नई दिल्ली 2 अगस्त । CAA के विरोध में दिल्ली में हुए दंगा मामले में सबसे बड़ा खुलासा हुआ कि ताहिर हुसैन ने दिल्ली पुलिस के समक्ष हिंसा का मास्टरमाइंड होने की बात कबूली है।
एक समाचार चैनल के पास आम आदमी पार्टी के इस निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की Interrogation Report ( IR) है, जिसमें ताहिर हुसैन के कबूलनामे के मुताबिक, उसने दिल्ली हिंसा में मास्टरमाइंड की भूमिका निभाई ।
हिंदुओं को सबक सिखाना चाहता था
उसने बताया कि जब वो 2017 में आम आदमी पार्टी का पार्षद बना. तब से ही उसके मन में था कि मैं अब राजनीति और पैसों की बदौलत हिंदुओ को सबक सीखा सकता हूं. ताहिर हुसैन ने कहा, ‘मेरे जानकर खालिद सैफी ने कहां कि तुम्हारे पास राजनीतिक पावर और पैसा दोनों है जिसका इस्तेमाल हिंदुओं के खिलाफ और कौम के लिए करेंगे।मैं इसके लिए हमेशा तैयार रहूंगा। कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद खालिद सैफी मेरे पास आया और बोला की इस बार अब हम चुप नहीं बैठेंगे।इसी बीच राम मंदिर का भी फैसला आ गया और CAA कानून भी आ गया अब मुझे लगा कि पानी सिर से ऊपर जा चुका है.अब तो कुछ कदम उठाना पड़ेगा.’
CAA पर सरकार को मजबूर भी करना था:
ताहिर हुसैन ने आगे बताया, ‘8 जनवरी को खालिद सैफी ने मुझे JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद से शाहीन बाग में PFI के दफ्तर मे मिलवाया था।जहां उमर खालिद ने बोला कि वह मरने-मारने को राजी है। वह अपनी कौम के लिए कुछ भी कर सकता है।वहीं खालिद सैफी ने कहा कि PFI का सदस्य दानिश है जो हिंदुओं के खिलाफ जंग में ( PFI ) हमारी फाइनेंशियल पूरी मदद करेगा.’
ताहिर हुसैन ने कहा, ‘PFI के दफ्तर में हमने प्लान बनाया कि दिल्ली में कुछ ऐसा करेंगे की यह सरकार हिल जाए और सरकार CAA विरोधी कानून वापस लेने को मजबूर हो जाए. खालिद सैफी का काम लोगों को भड़का कर सड़कों पर उतारने का था. और मुझे टास्क दिया गया था की मैं ज्यादा से ज्यादा कांच की बोतल, पेट्रोल, तेजाब, पत्थर, इकट्ठा कर अपने घर की छत पर रखूं.’
ताहिर ने बताया है, ‘खालिद सैफी ने अपने जानकारों की मदद से लोगों को सड़कों पर इकट्ठा कर धरने प्रदर्शन करने के लिए तैयार किया. खालिद सैफी ने अपनी दोस्त इशरत जहां के साथ मिलकर सबसे पहले शाहीन बाग की तर्ज पर खुरेजी में धरना प्रदर्शन शुरू करवाया. फिर जगह-जगह धरने प्रदर्शन शुरू हो गए.’
दंगों की योजना को लेकर मेल- मुलाकात
ताहिर ने खुलासा किया है कि 4 फरवरी को अबू फजल इंक्लेव में मेरी खालिद सैफी से दंगों की प्लानिंग को लेकर मुलाकात हुई. उमर खालिद ने कहा कि पैसो की चिंता न करें, उसके लिए PFI, जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी, कई राजनीतिक लोग, वकील, अन्य मुस्लिम संगठन हमारी मदद कर रहे हैं. तय किया गया की CAA विरोधी धरने पर बैठे लोगों को भड़का कर चक्का जाम करवाया जाए।
ताहिर ने बताया, ‘अगर पुलिस या दूसरे धर्म के लोग इसको रोकेंगे तो हम अपने लोगों को भड़का कर दंगे शुरू करवा देंगे. खालिद सैफी ने बोला कि डोनाल्ड ट्रंप के विजिट के वक्त ही कुछ बड़ा करना है ताकि सरकार घुटने टेक दे.’
ताहिर ने कहा, ‘मैंने अपनी तैयारी के बारे में बताया कि मैंने कबाड़ी से शराब और कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतलें लेकर छत पर इकट्ठा करना शुरू कर दिया है. वहीं घर के पास चल रही कंस्ट्रक्शन साइट से पत्थर इकट्ठा कर छत पर रखवा रहा हूं. अपनी चारों गाड़ियों में फुल पेट्रोल डीजल भरकर ले आऊंगा ताकि बोतलों में पेट्रोल डीजल भरकर बम की तरह उसे वक्त आने पर इस्तेमाल किया जाए. मैं अपने मजदूरों को तैयार कर रहा हूं दंगों में बम फेंकने और पथराव करने के लिए.’
