1 जून को कोरोना कर्फ्यू से मुक्त हुआ मध्यप्रदेश: समस्त खुलने और बंद रहने वाली इन गतिविधियों के लिए गृह विभाग ने नए दिशानिर्देशों का पत्र समस्त कलेक्टरों को भेजा attacknews.in

एक जून से मध्यप्रदेश में कोरोना कर्फ्यू में ढील संबंधी दिशानिर्देश जारी, शुरू होंगी आर्थिक गतिविधियां

भोपाल, 29 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के चलते लगभग पौने दो माह के बाद कोरोना कर्फ्यू में एक जून से रियायत देने संबंधी नए दिशानिर्देश आज राज्य सरकार ने जारी करने के साथ ही आर्थिक गतिविधियां खोलने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देर शाम राज्य की जनता को सोशल मीडिया के माध्यम से संबोधित किया।

श्री चौहान ने साथ ही आम लोगों से कोरोना संक्रमण पर आगे भी काबू पाने के लिए सभी दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने की स्थिति में कोरोना फिर से हम सभी को अधिक परेशान कर सकता है।

दूसरी आेर राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने नए दिशानिर्देशों के संबंध में समस्त कलेक्टरों को संबोधित तीन पेज का पत्र और दिशानिर्देशों को परिशिष्ट के रूप में विस्तार से भेजा है।

इस पत्र में कहा गया है कि नए दिशानिर्देश एक जून से 15 जून के बीच प्रभावी रहेंगे और पत्र में दिए गए दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किए जाने की अपेक्षा की गयी है।

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि राज्य के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिबंधित गतिविधियां राज्य के सभी नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों पर लागू होंगे।

इसमें कहा गया है कि प्रदेश के गांवों को तीन जोन में चिंहाकित किया गया है।

जहां कोविड 19 के शून्य एक्टिव केस हैं, उन ग्रामों को ग्रीन ग्राम सभा तथा जहां चार या चार से कम एक्टिव केस हैं, वहां ग्रामों को यलो ग्राम में चिंहाकित किया गया है।

जिन गांवों में कोरोना के एक्टिव केस पांच या पांच से अधिक हैं, उन्हें रेड ग्राम के रूप में चिंहाकिंत किया गया है।

इन गांवों तथा नगरीय क्षेत्रों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन और कंटेनमेंट जोन बनाकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देशों के अनुसार ही गतिविधियां हो सकेंगी।

डॉ राजौरा की ओर से जारी किए गए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि जिन नगरीय क्षेत्रों में पॉजिटिविटी दर का साप्ताहिक औसत 5 प्रतिशत से अधिक है, किंतु 15 जून के पूर्व साप्ताहिक औसत 5 प्रतिशत से कम हो जाता है, तो वहां भी रियायतें देने में उदारता रहेगी। लेकिन यदि पाजिटिविटी रेट का साप्ताहिक औसत 5 प्रतिशत से कम है और वहां 15 जून के पहले साप्ताहिक औसत 5 प्रतिशत से अधिक हो जाता है, तो वहां प्रतिबंध बढ़ाए जाएंगे। लेकिन प्रतिबंध बढ़ाने के पहले राज्य के गृह विभाग से सलाह लेना आवश्यक है।

पत्र में कलेक्टरों से कहा गया है कि वे यह निर्देश समस्त ग्राम, वार्ड, ब्लाक क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप्स को प्रेषित कर उनकी सहमति एवं सुझाव 30 मई तक प्राप्त करें। इसी दिन यानी कल ही जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में विचार कर निर्णय लिया जाए। इसके बाद 31 मई को प्रतिबंधात्मक आदेश का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। यदि इस परिपत्र के दिशानिर्देशों से भिन्न कोई निर्णय लेना आवश्यक है तो गृह विभाग से सहमति प्राप्त करने के उपरांत ही आदेश जारी किए जाएंगे। यह समस्त कार्रवाई 31 मई तक पूर्ण करने के लिए कहा गया है।

दिशानिर्देशों के अंत में कहा गया है कि यह दिशानिर्देश 15 जून तक प्रभावशील रहेंगे।

जिला प्रशासन कोविड 19 के प्रोटोकाल का जिले में पालन सुनिश्चित कराएगा।

इनका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाए।

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि सभी सामाजिक, राजनैतिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन और मेले आदि, जिनमें जनसमूह एकत्रित होगा, प्रतिबंधित रहेंगे।

स्कूल कॉलेज शैक्षणिक प्रशिक्षण, कोचिंग संस्थान में ऑनलाइन क्लासेस चलती रहेंगी।

सभी सिनेमाघर, शापिंग मॉल, स्वीमिंग पूल, थियेटर, पिकनिक स्पाट, ऑडिटोरियम सभागृह आदि भी बंद रहेंगे।

धार्मिक और पूजास्थलों पर एक समय में चार से अधिक व्यक्ति मौजूद नहीं रह सकेंगे।

अत्यावश्यक सेवाएं देने का कार्य करने वाले कार्यालयों को छोड़कर शेष कार्यालय 100 प्रतिशत अधिकारियों और 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ संचालित किए जाएंगे।

अत्यावश्यक सेवाओं में जिला कलेक्ट्रेट, पुलिस, आपदा प्रबंधन, फायर, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, जेल, राजस्व, पेयजल आपूर्ति, नगरीय प्रशासन, ग्रामीण विकास, विद्युत प्रदाय, सार्वजनिक परिवहन, कोषालय, पंजीयन सम्मिलित हैं।

इसके अतिरिक्त भी अत्यावश्यक सेवाओं के बारे में कलेक्टर तय कर सकेंगे।

दिशानिर्देशों में प्रतिबंध से मुक्त गतिविधियों की सूची भी जारी की गयी है।

हालाकि इनमें कोरोना के सक्रिय केस के आधार पर क्षेत्रों का वर्गीकरण किया गया है।

इसके अनुसार सभी प्रकार के उद्योग एवं औद्योगिक गतिविधियां चालू रह सकेंगी।

इस कार्य के लिए संबंधित उद्योगों के कर्मचारियों को वैध परिचय पत्र रखना होगा।

उद्योगाें के कच्चे माल और तैयार माल के आवागमन पर किसी प्रकार की रोक नहीं होगी।

अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लिनिक, मेडिकल इंश्योरेंस कंपनीज, अन्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाएं, पशु चिकित्सा अस्पताल चालू रह सकेंगे।

केमिस्ट, राशन दुकानें, किराना दुकानें, फल और सब्जियां, डेयरी, दुग्ध केंद्र, आटाचक्की, पशुआहार की दुकानें पूरे दिन के लिए खुली रखी जा सकेंगी।

पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी खुली रहेंगी।

सभी कृषि गतिविधियों की अनुमति रहेगी।

बैंक, बीमा कार्यालय और एटीएम प्रारंभ होंगे।

प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया तथा केबल ऑपरेशंस को अनुमति रहेगी।

सभी प्रकार के सामान की आवाजाही बिना किसी रोकटोक के जारी रहेगी।

सार्वजनिक परिवहन, निजी बसों और ट्रेनों के माध्यम से कोरोना के दिशानिर्देशाें के अंतर्गत अनुमति रहेगी।

