नेपाल से बच्चों की तस्करी,मानव तस्कर से 7 बच्चों को छुड़ाया Attack News

महाराजगंज (उप्र),14 फरवरी । सशस्त्र सीमा बल ने नेपाल से कथित रूप से मानव तस्करी कर लाये जा रहे सात बच्चों को छुड़ाया लिया है और इस बाबत एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के डिप्टी कमांडेंट दिलीप झा ने आज बताया कि भारत नेपाल सीमा पर सोनौली के पास मानव तस्करी कर बच्चे लाये जाने की सूचना मिली थी। इस पर कार्रवाई करते हुए एसएसबी की एक टीम ने मौके पर पहुंचकर नेपाल के नागरिक रूपेंडिही के महगू कुमार को गिरफ्तार कर लिया तथा उसके कब्जे से बच्चों को छुड़ा लिया।

उन्होंने बताया कि पकड़े गये व्यक्ति ने स्वीकार किया है कि वह और उसके गिरोह के सदस्य अब तक 25 बच्चों को विभिन्न देशों में भेज चुके है, तथा दस और बच्चों को विदेश भेजने की तैयारी कर रहे थे।attacknews.in

झा ने बताया कि पूछताछ में महगू ने बताया कि उसे इन बच्चों को राजस्थान में अपने गिरोह के एक सदस्य को सौंपना था तथा प्रत्येक बच्चे के बदले उसे 500 रुपये मिलने थे।

उन्होंने बताया कि बच्चों को वापस नेपाल भेज दिया गया है ।attacknews.in

ज्योतिर्लिंग केदारनाथ मंदिर के कपाट 29 अप्रैल को खुलेंगे Attack News

गोपेश्वर, 14 फरवरी । उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हिंदुओं के पवित्र तीर्थस्थल केदारनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए छह माह बंद रहने के बाद श्रद्धालुओं के लिए इस वर्ष 29 अप्रैल को खुलेंगे।

मन्दिर समिति के प्रवक्ता डा. हरीश गौड ने बताया कि उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आज केदारनाथ मंदिर के कपाट खोलने का मुहूर्त निकाला गया।

भगवान केदारनाथ के शीतकालीन प्रवास स्थल ओंकारेशवर मंदिर में रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारियों एवं वेदपाठियों की उपस्थिति में पंचांग गणना के बाद कपाट खोले जाने की तिथि निश्चित की गई।

गौड ने बताया कि मंदिर के कपाट मेष लग्न में 29 अप्रैल को सुबह सवा छह बजे खोले जाएंगे।attacknews.in

उत्तराखंड के गढवाल हिमालय में स्थित चारों धामों, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंग़ोत्री और यमुनोत्री, के कपाट सर्दियों में भीषण ठंड और भारी बर्फबारी की चपेट में रहने के कारण श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिये जाते हैं जो अगले साल अप्रैल—मई में फिर खोल दिये जाते हैं।

हर वर्ष छह माह के इस यात्रा सीजन में देश विदेश से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक इन चारों धामों के दर्शन के लिए आते हैं।attacknews.in

अदालत ने मानव तस्करी मानते हुए लड़की के अपहरण की जांच सीबीआई को सौंपी Attack

अहमदाबाद, 14 फरवरी। गुजरात उच्च न्यायालय ने उस लड़की के मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया है जो अक्तूबर 2014 से लापता है। अदालत ने कहा कि राज्य सीआईडी द्वारा की गई जांच संतोषजनक नहीं है।

लड़की के पिता ने मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। लड़की 2014 में अहमदाबाद से तब लापता हो गई थी जब वह अपनी एक सहेली के साथ पड़ोस में ट्यूशन के लिए निकली थी। उस समय लड़की की आयु 16 वर्ष थी।

न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला ने हाल के आदेश में सीबीआई को मामले की जांच करने के लिए कहा।attacknews.in

अदालत ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया मामला मानव तस्करी का लगता है। सीबीआई को जांच को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए। किसी को भी नहीं पता कि रिट याचिकाकर्ता की पुत्री वर्तमान में किस स्थिति में है।’’

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘कोई भी इसे लेकर निश्चित नहीं है कि वह अभी भी जिंदा है या उसकी हत्या कर दी गई है। हो सकता है कि उसे वेश्यावृत्ति में धकेल दिया गया हो। यह कुछ ऐसा है जो कि बहुत गंभीर है और मैं उस रिपोर्ट को लेकर संतुष्ट नहीं हूं जो यह दिखाने के लिए दायर की गई है कि लापता लड़की की तलाश के लिए हर संभव कदम उठाये गए हैं।’’attacknews.in

