गुवाहाटी, आठ सितम्बर । केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि केन्द्र पूर्वोत्तर के लिये विशेष प्रावधान करने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371 को नहीं छुएगा और किसी भी अवैध प्रवासी को क्षेत्र में रहने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
शाह ने यहां पूर्वोत्तर परिषद के 68वें पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 अस्थायी प्रावधानों के संदर्भ में था जबकि अनुच्छेद 371 विशेष प्रावधानों के संदर्भ में है, दोनों के बीच काफी अंतर है।
उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाये जाने के बाद पूर्वोत्तर के लोगों को गलत जानकारी देने और गुमराह करने के प्रयास किये जा रहे है कि केन्द्र अनुच्छेद 371 को भी हटायेगा।’’
शाह ने कहा, ‘‘मैंने संसद में स्पष्ट किया है कि ऐसा नहीं होने जा रहा है और मैं आज पूर्वोत्तर के आठ मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में फिर से यह कह रहा हूं कि कि दोनों अनुच्छेद अलग हैं और केन्द्र अनुच्छेद 371 को नहीं छुएगा।’’
उन्होंने कहा कि संविधान सभा ने अस्थाई प्रावधान के रूप में अनुच्छेद 370 को रखा था लेकिन अनुच्छेद 371 पूर्वोत्तर में विशेष प्रावधानों के संदर्भ में है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि इन दोनों में अंतर को स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है। मैं यह स्पष्ट कर दूं कि प्रधानमंत्री और भाजपा सरकार अनुच्छेद 371 और 371 (ए) का सम्मान करती है।’’
गृह मंत्री ने कहा कि यह गलत संदेश देने के प्रयास किये जा रहे है कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार अनुच्छेद 371 को निरस्त करेगी और ऐसा वे लोग कर रहे हैं जो पूर्वोत्तर में शांति नहीं चाहते है।
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के मुद्दे पर गृह मंत्री ने कहा, ‘‘विभिन्न तबके के लोगों ने एनआरसी पर कई तरह के सवाल उठाये। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि भाजपा नीत सरकार किसी भी अवैध प्रवासी को देश में रहने की अनुमति नहीं देगी। यह हमारी प्रतिबद्धता है।’’
उन्होंने कहा कि एनआरसी का काम समयबद्ध ढंग से पूरा किया गया है।
गत 31 अगस्त को राज्य में एनआरसी की अंतिम सूची जारी होने के कुछ दिन बाद शाह राज्य की यात्रा पर आये है।
शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों के बीच सीमा विवाद एक प्रमुख मुद्दा है जिसे खत्म किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि भारत-बांग्लादेश सीमा विवाद सुलझाया जा सकता है, तो क्षेत्र में हमारे राज्यों के बीच विवाद क्यों नहीं? सीमा विवादों से ऊपर उठिये और एक-दूसरे की मदद कीजिये ताकि क्षेत्र का एक साथ मिलकर विकास किया जा सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के किसी भी प्रधानमंत्री ने एनईसी की बैठक में भाग नहीं लिया था। हालांकि, मैं एक राजनीतिक बयान नहीं देना चाहता, लेकिन आज बैठक में उपस्थित सभी आठ मुख्यमंत्रियों में से कोई भी कांग्रेस से नहीं हैं, बल्कि सभी पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (एनईडीए) के घटक हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि इससे पहले पूर्वोत्तर को आतंकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी, अवैध आव्रजन और सामाजिक तनाव के लिए जाना जाता था लेकिन अब इसे विकास, बुनियादी ढांचे, खेल, कनेक्टिविटी और ‘पूर्व की ओर देखो नीति’ के लिए जाना जाता ।
अमित शाह ने स्पष्ट कहा कि देश में किसी भी ‘‘अवैध प्रवासी’’ को रहने की अनुमति नहीं दी जायेगी और असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की कवायद ‘‘समयबद्ध तरीके’’ से पूरी की गई।
शाह पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के अध्यक्ष भी है। वह यहां एनईसी के 68वें पूर्ण सत्र के उद्घाटन संबोधन में आठ पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों को संबोधित कर रहे थे।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘विभिन्न लोगों ने एनआरसी पर कई तरह के सवाल उठाये। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत सरकार किसी भी अवैध प्रवासी को देश में रहने की अनुमति नहीं देगी। यह हमारी प्रतिबद्धता है।’’
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक को केन्द्रीय मंत्री और एनईसी के उपाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने भी संबोधित किया।
एनआरसी राज्य समन्वयक कार्यालय ने 31 अगस्त को कहा था कि एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था। इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है