ऑटो ईरिक्शा में दो सवारी, टैक्सी तथा निजी चार पहिया वाहनों ड्रायवर तथा दो यात्रियों को मॉस्क के साथ यात्रा करने की अनुमति रहेगी।

इसके अलावा प्रतिबंध से मुक्त गतिविधियों और कोविड 19 प्रोटोकॉल एवं कोविड उपयुक्त व्यवहार (अनुशासन) के संबंध में भी विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए ।

मुरैना कोरोना कर्फ्यू 4 जून तक बढ़ा

इधर केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि मुरैना जिले में लगातार 3 दिन से कोरोना के केस बढ़ रहें है। इसलिये जिले में जनता के हितों को ध्यान में रखते हुये 1 जून से अनलाॅक किया जाना उचित नहीं।

जिला स्तरीय क्राइसेस मैनेजमेन्ट ग्रुप की बैठक में मुरैना जिले में कोरोना कर्फ्यू 4 जून को प्रातः 6 बजे तक रखने का निर्णय लिया गया है।

मध्यप्रदेश के 5% से अधिक तथा 5% से कम संक्रमण जिलों के लिए अनलॉक की पृथक गाइड लाइन होगी,संक्रमण बढ़ा तो पुन: लागू होंगे प्रतिबंध attacknews.in

भोपाल, 29 मई ।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 01 जून से प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया प्रारंभ हो रही है।

अनलॉक के संबंध में मंत्री समूहों द्वारा दी गई अनुशंसाओं को सभी क्राइसिस मैनेजमेंट समूहों को भिजवा दिया गया है। इनपर 30 मई को शाम तक सभी क्राइसिस मैनेजमेंट समूह चर्चा कर अनलॉक प्रक्रिया के संबंध में निर्णय लेकर 31 मई को जनसामान्य को अवगत करा देंगे।

श्री चौहान आज निवास से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में ‘अनलॉक’ के संबंध में प्रभारी मंत्रियों, प्रभारी अधिकारियों, कमिश्नर,आई.जी., कलेक्टर, पुलिस अधीक्षकों से चर्चा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 5 फीसदी से अधिक संक्रमण वाले तथा 5 फीसदी से कम संक्रमण वाले जिलों के लिए अनलॉक की पृथक-पृथक गाइड लाइन होगी। प्रदेश के इंदौर, भोपाल, सागर तथा मुरैना जिलों में 5 फीसदी से अधिक संक्रमण है। यदि कही भी संक्रमण बढ़ता है तो प्रतिबंध पुन: लागू किए जाएं।

प्रदेश के सभी राष्ट्रीय उद्यान एक जून से खुलेंगे-शाह

मध्यप्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा है कि कोरोना काल में प्रदेश के सभी बंद राष्ट्रीय उद्यान एक जून से 30 जून तक के लिये खोले जायेंगे।

श्री शाह ने बताया है कि कोरोना के चलते नेशनल पार्कों में जिन गाइडों,जिप्सी ड्राइवर आदि व्यक्तियों को रोजगार की दिक्कत महसूस की जा रही थी, उन्हें अब रोजगार मिलेगा। पर्यटन गतिविधियों को संचालित करने के दृष्टिगत भी यह निर्णय लिया गया।

मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना का आदेश जारी; नियुक्ति देने की प्रक्रिया, पात्रता और पदों की प्राथमिकता इस तरह होगी attacknews.in

 

उज्जैन 29 मई। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा अनुसार राज्य शासन ने उसके नियोजन में कार्यरत समस्त नियमित/स्थाईकर्मी/कार्यभारित एवं आकस्मिकता से वेतन पाने वाले/दैनिक वेतनभोगी/तदर्थ/ संविदा/कलेक्टर दर/आउटसोर्स/मानदेय के रूप में कार्यरत शासकीय सेवक/सेवायुक्तों के लिये मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना लागू कर दी है।

सेवायुक्तों की कोविड संक्रमण से मृत्यु होने पर उनके परिवार के पात्र एक सदस्य को योजना में विहित प्रावधान के अनुसार उसी प्रकार के नियोजन में अनुकम्पा नियुक्ति दी जायेगी, जिसमें मृत सेवक नियोजित था।

पात्र कर्मी

राज्य के समस्त नियमित/स्थाईकर्मी/कार्यभारित एवं आकस्मिकता से वेतन पाने वाले/दैनिक वेतन भोगी/तदर्थ/संविदा/कलेक्टर दर पर कार्यरत सेवक, जिनका वेतन/मानदेय/पारिश्रमिक का भुगतान राज्य की संचित निधि से विकलनीय हो। विभागों द्वारा सक्षम स्वीकृति एवं निर्धारित प्रक्रिया के तहत ली गई आउटसोर्स सेवाओं पर कार्यरत सेवायुक्त, जिनका पारिश्रमिक/मानदेय आदि का भुगतान राज्य की संचित निधि से विकलनीय हो। विधि द्वारा स्थापित आयोग, ऐसी संस्थाएँ, जिनका शत-प्रतिशत स्थापना व्यय राज्य के नियमित स्थापना मद से विकलनीय होता है अथवा इसके लिये स्थापना अनुदान दिया जाता है, उनमें कार्यरत सेवायुक्त पात्र होंगे।

पात्रता की शर्तें

मृतक सेवायुक्त मान्य चिकित्सीय जाँच में (RAT/RTPCR) कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया हो तथा उसकी मृत्यु उपचार के दौरान हुई हो अथवा स्वस्थ होने के बाद पॉजिटिव होने के साठ दिन के भीतर किसी भी बीमारी से मृत्यु हो गयी हो। मृत्यु की तिथि पर वह शासन के नियोजन/शासकीय कार्य में कार्यरत हो। मृतक सेवायुक्त शासकीय कार्य में पूर्णकालिक रूप से नियोजित होना चाहिये।

योजना में अनुकम्पा नियुक्ति के लिये परिवार के सदस्य की पात्रता का निर्धारण सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र 29 सितम्बर, 2014 की कण्डिका-2 के अनुसार होगा। मृतक शासकीय सेवक/सेवायुक्त के पात्र आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति देने में आयु का बंधन नहीं होगा। दिवंगत शासकीय सेवक/सेवायुक्त के परिवार का कोई भी सदस्य यदि पूर्व से शासकीय सेवा अथवा निगम, मण्डल, परिषद, आयोग आदि में नियमित सेवा में नियोजित हो, तो वह अनुकम्पा नियुक्ति के लिये अपात्र होगा। यदि किसी शासकीय सेवक/सेवायुक्त की मृत्यु अधिवार्षिकी आयु पूर्ण करने के बाद सेवावृद्धि, पुनर्नियुक्ति/संविदा नियुक्ति के दौरान होती है, तो अनुकम्पा नियुक्ति के लिये अपात्र होगा। जिन परिवार को मुख्यमंत्री कोरोना योद्धा योजना के अंतर्गत 50 लाख रुपये प्राप्त करने की पात्रता है, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जायेगा।

योजना की अवधि

योजना एक मार्च 2021 से लागू होगी और 30 जून 2021 तक लागू रहेगी। अगर सेवायुक्त योजनावधि में कोविड-19 पॉजिटिव था, लेकिन उसकी मृत्यु योजनावधि समाप्त होने के पश्चात परंतु कोविड-19 पॉजिटिव होने के साठ दिन के भीतर हो जाती है तब भी अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता होगी।

