श्रीलंका में आतंकवादी हमले के बाद संसद में बिना वोटिंग आपातकाल को मंजूरी साथ ही मानव रहित विमानों और ड्रोन पर प्रतिबंध attacknews.in

कोलंबो, 25 अप्रैल । श्रीलंका में हुए आतंकवादी हमले के सिलसिले में पुलिस ने विशेष अभियान के दौरान गुरुवार सुबह 16 और संदिग्धों को गिरफ्तार किया जिनमें एक संदिग्ध पर आतंकवादी समूह से जुड़े होने का संदेह है।

पुलिस ने बताया कि इस सिलसिले में अब तक 76 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है और इनमें से कई को आपराधिक जांच विभाग के हवाले कर दिया गया है।

श्रीलंका के नागरिक विमानन प्राधिकरण (सीएए) ने एक विशेष बयान में बताया कि देश के हवाई क्षेत्र के अंदर ड्रोन और मानवरहित विमानों के इस्तेमाल पर गुरुवार से अगली सूचना आने तक प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्राधिकरण ने बताया कि देश की मौजूदा स्थिति को देखते हुये यह निर्णय लिया गया है।

उधर, श्रीलंका की संसद ने बुधवार को बिना वोटिंग के आपातकाल की घोषाण को मंजूर दे दी।

उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में गत रविवार को हुये सिलसिलेवार बम धमाकों के कारण अब तक 359 लोगों की मौत हुई है और 500 से अधिक घायल हो गये हैं। मृतकों में 34 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।

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CJI गोगोई के खिलाफ लगे यौन शोषण के आरोप को साज़िश बताने वाले वकील के दावे पर गठित जांच समिति से अलग हुए जस्टिस रमन्ना attacknews.in

नयी दिल्ली 25 अप्रैल । उच्चतम न्यायालय की ओर से मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को साजिश बताने के वकील उत्सव बैंस के दावे की जांच के लिए गुरुवार को सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए के पटनायक के नेतृत्व में गठित समिति से न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना ने खुद को अलग कर लिया।

न्यायालय सूत्रों के मुताबिक सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए के पटनायक के नेतृत्व में गठित समिति से न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना ने खुद को अलग कर लिया है। माना जा रहा है कि न्यायमूर्ति रमन्ना के बाहर हो जाने के बाद अंदरूनी जांच का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति पटनायक जांच समिति के तीसरे सदस्य का चुनाव करेंगे।

सूत्रों के मुताबिक न्यायमूर्ति रमन्ना के बाहर जाने या उनके स्थान पर किसी अन्य की नियुक्ति से जांच प्रक्रिया पर कोई असर नहीं होगा। जांच समिति शुक्रवार से अपना काम शुरू करेगी।

गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने मुख्य न्यायाधीश गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपाें को साजिश बताने के वकील उत्सव बैंस के दावे की जांच के लिए गुरुवार को न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए के पटनायक के नेतृत्व में एक समिति नियुक्त की।

न्यायाधीश अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, “उत्सव बैंस के आरोपों की जांच करने के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ए के पटनायक की नियुक्ति की गयी है।”

शीर्ष न्यायालय ने बैंस को न्यायालय की कार्यवाही को प्रभावित करने में फिक्सर और कारपोरेट जगत से जुड़े एक व्यक्ति की कथित संलिप्तता को लेकर समिति के समक्ष सभी दस्तावेज और साक्ष्य पेश करने का निर्देश दिया।

न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक, दिल्ली पुलिस और खुफिया विभाग के प्रमुख को भी मामले की जांच में सहयोग करने को कहा है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले न्यायालय ने न्यायमूर्ति गोगोई को साजिश के तहत यौन उत्पीड़न के आरोप में फंसाने के मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला अपराह्न दो बजे तक लिए सुरक्षित रख लिया था।

वकील उत्सव सिंह बैंस ने आरोप लगाया है कि मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ आरोप लगाने में मदद के लिए उन्हें मोटी रकम की पेशकश की गई थी।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने बैंस, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एटर्नी जनरल (एजी) के. के. वेणुगोपाल की दलीलें सुनने के बाद कहा, “हम इस मुद्दे पर आज अपराह्न दो बजे फैसला सुनाएंगे।”

न्यायामूर्ति मिश्रा ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा, “हम किसी भी शक्ति द्वारा नियंत्रित नहीं हो सकते। हम व्यथित हैं। यदि इस तरह के आरोप लगते हैं, तो यह संस्था बच नहीं पाएगी।”

अदालत की एक कनिष्ठ सहायक ने पिछले सप्ताह न्यायमूर्ति गोगोई पर पिछले साल अक्टूबर 2018 में उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था और इस संबंध में उसने 22 न्यायाधीशों को लिखित शिकायत भेजी थी।

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राहुल गांधी ने राजस्थान में कहा: 72 हजार रूपये सालाना देश के सबसे गरीब 5 करोड़ परिवारों के बैंक खातों में ही डाले जाएंगे attacknews.in

जालोर (राजस्थान), 25 अप्रैल । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पिछले पांच साल में देश के लोगों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो सबके साथ न्याय होगा और ‘एक हिंदुस्तान-सबका हिंदुस्तान’ होगा।

इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष ने देश के सबसे गरीब पांच करोड़ परिवारों के बैंक खातों में 72000 रुपये तक सालाना डालने, महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं के साथ साथ सरकारी नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात भी कही।

थार की भरी दोपहर में यहां एक चुनावी जनसभा में उमड़े जनसमूह को संबोधित कर रहे राहुल गांधी ने नोटबंदी और जीएसटी को गरीबों की जेब से पैसा छीनने का तरीका बताया।

साथ ही उन्होंने कहा कि न्यूनतम आय न्याय योजना का सबसे अधिक फायदा देश के बेरोजगार युवाओं को होगा और देश में मांग तथा रोजगार में वृद्धि होगी।

राहुल ने कहा, ‘‘हमारी सरकार आपके मन की बात सुनेगी, किसानों, युवाओं, महिलाओं तथा छोटे दुकानदारों के दिल की बात सुनेगी और आपके मन की बात पर सरकार चलेगी। जो आप कहेंगे वह होगा … और न्याय होगा।’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हिंदुस्तान के अरबपति कर्ज नहीं लौटाने के बावजूद जेल से बाहर रहेंगे जो किसान भी बाहर रहेंगे। अगर उनको लाखों करोड़ रुपये दिये जाएंगे तो किसानों, मजदूरों, छोटे दुकानदारों, दलितों, आदिवासियों तथा पिछडों भी को लाखों करोड़ रुपये दिये जाएंगे… अन्याय नहीं होगा हिंदुस्तान में। दो हिंदुस्तान नहीं बनेंगे। एक हिंदुस्तान होगा, सबका हिंदुस्तान होगा, उसमें न्याय होगा।’’

अपनी सभा में राहुल ने न्याय योजना के साथ किसानों के लिए अलग बजट की बात की। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो 2019 में दो बजट पेश होंगे, एक आम बजट और दूसरा किसान का बजट।

राहुल ने कहा कि इस देश में किसान के लिए कोई योजना नहीं बनाता लेकिन प्रस्तावित किसान बजट उनके लिए ही होगा जिसमें उनके बारे में पूरी योजना होगी। कर्ज नहीं लौटाने की वजह से किसी किसान को जेल भी नहीं जाना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आएगी तो नये उद्यमियों को उद्यम स्थापित करने के लिए तीन साल तक कोई मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी। महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही सरकारी नौकरियों में भी उन्हें इतना ही आरक्षण दिया जाएगा।

राहुल ने कहा कि कांग्रेस ने न्याय योजना बहुत सोच-समझकर तैयार की है और इसके तहत पैसा परिवार की महिला सदस्य के बैंक खाते में जाएगा।

उन्होंने चुटकी ली, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद कि उन्होंने बैंक खाते खोले, ‘न्याय’ का पैसा उन्हीं खातों में डाला जाएगा।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा ‘‘मैंने कहा कि इस योजना को ‘न्याय’ नाम देना है क्योंकि पिछले पांच साल में नरेंद्र मोदी ने, चौकीदार ने हिंदुस्तान के सब लोगों के साथ अन्याय ही तो किया है।’’