लड़की अपनी मित्र के साथ ट्यूशन के लिए निकली थी। वह बाद में लापता हो गई। बाद में शहर के कगड़ापिथ पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज करायी गई।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि चार दिन बाद लड़की की सहेली लौट आयी। हालांकि पुलिस द्वारा लापता लड़की के बारे में पूछे जाने पर उसने गोलमोल जवाब दिया और ऐसा लगा कि वह तथ्यों को छुपा रही है।attacknews.in

सुप्रीम कोर्ट ने कहा;लापता बच्चों को खोजने और उनकी भलाई के लिए सरकार प्रौद्योगिकी का उपयोग करें Attack News

नयी दिल्ली, 14 फरवरी, । उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि यदि सरकार अपने संसाधनों का इस्तेमाल बच्चों की भलाई या गुमशुदा बच्चों को खोजने के लिये नहीं करती है तो दुनिया में प्रौद्योगिकी ताकत के रूप में भारत का दर्जा सिर्फ कागजों पर ही सिमट कर रह जायेगा।

शीर्ष अदालत ने किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समितियों में प्रौद्योगिकी के प्रयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुये कहा कि वह यह जानकारी दुखी है कि इन संस्थाओं में कम्प्यूटरों और दूसरी चीजों की बहुत कमी है।

न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल गुमशुदा बच्चों का पता लगाने, खतरनाक उद्योगों में काम करने और बाल यौन उत्पीड़न के शिकार बच्चों का पता लगाने जैसे महत्वपूण्र् मुद्दों में मददगार होगा।

पीठ ने कहा, ‘‘यह सर्वविदित है कि हमारा देश एक प्रौद्योगिकी ताकत है और यदि हम उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल नहीं कर पाये और बच्चों की भलाई के लिये कम्प्यूटरों और इंटरनेट के माध्यम से इस तकनीक का भरपूर उपयोग नहीं कर सके तो प्रौद्योगिकी ताकत के रूप में हमारी स्थिति प्रभावित होगी और यह सिर्फ कागज पर ही रह जायेगा।’’ पीठ ने कहा कि कम्प्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल करके गुमशुदा बच्चों का आंकड़ा तो सहजता से एकत्र किया जा सकता है। यह संसाधनों के प्रबंधन और योजना तैयार करने मे बहुत अधिक मददगार होगा और बाल विकास एवं महिला मंत्रालय और बाल अधिकारों के प्रति सरोकार रखने वाले अन्य लोगों को इसका भरपूर लाभ उठाना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने कहा कि केन्द्र और राज्यों को इस पहलू पर गौर करके किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समितियों के कामकाज के लिये उन्हें इससे संबंधित साफ्टवेयर उपलब्ध कराने चाहिए।

न्यायालय ने किशोर न्याय कानून और इसके नियमों पर अमल के लिये दायर जनहित याचिका पर इस संबंध में फैसला सुनाया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि कल्याणकारी उपायों को लागू करने के संबंध में सरकार पक्षपात कर रही है।attacknews.in

मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच केन-बेतवा लिंक परियोजना को शुरू करने का समझौता Attack News

नयी दिल्ली, 14 फरवरी । राजग सरकार के महत्वाकांक्षी नदी जोड़ो कार्यक्रम के तहत केन बेतवा लिंक परियोजना पर काम जल्द ही शुरू होगा क्योंकि इस बारे में महत्वपूर्ण अवरोधों को दूर करते हुए केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार के बीच अगले तीन..चार दिनों में समझौता होने जा रहा है।

जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने यहां बताया कि केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के बारे में उत्तरप्रदेश पहले ही तैयार था और अब मध्यप्रदेश के साथ भी सहमति बन गई है और अगले तीन..चार दिनों में इस बारे में समझौता हो जायेगा ।

उन्होंने कहा कि केंद्र ने मध्यप्रदेश की महत्वपूर्ण मांगों को स्वीकार कर लिया है और इसके बारे में 99 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और औपचारिकताएं ही शेष हैं ।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को इस विषय पर गडकरी के साथ दिल्ली में बैठक की थी ।

बुंदेलखंड क्षेत्र की महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक परियोजना की मूल विस्तृत परियोजना रिपोर्ट :डीपीआर: में इसे दो चरणों में पूरा किया जाना था ।

जल संसाधन मंत्रालय ने मूल परियोजना रूपरेखा में परिवर्तन करते हुए अब दोनों चरणों को एक साथ मिला दिया है।

जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय द्वारा केन बेतवा लिंक के प्रथम और द्वितीय चरण को मिलाने का फैसला मध्यप्रदेश सरकार के आग्रह पर किया गया है । इससे जुड़ी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है । दोनों चरणों को साथ मिलाने पर परियोजना की लागत में वृद्धि होने का भी अनुमान है ।

