मुरैना में अवैध रेत से भरी ट्रेक्टर ट्राली का पीछा करते समय वन विभाग की टीम द्वारा चलाई गई गोली से ग्रामीण की घटनास्थल पर मौत attacknews.in

मुरैना, 13 जून । मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के नगरा थाना क्षेत्र में आज तड़के अवैध रेत से भरी ट्रेक्टर ट्राली का पीछा करते समय वन विभाग की टीम द्वारा चलाई गई गोली से एक ग्रामीण की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।

प्रारंभिक सूचना के अनुसार जिले की अम्बाह वन रेंज की एक टीम आज सुबह अवैध रेत से भरी एक ट्रैक्टर ट्राली को पकड़ने के लिए उसका पीछा कर रही थी।

इस दौरान ट्रेक्टर ट्राली का चालक पकड़े जाने के भय से ट्रेक्टर को लेकर अमोलपुरा गांव में घुस गया।

उसको रोकने के लिए वन विभाग की टीम ने गोली चलाई, जो नित्यक्रिया के लिये जा रहे एक ग्रामीण महावीर सिंह तोमर (45) को लग गई।

इससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।

घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग के वाहन में तोड़फोड़ की।

गांव में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।

वन कर्मचारियों की गोली से एक ग्रामीण की मृत्यु के मामले में हत्या का प्रकरण दर्ज:

कर्मचारियों द्वारा चलाई गई गोली से एक ग्रामीण महावीर सिंह तोमर की मृत्यु होने की घटना के सिलसिले में ग्रामीणों के सख्त विरोध के बीच 09 वन कर्मचारियों के खिलाफ हत्या और बलवा की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

आक्रोशित ग्रामीणों ने मृत व्यक्ति के शव को रखकर नगरा डोडरी मार्ग पर करीब चार घंटे तक चक्काजाम किया। ग्रामीणों की मांग थी कि मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और वन कर्मचारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए।

महाराष्ट्र के पुणे की केमिकल फैक्ट्री में लगी भीषण आग,ज्यादातर काम करने वाली महिलायें,अग्निकांड में 14 लोगों के मौत,दर्जनों के फंसे होने की आशंका attacknews.in

पुणे 7 जून ।महाराष्ट्र के पुणे की केमिकल फैक्ट्री में भीषण आग लग गई । इसमें ज्यादातर महिलायें काम करती थीं। इस अग्निकांड में 14 लोगों के मौत हो गई है और दर्जनों के के फंसे होने की आशंका है।

केमिकल फैक्ट्री होने की वजह से इस आग पर काबू पाने में फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। दूर से ही धुएं का बड़ा गुबार दिखाई दे रहा था ।

कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि इसमें हवा, पानी और भूतल उपचार रसायन (केमिकल) का विनिर्माण, आपूर्ति और निर्यात का काम होता है।

पीएमआरडीए दमकल सेवा के मुख्य अग्निशमन अधिकारी देवेंद्र पोटफोडे ने कहा, “कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक, आग लगने के बाद से उनके कम से कम 17 कर्मचारी लापता थे। हमने अब तक पांच शव बरामद किए हैं और अन्य कर्मचारियों की तलाश की जा रही है।”

पिरांगुट एमआईडीसी के उरावाडे इलाके में एसवीएस एक्वा कंपनी में आज करीब 1700 बजे आग लगी। आग लगने के बाद आठ दमकल वाहन मौके पर भेजे गये और 1843 बजे तक आग पर काबू पा लिया गया।

दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाने के बाद पुणे ग्रामीण पुलिस के साथ मिलकर तलाश एवं बचाव अभियान शुरू कर दिया है।

पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (पीएमआरडीए) के अग्निशमन प्रमुख देवेंद्र पोटफोडे ने बताया कि दमकल कर्मियों ने अब तक 12 शव बरामद किये हैं जबकि 15 अन्य कामगार लापता हैं।

पीएमआरडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुहास दिवासे ने कहा, “हमारा प्राथमिक उद्देश्य आग को बुझाना था जो पूरा हो चुका है। शव पूरी तरह जल गये हैं इसलिए चिकित्सा परीक्षण के बाद उनकी पहचान का पता चल सकेगा।”

एसवीएस एक्वा के निदेशक निकुंज शाह ने कहा, “यह फर्म पानी के शुद्धिकरण के लिए आवश्यक रसायनों के निर्माण का कार्य करती है। ये रसायन ज्वलनशील नहीं होते हैं। हमें संदेह है कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी है। कुछ कामगार अभी भी अंदर फंसे हुये हैं।”

अलीगढ़ में जहरीली शराब से मरने वालों का सिलसिला थमा नहीं,आंकड़ो को छुपाने की जद्दोजहद में लगा प्रशासन,मृतकों की संख्या 80 पहुंची attacknews.in

अलीगढ़ 31 मई ।उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में शराब कांड में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और अब ये आंकड़ा 80 तक पहुंच गया है ।

घटना के चौथे दिन भी जहरीली शराब से लोग मर रहे हैं। तीसरे दिन 15 मौतों के बाद आज सोमवार को अबतक 9 और लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार को अलीगढ़ के थाना महुआखेड़ा धनीपुर में दो लोगों की, क्वार्सी क्षेत्र के चंदनिया में चार लोगों की और तीन अन्य की जहरीली शराब पीने से मौत हुई। इसी के साथ जहरीली शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या का आंकड़ा 80 पहुंच गया है।

आंकड़ा पहुंचा 80, लेकिन प्रशासन डाल रहा पर्दा

अलीगढ़ में जहरीली शराब ने लगातार चौथ दिन सोमवार को भी कहर बरपाया। शराब पीने से टप्पल के बीमार लोगों की मौत का सिलसिला चौथे दिन भी जारी रहा। सोमवार को जिले में 9 और लोगों की मौत हो गई। इससे पहले रविवार शाम तक पोस्टमार्टम के लिए लाए गए शवों की संख्या 71 तक पहुंच गई थी। इस तरह जिले में रविवार को 15 मौत हुई थीं और आज 9।