अनुकम्पा नियुक्ति के पद

योजना में कार्यरत सेवक की मृत्यु होने पर उसके परिवार के पात्र सदस्य को उसके द्वारा धारित योग्यता एवं अर्हता के आधार पर वर्ग-3 (गैर कार्यपालिक पद) अथवा वर्ग-4 अथवा इसके समतुल्य पदों पर उसी प्रकार के नियोजन में अनुकम्पा नियुक्ति दी जायेगी, जिस प्रकार के नियोजन में मृतक सेवक नियोजित था।

अनुकम्पा नियुक्ति की प्रक्रिया

अनुकम्पा नियुक्ति के लिये आवेदन-पत्र उस कार्यालय प्रमुख/विभाग प्रमुख, जिसमें दिवंगत सेवायुक्त अपनी मृत्यु के पूर्व कार्यरत था, को प्रस्तुत किया जायेगा। आवेदन मृत्यु दिनांक से 4 माह के भीतर प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। अपरिहार्य स्थिति में विलम्ब के कारणों से संतुष्ट होने पर दावा स्वीकृति के लिये सक्षम प्राधिकारी अधिकतम तीन माह तक का विलम्ब माफ कर सकेंगे। अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदनों के निपटारे के लिये ऐसे आवेदकों की एक सूची संबंधित कार्यालय/विभाग में बनाई जायेगी एवं इसका क्रम दिवंगत सेवायुक्त की मृत्यु के दिनांक से निर्धारित किया जायेगा, अर्थात जो सेवायुक्त पहले दिवंगत हुआ है, उसके आश्रितों को पहले अनुकम्पा नियुक्ति आरक्षण नियमों का पालन करते हुए दी जायेगी। अनुकम्पा नियुक्ति यथासंभव उसी कार्यालय या विभाग में दी जायेगी, जिसमें दिवंगत सेवायुक्त निधन के पूर्व नियोजित था। यदि विभाग की स्थापना में ऐसा पद रिक्त नहीं है, जिस पर परिवार के सदस्यों को अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकती है, तो इसके लिये सांख्येत्तर पद निर्मित किया जा सकेगा। ऐसे सांख्येत्तर पद पर की गई नियुक्ति भविष्य में नियमित पद की रिक्ति के विरुद्ध समायोजित की जायेगी एवं पात्र आश्रित की पदोन्नति एवं अन्य कारणों से सांख्येत्तर पद रिक्त होने पर स्वत: समाप्त समझा जायेगा।

सांख्येत्तर पद निर्मित करने की अनुमति शासन द्वारा गठित समिति द्वारा दी जायेगी। समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। समिति में प्रमुख सचिव, वित्त और विभागीय प्रमुख सचिव/सचिव सदस्य होंगे। अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग सदस्य सचिव होंगे।

दिवंगत सेवायुक्त के परिवार को शपथ-पत्र पर उस सदस्य का नाम देना होगा, जिसको अनुकम्पा नियुक्ति दी जाना है। दिवंगत सेवायुक्त के पात्र आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति देने की स्थिति में उस पात्र अभ्यर्थी से नियुक्ति के पूर्व इस आशय का शपथ-पत्र लिया जायेगा कि वह दिवंगत सेवायुक्त के परिवार के अन्य सदस्यों का समुचित भरण-पोषण करेगा। आउटसोर्स के रूप में पात्र आश्रित को उसकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से नियोजित कराया जायेगा।

प्रकरण स्वीकृति के लिये सक्षम अधिकारी

जिलों में कार्यरत सेवायुक्त की मृत्यु के समय उनके नियुक्ति स्थल के कार्यालय प्रमुख द्वारा निर्धारित प्रारूप में अपने अभिमत सहित प्रकरण संबंधित जिले के कलेक्टर के पूर्व अनुमोदन के बाद नियुक्ति आदेश विभाग के सक्षम अधिकारी द्वारा किया जायेगा।

जिला कलेक्टर अनुमोदन देने से पूर्व, जिले में इस योजना के अंतर्गत प्राप्त अनुकम्पा नियुक्ति के समस्त प्रकरणों की समीक्षा करेंगे, ताकि यथासंभव संबंधित जिले में ही पात्र आवेदक को अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सके। यदि किसी विभाग में उपयुक्त पद रिक्त न हो, तो जिले के अन्य किसी ऐसे विभाग में पद रिक्त होने पर अनुकम्पा नियुक्ति अन्य ऐसे विभाग में दी जाने के निर्देश कलेक्टर संबंधित को दे सकेंगे। यह अनिवार्यता नहीं रहेगी कि जिले में अनुकम्पा नियुक्ति उसी विभाग में दी जाये, जिसमें मृत कर्मचारी कार्यरत था।

सचिवालय/विभागाध्यक्ष कार्यालयों में पदस्थ सेवायुक्तों के प्रकरणों में संबंधित विभाग प्रमुख सक्षम प्राधिकारी होंगे। दैनिक वेतनभोगी/कलेक्टर दर पर कार्यरत/आउससोर्स/मानदेय कर्मी की मृत्यु पर उसके परिवार के पात्र सदस्य को आउटसोर्स के माध्यम से नियोजित करने के लिये कलेक्टर/सक्षम विभागीय अधिकारी, सक्षम प्राधिकारी होंगे।

अर्द्धशासकीय/निगम/मण्डल/संस्थाओं में नियोजन

राज्य शासन के निगम/मण्डल/संस्थाओं/प्राधिकरण/विश्वविद्यालयों/स्थानीय निकाय में कार्यरत नियमित/स्थाईकर्मी/दैनिक वेतनभोगी/तदर्थ/संविदा/आउटसोर्स सेवायुक्तों को उनके शासी निकाय के अनुमोदन से इस योजना के अनुरूप उसी संस्था में अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकेगी। इन संस्थाओं को प्रकरण कलेक्टर को भेजने की आवश्यकता नहीं होगी। अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा एक माह की समय-सीमा में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।

कमलनाध ने कहा: सुप्रीम कोर्ट के कारण भारत पूरे विश्व में बदनाम हो रहा है;मैंने कहा मेरा भारत महान है, पर यह जो आज कोर्ट की स्थिति पूरे विश्व में देखी है,मैं तो इस बदनामी से भारत को बचाने की बात कर रहा हूं attacknews.in

कमलनाथ ने दोहराया, कोरोना से मृत्यु के मामले दबाए जा रहे हैं

भोपाल, 29 मई। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज फिर आरोप दोहराते हुए कहा कि राज्य में कोरोना से मृत्यु संबंधी आकड़े दबाए जा रहे हैं और वे इस तरह के मुद्दे उठाने के प्रयास करते हैं, तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जाती है।

प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञप्ति में श्री कमलनाथ ने कहा है कि उन्होंने तीन सप्ताह पहले मांग की थी कि जितनी भी मृत्यु हुयी हैं, श्मशानघाटों के रजिस्टर में दर्ज आकड़े सामने आना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार वे मानते हैं कि इनमें से लगभग 80 प्रतिशत मृत्यु कोरोना के कारण हुयी हैं।
हमारी यही मांग थी कि कम से कम लाशों के आकड़े तो सरकार की तरफ से आना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह कोरोना से मृत्यु के मामले में मुआवजे संबंधी नियम ठीक नहीं हैं।जिस परिवार में लाश पड़ी है, उसके परिवार का सदस्य उसके अंतिम संस्कार की व्यवस्था में लगा है, वह नगर पालिका और नगर निगम क्या मृत्यु प्रमाणपत्र लेने जाएगा।

