भारत में शनिवार देर रात 24 घंटों में कोरोना के 65,455 नये मामले आने के साथ ही संक्रमितों की संख्या 2 करोड़ 94 लाख 24 हजार के पार,मृतकों की संख्या 3 लाख 70 हजार 168 हुई attacknews.in

नयी दिल्ली 12 जून । देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ने और इस महामारी को मात देने वालों की संख्या में निरंतर इजाफे से रिकवरी दर बढ़कर 95.21 फीसदी हो गयी है वहीं सक्रिय मामलों की दर घटकर 3.49 प्रतिशत रह गयी है।

विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से शनिवार देर रात तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में 65,455 नये मामले आने के साथ ही संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर दो करोड़ 94 लाख 24 हजार 006 हो गया। इस दौरान एक लाख 11 हजार 734 मरीज स्वस्थ हुए हैं जिसे मिलाकर देश में अब तक दो करोड़ 80 लाख 15 हजार 044 लोग इस महामारी को मात दे चुके हैं। सक्रिय मामले 53 हजार 409 और कम होकर 10 लाख 27 हजार 271 रह गये हैं।

पिछले 24 घंटों के दौरान 3,061 मरीज अपनी जान गंवा बैठे और इस बीमारी से मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर तीन लाख 70 हजार 168 हो गयी है। देश में कोरोना से मृत्यु दर अभी 1.25 फीसदी है।

महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में सक्रिय मामले 9,151 घट कर 1,55,474 हो गये हैं। इसी दौरान राज्य में 14,910 और मरीज स्वस्थ हुए जिससे संक्रमणमुक्त होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 56,31,767 हो गयी है जबकि 1,966 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 1,08,333 हो गयी है।

केरल में इस दौरान सक्रिय मामले 4,934 और घट कर 1,29,488 पहुंच गये हैं। राज्य में 18,172 लोगों के स्वस्थ हाेने से इस वायरस से निजात पाने वालों की कुल संख्या 25,75,769 हो गयी जबकि 171 और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 10,975 हो गयी है।

कर्नाटक में कोरोना वायरस के राज्य में सक्रिय मामले 11,994 और घटकर अब 1,91,796 रह गये हैं।वहीं 144 और लोगों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 32,788 हो गया है। राज्य में अब तक 25,32,719 मरीज स्वस्थ हुए हैं।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के सक्रिय मामले 312 कम हुए हैं और अब इनकी संख्या 3,610 रह गयी है। यहां 28 और मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 24,800 पर पहुंच गया जबकि 14,02,474 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं।

मध्यप्रदेश में शुक्रवार को कोरोना के 397 नए मामले आए सामने,35 लोगों की मौत, अबतक संक्रमितों की संख्या 7,87,572 और मृतकों की संख्या 8,510 हुई attacknews.in

भोपाल, 11 जून । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के 397 नये मामले सामाने आये है, वहीं इस महामारी से 35 लोगों की जान चली गयी।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से देर शाम जारी बुलेटिन के अनुसार आज 79,261 सैंपल की जांच में 397 लोगों में कोरोना संक्रमण के लक्षण मिले है। और वहीं 7,8864 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव पाये गये। वहीं 172 सैंपल को रिजेक्ट कर दिया गया। आज संक्रमण दर 0़ 5 प्रतिशत रही। इस तरह राज्य में अब तक 7,87,572 लोग संक्रमित हो चुके हैं, हालाकि इनमें से अब तक 7,73,615 लोग ठीक हो चुके हैं।

मध्यप्रदेश में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 397 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या 7,87,572 तक पहुंच गयी।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी । अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में तीन महीने से अधिक समय बाद 400 से कम कोरोना वायरस संक्रमण के मामले आये हैं।

राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से प्रदेश में 35 और व्यक्तियों की मौत हुई है। प्रदेश में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 8,510 हो गयी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 52 जिलों में से तीन जिलों भिण्ड, टीकमगढ़ एवं शाजापुर में पिछले 24 घंटों में एक भी नया कोरोना संक्रमित व्यक्ति नहीं पाया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शुक्रवार को कोविड-19 के 117 नये मामले इंदौर में आये, जबकि भोपाल में 97 एवं जबलपुर में 34 नये मामले आये।

अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 7,87,572 संक्रमितों में से अब तक 7,73,516 मरीज स्वस्थ हो गये हैं और 5,447 मरीजों का इलाज चल रहा है।

उन्होंने कहा कि शुक्रवार को कोविड-19 के 1,240 रोगी स्वस्थ हुए हैं।

मध्यप्रदेश में गुरुवार को मिले 420 कोरोना के नए मरीज, 34 की मृत्यु:अबतक संक्रमितों की संख्या 7,87,175 और मृतकों की संख्या 8475 हुई attacknews.in

भोपाल, 10 जून। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के 420 नये मामले सामाने आये है, वहीं इस महामारी से 34 लोगों की जान चली गयी।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से देर शाम जारी बुलेटिन के अनुसार आज 76,469 सैंपल की जांच में 420 लोगों में कोरोना संक्रमण के लक्षण मिले है।

और वहीं 7,6049 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव पाये गये।

वहीं 375 सैंपल को रिजेक्ट कर दिया गया।

आज संक्रमण दर 0़ 5 प्रतिशत रही।

इस तरह राज्य में अब तक 7,87,175 लोग संक्रमित हो चुके हैं, हलाकि इनमें से अब तक 7,72,375 लोग ठीक हो चुके हैं।

वर्तमान स्थिति में एक्टिव केस (उपचाररत मरीज) की संख्या 6325 है।

आज 34 लोगों की मृत्यु दर्ज किए जाने के साथ ही अब तक 8475 संक्रमितों की मौत हुयी है।

वहीं आज राज्य भर से 1132 लोग संक्रमण से मुक्त हुए है।

राज्य के इंदौर में 129, भोपाल 107, ग्वालियर में 7, जबलपुर में 37, उज्जैन में 9, रतलाम में 6, सागर में 9, रीवा में 8, खरगोन में 8 नये मामले सामने आये हैं।

