कमलनाध द्वारा मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने का कारण विंध्य क्षेत्र में पार्टी की स्थिति कमजोर बताने पर अजय सिंह उनकी हालत को कमजोर बता दिया attacknews.in

सतना, 03 जून । मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के विंध्य अंचल को लेकर दिए गए कथित बयान और उस पर आज वरिष्ठ पार्टी नेता अजय सिंह की प्रतिक्रिया के बाद राज्य में कांग्रेस की राजनीति एक बार फिर गर्मा गयी है।

श्री सिंह ने विंध्य अंचल के सतना जिला मुख्यालय पर मीडिया से चर्चा के दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के पतन का ठीकरा विंध्य अंचल पर फोड़ना इस क्षेत्र का अपमान है।

विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता श्री सिंह ने कहा कि ये कहना सरासर गलत है अौर विंध्य अंचल का अपमान है।वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में इस अंचल से 12 विधायक थे, जो राज्य में किसी भी संभाग से नहीं आए थे।वर्ष 2018 के चुनाव में किसी को कहने की जरुरत नहीं है।

श्री सिंह ने कहा कि, गिनती (मतगणना) के कितने दिन पहले कौन बांधवगढ़ में डेरा डाले था और क्या क्या हुआ।विंध्य के लोगों के साथ षड़यंत्र हुआ था।इसके बावजूद राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी।अब चल नहीं पायी।इसके लिए विंध्य क्षेत्र के लोगों के ऊपर ठीकरा फोड़ा जाए, उचित नहीं है।यहां के कार्यकर्ताओं और जनता का मनोबल ऐसी बातों से गिरता है।

श्री सिंह ने कहा कि इन मामलों में कोई भी व्यक्ति हो, थोड़ा संयम रखना चाहिए।चाहे श्री कमलनाथ हों, अजय सिंह हों या चाहे जो हों।

श्री सिंह ने कहा कि, कुछ ऐसे मुद्दे होते हैं, जिनके बोलने से तकलीफ हो जाती है और भाजपा तो ऐसे मौकों की तलाश ही करती रहती है।हम क्यों उन्हें (भाजपा) मौका दें।

गौरतलब है कि श्री कमलनाथ हाल ही में सतना जिले के मैहर की यात्रा पर पहुंचे थे।वहां पर उन्होंने कथित तौर पर एक बयान में कहा है कि हम विंध्य में कमजोर हैं।विंध्य में ऐसा रिजल्ट (विधानसभा चुनाव नतीजे) नहीं होता, तो हमारी सरकार बनी रहती।विधायकों की सौदेबाजी से हमारी सरकार नहीं गिरी।
विंध्य का जो रिजल्ट आया, 31 में से 20 सीटें आयीं।अगर ऐसी हालत नहीं होती तो हमारी सरकार रहती।

श्री कमलनाथ के इस कथित बयान के संबंध में एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।

दिल्ली में अप्रैल -मई कोरोना की दूसरी लहर में 55,750 मौतें; 34,750 के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने के बाद भी आंकड़ा 9,916 दिया, 21,000 से ज़्यादा मौतों का कोई हिसाब नहीं attacknews.in

दिल्ली सरकार कोरोना मौत पर श्वेत पत्र जारी करे: भाजपा

नयी दिल्ली, 03 जून । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मांग की है कि दिल्ली सरकार कोरोना से हुई मौतों पर श्वेत पत्र जारी करे।

गुरुवार को यहां आभासी माध्यम से संबोधित एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने दिल्ली में कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा, “किस प्रकार से सैंकड़ों लोगों की मृत्यु होती है और किस प्रकार से इन आंकड़ों को छुपाया जाता है और कोई भी इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। इस प्रकार का एक चित्रण दिल्ली की सरकार हम सबके सामने रखने का प्रयास कर रही है।”

उन्होंने कहा कि अप्रैल और मई के दो महीने कोरोना की दूसरी लहर के संबंध में बहुत महत्वपूर्ण रहे। इस बीच 34,750 मृत्यु प्रमाण पत्र दिल्ली के तीन नगर निगम द्वारा जारी किए गए हैं, इतनी बड़ी तादाद में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होते हैं, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा दिया आंकड़ा सिर्फ 9,916 है।

श्री पात्रा ने कहा कि खबरों के अनुसार दिल्ली में 21,000 हजार से ज़्यादा ऐसी मृत्यु हुई है जिनका कोई हिसाब नहीं। ये किन लोगों की मृत्यु हुई है, जिनकी जानकारी दिल्ली सरकार नहीं देना चाहती है। कोरोना से मृत्युदर पूरे भारत में सर्वाधिक दिल्ली में है और दूसरे स्थान पर पंजाब है। दिल्ली में यह 2.9 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय दर 1.3 प्रतिशत है। इसका मतलब दिल्ली में यह दोगुने से भी अधिक है।

उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस समय कोविड की दूसरी लहर अपने चरम पर थी, श्री केजरीवाल ने जानबूझकर अपनी सरकार की साख को बचाने के लिए दिल्ली में कोविड जांच की संख्या को कम कर दिया।

श्री पात्रा ने कहा कि श्री केजरीवाल ने कहा था कि हम दिल्ली में ऑक्सीजन को घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करेंगे। आज वह शराब की ‘होम डिलीवरी’ कर रहे हैं लेकिन अफसोस कि वह दवाओं और ऑक्सीजन की ‘होम डिलीवरी’ में सफल नहीं हुए।
उन्होंने पूछा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने मौतों के आंकड़े कम क्यों दिखाए? श्री केजरीवाल ने ऑक्सीजन ऑडिट क्यों मना किया था? आखिर श्री केजरीवाल की सरकार ने कोरोना की टेस्टिंंग कम क्यों की? अब तक एक भी अस्पताल क्यों नहीं बनवाए?