वहीं जिला प्रशासन द्वारा अभी तक मौत के इस तांडव को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। बल्कि प्रशासन लगातार आंकड़े छिपाने में जुटा है।

जिलाधिकारी ने मौतों को लेकर आधिकारिक पुष्टि करने के बजाय कहा है कि अब पोस्टमार्टम रिपोर्टों के अध्ययन के बाद ही यह तस्वीर साफ की जा सकेगी जहरीली शराब से जिले में कितनी मौत हुई हैं। फिलहाल पोस्टमार्टम कराए जा रहे हैं।

खुलेआम होती है नकली शराब की बिक्री

अलीगढ़ जहरीली शराब कांड के इस प्रकरण में मजिस्ट्रेटी जांच शुरू हो चुकी है। चार लोगों ने रविवार को एडीएम प्रशासन के कार्यालय में पहुंचकर अपने बयान दर्ज कराए। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि खुलेआम नकली, कच्ची शराब की बिक्री होती है। 24 घंटे ठेकों से शराब की बिक्री होती है।

जहरीली शराब फैक्टरी का पर्दाफाश

अलीगढ़ में जहरीली शराब बेचकर मौत का तांडव मचाने वाला 50 हजारी नकली शराब सरगना विपिन उर्फ ओमवीर यादव को एक अन्य साथी संग पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही उसके उस ठिकाने को भी बेपर्दा कर दिया है जहां यह शराब बनाई जा रही थी। 15 फीट ऊंचाई की बाउंड्रीवाल में कैद यह शराब फैक्टरी अकराबाद क्षेत्र के पनैठी से सटे गांव अधौन के खेतों में चल रही थी। विपिन की गिरफ्तारी के बाद देर रात एक टीम अधौन स्थित फैक्टरी पहुंच गई थी, जहां भारी मात्रा में माल बरामद किया गया था, जबकि दूसरी टीम तालानगरी की एक स्याही-सैनीटाइजर फैक्टरी में थी। वहां भी चेकिंग की जा रही थी।

आबकारी विभाग को ठहराया गया जिम्मेदार

जहरीली शराब से मौतों के लिए जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्तर से शासन को भेजी गई संयुक्त रिपोर्ट में आबकारी को सीधे-सीधे जिम्मेदार ठहराया गया है। इस रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि ठेकों से इस तरह की शराब बिक रही है, यह बिना आबकारी की मिलीभगत के संभव नहीं हो सकता। इधर, शासन स्तर से भी इस सच्चाई की जानकारी के लिए आईबी की टीम यहां भेजी गई है। जो जांच पड़ताल कर सीधे लखनऊ को रिपोर्ट भेज रही है। ये टीमें घटना वाले गांवों से लेकर पोस्टमार्टम तक हर एक पहलू पर जांच कर रही है। शराब के सभी चर्चित कारोबारियों की कुंडली भी जुटाई जा रही है। इनके राजनीतिक कनेक्शन, संरक्षणदाता, अधिकारियों से संबंध पर भी जांच चल रही है।

रिमांड पर लिए गए रालोद नेता अनिल चौधरी

जहरीली शराब कांड के मुख्य आरोपियों में शामिल रालोद नेता अनिल चौधरी व सहयोगी ठेकेदार नरेंद्र को पुलिस ने तीन दिन के रिमांड पर ले लिया है। रिमांड मंजूर होने के बाद उन्हें पुलिस टीम पूछताछ के लिए ले गई है। इस दौरान प्रयास किया जा रहा है कि उनसे इस रैकेट के एक-एक राज उगलवाए जाएं। साथ में फरार साथियों के विषय में भी पता लगाया जा सके।

एसएसपी कलानिधि नैथानी के अनुसार अनिल चौधरी व नरेंद्र का पुलिस कस्टडी रिमांड शनिवार को ही आवेदन कर उसे तीन दिन के लिए मंजूर करा लिया गया है। यह रिमांड रविवार से शुरू हुआ है और तीनों को पुलिस टीमें पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई हैं। एसपी देहात शुभम पटेल की अगुवाई में लगातार पूछताछ चल रही है। इनसे वो हर राज उगलवाने का प्रयास चल रहा है जो इस रैकेट के संबंध में है।

दो थानेदार व दो दरोगा निलंबित

जहरीली शराब कांड में एसएसपी कलानिधि नैथानी ने जिले के दो थानेदार व दो दरोगाओं को और निलंबित कर दिया है। इनमें लोधा के बाद टप्पल क्षेत्र में सर्वाधिक मौतों को लेकर टप्पल इंस्पेक्टर व जट्टारी चौकी प्रभारी को निलंबित किया है। वहीं जिले में मौत का तांडव मचाने वाली फैक्टरी अकराबाद क्षेत्र में संचालित होने पर वहां के एसओ व निवर्तमान चौकी प्रभारी को निलंबित किया गया है। साथ ही एसएसपी ने साफ कहा है कि इस कांड में बिना सोये काम करने वाले और तगड़ी कार्रवाई करने वालों को बेहतर इनाम दिया जाएगा।

आबकारी आयुक्त पी गुरूप्रसाद हटाये गये

उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार शाम भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पांच अधिकारियों का तबादला किया है जिसमें आबकारी आयुक्त पी गुरूप्रसाद शामिल है।

अधिकृत सूत्रों ने बताया कि श्री प्रसाद को पद से हटाते हुये प्रतीक्षा सूची में डाला गया है जबकि उनके स्थान पर अंतर राज्यीय प्रतिनियुक्ति से वापस रिग्जियान सैंफिल को तैनात किया गया है। माना जाता है कि अलीगढ़ में जहरीली शराब कांड के सिलसिले में श्री प्रसाद के खिलाफ यह कार्रवाई की गयी है।

जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर जिले में रामनगर की पहाड़ियों के जंगलों में भीषण आग लगीं,बुझाने में आईएएफ, अग्निशमन कर्मी जुटे attacknews.in

जम्मू, 31 मई । जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर जिले में रामनगर की पहाड़ियों के जंगलों में सोमवार काे भीषण आग लग गई। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) हालांकि अग्निशामकों, वन सुरक्षा बल, पुलिस और सेना की टीमों के साथ आग की लपटों को बुझाने में लगी हुई है।

