अन्नाद्रमुक ने जयललिता की दोस्त शशिकला का अस्तित्व पार्टी से मिटाया;विधायकों की बैठक में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी;17 सदस्यों को पार्टी से निष्कासित किया attacknews.in

चेन्नई, 14 जून । अन्नाद्रमुक ने सोमवार को कहा कि पार्टी से निष्कासित अंतरिम महासचिव वी के शशिकला के पार्टी पर कब्जा करने के मंसूबे कामयाब नहीं होने दिए जाएंगे।

अन्नाद्रमुक ने इसी के साथ ही सुश्री शशिकला के संपर्क में रहने वाले 17 पार्टी कार्यकर्ताओं को दल से निकाल दिया है

अन्नाद्रमुक ने पार्टी से बाहर की गयीं वी के शशिकला से किसी भी तरह का संवाद करने वाले नेताओं को अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रति सोमवार को चेताया। इसके साथ ही अन्नाद्रमुक ने प्रवक्ता वी पुगाझेंधी समेत 17 सदस्यों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

पार्टी से बाहर किए गए नेताओं के बारे में बताया जाता है कि उन्होंने पूर्व अंतरिम महासचिव वी के शशिकला से बात की थी।

चेन्नई में अन्नाद्रमुक मुख्यालय में पार्टी के विधायकों की बैठक की गयी। इसमें सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर कड़ी कार्रवाई के प्रति चेताया गया और पार्टी के समन्वयक ओ पनीरसेल्वम को विधानसभा में विपक्ष का उप नेता चुना गया। अन्नाद्रमुक के सह-समन्वयक और पूर्व मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी को 10 जून को विपक्ष का नेता चुना गया था।

करीब तीन घंटे तक चली बैठक में अन्नाद्रमुक के विधायकों ने सोशल मीडिया पर शशिकला और अन्नाद्रमुक के कार्यकर्ताओं से जुड़े ‘लीक फोन कॉल’ मुद्दे पर विस्तृत विचार-विमर्श किया। शशिकला ने कथित तौर पर कहा था कि वह निकट भविष्य में पार्टी में वापसी करेंगी।

पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ शशिकला की टेलीफोन पर हुई बातचीत को ‘‘नौटंकी’’ बताते हुए अन्नाद्रमुक ने कहा कि पार्टी ‘‘एक परिवार की महत्वाकांक्षा’’ के लिए बर्बाद नहीं हो सकती।

प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘हमने जयललिता का कार्यकाल पूरा करते हुए उन लोगों के मंसूबे पर पानी फेर दिया जो सोच रहे थे कि (जयललिता के निधन के बाद) तमिलनाडु में अराजकता फैल जाएगी। अन्नाद्रमुक गठबंधन ने सभी साजिशों को नाकाम करते हुए और लोगों के समर्थन से 75 सीटों पर जीत हासिल की।’’

इसमें कहा गया, ‘‘वह (शशिकला)’ पार्टी पर कब्जा करना चाहती हैं और कुछ लोगों से बात कर नौटंकी कर रही हैं।’’ बाद में एक बयान में अन्नाद्रमुक ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए 17 कार्यकर्ताओं को निष्कासित करने की घोषणा की।

तेलंगाना मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव के खासमखास और बाद में बर्खास्त किए गए मंत्रिमंडल के पूर्व मंत्री इटेला राजेन्दर भाजपा में शामिल attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 जून । तेलंगाना राष्ट्र समिति के वरिष्ठ नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री इटेला राजेंदर सोमवार को यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए।

श्री राजेन्दर विशेष विमान से नयी दिल्ली आये। वह केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जी. किशन रेड्डी की उपस्थिति में भगवा पार्टी में शामिल हुए। हैदराबाद में श्री राजेन्दर के समर्थक भाजपा अध्यक्ष बांडी संजय कुमार और अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए।

शनिवार को श्री राजेंदर ने हैदराबाद में विधानसभा के पास गन पार्क में तेलंगाना के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष के बजाय विधानसभा सचिव डॉ. वी नरसिम्हा चार्युलु को आधिकारिक तौर पर अपना इस्तीफा सौंप दिया। विधानसभा अध्यक्ष कोविड-19 के कारण कार्यालय में उपलब्ध नहीं थे।

इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और इस संबंध में विधानसभा सचिव ने अधिसूचना जारी कर दी है।

पूर्व मंत्री तेलंगाना के हुजुराबाद विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे। वह राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस के वरिष्ठ नेताओं में एक थे और मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव के करीबी सहयोगी थे।

मेडक जिले के अचामपेट और हकीमपेट के ग्रामीणों की ओर से भूमि अतिक्रमण करने के लगाये गये आरोपों के बाद श्री राव ने दो मई को श्री राजेंद्र को राज्य मंत्रिमंडल से हटा दिया था।

दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में कहा कि;”मोदी जी यदि आपके द्वारा गठित न्यास पर भ्रष्टाचार का आरोप लगता है तो आप पर भी लगता है,आपने 2014 में वादा किया था ‘ना खाऊंगा ना खाने दूंगा’ attacknews.in

भोपाल, 14 जून । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण से जुड़े न्यास मामले में सिलसिलेवार ट्वीट कर आज अनेक सवाल उठाते हुए आरोप लगाए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री श्री सिंह ने ट्वीट में लिखा है ‘भूमि खरीद में 16 करोड़ रुपए का घोटाला है तो हजारों करोड़ मंदिर निर्माण में जो चंदा उगाया गया है, उसमें मौजूदा ट्रस्ट जिसमें वीएचपी के पदाधिकारी व मोदी जी द्वारा मनोनीत सदस्य हैं, वे कितना और भ्रष्टाचार करेंगे, अंदाजा लगाएं।’

श्री सिंह ने सिलसिलेवार ट्वीट में आरोप लगाते हुए कहा ‘राम मंदिर निर्माण में भी भ्रष्टाचार का अवसर ढूंढ लिया? वीएचपी ना पूर्व में एकत्रित चंदे का हिसाब देती है ना अब उससे उम्मीद है। योगी जी, आप तो अपने मुख्यमंत्री रहते हुए भगवान राम मंदिर निर्माण में इस प्रकार का भ्रष्टाचार तो ना होने दें। यदि यह सही नहीं है, तो स्पष्टीकरण दें।’