दूसरी ओर, सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना का उद्घघाटन प्रधानमंत्री द्वारा किए जाने की उम्मीद है । हालांकि इसकी तिथि और स्थान अभी तय नहीं है ।

परियोजना के दोनों चरणों को साथ मिलाने के बाद इसकी अनुमानित लागत 26 हजार करोड़ रूपये से अधिक हो सकती है।

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच केन-बेतवा नदी को जोड़ने वाली योजना पर सहमति बन गई है।

सूत्रों ने बताया कि सभी प्रकार की कानूनी स्वीकृतियां प्राप्त होने के बाद परियोजना को जब कार्यान्वित करने का समय आया तो मध्यप्रदेश सरकार ने पानी के आवंटन को लेकर नई मांग रख दी जिसके बाद इस पर उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ जल संसाधन मंत्री ने बैठक की थी ।attacknews.in

मध्यप्रदेश ने कथित तौर पर जोर दिया था कि निचले ओर्र बांध, बीना कम्प्लेक्स और कोठा बराज परियोजना से जुड़े कार्यो को पहले चरण में लिया जाये । मूल परियोजना ढांचे में इन तीनों परियोजनाओं को दूसरे चरण में लिया जाना था ।

सूत्रों ने बताया कि अब मध्यप्रदेश के साथ मुद्दों को सुलझा लिया गया है और अब दोनों चरणों को मिलाकर एक ही चरण में काम पूरा किया जायेगा । इसके कारण लागत में भी कुछ संशोधन होगा ।

परियोजना का वित्तपोषण केंद्र और राज्य के बीच 90 : 10 के अनुपात में होगा। राजग सरकार की महत्त्वाकांक्षी ‘नदी जोड़ो योजना’ के तहत केन और बेतवा नदी को जोड़ने के प्रयासों के बीच कुछ वर्गो की ओर से सवाल उठाये जा रहे हैं कि यदि केन में अक्सर आने वाली बाढ़ में बर्बाद होने वाला पानी बेतवा में पहुंचकर हजारों एकड़ खेतों में फसलों को सींचेगा तो ऐसे में पन्ना बाघ अभयारण्य का क्या होगा? वहीं सरकार का कहना है कि यह परियोजना बुंदेलखंड के लोगों के लिये खुशहाली की सौगात लायेगी । इससे पेयजल उपलब्धता के साथ सिंचाई सुविधा को बेहतर बनाया जा सकेगा। इसके कारण लोगों का पलायन भी रुकेगा । इससे उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में कई लाख हेक्टेयर भूमि को भी सिंचित किया जा सकेगा ।attacknews.in

भारत में 2020 तक दूध का उत्पादन 32 लाख टन घटने की संभावना Attack News

नयी दिल्ली, 14 फरवरी । जलवायु परिवर्तन के प्रभाव तथा तापमान में वृद्धि से केवल कृषि क्षेत्र पर ही नहीं बल्कि दुधारु पशुओं पर भी दुष्प्रभाव पड़ेगा जिसके चलते दूध उत्पादन में 2020 तक 32 लाख टन की कमी होने का अनुमान है।

वैज्ञानिक अध्ययनों में कहा गया है कि तापमान में हो रही वृद्धि के कारण गाय और भैंस के दूध देने की क्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा जिससे अगले दो साल में दूध का उत्पादन 32 लाख टन तक की कमी अा सकती है । दूध की वर्तमान कीमत से यह नुकसान सालाना 5000 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है ।

वातावरण में आये बदलाव का सबसे अधिक प्रभाव वर्ण संकरित गायों पर होगा जिनमें जर्सी और हालस्टीन फ्रीजियन शामिल है। इसके बाद इसका असर भैंस पर होगा । इसके कारण पशुओं की न केवल प्रजनन क्षमता प्रभावित होगी बल्कि दूध उत्पादन भी कम होगा । वर्ण संकरित गायों में गर्मी सहन करने की क्षमता कम होने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है । इससे उनके सबसे अधिक प्रभावित हाेने की आशंका है। देश में वर्ण संकरित गायों की संख्या करीब चार करोड़ है।

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में लगभग 19 करोड़ गोपशु है जिनमें से 20 प्रतिशत विदेशी नस्ल की गायें हैं जबकि 80 प्रतिशत देसी नस्ल की हैं । देश में कुल दूध उत्पादन में विदेशी नस्ल की गायों का योगदान 80 प्रतिशत है जबकि देसी नस्ल का 20 प्रतिशत है। सरकार ने 2020..21 तक 27.5 करोड़ टन दूध उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है ।

