लोकसभा में वी के श्रीकंदन और बेनी बेहनान के प्रश्नों के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी दी। सदस्यों ने पूछा था कि क्या सरकार ने एफसीआरए के तहत राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का लाइसेंस रद्द कर दिया है? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या सरकार का इन एनजीओ को फिर से लाइसेंस जारी करने का विचार है? इस पर गृह राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘जी, हां।
राजीव गांधी फाउंडेशन के एफसीआरए लाइसेंस को विदेशी अभिदाय विनियमन अधिनियम 2010 की धारा 11 के प्रावधानों और धारा 12(4) (क) (6) के तहत पंजीकरण की शर्तों के उल्लंघन के कारण एफसीआरए की धारा 14 के तहत रद्द किया गया था।”
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के एफसीआरए लाइसेंस को एफसीआरए 2010 की धारा 8 (1) (क), 11, 17, 18, और 19 के प्रावधानों तथा धारा 12 (4) (क) (6) के तहत पंजीकरण की शर्तों के उल्लंघन के कारण एफसीआरए की धारा 14 के तहत रद्द किया गया था। इन एनजीओ को फिर लाइसेंस जारी करने के सवाल पर गृह राज्य मंत्री ने जवाब दिया, ‘‘जी, नहीं।”
उन्होंने कहा कि एफसीआरए 2010 की धारा 14 (3) के प्रावधानों के अनुसार, जिस एसोसिएशन के एफसीआरए पंजीकरण को एफसीआरए 2010 की धारा 14 के प्रावधानों के अनुसार रद्द किया गया है, वह एसोसिएशन पंजीकरण रद्द किये जाने की तरीख से 3 वर्षों की अवधि के लिये पंजीकरण अथवा अनुमति दिये जाने हेतु पात्र नहीं होगा।
मध्यप्रदेश विधानसभा के सोमवार से शुरू होने वाले चार दिन के मानसून सत्र में पूछे जाने वाले 1184 प्रश्नों की सूची तैयार attacknews.in
भोपाल, 08 अगस्त । मध्यप्रदेश के आधा दर्जन से अधिक जिलों में बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण मची तबाही के बीच सोमवार से प्रारंभ हो रहे विधानसभा के चार दिवसीय मानसून सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है।
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने आज यहां सत्र प्रारंभ होने के एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक बुलायी। इसका मुख्य उद्देश्य सत्र के सुचारू ढंग से संचालन के संबंध में चर्चा करना रहा।
सत्र सोमवार से प्रारंभ होकर चार दिनों यानी गुरुवार तक चलेगा। इस दौरान कोविड संबंधी नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा और मीडिया को भी काफी सीमित संख्या में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
विधानसभा सचिवालय के अनुसार अब तक सचिवालय में कुल 1184 प्रश्नों की सूचना प्राप्त हुई हैं, जबकि ध्यानाकर्षण की 236, स्थगन प्रस्ताव की 17, शून्यकाल की 40, अशासकीय संकल्प की 14 और 139 अविलंवनीय लोक महत्व की चर्चा की 8, याचिकाओं की 15 तथा शासकीय विधेयकों की 3 तथा लंबित विधेयकों की 2 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं।
इस बीच मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी सरकार को बाढ़ से तबाही, किसान और खाद आदि के मुद्दे पर घेरने की योजना बनायी है।
नेपाल में संकट का सामना कर रहे प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली सत्ता में बने रहने के प्रयास के तहत 10 मई को संसद में विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे attacknews.in
काठमांडू, तीन मई । नेपाल में संकट का सामना कर रहे प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली सत्ता में बने रहने के प्रयास के तहत 10 मई को संसद में विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे।
एक आधिकारिक बयान में रविवार को बताया गया कि राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने सरकार के विश्वास मत हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री ओली की अनुशंसा पर 10 मई को संसद का सत्र आहूत किया है।
विश्वास मत हासिल करने के लिए 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में ओली (69) को कम से कम 136 वोट चाहिए क्योंकि चार सदस्य अभी निलंबित हैं।
नेपाली मीडिया की खबरों के मुताबिक, रविवार को मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान ओली ने कहा कि सत्ता बरकरार रखने के लिए संसद में विश्वास मत जीतने का प्रयास करेंगे।
पिछले साल प्रतिनिधि सभा को भंग करने के प्रधानमंत्री के विवादास्पद निर्णय के बाद देश में शुरू राजनीतिक गतिरोध के बीच ओली ने यह फैसला किया है।
कानून, न्याय और संसदीय कार्य मंत्री लीला नाथ श्रेष्ठ ने ‘काठमांडू पोस्ट’ को बताया कि प्रधानमंत्री 10 मई को विश्वास मत प्रस्ताव पेश करेंगे। यह केवल एक दिन का सत्र होगा।
श्रेष्ठ ने कहा कि ओली ठप पड़ी राजनीतिक प्रक्रिया को आगे ले जाना चाहते हैं। सरकार को यकीन है कि वह विश्वास मत जीत लेगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो गठबंधन सरकार बनाने की प्रक्रिया होगी।
प्रधानमंत्री ओली ने यह फैसला ऐसे वक्त किया है जब नेपाल कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है।
नेपाल में रविवार को कोविड-19 के अब तक के सर्वाधिक 7,137 नए मामले सामने आए। देश में संक्रमितों की संख्या 329,000 हो गयी है जबकि मृतक संख्या 3325 हो गयी है।
बीमा में 74 प्रतिशत (FDI) विदेशी पूंजी की अनुमति देने वाला विधेयक राज्यसभा में पारित attacknews.in
नयी दिल्ली 18 मार्च । कांगेस और अन्य प्रमुख विपक्षी दलों के बहिर्गमन के बीच राज्यसभा ने गुरुवार को बीमा क्षेत्र में विदेशी पूंजी की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने और संबंधित कंपनियों का स्वामित्व ‘विदेशियों’ को देने की अनुमति प्रदान करने वाले ‘बीमा संशोधन विधेयक 2021’ को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