पुलिस ने कहा कि ऊधमपुर जिले के घाेरडी ब्लॉक के जंगलों में लगी भयावह आग पर काबू पाने के लिए आईएएफ भी अभियान में जुट गयी है। दया धार जंगलों में रविवार रात आग लग गयी और देखते ही देखते आग एक बड़े इलाके में फैल गयी। उन्होंने कहा कि सैंकड़ों पेड़ आग की भेंट चढ़ गए। उन्होंने कहा कि आस-पास के गांवों के नागरिक स्वयंसेवक भी आग बुझाने के लिए अग्निशमन अभियान टीमों के साथ अपना योगदान दे रहे हैं।

उन्हाेंने बताया कि दया धार जंगल जंगली जानवरों और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों का घर है। ऊधमपुर की उपायुक्त इंदु कंवल चिब के आह्वान पर भारतीय वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर आज तड़के हजारों लीटर पानी लेकर आग बुझाने में मदद कर रहा है। अधिकारियों ने कहा कि जंगल में आग लगने के कारण का अभी पता नहीं चला है, लेकिन ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है कि तापमान के बढ़ने के कारण सूखी घास में आग लगने से आग ने भयावह रूप अख्तियार किया है।

नाइट्रिक एसिड और अन्य खतरनाक आईएमडीजी कोड रसायनों के साथ 1,486 कंटेनर ले जा रहा जहाज एमवी एक्स-प्रेस पर्ल में लगी भीषण आग पर काबू पाने के लिए भारतीय तटरक्षक बल का अभियान जारी attacknews.in

 

नईदिल्ली 28 मई । भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के पोत ‘वैभव’ और ‘वज्र’ का श्रीलंका के कोलंबो मध्‍य में मौजूद कंटेनर जहाज एमवी एक्स-प्रेस पर्ल में लगी आग पर काबू पाने का अभियान जारी है। अशांत समुद्र और प्रतिकूल मौसम की परिस्थितियों के बीच, श्रीलंका द्वारा तैनात पोतों के साथ संयुक्त प्रयास करते हुए आईसीजी जहाजों ने अग्नि से घिरे पोत की इस आग पर नियंत्रण पाने के लिए पोत के दोनों ओर से हैवी-डयूटी बाहरी अग्निशमन प्रणाली के माध्यम  से इसपर लगातार एएफएफएफ घोल और समुद्र के पानी का छिड़काव किया है।

पोत के दोनों किनारों पर रखे गए कंटेनर या तो आंशिक रूप से या पूरी तरह से जले हुए हैं और इनका कुछ स्थलों पर पानी में गिरने का खतरा है। हालांकि, कौशल का उपयोग करते हुए, आईसीजी पोतों ने इस पोत के 40-50 मीटर के करीब पहुंचकर इस पर समुद्री पानी/फोम का प्रभावी ढंग से छिड़काव किया है। आईसीजी पोतों द्वारा निरंतर रूप से जारी आग बुझाने के प्रयासों के परिणामस्वरूप संकटग्रस्त पोत के आगे और बीच के भाग में आग कम हो गई है, लेकिन पोत के पिछले भाग में अभी भी भयंकर आग लगी है।

मदुरै से संचालित आईसीजी डोर्नियर विमान ने 27 मई, 2021 को इस क्षेत्र में उड़ान भरते हुए इसकी जानकारी ली थी। पोत से किसी प्रकार के तेल का रिसाव नहीं हुआ है। आईसीजी पोत समुद्र प्रहरी, एक विशेष प्रदूषण प्रतिक्रिया (पीआर) पोत, को भी पीआर कॉन्फ़िगरेशन में अग्निशमन प्रयासों को बढ़ाने और किसी भी तरह के तेल का रिसाव पर शीघ्र कार्यवाही करने के लिए भेजा गया है।

संकटग्रस्त पोत एमवी एक्स-प्रेस पर्ल नाइट्रिक एसिड और अन्य खतरनाक आईएमडीजी कोड रसायनों के साथ 1,486 कंटेनर ले जा रहा था। अत्यधिक आग के कारण कंटेनरों को हुए नुकसान और मौजूदा खराब मौसम के कारण पोत एक तरफ झुक गया है जिसके परिणामस्वरूप कंटेनर पानी में गिर गए। अग्निशामक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए, 26 मई, 2021 को आईसीजी पोत वज्र द्वारा लगभग 4,500 लीटर एएफएफएफ यौगिक और 450 किलोग्राम सूखा रासायनिक पाउडर श्रीलंका के अधिकारियों को सौंपा गया था।

प्रदूषण से निपटने के लिए तत्काल सहायता के लिए कोच्चि, चेन्नई और तूतीकोरिन में आईसीजी प्रतिष्ठानों को आपात स्थिति में मदद के लिए तैयार रखा गया है। आग पर काबू पाने की दिशा में समूचे अग्निशमन अभियानों को बढ़ाने के लिए श्रीलंका के तटरक्षक बल और अन्य श्रीलंका के अधिकारियों के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखा जा रहा है।

नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर में चक्रवात ‘यास’ से ओडिशा के विभिन्न इलाकों में हुए नुकसान की समीक्षा की, ओडिशा ने चक्रवातों की समस्या से निजात का मांगा दीर्घकालिक समाधान attacknews.in

भुवनेश्वर, 28 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भुवनेश्वर पहुंचे और यहां एक बैठक में चक्रवात ‘यास’ से ओडिशा के विभिन्न इलाकों में हुए नुकसान की समीक्षा की। इस दौरान ओडिशा सरकार ने बार-बार आने वाली चक्रवात की समस्या से निजात के लिए दीर्घकालिक समाधानों और आपदा अनुकूल शक्ति तंत्र के प्रावधानों पर जोर दिया।

समीक्षा बैठक के बाद ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन में हुए खर्च के लिए कोई तत्काल राहत कोष की मांग नहीं की बल्कि दीर्घकालिक समाधानों पर जोर दिया क्योंकि ओडिशा को आए दिन चक्रवातीय तूफानों का सामना करना पड़ता है।

