विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ में नीलाम होने जा रही भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. की नीलामी में बोलीदाताओं को ‘क्लीन डाटा’ कक्ष तक जाने की अनुमति ;सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी है attacknews.in

नयी दिल्ली, 23 मई । भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) में सरकार की हिस्सेदारी खरीदने को इच्छुक बोलीदाताओं को वाणिज्यक रूप से संवेदनशील जानकारी से जुड़े ‘क्लीन डाटा’ कक्ष तक पहुंच दिया जाएगा। हालांकि इसके लिये कंपनियों को गोपनीयता के अतिरिक्त समझौते पर हस्ताक्षर करने होंगे। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

बीपीसीएल से संबद्ध मुख्य रूप से वित्तीय सूचना रखे जाने वाले ऑनलाइन सूचना कक्ष को अप्रैल के दूसरे सप्ताह में खोला गया था। गोपनीयता समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले पात्र बोलीदाताओं को वहां उपलब्ध जानकारी प्राप्त करने की अनुमति दी गयी।

मामले से जुड़े तीन सूत्रों ने कहा कि विविध कारोबार में लगे वेदांता, निजी इक्विटी कंपनी अपोलो ग्लोबल और आई स्क्वैर्ड कैपिटल की इकाई थिंक गैस समेत बोलीदाताओं को जांच-परख प्रक्रिया के अंतर्गत आने वाले सप्ताह में कंपनी की रिफाइनरी और डिपो को भौतिक रूप से देखने की भी अनुमति दी जाएगी।

बोलीदाताओं की जांच-पड़ताल की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद सरकार वित्तीय बोलियां आमंत्रित करेगी। साथ ही शेयर खरीद समझौते के नियम एवं शर्तों पर बात की जाएगी।

सूत्रों ने कहा कि वाणिज्यिक रूप से संवेदनशील समझे जाने वाले कुछ आंकड़ों को आंकड़ा कक्ष के अलग खंड में ‘अपलोड’ किया गया है। इसे ‘क्लीन डाटा’ कक्ष कहा जाता है। इन आंकड़ों तक पहुंच इसमें रूचि रखने वाले पात्र बोलीदाताओं द्वारा नामित वकीलों की टीम तक ही होगी। गोपनीयता और आंकड़ों के दुरूपयोग को रोकने के लिये यह कदम उठाया गया है।

सूत्रों का कहना है कि इन आंकड़ों की जानकारी लेने के लिये बोलीदाताओं को सूचना के उपयोग पर पाबंदी तथा गोपनीयता को लेकर अलग से समझौता करना होगा।

जांच-परख के लिये आंकड़ा कक्ष तक पहुंच करीब आठ सप्ताह के लिये उपलब्ध होगी।

जांच-पड़ताल प्रक्रिया के तहत बोलीदाता कुछ प्रमुख रिफाइनरी और डिपो/कारखाने को वहां जाकर देखना चाहते हैं।

सूत्रों के अनुसार बीपीसीएल उन्हें यह सुविधा उपलब्ध कराएगी। हालांकि अगर कोई विदेशी पासपोर्टधारक रिफाइनरी जैसे संवेदनशील ठिकानों पर जाना चाहता है, विदेश मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत होगी।

सूत्रों ने कहा कि जांच-पड़ताल प्रक्रिया के दौरान बोलीदाताओं के सवालों को सौदा सलाहकार डेलॉयट उसे एकत्रित करेगा और प्रश्नों की प्रकृति के आधार पर उसका जवाब कंपनी प्रबंधन या संबंधित सरकारी विभाग देगा।

सरकार की बीपीसीएल में 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शुक्रवार को बीपीसीएल के बंद शेयर भाव (एनएसई में 461.20 रुपये प्रति शेयर) के हिसाब से इसका मूल्य करीब 53,000 करोड़ रुपये बैठता है।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस लिहाज से देश की दूसरी सबसे बड़ी खुदरा ईंधन कंपनी में हिस्सेदारी बिक्री महत्वपूर्ण है।

अमेरिका के प्रवासी भारतीय डाक्टरों ने भारत के ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 को रोकने के लिए डिजिटल माध्यम से ‘प्रोजेक्ट मदद’ की शुरुआत की attacknews.in

न्यूयॉर्क, 23 मई (भारत)। कोरोना वायरस की महामारी की दूसरी लहर में भारत के ग्रामीण इलाकों के प्रभावित होने के चलते अमेरिका में प्रवासी भारतीय डॉक्टरों एवं पेशेवरों और भारत में चिकित्सा समुदाय के लोगों ने अनूठी पहल की है। इसमें डिजिटल माध्यम से ग्रामीण इलाके के स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड-19 के इलाज संबंधी जानकारी दी जाएगी और वास्तविक समय में अस्पतालों में बिस्तर की स्थिति से अवगत कराया जाएगा। साथ ही टीके को लेकर भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश की जाएगी।

‘प्रोजेक्ट मदद’ पहल का उद्देश्य स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों और पंजीकृत चिकित्सकों को ‘‘ उचित शिक्षा एवं प्रशिक्षण’ देना है जो ग्रामीण भारत में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी है।

