कमलनाध ने उपचुनाव को प्रदेश के युवाओं का भविष्य तय करने वाला बताया; शिवराज सिंह चौहान ने कह दिया कि जनता तय करेगी, कौन लायक है और कौन नहीं attacknews.in

भोपाल/ग्वालियर, 19 सितंबर । मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज कहा कि राज्य में होने वाले विधानसभा उपचुनाव से ग्वालियर चंबल अंचल के साथ ही प्रदेश के युवाओं का भविष्य तय होगा।

श्री कमलनाथ ने अपने दिवसीय प्रवास के दौरान यहां पत्रकारों से चर्चा में कहा कि उनका प्रयास होगा कि ग्वालियर अंचल प्रदेश ही नहीं देश में भी अपनी पहचान बनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि उपचुनाव यह तय करेंगे कि राज्य किस पटरी पर चलेगा तथा इस उपचुनाव से प्रदेश के युवाओं का भी भविष्य तय होगा। उन्होंने कहा कि हमने अपनी 15 महीने की सरकार में अपनी नीति और नीयत का परिचय दिया। उन्हें इसके लिए किसी भाजपा नेताओं का सर्टिफिकेट नहीं चाहिये, जनता इसकी गवाह है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा उनसे 15 माह का हिसाब मांग रही है। पहले वह तो 15 सालों का हिसाब दें। उन्होंने भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान आयोजित हुयीं इन्वेस्टर्स मीट पर निशाना साधा और कहा कि कितनी इन्वेस्टर्स समिट हुईं। लाखों करोड़ों के निवेश के वादे किए गए, दावे किए गए, पर निवेश नहीं आया। उन्होंने कहा कि निवेश लाने के लिए विश्वास का माहौल पैदा करने की आवश्यकता होती है।

उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश के 26 लाख किसानों का कर्ज माफ किया, लेकिन भाजपा इसको लेकर असत्य बयानबाजी कर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है, जो अब चलने वाला नही है। उन्होंने भाजपा नेताओं से कहा कि वे आमने- सामने बैठ जाये, वह उन्हें 26 लाख किसानों के नाम, उनके गांव का नाम, माफ़ क़र्ज़ की राशि का रिकार्ड उपलब्ध कराने को तैयार हैं।

श्री कमलनाथ ने कहा कि ग्वालियर-चंबल की राजनीति और विकास पर अभी तक ज्यादा दखल नहीं दिया पर अब परिस्थितियां बदल गई है और ऐसे में ग्वालियर-चंबल का विकास उनकी प्राथमिकता रहेगी। हम ग्वालियर- चम्बल का सर्वांगीण विकास करेंगे। यह चुनाव प्रदेश के साथ ही ग्वालियर-चंबल के भविष्य का चुनाव है। उनका प्रयास रहेगा कि हम ग्वालियर-चंबल में विकास कार्य में एक नया इतिहास बनाएं।

जनता तय करेगी, कौन लायक है और कौन नहीं – शिवराज

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि कौन लायक है और कौन नहीं, यह तो जनता तय करती है।

श्री चौहान ने यहां रात्रि में जारी अपने बयान में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को स्वयं सोचना चाहिए कि कौन लायक है और कौन नहीं। मुख्यमंत्री ने प्रतिप्रश्न करते हुए कहा कि जो व्यक्ति सभी को एक भाव से देखे, गरीबों का सम्मान करे और किसान के हित में कार्य करे, वो लायक है या नहीं, यह फैसला जनता को करना है।

कोरोना से बच निकलने के बाद हार्ट अटेक से हो गया मध्यप्रदेश के कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी का निधन attacknews.in

राजगढ़, 15 सितंबर । मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी का आज तड़के निधन हो गया।

वे 63 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी, दो पुत्री और एक पुत्र है।

पारिवारिक सूत्रों के अनुसार श्री दांगी को इलाज के लिए दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज तड़के उन्होंने अस्पताल में ही अंतिम सांस ली। बताया गया है कि हृदयाघात के चलते उनका निधन हुआ।

श्री दांगी को कुछ समय पहले कोरोना संक्रमण के चलते भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन बेहतर इलाज के लिए उन्हें एयरएंबुलेंस से दिल्ली के अस्पताल में चार पांच दिन पहले भेजा गया था। वहां पर इलाज के बाद उनका कोरोना टेस्ट भी निगेटिव आ गया था। लेकिन स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक नहीं होने के कारण उनका इलाज चल रहा था। इस बीच आज तड़के उनका निधन हो गया।

श्री दांगी की पार्थिव देह आज शाम तक ब्यावरा लाए जाने की उम्मीद है।

कांग्रेस संगठन में भारी फेरबदल, नयी कार्य समिति का गठन attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 सितंबर । कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव को लेकर पिछले माह पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में मचे हंगामे के बाद संगठन में शुक्रवार को बड़ा बदलाव करते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 22 सदस्यीय नयी कार्य समिति का गठन कर गुलाम नबी आज़ाद सहित पांच महासचिवों तथा चार प्रदेश प्रभारी महासचिव हटा दिए है।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी उन्होंने बताया कि कार्यसमिति में श्रीमती गांधी सहित 22 सदस्य है जबकि 26 स्थायी आमंत्रित सदस्य और नौ विशेष आमंत्रित सदस्यों को शामिल किया गया है। श्री आज़ाद ने हाल ही में 22 अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ संगठन में बदलाव की मांग की थी।

पार्टी ने पांच महासचिव गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, श्रीमती अंबिका सोनी, मलिकार्जुन खडगे तथा एल फ्लोरियो की छुट्टी कर दी है। इसी तरह से प्रदेश प्रभारी नारायण सिंह,आशा कुमारी और गौरव गोगोई और रामचंद्र खूंटिया को भी हटा दिया गया है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा: सत्य के लिए जान भी देनी पड़े, तो हाजिर है; शिवराज सिंह चौहान ने कहा: कमलनाथ सरकार ने धोखा दिया, बेईमानी की,हम सभी को न्याय देंगे attacknews.in