बैठक में प्रधानमंत्री और ओडिशा के मुख्यमंत्री के अलावा राज्यपाल गणेशी लाल, केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और प्रताप सारंगी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

इसके बाद प्रधानमंत्री बालासोर और भद्रक के प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के लिए निकल गए। प्रधानमंत्री हवाई मार्ग से ही पश्चिम बंगाल पहुंचे।

इससे पहले, राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित केंद्रीय मंत्रियों ने बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।

जेना ने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने एक आपदा अनुकूल शक्ति संसाधन और चक्रवातों से तटीय क्षेत्रों को बचाने के लिए स्थायी समाधान की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य में 480 किलोमीटर लंबा तटीय क्षेत्र है जिसमें 200 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र ज्वार की दृष्टि से संवेदनशील हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तत्काल किसी आर्थिक सहायता की मांग नहीं की है और वह अपने संसाधनों से व्यवस्था कर लेगा।

उन्होंने कहा कि चक्रवात से हुए नुकासान का अगले सात दिनों में आकलन किया जाएगा और उसके बाद केंद्रीय मदद की मांग की जाएगी।

इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ओडिशा के साथ खड़ी है। राज्य सरकार ने कोई तत्काल मदद की मांग नहीं की है लेकिन स्थायी समाधान पर जोर दिया है।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फिलहाल हवाई सर्वेक्षण कर नुकसान का जायजा लेंगे और शाम को राहत पैकेज की घोषणा करेंगे।

बैठक के आरंभ में प्रधानमंत्री का राज्य में स्वागत किया गया और इसके बाद चक्रवात का सामना करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में एक वीडियो फिल्म और डिजिटल प्रस्तुति के जरिए उन्हें अवगत कराया गया।

जेना ने कहा कि मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि आपदा की इस घड़ी में केंद्र व राज्य की सरकार को कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने तटीय इलाकों में कटाव की समस्या का जिक्र किया और तूफान से आए दिन होने वाले नुकसानों की तरफ उनका ध्यान आकृष्ट कराया।

ज्ञात हो कि चक्रवात यास से जुड़ी घटनाओं में अब तक चार लोगों की मौत हो गयी जबकि इसके कारण ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

चक्रवात के कारण ओडिशा में तीन लोगों और पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति की मौत हो गयी।

पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया है कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।

‘ताउते’ के बाद एक सप्ताह के भीतर देश के तटों से टकराने वाला ‘यास’ दूसरा चक्रवाती तूफान है।

प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और वहां भी एक समीक्षा बैठक करेंगे।

इटावा में मंडप समारोह मे ही सात फेरो से पहले दूल्हन की दर्दनाक मौत, मांग भरी जा चुकी थी फेरों की तैयारी थी,अचानक बेहोश होकर मंडप में दम तोड़ दिया attacknews.in

 

इटावा 27 मई । उत्तर प्रदेश में इटावा के भर्थना इलाके के समसपुर से एक अकल्पनीय घटना सामने आई है जहाॅ पर मंडल समारोह मे ही सात फेरो से पहले दूल्हन की हदयघात से दर्दनाक मौत ने हर किसी को सन्न कर दिया ।

दुल्हन की मौत के कुछ ही देर में दोनों पक्षों में सहमति बनी कि दुल्हन की छोटी बहन निशा के साथ जल्दी से शादी की रस्मों को करा दिया जाए ।

सहमति के बाद मृत दुल्हन की बहन दुल्हन बनी ।

बहन जो कुछ देर पहले तक दूल्हे को जीजा कह रही थी।उससे आनन फानन में उसकी शादी हो गई ।

वैवाहिक कार्यक्रम विधिवत हिन्दू रीति रिवाज के साथ सम्पन्न हो रहा था ।बारात स्वागत, बारात भ्रमण, जयमाला, दावत, गोद भराई, माॅग भराई सहित कई रस्में हो चुकी थी ।

सात फेरों से पहले अचानक दुल्हन की तबियत बिगड़ी और कुछ ही मिनट में उसकी मौत हो गई ।

बरात आई ।

खूब स्वागत सत्कार हुआ ।शादी की रस्में हुईं।दूल्हा दुल्हन ने एक दूसरे को स्टेज पर जयमाला पहनाई ।
दुल्हन की मांग भरी जा चुकी थी ।

रात के करीब ढाई बजे मंडप में सात फेरों की तैयारी चल रही थी ।

दुल्हन मंडप में थी ।तभी अचानक दुल्हन बेहोश हुई और मंडप में ही तोड़ दिया ।

बेहद गम के बीच मृत दुल्हन की छोटी बहन को दूल्हे के साथ विदा कर दिया गया ।

बदायूं में कार हुई लॉक, अंदर बैठे मासूम की दम घुटने से मौत, दो बहनों की हालत गंभीर attacknews.in

बदायूं 24 मई । उत्तर प्रदेश मेे बदायूं के कोतवाली दातागंज क्षेत्र के एक मोहल्ले में बीती देर रात खेल खेल में कार में बैठे तीन बच्चों में से एक मासूम बच्चे की दम घुटने से मौत हो गई जबकि दो बच्चियों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है ।

पुलिस सूत्रों के अनुसार कोतवाली दातागंज क्षेत्र के मोहल्ला परा निवासी कैसर अली की बेटी की रविवार को शादी थी जिसमें शामिल होने के लिए कस्बा अलापुर निवासी राशिद और उसका भाई साजिद अपने परिवारों के साथ कार से पहुंचे थे । देर रात विवाह समारोह चल रहा था कि राशिद की बेटियां आसिफा(03) और मंतशा(5) साजिद के बेटे पप्पू (6) के साथ कार में जाकर बैठ गए । परिजन विवाह समारोह में व्यस्त हो गए ।

चक्रवात ‘ताउते’ की चपेट में आने के छह दिन बाद भी बजरा पी305 के 15 और टगबोट नौका वाराप्रदा के 11 कर्मी अब भी लापता,नौसेना ने शवों की तलाश के लिए गोताखोर टीमों को तैनात किया attacknews.in