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वैक्सीन को लेकर भी श्री केजरीवाल ने झूठ बोला और दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन को स्टोर करने की व्यवस्था भी नहीं की।

पश्चिम बंगाल के बिगड़ते वातावरण की सच्चाई को देश के आमजन को बताया जाएगा ताकि जम्मू कश्मीर की स्थिति पश्चिम बंगाल में बनने से रोका जा सके attacknews.in

देहरादून, 01 जून । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल के हालात से लोकतंत्र को खतरा बताया है।

श्री विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा एक जिम्मेदार पार्टी है। वहां के बिगड़ते वातावरण की सच्चाई देश के आमजन को बताया जाएगा ताकि जम्मू कश्मीर की स्थिति पश्चिम बंगाल में बनने से रोका जा सके।

उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक की अध्यक्षता में मंगलवार को पश्चिम बंगाल में आम चुनाव के पश्चात, उत्पन्न वर्तमान परिस्थिति के संबंध में आयोजित वेबिनार में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए श्री विजयवर्गीय ने वहां की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि वहां किस प्रकार हिन्दू समाज को कुछ कट्टरपंथियों द्वारा दमन किया जा रहा है।

उन्होंने चुनाव के बाद की उत्पन्न स्थिति और भाजपा के बढ़ते जनाधार पर विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने समाज से इन घटनाक्रमों से सबक लेने का आग्रह किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव हार जीत का प्रश्न नहीं, वहां के उपजे हालात राज्य के साथ-साथ देश के लिए चिंता का विषय बना है।

श्री विजयवर्गीय ने कहा कि प्रखर राष्ट्रवाद के अगुआ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बांगला बचाओं के लिए काम किया था। भाजपा के लोग श्री मुखर्जी के कार्यों को आगे बढ़ाते हुए बंगाल के बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगे। भाजपा एक जिम्मेदार पार्टी होने के नाते वहां के संस्कृति, भाषा और क्रांतिकारियों बंगाल के मिठास को कमजोर नहीं होने देगी।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की धरती से आनन्द मठ बांग्ला, वंदेमातरम, जन गण मन जैसे नारे और गीत राष्ट्र को मिला है। वहां की भाषा राष्ट्रभक्ति से आज भी नई जोश को धार देती है। ऐसी महान धरती के लोगों के साथ अन्याय और चिह्नित कर सताने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा देशविरोधी गतिविधियों के हमेशा से लड़ती आई है और आगे भी लड़ेगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष श्री कौशिक ने कहा कि पश्चिम बंगाल के चुनाव परिणाम से कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल खुश है। लेकिन उन्हें अपने हार की तरस नहीं आती। वहां के लोगों के संकटपूर्ण जीवन व बिगड़ते माहौल पर विपक्ष की मौन बना हुआ।

उन्होंने कहा कि यह समय भाजपा की हार और जीत का नही, वहां के उपजे हालात का लेकर है। भाजपा पश्चिम बंगाल के लोगों के साथ खड़ी है।

बेबीनार के संयोजक पार्टी के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार रहे। इस वेबीनार में प्रदेश महामंत्री (संग़ठन) अजेय, महामंत्री सुरेश भट्ट, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारी जुड़े।

केशव प्रसाद मौर्य ने दावा:2022 में भाजपा जीतेगी 300 से ज्यादा और बनाएगी दोबारा सरकार attacknews.in

लखनऊ 01 जून । उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दावा किया है कि अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व मेंं 300 से अधिक सीट जीतकर दोबारा सरकार बनायेगी।

श्री मौर्य ने यह दावा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष से मंगलवार को मुलाकात करने के बाद किया। श्री संतोष ने श्री मौर्य और उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा के अलावा योगी मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों से अलग अलग मुलाकात कर सरकार के कामकाज की जानकारी हासिल की।

आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में अगले साल यानि 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं।सभी राजनीतिक दलों ने इसके लिए काफी पहले से तैयारी भी शुरू कर दी है। राज्य में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के लिए कोरोना वायरस की दूसरी लहर चुनौती के रूप में उभरी है. इसके बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जमीन पर उतरकर मोर्चा संभालना पड़ा।

लेकिन इस बीच बीजेपी नेता और उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि हम 2022 के विधानसभा चुनाव में 300 से ज्यादा सीटों के साथ एक ऐतिहासिक जीत हासिल करेंगे।

2022 के लिए बीजेपी ने तेज की तैयारी

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने ‘सेवा ही संगठन अभियान’ को और तेज करने का फैसला किया है।

इस कड़ी में बीजेपी कार्यकर्ता कोरोना संक्रमण के कारण प्रभावित हुए लोगों के घरों पर पहुंचकर आवश्यकतानुसार उनकी सहायता के साथ-साथ टीकाकरण के लिए लोगों को जागरूक करेंगे. सोमवार को बीजेपी मुख्यालय में संगठन की एक उच्‍च स्‍तरीय बैठक में यह फैसला किया गया जिसमें बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष, बीजेपी उपाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के संगठन प्रभारी राधा मोहन सिंह, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह व प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल समेत कई प्रमुख पदाधिकारी व क्षेत्रीय अध्यक्ष मौजूद थे।

बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष सोमवार को उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय प्रवास पर राजधानी लखनऊ पहुंचे हैं।

बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी की ओर से जारी बयान के अनुसार बी एल संतोष ने प्रदेश बीजेपी मुख्यालय पर पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर राज्य में कोरोना से बचाव और रोकथाम को लेकर ‘सेवा ही संगठन’ के तहत किये जा रहे कार्यों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के सात साल पूरे होने पर प्रदेश में किये गए सेवा कार्यो की जानकारी ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिया।

अन्नाद्रमुक ने वी. के. शशिकला को औकात दिखाते हुए कहा कि, वह न तो पार्टी के साथ हैं न ही उन्हें वापस पार्टी में लिया जाएगा attacknews.in

कृष्णागिरी (तमिलनाडु), 31 मई ।अन्नाद्रमुक ने सोमवार को वी. के. शशिकला पर प्रहार किया और कहा कि वह न तो पार्टी के साथ हैं न ही उन्हें वापस पार्टी में लिया जाएगा। एक दिन पहले उन्होंने पार्टी पर नियंत्रण हासिल करने का प्रयास करने के संकेत दिए थे।

उन्हें पार्टी से दूर रहने की सलाह देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता के पी मुनुसामी ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में शशिकला अन्नाद्रमुक में नहीं आ सकेंगी।

पार्टी के उप समन्वयक मुनुसामी ने वेप्पनहली में संवाददाताओं से कहा कि उनके पार्टी में फिर से शामिल होने की संभावना नहीं है और पार्टी कार्यकर्ता उन्हें वापस आने की अनुमति नहीं देंगे।

शशिकला का अपने करीबियों के साथ फोन पर बातचीत रविवार को सामने आने के बाद अन्नाद्रमुक ने पलटवार किया है। बातचीत में उन्होंने संकेत दिए कि वह पार्टी का नियंत्रण हासिल करने का प्रयास करेंगी।

उन्होंने अन्नाद्रमुक या इसके शीर्ष दो नेताओं ओ. पन्नीरसेल्वम या के.पलानीस्वामी का नाम लिए बगैर कहा कि उनके बीच मतभेद है और अंदरूनी संघर्ष जारी है, जिससे वह पार्टी हितों की रक्षा करने के लिए कार्य करेंगी।

मुनुसामी ने कहा कि शशिकला अन्नाद्रमुक में नहीं हैं और पार्टी के साथ उनका कोई संबंध नहीं है।

नरेंद्र मोदी सरकार की सातवीं वर्षगांठ पर कांग्रेस ने सरकार द्वारा की गई सात “बड़ी भूलों” का एक आरोप-पत्र जारी किया और आरोप लगाया कि, सरकार ने जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को छोड़ दिया attacknews.in

मोदी सरकार देश के लिए हानिकारक : कांग्रेस ने सरकार की सातवीं वर्षगांठ पर कहा

नयी दिल्ली, 30 मई । नरेंद्र मोदी सरकार की सातवीं वर्षगांठ पर कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि यह सरकार देश के लिए हानिकारक है, क्योंकि वह हर मोर्चे पर विफल हुई है और इसने लोगों के भरोसे को तोड़ा है।

कांग्रेस ने इस मौके पर सरकार की ओर से की गई सात “बड़ी भूलों” का एक आरोप-पत्र जारी किया और आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को छोड़ दिया है।

कांग्रेस ने सरकार की सात ‘बड़ी विफलताओं’ की सूची बनाई है जिसमें गिरती अर्थव्यवस्था, बढ़ती महंगाई एवं बेरोजगारी और कोविड-19 कुप्रबंधन शामिल है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपे ट्वीट में कहा, ‘‘कोरोना से लड़ने के लिए चाहिए- सही नीयत, नीति, निश्चय। महीने में एक बार निरर्थक बात नहीं!’’

गांधी की यह टिप्पणी उस दिन आई है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मासिक रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” में देश को संबोधित किया।

कांग्रेस महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरेजवाला ने कहा कि पिछले सात वर्ष एक सरकार की अभूतपूर्व बर्बादी, जिम्मेदारियों के त्याग और भारत के लोगों का परित्याग किए जाने की कहानी है, जिसे पूरा प्रेम एवं स्नेह दिया गया।

उन्होंने कहा, “यह सरकार देश के लिए हानिकारक है क्योंकि इसने भारत के लोगों के साथ विश्वासघात किया है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में जताए गए लोगों के भरोसे एवं सहज विश्वास के साथ छल कर रही है।”

सुरजेवाला ने कहा, “यह उस सरकार द्वारा 140 करोड़ भारतीयों के साथ किया गया सबसे बड़ा धोखा है, जिसे असंख्य वादों पर चुना गया है। सात वर्षों के बाद सबका हिसाब लेने का वक्त आ गया है। यह पूछने का वक्त आ गया है कि देश क्यों पीड़ा में है।”

कांग्रेस साढ़े चार मिनट का एक वीडियो “भारत माता की कहानी” भी लेकर आई है, जिसमें पिछले सात वर्षों में सरकार की “विफलताएं” गिनाई गई हैं।

