गुवाहाटी 30 जुलाई । असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) का ड्राफ्ट सोमवार को जारी कर दिया गया है। इस ड्राफ्ट में 2 करोड 89 लाख 677 लोगों को नागरिकता के योग्य पाया गया है जबकि 40 लाख के नाम इस लिस्ट से बाहर रखा गया है।
आपको बता दें कि वैध नागरिकता के लिए 3,29,91,384 लोगों ने आवेदन किया था, जिसमें 40,07,707 लोगों को अवैध माना गया है।
इस तरह से 40 लाख से ज्यादा लोगों को बेघर होना पड़ेगा। जिन लोगों को बेघर घोषित किया गया है, उनके बारे में कहा जा रहा है कि उनकी कागजी कार्रवाई पूरी नहीं हुई हो, या फिर वो जो अपनी नागरिकता ठीक से साबित नहीं कर सके हो।
इस मौके पर रजिस्ट्रार जनरल ने कहा कि यह ड्राफ्ट है और इसे अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। जिन लोगों के नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं हुए हैं, उन्हें दावा करने और आपत्ति दर्ज करने का मौका है।
रजिस्ट्रार जनरल ने ड्राफ्ट करते हुए कहा, मैं बार-बार जोर देकर स्पष्ट करना चाहूंगा कि यह लिस्ट फाइनल नहीं है और क्लेम और आपत्तियां दर्ज की जाएंगी। 3,29,91,380 लोगों ने नागरिकता के लिए आवेदन किया था, जिनमें से 2,89,38, 677 को नागरिकता के लिए योग्य पाया गया है। जिनका नाम इस लिस्ट में नहीं आया है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। भारत के किसी भी वैध नागरिक के साथ कोई अन्याय नहीं होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तैयारी है और आम नागरिकों को किसी भी तरह के अफवाह से डरने की जरूरत नहीं है।
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के अंतिम मसौदे के प्रकाशन पर लोगों राज्य की जनता को शुभकामना दी है.
उन्होंने कहा है कि यह ऐतिहासिक दिन लोगों के जेहन में हमेशा रहेगा. सोनोवाल ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के सीधे निर्देश में राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों और भारत के रजिस्ट्रार जनरल के सहयोग से सोमवार को अंतिम ड्राफ्ट प्रकाशित हो सका.’ एनआरसी का बहु-प्रतिक्षित दूसरा एवं आखिरी मसौदा 2.9 करोड़ नामों के साथ सोमवार को जारी कर दिया गया है. एनआरसी में शामिल होने के लिए असम में 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन दिया था. एनआरसी 25 मार्च 1971 से पहले से असम में निवास करने वाले सभी भारतीय नागरिकों के नाम इस सूची में शामिल करेगी.
उन्होंने कहा, ‘इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए, मैं एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया में लगे 55,000 अधिकारियों और राज्य के बराक और ब्रह्मपुत्र घाटियों, मैदानों और पहाड़ियों में रहने वाले लोगों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं.’
एनआरसी को ‘असमिया समाज के अधिक हितों की रक्षा के लिए साधन’ मानते हुए सोनोवाल ने विश्वास व्यक्त किया कि वास्तविक भारतीय नागरिकों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को साकार करने के लिए रास्ता बनाने में सक्षम होगा. इससे पहले सीएम ने लोगों से अनुरोध किया कि अगर उनके नाम सूची में नहीं है तो वह घबराए नहीं क्योंकि ‘सभी असली आवेदकों को दावों और आपत्तियों के लिए पर्याप्त समय मिलेगा.’
बंदी बनाने के डर को खारिज करते हुए सोनोवाल ने कहा कि अंतिम मसौदे के प्रकाशन के बाद किसी को भी हिरासत केंद्र में नहीं भेजा जाएगा.
विज्ञप्ति में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया है, ‘एनआरसी का पहला मसौदा बहुत ही शांतिपूर्ण माहौल में प्रकाशित (31 दिसंबर 2017 की मध्यरात्रि) हुआ. मैं राज्य के लोगों से अंतिम मसौदे के प्रकाशन के बाद भी ऐसा ही माहौल बनाए रखने की अपील करता हूं.’attacknews.in