मुंबई, 22 मई । चक्रवात ‘ताउते’ की चपेट में आने के छह दिन बाद भी बजरा पी305 के 15 और टगबोट नौका वाराप्रदा के 11 कर्मी अब भी लापता हैं जिनका पता लगाने के लिए नौसेना ने शनिवार को मुंबई अपतटीय क्षेत्र में विशेष गोताखोर टीमों को तैनात कर दिया।

नौसेना के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया, “बजरा पी305 और नौका वाराप्रदा के लापता चालक दल को खोजने के लिए चल रहे खोज एवं बचाव अभियान को बढ़ाने के लिए साइड-स्कैन सोनार के साथ आईएनएस मकर और आईएनएस तरासा पर सवार होकर विशेष गोताखोर टीम आज सुबह मुंबई से रवाना हुईं।”

सोमवार को अरब सागर में बजरा पी305 के डूबने से मरने वालों की संख्या 11 और शवों की बरामदगी के साथ शुक्रवार को 60 तक पहुंच गई, जबकि नौसेना और तटरक्षक बल ने बजरे से 15 और वाराप्रदा से 11 लापता कर्मियों की तलाश जारी रखी।

संपर्क करने पर, एक अधिकारी ने कहा कि रात भर चले अभियान पर नयी सूचना की प्रतीक्षा है।

इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि लापता लोगों के जीवित होने की उम्मीद अब कम हो रही है।

पी305 बजरा पर सवार 261 कर्मियों में से अब तक 186 को बचाया जा चुका है। वाराप्रदा में सवार 13 लोगों में से दो को बचा लिया गया है।

मुंबई पुलिस ने कहा है कि वह इस बात की जांच करेगी कि चक्रवात ‘ताउते’ की चेतावनी के बावजूद बजरा अशांत क्षेत्र में क्यों रुका रहा।

पुलिस ने बजरे पर सवार कर्मियों की मौत के मामले में भी दुर्घटनावश हुई मौत का मामला दर्ज किया है।

गुजरात के विभिन्न हिस्सों में चक्रवात ताउते से जुड़ी घटनाओं में करीब 53 लोगों की जान चली गई attacknews.in

अहमदाबाद, 20 मई । गुजरात के विभिन्न हिस्सों में चक्रवात ताउते से जुड़ी घटनाओं में करीब 53 लोगों की जान चली गई है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र से एक अधिकारी ने कहा कि अधिकतर लोगों की मौत तूफान के कारण दीवारें गिरने की घटनाओं में हुई है। इस तूफान ने गिर सोमनाथ में उना नगर के पास सोमवार रात दस्तक दी थी और कमजोर पड़ने से पहले करीब 28 घंटों तक इसका प्रलय जारी रहा।

राज्य आपदा आयुक्त हर्षद कुमार पटेल ने कहा, “ताजा उपलब्ध सूचना के मुताबिक, गुजरात में चक्रवात संबंधित विभिन्न दुर्घटनाओं में तकरीबन 53 लोगों की मौत हो गई।”

बुधवार को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के चक्रवात प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया था और “तत्काल राहत गतिविधियों” को अंजाम देने के लिए 1,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की।

बाद में, गुजरात सरकार ने चक्रवात ताउते संबंधी विभिन्न घटनाओं में मारे गए लोगों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा देने को मंजूरी दी।

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने तूफान के कारण घायल हुए लोगों को 50,000 रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि यह मुआवजा केंद्र सरकार द्वारा मृतकों के परिवार को दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने के अतिरिक्त है।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने चक्रवात तौकते के बाद खोजबीन एवं बचाव अभियान के संचालन पर सेना के तीनों अंगों और भारतीय तटरक्षक की प्रशंसा की

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चक्रवाती तूफान तौकते के कारण प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे खोजबीन एवं बचाव अभियानों के लिए सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक के प्रयासों की सराहना की है।

उन्होंने समुद्र में फंसे लोगों की जान बचाने के लिए भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक की सराहना की, जबकि प्रभावित स्थानों में अपनी टुकड़ियां तैनात करने के लिए भारतीय सेना की तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मियों के परिवहन के लिए भारतीय वायुसेना की सराहना की।

श्री राजनाथ सिंह नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया और भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक श्री के नटराजन के साथ लगातार संपर्क में हैं।

गौरतलब है कि दिनांक 17 मई, 2021 को रक्षा मंत्री ने एक समीक्षा बैठक के दौरान सशस्त्र बलों को आसन्न खड़े चक्रवात से निपटने के लिए नागरिक प्रशासन को हर संभव सहायता देने का निर्देश दिया था।

भारतीय नौसेना तथा भारतीय तटरक्षक (इंडियन कोस्टगार्ड) ने अपने समुद्री और हवाई साजोसामान की तैनाती की है और पिछले कुछ दिन में मुंबई तट से चार नौकाओं से 600 से अधिक लोगों को बचाया है।
भारतीय नौसेना के जहाज एवं विमान फिलहाल दिनांक 17 मई, 2021 को मुंबई से 35 मील दूर डूबी एकोमोडेशन बार्ज पी-305 के लापता चालक दल के सदस्यों का पता लगाने के लिए खोजबीन और बचाव (एसएआर) अभियान में शामिल हैं। आईएनएस कोच्चि, कोलकाता, ब्यास, बेतवा, तेग, पी8आई समुद्री निगरानी विमान, चेतक, एएलएच और सीकिंग हेलीकॉप्टर भी खोजबीन व बचाव अभियान में शामिल हैं। आईएनएस तलवार को भी राहत और बचाव कार्य में सहायता प्रदान करने के लिए डायवर्ट किया गया है। दिनांक 20 मई, 2021 को सुबह सात बजे तक बार्ज पी-305 के कुल 186 लोगों को बचाया गया है तथा 37 शव बरामद किए गए हैं।
गुजरात तट के करीब आईएनएस तलवार ने सपोर्ट स्टेशन 3 और ड्रिल शिप सागर भूषण की मदद की थी, जिन्हें अब ओएनजीसी के सपोर्ट जहाजों द्वारा वापस सुरक्षित मुंबई लाया जा रहा है। इन जहाजों के 300 क्रू मेंबर्स को मुंबई से आए नौसैनिक हेलीकॉप्टरों द्वारा भोजन और पानी भी उपलब्ध कराया गया।