कांग्रेस नेता ने लिखा है ‘मोदी जी आप से पूर्व में ही मैंने अनुरोध किया था कि नए ट्रस्ट के गठन के बजाए आप पूर्व से गठित रामालय ट्रस्ट को ही निर्माण का काम सौंप दें। रामालय न्यास, जिसमें देश के सभी सनातनी हिंदू धर्म के मान्यता प्राप्त शंकराचार्य जी व रामानंदी संप्रदाय के प्रमुख सदस्य हैं।’

श्री सिंह ने लिखा है ‘यदि आपके द्वारा गठित न्यास पर भ्रष्टाचार का आरोप लगता है तो आप पर भी लगता है। आपने 2014 में वादा किया था ‘ना खाऊंगा ना खाने दूंगा’ लेकिन वह भी एक और जुमला ही निकला। यदि यह आरोप सही है और आप ईमानदार हैं तो तत्काल मौजूदा न्यास को भंग कर पूरे प्रकरण को सीबीआई व ईडी को सौंपे। और पूर्व से गठित रामालय न्यास को भगवान राम मंदिर निर्माण का कार्य सौंपे।’

श्री सिंह ने लिखा है ‘लेकिन आपने उसका राजनीतिकरण कर पूरा न्यास विहिप आरएसएस को सौंप दिया। यह वहीं संघटन गठबंधन है, जिसने पूर्व में मंदिर निर्माण में 1400 करोड़ रुपए चंदे का हिसाब अब तक नहीं दिया। निर्मोही अखाड़े के अनेक सदस्यों द्वारा कई बार मांगने पर भी हिसाब नहीं दिया गया।’

पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मामले पर और भी ट्वीट किए हैं।

गुजरात में पाटीदारों के बिखराव का फायदा उठाकर अरविंद केजरीवाल ने सभी 182 विस सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया, देंगे शासन का ‘नया गुजरात मॉडल’ attacknews.in

अहमदाबाद, 14 जून । आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में शासन का एक ‘अलग और नया मॉडल’ देने का दावा करते हुए आज कहा कि राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सभी 182 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के इस गृह राज्य के एक दिवसीय दौरे पर आए श्री केजरीवाल ने यहां नवरंगपुरा में पार्टी के राज्य मुख्यालय का उद्घाटन भी किया। राज्य के एक पत्रकार इसुदान गढ़वी इस मौक़े पर आप पार्टी में शामिल भी हो गए।

श्री केजरीवाल ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गुजरात में उनकी पार्टी जीतने पर शासन का एक नया मॉडल पेश करेगी। गुजरात का वह मॉडल दिल्ली के मॉडल से अलग होगा। पार्टी गुजरात में यहां के लोगों के मुद्दों को उठाएगी और इन्ही पर 2022 यानी अगले साल का विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा।

उन्होंने कहा कि गुजरात के लोग भी सोचते हैं कि अगर दिल्ली में बिजली मुफ़्त मिल सकती है तो यहां क्यों नहीं। गुजरात में स्कूलों और अस्पतालों की हालत भी ख़राब है पर आने वाले समय में यह स्थिति बदली जाएगी।

उन्होंने कहा कि गुजरात की बदहाली के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनो ज़िम्मेदार हैं। पिछले 27 साल से राज्य में भाजपा की सरकार है और इस दौरान कांग्रेस से भी उसकी मित्रता ही रही है। ऐसा भी कहा जाता है कि कांग्रेस भाजपा की जेब में है। भाजपा जैसा चाहती है कांग्रेस वैसा ही करती है।

श्री केजरीवाल ने आरोप लगाया कि कोरोना काल में पिछले एक साल में तो गुजरात को जैसे अनाथ छोड़ दिया गया था। इस दौरान गुजरातियों की सुधि लेने वाला कोई नहीं था।

ज्ञातव्य है की इसी साल फ़रवरी में हुए स्थानीय चुनाव में आप ने गुजरात में उत्साहजनक प्रदर्शन किया था और उसके बाद श्री केजरीवाल ने सूरत में एक रोड शो भी किया था। उसके बाद से ही माना जा रहा था कि आप अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भी मज़बूती के साथ उतरेगी। हाल में राज्य में राजनीतिक रूप से मज़बूत माने जाने वाले पाटीदार समुदाय के एक वरिष्ठ नेता ने भी खुलेआम आप पार्टी और श्री केजरीवाल की तारीफ़ की थी।

ज्ञातव्य है कि गुजरात में आप का अब तक कोई सांसद अथवा विधायक नहीं है।

रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस के नेतृत्व में एलजेपी के 5 सांसदों ने कर दी बगावत; लोकसभा अध्यक्ष ने पार्टी संसदीय दल के नेता के रूप मे मान्यता दी attacknews.in

नईदिल्ली 14 जून । लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में उठे सियासी घमासान के बीच सोमवार देर शाम लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सांसद पशुपति पारस को पार्टी के संसदीय दल के नेता के तौर पर मान्यता दे दी। एलजेपी के 6 में से 5 सांसदों ने यह मांग की थी। अब चिराग की जगह उनके चाचा पशुपति पारस लोकसभा में एलजेपी संसदीय दल के नेता होंगे। महबूब अली कैसर को पार्टी का उपनेता चुना गया।

दिवंगत नेता रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस के नेतृत्व में एलजेपी के छह सांसदों में से पांच सांसदों ने पार्टी से बगावत कर दी। सभी ने चिराग पासवान की जगह पशुपति को अपना नेता चुना और इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र सौंपा था, जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें संसदीय दल के नेता के रूप मे मान्यता दे दी है। लोकसभा सचिवालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए पशुपति पारस ने उन्हें एक अच्छा नेता और विकास पुरुष बताया। हाजीपुर से सांसद पारस ने कहा, ‘‘मैंने पार्टी को तोड़ा नहीं, बल्कि बचाया है।’’ उन्होंने कहा कि एलजेपी के 99 प्रतिशत कार्यकर्ता पासवान के नेतृत्व में बिहार 2020 विधानसभा चुनाव में जेडीयू के खिलाफ पार्टी के लड़ने और खराब प्रदर्शन से नाखुश हैं। चुनाव में खराब प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि एलजेपी टूट के कगार पर थी। उन्होंने कहा कि उनका दल बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार का हिस्सा बना रहेगा और चिराग पासवान भी संगठन का हिस्सा बने रह सकते हैं।