श्री कमलनाथ ने कहा कि जब वे सरकार से इस तरह के कोई प्रश्न पूछते हैं तो उन्हें देशद्रोही बता दिया जाता है।जब वे कोई खुलासा करते हैं तो उनके ऊपर प्राथमिकी कर दी जाती है।

श्री कमलनाथ की ओर से विज्ञप्ति में लिखा गया है ””मैंने कहा मेरा भारत महान है, पर यह जो आज सुप्रीम कोर्ट की स्थिति पूरे विश्व में देखी है, इससे भारत बदनाम हो रहा है, मैं तो इस बदनामी से भारत को बचाने की बात कर रहा हूं।

”मेरा भारत महान” हमारा कितना अच्छा नारा था।
देश में ही नहीं पूरे विश्व में आज भारत बदनाम हो रहा है।मैंने तो नाम नहीं रखा, इंडियन कोविड, यह सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने खुद कहा है।उन्होंने एफिडेविट में यह बात कही।”’

श्री कमलनाथ ने कहा कि ””डब्ल्यूएचओ ने कहा।
इंडियन कोविड, यह चीन का है।अपना देश बदनाम नहीं होता, यह चीन का कोविड था, इसे आज इंडियन कोविड बना दिया।आज सब देशों ने रोक लगा दी।हमारे देशवासी हमारे नागरिक कहीं विदेश नहीं जा सकते।सभी एयरलाइंस ने रोक लगा दी।इससे क्या देश बदनाम नहीं होता।”’

श्री कमलनाथ ने इसके अलावा वैक्सीन के मामले में भी केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की।

मदरसों में संशोधित कुरान ए मजीद पढ़ाने की नरेन्द्र मोदी से अपील;एक आयत हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा चुके उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने लिखी चिट्ठी attacknews.in

 

लखनऊ 29 मई । मुस्लिम समुदाय के पवित्र ग्रंथ कुरान ए मजीद की एक आयत को हटाने को लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुके उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इस संबंध में उचित आदेश पारित करने की गुहार लगायी है।

श्री रिजवी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में दलील दी है कि कुरान ए मजीद में 26 लेख (आयत) ऐसी है जो अल्लाह का कथन नहीं हो सकता क्योंकि उक्त आयत आतंकवाद,चरमपंथी और कट्टरपंथी मानसिकता को बढ़ावा देती है और यही कारण है कि पूरे विश्व में मुस्लिम आतंकवाद चरम सीमा पर है। गहन अध्ययन के बाद उन्होने पूर्व में लिखे गए व लिखवाए गए कुरान ए मजीद के सूरोह को सही क्रम में लगाया है और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली 26 आयतों को कुरान ए मजीद से हटा दिया है।

उन्होने प्रधानमंत्री से अपील की कि सही किये गए कुरान ए मजीद को मदरसों मे मुस्लिम समाज को पढ़ाए जाने के लिये व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने से संबंधित आदेश देने की कृपा करें।

मौजूदा कुरान ए मजीद वर्तमान स्थिति के हिसाब से तो बिल्कुल सही नहीं है।

दूसरे के धर्म से नफरत पैदा हो अपने धर्म को सही बता कर दूसरे धर्म का अपमान किया जाना यह राष्ट्रहित में उचित नहीं है और गैर संवैधानिक है।

भारत को इस मामले में पहल करना इसलिए जरूरी है क्योंकि भारत में मुस्लिम सहित अन्य धर्म के लोग भी रहते हैं।

बोर्ड के सदस्य ने कहा कि उन्होने इस बारे में उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसे बिना कोई विस्तृत आदेश किए खारिज कर दिया गया।

उक्त जनहित याचिका पुनः सुनवाई के लिये सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी है जो कि लंबित है।

भोपाल में FCI के 4 अधिकारियों के घरों में मिले करोडों रूपये;CBI द्वारा रिश्वत लेते गिरफ्तारी के बाद छापामारी में 3 करोड़ नगद, लेनदेन की डायरी , नोट गिनने की मशीन जब्त,2 जून तक रिमांड पर attacknews.in

भोपाल, 29 मई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा एक लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के चार अधिकारियों के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई के दौरान लगभग तीन करोड़ रुपए नगद, रुपयों के लेनदेन संबंधी दस्तावेज, नोट गिनने की मशीन और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं।

सीबीआई सूत्रों के अनुसार एफसीआई के यहां पदस्थ चार अधिकारियों हरीश हिनोनिया, अरुण श्रीवास्तव, मोहन परते और किशोर मीना को कल यहां एक सिक्योरिटी एजेंसी से जुड़े लोगों से एक लाख रुपयों की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था।

बाद में इनके ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की गयी। आज दोपहर तक इनके कब्जे से लगभग तीन करोड़ रुपए नगद, 387 ग्राम सोने के गहने और 670 ग्राम चांदी के गहने मिले हैं।

सूत्रों ने बताया कि जप्त की गयी नगदी विभिन्न लिफाफों और लकड़ी की अलमारी में छिपाकर रखे गए थे। इसके अलावा जो दस्तावेज मिले हैं, उनमें अनेक लोगों के नाम, तिथि, रकम का जिक्र है।

छापे में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में डायरी भी मिली है, जिसमें रुपयों के लेनदेन से जुड़े व्यक्तियों के नाम, तिथि, रकम और अन्य चीजों का जिक्र है। एक नोट गिनने की मशीन भी मिली है।

सूत्रों ने कहा कि एक कंपनी ने शिकायत दर्ज करायी थी कि एफसीआई के भोपाल डिवीजनल ऑफिस के प्रबंधक (लेखा) लंबित देयकों के भुगतान के एवज में डेढ़ लाख रुपयों की राशि मांग रहा है।

इस पर सीबीआई ने शिकायत दर्ज कर आगे की कार्रवाई की और कल चार अधिकारियों को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद इनके ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की गयी।

गिरफ्तार आरोपी दो जून तक सीबीआई की रिमांड पर

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा एक लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किए गए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के चार अधिकारियों को आज अदालत ने दो जून तक रिमांड पर सीबीआई को सौंप दिया।

सीबीआई सूत्रों के अनुसार कल गिरफ्तार हुए चार अधिकारियों हरीश हिनोनिया, अरुण श्रीवास्तव, मोहन परते और किशोर मीना को आज यहां अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें सीबीआई के अनुरोध पर रिमांड पर सौंप दिया गया।

अमेरिका और भारत ने द्विपक्षीय संबंधों, कोविड-19 राहत प्रयासों, भारत-चीन सीमा स्थिति और अफगानिस्तान पर चर्चा करने के साथ इन क्षेत्रों में मिलकर काम करने का संकल्प लिया attacknews.in

वाशिंगटन, 29 मई ।अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ उसकी बैठक सार्थक रही और इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों, कोविड-19 राहत प्रयासों, भारत-चीन सीमा स्थिति और अफगानिस्तान पर चर्चा की तथा साझा चिंताओं के क्षेत्रों पर साथ मिलकर काम करने का प्रण किया।