‘न्याय’ से अर्थव्यवस्था को नुकसान होने की आशंका नकारते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इस योजना से अर्थव्यवस्था को नुकसान नहीं होगा बल्कि इससे उसे फायदा होगा। नरेंद्र मोदी ने (अर्थव्यवस्था को) दो झटके मारे… पहला झटका कुल्हाड़ी लेकर नोटबंदी की और दूसरा झटका गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी) ला कर मारा। मोदी ने ये दो कुल्हाड़ियां मार कर हमारे मजदूरों, छोटे दुकानदारों की जेब से पैसा छीना। नोटबंदी और गब्बर सिंह टैक्स गरीबों से पैसा छीनने का तरीका है। उन्होंने पैसा छीना है।’’

राहुल ने कहा ‘‘न्याय योजना के तहत पांच करोड़ बैंक खातों में 72000 रुपये सालाना डालने से न सिर्फ गरीबों की मदद होगी बल्कि किसानों, मजदूरों, छोटे दुकानदारों और व्यापारियों की भी मदद होगी। ‘न्याय’ से सर्वाधिक मदद बेरोजगार युवकों को मिलेगी।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी सरकार में 22 लाख सरकारी नौकरियां खाली पड़ी हैं … 45 साल में सबसे अधिक बेरोजगारी .. 27000 युवा हर चौबीस घंटे में बेरोजगार हो रहे हैं और 22 लाख सरकारी नौकरियां खाली हैं। मैं गारंटी देता हूं कि कांग्रेस की सरकार बनने पर एक साल में इन 22 लाख सरकारी पदों को भरा जाएगा। दस लाख युवाओं को कांग्रेस पार्टी पंचायतों में रोजगार देगी।’’

अनिल अंबानी, मेहुल चौकसी, नीरव मोदी, ललित मोदी का नाम लेते हुए राहुल ने कहा, ‘‘इन 15 लोगों ने 5.55 लाख करोड़ रुपये हिंदुस्तान के बैंकों से कर्ज लिया और वापस नहीं किया। नरेंद्र मोदी इनकी रक्षा करते हैं। इनका 5.55 लाख करोड़ रुपये कर्ज माफ किया नरेंद्र मोदी ने। 45000 करोड़ रुपये अनिल अंबानी को कर्ज दिया, 35000 करोड़ रुपये नीरव मोदी को, 35000 करोड़ रुपये मेहुल चौकसी को… विजय माल्या का कर्ज 10000 करोड़ रुपये है।’’

इलाके की पेयजल समस्या की ओर इशारा करते हुए राहुल ने कहा, ‘‘आपको 1500 करोड़ रुपये नहीं दे पाये … पानी के लिए … लेकिन नीरव मोदी को 35000 करोड़ रुपये दिया। इससे ऐसे 20 जिलों का काम किया जा सकता था।

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वाराणसी में सवा 5 बजे शुरू हुए नरेन्द्र मोदी के मेगा रोड शो में लाखों की संख्या में जनता ने पलक पांवड़े बिछाकर अपने नेता का अभिनंदन- स्वागत किया attacknews.in

वाराणसी, 25 अप्रैल । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गुरुवार को महान स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं नमन के साथ-साथ यहां मौजूद जन सैलाब की ओर चारों दिशाओं में बारी-बारी से सिर झुका-झुककर नमन करने के बाद अभूतपूर्व सुरक्षा के बीच ‘भव्य रोड शो’ के साथ अपने चुनावी प्रचार की शुरुआत की।

वाराणसी के सांसद श्री मोदी शाम करीब को मां गंगा की पूजा-अर्चना और अगले दिन शुक्रवार को शहर के कोतवाल माने जाने वाले बाबा काल भैरव के दर्शन-पूजन के बाद इसी संसदीय क्षेत्र से दूसरी बार चुनावी मुकाबले के लिए नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।

यहां सातवें एवं अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल की 13 लोक सभा क्षेत्रों समेत आठ राज्यों के 59 संसदीय क्षेत्रों के साथ 19 मई को मतदान है।

श्री मोदी ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) मुख्य द्वार पर स्थित इस विश्वविद्यालय के संस्थापक भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं नमन के साथ अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे की शुरुआत की।

फूलों से सजी गाड़ी में सवार प्रधानमंत्री का काफिला ‘मोदी-मोदी, जय-जय श्रीराम और हर-हर महादेव’ के गगन चुंबी नारों के बीच लंका चौराहे से दशाश्वमेध घाट की ओर रवाना हुआ। आगे बढ़ने पर पार्टी कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों ने फूलों की बारिश कर जगह-जगह उनका स्वागत करते रहे। शहर के प्रमुख क्षेत्रों से होते हुए श्री मोदी का रोड शो शाम करीब सात बजे ऐतिहासक दशाश्वमेध घाट पहुंचा, जहां वह विश्वप्रसिद्ध शाम की गंगा आरती में शामिल होंने तथा विधिविधान के साथ मां गांग की पूजा-अर्चना में शामिल हुए ।

प्रधानमंत्री के रोड शो के करीब सात किलोमीटर लंबे रास्ते अच्छी तरह से सफाई एवं प्रकाश की व्यवस्था की गई । पूरे रास्ते को सजाया गया । रास्ते में 101 जगहों पर उनके स्वागत के लिए समर्थक पलक पावड़े बिछाये हुए थे। विभिन्न धर्म एवं संस्कृतियों का प्रदर्शन कर उत्सवी माहौल में ‘लघु भारत’ का नजारा दिखाने की कोशिश की गई । लंका, संत रविदास द्वार मुमुक्षू भवन, असि, भदैनी, शिवाला, सोनारपुरा, मदनपुरा, जंगमबाड़ी, गोदौलिया एवं दशाश्वमेध घाट तक के रास्ते में गुजरे वाले रोड शो में हजारों लोग अपने पारंपरिक पोशोक पहनकर सड़क के दोनों ओर खड़े रहे। हजारों लोग अपने मकान की छतों एवं बरामदों पर खड़े होकर मोदी का अभिनंदन कर रहे थे । वाराणसी के सांसद कभी हाथ जोड़कर तो कभी हाथ हिलाकर उनका अभिवादन स्वीकार कर रहेथे ।

श्री मोदी के चाहने वाले उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी के अलावा जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर, मिर्जापुर समेत आसपास के कई लोक सभा क्षेत्रों के लोग यहां आये हुएथे । बिहार एवं दूसरे राज्यों के अनेक पार्टी कार्यकर्ता भी चुनाव प्रचार के लिए यहां पहुंचे । भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत केंद्र एवं राज्य के सैंकड़ों नेता पिछले कई दिनों यहां डेरा डाले हुए हैं।

श्री मोदी के अपने संसदीय क्षेत्र से दूसरे कार्यकाल के लिए प्रथम चुनावी रोड शो को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह का माहौल रहा। वे उनके द्वारा गत पांच वर्षों में अरबों रुपये लागत से सफाई, सड़क, बिजली से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी परियोजनाओं को गिनाते हुए बेहतर सांसद एवं प्रधानमंत्री होने दावा करते हैं। उनका कहना है कि श्री मोदी फिर वाराणसी के सांसद एवं देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।

बीएचयू परिसर में हजारों छात्र एवं भाजपा समर्थक दोपहर एक बजे से भी मौजूद थे। श्री मोदी का रोड शो शाम सवा पांच बजे के बाद शुरू हुआ। यह रोड शो दोपरहर करीब तीन बजे शुरू होना था।

इससे पहले भाजपा की इवेंट सेल की ओर से यहां सुबह में आयोजित ‘विजय महायज्ञ’ में पाणिनी कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने वैदिक मंत्रोच्चार कर पूजा-अर्चना कर श्री मोदी की मनोकामना पूरी होने की भगवान से प्रार्थना की।

