दैनिक भास्कर समूह ने अरबों रुपयों की हेराफेरी के लिए कर्मचारियों के नाम पर बनाई कम्पनियां,उनका इस्तेमाल फर्जी खर्चों को दर्शाने, सूचीबद्ध कंपनियों के मुनाफे को कम दिखाने और सर्कुलर लेनदेन करने के लिए किया गया attacknews.in

नयी दिल्ली 25 जुलाई । आयकर विभाग ने कहा है कि मीडिया, बिजली, कपड़ा और रियल एस्टेट का कारोबार करने वाले 6,000 करोड़ रुपये की सम्पति वाले के व्यवसायिक समूह ने अपने कर्मचारियों के नाम पर कई कंपनियां बनाईं और उनका इस्तेमाल फर्जी खर्चों को दर्शाने, सूचीबद्ध कंपनियों के मुनाफे को कम दिखाने और सर्कुलर लेनदेन करने के लिए किया।

आयकर विभाग ने यह बयान भोपाल, इंदौर और नोएडा सहित शहरों में समूह के ठिकानों की तलाशी देने के बाद दिया है।

आयकर विभाग ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा, “इस पद्धति का उपयोग करके छह वर्षों में 700 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गयी है। यह राशि हालांकि अधिक हो सकती है क्योंकि समूह ने कई स्तरों का उपयोग किया है और पूरे पैसों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।”

2,200 करोड़ रुपये के ‘काल्पनिक लेनदेन’ की जांच कर रहे मीडिया समूह पर छापे के बाद सीबीडीटी का कहना है:

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शनिवार को आयकर विभाग द्वारा किए गए 2,200 करोड़ रुपये के “काल्पनिक लेनदेन” का पता लगाने का दावा किया।

कई शहरों में छापेमारी इस सप्ताह की शुरुआत में दैनिक भास्कर मीडिया समूह के खिलाफ हुई है ।

इसमें कहा गया है कि 22 जुलाई को नौ शहरों जैसे भोपाल, इंदौर, दिल्ली, अहमदाबाद, नोएडा और कुछ अन्य में तलाशी अभियान जारी है और आगे की जांच जारी है।

सीबीडीटी ने यहां जारी बयान में कहा, “तलाशी अभियान के दौरान मिली भारी सामग्री की जांच की जा रही है।

” सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीति तैयार करता है।हालांकि बयान में समूह का नाम नहीं था, आधिकारिक सूत्रों ने इसकी पहचान भोपाल मुख्यालय वाले दैनिक भास्कर समूह के रूप में की, जो मीडिया, बिजली, कपड़ा और रियल एस्टेट जैसे विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में शामिल है, जिसका समूह सालाना 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करता है।“

असंबंधित व्यवसायों में लगी समूह कंपनियों के बीच 2,200 करोड़ रुपये का चक्रीय व्यापार और धन का हस्तांतरण पाया गया है।

“पूछताछ ने पुष्टि की है कि ये बिना किसी वास्तविक आवाजाही या माल की डिलीवरी के काल्पनिक लेनदेन हैं। कर प्रभाव और अन्य कानूनों के उल्लंघन की जांच की जा रही है, ”बयान में आरोप लगाया गया।

छापे के दिन मीडिया समूह ने अपनी वेबसाइट पर एक संदेश पोस्ट किया था जिसमें कहा गया था कि सरकार अपनी सच्ची पत्रकारिता से डरी हुई है।

गंगा नदी में शवों से लेकर कोरोना मौतों तक, वास्तविक संख्या को देश के सामने लाने वाले समूह पर सरकार द्वारा छापा मारा जा रहा है, यह हिंदी में एक संदेश में आरोप लगाया गया है।

“मैं स्वतंत्र हूं क्योंकि मैं भास्कर हूं, भास्कर में केवल पाठकों का ही महत्व है,” यह कहा था।

सीबीडीटी के बयान में आरोप लगाया गया है कि समूह में होल्डिंग और सहायक कंपनियों सहित 100 से अधिक कंपनियां हैं और वे अपने कर्मचारियों के नाम पर कई कंपनियों का संचालन कर रहे हैं जिनका इस्तेमाल “फर्जी” खर्चों की बुकिंग और धन की रूटिंग के लिए किया गया है।

“जांच के दौरान, कई कर्मचारियों, जिनके नाम शेयरधारकों और निदेशकों के रूप में इस्तेमाल किए गए थे, ने स्वीकार किया है कि उन्हें ऐसी कंपनियों के बारे में पता नहीं था और उन्होंने अपने आधार कार्ड और डिजिटल हस्ताक्षर नियोक्ता को अच्छे विश्वास में दिए थे।”

सीबीडीटी ने दावा किया, “कुछ रिश्तेदार पाए गए, जिन्होंने स्वेच्छा से और जानबूझकर कागजात पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन कंपनियों की व्यावसायिक गतिविधियों का कोई ज्ञान या नियंत्रण नहीं था, जिसमें उन्हें निदेशक और शेयरधारक माना जाता था।”

यह आरोप लगाया गया है कि ऐसी कंपनियों का इस्तेमाल कई उद्देश्यों के लिए किया गया है जैसे “फर्जी खर्चों की बुकिंग” और सूचीबद्ध कंपनियों के मुनाफे को “हथियाना”, निवेश करने के लिए अपनी करीबी कंपनियों में फंड को स्थानांतरित करना, सर्कुलर लेनदेन करना आदि।

“इस तरह के फर्जी खर्चों की प्रकृति जनशक्ति की आपूर्ति, परिवहन, रसद और सिविल कार्यों और काल्पनिक व्यापार देय से भिन्न होती है।

यह दावा किया गया है, “इस मोडस ऑपरेंडी का उपयोग करके आय से बचने की मात्रा, जो अब तक पता चला है, छह साल की अवधि में 700 करोड़ रुपये है।”

हालांकि, मात्रा अधिक हो सकती है क्योंकि समूह ने कई परतों का इस्तेमाल किया है और पूरे पैसे के निशान को उजागर करने के लिए जांच की जा रही है।

बयान में कहा गया है कि कर विभाग इस मामले में सूचीबद्ध कंपनियों के लिए सेबी द्वारा निर्धारित कंपनी अधिनियम की कुछ धाराओं और लिस्टिंग समझौते के खंड 49 के उल्लंघन की जांच कर रहा है।

“बेनामी लेनदेन निषेध अधिनियम के आवेदन की भी जांच की जाएगी,” यह कहा। सीबीडीटी ने कहा कि समूह की रियल एस्टेट इकाई एक मॉल का संचालन कर रही है और उसे एक राष्ट्रीयकृत बैंक से 597 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है।इसमें से 408 करोड़ रुपये की राशि एक प्रतिशत की कम ब्याज दर पर ऋण के रूप में एक सहयोगी संस्था को दी गई है।“

“जबकि रियल एस्टेट कंपनी अपने कर योग्य लाभ से ब्याज के खर्च का दावा कर रही है, इसे होल्डिंग कंपनी के व्यक्तिगत निवेश के लिए डायवर्ट किया गया है,” यह आरोप लगाया।

सूचीबद्ध मीडिया कंपनी विज्ञापन राजस्व के लिए “वस्तु विनिमय सौदे” करती है, जिससे अचल संपत्ति वास्तविक भुगतान के स्थान पर प्राप्त होती है, यह कहा।

“ऐसी संपत्तियों की बिक्री के संबंध में नकद प्राप्तियों का संकेत देने वाले साक्ष्य पाए गए हैं। यह आगे की जांच के अधीन है, ”बयान में कहा गया है।

सीबीडीटी ने कहा कि छापे के दौरान मिले “सबूत” समूह की रियल्टी शाखा द्वारा फ्लैटों की बिक्री पर नकद में धन की प्राप्ति का संकेत देते हैं।

