भारत में मंगलवार देर रात कोरोना के मामले 7.40 लाख के पार, रिकवरी दर 61 फीसदी से अधिक हुई, 20,636 मरीजों की मौत attacknews.in

नयी दिल्ली 07 जुलाई । देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के मामले 7.40 लाख के आंकड़े को पार करने के साथ ही भारत ने पूरे विश्व में संक्रमण के सबसे अधिक प्रभावित देशों की सूची में मंगलवार को भी तीसरे स्थान पर मौजूदगी को बरकरार रखा लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर 61 फीसदी के पार पहुंच गयी है।

देश में आज मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 61.50 फीसदी पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर महज 2.78 प्रतिशत रही। सोमवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 61.16 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.81 प्रतिशत रही। रविवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 60.82 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.83 प्रतिशत रही। शनिवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 60.81 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.88 प्रतिशत रही। शुक्रवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 60.71 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.85 प्रतिशत रही। गुरुवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 59.89 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.92 प्रतिशत रही। बुधवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 59.49 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.95 प्रतिशत रही।

पिछले एक सप्ताह में मरीजों के स्वस्थ होने की दर में करीब दो फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।

‘कोविड19इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 740131 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी है जबकि सुबह यह संख्या 719665 थी। अब तक कुल 455191 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 20636 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। अन्य 264206 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि सक्रिय मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या 1.90 लाख से अधिक है। इससे यह भी साफ है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के जितने मरीज आये हैं, उनमें से आधे से अधिक पूरी तरह बीमारी से निजात पा चुके हैं। समय पर कोरोना के संदिग्ध मामलों की जांच और उनका सही तरीके से इलाज की अहम भूमिका रही।

देशभर में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस के 241430 नमूनों की जांच हुई है जिससे अब तक जांच किये गये कुल नमूनों की संख्या एक करोड़ के पार पहुंच गयी है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक जांच किये गये नमूनों की कुल संख्या बढ़कर 10211092 हो गयी।

इस दौरान देश में कोविड-19 की जांच करने वाली लैब की संख्या बढ़कर 1115 हो गयी है।

गौरतलब है कि संक्रमण के मामले में अमेरिका पहले और ब्राजील दूसरे स्थान पर है जबकि भारत रूस को रविवार को पीछे छोड़ तीसरे स्थान पर आ गया। अमेरिका 2948397 कोरोना संक्रमण मामलों के साथ पहले स्थान पर है जबकि 1623284 संक्रमित मामलों के साथ ब्राजील दूसरे स्थान पर है। चौथे स्थान पर स्थित रूस में अब तक कोरोना वायरस संक्रमितों के कुल 694230 मामले सामने आये हैं तथा 10494 लोगों की मौत हुयी है।

दिल्ली में कोरोना के 2008 नये मामले , मृतक संख्या 3165 पहुंची

राजधानी में पिछले 24 घंटों में नये मामले फिर दो हजार से अधिक रहे जबकि 50 और लोगों की मौत के साथ इस बीमारी से मरने वालों की कुल संख्या 3165 हो गयी।

सोमवार को नये मामले घटकर 1379 आने से कुछ राहत नजर आई थी,किंतु मामलों का फिर बढ़ना चिंताजनक है।

मंगलवार को दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकडों के अनुसार पिछले 24 घंटों में 2008 नये मामलों से कुल संक्रमितों का आंकड़ा 1,02,823 हो गया। इस दौरान 50 और मरीजों की मौत से कुल मृतक संख्या 3165 हो गई।

महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद दिल्ली तीसरा राज्य है जहां संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख से अधिक है। महाराष्ट्र में वायरस का आंकड़ा दो लाख से भी अधिक है।

दिल्ली में इस दौरान राहत की बात यह रही कि नये मामल़ों की तुलना में अधिक 2129 मरीज ठीक हुए और कुल 74217 लोग इस संक्रमण को मात दे चुके हैं। इस दौरान निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या एक घटकर 454 रह गई।

दिल्ली में 23 जून को 3947 एक दिन के सर्वाधिक मामले आए थे।

सक्रिय मामल़ों की संख्या 25449 है। कोरोना जांच में पिछले कुछ दिनों में आई तेजी से कुल जांच का आंकड़ा 6,79,831 पर पहुंच गया। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में 22,447 जांच की गई। इसमें आरटीपीसीआर जांच 8794 और रैपिड एंटीजेन जांच 13,653 थी।

तीन जुलाई को रिकार्ड 24,165 जांच की गई थी। दिल्ली में 10 लाख की जनसंख्या पर जांच का औसत भी बढ़कर 35780 हो गया।

दिल्ली में कुल कोरोना बेड्स 15301 हैं जिसमें से 5003 पर मरीज हैं जबकि 10298 खाली हैं। होम आइशोलेशन में मरीजों की संख्या कल के 17141से कम होकर 16608 मरीज रह गई।

महाराष्ट्र में कोरोना मामले 2.17 लाख के करीब, रिकवरी दर 54.6 फीसदी

देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में दिनों-दिन स्थिति भयावह होती जा रही है और पिछले 24 घंटों के दौरान रिकाॅर्ड 5134 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या मंगलवार की रात बढ़कर 2.17 लाख के पार पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों की रिकवरी दर बढ़कर 54.60 फीसदी पहुंच गयी है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में अब तक 2,17,121 लोग इस महामारी की चपेट में आए हैं। वहीं इस दौरान 224 और लोगों की इससे मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 9250 हो गयी है। इस दौरान राज्य में 3296 लोग रोगमुक्त हुए हैं जिसके बाद स्वस्थ होने वालों की कुल संख्या 1,18,558 हो गयी है।
राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर 54.60 पहुंच गयी है जबकि मृत्यु दर महज 4.26 प्रतिशत है। सूत्रों के मुताबिक राज्य में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 89296 है जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र पूरे देश में कोरोना संक्रमण और मौत के मामले में पहले नंबर पर है।

भारत में फिल्म और टीवी धारावाहिक निर्माण फिर से  जल्द शुरू होंगे, इसके लिए सरकार मानक संचालन प्रक्रिया की घोषणा करने जा रही है attacknews.in

नई दिल्ली/मुंबई 7 जुलाई ।केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज कहा कि सरकार जल्द ही अनलॉक चरण में फिल्म निर्माण को फिर से शुरू करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी करेगी। “फिल्म निर्माण, जिसमें कोविड-19 के परिणामस्वरूप ठहराव आ गया था, की फिर से शुरुआत करने में तेजी लाने के लिए हम सभी क्षेत्रों में निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए आ रहे हैं, जिसमें टीवी धारावाहिक, फिल्म निर्माण, सह-उत्पादन, एनीमेशन, गेमिंग शामिल हैं। हम जल्द ही इन उपायों की घोषणा करेंगे”, श्री जावडेकर ने फिक्की फ्रेम्स के 21 वें संस्करण को संबोधित करते हुए कहा।

कोविड-19 महामारी के मद्देनजर, मीडिया और मनोरंजन उद्योग की वार्षिक सभा का 2020 संस्करण मुंबई में पवई झील स्थित अपने सामान्य स्थान की बजाय, एक वर्चुअल मोड में आयोजित किया जा रहा है।

मंत्री ने यह भी कहा कि कोविड महामारी ने लोगों को संवाद करने के नए तरीकों के बारे में सोचने के लिए मजबूर किया है। “नई वर्चुअल सभाएं सामान्य हो गई हैं, लेकिन वहां बनी हुई भागीदारी वास्तविक हैं”। उन्होंने कहा कि भारत को सामग्री निर्माण में लागत का भारी लाभ मिलता है और भारतीय सामग्री दुनिया भर में 150 से अधिक देशों में देखी जा रही है। मंत्री महोदय ने सभी हितधारकों से मिलकर काम करने का आह्वान किया और कहा कि वे आगे बढ़ें व भारत की सॉफ्ट पावर- मीडिया और मनोरंजन – से लाभ उठायें ।

की-नोट अड्रेस में वित्त राज्य मंत्री, श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने में रचनात्मक उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि “परिमाण से हमें अपना ध्यान मूल्य सृजन पर करना चाहिए”।

तकनीकी सत्र में भाग लेते हुए सूचना और प्रसारण सचिव,  श्री अमित खरे ने कहा कि फिल्मों में सरकार की भूमिका एक सुविधादाता की होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि “विभिन्न नियामक ढांचों के बीच सामंजस्य बिठाया जाना चाहिए ताकि कम से कम नियंत्रण सुनिश्चित हो सके। श्री खरे ने यह भी कहा कि सरकार मीडिया और मनोरंजन उद्योग को बुनियादी ढांचे का दर्जा देने के समर्थन में है और बताया कि कुछ परिभाषाओं को ठीक करने की जरूरत है।

नीति अयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने अपने संबोधन में कहा कि हर संकट को एक अवसर में बदला जा सकता है और भारत को 12-13 ऐसे नए क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए जिनमें सतत उच्च विकास दर हासिल करने और नौकरियां पैदा करने के लिए वैश्विक चैंपियन बनने के लिए छलांग लगाई जा सके। उन्होंने कहा कि मीडिया और मनोरंजन उद्योग को इनमें शामिल किया जा सकता है ।

इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए स्टार और डिज़नी इंडिया के अध्यक्ष और उद्योग की अग्रणी आवाज़ उदय शंकर ने कहा “मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र रचनात्मक अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है”। यह रोजगार और व्यवसाय का सृजन कर सकता है और भारत को विश्व स्तर पर चमका सकता है। मगर उन्होंने इस तथ्य पर अफसोस जताया कि भारतीय मीडिया उद्योग, विशेष रूप से प्रिंट, टीवी और डिजिटल क्षेत्र विज्ञापन के राजस्व पर निर्भर हैं और कोविड ने इसको जबर्दस्त धक्का पहुंचया है। उन्होंने कहा “यदि इस उद्योग को विकसित करना है, तो उसे विज्ञापन पर अपनी निर्भरता को कम करना होगा।”

गूगल के संजय गुप्ता ने देश में मीडिया और मनोरंजन उद्योग में कोविड महामारी से आये व्यवधान पर जोर देते हुए कहा कि यह क्षेत्र 2020-21 में 20 बिलियन डॉलर से घट कर 15 बिलियन डॉलर तक सिकुड़ सकता है लेकिन वह एक रचनात्मक पॉवर हाउस के रूप में वापस उछलने की क्षमता भी रखता है। उन्होंने कराधान ढांचे के सरलीकरण और उद्योग के लिए एक हल्के स्पर्श वाले नियामक दृष्टिकोण को अपनाने की सलाह दी ताकि यह उद्योग अपनी पूरी क्षमता से बढ़ सके।

फिक्की फ्रेम्स वर्चुअल समिट, जो 11 जुलाई तक चलेगा, में मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं पर उद्योग के विचारों और पहलुओं पर के प्रमुख विशेषज्ञ अपने विचार व्यक्त करेंगे। फिक्की-फ्रेम्स 2020 इटली पर केन्द्रित है।

WHO की कोरोना संक्रमण रिपोर्ट जारी: दुनिया के देशों में प्रति दस लाख आबादी पर कोविड-19 के सबसे कम मामले भारत में attacknews.in

भारत में ठीक होने वालों की संख्या करीब 4 लाख 40 हजार हुई, संक्रमितों और ठीक होने वालों की संख्या का अंतर 1.8 लाख से अधिक

राष्ट्रीय रिकवरी दर 61 प्रतिशत के पार

नईदिल्ली 7 जुलाई ।कोरोना संक्रमण की स्थिति पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की 6 जुलाई 2020 को जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रति दस लाख की आबादी पर कोविड-19 के मामले दुनिया के मुकाबले भारत में सबसे कम हैं। भारत में प्रति दस लाख आबादी पर कोविड-19 के 505.37 मामले हैं जबकि वैश्विक औसत मामले 1453.25 हैं।