कमलनाध ने कहा: सुप्रीम कोर्ट के कारण भारत पूरे विश्व में बदनाम हो रहा है;मैंने कहा मेरा भारत महान है, पर यह जो आज कोर्ट की स्थिति पूरे विश्व में देखी है,मैं तो इस बदनामी से भारत को बचाने की बात कर रहा हूं attacknews.in

कमलनाथ ने दोहराया, कोरोना से मृत्यु के मामले दबाए जा रहे हैं

भोपाल, 29 मई। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज फिर आरोप दोहराते हुए कहा कि राज्य में कोरोना से मृत्यु संबंधी आकड़े दबाए जा रहे हैं और वे इस तरह के मुद्दे उठाने के प्रयास करते हैं, तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जाती है।

प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञप्ति में श्री कमलनाथ ने कहा है कि उन्होंने तीन सप्ताह पहले मांग की थी कि जितनी भी मृत्यु हुयी हैं, श्मशानघाटों के रजिस्टर में दर्ज आकड़े सामने आना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार वे मानते हैं कि इनमें से लगभग 80 प्रतिशत मृत्यु कोरोना के कारण हुयी हैं।
हमारी यही मांग थी कि कम से कम लाशों के आकड़े तो सरकार की तरफ से आना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह कोरोना से मृत्यु के मामले में मुआवजे संबंधी नियम ठीक नहीं हैं।जिस परिवार में लाश पड़ी है, उसके परिवार का सदस्य उसके अंतिम संस्कार की व्यवस्था में लगा है, वह नगर पालिका और नगर निगम क्या मृत्यु प्रमाणपत्र लेने जाएगा।

श्री कमलनाथ ने कहा कि जब वे सरकार से इस तरह के कोई प्रश्न पूछते हैं तो उन्हें देशद्रोही बता दिया जाता है।जब वे कोई खुलासा करते हैं तो उनके ऊपर प्राथमिकी कर दी जाती है।

श्री कमलनाथ की ओर से विज्ञप्ति में लिखा गया है ””मैंने कहा मेरा भारत महान है, पर यह जो आज सुप्रीम कोर्ट की स्थिति पूरे विश्व में देखी है, इससे भारत बदनाम हो रहा है, मैं तो इस बदनामी से भारत को बचाने की बात कर रहा हूं।

”मेरा भारत महान” हमारा कितना अच्छा नारा था।
देश में ही नहीं पूरे विश्व में आज भारत बदनाम हो रहा है।मैंने तो नाम नहीं रखा, इंडियन कोविड, यह सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने खुद कहा है।उन्होंने एफिडेविट में यह बात कही।”’

श्री कमलनाथ ने कहा कि ””डब्ल्यूएचओ ने कहा।
इंडियन कोविड, यह चीन का है।अपना देश बदनाम नहीं होता, यह चीन का कोविड था, इसे आज इंडियन कोविड बना दिया।आज सब देशों ने रोक लगा दी।हमारे देशवासी हमारे नागरिक कहीं विदेश नहीं जा सकते।सभी एयरलाइंस ने रोक लगा दी।इससे क्या देश बदनाम नहीं होता।”’

श्री कमलनाथ ने इसके अलावा वैक्सीन के मामले में भी केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की।

राजस्थान में बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ ट्विटर पर अभियान,#गहलोतराज,जगंलराज के साथ अभियान शुरु attacknews.in

जयपुर 29 मई । राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा सतीश पूनियां सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने राज्य में बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ ट्विटर पर अभियान चलाया है।

इन नेताओं ने ट्विटर पर हैशटैग गहलोत राज, जगंलराज के साथ अभियान शुरु किया जिसका डा पूनियां ने ट्वीट कर आगाज किया। इसके जरिए भाजपा नेताओं ने कहा कि बिगड़ी कानून व्यवस्था के कारण प्रदेश आज अपराधों में सिरमौर बन गया हैं जिससे राज्य की छवि धूमिल हो रही हैं।

श्रीमती राजे ने कहा कि ढाई वर्ष पहले तक शांति प्रदेश के रूप में पहचाने जाने वाला राजस्थान अब अपराध का अड्डा बन गया है। यहां आए दिन हत्या, बलात्कार एवं डकैती जैसी घटनाएं सामने आ रही है, जिनसे राज्य की छवि धुमिल हो रही है। राजस्थान में अपराध की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय हैं। अब समय आ गया है कि राज्य सरकार अपनी नींद को त्यागकर कानून-व्यवस्था पर संज्ञान ले ताकि आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

श्री पूनियां ने कहा कि देश के सबसे शांत प्रदेश को आज अपराधों में सिरमौर बना दिया है। मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री अशोक गहलोत के इस कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

उन्होंने कहा कि जहां सरेआम रोटी मांगती एक भूखी गर्भवती महिला का सामूहिक बलात्कार होता हो, भरतपुर में दिनदहाड़े बीच सड़क पर गोली मार कर हत्या हो, जनता की सेवा करती सांसद पर पत्थर फेंका जाता हो, वह आज का राजस्थान है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ तो देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री हैं, जो हमें आतंकवादियों से सुरक्षा देने में पूर्ण सफल रहे हैं और एक तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री है, जिनके शासन में बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, जनप्रतिनिधि कोई सुरक्षित नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान की कानून व्यवस्था चरमरा गई, लगता नहीं की कानून का राज है। उन्होंने कहा कि जंगलराज है और जनप्रतिनिधि से लेकर आमजन तक कोई सुरक्षित नहीं है।