जयशंकर अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर हैं। वह 20 जनवरी को जो बाइडन के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद देश की यात्रा पर आए भारत के पहले मंत्री हैं। उन्होंने शुक्रवार को ब्लिंकन से मुलाकात की।

विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘‘ब्लिंकन ने विदेश मंत्रालय में जयशंकर का स्वागत किया और अमेरिका-भारत व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने की अमेरिकी प्रशासन की प्रतिबद्धता को दोहराया।’’

ब्लिंकन ने कहा, ‘‘डॉ. एस जयंशकर के साथ क्षेत्रीय सुरक्षा और अमेरिका के कोविड-19 राहत प्रयासों समेत आर्थिक प्राथमिकताओं, भारत-चीन सीमा स्थिति और अफगानिस्तान के लिए हमारे सहयोग पर आज रचनात्मक बातचीत की।’’

ब्लिंकन ने विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में जयशंकर के साथ मुलाकात के बाद ट्वीट किया, ‘‘मित्र के तौर पर हम साझा चिंताओं के इन क्षेत्रों में एक साथ मिलकर काम करते रहेंगे।

वहीं, जयशंकर ने ट्वीट किया कि उन्होंने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के साथ ही द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न आयामों पर ब्लिंकन के साथ ‘‘सार्थक चर्चा’’ की।

उन्होंने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत और क्वाड, अफगानिस्तान, म्यांमा, यूएनएससी मामलों और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर भी बातचीत की।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत-अमेरिका के बीच टीकों की साझेदारी पर भी चर्चा की जिसका मकसद टीकों की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इस वक्त अमेरिका द्वारा जताई मजबूत एकजुटता की सराहना करते हैं। आज की बातचीत ने हमारी रणनीतिक साझेदारी और सहयोग के हमारे एजेंडे को और मजबूत किया है।’’

भारतीय पत्रकारों के एक समूह के सवाल के जवाब में जयशंकर ने इसका जिक्र नहीं किया कि क्या खासतौर से चीन पर चर्चा की गई।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर चर्चा की। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा की गई।’’

गौरतलब है कि भारत, अमेरिका और दुनिया के कई अन्य देश चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी की पृष्ठभूमि में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त और स्वतंत्र बनाने की जरूरत पर जोर दे रहे हैं। चीन की सेना की नजर भी सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र पर है।

अमेरिका को भारत का रणनीतिक साझेदार बताते हुए जयशंकर ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि दोनों देशों ने अपनी चुनौतियों पर चर्चा की।

उन्होंने कहा कि किसी भी बैठक में रूस से अरबों डॉलर की एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने की भारत की योजना के मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई।

दक्षिण और मध्य एशिया के लिए कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री डीन थॉम्पसन ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर घटनाक्रमों पर ही चर्चा की गई।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा कि हम स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से हल हो जाएगा।’’

विदेश विभाग के अनुसार, दोनों नेताओं ने कोविड-19 राहत प्रयासों, ‘क्वाड’ के जरिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने की कोशिशों और जलवायु परिवर्तन से निपटने की साझा प्रतिबद्धता तथा संयुक्त सुरक्षा परिषद समेत अन्य मंचों पर बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा की।

प्राइस ने कहा, ‘‘ब्लिंकन और जयशंकर ने क्षेत्रीय घटनाक्रमों, बर्मा में तख्तापलट और अफगानिस्तान के लिए सहयोग जारी रखने पर भी चर्चा की।’’ दोनों नेताओं ने साझा आर्थिक और क्षेत्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं पर सहयोग जारी रखने का भी संकल्प लिया।

इससे पहले थॉम्पसन ने पत्रकारों को बताया कि यह बैठक ‘‘साझेदारी और आगामी वर्षों में इसे मजबूत करने की हमारी प्रतिबद्धता को दिखाती है।’’

उन्होंने कहा, ‘ब्लिंकन और जयशंकर के बीच आज हुई बैठक महामारी शुरू होने के बाद से वाशिंगटन में पहली व्यक्तिगत मुलाकातों में से एक है। यह बैठक भारत के साथ हमारे संबंधों की गहराई को दिखाती है। भारत को हम क्षेत्र तथा दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण साझेदारों में से एक के रूप में देखते हैं।’’

राजस्थान में बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ ट्विटर पर अभियान,#गहलोतराज,जगंलराज के साथ अभियान शुरु attacknews.in

जयपुर 29 मई । राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा सतीश पूनियां सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने राज्य में बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ ट्विटर पर अभियान चलाया है।

इन नेताओं ने ट्विटर पर हैशटैग गहलोत राज, जगंलराज के साथ अभियान शुरु किया जिसका डा पूनियां ने ट्वीट कर आगाज किया। इसके जरिए भाजपा नेताओं ने कहा कि बिगड़ी कानून व्यवस्था के कारण प्रदेश आज अपराधों में सिरमौर बन गया हैं जिससे राज्य की छवि धूमिल हो रही हैं।

श्रीमती राजे ने कहा कि ढाई वर्ष पहले तक शांति प्रदेश के रूप में पहचाने जाने वाला राजस्थान अब अपराध का अड्डा बन गया है। यहां आए दिन हत्या, बलात्कार एवं डकैती जैसी घटनाएं सामने आ रही है, जिनसे राज्य की छवि धुमिल हो रही है। राजस्थान में अपराध की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय हैं। अब समय आ गया है कि राज्य सरकार अपनी नींद को त्यागकर कानून-व्यवस्था पर संज्ञान ले ताकि आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

श्री पूनियां ने कहा कि देश के सबसे शांत प्रदेश को आज अपराधों में सिरमौर बना दिया है। मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री अशोक गहलोत के इस कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

उन्होंने कहा कि जहां सरेआम रोटी मांगती एक भूखी गर्भवती महिला का सामूहिक बलात्कार होता हो, भरतपुर में दिनदहाड़े बीच सड़क पर गोली मार कर हत्या हो, जनता की सेवा करती सांसद पर पत्थर फेंका जाता हो, वह आज का राजस्थान है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ तो देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री हैं, जो हमें आतंकवादियों से सुरक्षा देने में पूर्ण सफल रहे हैं और एक तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री है, जिनके शासन में बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, जनप्रतिनिधि कोई सुरक्षित नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान की कानून व्यवस्था चरमरा गई, लगता नहीं की कानून का राज है। उन्होंने कहा कि जंगलराज है और जनप्रतिनिधि से लेकर आमजन तक कोई सुरक्षित नहीं है।

श्री कटारिया ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार कुप्रबंधन का प्रमाण बन चुकी है, जनता को ना न्याय मिल पा रहा है ना ही सुरक्षा।एक शांतिपूर्ण राज्य की प्रतिष्ठा वाले राजस्थान में अपराधों की बढ़ती घटनाओं ने राजस्थान को पिछले दो वर्षों में अपराधग्रस्त राज्यों में से एक बना दिया है।