“इसकी पुष्टि दो कर्मचारियों और कंपनी के एक निदेशक ने की है।”

“काम करने का ढंग और साथ ही पुष्टि करने वाले दस्तावेज मिल गए हैं। आउट-ऑफ-बुक नकद प्राप्तियों की सही मात्रा निर्धारित की जा रही है, ”यह कहा।

कर अधिकारियों को समूह के प्रवर्तकों और प्रमुख कर्मचारियों के आवासीय परिसरों में कुल 26 लॉकर मिले, जिनका संचालन किया जा रहा है।

इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन( IBF) ने डिजिटल मीडिया कंटेंट नियामक परिषद का गठन किया, न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन होंगे अध्यक्ष attacknews.in

 

नयी दिल्ली, 31 मई । इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन (आईबीएफ) ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन को सोमवार को नवगठित स्व-नियामक संस्था डिजिटल मीडिया कंटेंट नियामक परिषद (डीएमसीआरसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया।

आईबीएफ ने एक बयान में कहा कि इस नियामक संस्था में डिजिटल उद्योग से जुड़े प्रतिष्ठित छह अन्य लोग भी बतौर सदस्य शामिल होंगे। इसके अन्य सदस्य हैं… फिल्म निर्माता-निर्देशक निखिल आडवाणी, लेखक और निर्देशक तिगमांशू धुलिया, फिल्म निर्माता और लेखक अश्विनी अय्यर तिवारी, कंटेट प्रोड्यूसर और डिस्ट्रीब्यूटर बानीजय ग्रुप के सीईओ और संस्थापक दीपक धर।

बयान के अनुसार, परिषद में सोनी पिक्चर्स जनरल काउंसेल अशोक नाम्बिसन और स्टार एंड डिजनी इंडिया के मुख्य क्षेत्रीय काउंसेल मिहिर राले भी शामिल हैं।

आईबीएफ ने कहा, ‘‘परिषद में मीडिया और मनोरंजन उद्योग, ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट प्रोवाइडर्स (ओसीसीपी) के प्रतिष्ठित सदस्यों को शामिल किया गया है जिन्हें आईपीआर, प्रोग्रामिंग और कंटेंट क्रिएशन का अनुभव है।’’

प्रसारकों की प्रतिष्ठित संस्था आईबीएफ ने पिछले सप्ताह ही अपने नियमन के तहत ओटीटी प्लेटफॉर्म (जैसे आमेजन प्राइम, नेटफ्लिक्स आदि) को शामिल करने और अपना नाम बदलकर इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (आईबीडीएफ) करने की घोषणा की थी।

यह कदम प्रसारकों और ओटीटी प्लेटफॉर्म को साथ लाने के लिए उठाया गया है। उसने ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए स्व-नियामक संस्था डीएमसीआरसी के गठन की भी घोषणा की है।

इस संबंध में आईबीएफ के अध्यक्ष के. माधवन ने कहा कि यह इससे जुड़े सभी लोगों… मीडिया और मनोरंजन जगत, नीति निर्माताओं और ओटीटी प्लेटफॉर्म के सब्सक्राइबर के लिए ऐतिहासिक पल है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर को डिजिटल मीडिया संबंधी नए आईटी नियमों का पालन करना बंधनकारी बताया और लागू करने को कहा.attacknews.in

नयी दिल्ली, 31 मई । दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि यदि डिजिटल मीडिया संबंधी नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों पर रोक नहीं लगाई गई है तो ट्विटर को इनका पालन करना होगा।

इस टिप्पणी के साथ ही न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने अधिवक्ता अमित आचार्य की याचिका पर केंद्र और सोशल मीडिया मंच ट्विटर को नोटिस जारी कर उन्हें अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।

आचार्य ने अपनी याचिका में दावा किया है कि ट्विटर ने नियमों का पालन नहीं किया है।

दूसरी ओर, ट्विटर ने अदालत के समक्ष दावा किया कि उसने नियमों का पालन किया है और एक शिकायत निवारण स्थानीय अधिकारी नियुक्त किया है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस दावे को गलत ठहराया।

अदालत ने कहा, ‘‘यदि इन (नियमों) पर रोक नहीं लगाई गई है, तो उन्हें इसका पालन करना होगा।’’

आचार्य ने वकील आकाश वाजपेयी और मनीष कुमार के जरिए दर्ज कराई गई याचिका में कहा कि जब उन्होंने कुछ ट्वीट के बारे में शिकायत दर्ज करवाने का प्रयास किया, तब उन्हें सरकारी नियमों का अनुपालन कथित रूप से नहीं किए जाने के बारे में पता चला।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के स्थायी वकील रिपुदमन सिंह भारद्वाज ने अदालत से कहा कि ट्विटर ने नियमों का पालन नहीं किया है।

याचिका में कहा गया है कि ट्विटर ने शिकायत निवारण स्थानीय अधिकारी नियुक्त करने संबंधी केंद्र के आईटी कानून के नियम का पालन नहीं किया है। इसमें अनुरोध किया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को इस नियम का अविलंब पालन करने का निर्देश दिया जाए।

याचिका में कहा गया है कि नए आईटी नियम 25 फरवरी को प्रभाव में आए तथा केंद्र ने ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया मंचों को इनका पालन करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया था।

याचिका में कहा गया कि यह अवधि 25 मई को समाप्त हो गई लेकिन ट्विटर ने इस मंच पर ट्वीट से जुड़ी शिकायतों को देखने के लिए आज तक शिकायत निवारण स्थानीय अधिकारी की नियुक्ति नहीं।

याचिका में केंद्र को भी निर्देश देने का अनुरोध किया गया कि वह आईटी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करे।

ट्विटर ने हाल में नए आईटी नियमों की आलोचना की थी और कहा था कि ये नियम ‘‘मुक्त और खुली सार्वजनिक बातचीत को रोकते हैं।’’

इस पर प्रतिक्रिया में केंद्र ने कहा था कि ट्विटर भारत को बदनाम करने के लिए निराधार और झूठे आरोप लगा रहा है ।

फेसबुक कोविड से संबंधित पोस्ट को नहीं हटायेगा जो यह कहती हैं कि कोरोना वायरस को कृत्रिम तरीके से बनाया गया है attacknews.in

 

वाशिंगटन, 27 मई (स्पूतनिक) फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा है कि सोशल नेटवर्क पर कोरोना वायरस (कोविड-19) की उत्पत्ति की जांच और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के परामर्श के बाद हमने अपने प्लेटफॉर्म से उन पोस्ट को नहीं हटाने का निर्णय लिया है जो यह कहती हैं कि कोरोना वायरस को कृत्रिम तरीके से बनाया गया है।

यह घोषणा वॉल स्ट्रीट जर्नल के रविवार के उस लेख के बाद की गई है जिसमें अमेरिकी खुफिया एजेंसी का हवाला देते हुए बताया गया था कि चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के तीन शोधकर्ता नवंबर में बीमार हो गए थे। चीनी विदेश मंत्रालय ने वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि इस रिपोर्ट में कोई वास्तविकता नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने बुधवार को बुधवार को वायरस की उत्पत्ति की खुफिया समीक्षा करने का आदेश दिया है।

फेसबुक अब अपने प्लेटफॉर्म से उन पोस्ट को नहीं हटाएगा, जिनमें ऐसे दावे किए गए हैं कि कोविड-19 या तो मानव निर्मित है या फिर प्रयोगशाला निर्मित है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खुफिया एजेंसियों से कहा है कि वह जितना जल्द हो सके, इसका पता लगाएं कि कोरोना वायरस की उत्पति कहां से और कैसे हुई थी।