श्री कटारिया ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार कुप्रबंधन का प्रमाण बन चुकी है, जनता को ना न्याय मिल पा रहा है ना ही सुरक्षा।एक शांतिपूर्ण राज्य की प्रतिष्ठा वाले राजस्थान में अपराधों की बढ़ती घटनाओं ने राजस्थान को पिछले दो वर्षों में अपराधग्रस्त राज्यों में से एक बना दिया है।

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार कुप्रबंधन का प्रमाण बन चुकी है। जनता से जुड़े हर मामले में सरकार की स्वार्थ-सिद्धि नीतियों की पोल खुल गई है। इसे जनता की दु:ख तकलीफ से कोई सरोकार नहीं। इसकी वजह से प्रदेश में अपराधी बेखौफ हैं और जनता न्याय के लिए दर-दर भटक रही है।

उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार में कानून व्यवस्था की स्थिति मृत प्राय: है जहां अपराधी बेखौफ होकर पुलिस प्रशासन को बार-बार खुली चुनौती दे रहे हैं, उन पर जानलेवा हमला करने से नहीं चूक रहे हैं। पुलिस का इकबाल खत्म हो चुका है और आमजन दहशत के साये में जीने को मजबूर है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाएं पूर्णत:असुरक्षित है। अपहरण, बालात्कार, हत्याएं और मारपीट की घटनाएं आम हो चुकी है लेकिन बड़े-बड़े वादे करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यह दिखाई नहीं देता है। बेटियों को खोखले वादे नहीं कड़े सुरक्षा इंतजाम चाहिए। ताकि वह सुरक्षित और बेखौफ रह सके।

प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में महिलाएं पूर्णत: असुरक्षित है। उन्होंने कहा कि अब ऐसा लगता है जैसे कानून व्यवस्था ही अपराधियों से खौफ में हैं।

केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि राजस्थान में जयपुर में एंबुलेंस में खाना देने के बहाने गरीब गर्भवती महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म, महिला उत्पीड़न की यह कोई अकेली घटना नहीं है। हर रोज किसी न किसी मजलूम महिला का शोषण होता है। लेकिन श्री अशोक गहलोत जो प्रदेश के गृह मंत्री भी हैं, कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। यह है कांग्रेस का महिला सुरक्षा मॉडल।

राहुल गांधी ने कहा:सच्चाई यह है कि सरकार और नरेन्द्र मोदी को कोरोना की समझ नहीं और आज तक समझ नहीं आई ,कोरोना को के तीन-चार तरीके हैं,इनमें से लॉकडाउन एक हथियार है attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 मई । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोरोना रोधी टीकाकरण की कथित तौर पर धीमी गति होने को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने जिस तरह से ‘नौटंकी’ की और अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, उस कारण कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को कोरोना से होने वाली मौतों को लेकर ‘झूठ बोलने’ के बजाय सच्चाई देश को बतानी चाहिए तथा विपक्ष के सुझावों को सुनना चाहिए क्योंकि विपक्ष सरकार का दुश्मन नहीं है।

राहुल गांधी ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कोरोना संकट को लेकर हमने सरकार को एक के बाद एक सलाह दी, लेकिन सरकार ने हमारा मजाक बनाया। प्रधानमंत्री ने समय से पहले यह घोषित कर दिया कि कोरोना को हरा दिया गया है। सच्चाई यह है कि सरकार और प्रधानमंत्री को कोरोना की समझ नहीं है और आज तक समझ नहीं आई है।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘कोरोना एक बदलता हुआ वायरस है। इस वायरस को जितना समय आप देंगे, जितनी जगह देंगे यह उतना ही खतरनाक बनता जाएगा। मैंने पिछले साल कहा था कि कोरोना को समय और जगह मत दीजिए।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘कोरोना को रोकने के तीन-चार तरीके हैं। इनमें से एक तरीका टीकाकरण है। लॉकडाउन एक हथियार है, लेकिन यह अस्थायी समाधान है। सामाजिक दूरी और मास्क भी अस्थायी समाधान है। टीका स्थायी समाधान है। अगर आप तेजी से टीका नहीं लगाते हैं तो वायरस बढ़ता जाएगा।’’

उन्होंने कहा , ‘‘कुछ ही समय पहले मैंने देखा कि विदेश मंत्री ने कहा कि हम ‘टीका कूटनीति’ कर रहे हैं और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। आज स्थिति क्या है? देश के सिर्फ तीन फीसदी लोगों को टीका लगाया गया। यानी 97 फीसदी लोगों को कोरोना पकड़ सकता है। इस सरकार ने कोरोना के लिए दरवाजा खुला छोड़ रखा है।’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘अमेरिका ने अपनी आधी आबादी को टीका लगा दिया। ब्राजील जैसे देश ने आठ-नौ फीसदी लोगों को टीका लगा दिया। हम टीका बनाते हैं, लेकिन हमारे यहां सिर्फ तीन फीसदी लोगों को टीका लगा है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘दूसरी लहर प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री ने जो नौटंकी की, अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की, उसका कारण दूसरी लहर है।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आगाह किया कि अगर मौजूदा गति से टीकाकरण हुआ तो और भी लहर आएगी क्योंकि वायरस का स्वरूप बदलता जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जिस मृत्यु दर की बात की जा रही है वो झूठ है। यह झूठ सरकार फैला रही है। यह राजनीतिक मामला नहीं है, यह देश के भविष्य और देश के लोगों की जान बचाने का मामला है। विपक्ष सरकार का दुश्मन नहीं है। विपक्ष उनको रास्ता दिखा रहा है।’