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार कुप्रबंधन का प्रमाण बन चुकी है। जनता से जुड़े हर मामले में सरकार की स्वार्थ-सिद्धि नीतियों की पोल खुल गई है। इसे जनता की दु:ख तकलीफ से कोई सरोकार नहीं। इसकी वजह से प्रदेश में अपराधी बेखौफ हैं और जनता न्याय के लिए दर-दर भटक रही है।

उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार में कानून व्यवस्था की स्थिति मृत प्राय: है जहां अपराधी बेखौफ होकर पुलिस प्रशासन को बार-बार खुली चुनौती दे रहे हैं, उन पर जानलेवा हमला करने से नहीं चूक रहे हैं। पुलिस का इकबाल खत्म हो चुका है और आमजन दहशत के साये में जीने को मजबूर है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाएं पूर्णत:असुरक्षित है। अपहरण, बालात्कार, हत्याएं और मारपीट की घटनाएं आम हो चुकी है लेकिन बड़े-बड़े वादे करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यह दिखाई नहीं देता है। बेटियों को खोखले वादे नहीं कड़े सुरक्षा इंतजाम चाहिए। ताकि वह सुरक्षित और बेखौफ रह सके।

प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में महिलाएं पूर्णत: असुरक्षित है। उन्होंने कहा कि अब ऐसा लगता है जैसे कानून व्यवस्था ही अपराधियों से खौफ में हैं।

केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि राजस्थान में जयपुर में एंबुलेंस में खाना देने के बहाने गरीब गर्भवती महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म, महिला उत्पीड़न की यह कोई अकेली घटना नहीं है। हर रोज किसी न किसी मजलूम महिला का शोषण होता है। लेकिन श्री अशोक गहलोत जो प्रदेश के गृह मंत्री भी हैं, कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। यह है कांग्रेस का महिला सुरक्षा मॉडल।

पुलवामा में शहीद सैन्यकर्मी मेजर विभूति शंकर धौंदियाल की पत्नी निकिता कौल सेना में शामिल : लेफ्टिनेंट जनरल ने उनके कंधे पर लगाए स्टार attacknews.in

जम्मू, 29 मई । पुलवामा में शहीद हुए अपने पति मेजर विभूति शंकर धौंदियाल के पदचिह्नों पर चलते हुए निकिता कौल शनिवार को सेना में शामिल हो गयीं। सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने तमिलनाडु के चेन्नई में अधिकारियों की प्रशिक्षण अकादमी में उनके कंधों पर स्टार लगाए।

रक्षा मंत्रालय, उधमपुर के जन संपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इस समारोह का एक संक्षिप्त वीडियो साझा किया है।

पीआरओ उधमपुर ने ट्वीट किया, ‘‘पुलवामा में प्राण न्योछावर करने वाले मेजर विभूति शंकर धौंदियाल को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। उन्हें सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि देते हुए आज उनकी पत्नी निकिता कौल ने सेना की वर्दी पहन ली। यह उनके लिए गर्व का मौका होगा क्योंकि सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट वाई के जोशी ने उनके कंधे पर स्टार लगाए।’’

मेजर धौंदियाल जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे और राष्ट्र के लिए उनके बलिदान को लेकर उन्हें शौर्य चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया।

इस ट्वीट के बाद कई लोगों ने सेना और शहीद सैन्यकर्मी की पत्नी की सराहना की है।

स्वप्निल पांडे ने लिखा ‘‘आपको पता है यह इसलिए महत्वपूर्ण है कि सैनिक ना भी रहे लेकिन सेना उनके परिवारों को कभी अकेलापन का अहसास नहीं होने देती है। बहादुर अधिकारी से शादी करने वाली और अब खुद वर्दी पहनने वाली वीर नारी का साथ देना सेना के मूल्यों और इसके आचार संहिता को प्रदर्शित करता है।’’

कुछ और लोगों ने भी कौल की सराहना करते हुए लिखा, ‘‘दिवंगत अधिकारी को यह सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि है।’’

आईपीएल 2021 सीजन के बाकी बचे 31 मैच सितंबर-अक्टूबर में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में होंगे;बीसीसीआई की जनरल मीटिंग में फैसला attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 मई । आईपीएल 2021 सीजन के बाकी बचे 31 मैच सितंबर-अक्टूबर में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में होंगे।

भारतीय क्रिकेट कंट्राेल बाेर्ड (बीसीसीआई) ने शनिवार को वर्चुअल रूप से आयोजित अपनी विशेष आम बैठक (एसजीएम) में यह फैसला लिया है।

वहीं बीसीसीआई ने आगामी टी-20 विश्व कप की मेजबानी के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से और समय मांगा है जो मूल रूप से अक्टूबर के मध्य और 14 नवंबर के बीच भारत में आयोजित होना है।

समझा जाता है कि बीसीसीआई ने आईपीएल को दोबारा शुरू करने के लिए अस्थायी रूप से 20 सितंबर की तारीख निर्धारित की है।

बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने शनिवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “ भारत में मानसून के सीजन के मद्देनजर शेष आईपीएल 2021 सत्र को इस साल सितंबर-अक्टूबर में यूएई में आयाेजित करने का फैसला लिया गया है, क्योंकि आमतौर पर मानसून जून और अक्टूबर की शुरुआत के बीच होता है। ”
शेष आईपीएल के लिए सीमित विंडो में बीसीसीआई के सामने कई बाधाएं हैं, जिसमें सबसे पहली दुविधा इंग्लैंड में भारत की पांच मैचों की टेस्ट सीरीज है जो चार अगस्त को शुरू होगी और 14 सितंबर को समाप्त। ऐसे में बीसीसीआई के लिए सितंबर की शुरुआत में आईपीएल को शुरू करना मुमकिन नहीं है। वहीं इंग्लैंड के खिलाड़ी आईपीएल में उपलब्ध नहीं होंगे, क्योंकि भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के करीब एक हफ्ते बाद इंग्लैंड को बंगलादेश के दौरे पर जाना है और उसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ उसके घर पर सफेद गेंद श्रृंखला खेलनी है, जो अक्टूबर के मध्य तक चलने की उम्मीद है। इस कारण इंग्लैंड के खिलाड़ियों की अनुपलब्धता कई फ्रेंचाइजियों को चिंता का विषय है।

इसके अलावा दूसरी प्रमुख चुनौती कैरिबियाई प्रीमियर लीग (सीपीएल) है, जिसने शुक्रवार को खिलाड़ियों के मसौदे की घोषणा करते हुए दोहराया कि 2021 संस्करण 28 अगस्त से 19 सितंबर के बीच आयोजित किया जाएगा। कई शीर्ष कैरिबियाई खिलाड़ी और कई अन्य विदेशी खिलाड़ी और कोचिंग स्टाफ सीपीएल में शामिल हैं। इसके मद्देनजर बीसीसीआई ने सीपीएल के साथ बातचीत शुरू की है और उन्हें अपने शैड्यूल में बदलाव करने का आग्रह किया है, ताकि खिलाड़ियों को सीपीएल के आयोजन स्थल सेंट किट्स से यूएई में बायो-बबल में जल्द स्थानांतरित किया जा सके, हालांकि बीसीसीआई के लिए यह आसान काम नहीं होगा।