चिराग पासवान दिल्ली स्थित उनके चाचा के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे। यहां पासवान के रिश्ते के भाई एवं सांसद प्रिंस राज भी रहते हैं। हालांकि उन्हें 20 मिनट से ज्यादा समय तक अपनी गाड़ी में ही इंतजार करना पड़ा, जिसके बाद वह घर के अंदर जा पाए और एक घंटे से भी ज्यादा समय तक घर के अंदर रहने के बाद वहां से चले गए। उनकी चाचा से मुलाकात नहीं हो पाई।

असंतुष्ट एलजेपी सांसदों में प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीना देवी और महबूब अली कैसर शामिल हैं, जो चिराग के काम करने के तरीके से नाखुश हैं। उनका मानना है कि नीतीश कुमार के खिलाफ लड़ने से प्रदेश की सियासत में पार्टी को नुकसान हुआ।

राजनीति में कुछ भी नामुमकिन नहीं” भावना से प्रभावित पश्चिम बंगाल में अब वापस TMC नेता मुकुल राय के चहेतों में लगी पार्टी अदला-बदली की होड़ attacknews.in

कोलकाता, 14 जून । मुकुल रॉय के भाजपा छोड़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में लौटने के दो दिन बाद उनके करीबी सहयोगी और भाजपा के अनुसूचित जाति (एससी) मोर्चा के प्रमुख दुलाल बार ने रविवार को कहा कि ‘राजनीति में कुछ भी नामुकिन नहीं है” जिससे उनके अगले कदम को लेकर अटकलें लगने लगी हैं।

बार ने स्पष्ट किया कि वह रॉय के नक्शे कदम पर ही 2017 में भाजपा में शामिल हुए थे।

उन्होंने कहा, “ वह (रॉय) मेरे नेता हैं, और मैं भाजपा में उनकी वजह से ही शामिल हुआ था। राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। फिलहाल मैं भाजपा राज्य एससी मोर्चा का अध्यक्ष हूं और मैं आगे क्या करूंगा, यह तो भविष्य ही बताएगा।” उन्होंने कहा कि राजनीति संभावनाओं का क्षेत्र है।

रॉय के एक अन्य करीबी सहयोगी उत्तर 24 परगना जिला परिषद सदस्य रत्न घोष ने भी घोषणा की है कि वह भाजपा में सभी पदों से इस्तीफा देंगे।

चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए घोष ने तृणमूल कांग्रेस में वापसी की इच्छा जताते हुए दावा किया है कि वह भगवा पार्टी के आदर्शों को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।

इसी तरह, भाजपा नेता और नोआपाड़ा के पूर्व विधायक सुनील सिंह जो पार्टी सांसद अर्जुन सिंह के रिश्तेदार भी हैं, ने कहा कि रॉय के जाने से राज्य में भगवा खेमा प्रभावित होगा। हालांकि सुनील सिंह ने भाजपा छोड़ने की किसी भी संभावना से इनकार किया है।

चुनाव से पहले भगवा खेमे में शामिल होने वाले नाताबारी विधायक मिहिर गोस्वामी ने टीएमसी में जाने की कतार लगा रहे दल बदलुओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जो लोग राजनीति को एक व्यवसाय के रूप में देखते हैं, वे बार-बार दल बदल सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि इस तरह के पलायन से उनकी पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा, “कुछ नेता ऐसे भी हैं जो सत्ता के केंद्र से दूर नहीं रह सकते हैं। ये वही लोग हैं जो इस उम्मीद में भाजपा में शामिल हुए कि वह सत्ता में आएगी।”

इस बीच, बारासात से टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को तय करना है कि वह ऐसी सभी अपीलों पर विचार करेगा या नहीं।

शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा कि जिन लोगों ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है, उन्हें वापस नहीं लौटने दिया जाएगा।

विधानसभा में भाजपा की हार के बाद टीएमसी के कई दल बदलुओं ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी से उन्हें पार्टी में वापस लेने की अपील की है। इनमें पूर्व विधायक सोनाली गुहा व दिपेंदु बिस्वास शामिल हैं।

नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार होने वाला है जल्द: JDU ने मांगी हिस्सेदारी,सर्वानंद सोनोवाल,सुशील मोदी ,ज्योतिरादित्य सिंधिया और बैजयंत पांडा सूची में शामिल attacknews.in

नईदिल्ली 13 जून ।संसद के मानसून सत्र से पहले मोदी कैबिनेट विस्तार की अटकलों का बाजार गर्म है। पीएम नरेंद्र मोदी अपने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा भी कर रहे हैं। इसी बीच बिहार जदूय के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनकी पार्टी को भी हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सांकेतिक नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में एनडीए के घटक दलों को सम्मानजनक जगह मिलनी चाहिए।

30 मई को नरेंद्र मोदी की सरकार- 2 ने दो साल पूरे कर लिए हैं। लेकिन अभी भी मोदी कैबिनेट के पहले मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका है। पीएम मोदी की टीम में अभी उनके अलावा 21 कैबिनेट और 9 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 29 राज्य मंत्री हैं। कुछ मंत्रियों के पास कई मंत्रालय होने से मंत्रि परिषद के साथियों की कुल संख्या 54 है।

सूत्रों के अनुसार, जिन लोगों को मंत्रिपरिषद के भावी फेरबदल और विस्तार में शामिल किया जा सकता है, उनमें असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, बैजयंत पांडा के नाम चर्चा में हैं।

मोदी सरकार में अभी भाजपा के सहयोगी दलों से एक भी कैबिनेट मंत्री नहीं है। सहयोगी दलों में अकेले रिपब्लिकन पार्टी के रामदास आठवले राज्य मंत्री हैं। ऐसे में कुछ और सहयोगी दलों को भी विस्तार में जगह दी जा सकती है।

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार की 40 सीटों में से 34 सीटों पर बीजेपी और जेडीयू ने 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ा था। बाकी 16 सीटों पर रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा के उम्मीदवार खड़े हुए थे।

नीतीश कुमार केंद्र में नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में ज्यादा हिस्सेदारी की उम्मीद कर रहे थे। क्योंकि 6 सीटों पर लड़ने वाली लोजपा को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई थी। तब रामविलास पासवान नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल हुए थे। नीतीश कुमार यह चाहते थे कि उनकी पार्टी से कम से कम तीन सांसद को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलनी चाहिए थी। उन्होंने नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में एक को मंत्री बनाए जाने से नाराज होकर अंतिम समय में मंत्रिमंडल में शामिल होने से इनकार कर दिया था।