शेरों को हुआ कोरोना;अन्ना प्राणी उद्यान चेन्नई की दो शेरनी और एक शेर संक्रमित attacknews.in

बरेली 10 जून । तमिलनाडु के अरिगनर अन्ना प्राणी उद्यान चेन्नई की दो शेरनी और एक शेर में संक्रमित मिले है। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) की प्रयोगशाला में सैंपल जाँच में इसकी पुष्टि की गयी है।

संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉ के पी सिंह ने गुरूवार को बताया कि तमिलनाडु के अरिगनर अन्ना प्राणी उद्यान चेन्नई से चार सैंपल टाइगर और दो सैंपल शेरनी और एक सैंपल शेर का आया था ।

आईवीआरआई की प्रयोगशाला में चार टाइगरों के सैंपलों की हुयी जाँच में चारों सारा कोव-2 कोरोना और डिस्टेम्पर निगेटिव मिले है जबकि एक शेरनी में सारा कोव-2 (कोरोना) और डिस्टेंपर पॉजिटिव मिले है। एक अन्य शेरनी में सारा कोव-2 (कोरोना) पॉजिटिव और तीसरे शेर में डिस्टेंपर पॉजिटिव मिला है। इसकी सूचना अरिगनर अन्ना प्राणी उद्यान चेन्नई के अधिकारियों को भेजी जा रहे है।

केंद्र सरकार कोरोना टीकों के स्टाॅक और टेम्प्रेचर जैसी सूचनाओं के संवेदनशील ई-विन आंकड़ों का दुरुपयोग और उनकी गैर-कानूनी कारोबारी हरकतों को रोकने के लिये सख्त कार्रवाई को तैयार attacknews.in

नईदिल्ली 10जून । केंद्र सरकार कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम और उससे सम्बंधित आंकड़ों में पारदर्शिता लाने तथा कोविन पर उसकी उपलब्धता के लिये कटिबद्ध
केंद्र सरकार “समग्र सरकारी तंत्र” की भावना के तहत प्रभावशाली टीकाकरण अभियान चलाने के लिये इस वर्ष 16 जनवरी से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों का सहयोग करती रही है।

देशभर में कोविड-19 की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये केंद्र सरकार ने तमाम कदम उठाये हैं। इस सिलसिले में आपूर्ति श्रृंखला और टीकों का भंडारण भी बहुत अहमियत रखता है।

कुछ मीडिया रिपोर्टों में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के उस पत्र का हवाला दिया गया है, जो उन्होंने ई-विन इनवेंट्री (वस्तु सूची या टीकों की फेहरिस्त) और तापमान आंकड़ों के बारे में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को लिखा था।

केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे वैक्सीन के भंडार और जहां उन्हें रखा गया है, वहां के तापमान की पूरी जानकारी और मूल्यांकन ई-विन के जरिये साझा करने से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अनुमति जरूर लें।

ऐसा करने का मकसद यही है कि इन आंकड़ों का गलत इस्तेमाल कोई एजेंसी अपने कारोबारी लाभ के लिये न कर सके।

उल्लेखनीय है कि सार्वभौमिक रोग-प्रतिरक्षा कार्यक्रम (यूनीवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम – यूआईपी) के तहत कई वैक्सीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है और उन वैक्सीनों के तापमान के बारे में भी आंकड़े उपलब्ध हैं। किसी खास वैक्सीन के इस्तेमाल के रुझान के बारे में बहुत सी अहम सूचनायें होती हैं। अन्य वैक्सीनों के मद्देनजर सम्बंधित विशेष वैक्सीन से जुड़े अनुसंधान, कोल्ड-चेन उपकरणों की जानकारी के साथ-साथ बाजार में दखलंदाजी करने के लिये आंकड़ों का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।

यह बात बहुत अहम है कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ई-विन इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहा है, जिसमें यूआईपी के तहत पिछले छह साल से अधिक समय से इस्तेमाल होने वाली वैक्सीनें शामिल हैं। स्टॉक, भंडारण और तापमान से जुड़े संवेदनशील आंकड़ों को स्वास्थ्य मंत्रालय की पूर्वानुमति के बिना साझा नहीं किया जा सकता।

कोविड-19 वैक्सीन के स्टॉक, खपत, बची हुई वैक्सीन का आंकड़ा कोविन प्लेटफार्म पर उपलब्ध रहता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इसे नियमित तौर पर और पारदर्शिता के साथ साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस और दैनिक प्रेस विज्ञप्ति के जरिये मीडिया तथा जनता के सामने पेश करता है।

कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम में पारदर्शिता लाने के लिये केंद्र सरकार कटिबद्ध है। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने वैक्सीन की सूचना प्रौद्योगिकी आधारित ट्रैकिंग करने का उपाय किया है। कोविन के जरिये वैक्सीन को लाभार्थियों तक पहुंचने की पूरी ट्रैकिंग की जाती है। इसका मकसद यही है कि नियमित रूप से सूचना को आम जनता के साथ साझा किया जाये।

मध्यप्रदेश में 15 जुलाई तक जेल के 49 हजार सभी बंदियों का वैक्सीनेशन कराने के सभी कलेक्टर्स को आदेश जारी attacknews.in

भोपाल, 10 जून । मध्यप्रदेश में कोरोना संकट पर पूरी तरह नियंत्रण पाने के प्रयासाें के बीच राज्य की जेलों में मौजूद लगभग 49 हजार सभी बंदियों का कोरोना वैक्सीनेशन 15 जुलाई तक कराने के आदेश आज सभी कलेक्टरों को जारी किए गए।

राज्य के जेल विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा और स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी आदेश सभी 52 जिलों के कलेक्टरों को भेज दिया गया है।

