लेकर सत्तारूढ़ मराठा सरकार का विवाद ऐसे हुआ शुरू की पड़ताल attacknews.in

मुंबई 05 सितंबर को बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने मुंबई वापस नहीं आने के लिए मिल रही धमकी के बीच कहा है कि वह नौ सितंबर को मुंबई आ रही है और यदि किसी में हिम्मत हो तो उन्हें रोक ले।इसी बीच महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने शुक्रवार को कहा कि बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रानौत को मुंबई ही नहीं वरन पूरे महाराष्ट्र में रहने का अधिकार नहीं है। इसका पलटवार करते हुए कंगना ने कहा, “किसी के बाप का नहीं है महाराष्ट्र, 09 सितंबर को आऊंगी हिम्मत है तो कोई रोक कर दिखाए।”

कंगना रनौत इंडस्ट्री में फैले नेपोटिजम-गैंगिजम और ड्रग लिंक पर खुलकर बोल रही हैं। कुछ दिन पहले सुशांत सिंह राजपूत मामले में ड्रग एंगल सामने आने के बाद कंगना ने कई बड़े खुलासे किए थे। साथ ही कहा था कि वह इस मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की मदद करने के लिए तैयार हैं लेकिन उन्हें सुरक्षा चाहिए।

कंगना के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता राम कदम ने मुंबई पुलिस, महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख और मुख्यमंत्री कार्यालय को टैग करते हुए कहा था, “100 घंटे से ज्यादा हो गए हैं, जब चार दिन पहले अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा था कि वह बॉलीवुड-ड्रग माफिया को एक्सपोज करने के लिए तैयार हैं लेकिन उन्हें सुरक्षा चाहिए। दुर्भाग्य से महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें अभी तक सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई है।”

इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कंगना ने कहा था, “सर आपकी चिंता के लिए धन्यवाद, अब मुझे मूवी माफिया से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है, मुंबई में मुझे या तो हिमाचल प्रदेश सरकार या फिर सीधे केंद्र सरकार की ओर से सुरक्षा चाहिए, मुंबई पुलिस से नहीं।”

कंगना के इसी बयान पर शिवसेना नेता संजय राउत ने उनसे कहा था कि वो मुंबई वापस न आएं। संजय राउत ने कहा था, ‘‘मुंबई में रहते हुए मुंबई पुलिस की आलोचना करना और कंगना का ऐसा कहना शर्मनाक है। हम उनसे आग्रह करते हैं कि वह मुंबई न आएं। यह मुंबई पुलिस की बेइज्जती है। गृह मंत्रालय को इस पर एक्शन लेना चाहिए।”

श्री राउत की बात पर कंगना रनौत ने ट्वीट किया, “शिवसेना नेता संजन राउत मुझे खुली धमकी दे रहे हैं और मुंबई वापस न लौटने की सलाह दे रहे हैं। मुंबई की गलियों में आजादी के बाद अब यह खुली धमकियां। मुंबई पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर जैसा क्यों महसूस हो रहा है।”

कंगना ने एक अन्य ट्टीट में लिखा, “मैंने देखा कि बहुत सारे लोग मुझे मुंबई वापस न आने की धमकी दे रहे हैं। तो अब मैंने अगले हफ्ते 09 सितंबर को मुंबई सफर करने का सोच लिया है। मैं जब मुंबई एयरपोर्ट पर उतरूंगी तो टाइम पोस्ट कर दूंगी। किसी के बाप में हिम्मत है तो रोक ले।”

कंगना रानौत को महाराष्ट्र में रहने का अधिकार नहीं: देशमुख

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने शुक्रवार को कहा कि बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रानौत को मुंबई ही नहीं वरन पूरे महाराष्ट्र में रहने का अधिकार नहीं है।

श्री देशमुख ने मुंबई पुलिस के संबंध में कंगना के ट्वीट पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

गृहमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, “ मुंबई पुलिस की तुलना स्कॉटलैंड यार्ड से की जाती है। कुछ लोग मुंबई पुलिस को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। एक आईपीएस अधिकारी इसके खिलाफ अदालत गए हैं। उनके (कंगना रनौत के) मुंबई पुलिस से तुलना करने के बाद उन्हें मुंबई या महाराष्ट्र में रहने का कोई अधिकार नहीं है।”

कंगना ने कहा-किसी के बाप का नहीं है महाराष्ट्र, 09 सितंबर को आऊंगी मुंबई

बॉलीवुड के नवोदित सुपरस्टार सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से मुंबई पुलिस की कार्यशैली, मायानगरी में भाई-भतीजावाद और ड्रग्स लिंक को लेकर लगातार मुखर रही हिंदी सिनेमा जगत की ‘मणिकर्णिका’ कंगना रनौत ने महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना की धमकियों पर पलटवार करते हुए कहा, “किसी के बाप का नहीं है महाराष्ट्र, 09 सितंबर को आऊंगी हिम्मत है तो कोई रोक कर दिखाए।”