प्रोजेक्ट मदद की टीम शुरुआत में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के ग्रमीण इलाकों में कार्यरत पंजीकृत डॉक्टरों के साथ काम रही है और उम्मीद है कि इसका विस्तार अन्य इलाकों में ग्रामीण स्वस्थ्य कर्मियों को कोविड-19 के लक्षणों की पहचान, हल्के लक्षण वालों का घर में ही इलाज करने और टीकाकरण की सलाह, अधिक दवाएं खाने के खतरे और अन्य बेहतरीन उपायों के लिए प्रशिक्षित करने में किया जाएगा।

प्रोजेक्ट मदद का नेतृत्व कर रहे राजा कार्तिकेय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘ जब कोविड-19 संकट की शुरुआत हुई तो हमने पाया कि ग्रामीण भारत पर हमारा ध्यान बिल्कुल नहीं गया।’’

न्यूयॉर्क निवासी कार्तिकेय ने उदाहरण दिया कि तेलंगाना के करीमनगर में 70 से 80 प्रतिशत संक्रमित ग्रामीण इलाकों के हैं और यह चलन अन्य स्थानों पर भी देखने को मिल रहा है।

मिनियापोलीस में रह रहे प्रख्यात रेडियालॉजी विशेज्ञ डॉ.सुब्बराव इनामपुडी ने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य भारत की अधिकांश ग्रामीण आबादी पर ध्यान केंद्रित करना हैं। हमने गांवों में पंजीकृत डॉक्टरों से जोर देकर कहा कि 80 प्रतिशत संक्रमित आसानी से ठीक हो जाएंगे। हमें वास्तव में भय को दूर करना है और उनके भय को सतर्कता में बदलना है।’’

उन्होंने कहा कि टीम का मुख्य जोर ग्रामीण चिकित्सकों को कोविड-19 के हल्के लक्षण वाले मामलों को मध्यम या गंभीर बनने से रोकने के लिए प्रशिक्षित करना है और उन्हें बताना है कि ऐसी स्थिति होने पर वे क्या करें।

पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड में दिल्ली पुलिस ने आरोपित ओलंपियन सुशील कुमार और उसके राइट हैंड अजय को पंजाब से किया गिरफ्तार attacknews.in

 

चंडीगढ़, 22 मई । पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड में दिल्ली पुलिस को बड़ी सफलता मिली है और पुलिस ने इस मामलेे में आरोपित ओलंपियन सुशील कुमार और उसके राइट हैंड अजय को गिरफ्तार कर लिया है।

दिल्ली पुलिस ने सुशील और उसके साथी अजय को पंजाब से पकड़ा है। अब इन्हें दिल्ली लाने की तैयारी है ताकि इनसे पूछताछ की जा सके। पहलवान सुशील पर पुलिस ने एक लाख रुपये और वहीं अजय पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा था।

गौरतलब है कि, दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में बीते चार मई को एक घटना हुई थी जिसके बाद से पहलवान सुशील लापता हो गया। मॉडल टाउन थाना पुलिस के अनुसार छत्रसाल स्टेडियम में फायरिंग हुई थी जिसके बाद जब जांच की गई तब यह पता चला कि यहां पर कुछ पहलवानों के बीच झगड़ा हुआ था। इसमें घायल पहलवानों को अस्पताल में भर्ती भी कराया गया था हालांकि पुलिस को मौके पर कोई चश्मदीद नहीं मिला था। वहीं बाहर खड़ी गाड़ियों से कुछ बंदूक और कारतूस मिले थे। यहां पर एक पहलवान सागर धनखड़ की हत्या हुई थी जिसमें ओलंपियन सुशील का नाम सामने आया। वहीं इस पूरी घटना के बाद से सुशील लापता हो गया।

NIA द्वारा किश्तवाड़ साजिश मामले में 3 हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल: जांच में खुलासा,2018-19 में हिजबुल का मकसद हथियार लूटकर हिंदुओं में आतंक फैलाना था attacknews.in

नयी दिल्ली 22 मई ।आतंकवाद निरोधक जांच एजेंसी एनआईए ने किश्तवाड़ साजिश मामले में तीन हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादियों के खिलाफ विशेष जम्मू अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया है

एनआईए सूत्रों के मुताबिक जफर हुसैन, तनवीर अहमद मलिक और तारिक हुसैन गिरि के खिलाफ किश्तवाड़ साजिश में उनकी संलिप्तता के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया गया है।

एनआई के एक अधिकारी ने बताया कि अपराध में शामिल तथा जांच के दौरान सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए तीन अन्य आतंकवादियों ओसामा बिन जावेद, हारून अब्बास वानी और जाहिद हुसैन के खिलाफ भी आरोप तय किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि जांच में खुलासा हुआ है कि 2018-19 में हिजबुल मुजाहिदीन द्वारा अंजाम दिया गया हिजबुल साजिश का मकसद हथियार लूटकर और एक समुदाय विशेष के प्रमुख व्यक्तियों को निशाना बनाकर उस समुदाय के लोगों के बीच आतंक फैलाना तथा किश्तवाड़ में आतंकवाद को पुनर्जीवित करना था।

दिल्ली हाईकोर्ट ने दस्तावेजों की अनिवार्य ई-फाइलिंग के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण( NCLAT) को नोटिस जारी attacknews.in

नयी दिल्ली ,22 मई । दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच न्यायाधिकरण मेंं दस्तावेजों की अनिवार्य ई-फाइलिंग के खिलाफ एक याचिका पर राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किया है।