चिली में प्रति दस लाख आबादी पर कोविड के 15,459.8  मामले हैं, जबकि पेरू, अमरीका, ब्राजील और स्पेन में यह क्रमश 9070.8, 8560.5, 7419.1 और 5358.7 प्रति दस लाख है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट यह भी बताती है कि दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत में प्रति दस लाख आबादी में कोविड से मरने वालों की संख्या भी सबसे कम है। भारत में प्रति दस लाख आबादी पर कोविड से मरने वालों की संख्या 14.27 है जबकि वैश्विक औसत इससे चार गुना से भी अधिक 68.29 है।

ब्रिटेन में प्रति दस लाख आबादी पर कोविड से मरने वालों की संख्या 651.4 है, जबकि स्पेन, इटली, फ्रांस और अमेरिका में यह आंकड़ा क्रमशः 607.1, 576.6, 456.7 और 391.0 है।

भारत ने कोविड संक्रमण के मामलों से निबटने के लिए पर्याप्त रूप से और प्रभावी ढंग से अस्पताल के बुनियादी ढांचे में सुधार किया है। इन तैयारियों में ऑक्सीजन की व्यवस्था तथा आईसीयू और वेंटिलेटर सुविधाओं की व्यवस्था भी शामिल है।

7 जुलाई 2020 के ताजा आंकड़ों के अनुसार इस समय देश में 1201 समर्पित कोविड अस्पताल, 2611 कोविड समर्पित स्वास्थ्य देखभाल केंद्र और 9909 कोविड देखभाल केंद्र हैं जहां बहुत गंभीर से लेकर हल्के या मामूली लक्षण वाले कोविड रोगियों का उपचार किया जाता है।

शुरुआती स्तर पर ही कोविड-19 संक्रमण के मामलों पता लगाने और समय पर प्रभावी नैदानिक प्रबंधन के परिणामस्वरूप दैनिक स्तर पर रिकवरी दर में वृद्धि हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान, कुल 15,515 कोविड के मरीज ठीक हुए हैं। इसके साथ ही उपचार के बाद ठीह हुए लोगों की कुल संख्या 4,39,947 हो चुकी है

कोविड की रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय और राज्य सरकारों की ओर से सभी स्तरों पर समन्वित प्रयासों की वजह से ठीक होने वालों की संख्या संक्रमित लोगो की संख्या लगातार ज्यादा हो रही है जो काफी उत्साहजनक है। अब, तक देश में कोविड के सक्रिय मामलों की तुलना में ठीक होने वालों की संख्या 1,80,390 से अधिक हो चुकी है। कोविड संक्रमितों की रिकवरी दर बढ़कर 61.13 प्रतिशत हो गई है।

वर्तमान में देश में कोविड के 2,59,557 सक्रिय मामले हैं और सभी चिकित्सकीय देखरेख में हैं।

विभिन्न उपायों के साथ “टेस्ट, ट्रेस, ट्रीट” यानी जांच, पहचान और उपचार पर अधिक ध्यान दिए जाने से राज्यों / संघ शासित प्रदेशों में कोविड परीक्षण की व्यापक सुविधा मिली है। इसके परिणामस्वरूप प्रति दिन 2 लाख से अधिक कोविड के नमूनों की जांच की जा रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान 2,41,430 नमूनों की जांच की गई। इसके साथ ही देश में अबतक कोविड के कुल 1,02,11,092 नमूनों की जांच की जा चुकी है।

विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में अधिक संख्या में प्रयोगशालाओं के जुड़ने से देश में कोरोना जांच करने वाली प्रयोगशालाओं का नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है। इस समय में देश में कोविड जांच के लिए 793 सरकारी और 322 निजी प्रयोगशालाओं के साथ, कुल 1115 प्रयोगशालाएँ हैं।

इनमें ये प्रयोगशालाएं शामिल हैं:

रियल टाइम आरटी पीसीआर आधारित जांच प्रयोगशालाएं : 598 (सरकारी: 372 + निजी: 226)

ट्रूनेट आधारित जांच प्रयोगशालाएं : 423 (सरकारी: 388 + निजी: 35)

सीबीएनएएटी आधारित जांच प्रयोगशालाएं : 94 (सरकारी: 33 + निजी: 61)

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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा: मध्यप्रदेश में 15 महीने की कमलनाथ सरकार अन्याय, अत्याचार और भ्रष्टाचार की सरकार थी जिसने वल्लभभवन को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था attacknews.in

ये भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाने और प्रदेश के भविष्य को संवारने का चुनाव है

अशोकनगर की वर्चुअल रैली में प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा, सांसद श्री सिंधिया का संबोधन

भोपाल 7 जुलाई । 15 महीने रही कमलनाथ सरकार ने प्रदेश को भ्रष्टाचारियों का अड्डा बना दिया। इस सरकार ने गरीबों के हित की योजनाएं बंद कर दीं। झूठ बोलकर सत्ता में आई इस सरकार ने हर वर्ग से वादाखिलाफी की। आने वाले उपचुनाव इन भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाने का चुनाव है। यह साधारण चुनाव नहीं, बल्कि प्रदेश के भविष्य को संवारने का चुनाव है।

यह बात पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा एवं सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ने मंगलवार को अशोकनगर विधानसभा की वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कही। रैली को सांसद के पी सिंह यादव एवं श्री जजपालसिंह जज्जी ने भी संबोधित किया।

देश भर में अन्याय के प्रतिकार का संदेश देंगे ये चुनावः सिंधिया

वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 15 महीने की कमलनाथ सरकार अन्याय, अत्याचार और भ्रष्टाचार की सरकार थी। कमलनाथ सरकार ने वल्लभभवन को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था। वहां सांसद-विधायक नहीं जा पाते थे और सौदागरों, ठेकेदारों की पहुंच अंदर तक थी। सरकार की कुर्सी पर कोई और बैठता था और चाबी किसी और के हाथ में होती थी।

श्री सिंधिया ने कहा कि आने वाला चुनाव भाजपा-कांग्रेस का चुनाव नहीं है, बल्कि यह प्रदेश की आन बान शान और उसके भविष्य को बचाने का चुनाव है।

उन्होंने कहा कि इस चुनाव से कश्मीर से कन्याकुमारी तक और गुजरात से बंगाल तक यह संदेश जाएगा कि जब कोई सरकार अत्याचार और भ्रष्टाचार पर उतारू हो जाती है, तो भाजपा का कार्यकर्ता किस तरह इस अन्याय का विरोध करता है।

जनता से विश्वासघात करने वालों को सबक सिखाएं

श्री सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश के लोगों से झूठ बोला, विश्वासघात किया। पार्टी के अध्यक्ष ने 10 दिनों में कर्जमाफी का वादा किया, 10 महीने इंतजार किया लेकिन किसी किसान के खाते में पैसा नहीं आया। नौजवानों से कहा था 4 हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देंगे। इस सरकार ने महिलाओं से भी छल किया। कन्यादान योजना की राशि 51 हजार करने की बात कही, लेकिन किसी को पैसे नहीं दिये।

उन्होंने पूछा कि क्या इस तरह वादाखिलाफी करने वाली सरकार मध्यप्रदेश में रहनी चाहिए ? उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब भारतीय जनता पार्टी के लोग पीड़ितों की सहायता करने में व्यस्त थे, कांग्रेस सिर्फ कुर्सी का खेल खेलती रही। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि आने वाले चुनाव में जनता से विश्वासघात करने वालों को सबक सिखाएं।

विकास, जनहित और सेवा पर रखें फोकस:

श्री सिंधिया ने रैली में उपस्थित कार्यकर्ताओं से पूछा कि क्या कांग्रेस सरकार के समय अशोकनगर में एक भी सड़क बनी? मुख्यमंत्री कमलनाथ क्या एक बार भी अशोकनगर आए हैं? श्री सिंधिया ने कहा कि ये लोग सिर्फ चुनाव के समय जनता के बीच आते हैं।

उन्होंने कहा कि पूरे समय कांग्रेस के लोग ही इस सरकार पर रेत माफिया, शराब माफिया को संरक्षण देने के आरोप लगाते रहे। दूसरी तरफ शिवराज सरकार के आते ही विकास के काम शुरू हो गए हैं। हमें, ये सारे मुद्दे जनता के सामने लेकर जाना है। जनता का फोकस हमें विकास पर, जनहित के कामों पर और सेवा पर रखना है। हमें जनता को बताना होगा कि पिछले 15 महीनों में कमलनाथ-दिग्विजयसिंह की जोड़ी ने क्या किया। श्री सिंधिया ने कहा कि आने वाले चुनाव में हमें उन लोगों को जवाब देना होगा, जो मध्यप्रदेश को भ्रष्टाचार का केंद्र बनाना चाहते हैं।

ईंट का जवाब पत्थर से दे

श्री सिंधिया ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आने वाला चुनाव अलग तरह का चुनाव है। ये चुनाव सोशल मीडिया पर लड़ा जाएगा। हमें सोशल मीडिया पर ईंट का जवाब पत्थर से देना होगा। इसके लिए टीम तैयार करें और लोगों को प्रशिक्षित करें।

उन्होंने कहा कि असली मंथन गांवों की चौपालों पर होता है। इसलिए लोगों से चर्चा करें और मुद्दों को जनता के बीच ले जाएं।

श्री सिंधिया ने कहा कि अटलजी कहते थे, यह आर या पार की लड़ाई है। इसलिए हमें कोई कोताही नहीं दिखानी है, सभी 24 सीटों पर जीत हासिल करना है और कांग्रेसियों को ऐसा सबक सिखाना है कि आने वाले 15 सालों तक जनता उन्हें घर पर ही बिठा कर रखे।

यह चुनाव मध्यप्रदेश का विकास और प्रगति का चुनाव हैः विष्णुदत्त

प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा ने वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में हो रहे उपचुनाव किसी दल का चुनाव न होकर, कार्यकर्ताओं के स्वाभिमान, सम्मान और मध्यप्रदेश के विकास के चुनाव है। यह चुनाव गरीबों के हितों का चुनाव है। इन चुनावों में एक तरफ वह दल है, जिसने 15 महीने में मध्यप्रदेश को तबाह और बर्बाद किया। वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश को बचाने और विकास की ओर अग्रसर करने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने झूठ और प्रपंच कर जनता को भ्रमित किया और इसी कारण 15 महीने में ही उन्हें सत्ता से जनता ने बेदखल कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिवराज सरकार ने 100 दिन में गांव, गरीब, किसान और कोरोना संकट से जूझ रहे लोगों को संबल दिया है।

जिन्होंने भाजपा को चुनौती दी, हमें उनको जवाब देना है

श्री शर्मा ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने गरीबों की सारी योजनाएं बंद कर दीं थी। कमलनाथ की सरकार ने गरीबो के हक को छीना। प्रदेश में कोरोना फैलता रहा और कमलनाथ सरकार कोरोना को छोड़कर आईफा अवार्ड की तैयारियों में लगी रही। बाद में शिवराज सरकार ने महामारी से लड़ाई की व्यवस्थाएं कीं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा संगठन को टारगेट करने की बात कही है। मैं उनके चैलेंज को स्वीकार करता हूं और भाजपा का कार्यकर्ता कांग्रेस को इन उपचुनावों में मुंहतोड़ जवाब देकर उन्हें जनता की अदालत में बेनकाब करेगा। श्री शर्मा ने कहा कि यह सरकार प्रदेश को बचाने के लिए बनी है, वर्ना कमलनाथ सरकार गरीबों को और उनके हकों को निगल जाती। श्री शर्मा ने कहा कि भाजपा के संगठन को कुशाभाऊ ठाकरे और राजमाता सिंधिया ने अपनी मेहनत से सींचा है, ये संगठन कमजोर नहीं बहुत ताकतवर है। कमलनाथ जी आपको भाजपा के कार्यकर्ता सभी 24 विधानसभाओं में जवाब देंगे।