कंगना ने शुक्रवार को शिवसेना सांसद संजय राउत, महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख, विधायक प्रताप सरनाइक के उन्हें मुंबई में घुसने नहीं देने की धमकियों के जवाब में ट्वीट किया, “किसी के बाप का नहीं है महाराष्ट्र। महाराष्ट्र उसी का है जिसने मराठी गौरव को प्रतिष्ठित किया है और मैं डंके की चोट पे कहती हूं हां मैं मराठा हूं। इनकी औकात नहीं है, इंडस्ट्री के सौ सालों में एक भी फिल्म मराठा प्राइड पे बनाई हो। मैंने इस्लाम डॉमिनेट इंडस्ट्री में अपनी जान और करीयर को दाव पे लगाया, शिवाजी महाराज और रानी लक्ष्मीबाई पे फिल्म बनाई। आज महाराष्ट्र के इन ठेकेदारों से पूछो किया क्या है महाराष्ट्र के लिए।”

अभिनेत्री ने कहा, “एक महान पिता की संतान होना ही आपकी एक मात्र उपलब्धि नहीं हो सकती, आप कौन होते हैं मुझे महाराष्ट्र प्रेम या नफरत का सर्टिफिकेट देने वाले। आपने यह कैसे निर्धारित कर लिया कि आप महाराष्ट्र को मुझसे ज्यादा प्रेम करते हैं और अब मुझे वहां आने का कोई हक नहीं।”

कंगना रनौत के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज

महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस के अलावा फिल्म उद्योग के साथ सोशल मीडिया पर प्रतिकूल टिप्पणियों के जरिए कथित रूप से अपमानित किये जाने का आरोप लगाते हुए एक सामाजिक कार्यकर्ता ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है।

सामाजिक कार्यकर्ता संतोष देशपांडे ने शनिवार को कंगना के खिलाफ अधिकतम शहर के खार पुलिस स्टेशन में ऑनलाइन शिकायत दर्ज करायी। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि कंगना ने महाराष्ट्र के गौरव और स्वाभिमान को क्षति पहुंचाई है। उन्होंने जोर दिया कि अभिनेत्री ने ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ का अनुचित लाभ उठाते हुए सोशल मीडिया पर ‘भड़काऊ’ टिप्पणियां पोस्ट की हैं।

राजस्थान में खाप पंचायत ने भीड़ के बीच महिला और युवक को नंगा करके दूध से नहाने की सजा दी,कसूर इतना था कि,महिला का फोटो जेठ के लड़के के मोबाइल पर था attacknews.in

जयपुर, 02 सितम्बर ।राजस्थान में सीकर जिले के एक गांव में सांसी समुदाय की एक महिला और युवक को खांप पंचायत करके सबके सामने निर्वस्त्र करके नहाने की सजा देने से समाज के प्रबुद्ध वर्ग में रोष व्याप्त है।

सूत्रों ने आज बताया कि सांसी समाज की एक महिला एवं एक युवक के संबंधों का वीडियो वायरल होने पर समाज के पंच-पटेलों ने नेछवा के सोला गांव में खांप पंचायत कर सैकड़ों लोगों के सामने उन दोनों को निर्वस्त्र करके दूध से नहलाया। इसके बाद उन्हें समाज में शरीक होने की अनुमति दी गई। यही नहीं दोनों परिवारों को भी पंच-पटेलों ने प्रताड़ित किया। वहीं दोनों से 51 हजार रुपए जुर्माने के रूप में वसूल किए।

जाति पंचायत के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज

राजस्थान के सीकर जिले में एक महिला को सार्वजनिक रूप से कथित तौर पर प्रतााड़ित करने के मामले में जाति पंचायत के 9—10 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराया गया है।

थानाधिकारी रामावतार ने बताया कि झुंझुनूं निवासी सवाईसिंह की ओर से इस बारे में मामला दर्ज कराया गया है।

उन्होंने बताया कि इसके अनुसार एक विवाहिता की फोटो जेठ के लड़के के मोबाइल पर पाये जाने के बाद इसे कथित तौर पर वायरल किये जाने के मामले में जाति पंचायत ने दोनों पक्षों पर 11—11 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया और विवाहिता को कथित रूप से प्रताड़ित किया गया।

उन्होंने बताया कि परिवादी ने इस बारे में मंगलवार को समाज की पंचायत में शामिल 9—10 लोगों के खिलाफ जुर्माना लगाने तथा विवाहिता को कथित रूप से प्रताड़ित करने का एक मामला दर्ज कराया।

थानाधिकारी ने बताया कि नामजद लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 143, 354, 384 और 509 के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि महिला के 164 के तहत बयान दर्ज कर लिये गये है। इस संबंध में नामजद लोगों से पूछताछ की जा रही है