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उज्जैन में शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाध को किया चैलेंज: सरकार नहीं चला पा रहे हो तो कुर्सी छोड़ दो हम चलाकर दिखाएंगें attacknews.in

उज्जैन, शाजापुर, झाबुआ 25 अप्रैल । गर्मी रिकार्ड तोड़ रही है,उससे ज्यादा चुनावी गर्मी रिकार्ड तोड़ रही है, लेकिन राहुल गांधी तो सारे ही रिकार्ड तोड़ रहे हैं। वे झूठ बोलने का रिकार्ड तोड़ रहे हैं। कांग्रेस तो खानदानी झूठेली है और झूठ बोलना उसके नेताओं का पेशा बन गया है। पहले इन्होंने देश की जनता से झूठ बोला और अब प्रदेश की जनता से झूठ बोलकर सत्ता में आ गए। इसके बाद भी इनका झूठ थमा नहीं है। ये बातें पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने उज्जैन, शाजापुर और झाबुआ में सभाओं को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने उज्जैन में पार्टी प्रत्याशी अनिल फिरोजिया, शाजापुर में पार्टी प्रत्याशी महेंद्रसिंह और झाबुआ में पार्टी प्रत्याशी जीएस डामौर के समर्थन में आयोजित जनसभाओं को संबोधित किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत, सत्यनारायण जटिया, चिंतामणि मालवीय, विधायकगण सहित बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं आम नागरिक मौजूद रहे।

श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार जनता को और किसानों को गुमराह कर रही है। झूठ बोलकर सत्ता में आ गए, लेकिन अब किसानों का कर्जमाफ नहीं कर रहे हैं। राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव में प्रदेश में किसानों से कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनाइए। सरकार बनने के 10 दिनों में दो लाख रूपए तक का कर्जा माफ हो जाएगा, लेकिन साढ़े तीन माह हो गए हैं और अब तक किसानों का कर्जामाफ नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार नहीं चला पा रहे हैं तो हमें कोस रहे हैं। बिजली कर्मचारियों को सस्पेंड कर रहे हैं, बिजली नहीं दे पा रहे हैं तो निर्दोष कर्मचारियों पर अत्याचार कर रहे हैं। हम कमलनाथजी को चैलेंज करते हैं कि यदि सरकार नहीं चला पा रहे हैं तो छोड़ दें कुर्सी हम चलाकर दिखाएंगे सरकार।

किसानों के लिए निर्दयी सरकार है

उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में प्रदेश में किसानों की यह दुर्दशा नहीं थी। उनके सेंटरों पर गेहूं तुलवाए जाते थे, लेकिन अब किसानों को वेयरहाउस में ले जाकर गेहूं तुलवाना पड़ रहा है। किसानों को दो-दो दिनों तक वेयरहाउस में इंतजार करना पड़ रहा है, लेकिन कांग्रेस सरकार को किसानों पर दया नहीं आ रही है। इनके मुख्यमंत्री किसानों के बीच जाना ही नहीं चाहते। यह किसानों के लिए निर्दयी सरकार है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में चलाई गई कई जनकल्याणकारी योजनाओं को कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया है। इनको गरीबों से प्रेम नहीं, बल्कि घृणा है, क्योंकि जो जनकल्याणकारी योजनाएं हमने शुरू की थीं, वे सब गरीबों के हितों की योजनाएं थीं, लेकिन कांग्रेसियों को गरीबों की योजनाएं भी रास नहीं आईं।

जब बिजली जाती है, तो मामा याद आता है

श्री चौहान ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने हमारी जनहित की योजनाएं बंद कर दीं। हम बच्चों की फीस देते थे। अब जब भांजे-भांजियां फीस भरने जाते हैं, तो मामा याद आता है। जब-जब बिजली जाती है, तब मामा याद आता है। गरीबों को लिए इलाज कराना मुश्किल हो गया है। जब-जब घर में कोई बीमार होता है, तो मामा याद आता है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने अंतिम संस्कार के लिए भी सहायता दिए जाने का प्रावधान किया था,लेकिन इस सरकार ने गरीबों से कफन भी छीन लिया है।

आतंक का मुंहतोड़ जबाव दिया

श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले कांग्रेस की सरकारों में देश पर आतंकी हमले होते थे तो इनके प्रधानमंत्रियों के मुंह तक नहीं खुलते थे, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने आतंक को मुंह तोड़ जवाब दिया है। यह भाजपा सरकार ही थी कि हमारे सैनिक आतंकवादियों को उनके घर में घुसकर मारकर आए। अब आतंकवादियों को भारत आने में खौफ लगता है। श्री चौहान ने कहा कि देश की सुरक्षा मोदी सरकार ही कर सकती है। उन्होंने कहा कि मोदी जी को फिर देश का प्रधानमंत्री बनाने के लिए कमल का बटन दबाएं, भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को जिताए।

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CJI गोगोई के खिलाफ बडी साज़िश और मुकदमों के लिए बेंच फिक्सिंग के वकील के दावे पर सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए नियुक्त की जस्टिस ए के पटनायक समिति attacknews.in

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल । उच्चतम न्यायालय ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ बड़ी साजिश होने और शीर्ष अदालत में मुकदमों की सुनवाई के लिये बेंच फिक्सिंग के आरोपों की जांच के लिये बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ए के पटनायक की एक सदस्यीय समिति नियुक्त की।

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो और गुप्तचर ब्यूरो के निदेशकों तथा दिल्ली के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि आवश्यकता पड़ने पर वे न्यायमूर्ति पटनायक के साथ हर तरह का सहयोग करें।

पीठ ने स्पष्ट किया कि यह जांच प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों पर गौर नहीं करेगी। पटनायक समिति की जांच के नतीजे प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ शिकायत पर कार्यवाही करने वाली आंतरिक समिति को प्रभावित नहीं करेंगे।

शीर्ष अदालत ने कहा कि जांच पूरी करने के बाद न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) पटनायक सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट न्यायालय को देंगे और इसके बाद इस मामले में फिर से आगे सुनवाई की जायेगी। 

पीठ ने इस जांच में मदद के लिये लोगों की जरूरत का मसला समिति पर छोड़ दिया है।

विशेष पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘संपूर्ण तथ्यों और अधिवक्ता उत्सव सिंह बैंस के हलफनामे पर विचार के बाद हम शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए के पटनायक को बैंस द्वारा हलफनामे में लगाये गये आरोपों की जांच के लिये नियुक्त कर रहे हैं।’’ पीठ ने स्पष्ट किया कि वह ‘‘प्रधान न्यायाधीश द्वारा दुर्व्यवहार के आरोपों पर गौर नहीं करेंगे।’’ 

पीठ ने यह भी कहा कि ‘‘जांच के नतीजे और उसकी रिपोर्ट’’ उस आंतरिक जांच को प्रभावित नहीं करेगी जिसके लिये पहले आदेश दिया जा चुका है।

पीठ ने आगे कहा, ‘‘ सीबीआई और आईबी निदेशक तथा दिल्ली के पुलिस आयुक्त आवश्यकता पड़ने पर न्यायमूर्ति पटनायक को उनकी जांच में सहयोग करेंगे।’’ पीठ ने बैंस द्वारा दाखिल हलफनामे सीलबंद लिफाफे में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) पटनायक को सौंपने का भी आदेश दिया।

आदेश लिखाते समय पीठ ने शुरू में ही कहा, ‘‘हमने फैसला किया है कि अधिवक्ता चुनिन्दा दस्तावेजों पर विशेषाधिकार का दावा नहीं कर सकता है और उसे जब भी जरूरत होगी सारी सूचना की जानकारी देनी होगी।’’ 

न्यायालय ने, इससे पहले, न्यायपालिका पर ‘‘सुनियोजित हमले’’ को लेकर बृहस्पतिवार को अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि अब देश के अमीरों तथा ताकतवर लोगों को यह बताने का समय आ गया है कि वे ‘‘आग से खेल रहे’’ हैं।

शीर्ष अदालत ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न के आरोपों में फंसाने की एक बड़ी साजिश का दावा करने वाले अधिवक्ता उत्सव सिंह बैंस के मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी कीं थी।