भ्रम फैला रहे हैं कांग्रेस के नेता

प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के नेता झूठ और भ्रम फैला रहे हैं। इन्हें भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता कठोरता से जवाब दें। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता आधारित दल है, यहां कार्यकर्ताओं की मेहनत और परिश्रम से ही विजयश्री मिलती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता भाजपा कार्यकर्ताओं को हल्के में न लें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आव्हान करते हुए कहा कि आप घनघोर परिश्रम करें जिससे सभी सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो जाए।

ऐतिहासिक मतों से विजयी होगी भाजपा : के पी यादव

रैली को संबोधित करते हुए गुना अशोक नगर सांसद श्री केपी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास की ओर अग्रसर हुआ है। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के रूप में हमें एक संवेदनशील नेतृत्व मिला है। कांग्रेस ने वादाखिलाफी  करके जनता पर अत्याचार किए, उन अत्याचारों का जवाब कार्यकर्ता देंगे। उन्होंने कहा कि हम एकजुट होकर कांग्रेस को बेनकाब करेंगे। जनसमर्थन भाजपा के साथ है और भाजपा ऐतिहासिक मतों से विजयी होगी।

सरकार-सरकार में फर्क होता है : जज्जी

रैली को संबोधित करते हुए अशोकनगर के पूर्व विधायक श्री जजपाल जज्जी ने कहा कि 15 महीनों में अशोकनगर के विकास के लिए मैंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से कई बार निवेदन किया लेकिन उन्होंने सरकार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने का हमेशा बहाना किया। प्रदेश में कहीं भी विकास कार्य नहीं होते थे, सारी योजनाएं सिर्फ छिंदवाड़ा में क्रियान्वित होती थीं। 15 महीने में कमलनाथ सरकार के काम देखें हैं, वहां न विकास, न विजन होता था। लेकिन इन 100 दिनों में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अशोकनगर की जनता को विकास की कई सौगातें दी हैं। उन्होंने कहा कि विकास का यह क्रम निरंतर जारी रहे, इसके लिए भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाएं।

रैली में अशोकनगर विधानसभा के प्रभारी, प्रदेश शासन के मंत्री श्री विश्वास सारंग, पूर्व विधायक श्री लड्डूराम कोरी, श्री नीरज मनोरिया, श्री जयमंडल यादव सहित अशोकनगर विधानसभा के नगर मंडल के कार्यकर्ता शामिल हुए। स्वागत भाषण जिलाध्यक्ष श्री उमेश रघुवंशी ने दिया। वर्चुअल रैली का संचालन श्री राघवेन्द्र शर्मा एवं आभार श्री रविन्द्र दुबे ने माना।

विदेशी छात्रों को छोड़ना होगा अमेरिका,सरकार ने स्कूलों और कालेजों में ऑनलाइन पढ़ाई की जारी की नई गाइडलाइन,अमेरिकी शिक्षाविदों और सांसदों ने दिशानिर्देशों को ‘भयावह’ करार दिया attacknews.in

वाशिंगटन, सात जुलाई (एपी) संघीय आव्रजन अधिकारियों द्वारा सोमवार को जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों के तहत स्कूलों और कॉलेजों द्वारा सभी कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित करने पर सभी विदेशी छात्रों को अमेरिका छोड़ना होगा या दूसरे शैक्षणिक संस्थान में तबादला कराना होगा।

अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों ने विश्वविद्यालयों पर परिसर खोलने को लेकर अतिरिक्त दबाव बना दिया है। वह भी ऐसे समय में जबकि हाल ही में युवकों में कोविड-19 के मामले अधिक सामने आए हैं।

कॉलेज को भी नए दिशा-निर्देशों की जानकारी दे दी गई। हार्वड विश्वविद्यालय सहित कई शैक्षणिक संस्थानों ने ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने की घोषणा भी कर दी है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्कूल और कॉलेजों को जल्द से जल्द परिसर में कक्षाएं शुरू करेने को कहा था। इसके तुरंत बाद ही यह नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

ट्रम्प ने टि्वटर पर कहा था कि इस शरदऋतु में स्कूल जरूर दोबारा खुल जाने चाहिए। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था कि डेमोक्रेट पार्टी ‘‘ राजनीतिक कारण से स्कूल बंद रखना चाहती है, स्वास्थ्य कारणों की वजह से नहीं’’।

ट्रम्प ने कहा था, ‘‘ उन्हें लगता है कि इससे नवम्बर में उन्हें मदद मिलेगी। गलत, लोगों को सब समझ आ रहा है।’’

अद्यतन नियमों के तहत, विदेशी छात्रों को कम से कम कुछ कक्षाएं परिसर जाकर लेनी होंगी। उन स्कूलों या पाठ्यक्रमों के लिए नए वीजा जारी नहीं किए जाएंगे, जहां सभी कक्षाएं ऑनलाइन हो रही हैं। यहां तक की जिन कॉलेजों में इस शरदकाल में परिसर में और ऑनलाइन दोनों तरीके से कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं, वहां विदेशी छात्रों को ऑनलाइन कक्षाएं नहीं लेने दिया जाएगा।

इससे कोरोना वायरस के कारण अमेरिका में फंसे विदेशी छात्रों के लिए यकीनन परेशानी खड़ी हो गई है।

अमेरिकी शिक्षाविदों और सांसदों ने विदेशी छात्रों को लेकर जारी दिशानिर्देश को ‘भयावह’ करार दिया

अमेरिका के प्रमुख शिक्षाविदों और सांसदों ने देश में डिग्री पाठ्यक्रमों में हिस्सा ले रहे विदेशी विद्यार्थियों के लिए बनाये गये दिशानिर्देश पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे ‘भयावह’ और ‘क्रूर’ बताया है। ये दिशानिर्देश उस परिस्थिति के लिए बनाये गये हैं जब विश्वविद्यालय ऐसे पाठ्यक्रमों को आनलाइन पढ़ाना शुरू करते हैं जिनमें विदेशी विद्यार्थी पढ़ रहे हैं।

आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) ने सोमवार को घोषणा की कि अमेरिका में पढ़ाई कर रहे विदेशी छात्रों को तब देश छोड़ना होगा या उन्हें निर्वासित होने के जोखिम का सामना करना होगा जब उनके विश्वविद्यालय सितंबर से दिसंबर के सेमेस्टर के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर देते हैं।

इस निर्णय से अमेरिका में पढ़ रहे हजारों भारतीय विद्यार्थियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

इसमें कहा गया है कि 2020 में पड़ने वाले सेमेस्टर में पूरी तरह से ऑनलाइन कार्य करने वाले स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र पूर्ण ऑनलाइन पाठ्यक्रम का दबाव नहीं उठा पाएंगे और वे अमेरिका में रह सकते हैं।

इस नियम की बड़े स्तर पर आलोचना हो रही है और लोग सोशल मीडिया पर अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं।

अमेरिकन काउंसिल ऑन एजुकेशन (एसीई), जिसमें विश्वविद्यालय के अध्यक्षों का प्रतिनिधित्व होता, ने कहा कि यह दिशानिर्देश ‘भयावह’ है और इससे भ्रम की स्थिति पैदा होगी क्योंकि स्कूल सुरक्षित तरीके से उन्हें खोलने का रास्ता तलाशेंगे।

एसीई के अध्यक्ष टेड मिशेल ने कहा, ‘‘ आईसीई द्वारा जारी दिशानिर्देश भयावह है। हम अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को लेकर और स्पष्टता का स्वागत करेंगे, यह दिशानिर्देश जवाब से अधिक सवाल उत्पन्न करते हैं और दुर्भाग्य से अच्छा करने के बजाय नुकसान अधिक कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि यह दिशानिर्देश स्थिरता और स्पष्टता के बजाय भ्रम और जटिलता अधिक पैदा करता है। ।’’

काउंसिल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष टेरी हर्टले ने कहा कि खास चिंता इस बात को लेकर है कि दिशानिर्देश में उन छात्रों के लिए नियमों में छूट नहीं दी गई जिनके स्कूल महामारी के चलते ऑनलाइन कक्षाएं चलाने को मजबूर हुए हैं। यह भी स्पष्ट नहीं है कि तब क्या होगा जब छात्र इस परिस्थिति में पढ़ाई छोड़ देता है, लेकिन यात्रा प्रतिबंधों की वजह से स्वेदश लौट नहीं पाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘स्पष्ट रूप से आईसीई संस्थानों को दोबारा खोलने के लिए उत्साहित कर रहा है और इस महमारी की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों के प्रति बेपरवाह है।’’

नया नियम एफ-1 और एम-2 गैर आव्रजन वीजा पर लागू होता है जिसके तहत गैर आव्रजित छात्रों को क्रमश: अकादमिक और पेशेवर पाठ्यक्रमों में पढ़ाई करने की अनुमति मिलती है।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय की अध्यक्ष लैरी बाकॉउ ने बयान में कहा, ‘‘हम आईसीई द्वारा जारी दिशानिर्देशों को लेकर चिंतित है जो काफी कुंद लगता है।.. अंतरराष्ट्रीय छात्रों खासतौर पर ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में पंजीकृत छात्रों को देश छोड़ने या स्कूल बदलने के इतर सीमित विकल्प देता है।’’

गैर लाभकारी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशलन एजुकेशन के मुताबिक अमेरिका में करीब 10 लाख विदेशी छात्र उच्च शिक्षा के लिए आते हैं।

अमेरिकी सीनेटर एलिजाबेथ वारेन ने ट्वीट किया, ‘‘ अंतरराष्ट्रीय छात्रों को महामारी के समय बाहर निकाला जा रहा है क्योंकि कॉलेज सामाजिक दूरी कायम रखने के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की ओर बढ़ रहे हैं और इससे छात्रों को परेशानी होगी। यह मनमाना, क्रूर और विदेशियों के प्रति भय का नतीजा है। आईसीई और आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय को इस नीति को तुरंत वापस लेना चाहिए।’’

सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने भी इस दिशानिर्देश की निंदा की। वर्मोंट से निर्दलीय सीनेटर ने कहा, ‘‘इस तरह की क्रूरता के लिए व्हाइट हाउस की कोई सीमा नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ विदेशी छात्रों को इस विकल्प के साथ धमकाया जा रहा है कि या तो अपनी जान खतरे में डाल कर कक्षा में जाएं या निर्वासित हों। हमें ट्रम्प की कट्टरता के खिलाफ खड़ा होना होगा। हम सभी छात्रों को सुरक्षित रखेंगे।’’

यूएसए टुडे की खबर के मुताबिक ट्रम्प प्रशासन के इस कदम का आव्रजन समर्थकों ने भी निंदा की और कहा कि मौजूदा प्रशासन द्वारा वैध और अवैध आव्रजन को प्रतिबंधित करने की चल रही कोशिश है।

अटलांटा के आव्रजन वकील और अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि चार्ल्स काक ने कहा कि नयी नीति स्पष्ट रूप से इस तरह से बनाई गई है कि अगर स्कूल केवल ऑनलाइन कक्षाएं चलाते हैं तो अमेरिका में रह रहे विदेशी छात्रों को बाहर किया जाए और अमेरिका आ रहे छात्रों के देश में प्रवेश रोका जाए।

नेशनल पब्लिक रेडियो के मुताबिक आव्रजन वकील फियोना मैक्इंटी ने कहा कि फैसला विदेश छात्रों से होने वाले आर्थिक लाभ को देखते हुए हैरान करने वाला है।

उन्होंने कहा कि विदेशी छात्रों की संख्या में कमी से विश्वविद्यालयों के बजट को झटका लगेगा और इसका असर घरेलू छात्रों पर भी पड़ेगा, कक्षा में बैठक कर पढ़ाई करने के फैसले का असर सभी छात्रों पर होगा।