इस बीच कोरोना की उत्पति को लेकर चल रही जांच और एक्सपर्ट की राय के बाद फेसबुक ने अब इस प्रकार की पोस्ट को डिलीट करने या इन्हें बैन नहीं लगाने का फैसला लिया है, जिनमें दावा किया गया है कि कोरोना वायरस लैब में ही तैयार हुआ है।

बता दें कि फेसबुक पर इससे पहले ऐसे पोस्ट किए गए थे, जिनमें दावा किया गया है कि कोरोना वायरस लैब में ही तैयार हुआ है. इस पर कार्रवाई करते हुए फेसबुक ऐसे पोस्ट को डिलीट कर देता था, लेकिन अब फेसबुक ने अपनी नीति बदल दी है और ऐसे पोस्ट को हटाने से मना कर दिया है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस मानव निर्मित है।

सोशल नेटवर्क अब ऐसे दावों को अपनी कोविड-19 संबंधी गलत सूचना नीति के हिस्से के रूप में नहीं मानेगा।

फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा कि वायरस की उत्पत्ति के बारे में नए सिरे से बहस के कारण मूल भाषा को उस नीति से हटा दिया गया है।

प्रवक्ता ने पोलिटिको को बताया, कोविड-19 की उत्पत्ति की चल रही जांच और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के परामर्श से, हम अब हमारे ऐप से इस दावे को नहीं हटाएंगे कि कोविड-19 मानव निर्मित है।

प्रवक्ता ने कहा, हम महामारी की विकसित प्रकृति के साथ तालमेल रखने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ काम करना जारी रख रहे हैं और नियमित रूप से अपनी नीतियों को अपडेट कर रहे हैं, क्योंकि नए तथ्य और रुझान सामने आते हैं।

हाल ही में कोरोना की लैब से उत्पति की रिपोर्ट सामने आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कोविड की उत्पत्ति के संबंध में खुफिया समुदाय से ऐसी जानकारी एकत्र करने और विश्लेषण करने के अपने प्रयासों को फिर से तेज करने को कहा है, जो उन्हें एक निश्चित निष्कर्ष के करीब ला सकती है। इसके लिए बाइडेन ने 90 दिनों में रिपोर्ट करने को भी कहा है।

खुफिया समुदाय का मानना है कि यह वायरस फैलने को दो परिदृश्य संभव हैं. या तो वायरस तब फैलने लगा, जब कोई मानव किसी संक्रमित जानवर के संपर्क में आया हो या फिर इसकी उत्पत्ति एक से जुड़ी हो।इस मुद्दे पर बाइडेन का कहना है कि अमेरिका चीन पर पूर्ण पारदर्शी, साक्ष्य-आधारित अंतरराष्ट्रीय जांच में भाग लेने और सभी प्रासंगिक डेटा और साक्ष्य तक पहुंच प्रदान करने के लिए दुनिया भर में समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ काम करना जारी रखेगा।

टूलकिट मामले की जाँच को लेकर ट्विटर के दोनों दफ़्तर पहुँची दिल्ली पुलिस जानना चाहती है कि, ट्विटर के पास कुछ ऐसी सूचना है जो पुलिस के पास नहीं है और यह जानकारी जांच से जुड़ी है attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 मई । दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम सोमवार शाम को टूलकिट विवाद मामले की जाँच को लेकर ट्विटर इंडिया के दो कार्यालयों में पहुँची।

दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी चिन्मय बिश्वाल ने बताया कि दिल्ली पुलिस नियमित प्रक्रिया के तहत ट्विटर के कार्यालय में नोटिस देने गई।

ट्विटर इंडिया के एमडी की ओर से अस्पष्ट जवाब मिलने के कारण कार्यालय के ज़िम्मेदार व्यक्ति को नोटिस देने के लिए दिल्ली पुलिस ट्विटर के कार्यालय गई।

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा के ट्वीट पर मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग लगाने को लेकर ट्विटर को नोटिस भेजा है।

श्री बिस्वाल ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि ट्विटर के पास कुछ ऐसी सूचना है जो दिल्ली पुलिस के पास नहीं है और यह जानकारी जांच से जुड़ी हुई है।

पुलिस ने ट्विटर से पूछा है कि उनके पास ऐसी कौन सी जानकारी है जिसके आधार पर श्री पात्रा के ट्वीट को मैनिपुलेटेड बता रहे हैं।

ग़ौरतलब है कि ट्विटर ने श्री पात्रा के उस ट्वीट को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया करार दिया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने मोदी सरकार को निशाना बनाने के लिए एक टूलकिट तैयार किया था।

वहीं कांग्रेस भाजपा द्वारा जारी टूलकिट के दस्तावेज को फर्जी करार देते हुए श्री पात्रा समेत कई नेताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा के ट्वीट पर मेनिपुलेटेड मीडिया का टैग लगाने को लेकर ट्विटर को नोटिस भेजा ।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी आज बताया कि पुलिस ने ट्विटर से पूछा है कि उनके पास ऐसी कौन सी जानकारी है जिसके आधार पर पात्रा के ट्वीट को मेनिपुलेटेड बता रहे हैं। इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ट्विटर को नोटिस जारी किया है।

दिल्ली पुलिस ने ट्विटर से पूछा है“ लगता है आपको टूलकिट की सच्चाई के बारे में पता है तभी आपकी की तरफ से संबित पात्रा के ट्वीट को मैनिपुलेटिड मीडिया कहा गया। ”

ग़ौरतलब है कि ट्विटर ने पात्रा के उस ट्वीट को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया करार दिया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने मोदी सरकार को निशाना बनाने के लिए एक टूलकिट तैयार किया था।वहीं कांग्रेस भाजपा द्वारा जारी टूलकिट के दस्तावेज को फर्जी करार देते हुए पात्रा समेत कई नेताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।

रमन ने टूलकिट मामले में पुलिस को ट्विटर एक्सेस देने से किया इंकार

इधर रायपुर में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह टूलकिट मामले में अपने खिलाफ दर्ज मामले में पुलिस को ट्विटर एक्सेस देने से इंकार कर दिया है।

डा.सिंह ने राजधानी के सिविल लाइन थाने के प्रभारी को उसके द्वारा जारी नोटिस पर आज दिए लिखित जवाब में पुलिस द्वारा ट्विटर एकाउन्ट की मांगी गई एक्सेस देने से इंकार करते हुए कहा कि.. एक्सेस मांगना विधिक एवं संवैधानिक प्रावधानो का उल्लंघन हैं,उससे मेरे निजता और मौलिक अधिकारों का हनन होगा..।

गूगल ने भारत में न्यूज शोकेस पेश किया, 50 हजार पत्रकारों, छात्रों को प्रशिक्षित करेगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 18 मई ।गूगल ने मंगलवार को भारत में 30 समाचार संगठनों के साथ अपने न्यूज शोकेस की पेशकश की, जिसका मकसद गूगल के समाचार और खोज मंचों पर गुणवत्तापूर्ण सामग्री प्रदर्शित करने के लिए प्रकाशकों को प्रोत्साहित करना और समर्थन देना है।

इसके साथ ही गूगल भारत में अगले तीन वर्षों के दौरान समाचार संगठनों और पत्रकारिता विद्यालयों के 50,000 पत्रकारों और पत्रकारिता के छात्रों को डिजिटल हुनर सिखाएगा।