इससे पहले विधेयक को स्थायी समिति में भेजने की मांग करते हुए कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी दलों ने सदन में भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही लगभग एक घंटे के भीतर चार बार स्थगित करनी पड़ी।
सदन में लगभग चार घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में बीमा क्षेत्र को विस्तार की जरुरत है जिससे गरीब लोगों तक बीमा सेवायें पहुंच जाए और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके।
उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र बहुत नियंत्रित हैं और इसमें कोई भी कंपनी देश से बाहर पूंजी नहीं ले जा सकती। उन्होंने कहा कि विधेयक में प्रावधान किया गया है कि प्रीमियम से प्राप्त राशि का निवेश देश के भीतर ही करना होगा।
उन्होंने कहा कि बीमा कंपनी का नियंत्रण ‘भारत में निवास’ करने वाले व्यक्ति के हाथ में होगा जिससे उसे जिम्मेदार बनाया जा सके। कंपनी में 50 प्रतिशत स्वतंत्र निदेशक होंगे जो प्रबंधन के कामकाज पर बेहतर निगरानी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि देश में जीवन एवं सामान्य बीमा की कुल 68 कंपनियां है जो आबादी के अनुसार अपर्याप्त हैं। देश में बीमा कंपनियों में सवा तीन लाख से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। इनके साथ 21 लाख से अधिक एजेंट भी जुड़े हैं।
वित्त मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी नरसिम्हा राव और डा. मनमोहन सिंह तथा पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बयानों और नीतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि विधेयक तैयार करने से पहले सभी संबद्ध पक्षों के साथ विस्तृत विचार विमर्श किया गया है। इनमें उद्योग, उद्योग संगठन, आयोग, विशेषज्ञ और आम जनता शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश आने से क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और बाजार में नये उत्पाद आएगें। गरीब लोगों तक बीमा सेवा पहुंचाने में मदद मिलेगी।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार की विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की नीति आत्मनिर्भर भारत अभियान के खिलाफ नहीं है बल्कि इससे भारत के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। पूंजी और प्राैद्योगिकी उपलब्ध होने से देश में बीमा का दायरा बढ़ेगा और बेहतर सुविधायें मिल सकेंगी।
मध्यप्रदेश विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने के साथ बजट सत्र निर्धारित समय 26 मार्च से दस दिन पहले संपन्न;4 विधायक कोरोना संक्रमित हुए थे attacknews.in
भोपाल, 16 मार्च । मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही आज कार्यसूची में शामिल महत्वपूर्ण विषयों को पूरा करने के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने के साथ ही बजट सत्र संपन्न हो गया।
अध्यक्ष गिरीश गौतम द्वारा कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने के साथ बजट सत्र निर्धारित समय 26 मार्च से दस दिन पहले संपन्न हो गया। इसके पहले वित्त वर्ष 2021 22 के वार्षिक बजट से जुड़े विनियोग विधेयक को भी ध्वनिमत से पारित करने की औपचारिकता पूरी की गयी। इस विधेयक में दो लाख 41 हजार करोड़ रुपयों से अधिक राशि का प्रावधान है। इस तरह वार्षिक बजट को भी सदन की स्वीकृति मिल गयी। वार्षिक बजट के पहले लगभग दो दर्जन विभागों से जुड़ी अनुदान मांगों को भी स्वीकृति दिलाने की औपचारिकता पूरी की गयी।
इसके अलावा मध्यप्रदेश वित्त विधेयक 2021 को ध्वनिमत से स्वीकृति प्रदान की गयी।
दरअसल मध्यप्रदेश में राजधानी भोपाल समेत अनेक जिलों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। कम से कम चार विधायक भी सत्र के दौरान कोरोना संक्रमित पाए गए। कुछ कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित मिले हैं। अध्यक्ष श्री गौतम ने कोरोना से बचाव संबंधी अनेक एेहतियाती उपाय भी उठाए थे।
राज्य विधानसभा का बजट सत्र कोरोना संकटकाल के बीच 22 फरवरी को प्रारंभ हुआ था।
मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा के विधायकों ने साथ-साथ दर्द उजागर किया;कांग्रेस की शिकायत पर भाजपा ने कहा;तुम्हारी सत्ता में हमें भी सरकारी आयोजनों में आमंत्रित नहीं किया जाता था attacknews.in
विधायकों के कथित अपमान का मामला विधानसभा में उठाया गया
भोपाल, 16 मार्च । मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के एक विधायक प्रताप ग्रेवाल की ओर से सरकारी आयोजनों में उन्हें स्थानीय प्रशासन द्वारा आमंत्रित नहीं किए जाने का मामला उठाने पर सत्तारुढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों के बीच जमकर नोंकझोंक हुयी और हंगामे के चलते कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित रही।
प्रश्नकाल की समाप्ति के बाद धार जिले के सरदारपुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले श्री ग्रेवाल ने कहा कि आज वे सदन में हैं, लेकिन उनके क्षेत्र में सरकारी आयोजन हो रहा है और उन्हें आमंत्रित तक नहीं किया गया। वे इस बात को लगातार बोल रहे थे, तभी कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने भी उनका साथ दिया। अपनी बात करते हुए कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष की आसंदी के समक्ष पहुंच गए।
वहीं सत्तारूढ़ दल भाजपा के सदस्यों ने कहा कि जब 15 माह कांग्रेस की सरकार रही, तब भाजपा के सदस्यों को सरकारी आयोजनों में तवज्जो नहीं दी जाती थी।
इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में आरोप प्रत्यारोप का दौर चला और हंगामे के चलते आसंदी पर आसीन सभापति लक्ष्मण सिंह ने कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी।