इसमें कहा गया है कि राज्य की सभी जेलों में निरुद्ध बंदियों का कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य 15 जुलाई तक (45 दिनों में) शत प्रतिशत पूर्ण करना है। यह कार्य एक जून से प्रारंभ हो गया है।

आदेश के मुताबिक इसके अलावा टीके की दूसरी डोज केंद्र सरकार की ओर से नियत अवधि में लगाया जाना सुनिश्चित किया जाए।

कैदियों का शत-प्रतिशत टीकाकरण 15 जुलाई तक : नरोत्तम

मध्यप्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया है कि मध्यप्रदेश की जेलों में निरुद्ध समस्त बंदियों का टीकाकरण 15 जुलाई तक सुनिश्चित किया जाएगा।

डॉ मिश्रा ने बताया कि टीकाकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव (जेल) डॉ. राजेश राजौरा ने बताया है कि बंदियों के टीकाकरण का कार्य एक जून से प्रारंभ कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव जेल और अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा संयुक्त हस्ताक्षर से जारी आदेशानुसार स्वास्थ्य और जेल विभाग द्वारा कार्य को तत्परता से किया जा रहा है।

डॉ. राजौरा ने बताया है कि अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है कि 45 दिवस के अंदर जेलों में निरुद्ध समस्त बंदियों का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। टीके का दूसरा डोज़ भारत सरकार द्वारा नियत अवधि में लगाया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। मध्यप्रदेश की 131 जेलों में 49 हजार सजायाफ्ता-विचाराधीन कैदी हैं। अभी इनमें से 7 हजार 100 कैदियों का टीकाकरण हुआ है।

कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप अत्यधिक संक्रामक,ब्रिटेन में 12 से 20 वर्ष के लोगों के बीच बहुत तेजी से फैला,सबसे पहले भारत में अक्टूबर माह में सामने आया, 62 देशों में फैल चुका है attacknews.in

बाइडन, डॉ.फाउची ने कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के प्रति आगाह किया

वाशिंगटन, 10 जून । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके मुख्य सलाहकार डॉ. एंथनी फाउची ने आगाह किया है कि नोवेल कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप अत्यधिक संक्रामक है और ब्रिटेन में यह 12 से 20 वर्ष के लोगों के बीच बहुत तेजी से फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल में कहा था कि कोविड-19 का डेल्टा स्वरूप या ‘B1.617.2’ स्वरूप सबसे पहले भारत में गत अक्टूबर माह में सामने आया था और अब यह 62 देशों में फैल चुका है।

बाइडन ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘मित्रों, कोविड-19 का अत्यधिक संक्रामक स्वरूप ‘डेल्टा’ ब्रिटेन में 12 से 20 वर्ष के लोगों के बीच बहुत तेजी से फैल रहा है। आप युवा हैं और यदि अभी तक आपने टीका नहीं लगवाया है तो अब समय आ गया है कि आप इसे लगवा लें। अपने आप को और अपने प्रियजन की रक्षा का यह सर्वश्रेष्ठ तरीका है।’’

एलर्जी एवं संक्रामक रोगों के राष्ट्रीय संस्थान (एनआईएआईडी) के निदेशक डॉ. फाउची ने कहा कि अमेरिका में जिन मामलों की जिनोम श्रंखला देखी जा रही है उनमें से छह फीसदी से अधिक मामलों में डेल्टा स्वरूप पाया गया है तथा वास्तविक संख्या अधिक हो सकती है क्योंकि जिनोम श्रंखला केवल कुछ ही मामलों देखी जा रही है।

डॉ. फाउची ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘ब्रिटेन में यह स्वरूप (डेल्टा) हावी हो चुका है और एक अनुमान के मुताबिक वहां पर नए मामलों में से 60 फीसदी इसी की वजह से हैं। यह ब्रिटेन में सबसे पहले सामने आए अल्फा स्वरूप या B.1.1.7 के मुकाबले अधिक फैल चुका है तथा 12 से 20 वर्ष के लोग इससे बहुत तेजी से संक्रमित हो रहे हैं। हम अमेरिका में यह नहीं होने दे सकते।’’

राष्ट्रपति जो बाइडन ने चार जुलाई तक 70 फीसदी अमेरिकियों को टीके की कम से कम एक खुराक देने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

मध्यप्रदेश में बुधवार को मिले 453 कोरोना के नए मरीज, 36 की मृत्यु;अबतक संक्रमितों की संख्या 7,86,755 और मृतकों की संख्या 8441 हुई attacknews.in

भोपाल, 09 जून मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले में जांच किये गये 77 हजार 110 सैंपलों में से आज 453 कोरोना के मरीज मिले है।इस संक्रमित महामारी से आज भी 36 लोगों की जान चली गयी।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से देर शाम जारी बुलेटिन के अनुसार आज 77,110 सैंपल की जांच में 453 लोगों में कोरोना संक्रमण के लक्षण मिले है।

और वहीं 766,57 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव पाये गये।

वहीं 271 सैंपल को रिजेक्ट कर दिया गया।

आज संक्रमण दर 0़ 5 प्रतिशत रही।

इस तरह राज्य में अब तक 7,86,755 व्यक्ति संक्रमित हो चुके हैं और इनमें से 7,71,243 लोग ठीक हो चुके हैं।

वर्तमान स्थिति में एक्टिव केस (उपचाररत मरीज) की संख्या 7071 है।

आज 36 लोगों की मृत्यु दर्ज किए जाने के साथ ही अब तक 8441 संक्रमितों की मौत हुयी है।

वहीं आज राज्य भर से 1339 लोग संक्रमण से मुक्त हुए है।

प्रदेश में कोरोना के नए प्रकरणों की संख्या 500 से कम हो गई है।

आज 453 नए प्रकरण आए और 1329 मरीज स्वस्थ हुए हैं।

एक्टिव प्रकरण 7071 हो गए हैं।

सात दिनों की पॉजिटिविटी दर 0.8 प्रतिशत और आज की पॉजिटिविटी दर 0.6 प्रतिशत है।

प्रदेश के 6 जिलों में ही अब 10 से अधिक कोरोना के नए प्रकरण आए हैं।

इंदौर में 144, भोपाल में 104, जबलपुर में 39, उज्जैन में 13, बैतूल में 12 तथा रतलाम में 11 नए प्रकरण आए हैं।