भारतीय तटरक्षक के जहाज भी खोजबीन और बचाव अभियान में शामिल हैं और उन्होंने केरल, गोवा और लक्षद्वीप तटों के करीब से विभिन्न मछली पकड़ने वाली भारतीय नौकाओं जैसे बधरिया, जीसस, मिलाद, क्राइस्ट भवन, परियानायकी एवं नोवस आर्क के चालक दलों को सुरक्षित लाने में भूमिका निभाई है। आईसीजी तथा भारतीय नौसेना के जहाजों ने न्यू मैंगलोर बंदरगाह के करीब सिंगल पॉइंट मूरिंग (एसपीएम) संचालित हो रहे एमवी कोरोमंडल सपोर्टर-IX के चालक दल के नौ सदस्यों को निकालने के लिए आपसी समन्वय में काम किया।

आईसीजीएस सम्राट दमन से दो इंडियन कोस्टगार्ड हेलीकॉप्टर एवं आईएनएस शिकरा से भारतीय नौसेना के एक सीकिंग हेलो ने एमवी जीएएल कंस्ट्रक्टर पर सवार 137 कर्मियों को सुरक्षित निकाल लिया, जो कि बिजली की अनुपलब्धता के कारण मुंबई के उत्तर में समुद्र की ओर फंसा हुआ था।
इससे पहले भारतीय वायु सेना ने एनडीआरएफ के करीब 400 कर्मियों और 60 टन उपकरणों को अहमदाबाद ले जाने के लिए अपने सी-130जे और एएन-32 परिवहन विमानों को तैनात किया था। भारतीय सेना ने इंजीनियर टास्क फोर्स के साथ दीव के लिए जामनगर से दो कॉलम तैनात किए थे। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए जूनागढ़ के लिए दो और कॉलम बढ़ाए गए थे। सेना सड़कों को साफ करने और जरूरतमंदों को भोजन और आश्रय देने के काम में भी लगी थी ।

आंध्र प्रदेश में कडपा जिले के ममिलापल्ली गांव में जिलेटिन से भरे वाहन में विस्फोट से 10 खदान मजदूरों की मौत और दो अन्य गंभीर रूप से घायल attacknews.in

कडपा 08 मई । आंध्र प्रदेश में कडपा जिले के ममिलापल्ली गांव में शनिवार को जिलेटिन से भरे वाहन से जिलेटिन छड़ों को उतारते समय हुए विस्फोट से 10 खदान मजदूर कर्मियों की मौत हो गयी।

पुलिस ने कहा कि चूना पत्थर की खदान में विस्फोट के लिए बडवेल से भारी मात्रा में लायी गयी जिलेटिन की छड़ों को वाहन से उतारा जा रहा था, तभी अचानक विस्फोट हो गया। घटना में वाहन में सवार 10 खदान मजदूरों की मौत हो गयी तथा दो अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। विस्फोट इतना भीषण था कि मजदूरों के शव के अंग कुछ सौ मीटर दूरी तक बिखर गए।

जिस वाहन में जिलेटिन की छड़ें लाई गई थी विस्फोट के कारण वह लोहे के टुकड़े में बदल गया।

पुलिस अधीक्षक अम्बुराजन और अन्य अधिकारी ने घटनास्थल का दौरा किया। मृतकों की पहचान के प्रयास किये जा रहे हैं। पुलिस ने कहा कि खदान का मालिक नागेन्द्र रेड्डी का पता नहीं चला है।

विस्फोट में जिन मजदूराें की मौत हुई उनकी पहचान प्रसाद (35), सुब्बा रेड्डी (40), बाला गंगुलू (35), ईश्वरैय्या (45), गांगी रेड्डी (50), लक्ष्मा रेड्डी (60) और अब्दुल (30) के रूप में हुई है।

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विस्व भूषण हरिचंदन ने खदान दुर्घटना में 10 मजदूरों की मौत और कई अन्य लोगों के घायल होने पर दुख और शोक व्यक्त किया। राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि विस्फोट में घायलों का बेहतर उपचार कराया जाए और शोक संतप्त परिवार के परिजनों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की है।

इस बीच, मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने विस्फोट में मारे गए मजदूरों के प्रति शोक व्यक्त किया और अधिकारियों से घटना के बारे में पूछताछ की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की।

पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कडप्पा जिले के मामिलपल्ले गांव में चूना पत्थर की खदान में विस्फोट में कई निर्दोष श्रमिकों की मौत पर दुख व्यक्त किया और और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि चूना पत्थर की खदान में विस्फोट के लिए बडवेल से भारी मात्रा में लायी गयी जिलेटिन की छड़ों को वाहन से उतारा जा रहा था , तभी अचानक विस्फोट हो गया। विस्फोट का असर इतना तीव्र था कि मृतकों के शव के अंग कुछ सौ मीटर दूर तक बिखर गए।

कर्नाटक के चामराजनगर जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 24 मरीजों की मौत, जिला प्रभारी मंत्री एस सुरेश कुमार ने कहा कि,सभी मौतें ऑक्सीजन की कमी की वजह से नहीं हुई attacknews.in

बेंगलुरु, तीन मई । कर्नाटक के चामराजनगर में जिला अस्पताल में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी के चलते पिछले 24 घंटों में 24 मरीजों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में कोविड-19 के 23 मरीज भी हैं।

चामराजनगर जिला अस्पताल में मातम पसरा हुआ है जहां खबर सुनने के बाद मृतकों के परिजन रोते-बिलखते नजर आए।

मृतकों के परिवारों ने अस्पताल में प्रदर्शन भी किया और आरोप लगाया कि यहां ऑक्सीजन की कमी थी और वहां नारेबाजी की।

चामराजनगर जिला प्रभारी मंत्री एस सुरेश कुमार ने कहा कि उन्होंने घटना में जिला प्रशासन से मौत की ऑडिट रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।