गूगल के उपाध्यक्ष (उत्पाद प्रबंधन) ब्रैड बेंडर ने कहा, ‘‘हम अब प्रकाशकों की मदद के लिए न्यूज शोकेस पेश कर रहे हैं, ताकि लोगों को भरोसेमंद खबर मिल सके, विशेष रूप से इस महत्वपूर्ण समय में जब कोविड संकट जारी है। समाचार शोकेस दल प्रकाशकों की पसंद के अनुसार लेखों को बढ़ावा देता है, और उन्हें खबर के साथ अतिरिक्त संदर्भ देने की अनुमति भी देता है, ताकी पाठकों में इस बात की बेहतर समझ बन सके कि उनके आसपास क्या हो रहा है।’’

उन्होंने कहा कि ये समाचार दल ब्रांडिंग सुनिश्चित करते हैं, और उपयोगकर्ताओं को प्रकाशकों की वेबसाइट पर ले जाते हैं।

गूगल न्यूज शोकेस भारत में 30 राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय समाचार संगठनों के साथ शुरू किया गया है और आने वाले दिनों में इस संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी।

गूगल की यह सेवा जर्मनी, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जापान, यूके, ऑस्ट्रेलिया, चेकिया, इटली और अर्जेंटीना सहित एक दर्जन से अधिक देशों में उपलब्ध है।

भारत में गूगल के कंट्री हेड और उपाध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल में समाचारों की खपत बढ़ रही है, वहीं उपभोक्ता आदतों में बदलाव भी आ रहा है, जिसमें अधिक युवा उपभोक्ता समाचार के लिए डिजिटल पहुंच का इस्तेमाल कर रहे हैं।

गुप्ता ने कहा कि कंपनी अगले तीन वर्षों में 50,000 से अधिक पत्रकारों और पत्रकारिता के छात्रों को प्रशिक्षित करेगी और इसके तहत खबरों के सत्यापन, फेक न्यूज से निपटने के उपायों और डिजिटल उपकरणों के इस्तेमाल पर खासतौर से ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

फेसबुक ने घंटों तक रोक रखा नरेन्द्र मोदी के इस्तीफे संबंधी “हैशटैग रिजाइनमोदी” , देरी से बहाल करने के बाद में कहा- गलती से हुआ बाधित attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 अप्रैल । सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने ‘हैशटैग रिजाइनमोदी’ को बाधित कर दिया जिसमें कोविड-19 महामारी से निपटने की सरकार के तरीके की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग की जा रही थी। घंटों बाद इस हैशटैग को बहाल करते हुए कंपनी ने कहा कि उसने गलती से यह कदम उठाया था।

कंपनी ने बुधवार को हैशटैग को बाधित करने के कदम पर बृहस्पतिवार को सफाई देते हुए कहा कि यह सरकार के आदेश पर नहीं किया गया था।

उल्लेखनीय है कि फेसबुक पहली सोशल मीडिया कंपनी नहीं है जिसने कोविड-19 महामारी पर सरकार की आलोचना करने वाले पोस्ट को सेंसर किया है। ट्विटर ने भी सरकार के आदेश पर और फर्जी खबर करार दिए जाने पर कई पोस्ट को हटाया है या वहां तक पहुंच बाधित की है।

फेसबुक के प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, ‘‘हमने गलती से इस हैशटैग को अस्थायी रूप से बंद किया था, न कि भारत सरकार द्वारा हमें ऐसा करने के लिए कहा गया था। हमने इसे बहाल कर दिया है।’’

खबरों के मुताबिक बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस्तीफे की मांग को लेकर चलाए जा रहे हैशटैग को फेसबुक ने घंटों बाधित रखा।

उपयोगकर्ता अगर इस हैशटैग की तलाश करते तो संदेश आ रहा था कि ‘‘अस्थायी रूप से इस तक पहुंच बाधित कर दी गई है क्योंकि पोस्ट में मौजूद कुछ सामग्री हमारे समुदाय मानकों के विपरीत है।’’

फेसबुक समय-समय पर हैशटैग और पोस्ट को विभिन्न कारणों से बाधित करती रही है। कुछ को व्यक्तिगत रूप से हटाया जाता है जबकि कुछ स्वत: बाधित हो जाते हैं।

हैशटैग रिजाइन मोदी को बाधित करने का मामला पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण से पहले आया है।

उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार कोविड-19 महामारी से निपटने के तरीके को लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की आलोचना का सामना कर रही है। देश में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के अब तक आए मामलों की संख्या 1.80 करोड़ तक पहुंच गई है।

स्वतंत्र शोध परियोजना ल्यूमेन डाटाबेस के हवाले से कहा गया है कि सरकार के अनुरोध पर सांसदों, विधायकों और फिल्मकारों के पोस्ट सहित 50 से अधिक पोस्ट सोशल मीडिया से हटाए गए हैं।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि सोशल मीडिया मंचों को कोरोना वायरस की महामारी से लड़ने में उत्पन्न होने वाली किसी बाधा को रोकने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पोस्ट हटाने को कहा गया है।

चीन ने लगाया BBC वर्ल्ड न्यूज के टेलीविजन और रेडियो प्रसारण पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध attacknews.in

बीजिंग, 12 फरवरी । चीन की सरकार देश में बीबीसी वर्ल्ड न्यूज के टेलीविजन और रेडियों प्रसारण पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित लगा दिया है।

बीबीसी ने बताया कि इस प्रतिबंध का कारण चीन में कोरोना वायरस महामारी और अल्पसंख्यक उइघर मुस्लिमों के उत्पीड़न के संबंध में रिर्पोटिंग करना है।
बीबीसी ने कहा कि चीन की सरकार के इस फैसले से वह ‘निराश’ है।

हाल ही में ब्रिटेन ने चीन के सरकारी चैनल सीजीटीएन का लाइसेंस रद्द कर दिया था।

चीन का कहना है कि बीबीसी वर्ल्ड न्यूज ने नियमों का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि समाचार सत्य और निष्पक्ष होना चाहिए और न कि चीन के राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुुुंचाने वाले। इसलिए देश में एक और वर्ष के लिए बीबीसी के आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।

ब्रिटिश विदेश मंत्री डॉमिनिक रैब ने चीन के इस कदम को ‘मीडिया स्वतंत्रता का अस्वीकार्य’ कहा, जबकि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस फैसले की निंदा की है और इसे चीन में स्वतंत्र मीडिया को दबाने के लिए एक व्यापक अभियान का हिस्सा बताया है।

व्हाॅट्सएप ने 8 फरवरी से लागू की जाने वाली अपडेट पालिसी को 15 मई तक स्थगित किया,इसके बाद नए कारोबारी विकल्प उपलब्ध लागू होंगे attacknews.in

नयी दिल्ली, 16 जनवरी । व्हॉट्सएप ने नीति में बदलाव (अपडेट) को 15 मई तक के लिए टाल दिया है। अपने हालिया निजता नीति बदलावों को लेकर व्हॉट्सएप को भारत सहित वैश्विक स्तर पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। दुनियाभर में इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही है कि व्हॉट्सएप उपयोक्ताओं के डेटा को अपनी मूल कंपनी फेसबुक से साझा कर सकती है।

यह घटनाक्रम इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि भारत व्हॉट्सएप के लिए सबसे बड़े बाजारों में से है। भारत में व्हॉट्सएप के प्रयोगकर्ताओं की संख्या 40 करोड़ से अधिक है।

व्हॉट्सएप ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि प्रयोगकर्ताओं के लिए नीतिगत अपडेट की शर्तों पर अपनी मंजूरी देने की तिथि को आगे बढ़ाया जा रहा है।

व्हॉट्सएप ने ब्लॉग पोस्ट में कहा, ‘‘किसी का भी खाता आठ फरवरी को निलंबित या बंद नहीं किया जाएगा। हम व्हॉट्सएप पर निजता और सुरक्षा को लेकर फैली गलत सूचनाओं को दूर करने के लिए और अधिक काम करेंगे। हम लोगों के पास नीति की समीक्षा के लिए धीरे-धीरे जाएंगे। 15 मई से नए कारोबारी विकल्प उपलब्ध होंगे।’’