भोपाल 11 सितंबर। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने हर वर्ग को धोखा दिया। हमेशा पैसे की कमी का रोना रोने वाली उस सरकार ने जनता के साथ बेईमानी की। अब प्रदेश में भाजपा की सरकार है और ये सरकार प्रदेश की जनता को, हर समाज, हर वर्ग को न्याय देगी। भाजपा की सरकार ने कमलनाथ सरकार द्वारा बंद की गई योजनाओं को फिर चालू कर दिया है। इतिहास गवाह है, जब-जब भाजपा की सरकार रही है, विकास के कामों में कमी नहीं आई है। अभी भी चंबल क्षेत्र के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

यह वादा मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्रसिंह तोमर और सांसद एवं वरिष्ठ नेता श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को पोहरी, करैरा और डबरा की जनता से किया। इसके पूर्व तीनों नेताओं ने करोड़ों रुपये की लागत वाले विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया।

इस अवसर पर प्रदेश शासन के मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, श्री तुलसी सिलावट, श्रीमती इमरती देवी, श्री सुरेश राठखेड़ा, जिलाध्यक्ष श्री राजू बाथम, पूर्व विधायक श्री प्रहलाद भारती, विधायक श्री सीताराम आदिवासी, श्री शरद कोल, श्री हरदीप सिंह रघुवंशी, श्री सुशील रघुवंशी, श्री नरेन्द्र बिरथरे, श्री ओमप्रकाश खटीक, श्री प्रहलाद सिंह, श्री महेन्द्रसिंह यादव, श्री केशवसिंह, श्री जसपाल वैश्य, श्री आशुतोष, श्री विक्की मंगल और श्री शिवकुमार आदि उपस्थित थे।

लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि हर बात पर ‘चलो-चलो पैसा नहीं है’ कहने वाले कमलनाथ अब परमानेंटली चले गए हैं, लेकिन उनकी सरकार ने हर वर्ग को धोखा दिया, बेईमानी की। कमलनाथ सरकार ने कर्जमाफी के झूठे प्रमाण पत्र दिये, लेकिन बैंकों को पैसा नहीं दिया। सहरिया बहनों के 1000 रुपये बंद करके उनके साथ धोखा किया। दिग्विजय और कमलनाथ मिलकर फसल बीमा की प्रीमियम खा गए। उन्होंने बेटियों के साथ धोखा किया, गरीबों के कफन के 5 हजार रुपये भी खा गए। हमने जो भी योजनाएं बनाईं, उन्होंने बंद कर दी। सिंधिया जी और उनके साथियों ने इस्तीफे देकर प्रदेश और उसकी जनता को बचा लिया।

श्री चौहान ने कहा कि अब प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, जो सभी के साथ न्याय करेगी। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने जो योजनाएं बंद कर दी थीं, हमने उन्हें फिर से चालू कर दिया है। कमलनाथ की सरकार ने जनता से जो छीना था, अब हमारी सरकार उसे वापस लौटा रही है।

अब भाजपा की सरकार है, विकास में कसर नहीं छोड़ेंगे

श्री चौहान ने कहा कि ग्वालियर चंबल अंचल में विकास के काम तभी हुए हैं, जब या तो सिंधिया जी ने प्रयास किए हैं, या फिर भाजपा की सरकार रही है। कमलनाथ सरकार के समय जब कोई जनप्रतिनिधि विकास की बात करता था, तो मुख्यमंत्री उसे चलो-चलो कहकर टाल देते थे। लेकिन भाइयो-बहनो अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। हमारे साथ सिंधिया जी हैं, नरेंद्रसिंह जी है और दिल्ली में मोदी जी बैठे हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि विकास के रास्ते में पैसे की कमी नहीं आने दी जाएगी और जनहित के कामों में कोई कसर नहीं रहने दी जाएगी।

श्री चौहान ने कहा कि हमने बहनों-बेटियों की, भांजे-भांजियों की, छात्र-छात्राओं की सभी योजनाएं फिर से शुरू कर दी हैं और जल्द ही सरकारी भर्तियों से भी रोक हट जाएगी। श्री चौहान ने कहा कि मेरा जीवन आपके लिए हैं, लेकिन आने वाले चुनाव में आपको यह बताना है कि आपको मुझ पर विश्वास है या नहीं। श्री चौहान ने कहा कि आने वाला चुनाव विकास का चुनाव है, जनता के आत्मसम्मान का चुनाव है। अगर आप ये चाहते हैं कि मैं मुख्यमंत्री बना रहूं और भाजपा की सरकार चलती रहे, तो आने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को आशीर्वाद दीजिए।

असंभव काम शिवराज के दृढ़ संकल्प से मूर्तरूप ले रहे : तोमर

केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्रसिंह तोमर ने लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के कार्यकाल में समूचे क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आया है। उन्होंने आज सरकुला सिंचाई परियोजना का शिलान्यास कर असंभव को संभव करके दिखाया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में बहुत सी सरकारें रहीं, लेकिन सहरिया आदिवासियों की चिंता भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने की। भाजपा सरकार ने पिछले कार्यकाल में सहरिया परिवार की बहनों को 1-1 हजार रूपए देना शुरू किए थे, लेकिन कमलनाथ सरकार आयी तो उसने यह राशि देना बंद कर दी। आज मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने इस योजना को फिर से चालू किया है। आदिवासी सहरिया बहनों के खाते में 40 करोड़ 44 लाख रूपए एक क्लिक से खातों में भेजे हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने सहरिया आदिवासियों के जीवन में बदलाव लाकर उनके नेतृत्व को खड़ा किया। विजयपुर की सामान्य सीट से सीताराम आदिवासी को विधायक बनाया, क्योंकि भाजपा को आदिवासियों की चिंता है। उन्होंने कहा कि भाजपा को गांव, गरीब, किसान और आदिवासियों के विकास की चिंता है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में भाजपा को जिताकर विकास के सहभागी बनें।

राजनीति नहीं, जनसेवा रहा है सिंधिया परिवार का लक्ष्यः ज्योतिरादित्य सिंधिया

सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मेरी दादी राजमाता जी, पिताजी और वर्तमान पीढ़ी का लक्ष्य राजनीति नहीं बल्कि जनसेवा रहा है। कांग्रेस के कार्यकर्ता के रूप में मैंने 20 साल की उम्र में झंडा उठाया था। बहुत आशा और अभिलाषा थी। मकसद एक ही था जनता के विकास और प्रगति का, जो मेरा धर्म बनता था। उन्होंने कहा कि 15 साल शिवराज जी की सरकार रही, हम विपक्ष में थे, लेकिन विपक्ष में रहते हुए भी क्षेत्र के विकास और प्रगति के लिए केन्द्र सरकार और शिवराजसिंह जी से मिलकर काम कराए। जब पहली बार सांसद बना तो क्षेत्र में लोग जाने से डरते थे। हमने वहां पहली बार सड़क बनवाई, पावर हाउस दिलाया। श्री सिंधिया ने कहा कि मैं विश्वास दिलाता हूं कि आगे भी इस क्षेत्र के विकास के लिए, आदिवासियों के कल्याण के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज जी मिलकर काम करते रहेंगे।