पीठ ने कहा, ‘‘पिछले कुछ सालों में इस संस्था के साथ जो व्यवहार हो रहा है, यदि यही होगा तो हम बचेंगे नहीं। इस समय सुनियोजित हमला हो रहा है। इस संस्था की छवि धूमिल करने का सुनियोजित खेल चल रहा है।’’ 

पीठ का कहना था, ‘‘यह मत सोचिए कि धरती पर किसी भी चीज से सुप्रीम कोर्ट को नियंत्रित किया जा सकता है, चाहे वह धन बल हो या राजनीतिक बल हो।’’ इस स्थिति से चिंतित न्यायाधीशों का मत था कि इस समय हवा में बहुत कुछ चल रहा है और निश्चित ही इसकी जांच की आवश्यकता है।

पीठ ने कहा कि चार पांच फीसदी लोग पूरी संस्था को बदनाम कर रहे हैं और ‘‘न्यायाधीश होने के नाते हम चिंतित हैं कि हम यहां क्यों पहुंच गये? हम बहुत ही चिंतित हैं। अब समय आ गया है कि हम खड़े हों और इस देश के धनवान और ताकतवर लोगों से कहें कि वे ऐसा नहीं कर सकते। आप आग से खेल रहे हैं।’’ 

आगे पीठ ने कहा, ‘‘हर दिन, हर कोई हम पर दबाव डालने की कोशिश करता है।’’ 

पीठ ने स्पष्ट किया कि वह देखेगी कि क्या अधिवक्ता उत्सव सिंह बैंस का दावा सही है या नहीं। बैंस ने यौन उत्पीड़न के आरोप में प्रधान न्यायाधीश को फंसाने की साजिश और शीर्ष अदालत में कथित रूप से बेंच फिक्सिंग के प्रयासों के बारे में दावे किये हैं।

पीठ ने ये तल्ख टिप्पणियां उस वक्त कीं जब सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जांच कराने की बजाये बैंस के आरोपों की तह तक जाने के लिये विशेष जांच दल से जांच करायी जानी चाहिए।

इससे पहले, सवेरे बैंस ने अपने दावों के समर्थन में सीलबंद लिफाफे में अतिरिक्त हलफनामा दाखिल किया।

पीठ ने अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल से बैंस द्वारा कुछ दस्तावेज अधिवक्ता कानून के प्रावधानों के तहत संरक्षित होने संबंधी विशेषाधिकार के दावे के बारे में पूछा। 

वेणुगोपाल ने कानून के प्रावधानों का हवाला देते हुये कहा कि इस मामले में वकील और मुवक्किल का मुद्दा नहीं है क्योंकि बैंस ने अपनी व्यक्तिगत हैसियत में हलफनामा दाखिल किया है और इसलिए वह चुनिन्दा दस्तावेजों पर विशेषाधिकार का दावा नहीं कर सकते।

उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश खन्ना ने पीठ से कहा कि न्यायालय को मामले से संबंधित कोई भी दस्तावेज मंगाने का अधिकार है और बैंस चुनिन्दा दस्तावेजों पर विशेषाधिकार का दावा नहीं कर सकते।

इस पर न्यायमूर्ति नरिमन ने कहा, ‘‘किस भी स्थिति में दस्तावेजों के निरीक्षण का अधिकार हमेशा उपलब्ध है।’’ 

इस मामले में व्यक्तिगत रूप से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दिरा जयसिंह ने पीठ से कहा कि उसे यह स्पष्ट करना चाहिए कि बैंस के हलफनामे पर सुनवाई और प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिये अलग जांच समिति की कार्यवाही में कोई संबंध नहीं है।

पीठ ने कहा, ‘‘यह बहुत ही संगीन आरोप है कि बेंच फिक्सिंग का तरीका अपनाया गया और जब वे इसमें विफल हो गये तो यहां घूम रहे कुछ फिक्सरों ने यह करने का प्रयास किया।’’ 

न्यायमूर्ति मिश्रा ने जयसिंह से कहा, ‘‘आपको समझ में नहीं आ रहा है हम क्या कर रहे हैं। आपको मालूम ही नहीं है कि इन सीलबंद लिफाफों में क्या है।’’ 

हालांकि, जयसिंह ने पीठ से कहा कि बैंस की पृष्ठभूमि की जांच की जानी चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वह बेदाग तरीके से न्यायालय आये हैं। 

प्रधान न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की खबरें सामने आने पर शीर्ष अदालत ने 20 अप्रैल को ‘न्यायपालिका की स्वतंत्रता से संबंधित अत्यधिक महत्व का सार्वजनिक मामला’ शीर्षक से सूचीबद्ध प्रकरण के रूप में अभूतपूर्व तरीके से सुनवाई की थी। 

इसके बाद ही अधिवक्ता उत्सव सिंह बैंस ने न्यायालय में एक हलफनामा दायर कर दावा किया था कि प्रधान न्यायाधीश को यौन उत्पीड़न के आरोप में फंसाने की बहुत बड़ी साजिश है । 

इसके बाद ही न्यायालय ने बैंस को नोटिस जारी कर उन्हें अपने इस दावे के समर्थन में आवश्यक सामग्री पेश करने का निर्देश दिया था।

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वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुकाबला प्रियंका गांधी वाड्रा से नहीं अजय राय से होगा, कांग्रेस ने घोषित किया प्रत्याशी attacknews.in

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल । उत्तर प्रदेश के वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस ने अपने पुराने उम्मीदवार अजय राय को चुनाव मैदान में उतारा है।

इसके साथ ही पार्टी महासचिव प्रियंका वाड्रा गांधी के वहां से चुनाव लड़ने अटकले समाप्त हो गयी ।

कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक की ओर से आज यहां विज्ञप्ति के अनुसार पार्टी ने वाराणसी सीट पर श्री राय को फिर से उम्मीदवार बनाया है। 

इसके साथ ही गोरखपुर से मधुसूदन तिवारी को प्रत्याशी बनाया गया है। भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से फिल्म अभिनेता रवि किशन को उतारा है। इस सूची के साथ ही कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए 425 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।

गौरतलब है कि मीडिया में पिछले कुछ दिनों से अटकले लगायी जा रही थी कि श्रीमती गांधी वाराणसी से चुनाव लड़ेगी और श्री मोदी को टक्कर देगी लेकिन श्री राय के उम्मीदवार बनने से सभी अटकलों पर विराम लग गया है । 

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से श्री मोदी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के मुख्य संयोजक अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के श्री राय लड़े थे। श्री मोदी ने श्री केजरीवाल को 3,71,784 वोटों से मात दी थी। श्री मोदी को कुल 5 लाख 81 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। श्री केजरीवाल को दो लाख 90 हजार वोट मिले थे। श्री राय को करीब 76 हजार वोट मिले थे। इस बार साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी थी।

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शहडोल संसदीय सीट पर दलबदलूओं से रोचक हुआ मुकाबला : भाजपा की पूर्व विधायक कांग्रेस की है प्रत्याशी तो कांग्रेस की पूर्व नेता भाजपा से है प्रत्याशी attacknews.in

शहडोल, 25 अप्रैल । मध्यप्रदेश के शहडोल संसदीय क्षेत्र में इस बार मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी हिमाद्री सिंह और कांग्रेस की श्रीमती प्रमिला सिंह के बीच है, लेकिन दोनों ही प्रत्याशियों के हाल ही में दल बदलने के कारण स्थानीय कार्यकर्ताओं में असमंजस का भाव दिखायी दे रहा है।

यह ठेठ आदिवासी बहुल संसदीय क्षेत्र अनुसचित जनजाति (अजजा) के लिए सुरक्षित है और भीषण गर्मी के कारण विभिन्न दलों का प्रचार अभियान भी प्रभावित दिखायी दे रहा है। कांग्रेस से कुछ समय पहले भाजपा में आने वालीं श्रीमती हिमाद्री सिंह को ही भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है, वहीं कांग्रेस ने भी चार महीने पहले भाजपा से आने वालीं पूर्व विधायक प्रमिला सिंह पर दाव खेला है। मुख्य मुकाबला इन दोनों ‘पैराशूट’ प्रत्याशियों के बीच ही है। हालांकि इन दाेनों के अलावा 11 अन्य प्रत्याशी भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा कर दी है।