राहुल गांधी ने देश और जनता का अपमान किया: भाजपा

इधर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाए गए आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पलटवार करते हुए कहा है कि श्री गांधी ने देश और जनता का अपमान किया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को यहाँ संवाददाता सम्मेलन में कहा, “प्रधानमंत्री मोदी देश की जनता के साथ मिलकर कोविड का सामना कर रहे हैं, तब श्री गांधी ऐसे प्रयासों के लिए ‘नौटंकी’ शब्द का उपयोग करते हैं। यह देश और जनता का अपमान है। हम ‘नौटंकी’ जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं करेंगे क्योंकि उनकी नौटंकी जनता ने कब की बंद कर दी है।”

उन्होंने कहा, “पहले तो कांग्रेस को वैक्सीन पर भरोसा नहीं था, कांग्रेस ने टीके को लेकर आशंकाये व्यक्त की। यहां तक कि कांग्रेस के एक नेता ने इसे ‘मोदी वैक्सीन’ कहा था। कोवैक्सीन को लेकर श्री गांधी ने भ्रम फैलाया। श्री गांधी कहते हैं कि 2024 तक सभी को वैक्सीन लगेगी, हम कहते हैं इस वर्ष के अंत तक सभी को टीका लग जाएगा।”

श्री जावड़ेकर ने कहा कि श्री गांधी को वैक्सीन की चिंता है तो पहले अपनी पार्टी के शासन वाले राज्यों पर ध्यान दें। राजस्थान में आए दिन बलात्कार हो रहे हैं। हाल ही में एक एंबुलेंस का इस्तेमाल दुष्कर्म करने के लिए किया गया। एक महिला सांसद पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हमला किया। श्री गांधी को देश को उपदेश देने की बजाए अपने शासित राज्य पर ध्यान देना चाहिए।

कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को येदियुरप्पा ने बकवास करार दिया;एक दिन पहले ही राज्य के कईं भाजपा विधायकों ने कहा था कि, नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है attacknews.in

 

बेंगलुरू,27 मई । कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को बकवास करार देते हुए गुरूवार को कहा कि इस समय उनका पूरा ध्यान यहां कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के उपायों पर हैं।

दरअसल एक दिन पहले ही राज्य के कईं भाजपा विधायकों ने कहा था कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है और इसी को लेकर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा“ इस समय मेरे सामने कोराना से निपटने की चुनौती हैं और नागरिकों की रक्षा करना तथा उनकी जान बचाना मेरी प्राथमिकताएं हैं।

वह पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 57 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे और इसी दौरान पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने यह बात कही है।

यह पूछे जाने पर कि कुछ विधायकों ने लॉबी बनाकर उन्हें हटाने के लिए दिल्ली का रूख किया था , का जवाब देते हुए श्री येदियुरप्पा ने कहा“ अगर कोई कहीं गया था तो आपको यह भी पता होना चाहिए कि उन्हें सही जवाब देकर वापिस भेजा गया था।

इस समय हमारे सामने यही बड़ा सवाल है कि आपस में एक जुट होकर कोविड जैसी महामारी का सामना किया जाए , खासकर ऐसे समय जब लोगों में संक्रमण बढ़ रहा है और मौत के मामलों में भी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।

विधायकों तथा मंत्रियों को इस महामारी से निपटने पर अधिक ध्यान केन्द्रित करना चाहिए और मेरे सामने इसके अलावा कोई भी मसला नहीं है।

” यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा विधायकों की बैठक को बुलाएंगे तो श्री येदियुरप्पा ने कहा कि इस मसले पर उन्हें प्रेस के सामने जिक्र नहीं करना है।

इस बीच पत्रकारों के समक्ष पर्यटन मंत्री सी पी योगेश्वरा ने कहा कि यह बात सच है कि वह दिल्ली गए थे लेकिन वह अपने व्यक्तिगत काम से गए थे और इसका नेतृत्व परिवर्तन से कोई लेना देना नहीं है।

उन्होंने इस बात का जवाब देने से मना कर दिया कि वह पार्टी नेताओं से मिलने दिल्ली क्यों गए थे लेकिन यह जरूर कहा कि वह इस मसले को जनता के बीच में उठाने के बजाए पार्टी मंच पर उठाएंगे।

पेंपा सीरिंग ने ली तिब्बती सिक्योंग यानी प्रधानमंत्री पद की भारत में शपथ;तिब्बती सुप्रीम जस्टिस कमिश्नर सोनम नोरबू डगपो ने उन्हें शपथ दिलवाई attacknews.in

 

धर्मशाला, 27 मई । पेंपा सीरिंग ने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सिक्योंग यानी प्रधानमंत्री पद की सादे एवं गरिमामय समारोह में शपथ ग्रहण की ।

इस अवसर पर तिब्बती सुप्रीम जस्टिस कमिश्नर सोनम नोरबू डगपो ने उन्हें शपथ दिलवाई व पेंपा को खता भेंट किया।

सबसे बडी बात शपथ ग्रहण के दौरान ये रही कि तिब्बती धार्मिक गुरू दलाई लामा ने पेंपा को वर्चुअली आशीर्वाद दिया।