राजग का घटक होने के नाते केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू की भागीदारी स्वाभाविक है – आरसीपी

जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह ने आज कहा कि केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का घटक होने के नाते केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनकी पार्टी की भागीदारी स्वाभाविक है ।

श्री सिंह ने यहां रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी राजग का सम्मानित घटक है।
यह स्वाभाविक है कि मंत्रिमंडल विस्तार में पार्टी की भागीदारी होगी ।

उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा ) के मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल होने के संबंध में पूछे गए एक सवाल पर कहा कि इस संबंध में वह नहीं जानते हैं।
सिर्फ राजग और जदयू के बारे में जानते हैं बाकी से क्या मतलब।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि लोग आश्वस्त रहें, बिहार की सरकार पूरे 5 साल चलेगी ।मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पिछले 15 वर्षों से बालू फांक रहा है, अभी आगे भी उसका यही हाल रहने वाला है।

उन्होंने कहा कि बालू फांकते फांकते राजद के विधायकों के पेट में दर्द हो गया है और इसी से वे कुछ भी बातें करते हैं।राजद के लोग पेड़ पर लगे आम के गिरने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन वह इसी उम्मीद में बैठे रह जाएंगे, लेकिन आम नहीं मिलने वाला है।

तेलंगाना में राजनीतिक उलट फेर शुरू; चंद्रशेखर राव द्वारा मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के बाद इटेला राजेंद्र टीआरएस विधायकी से इस्तीफा देकर भाजपा में जाने को कहा attacknews.in

हैदराबाद 12 जून ।तेलंगाना के विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीनिवास रेड्डी ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) विधायक एवं तेलंगाना के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री इटेला राजेंद्र की ओर से शनिवार को दिये विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे को मंजूर कर लिया।

श्री इटेला के विधायक पद से इस्तीफा देने के कारण राज्य में एक और उप चुनाव का रास्ता खोल दिया है। साथ ही श्री इटेला के 14 जून को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है।

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) विधायक एवं तेलंगाना के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री इटेला राजेंद्र ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

श्री इटेला ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा के समीप गन पार्क में तेलंगाना के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद विधानसभा सचिव डॉ वी नरसिम्हा चार्युलु को अपना त्याग पत्र सौंपा।

श्री इलेटा ने अध्यक्ष पोचाराम श्रीनिवास रेड्डी को संबोधित अपने त्यागपत्र में कहा, “मैं 12 जून 2021 से सदन में अपनी सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।”
उन्होंने पहले टीआरएस की प्राथमिक सदस्यता और हुजूराबाद निर्वाचन क्षेत्र से विधायक पद से अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। उन्होंने आज आधिकारिक रूप से विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव और तेलंगाना के प्रदेश प्रभारी तरुण चुग ने शुक्रवार को यहां श्री इटेला से मुलाकात के बाद उनके भाजपा में शामिल होने के संकेत दिये थे। वह आज शाम विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना होंगे और 14 जून को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में पार्टी में शामिल होंगे।

उल्लखेनीय है कि मेडक जिले के अचंपेट और हैमपेट के ग्रामीणों द्वारा मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव पर भूमि अतिक्रमण के आरोपों के बाद दो मई को श्री इलेटा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था।

सभी 12 कांग्रेस विधायक इस्तीफा देकर चुनाव में भाग लें : कांग्रेस

इधर कांग्रेस ने शनिवार को मांग की कि सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में शामिल हुए कांग्रेस के 12 विधायकों को अपने विधायक पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए और फिर से चुनाव लड़ना चाहिए।

इससे पहले शनिवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले टीआरएस के पूर्व मंत्री इटाला राजेंद्र ने कहा कि टीआरएस में शामिल हुए कुछ विधायक बिना अपनी पैतृक पार्टी से इस्तीफा दिये केसीआर मंत्रिमंडल के सदस्य बन गये हैं।

भाजपा नेकांग्रेस को देशद्रोहियों का ‘क्लब’ बताकर आरोप लगाया कि,पार्टी  ‘टूल किट’ के माध्यम से लंबे समय से देश को खोखला करने का काम कर रही है attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 जून । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी देशद्रोहियों का ‘क्लब’ है जो ‘टूल किट’ के माध्यम से लंबे समय से देश को खोखला करने का काम कर रही है।

शनिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अनुच्छेद 370 को लेकर दिए गए कथित बयान की आलोचना करते हुए कहा कि श्री सिंह वही व्यक्ति हैं जिन्होंने पुलवामा हमले को एक दुर्घटना बताया था और इसे आतंकवादी हमला मानने से इनकार किया था। श्री सिंह वही हैं कि जिन्होंने मुंबई आतंकी हमले को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस ) की साजिश बताया था और उस समय पाकिस्तान का पक्ष लिया था। कश्मीर जैसे गंभीर मुद्दे पर कांग्रेस नेता का यह बयान कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है।”

उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के खिलाफ किस प्रकार बोलना है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ किस प्रकार जहर उगलना है, इन सब साजिशों को एक ‘टूल किट’ के माध्यम अंजाम दिया जा रहा है। ‘क्लब हाउस’ वाला मामला भी टूल किट से जुड़ा हुआ है। पाकिस्तान के पत्रकार की ओर से पूछा जाता है कि मोदी सरकार कब तक रहेगी और कांग्रेस जवाब देती है कि अगर मोदी सरकार खत्म होती है और कांग्रेस की सरकार बनती है तो कश्मीर में अनुच्छेद 370 फिर से बहाल किया जायेगा। यह घोर निंदा का विषय है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को इसका जवाब देना चाहिये।”

श्री पात्रा ने कहा कि इसी प्रकार कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान में जाकर बयान देते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री को हटाना होगा और कांग्रेस को वापस लाना होगा। इसका मतलब यह हुआ कि कांग्रेस पाकिस्तान की मदद से श्री मोदी को हटाना चाहती है। इसी साजिश को आज भी कांग्रेस पूरा करने में लगी हुई है। पहले श्री मणिशंकर ऐसे बयान देते थे, आज श्री सिंह ऐसा कह रहे हैं।