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ ने 20 मई के अपने आदेश में कहा, “मुझे हालांकि प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता की दलीलों में दम लगता है, क्योंकि प्रतिवादी की ओर से कोई पेश नहीं होता है, इस संबंध में इस स्तर पर कोई आदेश पारित नहीं किया जा रहा है।”

इसके बाद पीठ ने एनसीएलएटी को नोटिस जारी कर 27 मई तक जवाब मांगा।

महामारी के बीच केवल ई-फाइलिंग की अनुमति देने की मांग करते हुए एक अधिवक्ता की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि संशोधित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) इस बात पर जोर दे रहा है कि दलीलों की हार्ड कॉपी दायर की जाए। अधिवक्ताओं/ वादियों को निजी तौर पर ट्रिब्यूनल की रजिस्ट्री के लिए आने और खुद को कोविड-19 संक्रमितों के संपर्क में आने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

याचिका में कहा गया कि अधिकांश न्यायिक निकायों ने न केवल ऑनलाइन सुनवाई की, बल्कि वादियों और अधिवक्ताओं को घरों और अपने कार्यालयों से मामले और दस्तावेज दर्ज कराने के लिए ई-फाइलिंग प्रणाली भी शुरू की है।

उन्होंने कहा कि अगर जरुरी हो तो न्यायाधिकरण कामकाज शुरू करने के बाद, वादी/प्रतिवादी अपनी हार्ड कॉपी दाखिल करेंगे।

नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संसद को भंग किया, 12 एवं 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा attacknews.in

काठमांडू ,22 मई । नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने शनिवार तड़के संसद को भंग कर दिया तथा 12 एवं 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा भी कर दी।

इससे पूर्व राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी वक्तव्य के मुताबिक राष्ट्रपति की ओर से तय डेडलाइन की अवधि समाप्त होने तक शुक्रवार तक ना तो कार्यवाहक प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और ना ही विपक्ष के नेता शेर बहादुर देउबा नयी सरकार के गठन का दावा ही पेश कर सके।

दावे के खारिज होने के बाद श्री ओली ने शुक्रवार मध्यरात्रि को अपने मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलायी तथा संसद भंग करने की सिफारिश कर दी।

वक्तव्य के मुताबिक इसके बाद संविधान के अनुच्छेद 76 (7) के मुताबिक संसद को भंग कर दिया गया तथा फिर से चुनाव कराने की तिथियां घोषित की गयीं।

गौरतलब है कि यह दूसरी बार है जब श्री ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति श्रीमती भंडारी ने संसद भंग की है।

इससे पहले फरवरी 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने संसद को भंग करने के कदम को रद्द कर दिया था।

अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन ने मध्यप्रदेश को 6 हजार सिंगल यूज सेल्फ-पावर्ड वेंटिलेटर और 3 हजार मॉनीटर उपलब्ध कराये जो जेरोक्स से प्राप्त किये गये attacknews.in

भोपाल, 22 मई । मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया कि अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (एआईएफ) ने मध्यप्रदेश को 6 हजार सिंगल यूज सेल्फ-पावर्ड वेंटिलेटर और 3 हजार मॉनीटर उपलब्ध कराये हैं। जो जेरोक्स से प्राप्त किये गये हैं। उन्होंने कहा कि इनका उपयोग दूरस्थ स्वास्थ्य संस्थाओं में मरीजों के हित में किया जाएगा।

वेंटीलेटर डिस्पोजेबल, हाथों से मुक्त उपकरण है, जिन्हें बिजली या बैटरी की आवश्यकता नहीं होती है।

डॉ. चौधरी ने उक्त महत्वपूर्ण उपकरण प्रदेश को प्राप्त होने पर एआईएफ के श्री जोसफ से वर्चुअल चर्चा की और उनका आभार माना।

चर्चा में श्री चौधरी ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर आने से संक्रमण शहरों से ग्रामीण स्तर तक फैला है। कोरोना संक्रमण को समाप्त करने के लिये जन-भागीदारी से अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। साथ ही किल-कोरोना अभियान चलाकर डोर-टू-डोर संभावित रोगियों का सर्वे किया जा रहा है। शहरों में कोरोना सहायता केन्द्र बनाकर संक्रमित की पहचान की जा रही है और उनका समुचित इलाज भी किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में संक्रमण की दर में भी कमी आयी है और रिकवरी भी बढ़ रही है।

मध्यप्रदेश में शनिवार को 3 हजार से अधिक कोरोना मरीज मिले, 89 की मौत;अबतक संक्रमितों की संख्या 7,60,963 और मृतकों की संख्या 7483 हुई attacknews.in

भोपाल, 22 मई । मध्यप्रदेश में आज तीन हजार से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।आज इस महामारी से 89 लोगों की मौत हो गयी।

मध्यप्रदेश के लिए राहत की खबर है कि कोरोना संक्रमण दर 20 प्रतिशत से घटकर अब 4़ 8 पर पहुंच गयी है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले में 79,737 लोगों की जांच की गई।

इस जांच सैंपल रिपोर्ट में 3,844 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये हैं।

जबकि 75,893 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव पाये गये और 297 कोरोना टेस्ट रिजेक्ट हुए है।

आज पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) घटकर 4़ 8 प्रतिशत दर्ज की गयी।

कोरोना संक्रमण की चपेट में आये 9,327 लोग संक्रमण से मुक्त होकर घर रवाना हुए है।

अब राज्य भर में सक्रिय मरीजों की संख्या अब 62,053 पहुंच गयी है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण ने अब तक 7,60,963 लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया है।