सत्य के लिए जान भी देनी पड़े, तो हाजिर है

श्री सिंधिया ने कहा कि 15 साल बाद जब कांग्रेस की सरकार बनी तब मन में आशा थी कि विकास होगा, परंतु ऐसा नहीं हुआ। जो मुख्यमंत्री आदिवासी, गरीब के घर पर नहीं जा सकता उसके वल्लभ भवन में बैठने का क्या औचित्य है?

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की उस सरकार में एक सीएम थे और दूसरे सुपर सीएम जो पर्दे के पीछे रहकर डोर खीचते रहते थे। इन दोनों ने जब आदिवासी महिलाओं के खाते में रूपए भेजने के काम पर ताला लगाया, तो मैंने दोनों के मुंह पर ताला लगा दिया। कांग्रेस की सरकार कलयुगी सरकार थी और रेत, शराब, तबादला उद्योग में डूबी हुई थी।

श्री सिंधिया ने कहा कि अगर सत्य के लिए मुझे जान भी देनी पड़े, तो मेरी जान भी हाजिर है। श्री सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस कहती है, हमारे विधायक गद्दार थे, लेकिन गद्दार कमलनाथ हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री पद के साथ ऐसा सलूक किया। उन्होंने कहा कि ऐसे गद्दार को सड़क पर लाना सिंधिया परिवार का दायित्व बनता है। श्री सिंधिया ने कहा कि पृथ्वी पर दो भगवान होते हैं। एक वो जो सारी दुनिया का पालन करता है और दूसरा भगवान मतदाता होता है, जो इंसान को नेता बनाता है। उन्होंने कहा कि अगर आप सबका आशीर्वाद रहेगा, तो निश्चित रूप से आने वाले चुनाव में बादल छटेगा, सूरज निकलेगा और कमल खिलेगा।

रघुवंश प्रसाद ने राजद छोड़ते हुए लिखा: “जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा लेकिन अब नहीं”,जवाब में लालू ने रघुवंश को लिखा पत्र, कहा-  “आप कहीं नहीं जा रहे, समझ लीजिए।” attacknews.in

पटना 10 सितंबर। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को आज चुनाव से पहले का और जोरदार झटका लगा जब पार्टी के उपाध्यक्ष रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने आज दल से इस्तीफा दे दिया।

डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखकर पार्टी छोड़ने की जानकारी दी । उन्होंने पत्र में कहा, “जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा लेकिन अब नहीं। पार्टी नेता और आम जनों ने बड़ा स्नेह दिया, मुझे क्षमा करें।”

गौरतलब है कि पूर्व सांसद रामा सिंह को राजद में लाए जाने की चर्चा के बाद से ही डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह नाराज थे । श्री लालू प्रसाद यादव ने भी उन्हें मनाने की कोशिश की, इसी बीच श्री यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने डॉ. सिंह को लेकर विवादास्पद बयान दे दिया था कि ‘एक लोटा समुद्र से निकल जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता।’ ऐसा समझा जाता है कि डॉ. सिंह इससे काफी क्षुब्ध थे और अपमानित महसूस कर रहे थे। अंत में उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया। डॉ. सिंह फिलहाल एम्स में अपना इलाज करा रहे हैं ।

लालू ने रघुवंश को लिखा पत्र, कहा-  “आप कहीं नहीं जा रहे, समझ लीजिए।”

रांची, से खबर है कि, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह के राजद छोड़ने की घोषणा के बाद उन्हें लिखे पत्र में व्यक्तिगत संबंधों का हवाला देते हुए कहा, “आप कहीं नहीं जा रहे, समझ लीजिए।”

श्री यादव ने गुरुवार शाम को पूर्व केन्द्रीय मंत्री को पत्र लिखकर कहा, “मीडिया में आपके नाम से एक चिट्ठी सार्वजनिक हुई है, जिसपर मुझे विश्वास नहीं होता है। अभी मेरे परिवार समेत पूरा राजद परिवार आपको स्वस्थ्य होकर अपने बीच देखना चाहता है। चार दशकों में हमने हर राजनीतिक, सामाजिक और यहां तक की पारिवारिक मामलों में मिल बैठकर विचार किया है।”

राजद सुप्रीमो ने कहा, “आप शीघ्र स्वस्थ हों, फिर बैठकर बातचीत की जाएगी। उन्होंने अंतिम वाक्य में श्री सिंह के साथ अपने पुरानों संबंधों का हवाला देते हुए कहा, “आप कहीं नहीं जा रहे, समझ लिजिए।”

उल्लेखनीय है कि डॉ. सिंह ने गुरुवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से राजद अध्यक्ष को पत्र लिखकर पार्टी छोड़ने की जानकारी दी । उन्होंने पत्र में कहा, “जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा लेकिन अब नहीं। पार्टी नेता और आम जनों ने बड़ा स्नेह दिया, मुझे क्षमा करें।”

अभिनेत्री कंगना रनौत ने उद्धव ठाकरे को वंशवाद का नमूना बताया,कहा:श्री बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना सत्ता के लिए विचारधारा बेचकर सोनिया सेना बन गई attacknews.in

कंगना ने उद्धव पर फिर साधा निशाना

मुंबई,10 सितंबर । अभिनेत्री कंगना रनौत ने पाली हिल्स स्थित कार्यालय तोड़े जाने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमले तेज कर दिये हैं और गुरुवार को उनका नाम लिए बिना निशाना साधते हुए कहा कि वह (श्री ठाकरे) कुछ नहीं, सिर्फ़ वंशवाद का एक नमूना भर हैं।