प्राकृतिक संसाधन जैसे कोयला आदि के भंडारों से परिपूर्ण इस सीट पर शिक्षा का स्तर बहुत कम होने से क्षेत्र में स्थानीय मुद्दे जैसे, जल-जंगल-जमीन और केंद्र सरकार की उज्जवला योजना और प्रधानमन्त्री आवास योजना जैसे मुद्दे प्रभावी दिखायी पड़ते हैं। अन्य राष्ट्रीय मुद्दे बहुत अधिक प्रभावी नजर नहीं आ रहे हैं।

भाजपा प्रत्याशी हिमाद्री सिंह यहां प्रचार के मामले में अपनी प्रतिद्वंद्वी की तुलना में संगठन के कारण कुछ आगे नजर आ रही हैं। श्रीमती सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद स्वर्गीय दलवीर सिंह और राजेश नंदिनी की बेटी हैं। वे दो साल पहले यहां हुए लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी थीं। ऐसे में उनकी संसदीय क्षेत्र के तहत सभी आठों विधानसभाओं में खासी पकड़ है। पिछले साल उन्होंने भाजपा के युवा नेता नरेंद्र मरावी से विवाह कर लिया था, जिसके बाद वे पिछले दिनों भाजपा में शामिल हो गईं। उनके भाजपा में शामिल होने के कुछ दिन बाद उन्हें भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।

वहीं शहडोल संसदीय क्षेत्र की जयसिंहनगर विधानसभा से भाजपा विधायक रहीं प्रमिला सिंह ने पिछले साल विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। श्रीमती सिंह की सक्रियता अब तक सिर्फ इसी विधानसभा में होने से उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ रही है। उनके पति अमरपाल सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं और वे पूर्व में इस अंचल में सेवाएं भी दे चुके हैं। श्रीमती प्रमिला सिंह भी अपने विश्वस्त कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सहारे चुनाव प्रचार अभियान में जुटी हैं।

दोनों ही प्रमुख प्रत्याशी पहले अलग अलग पार्टी से चुनाव लड़ चुके हैं, इसलिए दोनों दलों के समर्पित कार्यकर्ताओं में असमंजस का भाव भी दिखायी देता है। ऐसे कार्यकर्ताओं का मानना है कि वे कभी वर्तमान प्रत्याशियों के खिलाफ प्रचार कर चुके हैं। इस स्थिति में अब उनके पक्ष के साथ उन मतदाताओं के बीच जाना आसान नहीं है, जिनके बीच वे हमेशा रहते हैं। इस स्थिति को शायद दोनों प्रत्याशी भी बेहतर तरीके से समझ रहे हैं, इसलिए वे भी अपने भरोसेमंद कार्यकर्ताओं की बदौलत प्रचार अभियान में जुटे हैं।
इस असमंजस और तापमान के 40 डिग्री तक पहुंचने के कारण प्रचार अभियान में अभी तक वो तेजी दिखायी नहीं पड़ रही है, जैसा कि पिछले लोकसभा चुनावों में होता आया है। हालाकि चुनाव प्रचार 27 अप्रैल की शाम पांच बजे तक थम जाएगा। और 29 अप्रैल को मतदान के पहले कुछ घंटे तक प्रत्याशी मतदाताओं से सिर्फ घर घर जाकर संपर्क कर सकेंगे। चुनाव प्रचार की सीमा समाप्त होने के पहले कांग्रेस और भाजपा दोनों प्रत्याशी प्रचार अभियान में दिन और रात एक कर रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी यहां पार्टी प्रत्याशी श्रीमती प्रमिला सिंह के समर्थन में चुनावी सभा कर चुके हैं। उनके साथ मुख्यमंत्री कमलनाथ भी आए थे। इसके अलावा कोई और वरिष्ठ नेता कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार के लिए नहीं आया। वहीं भाजपा की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां पार्टी प्रत्याशी श्रीमती हिमाद्री सिंह के समर्थन में वोट मांग चुके हैं। श्री राजनाथ सिंह ने कोतमा के पास जमुनाकालरी में सभा को संबोधित किया था, जबकि श्री चौहान ने राजेंद्रग्राम और कोतमा में सभाएं की हैं।

इस क्षेत्र में सभी तेरह प्रत्याशियों की किस्मत 29 अप्रैल को इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद हो जाएगी। मतों की गिनती 23 मई को होने के साथ ही यह पता चल सकेगा कि इस क्षेत्र का आदिवासी मतदाता इस बार किस प्रत्याशी को अपना समर्थन देगा। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां भाजपा ने लगभग दो लाख मतों से विजय हासिल की थी। वहीं लगभग दो साल पहले हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा की विजय लगभग 50 हजार मतों से हुयी थी। इस संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं और इनमें से चार पर कांग्रेस और शेष चार पर भाजपा का कब्जा है। इस लिहाज से माना जा रहा है कि यह मुकाबला भी कांटे का होगा।

शहडोल संसदीय सीट पर 1952 से अब तक 16 चुनाव और उपचुनाव हो चुके हैं, जिनमें चार बार सोशलिस्ट या निर्दलीय जीते हैं। वहीं छह बार कांग्रेस और 6 बार भाजपा के सांसद चुने गए हैं।

शहडोल संसदीय क्षेत्र में कुल 16 लाख 46 हजार 230 मतदाता हैं। यहां कुल दो हजार 187 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं।

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नरेन्द्र मोदी लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर नया इतिहास रचेंगें attacknews.in

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल । लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की एक बार फिर नैया पार लगाकर श्री नरेंद्र मोदी यदि दोबारा प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लगातार दूसरी बार इस पद पर पहुंचने वाले तीसरे नेता होंगे।

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु और श्री मोदी के पूर्ववर्ती डा़ॅ मनमाेहन सिंह ही दो ऐसे नेता हैं जो एक कार्यकाल पूरा करने के बाद दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। पंडित नेहरु एकमात्र ऐसे नेता हैं जो दो बार पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद फिर से इस पद पर पहुंचे। इस समय हो रहे सत्रहवें लाेकसभा चुनाव में सफलता हासिल कर श्री मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह डा़ॅ मनमोहन सिंह की बराबरी करेंगे।

डा़ॅ सिंह 2004 में पहली बार प्रधानमंत्री बने थे जब कांग्रेस के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार बनी थी। पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद उन्होंने 2009 में इस गठबंधन की सरकार का फिर से नेतृत्व किया।

सबसे अधिक समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहे पंडित नेहरु ने पहले आम चुनाव के बाद पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा कर 1957 में हुये चुनाव के बाद फिर से प्रधानमंत्री पद संभाला। पांच वर्ष का दूसरा कार्यकाल पूरा करने के बाद वह 1962 में फिर प्रधानमंत्री बने लेकिन वह यह कार्यकाल पूरा नहीं कर पाये। उनकी मई 1964 में मृत्यु हो गयी थी। पंडित नेहरु के बाद इंदिरा गांधी सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहीं। वह 1966 में लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद पहली बार प्रधानमंत्री बनीं। एक वर्ष बाद 1967 के चुनाव में कांग्रेस की जीत के साथ उन्होंने फिर से यह पद संभाला। कांग्रेस की अंदरुनी कलह के चलते उन्होंने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा होने से एक वर्ष पहले ही लोकसभा भंग कर 1971 में चुनाव करा दिये। इस चुनाव में उन्हें भारी सफलता मिली और वह फिर से प्रधानमंत्री बनी। श्रीमती गांधी को 1977 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। वह 1980 में चौथी बार प्रधानमंत्री बनी। इस पद पर रहते ही 1984 में उनकी हत्या कर दी गयी थी।