राहत की खबर है कि इनमें से अब तक 6,91427 ठीक होकर घर पहुंच गये है।

इस महामारी ने अब तक प्रदेश भर में 7483 लोगों की जान ले चुका है।

आज 89 लोगों मौत कोरोना संक्रमण से हुई है।

राज्य 52 जिलों में आज भी सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज इंदौर जिले में मिले हैं।इंदौर जिले में आज 863 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये।

वहीं दूसरे स्थान पर भोपाल जिले में 649 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

इसके अलावा ग्वालियर में 139, जबलपुर में 136, उज्जैन में 114, रतलाम में 132, रीवा में 127 नये कोरोना मरीज मिले है।

बाकी अन्य जिलों में भी 4 से लेकर 90 के बीच कोरोना संक्रमित मिले है।

चक्रवात ‘ताउते’ की चपेट में आने के छह दिन बाद भी बजरा पी305 के 15 और टगबोट नौका वाराप्रदा के 11 कर्मी अब भी लापता,नौसेना ने शवों की तलाश के लिए गोताखोर टीमों को तैनात किया attacknews.in

मुंबई, 22 मई । चक्रवात ‘ताउते’ की चपेट में आने के छह दिन बाद भी बजरा पी305 के 15 और टगबोट नौका वाराप्रदा के 11 कर्मी अब भी लापता हैं जिनका पता लगाने के लिए नौसेना ने शनिवार को मुंबई अपतटीय क्षेत्र में विशेष गोताखोर टीमों को तैनात कर दिया।

नौसेना के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया, “बजरा पी305 और नौका वाराप्रदा के लापता चालक दल को खोजने के लिए चल रहे खोज एवं बचाव अभियान को बढ़ाने के लिए साइड-स्कैन सोनार के साथ आईएनएस मकर और आईएनएस तरासा पर सवार होकर विशेष गोताखोर टीम आज सुबह मुंबई से रवाना हुईं।”

सोमवार को अरब सागर में बजरा पी305 के डूबने से मरने वालों की संख्या 11 और शवों की बरामदगी के साथ शुक्रवार को 60 तक पहुंच गई, जबकि नौसेना और तटरक्षक बल ने बजरे से 15 और वाराप्रदा से 11 लापता कर्मियों की तलाश जारी रखी।

संपर्क करने पर, एक अधिकारी ने कहा कि रात भर चले अभियान पर नयी सूचना की प्रतीक्षा है।

इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि लापता लोगों के जीवित होने की उम्मीद अब कम हो रही है।

पी305 बजरा पर सवार 261 कर्मियों में से अब तक 186 को बचाया जा चुका है। वाराप्रदा में सवार 13 लोगों में से दो को बचा लिया गया है।

मुंबई पुलिस ने कहा है कि वह इस बात की जांच करेगी कि चक्रवात ‘ताउते’ की चेतावनी के बावजूद बजरा अशांत क्षेत्र में क्यों रुका रहा।

पुलिस ने बजरे पर सवार कर्मियों की मौत के मामले में भी दुर्घटनावश हुई मौत का मामला दर्ज किया है।

मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ दर्ज कर दिया एससी/एसटी कानून के तहत प्रकरण पर हाईकोर्ट ने 23 मई तक गिरफ्तारी पर लगाई रोक; पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के लगाए थे आरोप attacknews.in

मुंबई, 21 मई । बंबई उच्च न्यायालय ने पुलिस को शुक्रवार को निर्देश दिया कि वह एससी/एसटी (अत्याचार रोकथाम) कानून के तहत दर्ज मामले में मुंबई पुलिस के आयुक्त रह चुके परमबीर सिंह को 23 मई तक गिरफ्तार नहीं करे।

सिंह ने अदालत में याचिका दायर कर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने और मामले की सीबीआई जांच कराए जाने का अनुरोध किया था। न्यायूमर्ति एस जे कथावाला और न्यायमूर्ति एस पी तावडे की खंडपीठ ने शुक्रवार देर रात इस याचिका पर सुनवाई की।

सिंह के अधिवक्ता ने दलील दी कि पूर्व पुलिस आयुक्त ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके कारण उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई, लेकिन सरकार ने कहा कि शिकायत में अपराध का खुलासा हुआ था, जिसके कारण प्राथमिकी दर्ज की गई। बहरहाल, पीठ ने प्राथमिकी दर्ज किए जाने के समय पर सवाल उठाया।

पीठ ने मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी और तब तक परमबीर सिंह को इस मामले में गिरफ्तार नहीं किए जाने का पुलिस को निर्देश दिया।

महू सैन्य छावनी से विदेशी कनेक्शन और जासूसी के आरोप में हिरासत में ली गई सेना के सेवानिवृत्त कर्मी की 2 बेटियों हिना और कौसर सहित 3 से पूछताछ प्रारंभ, NIA ने किया गिरफ्तार  attacknews.in

 

इंदौर, 22 मई । मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में स्थित सैन्य छावनी क्षेत्र महू की दो युवतियों सहित तीन लोगों से पुलिस और सेना की गुप्तचर शाखा (मिलेट्री इंटेलिजेंस) ने संदिग्ध गतिविधियों के संबंध में हिरासत में लेकर पूछताछ प्रारंभ कर दी है।