सदन समवेत होने पर वरिष्ठ कांग्रेस विधायक डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि स्थानीय विधायकों को सरकारी आयोजनों में बुलाना चाहिए। इस मुद्दे पर पक्ष विपक्ष पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब उन्होंने ही मंत्री होने के नाते स्थानीय विधायकों काे यथोचित सम्मान देने के निर्देश मुख्य सचिव और अन्य संबंधित अधिकारियों को दिए थे। उन्होंने कहा कि इसका पालन वर्तमान सरकार में भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इसका समर्थन किया।
वहीं संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में यह निर्देश थे और उनका पालन कराया जा रहा था। लेकिन कांग्रेस सरकार के 15 माह में नयी परंपरा शुरू हुयी और तब भाजपा के अनेक सदस्यों को बुलाया नहीं गया था और इन विधायकों ने स्वयं इसकी पीड़ा सदन में व्यक्त की है। सभापति के निर्देश पर श्री मिश्रा ने कहा कि वे इस संबंध में जारी आदेशों का पालन सुनिश्चित करेंगे।
इसके पहले भाजपा के रामपाल सिंह, रामेश्वर शर्मा और कुछ अन्य विधायकों ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में होने वाले सरकारी आयोजनों में स्थानीय विधायक होने के बावजूद उन्हें आमंत्रित नहीं किया जाता था। कांग्रेस को उस समय क्यों विधायकों के सम्मान की बात याद नहीं आयी। हालाकि तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जब भी उनकी जानकारी में ऐसे मामले आए, उन्होंने तत्काल दिखवाया। ऐसे प्रकरणों में स्थानीय प्रशासन की गल्तियां सामने आती हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए।
मध्यप्रदेश विधानसभा में PEB द्वारा कृषि विभाग मे नियुक्तियों में ‘व्यापमं टू’ घोटाले के मामले में कांग्रेस ने किया बहिर्गमन attacknews.in
भोपाल, 15 मार्च । मध्यप्रदेश विधानसभा में आज मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने कृषि विभाग में नियुक्ति के लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) की ओर से कुछ समय पहले आयोजित परीक्षाओं में गड़बड़ियों का मामला उठाते हुए इसे ‘व्यापमं टू’ निरुपित किया और इस मामले में सुनवायी नहीं होने का आरोप लगाते हुए बहिर्गमन किया।
शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ गोविंद सिंह और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने यह मामला उठाते हुए कहा कि यह प्रदेश का दूसरा व्यापमं कांड है। दस लोगों की नियुक्ति की गयी हैं, जिसमें गड़बड़ियां हुयी हैं। श्री पटवारी ने कहा कि यह पक्ष विपक्ष का मामला नहीं है। इसके साक्ष्य भी सामने आए हैं। इस मामले में सरकार चुप है।
इस मामले को लेकर अनेक सदस्य एकसाथ भी बोलते हुए देखे गए। डॉ सिंह ने कहा कि पीईबी की ओर से आयोजित परीक्षा में गड़बड़ियां हुयी हैं। इस मुद्दे पर ध्यानाकर्षण सूचना दी गयी है, जिस पर सदन में चर्चा होना चाहिए।
अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदस्यों से शांत होने और कार्यवाही आगे बढ़ाने में सहयोग करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वे इस मुद्दे पर अलग से उनसे चर्चा करें। इसके बावजूद कांग्रेस सदस्य एकसाथ बोलते रहे और श्री सिंह तथा श्री पटवारी की घोषणा पर कांग्रेस सदस्य बहिर्गमन कर गए।
शून्यकाल में ही कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक पी सी शर्मा ने निकट भविष्य में राज्य में होने वाले नगरीय और स्थानीय निकाय चुनावों से संबंधित मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण का मामला उठाया और कहा कि मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कार्य ढंग से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बात राज्य निर्वाचन आयोग तक पहुंचाना चाहिए। इस बात का सत्तारूढ़ दल भाजपा के रामेश्वर शर्मा और अन्य सदस्यों ने भी समर्थन किया।
शून्यकाल में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर जाकर बार बार भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात करते हैं। उन्हें यह कार्य ग्वालियर जाकर भी करना चाहिए। श्री वर्मा ने कहा कि ग्वालियर में भूमाफिया सबसे ज्यादा हैं।
भाजपा के दिनेश राय ने सिवनी जिले में नहर निर्माण संबंधी मामला उठाते हुए कहा कि वहां पर ठेकेदार काम बंद कर भाग गया है। उसे अतिरिक्त भुगतान हुआ है। इस मामले की जांच में दो अधिकारी निलंबित हुए हैं, लेकिन बड़े अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कोई मेल्टाना कंपनी है, जिमें ‘मैडम जुलानिया’ पार्टनर हैं। उन्होंने ठेकेदार और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की।
इसके पहले प्रश्नकाल में एक सदस्य मेवाराम जाटव ने भिंड और मुरैना जिले में किसानों द्वारा बाजरा और मक्का आदि उपज सहकारी समितियों को बेचने का मामला उठाते हुए कहा कि किसानों को भुगतान उनके विधानसभा में प्रश्न उठाने के बाद हुआ। इसके अलावा उन्होंने गोहद क्षेत्र में गेंहू की फसल सूखने का मामला उठाते हुए कहा कि इस वजह से वहां पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसके साथ ही वे अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंचकर जमीन पर बैठ गए। वरिष्ठ कांग्रेस विधायक डॉ गाेविंद सिंह ने श्री जाटव को समझाया और वे उठकर अपने आसन पर पहुंचे।
मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र चलेगा या नहीं अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा: विधायकों की प्राप्त होने वाली कोरोना संबंधी रिपोर्ट के आधार पर अवधि को लेकर निर्णय लिया जाएगा,तीन विधायक कोरोना संक्रमित पाये गये attacknews.in