अमेरिका के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय छात्रों और अंतरराष्ट्रीय शिक्षकों के परिसंघ ‘ एनएएफएसए’ के आर्थिक विश्लेषण के मुताबिक विदेशी छात्रों ने अकादमिक वर्ष 2018-19 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 41 अरब डॉलर का योगदान किया और 4,58,290 नौकरियां सृजित हुईं।

एनएएफएसए ने नियम पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि स्कूलों को अपने परिसर में सही फैसला करने का अधिकार होना चाहिए। यह दिशानिर्देश अंतराष्ट्रीय छात्रों के लिए नुकसानदेह है… उन्हें खतरे में डालता है।’’

न्यूयॉर्क के आव्रजन अटॉर्नी साइरस मेहता ने ट्वीट किया, ‘‘जो छात्र उन स्कूलों में पढ़ाई करेंगे जहां कक्षाएं पूरी तरह ऑनलाइन संचालित हो रही है वहां पंजीकृत विदेशी छात्रों को एफ-1वीजा प्राप्त करने की अनुमति नहीं होगी। इस तरह से ट्रम्प विदेशी छात्रों को कोविड-19 के दौरान असुरक्षित माहौल में पढ़ने को मजबूर कर रहे हैं।

दर्जनों कॉलेजों ने कहा कि उनकी योजना कम से कम कुछ कक्षाएं ऑफलाइन चलाने की है जबकि कुछ ने कहा कि यह बहुत खतरनाक है।

ट्रम्प प्रशासन की हालिया घोषणा कोविड-19 महामारी के दौरान वैध आव्रजन पर एक और कार्रवाई है। पिछले महीने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर अमेरिका में कार्य करने के लिए विदेशी कामगारों के लिए जरूरी एच-1बी और जे-1 वीजा को वर्ष 2020 तक के लिए स्थगित कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए केंद्र सरकार को एक माह का समय दिया attacknews.in

नयी दिल्ली, सात जुलाई । उच्चतम न्यायालय ने सभी सेवारत शॉर्ट सर्विस कमीशन महिला अधिकारियों को सेना में स्थायी कमीशन देने के अपने फैसले को लागू करने के लिए केंद्र को मंगलवार को एक और माह का समय दे दिया।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केंद्र को उसके फैसले में दिए गए सभी निर्देशों का अनुपालन करना होगा।

केंद्र ने पीठ को बताया कि मुद्दे पर निर्णय लेने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और केवल आधिकारिक आदेश जारी करना ही रह गया है।

इसने कहा कि अदालत के आदेश का अक्षरश: पालन किया जाएगा।

शीर्ष अदालत का यह निर्देश केंद्र की ओर से दायर एक आवेदन पर आया जिसमें उसने कोविड-19 वैश्विक महामारी का हवाला देकर फैसले के क्रियान्वयन के लिए छह माह का समय मांगा था।

उच्चतम न्यायालय ने 17 फरवरी को अपने ऐतिहासिक फैसले में निर्देश दिया था कि सेना में सभी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन और कमांड पोस्टिंग दी जाए। शीर्ष अदालत ने महिलाओं की शारीरिक सीमा का हवाला देने वाले केंद्र के रूख को खारिज करते हुए इसे “लैंगिक रूढ़ियों” और “महिला के खिलाफ लैंगिक भेदभाव” पर आधारित बताया था।

इसने केंद्र को निर्देश दिया था कि तीन माह के भीतर सभी सेवारत शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने पर विचार किया जाएगा, भले ही वे 14 वर्ष या 20 वर्ष सेवाएं दे चुकी हों।

न्यायालय ने कहा था कि युद्धक भूमिका में महिला अधिकारियों की तैनाती नीतिगत मामला है और दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2010 के अपने फैसले में इसपर विचार नहीं किया था।

शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार की 25 फरवरी 2019 की नीति को स्वीकार किया जिसमें शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) महिला सैन्य अधिकारियों को भारतीय सेना की सभी 10 शाखाओं में स्थायी कमीशन दिये जाने की बात है।

नीति के बावजूद इस मामले में उच्चतम न्यायालय के समक्ष केंद्र का रुख था कि सेना अधिनियम के प्रावधान इस बात पर विचार करते हैं कि महिलाओं को सिर्फ उन्हीं शाखाओं में नियुक्ति की इजाजत होगी जिसकी इजाजत सरकार देती है।

शीर्ष अदालत ने कहा था कि महिला अधिकारियों ने पहले भी देश का सम्मान बढ़ाया है और उन्हें सेना पदक समेत कई वीरता पदक मिल चुके हैं।

इसने केंद्र की उस दलील को खारिज कर दिया था कि महिला अधिकारियों को दैहिक सीमा, किसी यूनिट में केवल पुरुष होने और संघर्ष क्षमता के चलते स्थायी कमीशन नहीं दिया सकता और कहा कि संविधान के मूल्यों की पहचान के लिए सोच को बदलना होगा।

शीर्ष अदालत ने कहा, “लैंगिक आधार पर उनकी क्षमताओं को लेकर आशंका जाहिर करना न सिर्फ उनकी गरिमा को कम करता है बल्कि भारतीय सेना के सदस्य के तौर पर भी उनका अपमान है। पुरुष और महिलाएं समान नागरिक के तौर पर साझा मिशन के लिये काम करते हैं।”

इसने कहा, “अदालत के सामने रखी गई दलीलें लैंगिक रूढ़ियों पर आधारित हैं जो यह मानती है कि घरेलू जिम्मेदारियां पूरी तरह से महिलाओं की होती हैं।”

इसने कहा था कि महिला और पुरुष के बीच जन्मजात शारीरिक अंतरों का हवाला देना बेहद रूढ़िवादी और संवैधानिक दृष्टि से दोषपूर्ण धारणा है कि महिलाएं ‘‘कमजोर” होती हैं और उन कार्यों को नहीं कर सकती जो उनके लिए “बहुत कठिन” है।

केंद्र की दलीलों को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि यह पाया गया है कि महिला सैन्य अधिकारियों को इस आधार पर स्थायी कमीशन देने से इनकार करना कि इससे यूनिट के खास समीकरण प्रभावित होंगे, महिला अधिकारियों पर एक अनावश्यक बोझ है।

पीठ ने कहा कि सभी सैन्य महिला एसएससी अधिकारियों को स्थायी कमीशन का विकल्प दिया जाना चाहिए और अगर 14 वर्ष से ज्यादा की सेवा वाली महिला सैन्य अधिकारी स्थायी कमीशन के विकल्प को नहीं चुनती हैं तब वे 20 वर्ष तक सेवा के लिए योग्य हैं, जब तक ये पेंशनयोग्य सेवा न हो जाए।

इसमें कहा गया कि एक बारगी उपाय के तहत पेंशनयोग्य सेवा को हासिल करने तक सेवा में रहने का लाभ उन सभी मौजूदा एसएससी महिला अधिकारियों पर लागू होना चाहिए जिनकी सेवा 14 वर्ष से ज्यादा की हो चुकी है और उन्हें स्थायी कमीशन नहीं मिला है।

शीर्ष अदालत ने “मात्र विभिन्न स्टाफ नियुक्तियों में” और “केवल स्टाफ नियुक्तियों पर” की अभिव्यक्ति के अमल पर रोक लगाकर महिलाओं की कमांड पोस्टिंग की बाधा को भी दूर कर दिया।

इसने कहा कि 20 वर्ष से ज्यादा सेवारत एसएससी महिला सैन्य अधिकारियों जिन्हें स्थायी कमीशन नहीं मिला है उन्हें नीतिगत फैसले के तहत पेंशन पर सेवानिवृत्त किया जाना चाहिए।

न्यायालय ने कहा कि उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले के बाद केंद्र के लिए महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देना अनिवार्य था।

केंद्र की 25 फरवरी, 2019 के नीतिगत निर्णय पर शीर्ष अदालत ने कहा कि यह समान अवसर के महिला अधिकारियों की अधिकार को दी गई मान्यता है।

न्यायालय ने पाया कि इस समय सेना में 1,653 महिला अधिकारी हैं जो सेना में कुल अधिकारियों का महज चार प्रतिशत है।

‘कैप्टेन कूल’ महेन्द्र सिंह धोनी का जीवन के 40वें साल में प्रवेश,जन्मदिन पर चमक दमक से रहे दूर, क्रिकेट से सन्यास को लेकर अटकलें हुई तेज attacknews.in

नयी दिल्ली, सात जुलाई ।भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान और सबसे चहेते क्रिकेटरों में से एक महेंद्र सिंह धोनी 39 साल के हो गये और विभिन्न मंचों पर उन्हें बधाईयां दी जा रही हैं लेकिन हमेशा की तरह वह सोशल मीडिया की चमक दमक से दूर ही रहे।

टाइगर पटौदी से लेकर विराट कोहली तक भारतीय कप्तानों का अपना अलग चरित्र रहा लेकिन कोई भी धोनी जैसा गुपचुप रहने वाला कप्तान नहीं रहा। पिछले 16 वर्षों से वह लोगों के चहेते बने हुए है लेकिन अब चर्चा यह है कि वह कब संन्यास लेंगे क्योंकि पिछले एक साल से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेले हैं।

लेकिन तब भी सिर्फ लोग कयास लगा रहे हैं और धोनी ने हमेशा की तरह अपने पत्ते खोलने में किसी तरह की जल्दबाजी नहीं दिखायी है और उन्होंने कोविड-19 के इन दिनों में रांची में अपने परिवार के साथ पर्याप्त समय बिताने को ही प्राथमिकता दी है।

धोनी का जिंदगी जीने का अपना निराला अंदाज है और वह अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीना पसंद करते हैं। इसलिए उनके कुछ साथियों ने उन्हें निराले अंदाज में बधाई दी लेकिन उसमें पूरा सम्मान भरा था।

मोहम्मद कैफ ने उन्हें बधाई देते हुए ट्वीट किया, ‘‘अगला एमएसडी (महेंद्र सिंह धोनी)? गलती 404, अगला एमएसडी कभी नहीं मिलेगा। ’’

लोग भले ही धोनी से नहीं मिल पाते हैं लेकिन वह उनसे बेइंतहा प्यार करते हैं। ऐसे में वीरेंद्र सहवाग जैसे सुपरस्टार से लेकर केदार जाधव जैसे खिलाड़ी का उनके प्रति सम्मान और प्यार हैरान नहीं करता।

सहवाग ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, ‘‘एक पीढ़ी में एक बार एक खिलाड़ी आता है और राष्ट्र उससे जुड़ जाता है। उसे अपने परिवार के सदस्य जैसे मानता है। कुछ बहुत अपना सा लगता है। ऐसे शख्स को जन्मदिन की शुभकामनाएं जो कई लोगों के लिये उनकी दुनिया है। ’’

जाधव ने इस अवसर पर मराठी में एक लंबा पत्र लिखकर माही के प्रति अपना प्यार और सम्मान जताया है।

हार्दिक पंड्या ने धोनी को बधाई देते हुए लिखा है, ‘‘मेरा दोस्त जिसने मुझे बेहतर इंसान बनना सिखाया और जो बुरे दौर में मेरे साथ खड़ा रहा। ’’

उनके प्रशंसक उन्हें मैदान पर उनके प्रदर्शन से ज्यादा एक भरोसेमंद इंसान के तौर पर अधिक प्यार करते हैं। प्रशंसकों को अब भी उम्मीद है कि उनका यह प्रिय नायक मैदान पर अपने जलवे दिखाएगा इसलिए उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग का इंतजार है ताकि वे चेन्नई सुपरकिंग्स की तरफ से धोनी को खेलते हुए देखें।

जन्मदिन की शुभकामनाएं धोनी।

सन्यास को लेकर अटकलें:

धोनी पिछले वर्ष इंग्लैंड में हुए एकदिवसीय विश्व कप में भारत की सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों सनसनीखेज हार के बाद से क्रिकेट मैदान से बाहर हैं। उनके 29 मार्च से शुरू होने वाले आईपीएल के 13वें सत्र से मैदान में लौटने की उम्मीद थी लेकिन कोरोना के कारण आईपीएल को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।

माही के नाम से मशहूर धोनी ने अपनी टीम चेन्नई सुपर किंग्स के साथ आईपीएल की तैयारियां भी शुरू कर दी थीं लेकिन पहले लॉकडाउन के कारण चेन्नई ने अपना शिविर बंद किया और माही अपने गृहनगर रांची लौट गए। आईपीएल के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो जाने के कारण धोनी के संन्यास को लगातार अटकलें लग रही हैं लेकिन धोनी ने इस मामले में गहन चुप्पी साध रखी है।

धोनी निकट भविष्य में कभी भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर सकते हैं लेकिन वह अभी 2-3 साल तक आईपीएल खेलना जारी रख सकते हैं। भारत और दुनिया के कई दिग्गज खिलाड़ियों ने धोनी के संन्यास पर कहा है कि इसका फैसला धोनी पर छोड़ देना चाहिए कि वह अपने दस्ताने और बल्ला कब टांगना चाहते हैं।

जिंदगी और क्रिकेट का सफर:

23 वर्ष की आयु में भारतीय क्रिकेट टीम के लिये पदार्पण करने वाले धोनी आईसीसी की तीनों विश्व प्रतियोगिताएं जीतने वाले दुनिया के इकलौते कप्तान है।

खिलाड़ियों के दिमाग को पढ़कर उसे क्रिकेट के खेल में इस्तेमाल करने की अनोखी ताकत रखने वाले धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को झारखंड (तब बिहार) के रांची में हुआ था। धोनी झारखंड से निकलकर टीम इंडिया में जगह बनाने वाले पहले खिलाड़ी हैं। एक निम्न मध्यमवर्गी परिवार में जन्मे धोनी को बचपन से क्रिकेट के बजाय फुटबॉल खेलना पसंद था। धोनी को फुटबॉल टीम में एक गोलकीपर के तौर पर खेलते देख उस समय के उनके कोच ने उन्हें क्रिकेट में एक विकेटकीपर के तौर पर खेलने की सलाह दी। यहीं से माही का खेल बदला।

बिहार के लिये रणजी खेलने के बाद उन्हें रेलवे की तरफ से भी खेलने का मौका मिला। रेलवे ने उनके शानदार खेल को देखते हुए नौकरी ऑफर की। धोनी ने परिवार की जिम्मेदारियों का निर्वाह करने के लिये बंगाल के खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर टिकट कलेक्टर की नौकरी स्वीकार कर ली। लेकिन धोनी की किस्मत में ‘क्रिकेट का बादशाह’ बनना लिखा था, अंततः एक दिन वह नौकरी छोड़कर वापस खेल की मैदान की ओर लौट आए। धोनी का यह फैसला उनके जीवन का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।

इसके बाद धोनी को जिम्‍बाब्‍वे और केन्‍या के दौरे पर इंडिया ए टीम में पहली बार जगह मिली। धोनी ने इस अवसर का भरपूर फायदा उठाया और सात मैचों में 362 रन बनाए। धोनी ने इस दौरान विकेटकीपिंग में भी हाथ अजमाते हुए सात कैच लपके और चार स्‍टंपिंग भी की। उस समय टीम इंडिया को एक ऐसे विकेटकीपर की तलाश थी जो निचले क्रम में बल्लेबाजी भी कर सके। धोनी के इस प्रदर्शन ने तत्कालीन कप्तान सौरभ गांगुली को आकर्षित किया। और इस तरह वर्ष 2004 में धोनी को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका मिला।

बंगलादेश के खिलाफ अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाले धोनी शुरुआती मैचों में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाये. लेकिन टीम प्रबंधन ने उन पर भरोसा दिखाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ अगली सीरीज में फिर मौका दिया। उन्होंने विशाखापत्‍तनम में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गये अपने करियर के पांचवे मैच में 123 गेंदों पर 148 रन की विस्फोटक पारी खेली और इस पारी ने धोनी के करियर को एक झटके में आसमान पर पहुंचा दिया। उन दिनों धोनी की बल्लेबाजी और उनके लंबे बाल भी देश-दुनिया में चर्चा का विषय रहे। उस समय उनके हेयर स्टाइल के दीवाने पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ भी थे। उन्होंने एक सम्मान समारोह में धोनी के बालों की खुल कर चर्चा की।

तीन साल के भीतर धोनी को टी-20 और वनडे का कप्तान नियुक्त कर दिया गया। उन्होंने अपनी कप्तानी में 2007 में दक्षिण अफ्रीका में हुए टी-20 विश्वकप टूर्नामेंट को जीत कर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। इसके बाद धोनी को 2008 में टेस्ट कप्तानी सौंपी गई। इसके बाद उनकी कप्तानी में टीम ने ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में जीत हासिल की और दिसंबर 2009 में पहली बार भारत टेस्ट क्रिकेट इतिहास में नंबर-1 रैंकिंग पर काबिज हुआ।

इसके बाद वर्ष 2011 विश्वकप के फाइनल में उन्होंने नाबाद 91 रनों की ऐतिहासिक पारी खेलकर भारत को 28 वर्षों बाद विश्व कप खिताब दिलाया। फाइनल में धोनी के लगाये ऐतिहासिक छक्के की तारीफ केवल उनके प्रशंसको ने ही नहीं बल्कि कई क्रिकेट दिग्गजों ने भी की। उनकी तारीफ में भारत के क्रिकेट दिग्गज सुनील गावस्कर ने कहा था, “मैं मरने से पहले विश्वकप फाइनल 2011 में धोनी का आखिरी छक्का देखना चाहूंगा।” उन्होंने वर्ष 2013 में इंग्लैंड को उसके मैदान पर हराकर आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी भी जीती।

धोनी ने भारत के लिए अब तक सबसे अधिक 200 वनडे में कप्तानी की है जिसमें टीम को 110 मैचों में जीत हासिल हुई है। उन्होंने 350 वनडे मैचों में 50.57 के औसत से 10773 रन बनाए, जिसमें 10शतक और 73 अर्धशतक शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने विकेट के पीछे 444 शिकार किये हैं। धोनी ने 90 टेस्ट मैचों में 38.09 के औसत से 4876 रन बनाए हैं, जिसमें 6 शतक और 33 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट मैचों में उन्होंने विकेट के पीछे 294 शिकार किए हैं।

माही ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा आईपीएल में कुछ ऐसे रिकॉर्ड बनाये हैं जिन्हें तोड़ना किसी भी खिलाड़ी के लिए बेहद कठिन होगा। वह आईपीएल में सबसे ज्यादा नौ बार फाइनल खेलने वाले अकेले खिलाड़ी हैं। इस दौरान उन्होंने अपनी टीम चेन्नई सुपर किंग्स को तीन बार खिताबी जीत दर्ज करायी।

विश्वकप 2019 में धोनी को अपनी सुस्त बल्लेबाजी के चलते आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। भारत के उस विश्वकप में सेमीफाइनल में मिली हार के बाद से वह क्रिकेट से दूर हैं। उम्मीद है कि आईपीएल में एक बार फिर से धोनी को खेलते देखने का मौका मिलेगा

भारत में सडकों की रैंकिंग :बेहतरीन सेवा के लिए सड़कों की रैंकिंग करने की तैयारी में एनएचएआई attacknews.in

नईदिल्ली 6 जुलाई ।सड़कों को बेहतरीन बनाने के अपने प्रयासों के तहत सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधीनस्‍थ भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने देश भर में राजमार्गों की दक्षता का आकलन करने के साथ-साथ उनकी रैंकिंग करने का भी निर्णय लिया है। राष्ट्रीय राजमार्गों के आकलन ऑडिट एवं रैंकिंग का उद्देश्‍य जहां भी जरूरत हो, वहां आवश्‍यक सुधार सुनिश्चित करना है, ताकि उनकी गुणवत्ता बेहतर हो सके तथा राजमार्गों पर आवाजाही करने वाले यात्रियों को मनभावन सफर का आनंद मिल सके।

आकलन के मानदंड विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं या तौर-तरीकों और अध्ययनों पर आधारित हैं जिसका उद्देश्‍य भारतीय संदर्भ में राजमार्गों की दक्षता के मानकों को तय करना है। आकलन के लिए मानदंड को मुख्यत: तीन अहम भागों में वर्गीकृत किया गया है: राजमार्ग की दक्षता (45%), राजमार्ग पर सुरक्षा (35%) और उपयोगकर्ता को मिलने वाली सेवाएं (20%)। इस आकलन के निष्‍कर्षों के आधार पर प्राधिकरण व्यापक विश्लेषण करेगा और सेवाओं की समग्र गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विभिन्‍न आवश्यक कदमों को उठाने के बारे में निर्णय लेगा।

इसके अलावा, आकलन करते समय कई और महत्वपूर्ण मानदंडों पर भी विचार किया जाएगा जिनमें परिचालन की गति, कई दिशाओं से वाहनों की पहुंच पर नियंत्रण, टोल प्लाजा पर लगने वाला समय, सड़क संकेतक, सड़क चिन्‍ह, दुर्घटना की दर, किसी घटना से निपटने में लगने वाला समय, क्रैश बैरियर, रोशनी, उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली (एटीएमएस) की उपलब्धता, संरचनाओं की कार्यक्षमता, श्रेणीबद्ध पृथक चौराहों की व्‍यवस्‍था, स्वच्छता, वृक्षारोपण, सड़क के किनारे मिलने वाली सुविधाएं और ग्राहक संतुष्टि शामिल हैं।

प्रत्येक मानदंड या पैमाने पर प्रत्येक कॉरिडोर द्वारा हासिल किए जाने वाला स्कोर दरअसल परिचालन के उच्च मानकों, बेहतर सुरक्षा एवं उपयोगकर्ताओं को अच्‍छे अनुभव कराने के लिए आवश्‍यक जानकारियां सुलभ कराएगा और इसके साथ ही उन सुधारात्मक कदमों को भी सुझाएगा जिन पर अमल करके मौजूदा राजमार्गों को बेहतर बनाना संभव ही पाएगा। इससे एनएचएआई की अन्य परियोजनाओं के लिए भी डिजाइन, मानकों, प्रथाओं, दिशा-निर्देशों और अनुबंध समझौतों में खामियों को पहचानने एवं उन्‍हें पाटने में मदद मिलेगी।

कॉरिडोर यानी गलियारों की रैंकिंग त्‍वरित रूप से परिवर्तनशील होगी और रियायत प्राप्‍तकर्ता/ठेकेदार/ऑपरेटर को उस कॉरिडोर पर उपलब्‍ध सेवाओं में सुधार करके अपनी रैंकिंग को बेहतर करने का अवसर मिलेगा। समस्‍त गलियारों की समग्र रैंकिंग के अलावा बीओटी, एचएएम और ईपीसी परियोजनाओं के लिए भी अलग-अलग रैंकिंग की जाएगी। रैंकिंग की इस प्रक्रिया से परिचालन में दक्षता के साथ-साथ सड़कों का बेहतरीन रखरखाव भी सुनिश्चित होगा।

भारत में सोमवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 7 लाख 20 हजार पर पहुंची,20,171 की मौत,रिकवरी दर 61 फीसदी से अधिक हुई attacknews.in

नयी दिल्ली 06 जुलाई ।देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के मामले 7.18 लाख के आंकड़े को पार करने के साथ ही भारत ने पूरे विश्व में संक्रमण के सबसे अधिक प्रभावित देशों की सूची में सोमवार को भी तीसरे स्थान पर मौजूदगी को बरकरार रखा लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर 61 फीसदी के पार पहुंच गयी है।