श्री मोदी पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा कर यदि दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने में सफल होते हैं तो ऐसा करने वाले वह पहले गैर कांग्रेसी नेता होंगे। उनकी पार्टी के नेता अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार प्रधानमंत्री बने। वह 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बने लेकिन उनकी सरकार 13 दिन में ही गिर गयी। वह 1998 में दोबारा प्रधानमंत्री बने लेकिन उनकी सरकार 13 महीने ही चल सकी। श्री वाजपेयी 1999 में तीसरी बार प्रधानमंत्री बने लेकिन 2004 में हुये चुनाव में भाजपा सत्ता से बाहर हो गयी। इसके बाद डा़ॅ मनमोहन सिंह लगातार दो कार्यकाल प्रधानमंत्री पद पर रहे।

पिछले चुनाव में श्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा को भारी सफलता मिली थी और उसे लोकसभा में स्पष्ट बहुमत मिला था। वर्ष 1984 के चुनाव के बाद स्पष्ट बहुमत हासिल करने वाली वह पहली पार्टी बनी थी। भाजपा यह चुनाव भी श्री मोदी के नेतृत्व में लड़ रही है।

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नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों का आतंकवाद कोई मुद्दा नहीं है बात पर जवाब दिया:पड़ौस में इसकी फैक्ट्री चल रही है और नया हिंदुस्तान इन आतंक के अड्डों में घुसकर मारेगा attacknews.in

दरभंगा :बिहार:, 25 अप्रैल । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद को नये हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा मुद्दा करार दिया और आरक्षण व्यवस्था को लेकर विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि किसी के भी हक से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।

दरभंगा में एक चुनावी रैली में मोदी ने आरक्षण के संबंध में विपक्षी दलों के आरोपों को कोरी अफवाह बताया।

मोदी ने जोर दे कर कहा, ‘‘ राजग की सरकार ने बाबा साहेब आंबेडकर के बताए रास्ते को और मजबूत किया है। लेकिन वोट के लिए महामिलावटी अफवाहें फैलाने में जुटे हैं। मैं आपको भरोसा देता हूं कि जब तक मोदी है तब तक किसी के भी हक से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी ।’’

विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा ‘‘जिस आतंकवाद ने श्रीलंका में 350 से ज्यादा मासूमों की जान ले ली, क्या वह मुद्दा नहीं हैं? हमारे पड़ोस में आतंक की फैक्ट्री चल रही है और महामिलावटी कहते हैं कि आतंकवाद मुद्दा ही नहीं है । महामिलावट करने वालों, आपके लिए आतंकवाद मुद्दा नहीं होगा, लेकिन नए भारत में ये बहुत बड़ा मुद्दा है। ये नया हिन्दुस्तान है, ये आतंक के अड्डों में घुसकर मारेगा ।’’

लोगों से जनादेश मांगते हुए उन्होंने कहा कि हमारा देश मजबूत होना चाहिए और उसके लिए सरकार मजबूत होनी चाहिए। मजबूत सरकार के लिए प्रधानमंत्री मजबूत चाहिए, चौकीदार मजबूत चाहिए ।

मोदी ने कहा ‘‘आपका एक वोट आतंकवाद को खत्म कर सकता है, चौकीदार को अपना समर्थन दीजिये। आपका एक एक वोट मोदी को जाएगा और मोदी आतंकवाद को खत्म करके ही दम लेगा ।’’

अपनी सरकार की जन कल्याण योजनाओं का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि चुनाव के बाद जब फिर राजग की सरकार बनेगी, तो हम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से 5 एकड़ की शर्त हटाकर इस योजना का लाभ देश के सभी किसानों को पहुंचाएंगे।

उन्होंने कहा कि हमने वादा किया था कि सौभाग्य योजना के तहत देश के हर परिवार तक बिजली पहुंचाने का काम हम पूरा करेंगे।

राजद पर चुटकी लेते हुए मोदी ने कहा, ‘‘मैं नितीश जी और सुशील जी को बधाई देता हूं कि इन्होंने बिहार से लालटेन को हमेशा-हमेशा के लिए विदा कर दिया और हर घर में बिजली पहुंचा दी ।’’

कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि गरीब के घर बिजली पहुंचाने का काम पहले की सरकार भी कर सकती थी, लेकिन सब अपने-अपने कुनबे का भला करने में जुटे थे।कोई फार्म हाउस बना रहा था, कोई शॉपिंग मॉल बनवा रहा था, कोई रेलवे टेंडर में खा रहा था, कोई हेलीकॉप्टर में दलाली खा रहा था ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में लोगों कांग्रेस की नीयत को पहचाना और इस चौकीदार :मोदी: को जिम्मेदारी दी। उन्होंने कहा कि मैंने लाल किले से कहा था कि 1000 दिन में जिन 18,000 गांवों में बिजली नहीं पहुंची है, वहां बिजली दे देगें। हमने 1000 दिन से पहले ही देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचा दी ।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर 2004 और 2009 के घोषणा पत्र में देश के हर घर में बिजली पहुंचाने का वादा किया था लेकिन उसने धोखा देने का काम किया ।

उन्होंने युवाओं से अपील की कि इक्कीसवीं सदी में जो बेटा-बेटी पहली बार दिल्ली की सरकार चुन रहे हैं, वो हमारे नौजवान इस चुनाव का नेतृत्व कर रहे हैं। वे बस एक ही बात ठान कर चले हैं कि 21 वीं सदी का भारत उनकी आकांक्षाओं के मुताबिक हो। यह नए भारत की ललकार है।

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योगी आदित्यनाथ का आरोप: समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ को आतंक का गढ़ बना दिया attacknews.in

आजमगढ़ :उप्र:, 25 अप्रैल । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाया कि उसने आजमगढ़ को ‘आतंक का गढ़’ बना दिया ।

योगी ने यहां भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ के समर्थन में एक जनसभा में कहा, ‘शिक्षा और साहित्य के कारण कभी आजमगढ़ का नाम जाना जाता था लेकिन समाजवादी पार्टी ने इसे आतंक का गढ़ बना दिया ।’

उन्होंने कहा, ‘सपा-बसपा अपराध के साथ अपना डीएनए जोड़ते हैं इसलिए बटला हाउस जैसे कांड का समर्थन करते हैं ।’

योगी ने बताया कि जब आजमगढ़ में उन पर हमला हुआ था, उस वक्त यहां के लोग उनके साथ खड़े थे इसलिए वह आजमगढ़ के विकास पर खास ध्यान दे रहे हैं।

उन्होंने बताया कि आजमगढ़ को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के जरिए राजधानी लखनऊ से जोड़ा जा रहा है ताकि यहां भी कारोबार का माहौल बन सके ।

योगी ने कहा कि आजमगढ़ में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हमने विश्वविद्यालय बनाने का फैसला किया है ।

उन्होंने कहा, ‘अगर आप चाहते हैं कि भारत सुरक्षित बने तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनाएं ।’

योगी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के तीन चरणों के रूझान बताते हैं कि भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है । हर व्यक्ति की चाहत है कि मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें ।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हमने 2014 में 80 में से 73 सीटें जीती थीं । इस बार का लक्ष्य 74 सीट का है और 74वीं सीट आजमगढ़ है ।

योगी ने कहा कि आजमगढ़ को सपा—बसपा ने आतंक और अपराध का गढ़ बनाकर बदनाम करने की जो कुचेष्टा की है, उससे उसे उबारने के लिए हम लोग आये हैं ।

उन्होंने कहा, ‘कला और संस्कृति के प्रतीक के साथ आजमगढ़ को जोड़ना है । आतंक एवं अपराध के साथ नहीं जोड़ना है ।’

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श्रीलंका के राष्ट्रपति ने देश के पुलिस प्रमुख जयसुंदर और रक्षा सचिव से इस्तीफा लिया, भारतीयों के शव कर्नाटक पहुंचे attacknews.in

कोलंबो, 24 अप्रैल । श्रीलंका सरकार ने ईस्टर के दिन हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में मारे गये 11 भारतीय नागरिकों में से अब तक पांच लोग के पार्थिव शरीर को विशेष विमान से कर्नाटक भेजा है।