‘मुझे तेजाब भी इकट्ठा करने को कहा गया था’
ताहिर हुसैन ने कबूला है कि 17 फरवरी 2020 को उमर खालिद ने ट्रंप की विजिट के दौरान लोगों से सड़कों पर उतरने की अपील की थी मुझे तेजाब भी इकट्ठा करने को कहा गया था ताकि उसे पुलिस पर फेंका जा सके. मैंने अपनी छत पर बहुत मात्रा में तेजाब, पट्रोल, डीजल, पत्थरों को भी इकट्ठा कर रख लिया था. मैंने अपनी पिस्टल जो थाने में जमा थी उसे भी दंगो में इस्तेमाल करने के लिए छुड़ा लिया था।
ताहिर ने बताया, ’24 फरवरी को योजना के मुताबिक मैंने पहले से ही अपने घर छत पर पड़ोसी के चांद बाग मे रहने वाले अरशद कय्यूम, मोनू, अपने दफ्तर के पास रहने वाले गुलफाम, जिसके पास अपनी पिस्टल भी थी. शरद अहमद हाजी मूंगा नगर के लियाकत अली उसके बेटे रिशाद अली, दयालपुर के मोहम्मद रियान अरशद और अपने यहां काम करने वाले इलेक्ट्रिशयन मोहम्मद आबिद एकाउंटेंट, मोहम्मद शादाब, राशिद सैफी अब अपने भाई शाह आलम को बुला रखा था. यह बताया था कि कैसे और कब पत्थर, पेट्रोल बम, और बोतलों में तेजाब भरकर छत से नीचे फेंकना है.’
छत पर लगे सीसीटीवी के तार कटवा दिए थे’
ताहिर ने ये भी बताया कि इस समान का इस्तेमाल केवल पुलिस वालों और एक दूसरे समुदाय के लोगो के खिलाफ करना है. अपने समुदाय के लोगों, महिलाओं, बच्चों को किसी तरह का नुकसान नहीं होना चाहिए और 24 फरवरी 2020 को दिन मे करीब डेढ़ बजे हमने खूब पथराव आगजनी करवाई।
जानबूझकर मैंने अपने घर के बाहर और छत पर लगे सीसीटीवी के तार कटवा दिए थे ताकि कोई सबूत न रहे. मैंने अपने बच्चों परिवार की दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया था. खुद भी दूसरी जगह था. और खालिद सैफी के कहने पर जानबूझकर पुलिस को बार-बार फोन कर रहा था ताकि मुझ पर शक न जाए.
ताहिर ने बताया, मैंने, मेरे भाई शाह आलम और एक अन्य ने मेरी छत से फायरिंग भी की थी. फिर मैं अलग-अलग जगह छुपता रहा. बाद में पुलिस ने मुझे गिरफ्तार किया था. मैंने, खालिद सैफी और उमर खालिद ने अपने जानकारों के साथ इन मिलकर दंगो की साजिश रची थी.
बता दें कि ताहिर हुसैन दिल्ली दंगों के 10 मामलों का आरोपी है और फिलहाल जेल में बंद है. खालिद सैफी भी जेल में बंद है.
उमर खालिद से कल ही दिल्ली पुलिस ने दंगों को लेकर कड़ी पूछताछ की है और उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया है.
अंकित शर्मा की हत्या
25 फरवरी को दिल्ली के चांद बाग इलाके में हुई IB अधिकारी अंकित शर्मा हत्याकांड में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट दाखिल की थी. क्राइम ब्रांच ने पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन समेत कुल 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की।
चार्जशीट में क्राइम ब्रांच ने कहा कि अंकित शर्मा की खजूरी खास इलाके में बर्बरता से हत्या की गई. चार्जशीट में अंकित की हत्या बेहद सोची-समझी साजिश का नतीजा बताया गया. खजूरी खास इलाके में ताहिर हुसैन के घर के बाहर वारदात हुई. अंकित शर्मा की हत्या के बाद भीड़ ने एक नाले में लाश फेंक दी.
पुलिस का दावा किया कि उनके पास प्रूफ है कि कुछ लोग लाश नाले में फेंक रहे हैं. डॉक्टर्स ने पाया कि तेज धार वाले हथियार से 51 बार वार के निशान हैं. ताहिर ने ही चांद बाग इलाके में भीड़ को उकसाया।
ताहिर हुसैन की याचिका कड़कड़डूमा कोर्ट ने खारिज की
इससे पहले आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद और दिल्ली हिंसा के आरोपी ताहिर हुसैन की याचिका कड़कड़डूमा कोर्ट ने खारिज की कर दी थी। आरोपी ताहिर हुसैन ने अपनी याचिका में कहा था कि दिल्ली पुलिस अपनी पावर का गलत इस्तेमाल कर रही है. उसके खिलाफ दर्ज छठे एफआईआर की जानकारी उसे नहीं दी गयी थी. इस पर कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी ताहिर हुसैन की याचिका में कोई मेरिट नहीं है और ताहिर की याचिका खारिज कर दी गई।