प्रदेश के 10 जिलों अलीराजपुर, भिंड, दतिया, डिंडोरी, गुना, हरदा, मंडला, श्योपुर, सिंगरौली और टीकमगढ़ में कोरोना का कोई भी नया प्रकरण नहीं आया है।

अलीराजपुर जिला पूर्ण रूप से कोरोना संक्रमण मुक्त है।

बुरहानपुर और छतरपुर जिले में कोरोना के एक्टिव प्रकरण सिंगल डिजिट में हैं।

प्रदेश के दो जिले इंदौर एवं भोपाल में ही साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 2 प्रतिशत से अधिक है।

इंदौर में साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 2.1 प्रतिशत तथा भोपाल में 2.2 प्रतिशत है।

प्रदेश में कोरोना के 3135 मरीज अस्पतालों में उपचाररत हैं।

इनमें से 1315 मरीज आईसीयू में, 1227 मरीज ऑक्सीजन बैड्स पर और 593 मरीज सामान्य बैड्स पर हैं।

होम आयसोलेशन में 3936 मरीज हैं।

बैतूल जिले के आदिवासी बहुल 47 गांवों के एक भी ग्रामीण ने  नहीं लगवाई कोरोना वैक्सीन;मन में धारणा भर गई कि,बीमार हो जाएंगे,जल्दी मौत हो जाएगी, नपुंसक हो जाएंगे,दिखना बहुत कम हो जाएगा attacknews.in

बैतूल, 09 जून । मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में करीब आधा सैकड़ा गांवों के लोग वैक्सीन लगाने से परहेज कर रहे है, जिसका असर टीकाकरण अभियान पर पड़ रहा है।

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर अरविंद भट्ट ने आज बताया कि जिले के दस विकासखंड के करीब 1400 गांव में करीब 47 ऐसे गांव चिन्हित किए है जहॉ पर अभी तक एक भी व्यक्ति ने वैक्सीन नही लगाई है। इनमें आदिवासी गांवों की संख्या बहुत ज्यादा है। यहॉ के ग्रामीणों के मन में यह धारणा भर गई है कि यदि उन्होंने वैक्सीन लगाई तो बीमार हो जाएंगे और जल्दी मौत हो जाएगी। वैक्सीन लगने से नपुंसक हो जाएंगे। आंख में दिखना बहुत कम हो जाएगा।

बैतूल जिले के 47 गांव में अब तक एक भी व्यक्ति ने वैक्सीन नहीं लगवाई । बैतूल के ये गांव आदिवासी बाहुल्य हैं जहां के एक भी शख्स ने वैक्सीन नहीं लगवाई ।

वैक्सीन को लेकर मध्य प्रदेश के आदिवासियों में इतना डर है कि गांव के गांव वैक्सीन लगवाने से मना कर चुके हैं। राजधानी भोपाल से करीब 250 किलोमीटर दूर बैतूल जिले के गुराड़िया गांव जो पहाड़ों के बीच है। गांव में कोरकू जनजाति के करीब 600 लोग रहते हैं लेकिन किसी ने भी वैक्सीन नहीं लगवाई ।

कोरकू आदिवासियों में वैक्सीन को लेकर डर भरा हुआ है और लोग वैक्सीन का नाम सुनते ही बिदक रहे हैं । एक महिला से जब इसे लेकर पूछा गया तो वह वहां से जाने लगी।महिला ने कहा कि हम कोरोना का टीका नहीं लगाते. हमारे जंगलों में कोरोना नहीं है।महिला ने कहा कि टीका लगाने वाला आ जाए तब भी हम नहीं लगवाएंगे।शहरों में लोग गंदगी में रहते हैं।

महिला ने यह भी दावा किया कि आप बता दो हमारे इलाके में कोई कोरोना से मरा हो।

एक आदिवासी युवक ने भी कहा कि यहां कोरोना-वोरोना नहीं है. जो कोरोना का टीका लगाते जा रहे वो आदमी मरते जा रहे हैं. युवक अभी बोल ही रहा था महिलाएं चिल्लाने लगीं और वह चला गया।

कड़क सिंह भी कोरोना का टीका नहीं लगवाए कहकर चले गए और पूछने पर दूर से हाथ हिलाकर मना कर दिया।गांव में एक शख्स ऐसा नहीं मिला जिसने वैक्सीन लगवाई हो।गांव में लोग बात करने से भी कन्नी काटते नजर आए।

सतपुड़ा के जंगलों में रहती हैं कोरकू जनजाति :

दरअसल, कोरकू जनजाति के लोग सतपुड़ा के जंगलों और पहाड़ों से घिरे इलाकों में पाए जाते हैं। इनमे से ज्यादातर या तो मक्के की छोटी-मोटी खेती करते हैं या तेंदूपत्ता की मजदूरी से अपना घर चलाते हैं।बेहद गरीबी में जीवन बिताने वाले कोरकू जनजाति के लोग ज्यादा पढ़े-लिखे भी नहीं होते और यही एक बड़ी वजह है कि वैक्सीन को लेकर इनके बीच यह डर इतनी तेजी से फैला है।

जिले के टीकाकरण अधिकारी भी यह मान रहे हैं कि वैक्सीन को लेकर आदिवासी बाहुल्य गांवों में अफवाहों का बाजार गर्म है और ऐसे गांवों की संख्या 47 है जहां एक भी शख्स ने अब तक वैक्सीन नहीं लगवाई है।