देश में आज मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 61.16 फीसदी पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर महज 2.81 प्रतिशत रही। रविवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 60.82 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.83 प्रतिशत रही। शनिवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 60.81 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.88 प्रतिशत रही। शुक्रवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 60.71 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.85 प्रतिशत रही। गुरुवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 59.89 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.92 प्रतिशत रही। बुधवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 59.49 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.95 प्रतिशत रही। मंगलवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 59.24 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.97 प्रतिशत थी।

पिछले एक सप्ताह में मरीजों के स्वस्थ होने की दर में करीब दो फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।

‘कोविड19इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 7,19,872 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी है जबकि सुबह यह संख्या 697413 थी। अब तक कुल 439716 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 20171 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। अन्य 258902 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि सक्रिय मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या 1.80 लाख से अधिक है। इससे यह भी साफ है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के जितने मरीज आये हैं, उनमें से आधे से अधिक पूरी तरह बीमारी से निजात पा चुके हैं। समय पर कोरोना के संदिग्ध मामलों की जांच और उनका सही तरीके से इलाज की अहम भूमिका रही।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आज बताया कि देश में कोरोना जांच की संख्या एक करोड़ के पार पहुंच गयी है।

कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए जांच सुविधा उपलब्ध कराने वाली लैब की संख्या भी लगातार बढ़कर 1105 हो गयी है।

गौरतलब है कि संक्रमण के मामले में अमेरिका पहले और ब्राजील दूसरे स्थान पर है जबकि भारत रूस को रविवार को पीछे छोड़ तीसरे स्थान पर आ गया है। अमेरिका 2897613 कोरोना संक्रमण मामलों के साथ पहले स्थान पर है जबकि 1603055 संक्रमित मामलों के साथ ब्राजील दूसरे स्थान पर है। चौथे स्थान पर स्थित रूस में अब तक कोरोना वायरस संक्रमितों के कुल 687862 मामले सामने आये हैं तथा 10296 लोगों की मौत हुयी है।

दिल्ली में कोरोना मामले 100000 के पार

राजधानी में 1379 नये मामलों से सोमवार को कोरोना मरीजों का कुल आंकड़ा एक लाख को पार कर गया।

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से आज जारी आंकडों के अनुसार पिछले 24 घंटों में 1379 नये मामलों से कुल संक्रमित एक लाख हजार 823 हो गए।
महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद दिल्ली तीसरा राज्य है जहां संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख से ऊपर निकला है।

इस दौरान 48 और मरीजों की मौत से कुल मृतक संख्या 3115 हो गई।

दिल्ली में इस दौरान 749 मरीज ठीक हुए और कुल 72088 लोग इस संक्रमण को मात दे चुके हैं।

इस दौरान निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या एक घटकर 455 रह गई।

दिल्ली में 23 जून को 3947 एक दिन के सर्वाधिक मामले आए थे।

सक्रिय मामल़ों की संख्या 25620 है।

कोरोना जांच में पिछले कुछ दिनों में आई तेजी से कुल जांच का आंकड़ा 657383 पर पहुंच गया। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में 13879 जांच की गई। इसमें आरटीपीसीआर जांच 5327 और रैपिड एंटीजेन जांच 8552 थी।

तीन जुलाई को रिकार्ड 24165 जांच की गई थी। दिल्ली में दस लाख की जनसंख्या पर जांच का औसत भी बढ़कर 34599 हो गया।

दिल्ली में कुल कोरोना बेड्स 15301 हैं जिसमें से 5250 पर मरीज हैं जबकि 10051 खाली हैं।
होम आइशोलेशन में 17141 मरीज हैं।

महाराष्ट्र में कोरोना मामले 2.12 लाख के करीब, 1.15 लाख से अधिक स्वस्थ

देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में दिनों-दिन स्थिति भयावह होती जा रही है और पिछले 24 घंटों के दौरान रिकाॅर्ड 6555 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या सोमवार की रात बढ़कर 2.12 लाख के करीब पहुंच गयी, जबकि स्वस्थ होने वालों की संख्या भी 1.15 लाख से अधिक हो चुकी है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में अब तक 211987 लोग इस महामारी की चपेट में आए हैं। वहीं इस दौरान 204 और लोगों की इससे मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 9026 हो गयी है। इस दौरान राज्य में 3522 लोग रोगमुक्त हुए हैं जिसके बाद स्वस्थ होने वालों की कुल संख्या 115262 हो गयी है।

राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर 54.37 पहुंच गयी है जबकि मृत्यु दर महज 4.25 प्रतिशत है। सूत्रों के मुताबिक राज्य में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 87682 है जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र पूरे देश में कोरोना संक्रमण और मौत के मामले में पहले नंबर पर है।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 15,284 हुई और ‘एक्टिव केस’ की संख्या 3,088 हुई,किल कोरोना अभियान में 56.81 लाख घरों का सर्वे पूर्ण,दो करोड़ 90 लाख आबादी कवर हुई  attacknews.in

णभोपाल, 06 जुलाई ।मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के 354 नए मामले सामने आने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 15284 हो गयी है, हालाकि इनमें से 11579 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में एक्टिव केस 3088 हैं।

राज्य में एक्टिव केस कल 2911 और शनिवार को 2772 थे। नौ दिन पहले एक्टिव केस की संख्या 2545 थी।

सिवनी जिले दो और कोरोना मरीज मिले

सिवनी जिले में दो और कोरोना संक्रमित मरीज पाए गये।कलेक्टर डाॅ. राहुल हरिदास फटिंग ने आज बताया कि जबलपुर से कल देर रात कोविड-19 संक्रमण की आई रिपोर्ट में दो और कोरोना पाजिटिव मरीज पाएं गये। इन्हें मिलाकर अब तक सिवनी जिले में कुल 17 कोरोना पाॅजिटिव मरीज मिल चुके है।

इंदौर जिले में मिले कोरोना के 43 नये मामले

इंदौर जिले में ‘कोविड 19’ के 43 नये मामले आने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 4876 तक जा पहुंची है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ प्रवीण जड़िया ने कल देर रात बुलेटिन जारी कर बताया कि कल जांचे गये 1404 सैम्पलों में 43 संक्रमित पाये गये हैं ,जबकि 1404 सैम्पल जांच के लिये प्राप्त हुये हैं। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 92863 जांच रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी हैं, जिसमें कुल संक्रमितों की संख्या 4876 है।

उधर अब तक 3781 संक्रमितों को स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है, जिसके बाद अस्पताल में उपचारत रोगियों की संख्या 849 है। जबकि अब तक संस्थागत क्वारेंटाइन केंद्रों से 4616 संदेहियों को स्वस्थ होने पर छुट्टी दी जा चुकी है।

रविवार को 2 कोरोना संक्रमितों की मौत दर्ज करने के बाद यहां मृतको की संख्या 246 हो गई हैं। राहत की खबर है कि अब तक 3781 संक्रमित रोगी स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं।

सिवनी में एक और कोरोना संक्रमित मरीज मिला

सिवनी में एक और कोरोना संक्रमित मरीज मिला है।कलेक्टर सिवनी डाॅ. राहुल हरिदास फटिंग ने बताया कि बारापत्थर में संचालित सिफा हास्पिटल में सांस लेने में भर्ती एक मरीज की नागपुर रैफर के बाद वहां इलाज के दौरान कोरोना संक्रमित पाया गया। यह जानकारी मिलते ही सिफा हास्पिटल का निरीक्षण कर वहां कार्यरत सभी चिकित्सक सहित कर्मचारियां को होम कोरेन्टाईन कर दिया गया है।

किल कोरोना अभियान में 56.81 लाख घरों का सर्वे पूर्ण,दो करोड़ 90 लाख आबादी कवर हुई :

प्रदेश में ‘किल कोरोना अभियान’ पूरी गति से चल रहा है। अभियान में अभी तक 56 लाख 81 हजार घरों का सर्वे किया गया है। सर्वे में दो करोड़ 90 लाख 63 की आबादी कवर हुई है। इस दौरान कोरोना संक्रमण से 31 हजार 584 व्यक्ति संदिग्ध पाये गये हैं। इसके अलावा 12 हजार 63 व्यक्ति अन्य बीमारियों से ग्रसित पाए गये हैं। मलेरिया के 983 और डेंगू के 16 संदिग्ध मरीज भी पाए गये हैं। इन सभी मरीजों का उचित ईलाज किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश से कोरोना को पूरी तरह से समाप्त करने के लिये एक जुलाई से 15 जुलाई तक किल कोरोना अभियान संचालित करने के निर्देश दिए हैं। अभियान में डोर-टू-डोर सर्वे कर संदिग्ध मरीजों की पहचान की जा रही है ताकि उनका ईलाज किया जा सके। प्रदेश में 3.66 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट और रिकवरी रेट 75.5 प्रतिशत है।

मुरैना और शिवपुरी जिले में कोरोना के बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए शासन स्तर से इन जिलों पर विशेष नजर रखी जा रही है। मुरैना में पॉजिटिविटी रेट 9.59 प्रतिशत पाया गया है। मुरैना में मृत्यु दर 0.73 प्रतिशत है। मुरैना में किल कोरोना अभियान में 73 हजार 739 घरों का सर्वे किया गया है जिसमें 5 लाख 61 हजार 352 आबादी कवर हुई है। शिवपुरी जिलें में पॉजिटिविटी रेट 2.05 प्रतिशत है। यहां कोई मृत्यु रिकार्ड नहीं हुई है। रिकवरी रेट 45.2 प्रतिशत है। जो राज्य के औसत से कम है। रिकवरी रेट बढ़ाने के सभी संभव प्रयास किये जा रहे है।

बुरहानपुर में 11 नए कोरोना मरीज मिले

बुरहानपुर जिले में आज 11 नए काेराेना मरीज सामने आए।आधिकारिक जानकारी के अनुसार यह मरीज नेपानगर-खकनार तहसील के आदिवासी बहुल गॉवों के हैं। इनमें 4 पुरूष और 7 महिलाएं हैं। यह मरीज ग्राम डोईफोडिया, निमदंड, बोरसर व गोधनखेडा है। जिले में कोरोना संक्रमित 416 मरीज हो गए हैं। इनमे से अभी तक 23 मरीजों की मौत हुई है।

सीहोर में दो नए कोरोना पॉजिटिव

सीहोर जिले में आज दो कोरोना पॉजिटिव पाए गए है।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुधीर डेहरिया के अनुसार जिले में कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। किल अभियान के तहत लगातार लिए जा रहे टेस्ट में आज आष्टा में दो लोगों की कोरोना वायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आयी हैं। जिले में अब तक कुल 29 पॉजिटिव केस पाए गए हैं। उनमें से 17 का इलाज चल रहा है। वर्तमान में सीहोर आष्टा नसरुल्लागंज इछावर और अहमदपुर में भी एक्टिव केस मिले है।

सीधी में पांच नए मरीज मिले

सीधी जिले में 5 नए कोरोना पॉजिटिव केस पाए गए हैं, जिससे एक्टिव कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 8 हो गयी है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार आज प्राप्त रिपोर्ट में पांच लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया है। इन व्यक्तियों के पॉजिटिव पाए जाने पर उनके रहाइस क्षेत्र को कंटेनमेंट एरिया घोषित करने की कार्यवाही की जा रही है। जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या 8 हो गयी है।

भिंड में 11 नए पॉजिटिव मरीज मिले

भिंड जिले में आज 11 नए कोरोना पाॅजिटिव मरीज मिलने के बाद इससे संक्रमितों की संख्या बढ़कर 306 तक पहुंच गयी।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिले में 11 कोरोना पाॅजिटिव मिले है। अब कोरोना पाॅजिटिवों की संख्या 306 हो गई है। जिसमें 207 ठीक होकर घर चले गए तथा 99 का कोरोना सेंटर में इलाज चल रहा है।

