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भारत ने मुश्किल समय में अमेरिका के ऊपर किया बहुत बड़ा उपकार ,राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नहीं भुलाया जाने वाला बताने पर नरेन्द्र मोदी ने दिया जवाब:हम मिलकर जीतेंगें attacknews.in

नयी दिल्ली, नौ अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘आभार’ के जवाब में बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 से निपटने में भारत मानव जाति की हरसंभव मदद करेगा।

उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दिये संदेश में यह बात कही जिन्होंने मलेरिया रोधी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात की अनुमति देने के फैसले के लिए भारत का शुक्रिया अदा किया है।

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को कोरोना वायरस संक्रमण के संभावित उपचार के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है।

मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप के एक ट्वीट के जवाब में कहा, ‘‘हम मिलकर जीतेंगे।’’

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आपके साथ पूरी तरह सहमत हूं। इस तरह का वक्त दोस्तों को और करीब लाता है।’’

उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका की साझेदारी पहले से भी मजबूत है।

मोदी ने लिखा, ‘‘भारत कोविड-19 से मुकाबले के लिए मानवता की हरसंभव मदद करेगा।’’

इससे पहले ट्रंप ने ट्वीट करके हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन निर्यात पर लिये गये फैसले के लिए भारत और भारतीय जनता का आभार व्यक्त किया था और कहा था कि इसे भुलाया नहीं जाएगा।

ट्रंप ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आपका इस लड़ाई में न केवल भारत , बल्कि पूरी मानवता की मदद करने में मजबूत नेतृत्व प्रदान करने के लिए शुक्रिया।’’

राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले सप्ताह फोन पर बात की थी। ट्रंप ने इस बातचीत में मोदी से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के अमेरिका के ऑर्डर के निर्यात पर लगी रोक हटाने का अनुरोध किया था।

भारत इस दवा का बड़ा उत्पादक है।

मोदी शानदार शख्स हैं, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात का भारत का फैसला याद रखेंगे : ट्रम्प

वाशिंगटन,से खबर है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का अमेरिका को निर्यात करने की मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘‘शानदार’’ शख्स बताते हुए कहा कि ऐसे मुश्किल वक्त में भारत की मदद को ‘‘भुलाया नहीं जाएगा।’’ इस दवा को कोरोना वायरस के इलाज में कारगर माना जा रहा है।

ट्रम्प ने पिछले हफ्ते फोन पर हुई बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी से मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली यह दवा भेजने का अनुरोध किया था।

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के सबसे बड़े उत्पादक भारत ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी जिसे मंगलवार को हटा दिया गया। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने मंगलवार को बताया कि राज्य की तीन कंपनियां अमेरिका को इस दवा का निर्यात करेंगी।

ट्रम्प ने कोरोना वायरस पर अपने नियमित व्हाइट हाउस संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने जिस चीज के लिए उनसे अनुरोध किया था उसे देने की मंजूरी देने के लिए मैं भारत के प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं और वह बहुत शानदार शख्स हैं। हम इसे याद रखेंगे।’’

इससे पहले ट्वीट कर ट्रम्प ने मोदी की उनके मजबूत नेतृत्व के लिए प्रशंसा की और कहा कि संकट के दौरान भारत की मदद को भुलाया नहीं जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘असाधारण वक्त में दोस्तों के बीच करीबी सहयोग की आवश्यकता होती है। एचसीक्यू पर फैसले के लिए भारत और भारतीय लोगों का शुक्रिया। इसे भुलाया नहीं जाएगा।’’

ट्रम्प ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस लड़ाई में न केवल भारत बल्कि मानवता की मदद में आपके मजबूत नेतृत्व के लिए शुक्रिया।’’ यह ट्वीट वायरल हो गया और उसे 60,000 बार रीट्वीट किया गया तथा दो लाख से अधिक लोगों ने इसे लाइक किया।

बुधवार रात तक 14,600 से अधिक अमेरिकियों ने इस संक्रामक रोग के कारण अपनी जान गंवा दी और 4.3 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं।

वैज्ञानिक और चिकित्सा समुदाय इस बीमारी का टीका तथा इलाज ढूंढने में लगे हुए हैं।

अमेरिका के खाद्य एवं औषध प्रशासन ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की कोविड-19 के संभावित इलाज के तौर पर पहचान की है और इसकी न्यूयॉर्क में 1,500 से अधिक मरीजों पर जांच की जा चुकी है। कोरोना वायरस के इलाज में इसके कारगर होने की संभावना के चलते ट्रम्प ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की 2.9 करोड़ से अधिक गोलियां खरीदी हैं।

भारतीय-अमेरिकियों ने इस फैसले का स्वागत किया है।

ट्रम्प के एक समर्थक अल मैसन ने कहा, ‘‘राष्ट्र्रपति ट्रम्प गरिमामय और कृतज्ञ व्यक्ति हैं। जब वह कहते हैं कि वह भारत के इस कदम को नहीं भूलेंगे तो वह ईमानदारी से यह बात कहते हैं। वह भारत के सच्चे मित्र हैं।’’

जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस से 88,538 लोग जान गंवा चुके हैं और करीब 15 लाख लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं। अमेरिका में संक्रमण के सबसे अधिक 431,838 मामले सामने आए। इसके बाद स्पेन (148,220) और इटली (139,422) में सबसे अधिक मामले सामने आए।

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