इंदौर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) हरिनारायणचारी मिश्र ने  बताया कि दोनों युवतियां महू के गवली पलासिया क्षेत्र की निवासी हैं। संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पर दोनों युवतियों और इनके पिता से पूछताछ की जा रही है।

श्री मिश्र ने बताया कि फ़िलहाल कार्रवाई केवल पूछताछ तक ही सीमित है। उन्होंने कहा कि तीनों के संपर्कों को खंगाला जा रहा है। आईजी ने इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी से इनकार किया है।

उधर सूत्रों ने दावा किया कि बीते तीन दिनों से जांच एजेंसियां दोनों युवतियों और इनके पिता से पूछताछ कर रही है। इनके मोबाइल फोन, लेपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को खंगाला जा रहा है।

युवतियों के पिता सेना से सेवानिवृत्त बताये जा रहे हैं। युवतियों के पड़ोसी देश के कुछ लोगों के संपर्क में होने की सूचनाएं भी आयी हैं।

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर पूछताछ की जा रही है।

NIA ने किया गिरफ्तार:

इधर एक अन्य रिपोर्ट में इंदौर में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने दो सगी बहनों को गिरफ्तार किया है।साथ ही उनपर आरोप भी लगाया गया है कि वह भारत से पाकिस्तान सैन्य जानकारिया भेज रही थी.वहीं वह यह जानकरी इंदौर की महू में स्थित सैन्य छावनी की जानकारी पाकिस्तान को भेज रही थी. जिसकी भनक लगते ही एनआईए ने इनपर निगरानी रखी और इनके खिलाफ ठोस जानकरी मिलते ही इन्हे गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही इनसे एनआईए पूछताछ भी कर रही है।

वहीं जानकरी के अनुसार दोनों बहने इंदौर के गवली पलासिया क्षेत्र की रहने वाली थी. जो कई दिनों से पाकिस्तान में किसी से सम्पर्क में थी. साथ ही उसे यहां की सैन्य जानकारी पहुंचा रही थी. वहीं एक दिन यह पाकिस्तान में फोन पर बात करते हुए छावनी के पास से जा रही थी. तभी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने इनकी फ्रीक्वेंसी को पकड़ लिया. जिसके बाद इनके ऊपर नजर रखी जाने लगी. जिसके बाद इन्हे गोपनीय तरिके से गिरफ्तार कर लिया गया।

यह मामला सबके सामने तब आया जब दोनों बहनों के घर के सामने कई गाड़िया आती रही. जिसके बाद आस पास के लोगों की इसकी जानकारी हुई. वहीं दोनों बहनों का नाम कौसर और हिना बताया जा रहा है. जिनसे गोपनीय विभाग लगातार पूछताछ कर रहा है. साथ ही उनके घर से आईएनए को उनका लैपटाप और मोबाइल फोन मिला है. जिसे जब्त कर लिए गया है. साथ ही बताया जा रहा है कि इन दोनों को मारीशस से फंडिंग की जा रही थी।

बताया जाता है कि इन्हें मारीशस से फंडिंग हो रही थी। इनके पिता सेना में नौकरी कर चुके थे और बाद में इंदौर में एसबीआइ की एक शाखा में सुरक्षाकर्मी भी रहे। उनकी मृत्यु हो चुकी है।

विभिन्न जगह पर काम कर जुटाती थीं जानकारी

दोनों बहनें कई जगह नौकरी कर चुकी हैं। वे कहीं भी ज्यादा दिनों तक नहीं रहतीं थीं। हिना महू में बिजली कंपनी में कांट्रेक्ट पर काम करती रही। बिजली कंपनी से मिली सूचना के मुताबिक हिना पिछले छह महीनों से कंप्यूटर आपरेटर के तौर पर प्राइम वन एजेंसी के जरिए काम कर रही थी। बाद में उसे हटा दिया गया। ऐसा बताया जाता है कि ये कई जगहों पर काम करके अलग-अलग जानकारियां एकत्रित करती थीं।

शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश को 31 मई तक कोरोनामुक्त करने का लक्ष्य देते हुए कहा कि;स्थितियां नियंत्रण में रहीं, तो 1 जून से क्रमिक तरीके से कोरोना कर्फ्यू में राहत दी जा सकती है attacknews.in

भोपाल, 22 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि राज्य में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में आ गयी हैं, लेकिन साथ में उन्होंने चेताते हुए कहा कि इसके बावजूद जरा सी लापरवाही से फिर स्थितियां काबू से बाहर जा सकती हैं।

श्री चौहान ने संकेत दिए कि यदि स्थितियां इसी तरह नियंत्रण में रहीं, तो एक जून से क्रमिक तरीके से कोरोना कफ्यू में राहत दी जा सकती है। लेकिन इस दौरान स्थानीय स्थितियों पर ध्यान देकर निर्णय लिया जाएगा।

श्री चौहान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना संबंधी महत्वपूर्ण बैठक के जरिए राज्य के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को संबोधित किया।

श्री चौहान ने कोरोना टेस्ट और बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में सभी 52 जिलों को 31 मई तक कोराेनामुक्त करने के प्रयास किए जाएं। हालाकि कुछेक मामले आ सकते हैं, लेकिन जिस तरह से हमने अब तक दिनरात प्रयास कर कोरोना पर काबू पाया है, उसी प्रकार कार्य करके 31 मई तक जिलों को कोरोनामुक्त किया जा सकता है।

