काबुल 16 फरवरी । अफगानिस्तान में पिछले वर्ष हिंसक घटनाओं में मरने वालों और घायलों की कुल संख्या 10,000 से ज्यादा हो गई है।
यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र ने दी है। गार्जियन में छपी रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में स्थित संयुक्त राष्ट्र मिशन (यूनामा) द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में पिछले वर्ष की तुलना में हिंसा से प्रभावित लोगों की संख्या में नौ फीसदी कमी आई है।
यूनामा की प्रमुख, ताडामिकी यामामोटो ने कहा, “यह रपट युद्ध के प्रभाव के बारे में विश्वसनीय आंकड़े मुहैया कराती है, लेकिन इनसे सामान्य लोगों पर युद्ध का प्रभाव नहीं दिख सकता।”
पिछले वर्ष अगस्त में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में अपेक्षाकृत अधिक आक्रामक हिंसक नीति अपनाते हुए हवाई हमले तेज कर दिए थे। आतंकवादियों ने पलटवार करते हुए पिछले कुछ सप्ताहों में लगातार हमले कर काबुल को दहला दिया, जिसमें कम से कम 150 लोग मारे गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पिछले वर्ष कोई 3,438 नागरिकों की हत्या हुई और 7,015 लोग घायल हुए हैं।
गार्जियन के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त जीद राद अल हुसैन ने कहा है कि आतंककियों जवाबदेह ठहराया जाएगा।
यूनामा के अनुसार, साल 2017 में अफगानिस्तान में संघर्ष में 359 महिलाओं की मौत हुई और 865 महिलाएं घायल हुईं। यह आंकड़ा पिछले वर्ष से पांच फीसदी ज्यादा है। बच्चों के मामले में 2017 में 861 मौतें हुईं और 2,318 बच्चे घायल हुए। यह आंकड़ा 2016 की तुलना में हालांकि 10 फीसदी कम है।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2009 में नागरिक हत्याओं पर अध्ययन शुरू करने के बाद से सबसे खतरनाक हमला 31 मई को काबुल में हुआ, जब एक भीषण ट्रक विस्फोट में 92 लोगों की मौत हुई थी और 491 लोग घायल हुए थे।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा अफगानिस्तान में साल 2009 में शोध शुरू करने के बाद 28,000 से ज्यादा लोग हमलों में मारे जा चुके हैं और 52,000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं।attacknews.in