शिवपुरी में मिले दस पॉजिटिव मरीज

शिवपुरी में आज 10 मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के साथ ही कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 83 तक पहुंच गयी। हालांकि अभी तक 34 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से जारी कोरोना बुलेटिन के अनुसार शिवपुरी के शहरी क्षेत्र में आज 10 मरीज पॉजिटिव निकले हैं। इसके साथ ही पॉजिटिव कुल मरीजों की संख्या 83 तक पहुंच गई है। हालांकि 34 मरीज अभी तक ठीक हो चुके हैं।

कोरोना के वायरस का हवा से भी फैलने की पुष्टि विश्वभर के 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने की attacknews.in

200 से अधिक वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस को वायुजनित बताया : रिपोर्ट

न्यूयॉर्क, छह जुलाई। कोरोना वायरस के संबंध में एक बड़ा दावा करते हुए 32 देशों के 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से कहा कि वायरस के वायुजनित होने के सबूत मौजूद हैं और एक छोटा कण भी लोगों को संक्रमित कर सकता है।

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने अभी तक खांसने और छींकने को ही कोरोना वायरस फैलने का मुख्य कारण बताया है।

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार लोगों के वापस बार, रेस्तरां, कार्यालयों, बाजार और कसिनो जाने से विश्व स्तर पर कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं और इसमें इस प्रवृत्ति की लगातार पुष्टि हुई है कि वायरस बंद जगहों पर ठहर जाता है और आस-पास के लोगों को संक्रमित करता है।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने डब्ल्यूएचओ को लिखे एक खुले पत्र में लोगों को संक्रमित करने की छोटे कणों की भी क्षमता रेखांकित की और एजेंसी से अपने सुझावों में बदलाव करने की अपील की है।’’

उसने कहा कि अनुसंधानकर्ता इसे अगले सप्ताह किसी वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित करने की योजना भी बना रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन लगातार इस बात पर जार देता रहा है कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से ही फैलता है, लेकिन 29 जून को एक अद्यतन रिपोर्ट में उसने कहा था कि वायरस वायुजनित तभी हो सकता है जब चिकित्सकीय प्रक्रिया के बाद ‘ऐरोसॉल’ या ‘ड्रोपलेट’ पांच माइक्रोन से छोटे हैं।

स्वास्थ्य एजेंसी ने खांसने और छींकने से संक्रमण फैलने के दावे को आधार बनाते हुए मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाने और हाथ धोते रहने जैसे सुझाव दिए हैं।

एनवायटी रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ यदि महामारी का वायुजनित होना एक महत्वपूर्ण कारक है, विशेष रूप से खराब वेंटिलेशन के साथ भीड़ वाले स्थानों में तो रोकथाम के लिए परिणाम महत्वपूर्ण होंगे। बंद जगहों पर भी मास्क पहनने की जरूरत पड़े, यहां तक कि सामाजिक दूरी कायम रखते हुए भी। स्वास्थ्य कर्मियों को एन95 मास्क की जरूरत होगी ताकि कोरोना वायरस संक्रमितों के सूक्ष्म ‘ड्रोपलेट’ भी फिल्टर हो सकें।’’

उत्तरप्रदेश के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की धरपकड़ के लिए चंबल के बीहड़ से लेकर राज्य के चप्पे-चप्पे की खोजबीन, आठ पुलिस वालों की जान लेने वाले का 85 घंटे बाद भी सुराग नहीं attacknews.in

कानपुर/लखनऊ/इटावा 06 जुलाई । उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र में पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की दुस्साहसिक वारदात को अंजाम देने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके गुर्गों की तलाश में कई जिलों की खाक छान रही पुलिस के हाथ 85 घंटे बीत जाने के बाद भी खाली है वहीं इस घटना के बाद खाकी और अपराधियों के गठजोड़ पर सवाल उठने लगे हैं।

कुछ रोज पहले तक साधारण हिस्ट्रीशीटर के तौर पर समझे जाने वाले विकास को हल्के में लेने की भूल पुलिस महकमे को भारी पड़ी है जब उसे अपने जाबांज आठ जवानो को खोना पड़ा और सात अन्य अस्पताल में भर्ती है। शातिर दिमाग अपराधी ने बड़े ही सुनियोजित तरीके से वारदात को अंजाम दिया हालांकि उसके इस खूनी खेल में पुलिस के मददगार बने रहने की भूमिका सामने आने से आला अधिकारियों के साथ साथ सरकार की पेशानी में बल पड़े हैं। पुलिस के एक आला अधिकारी ने इस घटना को लेकर अपने समकक्ष पर ही सवाल उठा दिया है।

हिस्ट्रीशीटर विकास के अंदेशे में खंगाला जा रहा है चंबल का बीहड

उत्तर प्रदेश के कानपुर चौबेपुर क्षेत्र में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का फरार आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के डाकुओं की शरणस्थली के तौर पर बदनाम चंबल के बीहडों में शरण लिये जाने का अंदेशा होने पर खंगाला जा रहा है।

अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ओमवीर सिंह ने बताया कि हाईवे के सभी टोल के कैमरे खंगाले गए, लेकिन कोई संदिग्ध फुटेज नहीं मिली। हाईवे पर हर गाड़ी को चेक करने के बाद ही आगे जाने दिया जा रहा है। औरैया से लेकर आगरा बार्डर तक हाईवे से लगे सभी लिंक रोड पर भी चेकिंग अभियान चल रहा है। जिले भर की फोर्स अलर्ट है।

नेपाल सीमा पर हिस्ट्रीशीटर विकास दूबे की तलाश जारी

उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र में एक क्षेत्राधिकारी समेत आठ पुलिस कर्मियों के हत्या का आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की नेपाल से सटी सीमाओं पर सरगर्मी से तलाश जारी है।

गोरखपुर के अपर पुलिस महानिदेशक दावा शेरपा ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि नेपाल की सरहदों पर विकास दुबे की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। सरहद के इलाकों में उसकी तस्वीर को चस्पा कर दिया गया है । उसकी सूचना देने वाले को एक लाख का इनाम दिया जाएगा और नाम भी गुप्त रखा जाएगा।

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की तलाश में उन्नाव में लगे पोस्टर

उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या का आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की तलाश में कानपुर की चकेरी पुलिस ने उन्नाव में अजगैन क्षेत्र में स्थित टोल प्लाजा पर पोस्टर चश्पा किये है।

पोस्टर पर चकेरी थाना प्रभारी का सीयूजी नम्बर पड़ा हुआ है। इस संबध में उन्नाव पुलिस का कहना है चकेरी पुलिस द्वारा यह पोस्टर लगाए गये है। इससे अधिक जानकारी नहीं है। हां यह बात अलग है कि उन्नाव जिले की पुलिस कानपुर घटना को लेकर अलर्ट मोड पर है। लगातार क्षेत्राधिकारियों की मौजूदगी में विभिन्न थानों की पुलिस बार्डर पर वाहन चेकिंग अभियान चला रही है।

कानपुर मुठभेड : तीन और पुलिसकर्मी निलंबित

कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर के बाहर हुई मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने की घटना के बाद ड्यूटी में ढिलायी बरतने के लिए तीन और पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है ।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी. ने बताया कि निलंबित होने वालों में उप निरीक्षकों – कुंवरपाल, तथा कृष्ण कुमार शर्मा और कांस्टेबल राजीव हैं । ये सभी चौबेपुर थाने में तैनात थे । तीनों के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गयी है ।

उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जायेगा और अगर जांच के दौरान उनकी भूमिका या साजिश सामने आयी तो उनके खिलाफ आगे कार्रवाई की जाएगी ।

पुलिस के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि तीनों पुलिसकर्मी चौबेपुर के थाना प्रभारी विनय तिवारी के साथ विकास दुबे के घर बुधवार को गये थे । स्थानीय कारोबारी राहुल तिवारी की शिकायत पर पुलिस वहां दबिश देने गयी थी । राहुल को विकास दुबे ने पुलिस की मौजूदगी में पीटा था ।

जब तिवारी ने बीचबचाव की कोशिश की तो दुबे ने कथित रूप से उनका मोबाइल छीनकर उनके साथ भी बदसलूकी की थी । उसके बाद दोनों के बीच कहासुनी और धक्कामुक्की भी हुई और फिर पुलिस घर से चली गयी । मुठभेड़ की वारदात के बाद विनय तिवारी को निलंबित कर दिया गया है ।

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर अब ढाई लाख का इनाम, पूरे प्रदेश में पोस्टर लगाने के निर्देश

इधर उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में अपने घर के बाहर मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के आरोपी एवं कुख्यात अपराधी विकास दुबे पर पुलिस ने ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया है और पूरे प्रदेश के टोल नाकों पर उसका पोस्टर लगाने के लिये भी कहा है ।

कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने सोमवार को बताया, ‘‘विकास दुबे पर अब ढाई लाख रूपये का इनाम घोषित कर दिया गया है । इस आशय का एक प्रस्ताव पुलिस महानिदेशक को भेजा गया था जिसके बाद सोमवार को इनाम की राशि बढ़ा दी गयी ।’’

अग्रवाल ने बताया, ‘‘जो व्यक्ति दुबे के बारे में सही जानकारी देगा उसे न केवल इनाम दिया जायेगा बल्कि उसकी पहचान भी गुप्त रखी जायेगी । पूरे प्रदेश के टोल नाकों पर दुबे के पोस्टर लगाने के लिये भी कहा गया है ताकि अगर वह किसी टोल नाके से निकलता है तो उसके बारे में जानकारी मिल सके ।’’ उल्लेखनीय है कि पहले दुबे पर पचास हजार का इनाम था जिसे बाद में बढ़ा कर एक लाख कर दिया गया और अब सोमवार को इसमें इजाफा कर इसे ढाई लाख रुपये कर दिया गया है।

महानिरीक्षक ने बताया, ‘‘दुबे को ढूंढने के लिये 40 पुलिस थानों की 25 टीमें लगायी गयी है जो दिन रात पूरे प्रदेश के विभिन्न जिलों में छापेमारी कर रही है । इसके अलावा कुछ टीमें दूसरे प्रदेशों को भी भेजी गयी है। जल्द ही अच्छी खबर मिलने की उम्मीद है ।’’ पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस के निगरानी दल की नजरें दुबे के करीबियों के मोबाइल पर लगातार बनी हुयी है और उससे कोई भी नाता रखने वाला हर व्यक्ति पुलिस राडार पर है ।

गौरतलब है कि बृहस्पतिवार देर रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था जिसमें एक क्षेत्राधिकारी और एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे । मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक घायल है।

घटना के बाद से पुलिस को दुबे का कोई सुराग नहीं मिला है।

औरैया में अपराधी विकास दुबे के फर्जी एनकाउंटर की खबर पर पुलिस का एक्शन

औरैया,से खबर है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र में दो जुलाई की रात इनामी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के साथ मुठभेड़ में आठ पुलिस कर्मियों के शहीद होने के अगले दिन शुक्रवार को सोशल मीडिया में अपराधी के औरैया में मार गिराये जाने की फर्जी अफवाह फैलाने वाले अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सदर कोतवाली में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है और ऐसे व्यक्तियों की छानबीन के लिये साइबर सेल टीम को लगा दिया गया है।

पुलिस सूत्रों से सोमवार को यहां बताया कि रविवार को जिले के साइबर सेल के प्रभारी लोकेश कुमार ने पुलिस अधीक्षक सुश्री सुनीति को दी तहरीर में कहा कि साइबर सेल टीम द्वारा सोशल मीडिया में सतत निगरानी में पाया गया कि सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों ट्वीटर, फेसबुक, व्हाट्सएप से भ्रामक फोटो एवं वीडियो एक खबर के साथ वायरल हो रहा है जिसमें बताया जा रहा है कि कानपुर मुठभेड़ में पुरूस्कार घोषित वांछित अपराधी विकास दुबे का औरैया में इंस्पेक्टर ऋषिकान्त/एसटीएफ द्वारा एनकाउन्टर कर दिया गया है। इस प्रकरण की जांच करने पर जानकारी हुई कि वायरल हो रही फोटो/वीडियो एवं खबर का औरैया से कोई सम्बन्ध नहीं है, वायरल की जा रही फोटो, वीडियो व खबर पूर्णता असत्य व निराधार है। वायरल की जा रही औरैया में एनकाउन्टर की झूठी अफवाह से सामान्य जनमानस में भय का माहौल बन गया है। कोविड-19 में कार्यरत सरकारी कर्मचारी के कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।