व्हॉट्सएप के हालिया विवादास्पद बदलावों को लेकर बहस छिड़ी हुई है। व्हॉट्सएप ने पिछले सप्ताह प्रयोगकर्ताओं को ‘इन-ऐप’ अधिसूचना के जरिये इन बदलावों की सूचना दी थी। व्हॉट्सएप ने कहा था कि उसके मंच का इस्तेमाल जारी रखने के लिए प्रयोगकर्ताओं को नयी शर्तों तथा नीति पर आठ फरवरी तक सहमति देनी होगी।

व्हॉट्सएप के प्रतिद्वंद्वी मंचों मसलन सिग्नल और टेलीग्राम के डाउनलोड में हालिया घटनाक्रमों के बीच काफी इजाफा हुआ है।

व्हॉट्सएप ने कहा, ‘‘हमारे हालिया अपडेट को लेकर काफी असमंजस है। काफी गलत सूचनाएं फैल रही है, जो चिंता की बात है। हम चाहते हैं कि सभी हमारे सिद्धान्तों और तथ्यों को समझें।’’

व्हॉट्सएप ने फिर दोहराया है कि उसके मंच पर संदेश एंड-टू-एंड कूट रूप में हैं। न तो वह खुद और न फेसबुक उसके मंच पर निजी संदेशों को देख सकती है।

व्हॉट्सएप ने कहा कि वह यह ब्योरा नहीं रखती कि प्रयोगकर्ता किसे संदेश भेज रहे हैं या किसे कॉल कर रहे हैं। साथ ही वह संपर्कों को फेसबुक से साझा नहीं करती है।

एफएक्यू खंड में व्हॉट्सएप ने कहा है कि हालिया शर्तें और निजता नीति में बदलाव से व्यक्तिगत संदेश प्रभावित नहीं होंगे। फेसबुक के स्वामित्व वाले मैसेजिंग मंच ने कहा, ‘‘ये बदलाव व्हॉट्सएप पर वैकल्पिक ‘बिजनेस फीचर्स’ से जुड़े हैं। इनसे हमारे द्वारा डेटा संग्रहण और उसके इस्तेमाल को लेकर और पारदर्शिता आएगी।

इससे पहले सूत्रों ने कहा था कि सरकार व्हॉट्सएप द्वारा हाल में घोषित निजता नीति में बदलाव की समीक्षा कर रही है।

सूत्रों ने कहा था कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में व्हॉट्सएप के हालिया कदम के प्रभाव पर विचार-विमर्श चल रहा है।

वहीं व्हॉट्सएप ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर सरकार के किसी भी सवाल का जवाब देने को तैयार है। व्हॉट्सएप के प्रमुख विल कैथकार्ट ने कहा कि कंपनी भारत के उपयोक्ताओं की निजता और सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है।

भारत अपनी बड़ी आबादी और इंटरनेट की स्वीकार्यता की वजह से फेसबुक जैसी इंटरनेट कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण बाजार है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरससंचार बाजार और डेटा का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। 30 अक्टूबर, 2020 तक देश में कुल फोन कनेक्शनों की संख्या 117 करोड़ थी। इसमें से 115 करोड़ मोबाइल कनेक्शन हैं।

एरिक्सन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में भारतीय प्रतिमाह औसत 12 जीबी डेटा का इस्तेमाल कर रहे थे। यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। 2025 तक यह आंकड़ा 25 जीबी प्रतिमाह हो जाएगा।

व्हॉट्सएप की प्रतिद्वंद्वी टेलीग्राम ने पिछले कुछ दिन में वैश्विक स्तर पर 2.5 करोड़ नए उपयोक्ता जोड़े हैं। हालांकि, उसने भारत के आंकड़े नहीं दिए हैं, लेकिन कहा है कि 38 प्रतिशत नए उपयोक्ता एशिया में जोड़े गए हैं।

सिग्नल को भी अपनी सुगम और सरल सेवा शर्तों तथा निजता नीति की वजह से इस घटनाक्रम का फायदा होने की उम्मीद है।

भारत का आईटी मंत्रालय व्हॉट्सएप से स्पष्टीकरण मांगने का फैसला जल्द लेगा;सरकार गंभीरता से व्हाट्सएप की उपयोक्ता नीति में बदलाव की समीक्षा कर रही है attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 जनवरी । सरकार व्हॉट्सएप द्वारा हाल में घोषित निजता नीति में बदलाव की समीक्षा कर रही है। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

यह समीक्षा ऐसे समय की जा रही है जबकि व्हॉट्सएप के हालिया विवादास्पद बदलावों को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इसके तहत व्हॉट्सएप के प्रयोगकर्ताओं के डेटा को फेसबुक के अन्य उत्पादों और सेवाओं से जोड़ा गया है।

सूत्रों ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में फेसबुक के स्वामित्व वाले मैसेजिंग मंच के हालिया कदम के प्रभाव पर विचार-विमर्श चल रहा है।

सूत्रों ने कहा कि इस मुद्दे पर विस्तार से समीक्षा की जरूरत है। कारोबार जगत के कई दिग्गजों सहित बड़ी संख्या में प्रयोगकर्ताओं ने इस कदम को लेकर चिंता जताई है। भारत में व्हॉट्सएप के प्रयोगकर्ताओं की संख्या 40 करोड़ से अधिक है। भारत वैश्विक स्तर पर व्हॉट्सएप के सबसे बड़े बाजारों में से है।

सूत्रों ने बताया कि व्हॉट्सएप के नीति अपडेट का मौजूदा कानूनी रूपरेखा के परिप्रेक्ष्य में आकलन किया जाएगा। आईटी मंत्रालय ने अभी तक व्हॉट्सएप से किसी तरह का स्पष्टीकरण नहीं मांगा है। हालांकि, इस बारे में जल्द फैसला हो सकता है।

व्हॉट्सएप की सेवा और निजता नीति में हालिया बदलाव को लेकर बहस छिड़ी है। व्हॉट्सएप ने पिछले सप्ताह प्रयोगकर्ताओं को ‘इन-ऐप’ अधिसूचना के जरिये इन बदलावों की सूचना दी है। व्हॉट्सएप ने कहा है कि उसके मंच का इस्तेमाल जारी रखने के लिए प्रयोगकर्ताओं को नयी शर्तों तथा नीति पर आठ फरवरी तक सहमति देनी होगी।

इसके बाद व्हॉट्सएप द्वारा फेसबुक के साथ प्रयोगकर्ताओं की सूचना को साझा करने को लेकर इंटरनेट पर बड़ी संख्या में ‘मीम्स’ चल रहे हैं। कई प्रयोगकर्ता व्हॉट्सएप के प्रतिद्वंद्वी मंचों टेलीग्राम और सिग्नल पर स्थानांतरित हो रहे हैं। इस घटनाक्रमों के बीच वैश्विक स्तर पर इन मंचों के लाखों डाउनलोड हुए हैं।

कई प्रौद्योगिकी दिग्गजों मसलन एलन मस्क ने सिग्नल जैसे अन्य मंचों का इस्तेमाल करने की वकालत की है। भारत में कई उद्योगपतियों…..महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा और फोनपे के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) समीर निगम ने कहा है कि वे व्हॉट्सएप के प्रतिद्वंद्वी मंचों पर स्थानांतरित होंगे।

महिंद्रा ने कहा कि उन्होंने सिग्नल को डाउनलोड किया है। निगम ने भी कुछ इसी तरह की बात कही है। वहीं पेटीएम के शर्मा ने ट्वीट किया है कि कब तक हमें मनमाना दोहरा मापदंड झेलना होगा।