श्री चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस बहुरूपिया की तरह है। अर्थात उसकी प्रकृति का अनुमान लगाना कठिन है। इसके मामले कम होते होते फिर से अचानक बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन, जनप्रतिनिधि और आम नागरिक मिलकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, बेहतर गुणवत्ता के मॉस्क लगाएं और कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर (कोरोना रोकने के लिए उपयुक्त व्यवहार) का पालन करें, तो कोरोना को बढ़ने से आसानी से राेका जा सकता है।
श्री चौहान ने कहा कि किसी भी नागरिक को जरा सी सर्दी, खांसी या इस तरह के लक्षण हों तो वे तुरंत सामने आएं और अपनी कोरोना संबंधी जांच कराएं। वहीं अन्य नागरिक और प्रशासन भी ऐसे लोगों पर नजर रख तुरंत उनके इलाज की व्यवस्था करें। ऐसा करके कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है। यदि हम यह सब करने में सफल रहे तो तीसरे लहर को भी आने से रोका जा सकता है।

मध्यप्रदेश में ब्लैक फंगस के कम से कम छह सौ मामले;मरीजों की बढ़ती संख्या, इलाज के इंजेक्शन तथा अन्य दवाइयों की कमी के कारण चुनौतीपूर्ण स्थितियां बनी attacknews.in

भोपाल, 22 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर काे नियंत्रण में करने के प्रयासों के बीच ब्लैक फंगस के मरीजों की बढ़ती संख्या और इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन तथा अन्य दवाइयों की कमी के चलते बेहद चुनौतीपूर्ण स्थितियां बनी हुयी हैं।

आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सरकार ने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में विशेष वार्ड बनाए हैं। इसके अलावा कुछ निजी अस्पतालों में भी इस तरह के मरीजों का उपचार चल रहा है। सरकार सभी को इसके इलाज के लिए उपयोग में आने वाले एम्फोटेरिसिन बी मुहैया कराने की भरसक कोशिश में है। सरकार की तरफ से तैयार कराए गए वार्डों में मरीजों का नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है।

भोपाल में हमीदिया के अलावा कुछ निजी अस्पतालों में इस रोग से ग्रसित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इनमें से अधिकांश वे लोग हैं, जो कोरोना से पीड़ित हुए थे और उससे ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस के शिकार हो गए। कम से कम एक सौ लोगों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। मरीजों के आश्रितों को एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण कराने के लिए हमीदिया अस्पताल परिसर में पंक्तियों में लगे हुए देखा जा रहा है।

इसी तरह इंदौर में 164 मरीज ब्लैक फंगस के हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इनके इलाज के दौरान मरीज को जटिल शल्य क्रिया से भी गुजरना पड़ रहा है। आंख और चेहरे के अन्य हिस्से इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। कमोवेश यही स्थितियां ग्वालियर, जबलपुर में हैं। इसके अलावा दमोह, सिवनी, पन्ना और कुछ अन्य जिलों से भी ब्लैक फंगस के मरीज मिलने की सूचनाएं सामने आयी हैं।

पन्ना से रिपोर्ट के अनुसार पन्ना शहर निवासी एक 45 वर्षीय व्यक्ति को ब्लैक फंगस ने अपनी चपेट में लिया है। इसकी पुष्टि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पन्ना डॉ. आर. एस. पाण्डेय ने की है। पीड़ित मरीज का जबलपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। डॉ. पाण्डेय ने बताया कि पन्ना निवासी संक्रमित मरीज सुगर के मरीज हैं। बीते माह उनकी कोरोना जाँच हुई थी और रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। पॉजिटिव आने के बाद वे अपने घर में ही क्वारेंटाइन थे। बाद में तबियत बिगड़ने पर पीड़ित के परिजन उपचार के लिए उन्हें जबलपुर ले गए।

जबलपुर में व्हाइट (सफेद) फंगस का एक मरीज सामने आया है। इस तरह का यह प्रदेश का पहला मामला माना जा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार 15 मई को एक व्यक्ति को सफेद पदार्थ मुंह और नाक से निकलने पर भर्ती कराया गया। उसकी जांच के बाद शल्य चिकित्सा की गयी और उसे सफेद फंगस निकला। अब वह मरीज ठीक हाे रहा है और उसे शीघ्र ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। चिकित्सकों का कहना है कि ब्लैक फंगस की तुलना में व्हाइट फंगस से पीड़ित मरीज का इलाज आसान है।

ब्लॉकबस्टर फिल्मों- ‘मैंने प्यार किया’, ‘हम आपके हैं कौन’ और ‘हम साथ साथ हैं’ के दिग्गज संगीतकार विजय पाटिल (राम लक्ष्मण) का नागपुर में निधन attacknews.in

नागपुर ,22 मई । राम-लक्ष्मण से नाम से जाने जाने वाले दिग्गज सगीत निर्देशक विजय पाटिल का शनिवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से उनके आवास पर निधन हो गया। वह 78 वर्ष के थे और कुछ दिनों से बीमार थे।

संगीतकार पाटिल के पुत्र अमर ने यह जानकारी दी। श्री पाटिल ने छह दिन पहले काेविशील्ड कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी डोज ली थी। उस समय उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन जब वह घर पहुंचे तो उन्हें कमजोरी महसूस हाेने लगी और तबीयत बिगड़ने लगी। डॉक्टरों ने उन्हें घर आकर देखा। उनका आज तड़के दो बजे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।