बीसीसीआई ने कहा कि एसजीएम ने पदाधिकारियों को आईसीसी से टी-20 विश्व कप की मेजबानी को लेकर उचित फैसला लेने के लिए और समय की मांग करने के लिए कहा है। उल्लेखनीय है कि यह मुद्दा एक जून को होने वाली आईसीसी बोर्ड की बैठक के एजेंडे के प्रमुख मुद्दों में से एक है, जिसमें बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गांगुली के हिस्सा लेने की उम्मीद है।

समझा जाता है कि एसजीएम में घरेलू खिलाड़ियों को भुगतान का मामला चर्चा में नहीं लाया गया। इन खिलाड़ियों को कई टूर्नामेंट आयोजित नहीं किए जाने के बाद भुगतान किया जाना था। एक क्रिकेट संघ ने चर्चा के लिए इस मुद्दे को उठाया भी, लेकिन अध्यक्ष सौरभ गांगुली और उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने यह कहते हुए इस पर चर्चा से इंकार कर दिया कि यह एजेंडा का हिस्सा नहीं है।

वहीं आईसीसी ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि टी-20 विश्व कप, जो 16-20 अक्टूबर से 14 नवंबर के बीच होने की संभावना है, की विंडो को बदला नहीं जा सकता है।

आईसीसी ने यह भी कहा है कि बीसीसीआई इस बात पर विचार करे कि क्या टी-20 विश्व कप में 16 टीम हिस्सा लें या नहीं। साथ ही बीसीसीआई यह भी बताए कि क्या टी-20 विश्व भारत में आयोजित किया जा सकता है या इसे यूएई में स्थानांतरित किया जाना चाहिए, जिसे बैक-अप स्थल के रूप में नामित किया गया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने खोला रहस्य; चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग काे भरोसा है कि अमेरिका पर 2035 तक स्वामित्व हासिल कर लेंगे attacknews.in

वाशिंगटन, 29 मई (स्पूतनिक) अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को दृढ़ विश्वास है कि वह 2030-35 तक अमेरिका पर स्वामित्व प्राप्त कर लेंगे।

श्री बाइडन ने वर्जीनिया में शुक्रवार को एक सैन्य अड्डे पर एक भाषण के दौरान कहा, “ मैने श्री जिनपिंग के साथ दुनिया के किसी अन्य नेता के मुकाबले सर्वाधिक समय बिताया है।

सिर्फ एक दुभाषिये के रहते हुए उनके साथ 24 घंटे की निजी बैठकें की हैं।

चीन और यहां उनके साथ 17000 मील यात्रा की है।

उनका दृढ़ विश्वास है कि तानाशाही के त्वरित निर्णय लेने के कारण चीन 2030-35 से पहले अमेरिका पर स्वामित्व हासिल करने जा रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया इस वक्त लोकतंत्र और तानाशाही के बीच के युद्ध का सामना कर रही है।

अंतरराष्ट्रीय कार्यक्षेत्र में संबंध और जटिल हो गये हैं।

देशों के बीच आम सहमति पर पहुंचना कठिन हो गया है।

उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी घटनाओं की साजिश रचने में हिजबुल मुजाहिदीन की सहायता करने वाले सहयोगियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 मई ।राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी घटनाओं के लिए साजिश रचने में हिजबुल मुजाहिदीन की सहायता करने वाले जम्मू-कश्मीर के दो निवासियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।

एनआईए ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।
एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (राेकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत लखनऊ की एक विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किये गये हैं।

आरोपी निसार अहमद शेख जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के बोनास्तान गांव का निवासी है और दूसरा आरोपी निवासी निशाद अहमद बट हुंजाला गांव का रहने वाला है।

अधिकारियों ने आरोप पत्र में बताया कि एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि दोनों आरोपियों शेख और बट ने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी ओसामा बिन जावेद को आश्रय दिया था और उसकी सहायता की थी। बाद में ओसामा बिन जावेद मुठभेड़ में मारा गया था।

एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “ओसामा बिन जावेद और हिजबुल मुजाहिदीन के अन्य आतंकवादियों के लिए शेख सुरक्षित यातायात का प्रबंध करता था और बट उनके ठहरने की व्यवस्था करता था। बट हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को सुरक्षित आश्रय देने के लिए अपने घर में गुप्त स्थान मुहैया कराता था।”

दिल्ली की अदालत द्वारा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कालाबाजारी करने वाले रसूखदार व्यवसायी नवनीत कालरा की जमानत मंजूर attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 मई । दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को व्यवसायी नवनीत कालरा की ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कालाबाजारी मामले में जमानत मंजूर कर ली।

अदालत ने एक-एक लाख के रुपये के दो मुचलकाें, ग्राहकाें से संपर्क नहीं करने और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने तथा जांच में सहयोग करने की शर्तों के साथ कालरा की जमानत मंजूर की।

जमानत पर सुनवाई के दौरान अभियोजक अतुल श्रीवास्वत ने अदालत से कहा कि कालरा ने धोखाधड़ी की है और अधिक लाभ अर्जित करने लिए मौत से जूझ रहे रोगियों को अधिक दाम पर ‘जर्मनी में बने’ ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बताकर बेच रहा था।

उन्होंने आरोप लगाया कि कंसंट्रेटर में हवा का प्रवाह बहुत ही कम था और वह एक मरीज के पर्याप्त हवा नहीं दे सकता था।

दिल्ली पुलिस का दावा है कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर चीन से मंगाए गए थे। इनकी कीमत 16 से 22 हजार के बीच थी और इन्हें 50 से 70 हजार रुपये में बेचा गया।

शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके नेता असत्य और भ्रम फैलाकर कोरोना से निपटने में व्यस्त राज्य सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं attacknews.in

भोपाल, 29 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस और उसके नेता असत्य और भ्रम फैलाकर कोरोना संकटकाल से निपटने में व्यस्त राज्य सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रही है।

श्री चौहान ने एक बयान में कहा कि वे और उनकी सरकार जनता के साथ मिलकर कोरोना नियंत्रण के प्रयासों में लगे हुए हैं। हमारी कोशिश है कि हम परिस्थितियों को जल्द से जल्द सामान्य बना दें। हम जनता के साथ मिलकर प्रयासों में लगे हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन कांग्रेस झूठ बोलकर मध्यप्रदेश में आग लगाना चाहती है।

श्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस के झूठ का स्तर तो देखिए। कल मैहर में प्रेस को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अपने बयान में कह रहे हैं ‘अभी मैं रामचंद्र अग्रवाल जी से मिलकर आया हूं। उन्होंने मुझे बताया कि उनकी मृत्यु रेमडेसिविर इंजेक्शन से हुई है।’

श्री चौहान ने तंज कसते हुए कहा कि अब मृत्यु के बाद स्वर्गीय रामचंद्र अग्रवाल श्री कमलनाथ को बता रहे हैं कि उनकी मृत्यु नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से हुई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस का स्तर कितने नीचे चला गया है।

उन्होंने कहा कि इस दल का प्रयास है कि एेन केन प्रकारेण प्रदेश में आग लगाओ और सरकार को बदनाम करो। ऐसी कांग्रेस से सावधान रहने और प्रदेश को बचाने की जरूरत है।

मध्यप्रदेश में रिकवरी रेट 95 प्रतिशत हुयी – शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि कोरोना की स्थिति में सुधार के बावजूद हम सबको अतिसतर्क रहना है।