ट्विटर की घोषणा: ‘हिंसा के और उकसावे के जोखिम’ के चलते निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट स्थायी रूप निलंबित किया गया attacknews.in

वाशिंगटन, नौ जनवरी । ट्विटर ने घोषणा की है कि उसने ‘हिंसा के और उकसावे के जोखिम’ के चलते निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट स्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। तीन दिन पहले ही ट्रंप के समर्थकों ने कैपिटल बिल्डंग में घुसकर हिंसा की थी जिसमें एक पुलिस अधिकारी समेत पांच लोगों की मौत हो गई।

कैलिफोर्निया से संचालित सोशल मीडिया कंपनी का यह अभूतपूर्व कदम ट्रंप के इस ट्वीट के बाद सामने आया कि वह 20 जनवरी को अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत नहीं करेंगे।

ट्विटर ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट से हाल ही में किये गये ट्वीट की गहन समीक्षा के बाद और विशेष रूप से ट्विटर पर तथा उसके बाहर की जा रही उनकी व्याख्या के संदर्भ को देखते हुए हमने आगे और हिंसा के जोखिम के मद्देनजर अकाउंट को स्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।’’

ट्विटर अकाउंट स्थायी रूप से निलंबित किये जाने के समय ट्रंप के 8.87 करोड़ फॉलोअर थे और वह 51 लोगों को फॉलो कर रहे थे।

ट्विटर ने कहा, ‘‘इस सप्ताह के भयानक घटनाक्रमों के संदर्भ में हमने बुधवार को यह स्पष्ट कर दिया था कि अगर आगे ट्विटर नियमों का और उल्लंघन किया गया तो इस तरह (स्थायी रूप से ट्विटर अकाउंट निलंबित करने) के कदम उठाए जा सकते हैं।’’

ट्विटर ने कहा कि माइक्रो ब्लॉगिंग साइट का ढांचा इस तरह से बनाया गया है कि लोग सीधे अपने निर्वाचित अधिकारियों और विश्व के नेताओं से जानकारियां प्राप्त करते हैं। इसे इस सिद्धांत के साथ बनाया गया है कि लोगों के पास सार्वजनिक तरीके से अपनी बात रखने का अधिकार है।

हालांकि ट्विटर पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि ये अकाउंट (खाते) इस सोशल मीडिया साइट के नियमों से ऊपर नहीं हैं और ट्विटर का इस्तेमाल हिंसा भड़काने जैसी चीजों के लिए नहीं किया जा सकता है।

अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थक बुधवार को कैपिटल बिल्डिंग में घुस गए थे और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हुए हैं। घटना के समय तीन नवम्बर को हुए चुनाव में जो बाइडन की जीत पर मुहर लगाने की संवैधानिक प्रक्रिया चल रही थी।

घटना के तुरंत बाद ट्विटर ने ट्रंप का अकाउंट 12 घंटे के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया था। फेसबुक पहले ही ट्रंप का फेसबुक अकाउंट निलंबित कर चुका है और इंस्ट्राग्राम अकाउंट बाइडन के शपथ लेने तक के लिए बंद किया जा चुका है। इस सप्ताह की शुरुआत में यूट्यूब ने भी ट्रंप की रैलियों के कई वीडियो हटाए थे, जिनमें उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधित किया।

शुक्रवार को ट्रंप ने दो उकसावे वाले ट्वीट किए थे। इनमें से एक ट्वीट में उन्होंने कहा था, ‘‘वैसे 7,50,00,000 महान अमेरिकी देशभक्त, जिन्होंने मेरे लिए, ‘अमेरिका फर्स्ट’ और ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ के लिए वोट किया, भविष्य में उनकी आवाज और ऊंची होगी। उनका अनादर नहीं किया जा सकता है या उनके साथ किसी भी रूप में पक्षपात नहीं हो सकता है।’’

वहीं दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा था कि वह 20 जनवरी को शपथ ग्रहण समारोह में नहीं जाएंगे। इसके बाद ट्विटर ने अपने बयान में कहा था कि इन दो ट्वीटों को घटनाक्रमों के व्यापक नजरिए के साथ देखा जाना चाहिए।

ट्विटर ने कहा कि इस ट्वीट का संदर्भ हिंसा करने की सोच रखनेवाले लोग उत्साहवर्द्धन के तौर पर ले सकते हैं क्योंकि अगर ट्रंप वहां नहीं जा रहे हैं, तो यह ‘सुरक्षित’ निशाना हो सकता है। वहीं ‘अमेरिकी देशभक्त’ शब्द की व्याख्या कैपिटल बिल्डिंग पर हिंसक हमले करनेवालों के समर्थन के रूप में की जा रही है।

ट्विटर ने कहा कि भविष्य में सशस्त्र प्रदर्शनों की योजनाएं ट्विटर और इसके बाहर बढ़ी हैं, जिसमें ऐसी साजिश भी सामने आई है कि 17 जनवरी को कैपिटल बिल्डिंग या राज्य कैपिटल इमारतों पर दूसरा हमला हो सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप के अलावा ट्विटर ने उनके पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन और ट्रंप समर्थक अटॉर्नी सिडनी पॉवेल के अकाउंट पर भी प्रतिबंध लगा दिया।

कैपिटल बिल्डिंग पर बुधवार को हमले के बाद सोशल मीडिया कंपनियों पर घृणा अपराधों पर कार्रवाई करने का बेहद दबाव बना हुआ है और इसमें क्यूएनॉन अकाउंटों के सफाए की बात भी है।

ट्विटर ने कहा है कि उन अकाउंटों को स्थायी तौर पर निलंबित करेंगे जो सिर्फ और सिर्फ क्यूएनॉन सामग्रियों को साझा करने के लिए हैं।

क्यूएनॉन एक ऐसी सोच और विश्वास का नाम है, जिसका जन्म इंटरनेट पर हुआ है और इसमें विश्वास करने वाले लोग यह मानते हैं कि ट्रंप गुप्त तरीके से देश के दुश्मनों और शैतान की पूजा करने वाले उन लोगों से लड़ रहे हैं जो बच्चों के यौन उत्पीड़न का रैकेट चलाते हैं

दूरदर्शन और आकाशवाणी के दर्शकों में एक सौ प्रतिशत की रिकार्ड वृद्धि; इसके कार्यक्रमों को देखने और सुनने वालों में पाकिस्तान का दूसरा स्‍थान है attacknews.in

नईदिल्ली  03 जनवरी । वर्ष 2020 में प्रसार भारती के डिजिटल चैनलों दूरदर्शन और आकाशवाणी दर्शकों में सौ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई और छह अरब मिनट तक इसे देखा गया।इस दौरान एक अरब से अधिक डिजिटल दृश्य और छह अरब डिजिटल मिनट से अधिक का प्रसारण हुआ है।

दिलचस्प बात यह है कि साल 2020 में घरेलू श्रोताओं और दर्शकों के अलावा आकाशवाणी और दूरदर्शन के कार्यक्रमों को देखने और सुनने वालों में पाकिस्तान का दूसरा स्‍थान है और संयुक्‍त राज्‍य अमरीका भी इसके आसपास है।

प्रसार भारती के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि वर्ष 2020 के दौरान, न्यूजऑनएयर ऐप के साथ 25 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं को जोड़ा गया, जिसमें लाइव रेडियो स्ट्रीमिंग के साथ 30 करोड़ से अधिक दर्शक दर्ज किए गए।