इससे पहले निर्वतमान सिक्योंग डाॅ लोबसंग सांग्ये ने पेंपा सीरिंग को कदम सिशि डेकी की मुहर सौंपी।

ये मुहर सातवें दलाई लामा की मानी जाती है।

इसे सत्ता हस्तांतरण के वक्त सिक्योंग के सुपुर्द किया जाता है।

इसके साथ ही सांग्ये ने पेंपा को खता भेंट किया।

उल्लेखनीय है कि पेंपा सीरिंग निर्वासित तिब्बतियों के अगले पांच साल के लिए सिक्योंग यानी प्रधानमंत्री चुने गए हैं।

पेंपा सीरिंग को 34,324 मत मिले जबकि उनके प्रतिद्वंदी केलसंग दोरजे औकातत्संग को 28,960 मत हासिल हुए।

11 अप्रैल 2021 को दुनिया भर में निर्वासित तिब्बतियों के चुनाव का अंतिम दौर पूरा होने के बाद 14 मई को आधिकारिक तौर पर चुनाव नतीजे घोषित किए गए थे।

शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही पेंपा आधिकारिक तौर पर केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के पांच साल के लिए प्रधानमंत्री बन गए हैं।

इन्हें तिब्बती समुदाय में सिक्योंग कहा जाता है।

कोविड नियमों की पालना के तहत शपथ ग्रहण में चार ही लोग मौजूद थे।

उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी के गृह जिले के विश्वविद्यालय में भाई को नियुक्ति विवाद के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर पद से देना पड़ा इस्तीफा,अरुण द्विवेदी की नियुक्ति आर्थिक वर्ग से कमजोर कोटे के तहत हुई थी attacknews.in

 

लखनऊ 26 मई ।उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के गृह जिले सिद्धार्थनगर के कपिलवस्तु स्थित सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में उनके भाई की नियुक्ति मामले में आज उस वक्त नया मोड़ आ गया और उनके भाई ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद से इस्तीफा दे दिया ।

नियुक्ति के बाद से ही ये मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ था तथा सरकार विपक्ष के निशाने पर थी ।

मंत्री सतीश चन्द्र के भाई अरुण द्विवेदी की नियुक्ति आर्थिक वर्ग से कमजोर कोटे के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुई थी।

मामला चर्चा में आया तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रमाण के आधार पर नियुक्ति देने की बात की थी, जबकि प्रदेश की कई हस्तियों ने प्रमाण पत्र के जांच की मांग की थी।

विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए करीब 150 आवेदन प्राप्त हुए थे।

जिसमें मेरिट के आधार पर चयनित दस आवेदकों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था।

उसमें मंत्री के भाई अरुण द्विवेदी का नाम वरीयता सूची में दूसरे नंबर था।

सोशल मीडिया पर मंत्री के भाई को बधाई से सिलसिला शुरू हुआ, उसके बाद आलोचना होने लगी थी।

भाई की नियुक्ति को लेकर छिड़े विवाद पर मंत्री सतीश द्विवेदी ने भी सफाई दी थी।

उन्होंने कहा था कि जिसे भी इस बारे में आपत्ति हो वो जांच करवा सकता है।

भाई ने एक अभ्यर्थी के रुप में आवेदन किया और विवि ने निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए चयन किया।

इस मामले मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं है।

मैं विधायक और मंत्री हूं लेकिन मेरी आर्थिक स्थिति से मेरे भाई को आंकना उचित नहीं है।

अरुण द्विवेदी की पत्नी डॉ.विदुषी दीक्षित मोतिहारी जनपद के एमएस कॉलेज में मनोविज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।

एमएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि डॉ विदुषी की बहाली बीपीएससी के माध्यम से 2017 में हुई थी।

वे यहां मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।

बताया जा रहा है कि सातवें वेतनमान के बाद उनका वेतन व अन्य भत्ता के साथ 70 हजार से अधिक है।

विवाद होने के बाद जांच में पता चला कि अरुण द्विवेदी का ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र 2019 में जारी हुआ था।

इसी प्रमाण पत्र पर उन्हें 2021 में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में नौकरी मिली।

यह प्रमाण पत्र केवल 2020 तक ही मान्य था।

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी व महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सरकार पर सीधा निशाना साधा था।

उन्होंने कहा था कि यूपी सरकार के मंत्री आम लोगों की मदद करने से तो नदारद दिख रहे हैं लेकिन आपदा में अवसर हड़पने में पीछे नहीं हैं।

बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई नियुक्ति पा गए और लाखों युवा यूपी में रोजगार की बांट जोह रहे हैं लेकिन नौकरी ‘आपदा में अवसर’ वालों की लग रही है।

उन्होंने कहा था कि ये वही मंत्री हैं, जिन्होंने चुनाव ड्यूटी में कोरोना से मारे गए शिक्षकों की संख्या को नकार दिया और इसे विपक्ष की साजिश बताया।

प्रियंका वाड्रा ने “जिम्मेदार कौन” अभियान में जवाहरलाल नेहरू को चेचक, पोलियो महामारी देश की वैक्सीन से मिटाने की बात कहकर नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाया कि,आखिर दूसरे देशों से वैक्सीन मांगने की नौबत क्यों आयी attacknews.in

लखनऊ 26 मई । कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार से सवाल किया है कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक भारत आज दूसरे देशों से वैक्सीन माँगने की स्थिति में क्यों आ गया और सरकार इसे उपलब्धि की तरह क्यों प्रस्तुत कर रही है।