शहीद कोतवाल की बेटी ने की सीबीआई जांच की मांग

उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर में बदमाशों की गोली के शिकार शहीद क्षेत्राधिकारी देवेन्द्र मिश्र की पुत्री ने घटना की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है।

शहीद की बेटी वैष्णवी मिश्रा ने कहा कि वह चाहती है कि घटना की जांच सीबीआई से कराई जाए। जिस तरह से साजिश हुई है और हम लोगों ने साक्ष्य जुटाए हैं,उससे हमारे परिवार को खतरा है।

UGC ने पुराने निर्देश को बदलते हुए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अंतिम वर्ष की कक्षाओं की परीक्षा सितंबर में करवाने का लिया निर्णय attacknews.in

नई दिल्ली 06 जुलाई ।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कोरोना महामारी को देखते हुए कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षा सितंबर के अंत में आयोजित करने का फैसला किया है।

मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यूजीसी ने इस संबंध में अप्रैल को जारी पुराने निर्देश को बदलते हुए यह निर्णय लिया।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा कि विश्वविद्यालय कोविड के प्रकोप के चलते स्थगित की गईं अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ऑनलाइन, ऑफलाइन या दोनों माध्यमों से आयोजित कर सकते हैं।

अंतिम वर्ष की परीक्षाएं नहीं दे पाए छात्रों को एक और मौका मिलेगा, विश्वविद्यालय जब उचित होगा तब विशेष परीक्षाएं आयोजित करेंगे।

गृह मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों को परीक्षा आयोजित करने की दी अनुमति

गृह मंत्रालय ने केन्द्रीय उच्च शिक्षा सचिव को सोमवार को एक पत्र लिखकर विश्वविद्यालयों और संस्थानों द्वारा परीक्षाएँ आयोजित करने की अनुमति दे दी।

परीक्षाओं के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार और विश्वविद्यालयों के लिए शैक्षणिक कैलेंडर तथा केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अनुमोदित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार अंतिम सत्र की परीक्षाएँ आयोजित करना अनिवार्य है।

अजीत डोभाल द्वारा चीनी विदेश मंत्री को सुनायी खरी खरी बात के आगे चीन ने शांति और स्थिरता के लिये गलवान घाटी से पीछे हटने की बात स्वीकारी attacknews.in

नयी दिल्ली, 06 जुलाई ।लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत एवं चीन की सेनाओं के बीच दो माह से अधिक समय से जारी गतिरोध एवं सीमित संघर्ष के बाद रविवार को पहली बार दोनों देशों के बीच टेलीफोन पर विशेष प्रतिनिधियों के स्तर की बातचीत हुई जिसमें चीन ने भारत के कड़े रुख के आगे स्वीकार किया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आमने सामने खड़ी सेनाओं को पूरी तरह से हटाना एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करना जरूरी है।

भारत चीन सीमा मसले पर दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों – राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री एवं स्टेट काउंसलर वांग यी ने दोनों देशों के पश्चिमी सीमा सेक्टर में सीमावर्ती क्षेत्रों में हाल में हुई गतिविधियों पर खुल कर साफ साफ शब्दों में बातचीत की जिसमें श्री डोभाल ने कड़ा रुख अपनाया और कहा कि चीनी सेना को वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान हर हाल में करना होगा।

विदेश मंत्रालय के आज जारी एक बयान के अनुसार दोनों प्रतिनिधियों ने इस पर सहमति व्यक्त कि दोनों पक्षों को अपने नेताओं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कायम सम्मति का पालन करना चाहिए कि सीमा पर शांति एवं स्थिरता बनाये रखना हमारे द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति के लिए आवश्यक है और दोनों पक्षों को मतभेदों को विवाद में नहीं बदलने देना चाहिए। इसलिए वे इस बात पर सहमत हो गये कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सेना को एक दूसरे के सामने से पूरी तरह से हटाना और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करना जरूरी है।

इस संबंध में उन्होंने माना कि दोनों पक्षों को यह काम शीघ्रातिशीघ्र सुनिश्चित करना जरूरी है। दोनों पक्ष चरणबद्ध ढंग से सीमावर्ती क्षेत्रों से सेनाओं को हटायेंगे। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि दोनों पक्षों को वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान एवं अनुपालन कड़ाई से करना चाहिए और एकतरफा ढंग से यथास्थिति बदलने का प्रयास नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों पक्ष भविष्य में ऐसी किसी भी घटना को रोकने के लिए मिल कर काम करेंगे जो सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता में व्यवधान डाले।

दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने इस बात पर भी सहमति जतायी कि दोनों ओर के कूटनीतिक एवं सैन्य अधिकारियों को बातचीत जारी रखनी चाहिए। भारत चीन सीमा मामलों पर समन्वय एवं परामर्श की कार्यप्रणाली के फ्रेमवर्क में बनी समझ को क्रियान्वित किया जाना चाहिए ताकि उपरोक्त परिणाम हासिल हो सकें। यह भी सहमति बनी कि दोनों विशेष प्रतिनिधि भारत चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में द्विपक्षीय समझौतों एवं प्रोटाेकॉल के अनुरूप स्थायी शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बातचीत करते रहेंगे।

भारत और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते क्षेत्रों में पीछे हटने पर सहमत

भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते क्षेत्रों से अपने-अपने सैनिकों को जल्द पीछे हटाने और तनाव कम करने पर सहमति जतायी है जिससे पूर्वी लद्दाख में ‘शांति की पूरी तरह से बहाली’ की जा सके।

विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य जारी कर कहा है, “ सीमा मुद्दे पर भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों – भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्टर में हाल के घटनाक्रम पर बेबाक और विस्तार से विचारों का आदान-प्रदान किया।

टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने इस बात को माना कि उन्हें दोनों देशों के नेताओं के बीच सीमा पर शांति बनाये रखने के लिए बनी सहमति के अनुरूप आगे बढना होगा क्योंकि द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती के लिए सीमा पर शांति जरूरी है। इस बात का भी उल्लेख किया गया कि उन्हें मतभिन्नता को विवाद नहीं बनने देना है।

वक्तव्य में कहा गया है, “ उन्होंने माना कि सीमा पर पूरी तरह शांति बहाली के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाना और सीमा पर तनाव कम करना जरूरी है। ” दोनों पक्षों को सुनिश्चित करना होगा कि सीमा पर तनाव कम करने के लिए चरणबद्ध तरीके से कदम उठाये जायें। ”

उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि दोनों पक्षों को वास्तविक नियंत्रण रेखा का सख्ती से सम्मान करना होगा और यथास्थिति को बदलने के लिए एकतरफ कदम नहीं उठाये जाने चाहिए। भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं होनी चाहिए जिससे सीमा पर अशांति पैदा हो।

दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने इस बात पर भी सहमति जतायी कि दोनों पक्षों के राजनयिक तथा सैन्य अधिकारियों को स्थापित चैनलों के माध्यम से बातचीत जारी रखनी चाहिए। वे इस बात पर भी सहमत हुए कि दोनों विशेष प्रतिनिधि द्विपक्षीय समझौतों तथा प्रोटोकाल के अनुरूप सीमा पर पूरी तरह से शांति बहाली के लिए बातचीत जारी रखेंगे।

इस बीच सूत्रों के अनुसार दोनों सेनाओं के कोर कमांडरों के बीच गत 29 जून को हुई बातचीत और शर्तों के अनुरूप दोनों देशों के सैनिकों ने आज गलवान घाटी क्षेत्र से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू की।

चीनी सेना ने गलवान घाटी से पीछे हटना शुरू किया, भारत की ताकत से घबराया चीन attacknews.in

नयी दिल्ली, छह जुलाई । चीन की सेना गलवान घाटी के कुछ हिस्सों से तंबू हटाते और पीछे हटती दिखी है। सरकारी सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

क्षेत्र में सैनिकों के पीछे हटने का यह पहला संकेत है।

सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के कोर कमांडरों के बीच हुए समझौते के तहत चीनी सैनिकों ने पीछे हटना शुरू किया है।

उन्होंने कहा कि चीनी सेना गश्त बिंदु 14 पर लगाए गए तंबू एवं अन्य ढांचे हटाते हुए देखी गई है।

सूत्रों ने कहा कि गोगरा हॉट स्प्रिंग इलाके में भी चीनी सैनिकों के वाहनों की इसी तरह की गतिविधि देखी गई है।

भारतीय और चीनी सेना के बीच पिछले सात हफ्तों से पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में गतिरोध जारी है।

गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कई गुणा बढ़ गया था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के सैनिक भी इस झड़प में हताहत हुए थे लेकिन उसने अब तक इसके ब्योरे उपलब्ध नहीं कराए हैं।

भारत क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पूर्वी लद्दाख के सभी इलाकों में पूर्व यथास्थिति बहाल करने पर जोर देता आया है।

क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच कई चरणों की कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ताएं हुई हैं। हालांकि, दोनों पक्षों के क्षेत्र से बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमत होने के बावजूद गतिरोध समाप्त होने के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे थे।

भारत और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते क्षेत्रों में पीछे हटने पर सहमत

भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते क्षेत्रों से अपने-अपने सैनिकों को जल्द पीछे हटाने और तनाव कम करने पर सहमति जतायी है जिससे पूर्वी लद्दाख में ‘शांति की पूरी तरह से बहाली’ की जा सके।

विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य जारी कर कहा है, “ सीमा मुद्दे पर भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों – भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्टर में हाल के घटनाक्रम पर बेबाक और विस्तार से विचारों का आदान-प्रदान किया।

टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने इस बात को माना कि उन्हें दोनों देशों के नेताओं के बीच सीमा पर शांति बनाये रखने के लिए बनी सहमति के अनुरूप आगे बढना होगा क्योंकि द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती के लिए सीमा पर शांति जरूरी है। इस बात का भी उल्लेख किया गया कि उन्हें मतभिन्नता को विवाद नहीं बनने देना है।

वक्तव्य में कहा गया है, “ उन्होंने माना कि सीमा पर पूरी तरह शांति बहाली के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाना और सीमा पर तनाव कम करना जरूरी है। ” दोनों पक्षों को सुनिश्चित करना होगा कि सीमा पर तनाव कम करने के लिए चरणबद्ध तरीके से कदम उठाये जायें। ”

उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि दोनों पक्षों को वास्तविक नियंत्रण रेखा का सख्ती से सम्मान करना होगा और यथास्थिति को बदलने के लिए एकतरफ कदम नहीं उठाये जाने चाहिए। भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं होनी चाहिए जिससे सीमा पर अशांति पैदा हो।

दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने इस बात पर भी सहमति जतायी कि दोनों पक्षों के राजनयिक तथा सैन्य अधिकारियों को स्थापित चैनलों के माध्यम से बातचीत जारी रखनी चाहिए। वे इस बात पर भी सहमत हुए कि दोनों विशेष प्रतिनिधि द्विपक्षीय समझौतों तथा प्रोटोकाल के अनुरूप सीमा पर पूरी तरह से शांति बहाली के लिए बातचीत जारी रखेंगे।

इस बीच सूत्रों के अनुसार दोनों सेनाओं के कोर कमांडरों के बीच गत 29 जून को हुई बातचीत और शर्तों के अनुरूप दोनों देशों के सैनिकों ने आज गलवान घाटी क्षेत्र से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू की।