श्री पाटिल के परिवार में पत्नी शोभा पाटिल, पुत्र अमर, दो बेटी और परिवार के अन्य सदस्य और दोस्त हैं।

पाटिल को सिनेमा जगत में संगीतकार की जोड़ी में लोग राम-लक्ष्मण से जानते है जिसमें वह ‘लक्ष्मण’ और उनके जोड़ीदार सुरेन्द्र हेन्द्रे राम के रूप में जाने जाते हैं।

राम-लक्ष्मण ने राजश्री फिल्म्स ‘एजेंट विनोद’ के साथ हिंदी फिल्म जगत में शुरुआत की। दोनों ने दादा कोंडके की लगभग सभी फिल्मों के लिए संगीत दिया, दादा कोंडके ने उन्हें राम-लक्ष्मण नाम दिया था।
वर्ष 1976 में सुरेंद्र का निधन हो गया, लेकिन पाटिल ने उसी नाम से संगीत रचना का काम जारी रखा, इसे थोड़ा बदलकर राम-लक्ष्मण कर दिया। राम-लक्ष्मण एक संगीतकार, पियानोवादक, संगीतकार और गीतकार थे।

राजश्री प्रोडक्शंस की ब्लॉकबस्टर फिल्मों- ‘मैंने प्यार किया’ (1989), ‘हम आपके हैं कौन’ (1994) और ‘हम साथ साथ हैं’ (1999) के साथ ही राम-लक्ष्मण को उनके काम के बूते राम-लक्ष्मण के रूप में जाने जाना लगा। राम-लक्ष्मण ने हिन्दी, मराठी और भोजपुरी की लगभग 75 फिल्मों में काम किया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कादर ऑर्केस्ट्रा से की थी और बाद में वह मुंबई आ गए थे।

इंदौर की सुपर फ़ास्ट वेंटीलेटर एक्सप्रेस की देश भर में मांग;एक टीम ने तमाम सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर को इंस्टाल करने की एक मुहिम शुरू की और अब ये सीमा पार कर देश भर में फैल गई attacknews.in

इंदौर, 22 मई । कोविड महामारी के मौत के तांडव के बीच मध्य प्रदेश के तीन इंजीनियरों की एक टीम ने तमाम सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर को इंस्टाल करने की एक मुहिम शुरू की और अब ये मुहिम राज्य की सीमा पार कर देश भर में फैल रही है।

इंदौर के ‘थ्री इडियट्स’ दोस्तों ने एक फेसबुक पोस्ट से उपजे आइडिया की सफलता से उत्साहित होकर ‘अपनी गाड़ी, अपना ईंधन, अपनी मेहनत और अपनी काबिलियत से जनसेवा का एक अनूठा अभियान’ ‘वेंटिलेटर एक्सप्रेस’ शुरू किया जिससे जुड़ने के लिए अब देश के दूसरे हिस्सों के लोग भी आतुर हैं।

इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले पंकज क्षीरसागर, चिराग शाह और शैलेन्द्र सिंह की यह टीम ‘वेंटीलेटर एक्सप्रेस’ इंदौर से चलकर मध्यप्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में पीएम केअर बीईएल वेंटिलेटर्स को निशुल्क इंस्टाल करने के साथ उनके सामान्य कनेक्टिंग पार्ट्स भी निशुल्क उपलब्ध करवाती है। यह टीम अब तक सौ से अधिक मशीनों को इंस्टाल कर चुकी है।

श्री क्षीरसागर ने बताया कि सामान्य समस्याओं वाली मशीनों को ‘जुगाड़’ से ठीक करते आ रहे हैं। एक मशीन में यूपीएस, वेंटिलेटर, मॉनिटर एवं कंप्रेसर ये तीन मुख्य पार्ट्स होते हैं। किसी का कुछ ठीक नहीं है किसी का कुछ खराब। कहीं ऑक्सीजन लाइन में प्रेशर की चुनौती तो कहीं कनेक्टर नहीं है। अप्रैल माह में जब से इन मशीनों की बेहद जरूरत थी तभी से यह टीम रेड जोन में तक जाकर काम करती रही।
उन्होंने बताया कि इंदौर के दो बड़े सरकारी अस्पताल महाराजा तुकोजीराव अस्पताल, सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के साथ साथ महू, धार, शाजापुर, राजगढ़, सागर, दमोह, कटनी मंडला और शहडोल जिलों में वेंटिलेटर एक्सप्रेस अपनी सेवाएं दे चुकी है। अब महाराष्ट्र के नासिक और कर्नाटक में हुबली से बुलावा है। टीम में वाराणसी से एक नये साथी नित्यानंद 12 मशीनें वहां ठीक कर चुके हैं। पटना एवं हुबली शहरों की इंजीनियर टीम जुड़ गई है।

इस विचार का बीज कैसे पड़ा, यह पूछे जाने पर श्री क्षीरसागर ने बताया कि उन्होंने 13 अप्रैल की रात फेसबुक पर एक पोस्ट में एक निजी अस्पताल सांसों के लिए संघर्ष करते अपने दोस्त की असहाय स्थिति को देखकर हताशा जाहिर की। उस रात लंबे समय से भर्ती उस दोस्त की बेटी ने रात 11:00 बजे फोन किया और कहा कि पिताजी सांस नहीं ले रहे हैं। वह बेटी भी पॉजिटिव थी। दोस्त की पत्नी और उनका बेटा भी।