क्या कहते हैं टीकाकरण अधिकारी

बैतूल के जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर अरविंद भट्ट ने कहा कि जिले में करीब 14 सौ गांव हैं. इनमें से 47 गांव में एक भी आदमी ने वैक्सीन नहीं लगवाई है. उन्होंने बताया कि अकेले भीमपुर ब्लॉक में ही 33 गांव ऐसे हैं जहां आदिवासी आबादी अधिक है. डॉक्टर भट्ट ने कहा कि इन गांवों में गया भी हूं और बात भी की है. उन्होंने कहा कि इन गांवों के लोगों में वैक्सीन को लेकर भ्रम की स्थिति है. उनके मन यह बात घर कर गई है कि वैक्सीन लगवाने से लोग बीमार पड़ रहे हैं या मर रहे हैं।

मध्यप्रदेश में मंगलवार को मिले 535 कोरोना के नए मरीज, 36 की मृत्यु:अबतक संक्रमितों की संख्या 7,86,302 और मृतकों की संख्या 8,405 हुई attacknews.in

भोपाल, आठ जून । मध्य प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 535 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या 7,86,302 तक पहुंच गयी।

राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से प्रदेश में 36 और व्यक्तियों की मौत हुई है। प्रदेश में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 8,405 हो गयी है। यह जानकारी मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने दी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 52 जिलों में से छह जिलों- कटनी, सिंगरौली, छतरपुर, टीकमगढ़, अलीराजपुर एवं भिण्ड में पिछले 24 घंटों में एक भी नया कोरोना संक्रमित व्यक्ति नहीं पाया गया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में मंगलवार को कोविड-19 के 179 नये मामले इंदौर में आये, जबकि भोपाल में 124 एवं जबलपुर में 46 नये मामले आये।

अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 7,86,302 संक्रमितों में से अब तक 7,69,914 मरीज स्वस्थ हो गये हैं और 7,983 मरीजों का इलाज चल रहा है।

उन्होंने कहा कि मंगलवार को कोविड-19 के 1,376 रोगी स्वस्थ हुए हैं।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले में राहत मिली है। प्रदेश भर में जांच किये गये 75 हजार 982 सैंपलों में केवल 535 संक्रमित पाये गये। इस संक्रमित बीमारी से आज 36 लोगों की जान चली गयी।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय के अनुसार आज 75,982 सैंपल की जांच में 535 लोग पॉजीटिव मिले है और 75,447 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव पाये गये। वहीं 154 सैंपल को रिजेक्ट कर दिया गया।

आज संक्रमण दर 0़ 7 प्रतिशत रही। इस तरह राज्य में अब तक 7,86,302 व्यक्ति संक्रमित हो चुके हैं और इनमें से 7,69,914 व्यक्ति संक्रमण से निजात मिला हैं।

आगरा के पारस अस्पताल के खिलाफ योगी आदित्यनाथ ने दिये जांच के आदेश;वायरल वीडियो में संचालक डा अरिंजय जैन पर 22 मरीजों की मौत की जिम्मेदारी attacknews.in

आगरा 08 जून ।उत्तर प्रदेश के आगरा में पारस अस्पताल के संचालक डा अरिंजय जैन के वायरल वीडियो की जांच के आदेश दिये गये हैं।

वायरल वीडियो में डा जैन की आक्सीजन की कमी का हवाला देते हुये कह रहे हैं कि माक ड्रिल के जरिये यह पता करते है कि पांच मिनट के लिये आक्सीजन आपूर्ति बाधित करने से कितने मरीजों की जान पर संकट आ सकता है।

इस वायरल वीडियो पर गंभीर रूख अपनाते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिये हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा है जिसके बाद अस्पताल को सील किया जा सकता है।

अस्पताल को किया सीज़:

आगरा में श्री पारस हॉस्पिटल को सीज कर दिया गया। अस्पताल का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें ऑक्सीजन की कमी के मॉकड्रिल के दौरान 22 लोगों की मौत का दावा किया गया। पूरे मामले की जांच की जा रही है। अस्पताल को सीज करने के साथ ही संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया ।

पारस अस्पताल को सीज करने के आदेश जिलाधिकारी आगरा ने दे दिए । यह आदेश मौके पर करीब 2 घंटे जांच करने के बाद जारी किए गए ।

पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ अरिंजय जैन के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा कायम होगा।यह मुकदमा उनके द्वारा वीडियो में मोदीनगर में ऑक्सीजन खत्म होने की भ्रामक सूचना के कारण दर्ज किया जाएगा।

अस्पताल में 55 मरीज भर्ती हैं।मौके पर सीएमओ आगरा को बुला लिया गया और अस्पताल के सभी मरीजों को अन्य अस्पताल में शिफ्ट कराने की कार्यवाही शुरू की गई । इस पूरी घटना पर लखनऊ से लेकर आगरा तक हड़कंप मच गया ।.लखनऊ से पूरी घटना की जांच की मॉनीटरिंग की जा रही है। अभी हॉस्पिटल को सीज किया गया है।

आगरा प्रशासन ने जारी किया ऑक्सीजन स्टेटस

आगरा प्रशासन ने 25 मई से से लेकर 27 मई तक के बीच ऑक्सीजन सिलेंडर का स्टेटस जारी किया । प्रशासन के मुताबिक 25 अप्रैल को आपूर्तित सिलेंडर की संख्या 149 था, वहीं 20 सिलेंडर रिजर्व रखे गए थे. 26 अप्रैल को 121 आपूर्तित सिलेंडर थे, वहीं 15 सिलेंडर रिजर्व रखे गए थे. 27 अप्रैल को 117 सिलेंडर थे, वहीं 16 सिलेंडर रिजर्व रखे गए थे।

