श्रीनगर ,15 फरवरी । दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को हुए फिदायीन हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 37 जवानों के शहीद होने के बाद सुरक्षा बलों ने व्यापक तलाश अभियान शुरु किया है तथा जगह-जगह नाके स्थापित किये गये हैं, पूरे कश्मीर घाटी में सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। खुफिया एजेंसियों की चेतावनी के बावजूद इस हमले काे लेकर खुफिया एजेंसियां भी आश्चर्यचकित हैं।
सुरक्षा बलों तथा राज्य पुलिस के जवान श्रीनगर में सड़कों पर नाके स्थापित कर तलाश एवं जांच अभियान चला रहे हैं। दोपहिया एवं तिपहिया वाहनों समेत सभी वाहनों की समुचित तरीके से जांच करने तथा उनमें सवार लोगों की पहचान पत्र की जांच के बाद ही उन्हें आगे जाने दिया जा रहा है।
सिविल लाइंस के विभिन्न इलाकों में पैदलयात्रियों से भी पूछताछ की जा रही है। बादशाह चौक पर तैनात सुरक्षा बल के अधिकारी के मुताबिक उन्हें किसी प्रकार की गड़बड़ी फैलाने के आतंकवादी प्रयासों को नाकाम करने के लिए तलाश अभियान शुरू करने के निर्देश दिये गये हैं।
कानून और व्यवस्था बनाये रखने के लिए संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बलों के जवानों काे तैनात किया गया है।
इस बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उक्त हमले को लेकर आम लोगों से मदद सहयोग करने की अपील की है।
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक,“पुलिस ने एक मामला दर्ज किया है तथा आतंकवाद की घटना की जांच कर रहे अधिकारी विस्फोट की पूरी परिस्थितियों की जांच करने में जुटे हुए हैं।”
प्रवक्ता ने कहा,“हम इस नृशंस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं तथा शहीद एवं घायल जवानों के परिजनों के साथ खड़े हैं। नागरिकों से अनुरोध किया जाता है कि वे घटनास्थल से दूरी बनाये रखें क्योंकि विस्फोट स्थल को जांचकर्ताओं की जांच के लिए संरक्षित किया गया है। आपका सहयोग इस संबंध में अपेक्षित होगा।”
प्रवक्ता ने कहा,“यदि आपके पास कोई सूचना हो जिससे पुलिस की जांच में मदद मिल सके तो इसके बारे में पुलिस को सूचित करें।”
शनिवार को सर्वदलीय बैठक:
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर सरकार ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति की शुक्रवार सुबह यहाँ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह स्थिति का जायजा लेने के लिए पुलवामा गये हैं। वहाँ सुरक्षा बलों तथा शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर वह हालाता की समीक्षा करेंगे। वहाँ से लौटने के बाद शनिवार को वह सर्वदलीय बैठक करेंगे ताकि विभिन्न दलों के नेताओं से विचार-विमर्श के बाद एकजुट होकर आगे बढ़ा जा सके।
इस हमले को लेकर देश का एक रुख तथा एक आवाज सुनिश्चित करने के लिए यह बैठक महत्त्वपूर्ण मानी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह स्वयं भी सभी राजनीतिक दलों से अपील कर चुके हैं कि वे आलोचना करें, लेकिन राजनीतिक छींटाकशी से दूर रहें और देश का “एक ही स्वर” दुनिया के सामने आना चाहिये।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी इस मामले में सरकार का पूरा साथ देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ शुक्रवार को यहाँ कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह हमला देश को तोड़ने और बाँटने की कोशिश है, लेकिन आतंकवादियों का कोई भी सपना साकार होने वाला नहीं है क्योंकि संकट की इस घड़ी में कांग्रेस, पूरा विपक्ष और सारा देश सुरक्षा बलों तथा सरकार के साथ खड़ा है।
attacknews.in