अभिनेत्री ने आज कई ट्वीट किये। उन्होंने किसी के नाम का उल्लेख किये बिना लिखा,”तुम्हारे पिताजी के अच्छे कर्म तुम्हें दौलत तो दे सकते हैं मगर सम्मान तुम्हें खुद कमाना पड़ता है, मेरा मुँह बंद करोगे मगर मेरी आवाज़ मेरे बाद सौ फिर लाखों में गूंजेगी, कितने मुँह बंद करोगे? कितनी आवाज़ें दबाओगे? कब तक सच्चाई से भागोगे तुम कुछ नहीं हों सिर्फ़ वंशवाद का एक नमूना हो।”

कंगना ने आगे कहा,” मैं इस बात को विशेष रूप से स्पष्ट करना चाहती हूँ कि महाराष्ट्र के लोग सरकार द्वारा की गयी गुंडागर्दी की निंदा करते हैं, मेरे मराठी शुभचिंतकों के बहुत फ़ोन आ रहे हैं, दुनिया या हिमाचल में लोगों के दिल में जो दुःख हुआ है, वे यह कतई ना सोचें कि मुझे यहाँ प्रेम और सम्मान नहीं मिलता। महाराष्ट्र सरकार की इस काली करतूत से दुनिया में मराठी संस्कृति और गौरव को ठेस नहीं पहुँचानी चाहिए. जय महाराष्ट्र।”

उन्होंने लिखा,” जिस विचारधारा पर श्री बाला साहेब ठाकरे ने शिव सेना का निर्माण किया था आज वो सत्ता के लिए उसी विचारधारा को बेच कर शिव सेना से सोनिया सेना बन चुके हैं, जिन गुंडों ने मेरे पीछे से मेरा घर तोड़ा उनको सिविक बॉडी मत बोलो, संविधान का इतना बड़ा अपमान मत करो।”

कंगना हिमाचल प्रदेश की रहने वाली है और अभिनेत्री के कार्यालय पर तोडफ़ोड़ पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ट्वीट किया,” हम हिमाचल की बेटी का अपमान सहन नहीं कर सकते। महाराष्ट्र सरकार ने हिमाचल की बेटी कंगना रनौत के साथ जो राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से अत्याचार किया है, वह अत्यंत चिंताजनक एवं निंदनीय है। हमारी सरकार व देश की जनता इस घटनाक्रम में हिमाचल की बेटी कंगना के साथ खड़ी है।”

आओ अब मेरा घर भी तोड़ दो : कंगना

इससे पहले कल रात एकबार फिर से बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने उनके कार्यालय के एक हिस्से को कथित रूप से अवैध बताकर बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के तोड़फोड़ की कार्रवाई को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और फिल्मकार करण जौहर पर निशाना साधते हुये कहा कि “आओ अब मेरा घर भी तोड़ दो”

कंगना बुधवार को हिमाचल प्रदेश के अपने गृहनगर मनाली से मुंबई लौट आयी है। कंगना के मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से करने के बाद शिव सेना नेता एवं सांसद संजय राउत ने उन्हें वापस मुंबई लौट कर आने की चुनौती दी थी। कंगना रनौत के मुंबई लौटने से पूर्व उनके मुंबई स्थित ‘मणिकर्णिका फिल्म्ज’ कार्यालय को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कथित तौर पर अवैध निर्माण बताते हुए तोड़ दिया है।

कंगना ने ट्विटर पर लिखा, “मेरा दफ़्तर 24 घंटों में ही अवैध घोषित कर दिया गया। उन्होंने सब कुछ नेस्तनाबूद कर दिया है। यहां तक की फर्नीचर और लाइट्स भी। अब मुझे धमकियां मिल रही हैं कि वो मेरा घर भी तोड़ देंगे। मुझे खुशी है कि मूवी माफिया के पसंदीदा सीएम को लेकर मेरा फैसला सही था। ”

कंगना ने एक अन्य ट्टीट में उद्धव ठाकरे और करण जौहर को ललकारते हुए लिखा, “आओ उद्धव ठाकरे और करण जौहर गैंग, तुमने मेरा वर्क प्लेस तोड़ दिया। अब मेरा घर तोड़ दो। फिर मेरा चेहरा और शरीर भी तोड़ दो। मैं चाहती हूं कि दुनिया देखे कि पर्दे के पीछे तुम लोग क्या करते हो। मैं मरूं या ज़िंदा रहूं, मैं तुम्हें बेपर्दा पर दूंगी। ”

कंगना ने लिखा, “आज उन्होंने मेरा घर गिराया है। कल आपका होगा। सरकारें आती हैं और चली जाती हैं। जब आप एक आवाज़ को हिंसक तरीके से दबाते देखने के आदी हो जाओगे, यह सामान्य बनता जाएगा। आज एक आदमी को चिता पर जलाया जा रहा है, कल हज़ारों का जौहर होगा। जागो। ”

कंगना ने लिखा, “मैं अपनी मुंबई में हूँ, अपने घर में हूँ मुझपे वार भी हुआ तो पीठ पीछे जब मैं फ़्लाइट में थी, सामने नोटिस देने की या वार करने की हिम्मत नहीं है मेरे दुश्मनों में ये जानकर अच्छा लगा, बहुत लोग मुझे पहुंचाई हुई हानि से दुखी और चिंतित हैं मैं उनके आशीर्वाद और स्नेह की आभारी हूँ ।”

कंगना और शिवसेना में तेज हुई जुबानी जंग

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की बुधवार को हिमाचल प्रदेश के अपने गृहनगर मनाली से मुंबई लौटने के बीच शिवसेना और उनके दरम्यां तेज जुबानी जंग हुई।

मुम्बई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से करने को लेकर कंगना महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना और उसके गठबंधन सहयोगियों के निशाने पर है।

कंगना का उद्धव पर हमला,’आज मेरा घर टूटा है कल तेरा घमंड टूटेगा’

बॉनीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने बुधवार को अपने पाली हिल स्थित कार्यलय पर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के बुलडोजर चलाये जाने के बाद इस मुद्दे सीधे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा है कि आज मेरा घर टूटा है कल तेरा घमंड टूटेगा।

अभिनेत्री कंगना का अभी तक वाकयुद्ध शिवसेना के प्रमुख प्रवक्ता संजय राउत से चल रहा था और दोनों एक-दूसरे पर शब्दों के बाणों से हमला कर रहे थे। अब कंगना ने सीधे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है।