एक बयान में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बताया है कि 2020 के दौरान न्यूज ऑन एयर ऐप से 25 लाख से अधिक उद्योगकर्ता जुड़े और सर्वाधिक लोकप्रिय दो सौ से अधिक सीधे रेडियो प्रसारणों में तीस करोड़ से अधिक सुझाव मिले। डीडी स्पोर्ट्स और आकाशवाणी स्पोर्ट्स ने इस दौरान सीधे डिजिटल प्रसारण किये हैं। प्रसार भारती अभिलेखागार और डीडी किसान शीर्ष 10 कार्यक्रमों में बने हुए हैं। पूर्वोत्तर भारत के समाचारों में डिजिटल श्रोताओं की अच्‍छी-खासी संख्‍या के साथ आकाशवाणी की पूर्वोत्‍तर सेवा भी दस प्रमुख कार्यक्रमों में बनी हुई है और इसमें एक लाख से अधिक डिजिटल दर्शक हो गये हैं।

दिलचस्प बात यह है कि दो हजार बीस में घरेलू श्रोताओं और दर्शकों के अलावा आकाशवाणी और दूरदर्शन के कार्यक्रमों को देखने और सुनने वालों में पाकिस्तान का दूसरा स्‍थान है और संयुक्‍त राज्‍य अमरीका भी इसके आसपास है।

2020 के दौरान स्कूली छात्रों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातचीत, गणतंत्र दिवस परेड 2020 और डीडी नेशनल अभिलेखागार से शकुंतला देवी का 1970 के दशक का दुर्लभ वीडियो सबसे लोकप्रिय रहे हैं। संस्कृत भाषा के लिए समर्पित एक प्रसार भारती यू ट्यूब चैनल दो हजार बीस में शुरू किया गया था जिसमें दर्शकों की सुविधा के लिए रेडियो और टीवी कार्यक्रमों को डीडी-एआईआर राष्ट्रव्यापी नेटवर्क के अंतर्गत संस्कृत में तैयार किया जा रहा है। मन की बात यूट्यूब चैनल और ट्विटर हैंडल ने 2020 में तेजी से वृद्धि हुई है। मन की बात अपडेट ट्विटर हैंडल को अब 67 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। यू ट्यूब चैनल में मन की बात के विभिन्न एपिसोड क्षेत्रीय भाषा में उपलब्‍ध हैं। विभिन्न भारतीय भाषाओं में लगभग 15 सौ रेडियो नाटक आकाशवाणी दूरदर्शन के नेटवर्क पर उपलब्‍ध है जिन्‍हें अब डिजीटल बनाकर यू ट्यूब पर अपलोड किया जा रहा है।

सब पर भारी पड़े उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,ट्विटर पर छाए योगी, घंटों टॉप ट्रेंड करता रहा हैश टैग योगी नम्बर वन attacknews.in

लखनऊ, 02 जनवरी । नव वर्ष की बधाई लेने-देने के सिलसिलों के बीच एक बार फिर ट्विटर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहस के केंद्र में हैं। साल के दूसरे दिन ट्विटराइट्स ने योगी आदित्यनाथ को सीएम नम्बर वन का खिताब दे दिया।

शनिवार को दोपहर बाद से देर रात तक योगी आदित्यनाथ ट्विटर पर टॉप ट्रेंड में रहे। लोगों ने योगी को नीति और नीयत की खुल कर सराहना की। इसी के साथ इंडिया टेंडिंग में हैश टैग योगीजी_नम्बर_01 ट्रेंड करता रहा। लोगों ने यूपी की कानून व्यवस्था को शानदार बताते हुए योगी की जीरो टॉलरेंस नीति और अपराधियों को ‘बेल नहीं जेल पसंद’ होने की बात कही तो कइयों ने कोविड काल मे चीन से यूपी शिफ्ट हुई तमाम कम्पनियों के हवाला देते हुये उत्तर प्रदेश को उद्यम प्रदेश लिखा। सोशल मीडिया पर लोगों ने योगी को ईमानदार, विजनरी, साफगोई और दृढ़ संकल्प वाला नेता कहा।

इससे पहले साल के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी जरूरतमंद लोगों को आवासीय सुविधा देने की अभिनव योजना ‘ पीएम आवास योजना (शहरी) में सबसे अच्छा काम उत्तर प्रदेश में होने के लिये सीएम योगी को सम्मानित किया था। यही नहीं, प्रधानमंत्री ने इस योजना के अन्तर्गत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले नगर निकाय (नगर पालिका परिषद श्रेणी) में मिर्जापुर नगर पालिका परिषद तथा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले नगर निकाय (नगर पंचायत श्रेणी) के अन्तर्गत प्रदेश की मलिहाबाद व हरिहरपुर नगर पंचायत तथा उत्कृष्ट पूर्ण आवास के लिये लखनऊ, आजमगढ़, हापुड़ के तीन लाभार्थियों को भी पुरस्कृत किया। योगी के इस प्रयास को सोशल मीडिया यूजर्स ने भी सलाम किया।

वर्ष 2020 में देश के सबसे तेज मुख्यमंत्रियों के लिए हुए सर्वे में योगी नंबर वन बनकर उभरे। एक न्यूज चैनल के सर्वे में वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, बंगाल की ममता बनर्जी, राजस्थान के अशोक गहलोत और मध्यप्रदेश के शिवराज सिंह चौहान पर भारी पड़े। सर्वे में नम्बर दो पर रहे उद्धव ठाकरे और योगी को मिले वोटों में भी खासा फर्क रहा। ऐसा पहली बार नहीं हुआ। कुछ माह पहले फेम इंडिया की रिपोर्ट में सबसे प्रभावशाली भारतीयों की सूची में योगी सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री चुने गये हैं।

एक जनवरी से रिलायंस जियो उपभोक्ता भी सभी नेटवर्क पर घरेलू वायस काॅल का फ्री में आनंद उठा सकेंगे,दूसरे नेटवर्क पर सभी काॅल फ्री attacknews.in

मुंबई, 31 दिसंबर । मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो ने अपने ग्राहकों को नये वर्ष का तोहफा देते हुए वादे के मुताबिक एक जनवरी से इंटरकनेक्ट उपयोग शुल्क (आईयूसी) को समाप्त करने का गुरुवार को एलान किया।

आईयूसी के तहत जियो सेवा के उपभोक्ता को उसे प्लान में मिले मिनट खत्म हो जाने पर उपभोक्ता को दूसरे नेटवर्क पर काॅल करने के लिये रीचार्ज़ करवाना पड़ता था और छह पैसे प्रति मिनट या प्रति काल शुल्क देना पंड़ता था जबकि जियो के ग्राहकों को आपस में असीमित फ्री काल की सुविधा थी।

जियो ने गुरुवार को बयान जारी करके कहा भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) निर्देशों के अनुसार’बिल और कीप दौर’ देश में एक जनवरी 2021 से लागू हो रहा है। इसे देखते हुए जियो ग्राहकों से की गई प्रतिबद्धता के अनुसार आईयूसी प्रभार खत्म कर रहा है और शुक्रवार एक जनवरी से जियो उपभोक्ता भी सभी नेटवर्क पर घरेलू वायस काॅल फ्री में आनंद उठा सकेंगे।

जियो ने कहा है कि सितंबर 2019 मे ट्राई ने जब ‘बिल एंड कीप दौर’ कार्यान्वयन की समय सीमा को बढ़ाया तो उसके पास आईयूसी शुल्क लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। जियो ने कहा ट्राई के इस व्यवस्था को लागू करने के साथ ही वह अपने ग्राहकों से किये गये वादे को तुरंत प्रभाव से अमल में ला रहा है।

ट्राई ने एक अक्टूबर 2017 को आईयूसी चार्ज 14 पैसे से घटाकर छह पैसे किया था और इसे एक जनवरी 2020 से इसे पूरी तरह खत्म करने का प्रस्ताव था, लेकिन नियामक इस पर फिर से कंसल्टेशन पेपर ले आया था इसके बाद जियो ने आईयूसी शुल्क शुरु किया था।