उन्होंने कहा “श्री सिंह पाकिस्तान की हां में हां मिला रहे हैं। वह कश्मीर को थाली में रखकर पाकिस्तान को सौंपना चाहते हैं। कांग्रेस शुरुआत से ही कश्मीर में शांति नहीं चाहती है और तरह-तरह से देश को अस्थिर करने की साजिश कर रही है। श्री सिंह की क्लब हाउस बातचीत भी कांग्रेस की टूलकिट का हिस्सा है।”

भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाया गया था तब 25 अगस्त 2019 को श्री गांधी ने ट्वीट किया था कि अनुच्छेद 370 को हटाकर भाजपा ने बड़ी गलती की है। जम्मू कश्मीर में हजारों लोग मारे जा रहे हैं। कश्मीर में कोई लोकतंत्र नहीं है। इसके बाद इसी को आधार बनाकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 27 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र में यह एक ‘डोजियर’ सौंपा था।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री सिंह का एक ‘क्लब हाउस चैट’ वायरल हुआ है जिसमें श्री सिंह ने कथित तौर पर कहा है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो जम्‍मू-कश्‍मीर में अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करने पर विचार किया जाएगा। ऐसा दावा किया जा रहा है कि इस बातचीत में एक पाकिस्‍तानी पत्रकार भी मौजूद था।

2024 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा-विरोधी दलों का महागठबंधन बनाने के लिए NCP प्रमुख शरद पवार ने 3 घंटे तक प्रशांत किशोर के साथ बैठकर बनाई रणनीति attacknews.in

मुंबई, 12 जून । चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के बीच मुलाकात के एक दिन बाद शनिवार को पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ रुख रखने वाली पार्टियों के ‘‘महागठबंधन’’ की जरुरत है।

किशोर ने शुक्रवार को मुंबई स्थित पवार के आवास पर उनसे मुलाकात की। करीब तीन घंटे चली इस बैठक के बाद राजनीतिक हलके में अटकलों का बाजार गरम है। हालांकि, बैठक में क्या बात हुई, इस बारे में पता नहीं चला है।

बातचीत में राकांपा नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा, ‘‘अगले आम चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ रुख रखने वाली पार्टियों के महागठबंधन की जरुरत है। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी भाजपा का मुकाबला करने के लिए सभी दलों के राष्ट्रीय गठबंधन की बात कही है। उन्होंने कहा है कि वह ऐसे बलों को साथ लाने का प्रयास करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को आंकड़ों और सूचनाओं की पूरी जानकारी है… तीन घंटे चली चर्चा में यह मुद्दा भी पक्का आया होगा।’’

गौरतलब है कि पिछले महीने शिवसेना नेता संजय राउत ने राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के गठबंधन की जरुरत पर बल देते हुए कहा था उन्होंने इस मुद्दे पर शरद पवार से बात की है। इससे पहले उन्होंने यह भी कहा था कि संप्रग के पुन:गठन की आवश्यकता है ताकि वह भाजपा के मजबूत विकल्प के रूप में उभर सके और नये मोर्चे का नेतृत्व पवार जैसे वरिष्ठ नेताओं को करना चाहिए।

प्रशांत किशोर को राकांपा की कोई जिम्मेदारी नहीं दी गयी है:मलिक

हालांकि नवाब मलिक ने स्पष्ट किया कि पार्टी की कोई जिम्मेदारी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को नहीं दी गई है।

श्री मलिक ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि श्री किशोर एक राजनीतिक रणनीतिकार हैं।उनका एक अलग अनुभव है।

श्री किशोर ने श्री पवार को उस अनुभव और देश की राजनीतिक स्थिति की जानकारी दी है।

श्री पवार देश के सभी विपक्षी दलों को एकजुट करना चाहते हैं और उन्होंने इसे व्यक्त किया है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले, श्री पवार को बंगाल जाना था, लेकिन वे खराब स्वास्थ्य के कारण नहीं जा सके।देश के तमाम विपक्षी दल एकजुट होने जा रहे हैं।

श्री मलिक ने कहा कि राकांपा भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाने की कोशिश कर रही है और निकट भविष्य में ऐसा किया जाएगा।

गुजरात में पाटीदारों ने विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर खोला मोर्चा,नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में अगले साल होने वाले चुनाव की राजनीतिक धमधमाहट हुई शुरू attacknews.in

अहमदाबाद/गांधीनगर/राजकोट, 12 जून । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र अब राजनीतिक धमधमाहट अब तेज़ होती दिख रही है।

इसी कड़ी में राज्य में जातिगत आधार पर एक बड़ी लामबंदी समझे जाना वाला पाटीदार समुदाय की दो उप जातियों कड़वा और लेवुआ के सामाजिक-धार्मिक अग्रणियों की आज राजकोट के निकट खोडलधाम में बैठक हुई।

इसमें शामिल लेवुआ समाज के प्रमुख अग्रणी नरेश पटेल ने कहा कि बैठक में राजनीतिक चर्चा भी हुई। उन्होंने कहा कि समाज चाहता है कि अगला मुख्यमंत्री इसी समुदाय का हो। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप पार्टी की तारीफ़ कर नयी अटकलों को हवा दे दी।

गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बाद एक बार फिर से पाटीदार मैदान में आ गए हैं। इस बार पाटीदार ने रणनीति के लिए खोडलधाम यानी पाटीदार की देवी के मंदिर से राजनीति की शुरुआत की है। शनिवार को पाटीदार के दोनों ही गुट यानी लेउवा पटेल और कडवा पटेल दोनों एक साथ एक मंच पर खोडलधाम में मिले।

लेवुआ समाज के प्रमुख अग्रणी नरेश पटेल ने कहा कि बैठक में राजनीतिक चर्चा भी हुई। उन्होंने कहा कि समाज चाहता है कि अगला मुख्यमंत्री इसी समुदाय का हो। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप पार्टी की तारीफ़ कर नयी अटकलों को हवा दे दी।

ज्ञातव्य है कि पाटीदार समाज को आम तौर पर सत्तारूढ़ भाजपा का समर्थक माना जाता है और इस बैठक तथा इससे पहले आप पार्टी, जिसने गत स्थानीय चुनाव में गुजरात में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी थी, की तारीफ़ को लेकर नए समीकरणों की अटकलें तेज़ हो गयी हैं।इस बीच केजरीवाल के अगले दो-तीन दिनों में गुजरात का दौरा करने की भी सम्भावना है। वह अहमदाबाद में पार्टी कार्यालय का उद्घाटन करेंगे।