श्रीलंका में गंभीर सुरक्षा चूक के परिणाम स्वरूप हुये आतंकवादी हमले के बाद राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने देश के पुलिस प्रमुख पुजिथ जयसुंदर और रक्षा सचिव हमासीरी फर्नांडो को इस्तीफा देने के लिए कह दिया है। राष्ट्रपति के एक करीबी अधिकारी ने बुधवार को बताया कि श्री सिरिसेना ने एक बैठक के दौरान रक्षा सचिव को अपना निर्णय बताया और इसके बाद पुलिस प्रमुख को भी इस इस बारे में सूचित कर दिया गया।

श्री सिरिसेना ने मंगलवार शाम देश को अपने संबोधन में कहा था कि रविवार के आतंकवादी हमले को रोकने में नाकाम रहने के मद्देनजर वह अगले 24 घंटों के अंदर सुरक्षा बलों के प्रमुखों काे बदल सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि वह आगामी सप्ताहों में पुलिस और सुरक्षा बलों का पूरी तरह से पुनर्गठन भी करेंगे। उनका कहना था कि रक्षा अधिकारियों की तरफ से चूक हुई है।

आतंकवादी हमले के एक दिन बाद श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा था कि पुलिस को संभावित आतंकवादी हमले की पूर्व सूचना मिली थी लेकिन फिर भी पर्याप्त कदम नहीं उठाये गये।
श्री विक्रमसिंघे ने कहा कि उनके या अन्य मंत्रियों के साथ इस सूचना को साझा नहीं किया गया था।

राष्ट्रपति ने भी कहा कि उन्हें भी इस सबंध में कोई सूचना नहीं दी गयी थी। राष्ट्रपति ने सूचना साझा नहीं किये जाने को लेकर जांच शुरू कराई है।

मारे गये 11 भारतीय नागरिकों में से कुछ जनता दल (सेक्युलर) के कार्यकर्ता भी शामिल है जाे अपने देश में हो रहे चुनावों से ब्रेक लेने के लिए श्रीलंका गये हुए थे। इस हादसे में मारे गये कुल 39 विदेशी नागरिकों में आठ कर्नाटक के निवासी थे।

इस बीच बेंगलुरु से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका में मारे गये कर्नाटक के लोगों के शव यहां केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने शुरू हो गये हैं। उप सचिव (प्रोटोकॉल) एवं राज्य सत्कार संगठन के निदेशक विजय महंतेश ने बुधवार को बताया कि एस आर नागराज का शव श्रीलंकन एयरलाइंस की उड़ान संख्या यूएल 171 से मंगलवार रात आठ बजे यहां पहुंचा। चार अन्य मृतकों कंचना हल्ली गोविंदप्पा हनुमंत रैयप्पा, कंचना हल्ली मुनिबाइरप्पा लक्ष्मीनारायण, मुनियप्पा रंगप्पा और हनुमैया शिवकुमार के शव श्रीलंकन एयरलाइंस की उड़ान संख्या यूएल 173 से आज तड़के यहां पहुंचा।

उन्होंने बताया कि रमेश, ए मारे गौड़ा और एच पुट्टाराजू के शवों के किसी भी समय यहां पहुंचने का अनुमान है। इसके अलावा श्रीलंका से एयर एंबुलेंस से लाये गये गंभीर रूप से घायल पुरुषोत्तम को हवाई अड्डे से सीधा मणिपाल अस्पताल ले जाया गया। इस दौरान यातायात पुलिस ने हवाई अड्डे से अस्पताल तक पूरी सड़क खाली रखी थी।

विस्फोटों में नारायण चंद्रशेखर और रेमूरई तुलसी राम की मौत की भी पुष्टि हुई है लेकिन विस्तृत ब्योरा नहीं मिल सका हैै। मृतकाें में से अधिकतर जनता दल (एस) के नेता थे। वे कर्नाटक में लोकसभा के पहले चरण के चुनाव के बाद छुट्टियां मनाने श्रीलंका गये थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद से लड़ने में अनुभव, बुद्धिमत्ता और उच्च तकनीकी क्षमता संपन्न आठ देशों ने श्रीलंका काे आतंकवाद से लड़ाई में मदद करने का आश्वासन दिया है। उन्हाेंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सुरक्षा बलों को अधिक मजबूत बनाने और विदेशी विशेषज्ञता की मदद से आतंकवाद के खतरे पर जल्द ही लगाम लगा लिया जायेगा।

उन्होंने आश्वस्त किया कि सोमवार रात को लागू किया गया सीमित आपातकाल का मकसद केवल संदिग्धों को पकड़ना और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसका इस्तेमाल लोगों की आजादी अथवा लाेकतांत्रिक अधिकारों पर अंकुश लगाने के लिये नहीं किया जायेगा।

गौरतलब है कि श्रीलंका में गिरजाघरों और लक्जरी होटलों को निशाना बनाकर किये गये अब तक के सबसे बड़े आतंकवादी हमले में 359 लोग मारे गये और 500 से अधिक लोग घायल हो गये। इस संबंध में अब तक 60 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने मंगलवार को इस हमले की जिम्मेदारी ली।

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भोजपुरी फिल्म स्टार रवि किशन और दिनेश लाल यादव उर्फ़ निरहुआ की जीत का तोहफा पूर्वी उत्तर प्रदेश को फिल्म सिटी के निर्माण के रुप में मिलेगा attacknews.in

चंदौली :उप्र:, 24 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार भोजपुरी के विकास के लिए काम कर रही है और पूर्वी उत्तर प्रदेश में ‘फिल्म सिटी’ बन सकती है ।

योगी ने यहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और चंदौली लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी महेन्द्र नाथ पाण्डेय के नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद एक जनसभा में कहा, ‘हम भोजपुरी के विकास के लिए काम कर रहे हैं ।’

उन्होंने कहा, ‘अगर ये दोनों कलाकार :भोजपुरी अभिनेता रवि किशन और दिनेश लाल यादव निरहुआ: चुनाव जीत जाते हैं तो पूर्वी उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी बन सकती है ।’

उल्लेखनीय है कि भाजपा ने भोजपुरी फिल्मों के दो बडे़ अभिनेताओं रवि किशन और निरहुआ को क्रमश: गोरखपुर और आजमगढ़ से प्रत्याशी बनाया है ।

योगी ने कहा ‘‘ देश में तीन चरणों मे चुनाव हो चुके हैं । हर ओर … पूरब, पश्चिम, उत्तर या दक्षिण हो, हर ओर एक ही आवाज है … ‘मोदी मोदी मोदी’ । हर एक व्यक्ति की यही तमन्ना है कि ‘फिर एक बार मोदी सरकार’ । ’’

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री राहत कोष के साथ मुख्यमंत्री राहत कोष से भी करोड़ों रुपये राहत के लिए चंदौली को दिये गये ।

योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया है। दूसरे सत्र में 52 लाख मीट्रिक टन गेहूं क्रय किया गया । एक-एक किसान से उसका गेहूं खरीदा जाएगा और उसका मूल्य उसके खाते में पहुंचा दिया जाएगा ।

उन्होंने कहा कि 30 हजार गरीबों को यहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिया गया है । योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए किसी की जात—पात नहीं देखी गयी ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर शासन के विकास कार्य को आप तक पहुंचाने में कोई भेदभाव नहीं किया गया है तो आप भी वोट देते वक्त भेदभाव नहीं कर कमल का बटन दबाएं।

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श्रीलंका में आतंकवादी हमले की खुफिया जानकारी को गंभीरता से नहीं लेने वाले अधिकारियों पर कडी कार्रवाई, मौतों का आंकड़ा 365 हुआ, आत्मघाती हमलावर में महिला भी शामिल attacknews.in

कोलंबो, 24 अप्रैल । श्रीलंका सरकार ईस्टर के दिन हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के एक सप्ताह के भीतर पुलिस और सुरक्षा बलाें को अधिक मजबूत बनायेगी। इन विस्फोटों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 365 हो गयी है।

राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में इस आशय की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वह उन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे जाे खुफिया एजेंसियों से चेतावनी मिलने के बावजूद चौकसी रखने और कार्रवाई करने में विफल रहें। उन्होंने बताया कि एक पड़ोसी देश की खुफिया एजेंसी ने आतंकवादी हमले की चेतावनी दी थी।

उन्होंने कहा, “यह जानकारी संबंधित अधिकारियों ने मुझ तक नहीं पहुंचायी। अगर अधिकारियों ने यह जानकारी मुझे दी होती तो मैं तत्काल कोई कदम उठाता। मैंने अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला कर लिया है।”

राष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद से लड़ने में अनुभव, बुद्धिमत्ता और उच्च तकनीकी क्षमता संपन्न आठ देशों ने श्रीलंका काे आतंकवाद से लड़ाई में मदद करने का आश्वासन दिया है। उन्हाेंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सुरक्षा बलों को अधिक मजबूत बनाने और विदेशी विशेषज्ञता की मदद से आतंकवाद के खतरे पर जल्द ही लगाम लगा लिया जायेगा।

उन्होंने आश्वस्त किया कि सोमवार रात को लागू किया गया सीमित आपातकाल का मकसद केवल संदिग्धों को पकड़ना और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसका इस्तेमाल लोगों की आजादी अथवा लाेकतांत्रिक अधिकारों पर अंकुश लगाने के लिये नहीं किया जायेगा।

गौरतलब है कि श्रीलंका में गिरजाघरों और लक्जरी होटलों को निशाना बनाकर किये गये अब तक के सबसे बड़े आतंकवादी हमले में 359 लोग मारे गये और 500 से अधिक लोग घायल हो गये। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने मंगलवार को इस हमले की जिम्मेदारी ली।

श्रीलंका में विस्फोट करने वाले नौ आत्मघाती हमलावरों में एक महिला भी:

श्रीलंका सिलसिलेवार बम धमाकों को अंजाम देने वाले नौ आत्मघाती हमलावरों में एक महिला भी शामिल है।

श्रीलंका के रक्षा राज्यमंत्री दीनेंद्र रुवन विजेवार्डीन ने बुधवार को मीडिया को यह जानकारी दी।

रक्षा मंत्री ने बताई सुरक्षा में बदलाव की योजना:

श्रीलंका के रक्षा मंत्री रुवन विजयवर्धने ने सिलसिलेवार हमलों के मामले में सुरक्षा प्रबंधन में चूक की बात स्वीकार करते हुए कहा कि राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना सुरक्षा प्रतिष्ठानों में कुछ बदलाव करने की योजना बना रहे हैं।

वहीं गत रविवार को ईस्टर के मौके पर हुए आत्मघाती हमलों और सिलसिलेवार धमाकों में मरने वालों की संख्या 359 हो गई है।

रक्षा मंत्री रुवन विजयवर्धने ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुरक्षा प्रबंधन में चूक की बात स्वीकार की और कहा, ‘‘ हमें (सरकार को) जिम्मदारी लेनी ही होगी। राष्ट्रपति (मैत्रीपाल सिरिसेना) सुरक्षा प्रतिष्ठानों में कुछ बदलाव करने की योजना बना रहे हैं।’’

मंत्री ने बताया कि खुफिया विभाग ने हमलावरों के क्राइस्टचर्च गोलीबारी मामले से प्रेरित होने की संभावना जताई है।

उन्होंने कहा, ‘‘ आत्मघाती हमलावरों में से एक विदेश में पढ़ता था। उनमें से अधिकतर पढ़े-लिखे थे और मध्यम या उच्च-मध्य-वर्ग से आते थे। इसलिए वे और उनके परिवार आर्थिक रूप से काफी समर्थ हैं।’’

विजयवर्धने ने कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि एक आत्मघाती हमलावर ने ब्रिटेन में पढ़ाई की थी और श्रीलंका आने से पहले ऑस्ट्रेलिया से स्नातकोत्तर किया।’’

पुलिस प्रवक्ता गुनसेखरा ने कहा, ‘‘ मृतक संख्या बढ़कर 359 हो गई है।’’ वहीं 500 से अधिक लोग घायल भी हैं।

पुलिस प्रवक्ता गुनासेखरा ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि हमलों में एक महिला सहित नौ आत्मघाती हमलावर शामिल थे।

उन्होंने कहा, ‘‘ उनमें से आठ की पहचान हो गई है।’’

उन्होंने बताया कि अभी तक मामले में 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वे सभी श्रीलंकाई नागरिक हैं। इनमें से 32 अपराधिक जांच विभाग की हिरासत में हैं।

इस्लामिक स्टेट ने इन घातक हमलों की जिम्मेदारी ली है और हमलों को अंजाम देने वाले आत्मघातियों की पहचान भी उजागर की है।

गौरतलब है कि ईस्टर के मौके पर श्रीलंका में गिरजाघरों और होटलों को निशाना बनाकर आत्मघाती हमले और सिलसिलेवार धमाके किए गए थे।

पुलिस ने बताया कि मारे गए लोगों में कम से कम 34 विदेशी शामिल हैं।

18 और गिरफ्तार:

श्रीलंका में अधिकारियों ने गत रविवार को हुए आतंकवादी हमले के सिलसिले में और 18 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।

अडा डेरना न्यूज पोर्टल ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि विभिन्न सूचना के अनुसार श्रीलंका में हुए सिलसिलेवार हमलों के संबंध में 40 संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में गत रविवार को तीन चर्चों तथा तीन ‘लक्जरी होटलों’ में हुए आत्मघाती हमलों में 310 लोगों की मौत हुई थी तथा पांच सौ से अधिक लोग घायल हुए थे।

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मध्यप्रदेश से महिला प्रत्याशियों की संख्या में कांग्रेस हुई भाजपा से एक कदम आगे, कांग्रेस से 5 और भाजपा से 4 प्रत्याशी मैदान में attacknews.in

भोपाल, 24 अप्रैल । लोकसभा चुनावों के बाद अपनी सरकार बनने पर देश के दोनों ही प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस, महिला सशक्तिकरण के भले ही कितने भी दावे कर लें, लेकिन महिलाओं को संसद में प्रतिनिधित्व देने के मामले में दोनों ही दलों के आंकड़े आधी आबादी के लिए आस जगाने वाले नहीं दिखाई देते।

मध्यप्रदेश की सभी 29 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। भाजपा ने जहां एक ओर मात्र चार महिलाओं को टिकट दिए हैं, वहीं कांग्रेस के लिए ये संख्या पांच है।

देश की संसद में लंबे समय तक प्रदेश की महिलाओं का प्रतिनिधित्व कर चुकीं लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस बार चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद अब इन दोनों के संसदीय क्षेत्रों पर भी भाजपा ने पुरुष उम्मीदवारों के नाम तय किए हैं।

भाजपा ने भोपाल संसदीय क्षेत्र से प्रज्ञा सिंह ठाकुर, शहडोल से हिमाद्री सिंह, सीधी से रीति पाठक और भिंड से संध्या राय के नाम तय किए हैं। वहीं कांग्रेस ने खजुराहो से कविता सिंह, राजगढ़ से मोना सुस्तानी, टीकमगढ़ से किरण अहिरवार, मंदसौर से मीनाक्षी नटराजन और शहडोल से प्रमिला सिंह को मैदान में उतारा है।

भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता राजो मालवीय ने इस बारे में कहा कि लोकसभा चुनाव में देश के आंकड़े देखकर बात होती है। पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी संख्या में महिलाओं को प्रतिनिधित्व दिया है। भाजपा में संगठन में भी आरक्षण दिया जाता हैं, जो व्यवस्था अन्य दलों में नहीं मिलती। जीत की संभावनाओं को देख कर टिकट वितरण किया जाता है।

वहीं कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने स्वीकारोक्ति देते हुए कहा कि पुरुष प्रधान राजनीति में अगर महिलाओं को समान अवसर मिलते तो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को आरक्षण लाने की जरुरत नहीं होती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस महिला आरक्षण की प्रबल पक्षधर है और सत्ता में आते ही इस पर काम पूरा करेगी।

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