मुंबई पहुंचते ही अभिनेत्री ने वीडियो जारी कर कहा,’उद्धव ठाकरे तुझे क्या लगता है? कि तूने फिल्म माफिया के साथ मिलकर, मेरा घर तोड़कर मुझसे बहुत बड़ा बदला लिया है? आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा। ये वक्त का पहिया है, याद रखना, हमेशा एक जैसा नहीं रहता।’

सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत के बाद से कंगना निरंतर अपने बयानों को लेकर से चर्चा में हैं।

कंगना गत सप्ताह कहा था कि वर्तमान की महाराष्ट्र सरकार के वक्त में उन्हें डर लगता है और मुंबई की तुलना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से कर दी थी, जिसके बाद संजय राउत ने कहा था कि अगर कंगना को डर लगता है तो वह मुंबई नहीं आएं।

संजय राउत के इस बयान के बाद अभिनेत्री ने ट्वीट कर कहा था,’महाराष्ट्र किसी के बाप का नहीं है, महाराष्ट्र उसी का है जिसने मराठी गौरव को प्रतिष्ठित किया है. और मैं डंके की चोट पे कहती हूं. हां मैं मराठा हूं ,उखाड़ो मेरा क्या उखाड़ोगे?’

कंगना ने अपने साथ बढ़ते विवाद को देखते हुए सुरक्षा की मांग थी, जिसके बाद केंद्र की तरफ से उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।

बाम्बे उच्च न्यायालय ने आज कंगना रनौत के कार्यालय के तोड़फोड़ पर रोक लगा दी और बीएमसी से जवाब मांगा है। इस मामले पर गुरुवार को सुनवाई होगी।

न्यायमूर्ति एसजे काथावाला कंगना रनौत की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई की । याचिका में अभिनेत्री के कार्यालय में अवैध निर्माण के लिए बीएमसी की ओर से जारी नोटिस को चुनौती दी गई थी।

न्यायालय ने बीएमसी से यह भी जानना चाहा कि उसने कैसे परिसर में प्रवेश किया। न्यायालय ने निर्देश दिया कि बीएमसी याचिका के जवाब में हलफनामा दायर करे। अदालत ने मामले को सुनवाई के लिए गुरुवार को सूचीबद्ध कर दिया है। गुरुवार को इस मामले में दोपहर तीन बजे सुनवाई होगी।

कंगना के कार्यालय में ‘अवैध निर्माण’ तोड़ने पर रोक

इस बीच बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के मुंबई स्थित ‘मणिकर्णिका फिल्म्ज’ कार्यालय को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कथित तौर पर अवैध निर्माण बताते हुए तोड़ दिया । बॉम्बे उच्च न्यायालय ने कंगना रनौत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी ।

न्यायालय की ओर से यह रोक गुरुवार दोपहर तीन बजे तक लगाई गई हालांकि बीएमसी ने पहले ही अपनी कार्रवाई पूरी ली थी। न्यायालय ने इस मामले में गुरुवार को फिर सुनवाई की। न्यायालय ने कंगना रनौत के कार्यालय में अवैध निर्माण को गिराने में इतनी जल्दबाजी करने के लिए बीएमसी से जवाब मांगा था ।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी देखते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय ने गत 26 मार्च को एक आदेश जारी करते हुए कहा था कि राज्य सरकार बीएमसी और सभी संबंधित विभाग किसी के खिलाफ कोई विरोधात्मक कार्रवाई जल्दबाज़ी में ना करें।

गौरतलब है कि कंगना एवं शिव सेना नेताओं के बीच जारी वाक् युद्ध के बीच बीएमसी ने यह कार्रवाई की ।

बुधवार को कंगना पहले पहुंची चंडीगढ़, दोपहर बाद मुम्बई पहुंची:

चंडीगढ़,से खबर है कि ,अभिनेता सुशांत राजपूत हत्याकांड और बॉलीवुड में ड्रग्ज़ चलन को लेकर आवाज बुलंद कर शिव सेना सांसद संजय राउत, महाराष्ट्र सरकार और मुम्बई पुलिस के साथ टकराव के बीच बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत बुधवार सुबह मनाली से मुम्बई के लिये रवाना हुई।

कंगना सड़क रास्ते से कार से सुबह यहां चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंची जहां से वह दोपहर बाद विमान से मुम्बई के लिये रवाना हुई। कगंना एयरपोर्ट पहुंचने पर सुरक्षा घेरे में चैक इन काउंटर पर पहुंची। कंगना को केंद्र सरकार ने वाई प्लस सुरक्षा प्रदान की है। कंगना को यह सुरक्षा तब मिली जब उन्होंने मुंबई पहुंचने पर उन पर हमला होने तथा जान को खतरा होने की केंद्र सरकार के समक्ष आशंका व्यक्त की थी।

हिमाचल के मंडी में कंगना का पैतृक घर है। कंगना के साथ बहन रंगोली चंदेल, निजी सहायक और सुरक्षाकर्मी उनके साथ हैं।

इससे पहले वाई श्रेणी की सुरक्षा मिलने के बाद सीआरपीएफ दस्ते ने मंगलवार देर रात मनाली पहुंचकर उनकी सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया था।

शिव सेना सांसद संजय राउट के साथ तीखे शब्दवाणों के आदान प्रदान के बीच बृहन मुम्बई निगम (बीएमसी) ने कंगना के मुम्बई के पाली हिल क्षेत्र स्थित कार्यालय में कथित तौर पर हुये अवैध निर्माण को लेकर नोटिस जारी कर दिया था जो अभिनेत्री की गैर मौजूदगी में उनके कार्यालय के गेट पर गत मंगलवार को चस्पा कर दिया गया था।

वहीं बताया जाता है कि कंगना ने इस नोटिस के जबाव के लिये सात दिन का समय मांगा था। लेकिन बीएमसी ने कथित अवैध निर्माण को लेकर कंगना की ओर से 24 घंटे के भीतर कोई जबाव नहीं मिलने पर कार्यालय में आज तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी ।