भोपाल, 13 मार्च । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ने और दो विधायकों के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा है कि सोमवार से फिर से शुरू होने वालीं सदन की बैठकों के दौरान विधायकों की प्राप्त होने वाली कोरोना संबंधी रिपोर्ट के आधार पर सत्र की अवधि को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
श्री गौतम ने कल देर शाम यहां चर्चा में कहा कि फिलहाल की स्थिति में बजट सत्र की बैठकों को लेकर कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। लेकिन दो विधायकों की कोरोना रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि के बाद उन्होंने ऐहतियातन कोरोना संक्रमण रोकने के लिए आवश्यक उपाय किए हैं। श्री गौतम ने कहा कि उन्होंने स्वयं भी कल ही कोरोना टेस्ट कराया है और सभी विधायकों से टेस्ट कराकर रिपोर्ट विधानसभाा सचिवालय को भी सौंपने के लिए कहा है।
श्री गौतम ने कहा कि सभी विधायकों और विधानसभा से संबंधित अन्य लोगों की रिपोर्ट आदि मिलने के बाद सदन की आगे की बैठकों को लेकर सर्वदलीय बैठक (कार्य मंत्रणा समिति) में निर्णय लिया जाएगा। इस दौरान ‘सख्ती और सहुलियत’ दोनों आवश्यक हैं। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सख्ती और विधायकों के लिए सहुलियत आवश्यक है।
विधानसभा का बजट सत्र 22 फरवरी से प्रारंभ हुआ है और 26 मार्च तक प्रस्तावित है। विंध्य अंचल के रीवा जिले की देवतालाब विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले श्री गाैतम सत्र की शुरूआत में सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए हैं। वे पहले ही कह चुके हैं कि वे सभी को साथ लेकर सदन का बेहतर ढंग से संचालन करेंगे। उन्होंने कुछ नवाचार की घोषणाएं भी की हैं।
श्री गौतम कल रात यहां से ट्रेन से रीवा के लिए रवाना हो गए। वे आज दिन में रीवा जिले के दौरे के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे और रात्रि विश्राम रीवा में ही होगा। श्री गौतम रविवार को रीवा में तय कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद रात्रि में ट्रेन से भोपाल के लिए रवाना होंगे और सोमवार सुबह भोपाल लौट आएंगे।
मध्यप्रदेश के तीन विधायक कोरोना संक्रमित पाये गये
मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक देवेंद्र वर्मा कोरोना आज संक्रमित पाये गये।
प्रदेश के खंडवा से भाजपा विधायक देवेंद्र वर्मा की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई है। तबियत खराब लगने पर जिला अस्पताल में उन्होंने अपना सैंपल जांच के लिए दिया था। आज उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। श्री वर्मा ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि उनके संपर्क में आने लोग कोरोना जांच करा लें।
कृषि कानूनों की खिलाफत करते हुए विपक्ष द्वारा लाया गया हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा;प्रस्ताव के पक्ष में 32 तो विरोध में 55 मत पड़े attacknews.in
चंडीगढ़,10 मार्च । हरियाणा विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जननायक जनता पार्टी (जजपा) गठबंधन सरकार के खिलाफ कांग्रेस की तरफ से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव बुधवार को गिर गया।
सदन में कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव उसकी संख्या बल के आधार पर पहले से ही कमजोर माना जा रहा था।
सदन में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 30 है और मतदान के दौरान उसके सभी सदस्य सदन में मौजूद थे। इसके अलावा दो निर्दलीय विधायक सोमगीर सांगवान और बलराज कुंडू ने अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया।
सदन में भाजपा के 40, जजपा के 10 सदस्य हैं। इसके अलावा सरकार को पांच निर्दलीय विधायकों और हरियाणा लोकतांत्रिक पार्टी के एक विधायक का समर्थन मिला। सदन के कुल सदस्यों की संख्या 90 है जिनमें से दो सीट रिक्त हैं और एक सदस्य विधानसभा अध्यक्ष हैं।
प्रस्ताव के पक्ष में 32 तो विरोध में 55 मत पड़े। कांग्रेस यह प्रस्ताव केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध तथा किसान आंदोलन के समर्थन में लेकर आई थी।
सदन में कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव उसकी संख्या बल के आधार पर पहले से ही कमजोर महज राजनीतिक शंगूफा माना जा रहा था। हालांकि उसका यह दावा था कि इस अविश्वास प्रस्ताव के लाने से वे सदस्य बेनकाब होंगे जो कृषि कानूनों के पक्ष और किसान आंदोलन के विरोध में हैं। सदन में कांग्रेस सदस्यों की संख्या 30 है और मतदान के दौरान उसके सभी सदस्य सदन में मौजूद थे। इसके अलावा दो निर्दलीय विधायकों सोमगीर सांगवान और बलराज कुंडू ने भी अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया।
वहीं विधानसभा अध्यक्ष को छोड़ कर सदन में भाजपा के 39, जजपा के 10 सदस्य हैं। इसके अलावा सरकार को पांच निर्दलीय विधायकों और हरियाणा लोकतांत्रिक पार्टी के एक विधायक गोपाल कांडा का समर्थन मिला। सदन के कुल सदस्यों की संख्या 90 है जिनमें से दो सीटें रिक्त हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विपक्ष के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के सदन में लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के जबाव में कांग्रेस पर जोरदार हमला बोलते हुये उस पर किसानों को कृषि कानूनों को लेकर गुमराह करने और भड़काने के आरोप लगाते हुये उसे आड़े हाथ लिया।