श्री चौहान ने यहां अपने वीडियो संदेश में कहा कि राज्य में कल लगभग 76,000 टेस्ट किए गए, जिनमें से 1640 नए संक्रमित मिले। औसत संक्रमण दर (पॉजीटिविटी रेट) 2़ 1 प्रतिशत पर आ गयी है। इसी तरह स्वस्थ होने वालों की संख्या (रिकवरी रेट) बढ़कर 95 प्रतिशत हो गयी है।

श्री चौहान ने कहा कि इसके अलावा 4995 मरीज स्वस्थ हुए हैं। डिंडोरी जिले में एक भी नया प्रकरण नहीं आया है। उन्होंने इसके लिए वहां के प्रशासन की सराहना की। कुल 52 में से 23 जिलों में दस दस से कम प्रकरण दर्ज किए गए। मुरैना जिले में चिंता की बात है। वहां पर प्रकरण 48 से बढ़कर 75 हुए हैं। वहां के नागरिक कोरोना कर्फ्यू संबंधी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें।

श्री चौहान ने कहा कि इंदौर, भोपाल, रतलाम, सागर और अनूपपुर जिलों में सात दिनों की औसत संक्रमण दर 5 प्रतिशत के आसपास है। यहां पर भी चिंता करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन स्थितियों के बावजूद पूरे प्रदेश को अतिसतर्क रहना है और कोराेना वायरस के संक्रमण को फैलने से पूरी तरह रोकना है।

“नमक के पानी से गरारे” द्वारा कोरोना की जांच करने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की मंजूरी मिली,इस आरटी-पीसीआर विधि से 3 घंटे में मिलेगा परिणाम attacknews.in

नमक के पानी से गरारे, कोई स्वैब नहीं, सरल, तेज और सस्ता

तीन घंटे के भीतर परिणाम मिल जाएगा, ग्रामीण एवं जनजातीय क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है

नईदिल्ली 28 मई ।वैश्विक महामारी कोविड-19 का प्रकोप शुरू होने के बाद से ही भारत अपने यहाँ इसकी जांच (परीक्षण) के बुनियादी ढांचे और क्षमता को बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रहा है।

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के तहत नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) के वैज्ञानिकों ने इस कड़ी में एक और कीर्तिमान बना लिया है जिसके अंतर्गत जिसमें कोविड-19 के नमूनों के परीक्षण के लिए ‘नमक के पानी से गरारे (सलाइन गार्गल) आरटी-पीसीआर विधि’ ढूंढ ली गयी हैI

एक विधि से कई लाभ : सरल, तेज़, आरामदायक और किफायती:

नमक के पानी से गगारे (सेलाइन गार्गल) की इस विधि से कई प्रकार के लाभ एक साथ मिलते हैंI यह विधि सरल, तेज, लागत प्रभावी, रोगी के अनुकूल और आरामदायक है और इससे परिणाम भी जल्दी मिलते हैंI न्यूनतम बुनियादी ढांचा आवश्यकताओं को देखते हुए यह विधि ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।

पत्र सूचना कार्यालय से बातचीत में राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसन्धान संस्थान (एनईईआरआई) में पर्यावरण विषाणु विज्ञान प्रकोष्ठ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कृष्णा खैरनार ने कहा कि : “स्वैब संग्रह विधि के लिए समय की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, चूंकि इस तकनीक में सम्भावित संक्रमितों जांच के दौरान कुछ असुविधा का सामना भी करना पढ़ सकता है जिससे वे कभी-कभी असहज भी हो सकते। साथ ही इस प्रकार से एकत्र किए गए नमूनों को एकत्रीकरण केंद्र और जांच केंद्र तक ले जाने में भी कुछ समय लगता है। वहीं दूसरी ओर, नमक के पानी से गरारे (सेलाइन गार्गल) की आरटी-पीसीआर विधि तत्काल, आरामदायक और रोगी के अनुकूल है। नमूना तुरंत ले लिया जाता है और तीन घंटे में ही परिणाम मिल जाएगा।”

रोगी स्वयं ही अपना नमूना एकत्र कर सकता है:

डॉ. खैरनार के अनुसार यह विधि गैर-आक्रामक और इतनी सरल है कि रोगी स्वयं नमूना एकत्र कर सकता है।

उन्होंने कहा कि, “नाक से और मुंह से नासोफेरींजल और ऑरोफरीन्जियल स्वैब एकत्र करने जैसी संग्रह विधियों के लिए तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है और इनमें समय भी लगता है। इसके विपरीत, नमक के पानी से गरारे (सेलाइन गार्गल) की आरटी-पीसीआर विधि में नमक के पानी (सेलाइन वाटर) से भरी एक साधारण संग्रह ट्यूब का उपयोग किया जाता है। रोगी इस घोल से गरारे करता है और उसे ट्यूब के अंदर डाल देता है। संग्रह ट्यूब में यह नमूना प्रयोगशाला में ले जाया जाता है जहां इसे कमरे के तापमान पर एनईईआरआई द्वारा तैयार एक विशेष बफर घोल (सौल्युशन) में रखा जाता है। इस घोल को गर्म करने पर एक आरएनए टेम्प्लेट तैयार किया जाता है, जिसे आगे रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) के लिए संसाधित किया जाता है। नमूना एकत्र करने और उसे संसाधित करने की यह विशेष विधि हमें आरएनए निष्कर्षण की दूसरी अन्य महंगी ढांचागत आवश्यकता के स्थान पर इसका प्रयोग करने के लिए सक्षम बनाती है। लोग इससे स्वयं का परीक्षण भी कर सकते हैं, क्योंकि इस विधि अपना नमूना (सैम्पल) खुद ही लिया जा सकता है।” यह विधि पर्यावरण के अनुकूल भी है, क्योंकि इसमें अपशिष्ट उत्पादन कम से कम होता है।

ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में परीक्षण के लिए वरदान:

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि परीक्षण की यह अनूठी तकनीक ऐसे ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से लाभप्रद सिद्ध होगी जहां अभी तक बुनियादी ढांचे की आवश्यकताएं एक बाधा के रूप में सामने आ सकती हैं। इस गैर-तकनीक को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की मंजूरी मिल गई है। साथ ही एनईईआरआई से कहा गया है कि वह देश भर में इसके प्रयोग में मदद करने के लिए अन्य परीक्षण प्रयोगशालाओं को प्रशिक्षित आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था करेंI

नागपुर नगर निगम ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी है, जिसके बाद एनईईआरआई में स्वीकृत परीक्षण प्रोटोकॉल के अनुसार परीक्षण शुरू हो गया है।

“पूरे भारत में लागू करने की आवश्यकता”

एनईईआरआई में पर्यावरणीय विषाणुविज्ञान प्रकोष्ठ (एनवायरनमेंटल वायरोलॉजी सेल) के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और लैब-तकनीशियनों ने विदर्भ क्षेत्र में बढ़ते कोविड-19 संक्रमणों के बीच इस रोगी-अनुकूल तकनीक को विकसित करने के लिए अनथक प्रयास किए हैं।

डॉ. खैरनार और उनकी टीम को उम्मीद है कि इस पद्धति को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप तेजी से और अधिक नागरिक-अनुकूल परीक्षण होंगे, और महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को और मजबूती मिलेगी I