वहीं कंगना ने अपने कार्यालय में की जा रही तोड़फोड़ की कार्रवाई को लेकर एक के बाद एक ट्वीट कर कहा “उनकी मणिकर्णिका फ़िल्म्ज़ में पहली फ़िल्म अयोध्या की घोषणा हुई है। उनका कार्यालय एक इमारत नहीं राम मंदिर ही है, आज वहाँ बाबर आया है, आज इतिहास फिर खुद को दोहराएगा राम मंदिर फिर टूटेगा मगर याद रख बाबर यह मंदिर फिर बनेगा यह मंदिर फिर बनेगा। जय श्री राम जय श्री राम“।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में इस कार्रवाई को “पाकिस्तान का जिक्र करते डेथ ऑफ डेमोक्रेसी कहा। मैं कभी गलत नहीं थी। मेरे दुश्मनों एक बार फिर साबित कर दिया है कि क्यों मुंबई पाक के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) है। रानी लक्ष्मीबाई के साहस, शौर्य और बलिदान को मैंने फ़िल्म के जरिए जिया है। दुख की बात यह है मुझे मेरे ही महाराष्ट्र में आने से रोका जा रहा है मैं रानी लक्ष्मीबाई के पद चिन्हों पर चलूँगी न डरूंगी, न झुकूँगी। गलत के ख़िलाफ़ मुख़र होकर आवाज़ उठाती रहूंगी, जय महाराष्ट्र, जय शिवाजी“।

इस बीच कंगना के वकील ने बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ महाराष्ट्र उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है जिस पर सुनवाई शुरू हुई । वहीं बीएमसी कर्मी भी कंगना के कार्यालय में सांकेतिक कार्रवाई कर वहां से निकल चुके हैं।

कंगना का बंगला ढहाने को लेकर बीएमसी की आलोचना :

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के बांद्रा स्थित बंगले का कुछ हिस्सा ढहाए जाने को लेकर शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) को बुधवार को आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा।

कुछ आलोचकों का कहना है कि कंगना को निशाना बनाया गया, जबकि अन्य दोषियों को छोड़ दिया गया।

कंगना (33) ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र सरकार शिवसेना के साथ उनकी लड़ाई के कारण उन्हें निशाना बना रही है।

भाजपा विधायक आशीष शेलार ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे नीत सरकार बदले की राजनीति कर रही है।

कंगना ने कहा कि नगर निकाय को उनके बंगले को निशाना बनाने के बजाए बदहाल सड़कों पर ध्यान देना चाहिए।

कंगना ने ट्वीट किया, ‘‘बीएमसी, ये मुंबई की सड़कें हैं और आपको माफिया की कलई खोलने वाली एक अभिनेत्री के घर को ढहाए जाने की चिंता है।’’

उन्होंने मुंबई की एक सड़क की फोटो भी पोस्ट की है, जिसमें कई गड्ढे दिख रहे हैं।

भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया, ‘‘कंगना से भरोसा रखने के लिए कहिए। उनके संघर्ष में हम उनके साथ हैं।’’

वरिष्ठ पत्रकार नौजर भरूचा ने कहा, ‘‘अगर बांद्रा-खार इलाके की अधिकांश नई इमारतों की फॉरेंसिक जांच की जाए, तो बड़े पैमाने पर एफएसआई हेरफेर, अवैध मंजिलों, अनधिकृत छज्जों और अवैध निर्माण का खुलासा होगा।’’

यहां एक मुख्य अंग्रेजी समाचार पत्र में दो दशक से अधिक समय से रियल एस्टेट कवर कर रहे पत्रकार भरूचा ने कहा, ‘‘पाली हिल पर कंगना रनौत के बंगले का अनधिकृत हिस्सा ढहाया जाना ऐसे समय में राज्य सरकार की ताकत का केवल प्रदर्शन है, जब इससे बड़े निर्माण अपराध माफ किए जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ साल पहले, जब हास्य कलाकार कपिल शर्मा ने बीएमसी अधिकारियों पर उनसे पांच लाख रुपए की रिश्वत मांगने का सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया था, तब नगर निकाय प्रशासन ने उनके गोरेगांव अपार्टमेंट को गिराने का नोटिस जारी किया था।’’

कंगना-बीएमसी विवाद के बीच पवार,उद्धव की बैठक, यह बात कही शरद पवार ने:

बुधवार को अभिनेत्री कंगना रनौत के पाली हिल स्थित कार्यालय पर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के बुलडोजर चलाये जाने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार के बीच बैठक हुई जिसमें कोरोना वायरस (कोविड-19) संकट समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई ।

इस बैठक का महत्व इसलिए भी बढ़ गया था क्योंकि बुधवार को ही बीएमसी अधिकारियों ने कंगना के कार्यालय के ‘अवैध निर्माण’ को ध्वस्त किया और इसी दिन ही वह मुम्बई पहुंची । वह इससे पहले अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में थीं।

श्री पवार ने कहा,“ बीएससी ने नियमों के मुता‍बिक ही काम किया लेकिन डिमॉलिशन ड्राइव की टाइमिंग के कारण लोगों तक गलत संदेश पहुंचा। मुंबई में अवैध निर्माण करना कोई नई चीज नहीं है, लेकिन इस पर चल रहे विवाद के बीच में ही एक्शन लेने से सवाल पैदा हो रहे हैं, लेकिन बीएमसी के पास अपने कारण हैं, अपने नियम हैं और उन्होंने उसके हिसाब से कार्रवाई की है।’

श्री पवार ने यहां नरीमन प्वाइंट स्थित वाई बी चव्हाण सेंटर में एक किताब के विमोचन के बाद संवाददाताओं से कहा,“हम ऐसे बयान देने वालों को अनुचित महत्व दे रहे हैं। हमें देखना होगा कि लोगों पर इस तरह के बयानों का क्या प्रभाव पड़ता है। मेरी राय में, लोग (ऐसे बयानों को) गंभीरता से नहीं लेते हैं।”

मुंबई पुलिस का समर्थन करते हुए श्री पवार ने कहा,“ महाराष्ट्र और मुंबई के लोगों को राज्य और नगर की पुलिस के काम के संबंध में ‘वर्षों का अनुभव’ है। वे (लोग) पुलिस के काम को जानते हैं, इसलिए हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है कि कोई क्या कहता है।”

गौरतलब है कि बाॅम्बे उच्च न्यायालय ने आज कंगना रनौत के कार्यालय के तोड़ने पर रोक लगा दी और बीएमसी से जवाब मांगा है। इस मामले पर गुरुवार को सुनवाई हुई ।

