बलरामपुर (उप्र)/नईदिल्ली/गुना , 14 मई। कोविड-19 लॉकडाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलवाए जाने, प्रदेश सरकार द्वारा कई जगहों पर बसें भेजे जाने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस निर्देश के बावजूद की यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी को पैदल, साइकिल या मोटरसाइकिल से घर ना लौटना पड़े प्रवासी कामगारों के लिए साइकिल घर लौटने का महत्वपूर्ण साधन बन गया है।
बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार घर लौटने के लिए सैकड़ों किलोमीटर की लंबी साइकिल यात्रा पर निकल पड़े हैं। इसकी वजह से नयी-पुरानी साइकिल की मांग भी अचानक बढ़ गई है।
उत्तराखंड में मजदूरी करने वाले राजन अपने आठ साथियों के साथ 10 मई को बिहार के बक्सर स्थित अपने घर के लिए साइकिल यात्रा पर निकले हैं। ये लोग 1100 किलोमीटर लंबा सफर साइकिल से तय करेंगे।
बृहस्पतिवार सुबह बलरामपुर पहुंचे राजन ने बताया कि लॉकडाउन के बाद जब घर वापस लौटने के लिये कोई साधन मिलता नहीं दिखा तो आठों ने बचे हुए पैसे जमा कर उससे चार साइकिलें खरीदी और उनसे गंतव्य की ओर निकल पड़े। उन्होंने बताया कि एक वक्त पर एक व्यक्ति साइकिल चलाता है और दूसरा पीछे कैरियर पर बैठा रहता है, ऐसे करके दो लोग बारी-बारी से 50-50 किलोमीटर तक साइकिल चलाते हैं।
इधर, बलरामपुर चीनी मिल में मजदूरी करने वाले बरसाती ने बताया कि मिल 12 मई को बंद हो गई, लेकिन उसे घर वापस का कोई साधन नहीं मिला। अब उन्होंने एक साइकिल खरीदी है और उसी से घर जाने की सोच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि साइकिल से जाने में परेशानी तो होगी लेकिन लोगों से दूरी बनी रहेगी और कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा भी नहीं रहेगा।
हरियाणा के रोहतक में मजदूरी करने वाले राधेश्याम के सामने लॉकडाउन के कारण रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया। वतन वापसी के लिये कोई साधन नहीं मिला तो साइकिल खरीद कर अपनी पत्नी के साथ 900 किलोमीटर का सफर तय करके घर लौट आए।
तुलसीपुर शुगर कम्पनी के कल्याण अधिकारी ने बताया, ‘‘कम्पनी में करीब 105 मजदूर काम करते हैं। आस-पास के जिलों के श्रमिकों को सरकारी बसों के जरिये उनके घर भेजा गया है। बिहार के 10 मजदूरों ने सामाजिक दूरी अपनाने के लिए साइकिल से घर जाने की इच्छा जताई। इस पर उन्हें नई साइकिल खरीद कर और रास्ते में खाने-पीने का खर्च देकर बृहस्पतिवार को भेजा गया है।’’
बड़ी संख्या में श्रमिक साइकिलें खरीद कर अपने वतन को लौट रहे हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण संकटकाल में लॉकडाउन की काली छाया से लाखों उघोग धंधो पर भले ही संकट के बादल छाए गए हो लेकिन साइकिल कारोबार में तेजी आई है। बड़े पैमाने पर श्रमिक साइकिल खरीद रहे हैं।
बलरामपुर में साइकिल व्यवसाई आमिर का कहना है कि सरकार की तरफ से लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद साइकिल ब्रिकी में तेजी आई है। पहले जहाँ हर रोज 8 से 10 साइकिलें बिकती थीं वहीं आज 30 से 35 साइकिलें बिक रही हैं। कम पैसे होने की वजह से लोग पुरानी साइकिल भी खरीद रहे हैं।
साइकिलों की ब्रिकी बढ़ने के कारण साइकिल बांधने वाले अतिरिक्त कारीगरों को लगाना पड़ा है जिससे उनकी रोजी रोटी भी चल पड़ी है।
घर लौट रहे 15 मजदूरों की मौत, 67 घायल
कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के फैलाव को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों और उनके परिजनों की विपदा पीछा नहीं छोड़ रही है और पिछले 24 घंटों में अलग-अलग राज्यों में हुए सड़क हादसों में कम से कम 15 श्रमिकों की मौत हो गयी तथा 67 अन्य घायल हो गये।
मध्यप्रदेश के गुना जिला मुख्यालय के पास बायपास मार्ग पर बस और ट्रक की टक्कर के कारण आठ श्रमिकों की मौत हो गयी और 55 घायल हो गए। ये श्रमिक उत्तर प्रदेश निवासी हैं, जो कामकाज न मिलने और खाने-रहने का प्रबंध न हो पाने से महाराष्ट्र से अपने गृह राज्य लौट रहे थे।
महाराष्ट्र से श्रमिकों को ले जा रहा ट्रक गुना के पास खाली बस से टकराया, आठ की मौत, 55 घायल
मध्य प्रदेश में गुना के पास बृहस्पतिवार तड़के एक खाली बस और ट्रक कंटेनर की टक्कर से ट्रक में सवार आठ प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गयी और लगभग 55 लोग घायल हो गये। ये प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के कारण ट्रक में सवार होकर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश की ओर जा रहे थे।
जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) तरुण नायक ने बताया कि महाराष्ट्र से लगभग 65 मजदूर एक ट्रक में सवार होकर उत्तर प्रदेश के लिए निकले थे। रात करीब 3 बजे गुना बाइपास पर गलत दिशा से आ रही एक खाली बस और ट्रक की भिड़ंत हो गयी। इस हादसे में मौके पर ही आठ लोगों की मौत हो गयी और 55 अन्य लोग घायल हो गये।
उन्होंने बताया कि घायलों का गुना के अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। कोई भी व्यक्ति गंभीर रुप से घायल नहीं है।
एसपी ने बताया कि मृतकों की पहचान इब्राहीम (18), अजीत कोरी (20), अर्जुन कोरी (20), वसीम खां (23), रमेश पाल (42), सुधीर (22), दिनेश पाल (42) और गंगा पाल (45) के तौर पर हुई है।
उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया बस चालक की लापरवाही सामने आई है। बस चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और आगे कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि बायपास पर उलटी दिशा में आ रही बस खाली थी जबकि मजदूर ट्रक में सवार थे।
हालांकि इससे पहले सूचना मिली थी की हताहत मजदूर बस में सवार थे, लेकिन बाद में उनके ट्रक में सवार होने की पुष्टि हुई।
जिला कलेक्टर एस विश्वनाथन ने बताया कि घायलों को शाम तक अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद है। इसके बाद प्रशासन द्वारा इन सभी को सुरक्षित घर भेजने की व्यवस्था की जाएगी।