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में उठाये गये कदमों और योजनाओं की भी विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिये कांग्रेस का धन्यवाद व्यक्त कर उस पर तंज कसते हुये कहा कि इससे उन्हें उनकी सरकार के किये गये कार्यों और उपलब्धियों के बारे में सदन में विस्तार से जानकारी देने का मौका मिलेगा और अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने तक विपक्ष को भी उनकी पूरी बात सुननी पड़ेगी अन्यथा सदन में अपनी बात कहने के बाद जबाव सुनने की बारी आती है तो वह बहिर्गमन कर जाता है।
उन्होंने कहा कि किसान और विपक्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) की गारंटी को लेकर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं जबकि वह आंकड़ों के आधार पर बताना चाहते हैं कि अगर केंद्र सरकार सारी फसल की एमएसपी पर खरीदने को लेकर कोई कानून बनाती है तो यह खरीद लगभग 17 लाख करोड़ रूपये की होगी जबकि देश का कुल बजट ही 27-28 लाख करोड़ रूपये है। एमएसपी गारंटी कानून से हरियाणा और पंजाब के किसानों को भारी नुकसान होगा क्योंकि ऐसे कानून के बनने और कोटा निर्धारित होने से अन्य राज्यों की भी इस राशि भागीदारी होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस समय देश के कुछेक राज्यों के लगभग छह प्रतिशत किसानों से लगभग 1.50 लाख करोड़ रूपये की खरीद कर रही है। श्री हुड्डा ने इस दौरान हस्तक्षेप करते हुये दावा किया कि किसानों की यह संख्या लगभग 16 प्रतिशत है।
श्री खट्टर ने कहा कि अविश्वास कांग्रेस की संस्कृति है। इस पार्टी में अपने ही नेताओं का एक दूसरे के प्रति अविश्वास है। सर्जीकल स्ट्राईक, इवीएम, गलवान घाटी में सैनिकों जज्बा, पुलवामा हमला, कोविड वैक्सीन जैसे अनेक ऐसे विषय है जिनके प्रति कांग्रेस में अविश्वास है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कृषि कानून कदापि वापिस नहीं होंगे अलबत्ता इनमें आवश्यकतानुसार संशोधन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात कहने और आंदोलन करने अधिकार है लेकिन इसमें यह भी ध्यान रखा जाना चाहिये इससे अन्य नागरिकों के अधिकारों का तो हनन नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के गत लगभग 100 दिनों में राज्य के उद्योगों को लगभग आठ हजार करोड़ रूपये का नुकसान हो चुका है तथा इस मार्च के अंत तक यह बढ़ कर 11000 करोड़ रूपये हो जाएगा। राज्य में टौल फ्री किये जाने से भी 212 करोड़ रूपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है और यह बोझ आखिरकार जनता पर ही पड़ने वाला है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे आंदोलन का नेतृत्व करने वालों के बहकावे में आकर अपनी फसलें नष्ट कर खुद का नुकसान न करें।
उन्होंने कहा कि इस आंदोलन से किसी का लाभ नहीं होगा। उन्होंने विपक्ष से भी आग में घी डालने के वजाय आंदोलन समाप्त करने में मदद और किसानों को इसके लिये प्ररित करने की अपील की। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुये कहा ‘ आग लगाने वालों को नहीं है इसकी खबर, गर रूख हवाओं का बदला ताे खुद ही खाक हो जाओगे ‘।
मुकेश अंबानी के निवास एंटीलिया के बाहर जिलेटिन छड़ों से भरी मिली कार 4 महीनों से मुंबई पुलिस के मुठभेड़ विशेषज्ञ सचिन वजे के कब्जे में थी;मालिक मनसुख हिरेन की कर दी गई हत्या; देवेन्द्र फडनवीस के बयान पर महाराष्ट्र विस में हंगामा attacknews.in
मुंबई, 09 मार्च । पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडनवीस के मुकेश अंबानी बम धमकी के सिलसिले में मुंबई पुलिस के मुठभेड़ विशेषज्ञ सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वजे की गिरफ्तारी की मांग के बाद महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार को कुछ-कुछ देर के लिए सात बार और बाद में पूरे दिन की खातिर स्थगित कर दी गई।
श्री फडनवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को कहा कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर पिछले महीने विस्फोटक से लदी जो कार मिली थी, वह घटना के चार महीने पहले तक वजे के कब्जे में थी। कार के मालिक मनसुख हिरेन को बाद में मृत पाया गया। श्री फडनवीस ने दावा किया कि मनसुख हिरेन की पत्नी को शक है कि वजे ने उनके पति की हत्या कर दी।
देवेंद्र फडणवीस ने की पुलिस अधिकारी सचिन वजे को गिरफ्तार करने की मांग, किया ये दावा
मुंबई में मनसुख हिरेन की मौत का मामला बढ़ता जा रहा है। बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देंवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वजे की गिरफ्तारी की मांग की है।
देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को मुकेश अंबानी के घर बाहर मिली संदिग्ध कार के मामले के सिलसिले में मुंबई पुलिस के ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ एपीआई सचिन वजे को गिरफ्तार करने की मांग की ।
महाराष्ट्र विधानसभा को संबोधित करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि पिछले महीने मुकेश अंबानी के निवास एंटीलिया के बाहर जो विस्फोटक से भरी कार मिली थी, वह घटना से चार महीने पहले एपीआई सचिन वजे के कब्जे में थी।कार का मालिक मनसुख हिरेन बाद में मृत पाया गया।
फडणवीस ने दावा किया कि मनसुख हिरेन की पत्नी को शक है कि सचिन वजे ने उनके पति की हत्या कर दी। मनसुख हिरेन की पत्नी के एक बयान को पढ़ते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वजे ने हिरेन को खुद को गिरफ्तार करने की सलाह दी थी और कहा था कि वह उसे सुरक्षित जमानत पर बाहर निकाल देंगे। हालांकि, उनकी पत्नी ने उन्हें इसके विपरीत सलाह दी और हिरेन ने अग्रिम जमानत के लिए कानूनी मदद मांगी, फडणवीस ने दावा किया कि पत्नी को संदेह है कि वेज ने हिरेन की हत्या कर दी और वेज को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