इस पोस्ट को पढ़कर उनके फेसबुक मित्र चिराग शाह ने मैसेंजर पर एक संदेश भेजा। इस पर उन्होंने चिराग शाह को अस्पताल पहुंचने का आग्रह किया।

श्री क्षीरसागर ने जब दोस्त को वहां सांसों के लिए संघर्ष करते देखा तो जीवन की सच्चाई सामने आ गई। ऐसा लग रहा था मानो उस दोस्त से आखरी बार मुलाकात हो रही है। उसने अलविदा की मुद्रा में हाथ हिलाया। इसने सबको बहुत दुखी कर दिया।

श्री क्षीरसागर अगले दिन श्री शाह के साथ दोपहर में महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ पी एस ठाकुर के कक्ष में मिले। दोनों ने तय किया कि इंदौर के सरकारी अस्पतालों में जिन वस्तुओं या संसाधनों की कमी हो रही है उन्हें जुटाते हैं। इंदौर के पास औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर से नाता रखने वाले वरिष्ठ एडवोकेट श्री गिरीश पटवर्धन एवं अन्य लोगों ने इस समन्वय के लिए श्री चिराग शाह को अधिकृत किया था।

डॉ ठाकुर ने कहा कि आप बाइपैप मशीनें दीजिए। कोई इंजीनियर हो बताएं हमें वेंटीलेटर इंस्टॉल भी करवाने हैं। इस पर श्री क्षीरसागर ने कहा हमें मशीन दिखाएं। हम कर लेंगे। तब पंकज और चिराग डॉ पी एस ठाकुर के साथ महाराजा तुकोजीराव अस्पताल पहुंचे। जो एक बड़ा सरकारी कोविड हॉस्पिटल है। जिसके अधीक्षक भी डॉक्टर ठाकुर ही हैं। वहां इन दोनों ने अपने तीसरे दोस्त शैलेंद्र सिंह को बुला लिया। जो एक पर्यावरण इंजीनियर और वेस्ट ट्रीटमेंट के जानकार हैं।

श्री शैलेंद्र सिंह अपने घर से औजार लेकर आए थे। श्री शाह के पास अपनी गाड़ी में औजार थे। तीनों के लिए जीवन में बॉक्स के अंदर रखे हुए वेंटिलेटर पार्ट्स देखने का पहला अनुभव था। एक बॉक्स में वेंटिलेटर असेंबली का ड्राइंग मिला। उसे दीवार पर पैकिंग टेप से लगाया गया। एक एक बॉक्स को खोला गया। कौन सी चीज क्या है यह समझा गया। एक एक पार्ट को जोड़ने की शुरुआत हुई। पहली मशीन तकरीबन चार घंटे में पूरी तैयार होकर प्लग-इन के लिए रेडी थी।

महाराजा तुकोजीराव अस्पताल की पांचवी मंजिल के रेड जोन में लिफ्ट के पास खाली जगह पर नौ मशीनों के बॉक्सेस लाकर रखे गए। देर रात तक नौ नई मशीनों को इंस्टाल किया गया। तीन को ठीक किया गया। जब मशीन इंस्टॉल कर रहे थे तब इस बात का अंदेशा नहीं था कि कोरोना की यह लहर इतना विकराल रूप लेने वाली है। अगली सुबह अस्पताल के तकनीकी स्टाफ भूपेंद्र यादव ने बताया कि सभी मशीनों पर अब जिंदगी सांस ले रही है। उन्होंने तस्वीरें भी भेजीं।

इसके अगले ही दिन इंदौर के सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर सुमित शुक्ला से बात हुई। फिर वहां की मशीनों को ठीक किया गया। टेक्निकल टीम के साथ मशीनों को इंस्टालेशन पूरा हुआ।

इसके बाद वेंटिलेटर एक्सप्रेस ने धार, शाजापुर, राजगढ़ जिलों की यात्रा की। सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मशीनों के मेंटेनेन्स और ऑक्सीजन सप्लाई को जांचा परखा। महू के साथ दमोह कटनी में मशीनों को इंस्टॉल किया। ठीक भी किया। शहडोल में 15 वेंटीलेटर्स को चालू करवाने में सहायता की। मंडला में वीडियो कॉल से मशीनों को ऑपरेट करना सिखाया।

श्री क्षीरसागर का कहना है कि अब उनकी टीम लगातार काम करने अब एक घंटे में एक वेंटिलेटर इंस्टाल कर देती है। जबकि उन्हें पहली मशीन इंस्टॉल करने में पसीना आ गया था और तकरीबन चार घंटे लगे थे।

श्री क्षीरसागर ने बताया कि यह टीम वेंटीलेटर एक्सप्रेस मरीजों को दवाइयां उपलब्ध कराने, वेंटिलेटर बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ-साथ बुजुर्गों को घर घर जाकर उपचार दिलाने में सहयोग भी कर रही है। उनकी टीम नये लोगों को जोड़ना चाहती है और इस मुहिम को देश भर में फैलाना चाहती है।

उन्होंने कहा कि भारत में छोटे शहरों, कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल की सुविधाएं नगण्य हैं। पीएम केयर्स के माध्यम से वेंटिलेटर एवं अन्य मशीनों को भेजा जा रहा है। लेकिन वहां इन मशीनों का इस्तेमाल एक चुनौती बनी हुई है। हमारी वेंटिलेटर एक्सप्रेस इस कमी को पूरा करेगी और महामारी के बाद भी देश में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने में योगदान देती रहेगी।