न्यायमूर्ति एस जे काथावाला ने कंगना रनौत की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई की। याचिका में अभिनेत्री के कार्यालय में अवैध निर्माण के लिए बीएमसी की ओर से जारी नोटिस को चुनौती दी गई थी।

न्यायालय ने बीएमसी से यह भी जानना चाहा कि उसने कैसे परिसर में प्रवेश किया। न्यायालय ने निर्देश दिया कि बीएमसी याचिका के जवाब में हलफनामा दायर करे।

साधु-संत के साथ पूरा देश कंगना रनौत के साथ: गिरी

प्रयागराजसे खबर है कि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को देश की बहादुर बेटी बताते हुए कहा कि उसकी इस लड़ाई में साधु-संत के साथ पूरा देश उनके साथ है।

परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने गुरूवार को यहां कहा कि कंगना रनौत बहादुर और हिम्मत वाली बेटी हैं, जिसने बड़ी निर्भीकता के साथ बॉलीवुड के माफियाओं और ड्रग माफियाओं के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। उन्होंने निडर होकर बॉलीवुड में एक विशेष समुदाय के वर्चस्व के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई है। इससे न/न केवल बॉलीवुड के माफिया डर गए हैं, बल्कि महाराष्ट्र सरकार के भी कदम उखड़ रहे हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार को कंगना को सुरक्षा देने के लिए धन्यवाद भी दिया है।

कंगना रनौत का खुला चैलेंज: “उद्धव ठाकरे तुझे क्या लगता है कि तूने फिल्म माफिया के साथ मिलकर मेरा घर तोड़कर मुझसे बहुत बड़ा बदला लिया है,आज मेरा घर टूटा है कल तेरा घमंड टूटेगा attacknews.in

मुंबई, 09 सितंबर । बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने उनके ऑफिस के एक हिस्से को कथित रूप से अवैध बताकर बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के तोड़फोड़ की कार्रवाई पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर पलटवार करते हुये कहा, “आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा।”

कंगना रनौत, सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में काफी मुखर बोल रही है। वह महाराष्ट्र सरकार की लगातार आलोचना कर रही है।शिवसेना और कंगना रनौत के बीच विवाद चल रहा है। इस बीच कंगना के हमले पर जवाबी कार्रवाई करते हुए शिवसेना ने उनके मुंबई स्थित ऑफिस को निशाना बनाया है। कंगना रनौत के मुंबई स्थित ‘मणिकर्णिका फिल्म्ज’ कार्यालय को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कथित तौर पर अवैध निर्माण बताते हुए तोड़ दिया है।

कंगना रनौत ने दफ्तर तोड़े जाने के बाद उद्धव ठाकरे पर पलटवार किया है। कंगना ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर उद्धव ठाकरे को ऐसा करने के लिए धन्यवाद भी कहा है। साथ ही उन्होंने इस बात की भी घोषणा की कि वह कश्मीर पर भी एक फिल्म बनाएंगी।

वीडियो में कंगना रनौत ने कहा, “उद्धव ठाकरे तुझे क्या लगता है कि तूने फिल्म माफिया के साथ मिलकर मेरा घर तोड़कर मुझसे बहुत बड़ा बदला लिया है। आज मेरा घर टूटा है कल तेरा घमंड टूटेगा। यह वक्त का पहिया है, याद रखना हमेशा एक जैसा नहीं रहता और मुझे लगता है कि तुमने मुझ पर एक बहुत बड़ा एहसान किया है क्योंकि मुझे पता तो था कि कश्मीरी पंडितों पर क्या बीती होगी। आज मैंने महसूस किया है और आज मैं इस देश को वचन देती हूं कि मैं सिर्फ अयोध्या पर ही नहीं कश्मीर पर भी एक फिल्म बनाऊंगी और अपने देशवासियों को जगाऊंगी क्योंकि मुझे पता था कि ऐसा कुछ मेरे साथ होगा। इसका कोई मतलब है, इसके कोई मायने है और उद्धव ठाकरे यह जो क्रूरता और आतंक है, अच्छा हुआ यह मेरे साथ हुआ क्योंकि इसके कुछ मायने हैं। जय हिंद, जय महाराष्ट्र।”

ना डरूंगी, ना झुकूंगी, रानी लक्ष्मीबाई के पद चिन्हों पर चलूंगी : कंगना

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का कहना है कि वह गलत के खि‍लाफ आवाज उठाती रहेंगी और रानी लक्ष्मीबाई के पद चिन्हों पर चलते हुये किसी से नहीं डरेंगी।

कंगना रनौत इंडस्ट्री में फैले नेपोटिजम-गैंगिजम और ड्रग लिंक पर खुलकर बोल रही हैं। कुछ दिन पहले सुशांत सिंह राजपूत मामले में ड्रग एंगल सामने आने के बाद कंगना ने कई बड़े खुलासे किए थे। साथ ही कहा था कि वह इस मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की मदद करने के लिए तैयार हैं लेकिन उन्हें सुरक्षा चाहिए। कंगना रनौत ने मुंबई वापस नहीं आने के लिए मिल रही धमकी के बीच कहा था कि वह नौ सितंबर को मुंबई आ रही है और यदि किसी में हिम्मत हो तो उन्हें रोक ले।

कंगना के इसी बयान पर शिवसेना नेता संजय राउत ने उनसे कहा था कि वो मुंबई वापस न आएं। संजय राउत ने कहा था, ‘‘मुंबई में रहते हुए मुंबई पुलिस की आलोचना करना और कंगना का ऐसा कहना शर्मनाक है। हम उनसे आग्रह करते हैं कि वह मुंबई न आएं। यह मुंबई पुलिस की बेइज्जती है। गृह मंत्रालय को इस पर एक्शन लेना चाहिए।”

कंगना आज अपने होम टाउन मनाली से मुंबई के लिए रवाना हुई। मुंबई में कंगना की एंट्री केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दी गई ‘वाई’ श्रेणी सुरक्षा के बीच हुई। कंगना पूरी सुरक्षा के बीच मुंबई पहुंची ।