Sachin Vaze is being defended as he was member of a political party. If you don’t do anything about him, you’re giving him a chance to destroy evidence. He should be suspended immediately. If you defend him, doubt may be raised against you too: BJP’s Devendra Fadnavis in Assembly pic.twitter.com/DWZKRAdo3E — ANI (@ANI) March 9, 2021
फडणवीस ने यह भी दावा किया कि मनसुख हिरेन के फोन की लास्ट लोकेशन शिवसेना नेता धनंजय गावड़े के कार्यालय के पास थी। शिवसेना नेता धनंजय गावड़े और एपीआई सचिन वजे को 2017 में एक जबरन वसूली मामले में नामित किया गया था।
फडणवीस के बयान के कारण महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा हुआ। उन्होंने कहा कि सचिन वजे का बचाव किया जा रहा है क्योंकि वे एक राजनीतिक पार्टी के सदस्य थे। यदि आप उसके बारे में कुछ नहीं करते हैं, तो आप उसे सबूत नष्ट करने का मौका दे रहे हैं। उसे तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए। यदि आप उसका बचाव करते हैं, तो आपके खिलाफ भी संदेह पैदा हो सकता है।
2002 के घाटकोपर बम विस्फोट मामले में संदिग्ध ख्वाजा यूनुस की हिरासत में हत्या के आरोप में 14 अन्य पुलिसकर्मियों के साथ निलंबित होने के बाद 2007 में मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वजे ने फोर्स छोड़ दी थी। महाराष्ट्र में कांग्रेस सरकार द्वारा उनकी बहाली के अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
बाद में उनका निलंबन रद्द कर दिया गया और जून 2020 में मुंबई में कोविड-19 संकट से पुलिस कर्मचारियों की कमी के कारण उन्हें मुंबई पुलिस में बहाल कर दिया गया।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढोतरी पर राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही बाधित।करने के बाद पूरे दिन के करना पड़ा स्थगित attacknews.in
नयी दिल्ली, आठ मार्च । राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि को लेकर हंगामा किया जिसके कारण उच्च सदन की बैठक बाधित हुयी और चार बार के स्थगन के बाद अंतत: पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने शून्यकाल में कहा कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे की ओर से नियम 267 के तहत कार्यस्थगन नोटिस मिला है जिसमें उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा का अनुरोध किया है।
नियम 267 के तहत सदन का सामान्य कामकाज स्थगित कर किसी अत्यावश्यक मुद्दे पर चर्चा की जाती है।
नायडू ने कहा कि उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया है क्योंकि सदस्य मौजूदा सत्र में विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान एवं अन्य मौकों पर इस संबंध में अपनी बात रख सकते हैं।
हालांकि नायडू ने नेता प्रतिपक्ष को सदन में इस मुद्दे का उल्लेख करने की अनुमति दी। खड़गे ने पेट्रोल, डीजल और घरेलू रसोई गैस की कीमतों में खासी वृद्धि होने का जिक्र करते हुए इसे “ज्वलंत विषय” बताया तथा इस संबंध में चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि पूरे देश में लोग पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि को लेकर आंदोलित हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि पेट्रोल की कीमतें लगभग 100 रुपये प्रति लीटर तक हो गई हैं, जबकि डीजल की कीमत 80 रुपये प्रति लीटर से अधिक हो गयी है। उन्होंने इसी प्रकार रसेाई गैस(एलपीजी) की कीमतों में भी वृद्धि हुई है।
खडगे ने कहा कि सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क और अन्य कर लगा कर 21 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए हैं जबकि कीमतों में वृद्धि के कारण किसान और आम लोग परेशान हैं।
कांग्रेस नीत विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करता रहा। लेकिन सभापति नायडू ने इस पर चर्चा की अनुमति नहीं दी और सदन में प्रश्नकाल शुरू कराया। इस दौरान विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और कुछ सदस्य आसन के समीप भी आ गए।
सदन में हंगामा थमते नहीं देख सभापति ने करीब 10 बजे बैठक सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
एक बार के स्थगन के बाद 11 बजे बैठक शुरू होने पर भी विपक्ष ने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा की मांग दोहरायी। लेकिन उपसभापति हरिवंश ने कहा कि सभापति ने पहले ही इस संबंध में अपनी व्यवस्था दे दी है और उस पर पुनर्विचार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि सदस्यों को विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज और विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान सदस्यों को अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा।
इस पर नेता प्रतिपक्ष खडगे ने कहा कि यह ऐसा मुद्दा है जिसे टाला नहीं जा सकता।
उपसभापति ने सदस्यों से शांत रहने और सदन का कामकाज चलने देने की अपील की। लेकिन इसका असर नहीं होते देख उन्होंने 11 बजकर करीब पांच मिनट पर बैठक दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
दो बार के स्थगन के बाद दोपहर एक बजे बैठक फिर शुरू होने पर भी कार्यवाही 15-15 मिनट के लिए दो बार स्थगित की गयी।
दोपहर 01:30 बजे पीठासीन उपसभापति वंदना चव्हाण ने घोषणा की कि मंगलवार से उच्च सदन की बैठक अपने सामान्य समय के अनुसार पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होगी और शाम छह बजे तक चलेगी। उन्होंने कहा कि सभापति नायडू ने विभिन्न दलों के सदस्यों के अनुरोध को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया है।
वंदना चव्हाण ने इस घोषणा के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