वह इस बात पर कायम रहे कि सभी मौतें ऑक्सीजन की कमी की वजह से नहीं हुई हैं।

कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, “यह कहना सही नहीं होगा कि सभी 24 मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई हैं। ये मौतें रविवार सुबह से आज सुबह तक हुई हैं। ऑक्सीजन की कमी रविवार देर रात 12:30 बजे से 2:30 के बीच हुई थी।”

मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने भी जिला के उपायुक्त से घटना के बारे में सूचना प्राप्त की है।

सुरेश कुमार ने कहा कि मौत की ऑडिट रिपोर्ट से पता चलेगा कि ये मरीज किस बीमारी से ग्रस्त थे, उन्हें कोई और गंभीर बीमारियां थी और उन्हें किसी स्थिति में अस्पताल लाया गया था।

उन्होंने कहा, “जितने भी लोगों की मौत हुई है जरूरी नहीं कि सभी की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई हो।”

उन्होंने कहा कि 6,000 लीटर तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन थी लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडरों की जरूरत थी।

कुमार ने कहा, “ये सिलेंडर मैसुरु से आने वाले थे लेकिन कुछ समस्या हो गई।”

उन्होंने कहा कि उन्होंने यह स्थिति राज्य के मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के निजी सचिव और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रताप रेड्डी को भी समझाई जो राज्य में ऑक्सीजन आपूर्ति के प्रभारी हैं।

कुमार ने कहा, “मैंने अधिकारियों को चामराजनगर जिले में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए स्थायी समाधान खोजने को भी कहा है। मैसुरू में जरूर ही समस्या है लेकिन मैसुरु से चामराजनगर और मांड्या में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए।”

मरीजों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए, मंत्री ने कहा कि वह स्थिति का जायजा लेने के लिए चामराजनगर जाएंगे।

गुजरात के भरूच में अस्पताल में आग लगने से कोरोना वायरस का इलाज करवा रहे 18 मरीजों की मौत,कुछ मरीजों के शव तक स्ट्रेचरों और बेड पर झुलसते हुए नजर आए attacknews.in

भरूच, एक मई । गुजरात के भरूच में एक अस्पताल में शुक्रवार देर रात आग लगने से कोरोना वायरस के कम से कम 18 मरीजों की मौत हो गई।

हादसे की दिल दहला देने वाली तस्वीरों में कुछ मरीजों के शव तक स्ट्रेचरों और बेड पर झुलसते हुए नजर आए।

एक अधिकारी ने बताया कि चार मंजिला वेलफेयर अस्पताल में देर रात एक बजे हुए इस हादसे के वक्त करीब 50 अन्य मरीज भी थे जिन्हें स्थानीय लोगों एवं दमकल कर्मियों ने सुरक्षित बाहर निकाला।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, “सुबह साढ़े छह बजे की सूचना के मुताबिक, हादसे में मृतक संख्या 18 है। आग लगने के तुरंत बाद, हमें 12 मरीजों के मौत की पुष्टि की गई थी।”

भरूच के पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेंद्र सिंह चुड़ासमा ने बताया कि कोविड-19 वार्ड में 12 मरीजों की मौत आग और उससे निकले धुएं की वजह से हुई।

यह स्पष्ट नहीं है कि शेष छह मरीजों की मौत भी अस्पताल के भीतर ही हुई या उनकी मौत दूसरे अस्पतालों में ले जाने के दौरान हुई।

कोविड-19 के इलाज के लिए निर्धारित यह अस्पताल राजधानी अहमदाबाद से करीब 190 किलोमीटर दूर भरूच-जंबूसार राजमार्ग पर स्थित है और इसका संचालन एक न्यास करता है।

अधिकारी ने कहा कि आग के कारणों का पता लगाया जा रहा है।

दमकल के एक अधिकारी ने बताया कि आग पर एक घंटे के भीतर काबू पा लिया गया और करीब 50 मरीजों को स्थानीय लोगों एवं दमकल कर्मियों की मदद से सुरक्षित निकाला गया।

उन्होंने बताया कि इन मरीजों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

असम में 6.4 तीव्रता के भूकंप के झटके, एक के बाद एक छह और झटके,भूकंप के यह झटके पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र और पश्चिम बंगाल के हिस्सों में भी दर्ज किए गए attacknews.in

गुवाहाटी/शिलॉन्ग/जलपाईगुड़ी, 28 अप्रैल । असम और कुछ अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में बुधवार सुबह एक के बाद एक सात बार भूकंप के झटके महसूस किए गए जिससे इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा और लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।

क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) के उपनिदेशक संजय ओ’नील शॉ ने बताया कि सुबह सात बजकर 51 मिनट पर आया पहला भूकंप 6.4 तीव्रता का दर्ज किया और उसका केंद्र असम में सोनितपुर जिले के जिला मुख्यालय तेजपुर से 43 किलोमीटर पश्चिम में था।

भूकंप के झटके पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र और पश्चिम बंगाल के हिस्सों में भी दर्ज किए गए।

इसके बाद सुबह आठ बजकर तीन मिनट, आठ बजकर 13 मिनट, आठ बजकर 25 मिनट, आठ बजकर 44 मिनट पर 4.7, 4 और दो बार 3.6 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए।

इसके बाद राज्य के नगांव जिले में दस बजकर पांच मिनटर पर 3.2 तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस किया गया। इसके कुछ देर बाद 10 बजकर 39 मिनट पर तेजपुर में 3.4 तीव्रता के भूकंप का एक और झटका महसूस किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से बात की और भूकंप से हुए नुकसान के बारे में जानकारी ली।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल जी से राज्य के कई हिस्सों में भूकंप के संबंध में बात की। केंद्र से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है। मैं असम के लोगों के कुशलक्षेम होने की प्रार्थना करता हूं।’’

गृह मंत्री अमित शाह ने भी सोनोवाल से फोन पर बात की और उन्हें आश्वस्त किया कि केंद्र असम के लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘‘भूकंप और कोविड-19 की दूसरी लहर की दोहरी मार झेल रहे मेरी असम की बहनों और भाइयों मैं आपको अपना प्यार और दुआएं भेजती हूं।’’