मुंबई रवाना होने से पहले कंगना रनौत ने ट्वीट किया। इस ट्वीट के जरिए कंगना ने अपने साहस की बात को मुखर किया है। कंगना ने ट्टीट किया, “मैं बारह साल की उम्र में हिमांचल छोड़ चंडीगढ़ हॉस्टल गयी फिर दिल्ली में रही और सोलह साल की थी जब मुंबई आयी, कुछ दोस्तों ने कहा मुंबई में वही रहता है जिसे मुम्बादेवी चाहती है, हम सब मुम्बादेवी देवी के दर्शन करने गए। सब दोस्त वापिस चले गए और मुम्बादेवी ने मुझे अपने पास ही रख लिया।”

कंगना रनौत ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “रानी लक्ष्मीबाई के साहस, शौर्य और बलिदान को मैंने फि‍ल्म के जरिए जिया है। दुख की बात यह है मुझे मेरे ही महाराष्ट्र में आने से रोका जा रहा है। मैं रानी लक्ष्मीबाई के पद चिन्हों पर चलूंगी। ना डरूंगी, ना झुकूंगी। गलत के खि‍लाफ मुखर होकर आवाज उठाती रहूंगी। जय महाराष्ट्र, जय शिवाजी।”

इसी के बाद कंगना ने एक और ट्वीट कर महाराष्ट्रा के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने अपने इस ट्वीट में लिखा, “ये मुंबई में मेरा घर है। मैं मानती हूं महाराष्ट्रा ने मुझे सब कुछ दिया है लेकिन मैंने भी महाराष्ट्र को अपनी भक्ति और प्रेम से एक ऐसी बेटी की भेंट दी है जो महाराष्ट्र शिवाजी महाराज की जन्मभूमि में स्त्री सम्मान और अस्मिता के लिए अपना ख़ून भी दे सकती है, जय महाराष्ट्रा…।”

शिवसेना और कंगना रनौत के बीच विवाद चल रहा है। कंगना ने मुंबई को पाक अधिकृत पाकिस्तान (पीओके) बताया था, जिसके बाद से शिवसेना और कंगना में जुबानी तीर जारी है। कंगना के हमले पर जवाबी कार्रवाई करते हुए शिवसेना ने उनके मुंबई स्थित ऑफिस को निशाना बनाया अंर बीएमसी मुंबई ने कंगना रनौत के ऑफिस पर बुलडोजर चला दिया।

बीएमसी की इस कार्रवाई पर कंगना रनौत का रिएक्शन भी आया । कंगना ने ट्वीट कर लिखा, “मैं कभी गलत नहीं हूं। ये मेरे दुश्मनों ने बार-बार साबित किया है. इसलिए मेरी मुंबई अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर बन गई है।डेथऑफडेमोक्रेसी। इस ट्वीट के साथ कंगना रनौत ने अपने ऑफिस के अंदर की तस्वीरें भी शेयर की हैं, फोटो में बीएमसी के कर्मचारी उनके ऑफिस में तोड़फोड़ करते नजर आ रहे हैं।

कंगना ने दूसरे एक ट्वीट में लिखा, पाकिस्तान, डेथऑफडेमोक्रेसी। कंगना ने बीएमसी के अधिकारियों को बाबर और उसकी आर्मी बताया है। कंगना ने एक ट्वीट में अपने ऑफिस की तुलना राम मंदिर से की है।

कंगना ने ऑफिस की तस्वीरें शेयर कर लिखा, “मणिकर्णिका फिल्म में अयोध्या की घोषणा हुई, यह मेरे लिए एक इमारत नहीं राम मंदिर ही है। आज वहां बाबर आया है, आज इतिहास फिर खुद को दोहराएगा राम मंदिर फिर टूटेगा मगर याद रख यह मंदिर फिर बनेगा यह मंदिर फिर बनेगा, जय श्री राम , जय श्री राम , जय श्री राम।

जापान में सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी में प्रधानमंत्री शिंजो आबे के उत्तराधिकारी के लिए अभियान शुरू, योशिहिदे सुगा को सौंपा जा सकता है नेतृत्व attacknews.in

तोक्यो, आठ सितंबर (एपी) जापान में सत्तारूढ़ पार्टी के नेतृत्व के लिए मंगलवार को आधिकारिक रूप से अभियान शुरू हो गया और प्रधानमंत्री शिंजो आबे के लंबे समय से बेहद करीबी रहे नेता योशिहिदे सुगा को इस पद के लिए एक शीर्ष उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है जिनके संभवत: सरकार का नेतृत्व भी संभालने की उम्मीद है।

मुख्य कैबिनेट सचिव एवं सरकार के मुख्य प्रवक्ता 71 वर्षीय सुगा ने पिछले हफ्ते लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व के लिए आधिकारिक रूप से अपनी उम्मीदवारी दाखिल की थी। उनका मुकाबला अपेक्षाकृत युवा पूर्व रक्षामंत्री शिगेरु इशिबा और पूर्व विदेशमंत्री फुमियो किशिदा के साथ है। दोनों की उम्र 63 साल है।

पार्टी नेतृत्व के लिए विजेता का फैसला 14 सितंबर को होने वाले मतदान से होगा और पार्टी के नेतृत्व प्राप्त करने वाला नेता अंतत: जापान का अगला प्रधानमंत्री बनेगा क्योंकि संसद में सत्तारूढ़ पार्टी का बहुमत है। आबे स्वास्थ्य कारणों से पद से इस्तीफा दे रहे हैं।

देर से दावेदारी करने वाले सुगा को पार्टी के प्रमुख नेताओं का समर्थन प्राप्त है क्योंकि आबे की नीतियों को जारी रखने के मामले में वह बेहतरीन प्रत्याशी हैं। खबर है कि पार्टी के प्रमुख नेता प्रशासन में कैबिनेट पद पाने की उम्मीद के साथ सुगा का समर्थन करने को तैयार हैं।

अखबार के जनमत सर्वेक्षण के मुताबिक जनता के बीच भी सुगा ने लोकप्रियता के मामले में पूर्व में पसंदीदा रहे इशिबा को पछाड़ दिया है।

सुगा ने आर्थिक एवं कोरोना वायरस के मोर्चे पर आबे की छोड़ी गई चुनौतियों से निपटने का वचन दिया है। वहीं, इशिबा को आबे का प्रतिद्वंद्वी माना जाता है और वह चौथी बार पार्टी नेतृत्व के लिए दावेदारी कर रहे हैं। उन्होंने आबे की आर्थिक नीतियों को बदलने का आह्वान किया है। किशिदा इस समय पार्टी के नीति प्रमुख हैं।