मध्यप्रदेश में लव जिहाद के विरोध में लाए गए मप्र धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक, 2021 को मध्यप्रदेश विधानसभा ने किया पारित,सरकार अध्यादेश के जरिए पहले ही कर चुकी है लागू attacknews.in
भोपाल, 08 मार्च । मध्यप्रदेश में कथित लवजिहाद के विरोध में लाए गए मप्र धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक, 2021 को विधानसभा में ध्वनिमत के जरिए पारित कर दिया गया। हालाकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने विधेयक के प्रावधानों पर आपत्ति जतायी।
विधेयक पर हुयी चर्चा का उत्तर देते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि भ्रम में रखकर धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ इस विधेयक में सख्त प्रावधान किए गए हैं। इस तरह के धर्म परिवर्तन रोकने के लिए भी विधेयक में प्रावधान किए गए हैं।
श्री मिश्रा ने चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों की ओर से उठायी गयीं आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही तुष्टिकरण और भ्रम फैलाने की राजनीति करती आयी है। चाहे कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का मामला हो या फिर अन्य घटनाएं।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा साफ है और वह प्रलोभन, भय या अन्य अवैधानिक तरीके से धर्म परिवर्तन की घटनाएं रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।
दरअसल सरकार ने मध्यप्रदेश में इस तरह के प्रावधान कुछ माह पहले ही अध्यादेश के जरिए लागू कर दिए हैं। राज्य में कम से कम दो दर्जन मामले भी दर्ज किए जा चुके हैं।
श्री मिश्रा ने आज सदन में कहा कि भोपाल में सबसे अधिक मामले आए हैं। अध्यादेश के प्रावधानों को विधिवत कानूनीजामा पहनाने के लिए यह विधेयक सदन में हाल ही में पेश किया गया था और आज इसे चर्चा के बाद पारित कर दिया गया।
इसके पहले चर्चा में शामिल होते हुए विपक्षी दल के सदस्यों ने विधेयक लाने के पीछे सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। सदस्यों ने कहा कि वर्ग विशेष के लोगों को लक्ष्य करने के उद्देश्य से यह विधेयक लाया गया है। अनेक सदस्यों ने विधेयक के प्रावधानों पर सवाल खड़े करते हुए उनका विरोध किया। अंतत: चर्चा के बाद विधेयक को ध्वनिमत से सदन की स्वीकृति प्रदान की गयी।
‘धर्म स्वातंत्र्य’ विधेयक के विधानसभा में पारित होना हर्ष की बात: नरोत्तम
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उनके सम्मान के रक्षा करने वाला ‘धर्म स्वातंत्र्य’ विधेयक के विधानसभा में पारित होना हर्ष और सम्मान की बात है।
श्री मिश्रा ने ट्वीट के जरिए कहा ‘आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उनके सम्मान की रक्षा करने वाला धर्म स्वातंत्र्य विधेयक विधानसभा में पारित होना हर्ष और गौरव की बात है। प्रदेश में बहला-फुसलाकर, डरा-धमकाकर धर्मांतरण के लिए होने वाले शादी-विवाह पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए सरकार ने कड़ा कानून बनाया है।’
अजब बिहार की गजब कहानी:वैशाली में मंत्री के बदले भाई बन गया सरकार के कार्यक्रम का अतिथि;मच गया विधानसभा में हंगामा, मुख्यमंत्री ने कहा आश्चर्यजनक attacknews.in
पटना 05 मार्च । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी के स्थान पर उनके भाई के सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने की खबर पर विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बाद कहा कि यदि ऐसा हुआ है तो आश्चर्यजनक है, वह इस मामले को देखेंगे ।
विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नोत्तर काल समाप्त होने के तुरंत बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के भाई वीरेंद्र ने कहा कि हाजीपुर में एक सरकारी कार्यक्रम का उद्घाटन मंत्री मुकेश सहनी के बदले उनके भाई ने किया है, यह घोर आपत्तिजनक है । उन्होंने कहा कि ऐसे मंत्री को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए।
इसके बाद विपक्ष के सदस्य अखबार की प्रति दिखाते हुए शोरगुल करने लगे। शोरगुल के बीच ही सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने शून्यकाल को जारी रखा । इसी दौरान विपक्ष के सदस्यों की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अखबार की प्रति भेजी गई।
मुख्यमंत्री ने अखबार में इससे संबंधित छपी खबर को देखने के बाद कहा, “मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन यदि ऐसा हुआ है तो यह आश्चर्यजनक है।”
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने इस मामले को उनकी जानकारी में लाया है। वह इसका पता लगाएंगे । यदि ऐसा हुआ है तो वह नहीं होना चाहिए था । मुख्यमंत्री के वक्तव्य के बाद विपक्ष के सदस्य शांत होकर अपनी सीट पर बैठ गए । इस दौरान श्री साहनी सदन में मौजूद नहीं थे ।
विधान परिषद में हंगामा
बिहार विधान परिषद में आज मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्यों ने पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी के स्थान पर उनके भाई के सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने के मामले को लेकर जोरदार हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के निर्धारित समय से पूर्व ही स्थगित करनी पड़ी।
कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह के आसन ग्रहण करते ही राजद के सुनील कुमार सिंह ने इस मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि वैशाली में कल पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में मंत्री ने स्वयं न जाकर अपने भाई संतोष सहनी को भेज दिया। तभी राजद के रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है। राज्य में यह संदेश गया है कि मंत्री ने सरकारी कार्यक्रम में स्वयं न जाकर अपने परिवार को भेज दिया है।