उधर, गुजरात में भाजपा के प्रभारी तथा राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव भी अब राज्य के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। समझा जाता है कि अगले साल होने वाले चुनावों के मद्देनज़र वह पार्टी नेताओं, विधायकों आदि से कई बैठके कर रहे हैं।

दिग्विजय सिंह ने इस प्रश्न पर “कश्मीर का तांडव” रच दिया जब पाकिस्तानी पत्रकार शाहजेब जिल्लानी ने धारा-370 से जुड़ा प्रश्न पूछा कि,”जब मौजूदा सरकार जाती है और भारत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद दूसरा पीएम मिल जाए तो कश्मीर पर आगे का रास्ता क्या होगा?” attacknews.in

नईदिल्ली/भोपाल/श्रीनगर 12 जून । कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के कथित सोशल मीडिया पर क्लब हाउस चैट के एक ऑडियो, जिसमें दिग्विजय सिंह जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने के फैसले पर टिप्पणी कर रहे हैं, पर अब जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा है, “मैं दिग्विजय सिंह का बहुत आभारी हूं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावनाओं को महसूस किया है। मैं इसका तहे दिल से स्वागत करता हूं और उम्मीद करता हूं कि सरकार इस पर दोबारा गौर करेगी।“

वहीं, भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने क्लब हाउस चैट का एक हिस्सा ट्विटर पर शेयर करते हुए दिग्विजय सिंह पर हमला बोला है।

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, ”क्लब हाउस चैट में, राहुल गांधी के शीर्ष सहयोगी दिग्विजय सिंह एक पाकिस्तानी पत्रकार से कहते हैं कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वे अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे। वास्तव में? यही तो पाकिस्तान चाहता है…।”

गिरिराज सिंह ने भी दिग्विजय सिंह के क्लब हाउस चैट मामले पर घेरा है। उन्होंने कहा है, ”कांग्रेस का पहला प्यार पाकिस्तान है। दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी का संदेश पाकिस्तान तक पहुंचाया है। कांग्रेस कश्मीर को हथियाने में पाकिस्तान की मदद करेगी।”

दिग्विजय सिंह के कथित आडियो में दावा किया गया है कि अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आई तो इस फैसले को लेकर फिर से विचार किया जाएगा और धारा-370 लागू करेंगे। इस आडियो के लीक होने के बाद भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने दिग्विजय सिंह को निशाने पर लिया है।

दरअसल, दिग्विजय सिंह देश-विदेश के कुछ पत्रकारों से वर्चुअली बात कर रहे थे। इस बीच शाहजेब जिल्लानी ने धारा-370 से जुड़ा का प्रश्न पुछा। दावा है कि वह शाहजेब जिल्लानी एक पाकिस्तानी पत्रकार है। जिसने सवाल किया कि जब मौजूदा सरकार जाती है और भारत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद दूसरा पीएम मिल जाए तो कश्मीर पर आगे का रास्ता क्या होगा?

पत्रकार के सवालों के जवाब में दिग्विजय सिंह कहते सुनाई दे रहे हैं कि जब उन्होंने कश्मीर में धारा-370 हटाया तो वहां लोकतंत्र नहीं था। वहां इंसानियत भी नहीं थी, क्योंकि सभी को जेल में बंद कर दिया गया था। कश्मीरियत वहां के सेल्युलरिज्म का हिस्सा है, क्योंकि मुस्लिम बहुल राज्य का राजा हिंदू था और दोनों के साथ मिलकर काम किया करता था। यहां तक कि कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया गया था। ऐसे में अनुच्छेद-370 को हटाने का फैसला बेहद दुखद था और कांग्रेस जब सत्ता में आएगी तो 370 हटाने के फैसले पर फिर से विचार करेगी।

दिग्विजय के कश्मीर के मुद्दे पर बयान के बाद शिवराज ने बोला हमला

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने संबंधी कथित बयान के सामने आने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए आज आरोप लगाया कि उसके नेता पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं।

श्री चौहान ने यहां ट्वीट के जरिए अपना वीडिया संदेश पोस्ट किया है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा सांसद श्री सिंह ने अनुच्छेद 370 हटाने की बात कही है। इसके मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी पार्टी का रुख साफ करना चाहिए कि वे श्री दिग्विजय सिंह के बयान से सहमत हैं या नहीं। कांग्रेस को यह भी साफ करना चाहिए कि अनुच्छेद 370 के मसले पर उसका रुख क्या है।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट में लिखा है ‘दिग्विजय सिंह जी, हम जानते हैं कि आपके मन में धारा 370 हटने का दर्द है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी हैं, उनके पीछे पूरा देश खड़ा है। क्या दिग्विजय सिंह जी यह चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर का विकास और प्रगति न हो? क्या दिग्विजय सिंह जी यह चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा मिले? क्या दिग्विजय सिंह जी यह नहीं चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में अमन और चैन कायम रहे?’

श्री चौहान ने लिखा है ‘अक्सर देखा गया है कि दिग्विजय सिंह जी और पाकिस्तान के नेताओं के वक्तव्य एक समान होते हैं। देशविरोधी ताकतों का समर्थन करना उनकी बहुत पुरानी आदत है। दिग्विजय सिंह जी ने सदैव तुष्टिकरण की राजनीति की है। खबरों में बने रहने के लिए वे किसी भी हद को पार कर सकते हैं।’

श्री चौहान ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा है ‘मैं श्रीमती सोनिया गांधी जी से पूछना चाहता हूँ कि क्या वे दिग्विजय सिंह जी के बयान से सहमत हैं? क्या वास्तव में कांग्रेस पार्टी यदि सत्ता में आई तो धारा 370 पर पुनर्विचार करेगी? क्या कांग्रेस पार्टी भारत से जम्मू-कश्मीर को अलग-थलग रखने के पक्ष में है? मैडम सोनिया गांधी जी को देश के सामने जम्मू-कश्मीर और धारा 370 के मामले में कांग्रेस पार्टी का स्टैंड क्लियर करना होगा। वो जवाब दें और अगर वो जवाब नहीं देती हैं, तो यह मान लिया जाएगा कि वे दिग्विजय सिंह जी के विचारों से पूर्णतः सहमत हैं।’