क्या है पूरा मामला

आगरा के पारस अस्पताल के मालिक डॉ. अरिंजय जैन का एक वीडियो सामने आया, इसमें डॉक्टर को ये कहते हुए सुना जा रहा है कि 26 अप्रैल को अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई थी. इस वजह से 5 मिनट के लिए ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी। इससे 22 मरीजों की मौत हो गई. इस मामले में डॉ. अरिंजय ने ये तो माना है कि आवाज उन्हीं की है। लेकिन वो सारे आरोपों को खारिज करते हैं।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा : कोरोना संक्रमण पूर्ण रूप से समाप्त हो तथा दोबारा न बढ़े,आवश्यक है कि हर व्यक्ति कोविड अनुकूल व्यवहार करे तथा वैक्सीन लगवाए attacknews.in

भोपाल, 08 जून। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण पूर्ण रूप से समाप्त हो तथा दोबारा न बढ़े, इसके लिए आवश्यक है कि हर व्यक्ति कोविड अनुकूल व्यवहार करे तथा वैक्सीन लगवाए। इन पर विशेष ध्यान दिया जाए।

श्री चौहान आज मंत्रालय में कोरोना की‍ स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में अनलॉक प्रक्रिया पर पूरी नजर रखी जाए। कहीं भी कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए लोगों को जागरूक किए जाने के साथ ही सख्ती भी की जाए।
बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे।

प्रदेश में कोरोना के 535 नए प्रकरण आए हैं, 1376 स्वस्थ हुए हैं तथा एक्टिव मरीजों की संख्या 7983 है। प्रदेश की 07 दिनों की औसत पॉजिटिविटी 0.9 प्रतिशत तथा आज की पॉजिटिविटी 0.7 प्रतिशत है।
प्रदेश के कुल एक्टिव मरीजों में से 4521 होम आयसोलेशन में तथा 3462 अस्पतालों में हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों में से 1421 आई.सी.यू. में, 1326 ऑक्सीजन बेड्स पर तथा 715 सामान्य बिस्तरों पर हैं।

प्रदेश में 07 जिलों में 10 से अधिक कोरोना के प्रकरण आए हैं। इंदौर में 179, भोपाल में 124, जबलपुर में 46, रतलाम में 13, ग्वालियर में 12, खरगौन में 11 तथा अनूपपुर में 11 नए प्रकरण आए हैं।

प्रदेश के पाँच जिलों इंदौर, भोपाल, जबलपुर, रतलाम तथा बैतूल जिलों में ही 1 प्रतिशत से अधिक साप्ताहिक पॉजिटिविटी है। शेष 47 जिलों में 01 प्रतिशत से कम साप्ताहिक औसत पॉजिटिविटी है।
प्रदेश के 06 जिलों अलीराजपुर, भिंड, छतरपुर, कटनी, सिंगरौली एवं टीकमगढ़ में कोरोना का कोई प्रकरण नहीं आया है। चार जिलों अशोकनगर, मुरैना, सीहोर तथा श्योपुर में 01-01 नए प्रकरण आए हैं। अलीराजपुर कोरोना मुक्त है‍।

श्री चौहान ने निर्देश दिए कि कोरोना वैक्सीनेशन के प्रति लोगों में जागरूकता लाई जाए। इससे संबंधित सभी भ्रांन्तियों को दूर किया जाए 18 प्लस के हर व्यक्ति का वैक्सीनेशन हो तथा वैक्सीने का एक भी डोज बेकार नहीं जाए।

उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों को कोरोना कर्फ्यू से मुक्त कर दिया गया,सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक बाजार खोले जाएंगे;बिहार में लॉकडाउन समाप्त, अब एक सप्ताह के लिए रात्रि कर्फ्यू लागू attacknews.in

लखनऊ /पटना 08 जून । उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर कमजोर होती जा रही है जिसे देखते हुए प्रदेश के सभी 75 जिलों को कोरोना कर्फ्यू से मुक्त कर दिया गया।

कल बुधवार को प्रदेश के सभी जिलों में सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक बाजार खोले जाएंगे। हालांकि, सिनेमाघर, मॉल और जिम पर पाबंदी लगी रहेगी। वहीं, रेस्टोरेंट खोलने की अनुमति तो रहेगी लेकिन वहां बैठकर खाने की अनुमति नहीं होगी। रेस्टोरेंट से केवल होम डिलीवरी की जा सकेगी। रात्रिकालीन कर्फ्यू और वीकेंड कर्फ़्यू पहले की तरह लागू रहेगा।

बिहार में लॉकडाउन समाप्त, अब एक सप्ताह के लिए रात्रि कर्फ्यू लागू

इधर बिहार में कोरोना की दूसरी लहर के शांत पड़ने के बाद राज्य सरकार ने पिछले पांच मई से जारी लॉकडाउन को समाप्त करते हुए बुधवार से अगले एक सप्ताह के लिए शाम 7:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया है ।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन समूह(सीएमजी) की मंगलवार को हुई बैठक में लॉकडाउन समाप्त करने और बुधवार से अगले एक सप्ताह के लिए शाम 7:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया ।

मुख्यमंत्री श्री कुमार ने खुद सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी । उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन से कोरोना संक्रमण के मामले में कमी आई है । इसलिए लाॅकडाउन खत्म करते हुये शाम 7ः00 बजे से सुबह 5ः00 बजे तक रात्रि कर्फ्यू जारी रहेगा ।

श्री कुमार ने कहा कि 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ सरकारी एवं निजी कार्यालय अपराह्न चार बजे तक खुलेंगे । दुकान खुलने की अवधि भी अपराह्न पांच बजे अपराह्न तक बढ़ा दी गई है । उन्होंने कहा कि अब निजी वाहनों को रात्रि कर्फ्यू को छोड़कर अन्य समय में चलने की अनुमति दी गई है । इसके लिए कोई ई-पास की आवश्यकता नहीं होगी ।

कोविड-19 टीकाकरण पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों का समाधान यहां विशेषज्ञों ने किया हैं कि, कोरोना का टीका कौन लगवा सकता है और कौन नहीं? attacknews.in

क्या एलर्जी वाले लोगों को टीका लगाया जा सकता है?

