नयी दिल्ली,13 अगस्त । बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में बिहार सरकार ने गुरुवार को कहा कि इस प्रकरण में एक मात्र प्राथमिकी पटना में दर्ज हुई है और अब मामला केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा जा चुका है, ऐसे में मॉडल रिया चक्रवर्ती की याचिका निष्प्रभावी हो गयी है।
रिया ने हालांकि सुशांत के पिता के आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि पटना में दर्ज मुकदमा महाराष्ट्र स्थानांतरित किया जाना चाहिए। यह लिखित दलील वकील केशव मोहन ने तैयार की है, जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता मनिन्दर सिंह ने शीर्ष अदालत को सौंपा है।
बिहार सरकार ने उच्चतम न्यायालय में लिखित दलील में कहा है कि महाराष्ट्र पुलिस ने राजनीतिक दबाव के कारण अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है और न ही उसने बिहार पुलिस को जांच में सहयोग किया। उसने कहा कि उसकी सिफारिश पर जांच सीबीआई को सौंपी जा चुकी है, ऐसे में रिया चक्रवर्ती की याचिका निष्प्रभावी हो गयी है।
बिहार सरकार का कहना है कि सुशांत की मौत के बाद पुलिस अधिकारी द्वारा अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 154 के तहत प्राथमिकी दर्ज किया जाना अनिवार्य है। मुंबई पुलिस की ‘कथित जांच’ वैध या सीआरपीसी के प्रावधानों के अनुकूल नहीं है।
सुशांत मामला: अजय अग्रवाल की याचिका पर 21 अगस्त को सुनवाई
इधर उच्चतम न्यायालय ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की एकीकृत जांच संबंधी भारतीय जनता पार्टी नेता एवं वकील अजय अग्रवाल की याचिका की सुनवाई 21 अगस्त तक के लिए गुरुवार को स्थगित कर दी।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रमासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की अस्वस्थता के कारण सुनवाई स्थगित करने का निर्णय लिया। श्री अग्रवाल ने पत्र लिखकर अस्वस्थ होने के कारण सुनवाई में शामिल नहीं हो पाने का हवाला दिया था, जिसके बाद यह सुनवाई अगले सप्ताह शुक्रवार के लिए स्थगित कर दी गयी।
श्री अग्रवाल ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि इस मामले की मुंबई पुलिस द्वारा की जा रही जांच के तरीके से पूरा देश स्तब्ध है और इसकी एकीकृत जांच कराया जाना जरूरी है। शीर्ष अदालत इससे पहले 30 जुलाई और सात अगस्त को इसी तरह की अलका प्रिया और मुंबई के कानून के छात्र द्विवेन्द्र दुबे की जनहित याचिकायें खारिज कर चुकी हैं।
गौरतलब है कि सात अगस्त को न्यायालय ने दुबे की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि मृतक के पिता ने इस मामले में खुद ही अदालत से गुहार लगाई है, इसलिए अन्य किसी के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।
श्री अग्रवाल बोफोर्स तोप सौदा दलाली मामले में याचिकाकर्ता हैं।