श्री चौहान ने कहा ‘दिग्विजय सिंह जी, आप कितनी भी कोशिश कर लें, आपके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और गुजरात से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक यह देश एक है, और आगे भी एक रहेगा।’

इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने ट्वीट के जरिए स्क्रीनशॉट और 45 सैकंड का एक ऑडियो जारी किया है, जिसमें एक व्यक्ति कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के संबंध में चर्चा कर रहा है। श्री शर्मा ने ट्वीट में लिखा है एनआईए को श्री दिग्विजय सिंह की गतिविधियों की जांच करनी चाहिए। कांग्रेस की क्लब हाॅउस चैट में पाकिस्तानी पत्रकार का होना और दिग्विजय सिंह द्वारा सत्ता में आने पर धारा 370 को वापस लाने की बात करना देश विरोधी षड़यंत्र है। श्री शर्मा ने जानना चाहा है कि क्या कांग्रेस नेतृत्व दिग्विजय सिंह के बयान से सहमत है।

पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और बसपा ने विधानसभा के लिए गठबंधन चुनाव लड़ने का किया ऐलान; 117 सीटों में से बसपा को मिली 30 सीटें attacknews.in

पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सफाया तय : गठबंधन

चंडीगढ़ ,12जून । शिरोमणि अकाली दल (शिअद) तथा बहुजन समाज पार्टी (बसपा)ने भ्रष्टाचार तथा घोटालों से मुक्त कराने के लिए 2022 का विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने के लिए आज चुनावी गठबंधन का ऐलान किया।

शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने संयुक्त रूप से गठबंधन के बारे में घोषणा की। बसपा नेता ने खुलासा किया कि पार्टी अध्यक्ष मायावती ने गठबंधन को मंजूरी दी है तथा दोनों पार्टियां श्री सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगी।

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा से तीन दशक पुराना गठजोड़ तोड़ शिरोमणि अकाली दल(शिअद) ने 2022 के चुनाव से विधानसभा की राह आसान करने के लिए बहुजन समाज पार्टी(बसपा)से गठजोड़ कर लिया है।

शनिवार को यहां शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की मौजूदगी में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने पंजाब में बसपा के शिअद से गठबंधन की घोषणा की।

इस मौके सुखबीर बादल ने कहा कि शिअद और बसपा का गठबंधन पंजाब में अमरिदंर की कांग्रेस का तख्ता पलट करेगा।

उन्होंने कहा कि शिअद और बसपा के एक साथ होने से इस गठबंधन की टक्कर में कोई भी दल नहीं है। बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि शिअद के साथ गठजोड़ से बसपा को पंजाब में अपना सियासी आधार मजबूत करने में मदद मिलेगी।

सितंबर 2020 में भाजपा से 30 साल से अधिक पुरान गठजोड़ तोड़ने वाली शिअद को एक ऐसे सियासी दल की तलाश थी जो पंजाब के 33 फीसदी दलित मतदाताओं में सेंध लगा कांग्रेस के इस वोट बैंक की जड़ें हिला सके। बसपा से गठबंधन के बाद शिअद व बसपा कांग्रेस की टक्कर में आ गए हैं।

राज्य में बड़ी संख्या में दलित मतदाताओं के होने की वजह से यह गठबंधन काफी अहम माना जा रहा है। शिअद के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार दोनों दलों के बीच सीटों का बंटवारा भी हो गया है और जल्द ही इसकी घोषणा भी हो जाएगी।

इस नेता अनुसार शिअद व बसपा गठबंधन 2022 के विधानसभा चुनाव से 6 महीने पहले ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर पंजाब के सत्ता परिवर्तन के लिए जनता के बीच जाएगा।

सूत्रों मुताबिक विधानसभा की 117 सीटों में से शिअद बसपा को पहले 20 सीटों पर चुनाव लड़वाना चाहता पर गठबंधन को सिरे चढ़ाने के लिए शिअद,बसपा को करीब 30 सीटें देने पर राजी हो गया है। जबकि बसपा 37-40 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन उस पर सहमति नहीं बन पाई।

बसपा के पंजाब प्रभारी रणधीर सिंह बेनीवाल के मुताबिक पार्टी 25 से ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी और उसके ज्यादातर उम्मीदवार दोआबा क्षेत्र में होंगे।

इधर शिअद सूत्रों के अनुसार बसपा को 23 सीटें मिल सकती हैं। शिअद अपनी गठजोड़ पार्टी भाजपा को 23 सीटें दिया करती थी। अब बसपा को 23 सीटें मिल सकती हैं। यह भी संभावना है कि जहां से भाजपा के उम्मीदवार चुनाव लड़ते थे, वहीं से अब बसपा के प्रत्याशी चुनाव लड़कर भाजपा की कमी पूरी करेंगे।

पंजाब में करीब 33% दलित वोट हैं। बीएसपी के सहारे शिअद दलित वोट हासिल कर एक बार फिर सत्ता में आने की तैयारी में है। अकाली दल ने दलित वोट बैंक लुभाने के लिए ऐलान कर रखा है कि 2022 में अकाली दल की सरकार बनने पर उप-मुख्यमंत्री दलित वर्ग से बनाया जाएगा।

बहुजन समाज पार्टी 25 साल से पंजाब में विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ रही है लेकिन कभी भी बड़ी जीत हासिल नहीं कर पाई। चुनाव में बसपा के उम्मीदवार वोट काटकर दूसरी पार्टियों के प्रत्याशियों की हार-जीत का कारण बनते रहे हैं। सात महीने बाद पंजाब के विधानसभा चुनाव में शिअद की तकड़ी और बसपा का हाथी मिलकर कितने मतदाताओं पर अपने पक्ष में तौल पाता है यह अभी कहना संभव नहीं है।

पंजाब में 1997 का इतिहास दोहराएगी बसपा-भोला

पंजाब में भारतीय जनता पार्टी की पूर्व सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन हो जाने से बहुजन समाज पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के जोश में बढ़ने लगा है। बसपा कार्यकर्ताओं ने लड्डू बांट कर गठबंधन की घोषणा का स्वागत किया है।