क्या गर्भवती महिलाएं कोविड 19 का टीका लगवा सकती हैं? स्तनपान कराने वाली माताएं भी लगवा सकती हैं?

क्या टीका लगवाने के बाद मुझमें पर्याप्त एंटीबॉडी बन जाती हैं?

क्या वैक्सीन का इंजेक्शन लगने के बाद रक्त का थक्का बनना सामान्य है?

अगर मुझे कोविड संक्रमण हो गया है, तो कितने दिनों के बाद मैं टीका लगवा सकता हूं?

ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो कोविड टीकाकरण के बारे में लोग अक्सर उठाते हैं। डॉ. वी के पॉल, सदस्य (स्वास्थ्य), नीति आयोग, और डॉ. रणदीप गुलेरिया, निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ने रविवार 6 जून को डीडी न्यूज पर एक विशेष कार्यक्रम में कोविड-19 टीकों के बारे में लोगों की विभिन्न शंकाओं का समाधान किया।

सही तथ्यों और सूचनाओं की जानकारी के लिए इसे पढ़ें, और संक्रमण से सुरक्षित रहें।

इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी अक्सर पूछे जाने वाले अन्य प्रश्नों के भी उत्तर दिये हैं

क्या एलर्जी वाले लोगों को टीका लगाया जा सकता है?

डॉ. पॉल: अगर किसी को एलर्जी की गंभीर समस्या है, तो डॉक्टरी सलाह के बाद ही कोविड का टीका लगवाना चाहिए। हालांकि, अगर यह केवल मामूली एलर्जी – जैसे सामान्य सर्दी, त्वचा की एलर्जी आदि का सवाल है, तो टीका लेने में संकोच नहीं करना चाहिए।

डॉ. गुलेरिया: एलर्जी की पहले से दवा लेने वालों को इन्हें रोकना नहीं चाहिए, टीका लगवाते समय नियमित रूप से दवा लेते रहना चाहिए। यह भी जानना महत्वपूर्ण है कि टीकाकरण के कारण उत्पन्न होने वाली एलर्जी के प्रबंधन के लिए सभी टीकाकरण स्थलों पर व्यवस्था की गई है। अतः हम सलाह देते हैं कि यदि आपको गंभीर एलर्जी हो, तो भी आप दवा लेते रहें और जाकर टीकाकरण लगवाएं।

क्या गर्भवती महिलाएं कोविड-19 का टीका लगवा सकती हैं?

डॉ पॉल: हमारे वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को टीका नहीं लगाया जाना चाहिए। इसका कारण यह है कि डॉक्टरों और वैज्ञानिक समुदाय द्वारा टीका परीक्षणों से उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर अभी गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की सिफारिश करने का निर्णय नहीं लिया जा सका है। हालांकि, भारत सरकार नए वैज्ञानिक जानकारी के आधार पर कुछ दिनों में इस स्थिति को स्पष्ट करेगी।

यह पाया जा रहा है कि गर्भवती महिलाओं के लिए कई कोविड-19 टीके सुरक्षित पाए जा रहे हैं; हमें उम्मीद है कि हमारे दो टीकों के लिए भी रास्ता खुल जाना चाहिए। हम जनता से थोड़ा और धैर्य रखने का अनुरोध करते हैं, विशेष रूप से यह देखते हुए कि टीके बहुत कम समय में विकसित किए गए हैं, और गर्भवती महिलाओं को आमतौर पर सुरक्षा चिंताओं के कारण प्रारंभिक परीक्षणों में शामिल नहीं किया जा रहा है।

डॉ. गुलेरिया: कई देशों ने गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण शुरू कर दिया है। अमरीका के एफडीए ने फाइजर और मॉडर्ना के टीकों को इसके लिए मंजूरी दे दी है। कोवेक्सीन और कोविशील्ड से संबंधित आंकड़े भी जल्द आएंगे; कुछ डेटा पहले से ही उपलब्ध है, और हम आशा करते हैं कि कुछ दिनों में, हम पूर्ण आवश्यक आंकड़े प्राप्त करने और भारत में भी गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण को मंजूरी देने में सफल होंगे।

क्या स्तनपान कराने वाली माताएं कोविड-19 टीका लगवा सकती हैं?

डॉ पॉल: इस बारे में बहुत स्पष्ट दिशानिर्देश है कि टीका स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए बिल्कुल सुरक्षित है। किसी प्रकार के भय की कोई आवश्यकता नहीं है। टीकाकरण से पहले या बाद में स्तनपान न कराने की कोई आवश्यकता नहीं है।

क्या टीका लगवाने के बाद मुझमें पर्याप्त एंटीबॉडी बन जाती हैं?

डॉ. गुलेरिया: यह समझना महत्वपूर्ण है कि हमें टीकों की प्रभावशीलता का आकलन केवल उससे उत्पन्न होने वाली एंटीबॉडी की मात्रा से नहीं करना चाहिए। टीके कई प्रकार की सुरक्षा प्रदान करते हैं – जैसे एंटीबॉडी, कोशिका-मध्यस्थ प्रतिरक्षा तथा स्मृति कोशिकाओं के माध्यम से (जो हमारे संक्रमित होने पर अधिक एंटीबॉडी उत्पन्न करते हैं)। इसके अलावा, अब तक जो प्रभावोत्पादकता परिणाम सामने आए हैं वे परीक्षण अध्ययनों पर आधारित हैं, जहां प्रत्येक परीक्षण का अध्ययन डिजाइन कुछ अलग है।

अब तक उपलब्ध आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि सभी टीकों के प्रभाव – चाहे कोवेक्सीन यो, कोविशील्ड हो या स्पूतनिक वी हो कमोबेश बराबर हैं। इसलिए हमें यह नहीं कहना चाहिए कि यह टीका या वह टीका, जो भी टीका आपके क्षेत्र में उपलब्ध है, कृपया आगे बढ़ें और अपना टीकाकरण कराएं ताकि आप और आपका परिवार सुरक्षित रहे।