सोनोवाल ने हर किसी से सतर्क रहने का अनुरोध किया और कहा कि वह सभी जिलों से जानकारियां ले रहे हैं।

भूकंप के झटके पड़ोसी अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्सों समेत पूरे क्षेत्र में महसूस किए गए।

लोग महामारी के बढ़ते मामलों के बीच सामाजिक दूरी और अन्य कोविड दिशा निर्देशों को नजरअंदाज करते हुए अपने घर से बाहर निकल पड़े। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है लेकिन घबराहट की वजह से घर से बाहर निकलकर भागने के दौरान कई लोगों को मामूली चोटें आयी हैं।

असम में मुख्यत: तेजपुर के मध्य और पश्चिमी शहरों, नागांव, गुवाहाटी, मंगलदोई, ढेकियाजुली और मोरीगांव में इमारतों तथा अन्य ढांचों को व्यापक नुकसान पहुंचने की खबरें हैं।

सूत्रों ने बताया कि गुवाहाटी में ‘जनता भवन’ परिसर में मुख्यमंत्री के ब्लॉक, राज्य सचिवालय की इमारत को नुकसान पहुंचा है।

गुवाहाटी में लग्जरी ताज विवांता में भी काफी नुकसान हुआ है। होटल की प्रवक्ता इंद्राणी फुकन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि होटल की कांच की कई खिड़कियां, छत और दीवारें टूटकर गिर पड़ी। हालांकि गनीमत है कि किसी कर्मचारी या आगंतुक को चोटें नहीं आयी।

दिसपुर हॉस्पिटल, अपोलो क्लिनिक, डाउन टाउन हॉस्पिटल और एक्सेलकेयर हॉस्पिटल जैसे स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में भी नुकसान हुआ।

नगांव में एक बहुमंजिला इमारत झुक गई जिससे लोगों के बीच घबराहट पैदा हो गई।

राज्य में कई मकानों, अपार्टमेंट इमारतों और शॉपिंग मॉल्स में भी दरारें आ गई। कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए।

ढेकियाजुली के विधायक अशोक सिंघल ने जमीन में दरारें पड़ने और उनमें से पानी निकलने की तस्वीरें ट्वीट की है। हालांकि अभी इनकी पुष्टि नहीं की जा सकी है।

शिलॉन्ग में भूकंप के झटकों से लोग उठ खड़े हुए और डर से कई लोग अपने घरों से बाहर निकलने लगे।

एक अधिकारी ने बताया कि मेघालय में किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है। हालांकि भूकंप के ये झटके पिछले कुछ वर्षों में आए सबसे जबरदस्त झटकों में से एक हैं।

उन्होंने बताया कि इतनी तीव्रता के झटके आखिरी बार मार्च-अप्रैल 2016 में आए थे।

अधिकारियों ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में भी भूकंप के जबरदस्त झटके महसूस किए गए। राज्य की राजधानी ईटानगर और पूर्वी केमेंग जिले में कुछ इमारतों में दरारें आ गई हैं।

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने ट्वीट किया, ‘‘असम और अरुणाचल प्रदेश तथा पूर्वोत्तर में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। मैं हर किसी की सुरक्षा की प्रार्थना करता हूं। कृपया सभी अपनी और अपने प्रियजन की सुरक्षा सुनिश्चित करें। स्थिति पर तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, गृह मंत्री अमित शाह जी और डॉ. जितेंद्र सिंह जी का आभार।’’

स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, कूचबिहार और दार्जीलिंग जिले के कुछ हिस्सों में भूकंप के जबरदस्त झटके महसूस किए गए लेकिन कोई बड़े नुकसान की खबर नहीं है।

इराक में आक्सीजन सिलेंडर में विस्फोट हो जाने से कोविड अस्पताल में आग लगने से मरने वालों की संख्या 82 हुई attacknews.in

बगदाद, 25 अप्रैल (स्पूतनिक) इराक की राजधानी बगदाद में कोविड अस्पताल में आग लगने की घटना में मरने वालाें की संख्या बढ़कर 82 हो गई है जबकि अन्य 110 घायल हो गए हैं।

इराक की समाचार एजेंसी आईएनए ने रविवार को गृह मंत्रालय का हवाला देते हुए यह जानकारी दी।

मानवाधिकारों पर स्थानीय सर्वोच्च आयोग के सदस्य अली अल बयाती ने सुबह बताया था कि काेविड अस्पताल में आग लगने की दुर्घटना में 58 लोगों की मौत हो चुकी है।

इससे पहले बताया था कि इराक की राजधानी बगदाद में कोविड अस्पताल में शनिवार की रात आग लग जाने से कम से कम 21 मरीजों की मौत हो गयी और 40 अन्य घायल हो गये।

न्यूज पोर्टल बगदाद अल यौम ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया था कि आक्सीजन सिलेंडर में विस्फोट हो जाने से आग लग गयी।

रिपोर्ट के मुताबिक मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।

इराक में कोविड अस्पताल में आग लगने की घटना के जांच के आदेश

इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-खदीमी ने राजधानी बगदाद में कोविड अस्पताल में आग लगने की घटना की जांच होने तक अस्पताल प्रमुख को हिरासत में रखे जाने के आदेश दिये हैं।प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को यह जानकारी दी।

बगदाद स्थित एक कोविड अस्पताल में शनिवार की रात आक्सीजन सिलेंडर में विस्फोट हो जाने से आग लग गयी। स्थानीय मीडिया की ताजा रिपोर्टों के मुताबिक घटना में मृतकों की संख्या 28 हो गयी है जबकि 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं। रिपोर्ट में मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जतायी गयी है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक श्री अल-खदीमी ने हादसे के कारणों की जांच तत्काल शुरू किये जाने के आदेश दिये हैं। बयान में कहा गया है कि जांच पूरी होने तक अस्पताल प्रमुख और सुरक्षा सेवा निदेशक तथा उपकरणों की देखरेख करने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को हिरासत में रहेंगे।