बसपा के जिला अध्यक्ष तरसेम सिंह भोला ने शनिवार को कहा कि पंजाब को भ्रष्टाचार तथा घोटालों से मुक्त कराने के लिए 2022 का विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने के लिए आज शिअद और बसपा के चुनावी गठबंधन का एलान किया। बसपा नेता ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मायावती ने गठबंधन को मंजूरी दी है तथा दोनों पार्टियां श्री सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनावों में बसपा 1997 का इतिहास दोहराएगी। 1997 में बसपा बाबू कांशी राम के नेतृत्व में 25 सीटों पर चुनाव लड़ी थी।

पहले तृणमूली बाद में भाजपायी और अब फिर बने तृणमूली मुकुल राय ने ममता बनर्जी के सामने तृणमूल कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया है attacknews.in

कोलकाता, 11 जून। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उपाध्यक्ष मुकुल राय ने पार्टी को अलविदा कहते हुए शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस का फिर दामन थाम लिया।

श्री राय तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे हैं। उन्होंने 2017 में तृणमूल कांग्रेस से कुछ मसलों को लेकर नाराजगी के बाद भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। पश्चिम बंगाल में भाजपा को मजबूती प्रदान करने में उनकी अहम भूमिका रही है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद से ही वह नाराज चल रहे थे और आज तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की मौजूदगी में अपनी पुरानी पार्टी में लौट आये। श्री राय के साथ ही उनके पुत्र एवं विधायक शुभ्रांशु राय भी तृणमूल में लौट आये।
सुश्री बनर्जी ने श्री राय की पार्टी में वापसी पर कहा, “ घर का लड़का, घर लौट आया।”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उपाध्यक्ष मुकुल राय शुक्रवार को एक नाटकीय घटनाक्रम में अपने पुत्र शुभ्रांशु राय के साथ पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में लौट आये।

श्री राय ने तिलजला स्थित तृणमूल कांग्रेस मुख्यालय पर पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी और सांसद एवं सुश्री बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में तृणमूल में वापसी की।

सुश्री बनर्जी ने इस मौके पर कहा कि उनके श्री राय के साथ कभी मतभेद नहीं रहे। उन्होंने भाजपा की सदस्यता दमनात्मक परिस्थितियों में ग्रहण की थी।

उन्होंने कहा कि श्री राय तृणमूल में वही जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे जो दायित्व वह पार्टी छोड़ने से पहले निभा रहे थे।

उन्होंने कहा कि कई अन्य लोग भी पार्टी में आयेंगे। श्री राय ने इस मौके पर कहा कि अब भाजपा में काम करना असंभव हो गया है।

अनुभवी राजनेता श्री राय ने सुश्री बनर्जी के दिशा-निर्देश में 2000 में तृणमूल कांग्रेस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। उन्होंने 2017 में सुश्री बनर्जी के साथ कुछ मतभेदों के कारण पार्टी छोड़ दी थी। वह भाजपा में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाये गये थे। उन्होंने भाजपा के टिकट पर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ा था और 2021 में कृष्णानगर उत्तर सीट से जीत हासिल की है।

कोलकाता के ईस्टर्न मेट्रोपॉलिटन बाईपास स्थित तृणमूल भवन में इस मौके पर सुश्री बनर्जी के अलावा उनके भतीजे एवं सांसद अभिषेक बनर्जी, राज्य के कई मंत्री और पार्टी के नेता मौजूद थे।

श्री राय कई दिनों से भाजपा से अपने काे दूर रख रहे थे। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के बावजूद आठ जून को चुनाव के बाद की रणनीति बनाने संबंधी भाजपा उच्च कमान की ओर से बुलाई गयी पार्टी की बैठक में वह शामिल नहीं हुए थे।

तेज प्रताप यादव ने जीतन राम मांझी के आवास जाकर मुलाकात के बहाने फोन पर अपने पिता लालू यादव यादव से उनकी करवा दी बात,इसी बात पर बिहार में गर्म हो गया अटकलों का बाजार attacknews.in

पटना 11 जून । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी से राष्ट्रीय जनता दल राजद (अध्यक्ष) लालू प्रसाद यादव से दूरभाष पर बात के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है ।

श्री मांझी से श्री तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार को न सिर्फ उनके आवास पर जाकर मुलाकात की बल्कि फोन पर अपने पिता और पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू यादव यादव से उनकी बात भी कराई।

इस खबर के बाहर आने के बाद राजनीतिक सरगर्मी काफी बढ़ गई है और कयासबाजी शुरू हो गई है ।

हालांकि श्री मांझी ने मुलाकात और बातचीत के बारे में मीडिया को बताया कि यह बिल्‍कुल गैर राजनीतिक और विशुद्ध पारिवारिक मामला है।

इस बातचीत के कोई राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए।

हम प्रमुख ने कहा कि राजनीति में मतभेद तो होता है लेकिन मनभेद नहीं ।

भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती है कि यहां पति-पत्‍नी, मां-बेटा और बिल्‍कुल के करीब के रिश्‍तों में भी लोग अलग-अलग पार्टियों में रह सकते हैं ।

राजनीति के क्षेत्र में नीचे से लेकर ऊपर तक ऐसे अनेकों उदाहरण हैं ।

उन्‍होंने कहा कि श्री लालू प्रसाद यादव से उनका व्‍यक्तिगत और पारिवारिक सम्‍बन्‍ध है ।

इसके नाते ही उन्‍होंने लालू यादव-राबड़ी देवी को उनके विवाह की 48 वीं वर्षगांठ पर भी बधाई दी थी और अब श्री यादव के जन्‍मदिन पर भी उन्‍हें शुभकामनाएं दीं।

मांझी दलितों के सर्वमान्य नेता, उन पर डोरे डालने वाले सफल नहीं होंगे – सुशील

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी की राष्ट्रीय जनता दल राजद (अध्यक्ष) लालू प्रसाद यादव से फोन पर हुई बातचीत के बात कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) अटूट है और श्री मांझी पर डोरे डालने वाले सफल नहीं होंगे ।

श्री मोदी ने शुक्रवार को सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एनडीए के वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए किसी जनप्रतिनिधि की उनसे शिष्टाचार भेंट का राजनीतिक मायने निकालने की जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा,” जीतन राम मांझी किसी एक जाति के नहीं, बल्कि बिहार में दलितों केे बड़े सर्वमान्य नेता है। उन्होंने राजद का कुशासन भी देखा है। उनसे किसी को जबरदस्ती मिलवा देने से कई फर्क नहीं पड़ता।”