इसी दौरान राजद के सुबोध राय मंत्री श्री सहनी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। राजद सदस्यों के शोरगुल और नारेबाजी के कारण प्रश्नकाल लगभग छह मिनट तक बाधित रहा। शून्यकाल के समाप्त होते ही राजद के सुबोध राय ने एक बार फिर इस मामले को उठाते हुए श्री साहनी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे।
नारेबाजी और शोरगुल के बीच राजद के साथ ही कांग्रेस के प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्यकारी सभापति का इस पर नियमन आना चाहिए। सुशासन की सरकार में सरकारी गाड़ी के दुरुपयोग के साथ ही स्मार्ट गाड़ी का इस्तेमाल किया गया। समारोह स्थल पर पहुंचे मत्स्यपालक मंत्री की गैरमौजूदगी के कारण अपनी समस्या से उन्हें अवगत नहीं करा सके। शोरगुल और नारेबाजी को देखते हुए सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के लिए निर्धारित समय से सात मिनट पहले ही स्थगित करनी पड़ी।
छत्तीसगढ़ में शराब पर कोरोना शुल्क से सरकार ने इकठ्ठा कर लिए 365 करोड़ रूपये और अभी भी वसूली जारी है और जारी रहेगी attacknews.in
रायपुर 03 मार्च।छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज देशी एवं विदेशी शराब पर लगे कोरोना सेस शुल्क से वसूल लगभग 365 करोड़ रूपए की राशि को अभी तक व्यय नही करने तथा उसे स्वास्थ्य विभाग को नही देने पर मंत्री के जवाब से असन्तुष्ट भाजपा एवं जनता कांग्रेस सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
मंत्री मोहम्मद अकबर ने प्रश्नोत्तरकाल में वरिष्ठ भाजपा सदस्य अजय चन्द्राकर के प्रश्नों के उत्तर में कहा कि गत 02 मई एवं 15 मई को लगाए गए विशेष आबकारी शुल्क से गत 03 फऱवरी तक देशी शराब से 198 करोड़ 19 लाख 98240 रूपए तथा विदेशी शराब से 166 करोड़ 55 लाख 38800 रूपए वसूल हुए। उन्होने कहा कि शिक्षा,स्वास्थ्य,पोषण एवं अद्योसंरचना के लिए दोनो सेस लगाए गए।
श्री चन्द्राकर ने कहा कि सेस जिस मद में लगाया गया है नियमतः उसी मद में वसूल की गई राशि खर्च की जा सकती है।
उऩ्होने राशि को सामान्य प्रशासन विभाग को दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोरोना पर लगे सेस से वसूल राशि स्वास्थ्य विभाग को दी जानी चाहिए।उन्होने कोरोना के तीसरी लहर के खतरे की खबरों का भी उल्लेख किया।
मंत्री श्री अकबर ने कहा कि दोनो मदों में वसूल होने वाली राशि सामान्य प्रशासन विभाग के अन्तर्गत गठित मुख्यमंत्री अद्योसंरचना उन्नयन एवं विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत कर व्यय किया जाना है।द्दितीय अनुपूरक में इसके लिए 200 करोड़ का प्रावधान भी किया गया है।
श्री चन्द्राकर ने स्वास्थ्य विभाग को पैसे नही दिए जाने पर सवाल उठाया तो मंत्री श्री अकबर ने कहा कि वसूल की गई राशि का अभी तक व्यय नही हुआ है।जो राशि वसूली गई है वह निर्धारित उद्देश्यों के लिए खर्च होगी।
जनता कांग्रेस के धर्मजीत सिंह ने कहा कि शराब सरकार के दुधारू गाय हो गई है।सेस लगाकार सरकार अपनी आमदनी बढ़ाने में जुटी है।भाजपा के ही शिवरतन शर्मा ने सेस की राशि को लेकर सवाल उठाए जिस पर मंत्री ने फिर दोहराया कि अन्य उद्देश्यों के लिए कोई राशि खर्च नही की गई है।
इस दौरान ही तीन से अधिक पूरक प्रश्नों के पूछने पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आपत्ति भी की, जिसे अध्यक्ष डा.चरणदास महंत ने खारिज कर दिया और दोनो पक्षों की इसे लेकर की गई टिप्पणियों को रिकार्ड से विलोपित करवा दिया।श्री चन्द्राकर एवं अन्य भाजपा सदस्यों ने मंत्री पर घुमाने वाला जवाब देने का आरोप लगाया और विरोध में सदन से बहिर्गमन किया।उनके साथ जनता कांग्रेस के सदस्य धर्मजीत सिंह भी थे।
संसद टीवी अस्तित्व में आया: लोकसभा और राज्यसभा टीवी का हुआ विलय;रवि कपूर को बनाया नया CEO attacknews.in
नयी दिल्ली , 02 मार्च । राज्यसभा टीवी और लोकसभा टीवी चैनलों का विलय कर एक नया टीवी चैनल बनाया गया है जिसका नाम संसद टीवी रखा गया।
राज्यसभा सचिवालय की ओर से आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा की गयी है। इस विलय के बारे में पिछले साल जून में सूचना दी गयी थी।
इस नये विलय के साथ शीर्ष स्तर के अधिकारियों में भी बदलाव किया गया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी रवि कपूर को संसद टीवी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनाया गया है। वह मंगलवार से पदभार सम्भालेंगे। उनका कार्यकाल एक वर्ष तक के लिए होगा। वहीं, राज्यसभा टीवी के मौजूदा सीईओ मनोज कुमार पांडे को उनके कर्त्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है।
श्री कपूर 1986 बैच के असम-मेघालय काडर के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। वह कपड़ा मंत्रालय के सचिव के रूप में सेवारत थे। वह असम के अतिरिक्त मुख्य सचिव के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह खान और खनिज, वन और पर्यावरण, एक्ट ईस्ट पॉलिसी मामलों और सार्वजनिक उद्यम विभाग के प्रभारी रहे। उन्होंने उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय में भी अपनी सेवाएं दी हैं।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा की कार्यवाही के सीधे प्रसारण की शुरुआत दूरदर्शन पर 1989 से की गयी थी। वर्ष 2004 में अलग से लोकसभा टीवी अस्तित्व में आया। एक वर्ष बाद 2011 में राज्यसभा टीवी की शुरुआत हुई जिसमें राज्यसभा की कार्यवाही का प्रसारण किया जाता है। दोनों चैनलों पर सदन की कार्यवाही के सीधे प्रसारण के अलावा कई अन्य सरकारी , राजनीतिक और जानकारी पूर्ण कार्यक्रम दिखाये जाते हैं।