श्रीमती वाड्रा ने भाजपा सरकार को घेरने के लिये शुरू किये गये ‘जिम्मेदार कौन’ अभियान के तहत फेसबुक वाल पर पोस्ट किया कि पिछली 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से भाषण में कहा था कि उनकी सरकार ने वैक्सीनेशन का पूरा प्लान तैयार कर लिया है। देश के वैक्सीन उत्पादन और वैक्सीन कार्यक्रमों की विशालता के इतिहास को देखते हुए ये विश्वास करना आसान था कि मोदी सरकार इस काम को तो बेहतर ढंग से करेगी।

आखिर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1948 में चेन्नई में वैक्सीन यूनिट व 1952 में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे को स्थापित कर भारत के वैक्सीन कार्यक्रम को एक उड़ान दी थी। हमने सफलतापूर्वक चेचक, पोलियो आदि बीमारियों को शिकस्त दी।
इन उपलब्धियों को जानकर देश निश्चिंत था कि वैक्सीन की समस्या नहीं आएगी मगर कड़वी सच्चाई है कि महामारी की शुरूआत से ही, भारत में वैक्सीन आम लोगों की जिंदगी बचाने के औज़ार के बजाय प्रधानमंत्री के निजी प्रचार का साधन बन गई। इसके चलते आज दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक भारत अन्य देशों से वैक्सीन के दान पर निर्भर हो गया है और वैक्सिनेशन के मामले में दुनिया के कमजोर देशों की कतार में शामिल हो गया है। आज भारत की 130 करोड़ की आबादी के मात्र 11 प्रतिशत हिस्से को वैक्सीन की पहली डोज़ और तीन फीसदी को फुल वैक्सीनेशन नसीब हुआ है। श्री मोदी के टीका उत्सव की घोषणा के बाद पिछले एक महीने में वैक्सीनेशन में 83 प्रतिशत की गिरावट आयी है।

श्रीमती वाड्रा ने कहा कि विश्व के बड़े-बड़े देशों ने पिछले साल ही उनकी जनसँख्या से कई गुना वैक्सीन आर्डर कर लिए थे मगर मोदी सरकार ने पहला आर्डर जनवरी 2021 में दिया वह भी मात्र एक करोड़ 60 लाख वैक्सीन का जबकि हमारी आबादी 130 करोड़ है। इस साल जनवरी-मार्च के बीच में मोदी सरकार ने 6.5 करोड़ वैक्सीन विदेश भेज दी। कई देशों को मुफ़्त में भेंट भी की। जबकि इस दौरान भारत में मात्र 3.5 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन लगी।

सरकार ने एक मई से 18-44 आयुवर्ग की लगभग 60 करोड़ जनसँख्या को वैक्सीन देने के दरवाजे खोले लेकिन मात्र 28 करोड़ वैक्सीन के आर्डर दिए जिससे केवल 14 करोड़ जनसँख्या को वैक्सीन लगाना संभव है। सरकार को इस बारे में देश की जनता को जवाब देना चाहिये।

टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ में NSUI द्वारा दर्ज मामले में पुलिस द्वारा जारी दूसरे नोटिस पर भी भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा पेश नही हुए एक सप्ताह का फिर समय मांगा attacknews.in

रायपुर 26 मई। टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दर्ज करवाए मामले में पुलिस द्वारा जारी दूसरी नोटिस पर भी भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा आज पेश नही हुए और पूछताछ के लिए जारी नोटिस पर जवाब देने क लिए एक सप्ताह का फिर समय मांगा है।

रायपुर के सिविल लाईन थाने के प्रभारी को श्री पात्रा के अधिवक्ता ने पुलिस को आज भेजे ईमेल में आज पेश होने पर असमर्थता जताते हुए पूछताछ में शामिल होने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है।अधिवक्ता ने इसके साथ ही पुलिस से पूछताछ के बिन्दु लिखित में देने का अनुरोध किया है जिससे कि लिखित में जवाब दिया जा सके।

नरोत्तम मिश्रा बताया कि कमलनाध के खिलाफ पुलिस प्रकरण क्यों दर्ज किया गया और कहा कि, विपक्ष का विरोध सर आंखों पर, लेकिन भय और भ्रम फैलाना उचित नहीं attacknews.in

भोपाल, 25 मई । मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज विधानसभा में विपक्ष के नेता कमलनाथ पर फिर से हमला करते हुए कहा कि हम विपक्ष के विरोध का हमेशा स्वागत करते हैं, लेकिन भय और भ्रम फैलाना उचित नहीं हैं और इसलिए ही श्री कमलनाथ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता डॉ मिश्रा ने यहां मीडिया से कहा कि विपक्ष को विरोध करने का पूरा अधिकार है और हम सदैव इसका स्वागत करेंगे। लेकिन ‘आग लगाने’ जैसे शब्दों के जरिए लोगों को भड़काने और भय पैदा करने को कैसे उचित ठहराया जा सकता है। कांग्रेस नेता इस बात का जवाब भी नहीं दे रहे हैं। इसी तरह अमरीका के अखबारों में भी छप गया है कि कोरोना वायरस चीन का है, लेकिन वे इसे ‘इंडियन कोरोना’ बताकर देश को बदनाम कर रहे हैं। इसी वजह से प्राथमिकी दर्ज की गयी है।