जियो ने शुल्क शुरु करते समय कहा था पिछले तीन सालों में वह आईयूसी चार्ज के तौर पर 13,500 करोड़ रुपए का भुगतान दूसरे ऑपरेटरों को कर चुका है। पिछले तीन सालों से आईयूसी चार्ज का बोझ ग्राहकों पर नहीं डाल रहे थे। कंपनी ने कहा था शुल्क 31 दिसंबर 2019 के बाद भी जारी रहने की आशंका को देखते हुए मजबूरन इसका बोझ ग्राहकों पर डाल रही है।

दूरसंचार कंपनियों को एक-दूसरे को आईयूसी चार्ज का भुगतान करना पड़ता है। आईयूसी चार्ज ग्राहकों द्वारा एक-दूसरे नेटवर्क पर कॉल करने की वजह से देना पड़ता है। जैसे की अगर जियो के ग्राहक एयरटेल पर कॉल करता है तो जियो को एयरटेल को आईयूसी चार्ज देने होंगे। इसकी दर ट्राई तय करती थी।

जियो के आईयूसी शुल्क खत्म करने से देश की निजी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी के 40 करोड़ से अधिक उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।

टेलीविजन के कार्यक्रमों को देखने के लिए बिना सेट टॉप बॉक्स बदले बदल सकेंगे ऑपरेटर,केंद्र सरकार ने DTH सेवा में FDI की मौजूदा 49 प्रतिशत की सीमा समाप्त की attacknews.in

नयी दिल्ली ,24 दिसंबर । सरकार ने डीटीएच सेवा में विदेशी निवेश बढ़ाने, लाइसेंस शुल्क घटाने और सभी सेवा प्रदाताओं के लिए कॉमन सेट टॉप बॉक्स की मंजूरी प्रदान कर दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में डीटीएच सेवा से जुड़े दिशा-निर्देशों में संशोधनों को मंजूरी प्रदान की गई। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बैठक के बाद बताया कि डीटीएच सेवा संबंधी दिशा-निर्देशों में कई बदलाव किये गये हैं। सेवा प्रदाता अब आपसी सहमति से बुनियादी ढाँचा जैसे स्पेक्ट्रम आदि साझा कर सकते हैं।

साथ ही सब्सक्राइबर प्रबंधन प्रणाली और कंडीशनल एक्सेस सिस्टम से जुड़े कॉमन हार्डवेयर यानी कॉमन सेट टॉप बाक्स के इस्तेमाल की भी अनुमति मिल गई है। इससे डीटीएच ऑपरेटर बदलने पर उपभोक्ताओं को सेट टॉप बॉक्स बदलने की जरूरत नहीं रहेगी।

डीटीएच सेवा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मौजूदा 49 प्रतिशत की सीमा को समाप्त कर दिया गया है। अब इस क्षेत्र में एफडीआई की सीमा उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की नीति के अनुरूप होगी।

मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय संशोधित डीटीएच दिशा-निर्देश जारी करेगा जिसके बाद ये फैसले प्रभावी होंगे।

भारत में डायरेक्‍ट टू होम (डीटीएच) सेवाएं प्रदान करने के दिशा-निर्देश में संशोधन को स्‍वीकृति 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में डायरेक्‍ट टू होम (डीटीएच) सेवाएं प्रदान करने के लिए लाइसेंस प्राप्‍त करने हेतु दिशा-निर्देश में संशोधन के प्रस्‍ताव को स्‍वीकृति दे दी है। इस निर्णय की मुख्‍य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

डीटीएच के लिए लाइसेंस वर्तमान 10 वर्ष की अपेक्षा अब 20 वर्ष की अवधि के लिए जारी किया जाएगा।

। लाइसेंस शुल्‍क को जीआर के 10 प्रतिशत से एजीआर के 8 प्रतिशत तक संशोधित किया गया है। जीआर से जीएसटी को घटाकर एजीआर की गणना की जाएगी।

·         III. लाइसेंस शुल्‍क वर्तमान में वार्षिक आधार के स्‍थान पर अब त्रिमासिक आधार पर इकट्ठा किया जाएगा।

·         IV. डीटीएच संचालकों को उनके द्वारा दिखाए जाने वाले कुल अनुमति प्राप्‍त प्‍लेटफॉर्म चैनलों की क्षमता से अधिकतम 5 प्रतिशत के संचालन को अनुमति दी जाएगी। एक डीटीएच संचालक से प्रति पीएस चैनल के लिए 10,000 रुपये का नॉन-रिफंडेबल पंजीकरण शुल्‍क लिया जाएगा।

स्‍वैच्छिक आधार पर डीटीएच संचालकों के बीच बुनियादी ढांचे को साझा करने की इच्‍छा रखने वाले डीटीएच संचालकों को डीटीएच प्‍लेटफॉर्म और टीवी चैनलों की ट्रांसपोर्ट स्‍ट्रीम को साझा करने की अनुमति दी जाएगी।

टीवी चैनलों के वितरकों को अपनी ग्राहक प्रबंधन प्रणाली (एसएमएस) और कंडीशनल ऐक्सेस सिस्‍टम (सीएएस) आवेदनों के लिए समान हार्डवेयर को साझा करने की अनुमति दी जाएगी।

·         VI. मौजूदा डीटीएच दिशा-निर्देशों में 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को समय-समय पर संशोधित एफडीआई के अनुसार सरकार की वर्तमान (डीपीआईआईटी) नीति के अनुरूप संरेखित किया जाएगा।

संशोधित डीटीएच दिशा-निर्देशों के अनुरूप निर्णय प्रभावी होगा और इसे सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी किया जाएगा।

प्रस्‍तावित कटौती का अभिप्राय लाइसेंस शुल्क व्यवस्था को दूरसंचार क्षेत्र के अनुकूल बनाना है। यह अंतर डीटीएच सेवा प्रदाताओं को विस्तारित अभियानों में और अधिक निवेश और इसके फलस्वरूप लाइसेंस शुल्क के नियमित भुगतान में उन्हें और सक्षम बना सकता है। प्लेटफॉर्म सेवाओं के लिए पंजीकरण शुल्क से करीब 12 लाख रुपये के राजस्व सृजन की संभावना है। डीटीएच संचालकों के द्वारा बुनियादी ढ़ांचे को साझा करने से दुर्लभ उपग्रह संसाधनों का उपयोग और कुशल तरीके से करते हुए ग्राहकों के द्वारा अदा की जाने वाली शुल्क लागतों को कम किया जा सकता है। वर्तमान एफडीआई नीति को अंगीकृत करने से देश में अतिरिक्त विदेशी निवेश लाया जा सकेगा।

डीटीएच अखिल भारतीय स्तर पर संचालित है। डीटीएच क्षेत्र एक अत्यधिक रोजगार प्रदाता क्षेत्र है। यह सीधे तौर पर डीटीएच संचालकों को रोजगार देने के साथ-साथ कॉल सेंटरों में कार्यरत कार्मिकों के अलावा जमीनी स्तर पर अप्रत्यक्ष रूप से काफी बड़ी संख्या में इन्सटॉलरों को रोज़गार प्रदान करता है। दीर्घकालीन लाइसेंस अवधि और नवीनीकरण पर स्पष्टता के साथ-साथ सरल एफडीआई सीमा जैसे संशोधित डीटीएच दिशा-निर्देशों से स्थिरता की निष्पक्ष स्थिति और डीटीएच क्षेत्र में नए निवेशों के अलावा रोज़गार अवसरों को सुनिश्चित किया जा सकेगा।