डॉ. पॉल: कुछ लोग टीकाकरण के बाद एंटीबॉडी परीक्षण करवाने की सोच रहे लगते हैं। लेकिन इसकी आवश्यकता नहीं है क्योंकि अकेले एंटीबॉडी किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा का संकेत नहीं देते। ऐसा टी-कोशिकाओं या स्मृति कोशिकाओं के कारण होता है; जब हम टीका लगवाते हैं तो इनमें कुछ परिवर्तन होते हैं, वे मजबूत हो जाते हैं और प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त कर लेते हैं। और टी-कोशिकाओं का एंटीबॉडी परीक्षणों से पता नहीं चलता क्योंकि वे अस्थि मज्जा में पाए जाते हैं। अतः हमारी अपील है कि टीकाकरण से पहले या बाद में एंटीबॉडी परीक्षण करने की प्रवृत्ति में न पड़ें। जो टीका उपलब्ध है उसे लगवाएं, दोनों खुराक सही समय पर लें और कोविड उपयुक्त आचरण का पालन करें। साथ ही, लोगों को यह गलत धारणा भी नहीं बनानी चाहिए कि यदि आपको कोविड-19 हो चुका है तो वैक्सीन की आवश्यकता नहीं है।

क्या वैक्सीन का इंजेक्शन लगने के बाद रक्त का थक्का बनना सामान्य है?

डॉ पॉल: इस जटिलता के कुछ मामले सामने आए हैं, खासकर एस्ट्रा-जेनेका वैक्सीन के संबंध में। यह जटिलता यूरोप में हुई, जहां यह जोखिम उनकी जीवनशैली, शरीर और आनुवंशिक संरचना के कारण उनकी युवा आबादी में कुछ हद तक मौजूद पायी गई। लेकिन, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमने भारत में इन आंकड़ों की व्यवस्थित रूप से जांच की है और पाया है कि रक्त के थक्के जमने की ऐसी घटनाएं यहां लगभग नगण्य हैं – इतनी नगण्य कि किसी को इसके बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। यूरोपीय देशों में, ये जटिलताएं हमारे देश की तुलना में लगभग 30 गुना अधिक पाई गईं है।

डॉ. गुलेरिया: यह पहले भी देखा गया है कि सर्जरी के बाद रक्त का थक्का बनना भारतीय आबादी में अमेरिका और यूरोपीय आबादी की तुलना में कम होता है। वैक्सीन प्रेरित थ्रोम्बोसिस या थ्रोम्बोसाइटोपेनिया नाम का यह दुष्प्रभाव भारत में बहुत दुर्लभ है, जो यूरोप की तुलना में बहुत कम अनुपात में पाया जाता है। इसलिए इससे डरने की जरूरत नहीं है। इसके लिए उपचार भी उपलब्ध हैं, जिन्हें जल्दी निदान होने पर अपनाया जा सकता है।

अगर मुझे कोविड संक्रमण हो गया है, तो कितने दिनों के बाद मैं टीका लगवा सकता हूं?

डॉ. गुलेरिया: नवीनतम दिशानिर्देशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जिस व्यक्ति को कोविड-19 का संक्रमण हुआ है, वह ठीक होने के दिन से तीन महीने बाद टीका लगवा सकता है। ऐसा करने से शरीर को मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी और टीके का असर बेहतर होगा।

दोनों विशेषज्ञों – डॉ पॉल और डॉ गुलेरिया – ने जोर देकर आश्वस्त किया कि हमारे टीके आज तक भारत में देखे गए म्यूटेंट पर प्रभावी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों को भी झूठी और निराधार बताया कि टीके लगने के बाद हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है या लोग टीके लगवाने के बाद मर जाते हैं जैसी कि ग्रामीण क्षेत्रों और दूरदराज के इलाकों में कुछ लोगों की गलत धारणा है।

मध्यप्रदेश में सोमवार को मिले 571 कोरोना के नए मरीज, 32 की मृत्यु:अबतक संक्रमितों की संख्या 7,85,767 और मृतकों की संख्या 8369 हुई attacknews.in

भोपाल, 07 जून ।मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले में राहत मिली है।प्रदेश भर में जांच किये गये 75 हजार से अधिक सैंपलों में मात्र 571 संक्रमित मिले हैं।

इसके साथ ही इस संक्रमित बीमारी से आज 32 लोगों की जान चली गयी।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से देर शाम जारी बुलेटिन के अनुसार आज 75,034 सैंपल की जांच में 571 लोग पॉजीटिव मिले है और 74463 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव पाये गये।

हालाकि 144 सैंपल को रिजेक्टर कर दिया गया।

आज संक्रमण दर 0़ 7 प्रतिशत रही।

इस तरह राज्य में अब तक 7,85,767 व्यक्ति संक्रमित हो चुके हैं और इनमें से 7,68,538 व्यक्ति संक्रमण से निजात पाकर घर पहुंच चुके हैं।

वर्तमान स्थिति में एक्टिव केस (उपचाररत मरीज) की संख्या 6660 है।

आज 32 लोगों की मृत्यु दर्ज किए जाने के साथ ही अब तक 8369 संक्रमितों की मौत हुयी है।

वहीं आज राज्य भर से 1782 लोग संक्रमण से मुक्त होकर घर रवाना हुए।

राज्य के इंदौर में सबसे अधिक मामले 202 दर्ज किए गए।

इसके बाद भोपाल में 131, जबलपुर में 54, ग्वालियर में 12, उज्जैन में 10, रतलाम में 15, सागर में 8, रीवा में 7, खरगोन में 12, बैतूल में 12 और धार में 6 मामले दर्ज किए गए।

मध्यप्रदेश के लिए राहत की बात है कि कोरोना का कहर अब हर दिन कम होता जा रहा है।

प्रदेश की सरकार कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए उससे निपटने के लिए अभी से तैयारी में जुटी है।