भारत विश्व में सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और यहां प्रति व्यक्ति 355 ग्राम दूध उपलब्ध है लेकिन दुधारु पशुओं की उत्पादकता विदेश की तुलना में काफी कम है । विश्व में दुधारु पशुओं की सालाना औसत उत्पादकता 2206 किलोग्राम है जबकि यहां 1698 किलोग्राम ही है ।

देसी नस्ल की गायों में प्राकृतिक गर्मी सहन करने की क्षमता अधिक है जिसके कारण वे जलवायु परिवर्तन का दबाव झेलने में सक्षम हैं। इसके साथ ही इनकी शारीरिक संरचना ऐसी है जिससे उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक है । इसके साथ ही इनमें परजीवी कीटों के हमले को सहन करने की शक्ति अधिक है ।attacknews.in

अमेरिका , अास्ट्रेलिया , ब्राजील जैसे देशों ने अपनी गायों को तापमान में वृद्धि से बचाने के उपाय करने के लिये बड़े पैमाने पर शोध कार्य शुरु किया है। इसके लिये उन्होंने भारतीय नस्ल की गायों का आयात किया है और उन पर लगातार अनुसंधान कर रहे हैं । इससे इन देशों के दुधारु पशुओं के दूध उत्पादन क्षमता में भारी वृद्धि हुयी है ।

जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को देखते हुए देश में 40 देसी नस्ल गायों और 13 नस्ल की भैंसों के वैज्ञानिक ढंग से संरक्षण एवं विकास के लिए राष्ट्रीय गाेकुल मिशन चलाया जा रहा है । इस कार्यक्रम के तहत पशुओं के आनुवांशिक सुधार पर विशेष बल दिया जा रहा है ।attacknews.in

LinkedIn और अन्य सोशल साईट नेटवर्क बन चुके हैं पेशेवरों की पहचान Attack News

नयी दिल्ली, 14 फरवरी । कुछ समय पहले महाराष्ट्र के अकोला का इंजीनियरिंग का एक छात्र अमेरिका में इंटर्नशिप की संभावनाएं तलाश रहा था।उसने अपने सभी संबंधों को टटोला, पर बात नहीं बनी। उसने सोशल मीडिया की कुछ वेबसाइट पर भी अपनी इच्छा को लिखा, पर परिणाम सिफर ही रहा। निराशा में उसने एक वरिष्ठ से बात की। उसने अमेरिका में जान पहचान ना होने की बात कहकर उसकी मदद करने में असमर्थता जताई, लेकिन साथ ही उसे सलाह दी कि वह अपनी इच्छा को एक बार ‘लिंक्डइन’ पर लिख कर देखें।

स्मार्टफोन और 4जी कनेक्टिविटी के ज़माने में किसी पेशेवर सोशल नेटवर्क वेबसाइट अथवा ऐप पर जाना कोई समस्या नहीं है। उसने तुरंत अपने स्मार्टफोन पर लिंक्डइन का एप डाउनलोड किया और प्रोफाइल बना कर सबसे पहले उसी वरिष्ठ को जोड़ कर अपनी इच्छा व्यक्त करने वाली पोस्ट लिख दी। उसके वरिष्ठ ने भी उसे ‘लाइक’ कर दिया। उस छात्र ने अगले पांच दिनों में 27 लोगों को ‘कनेक्शन’ बनाया। करीब 10 दिन बाद उसकी इच्छा पूरी हो गई। उसने अपनी ख़ुशी दूसरी पोस्ट में ज़ाहिर की।

इसी तरह के अनगिनत किस्से पेशेवरों (प्रोफेशनल्स) में ‘लिंक्डइन’ जैसे डिजिटल पेशेवर सोशल नेटवर्क प्लेटफॉर्म्स की लोकप्रियता को दर्शाते हैं। लिंक्डइन के अतिरिक्त ‘रेफरहायर’, ‘अपर्चुनिटी’, ‘पार्टनरअप’, ‘ट्विलाह’ और ‘ब्रांच आउट’ आदि भी पेशेवरों के लिए काफी जाने पहचाने डिजिटल सोशल नेटवर्क प्लेटफॉर्म्स हैं।attacknews.in

सोशल मीडिया के वर्चस्व के वर्तमान दौर में जहाँ ज्यादातर प्लेटफॉर्म्स लोगों के शौक और अहम को आधार बना कर चल रहे हैं, वहीं ये प्लेटफॉर्म्स पेशेवर समाज को जोड़ने का वर्चुअल मंच है। यहाँ पर ना सिर्फ आप अपने पेशेवर साथिओं से जुड़ सकते हैं, बल्कि प्रोफाइल पर वर्तमान अथवा पिछली कंपनियों के सहकर्मी और वरिष्ठ साथियों से अनुशंसा लेकर भविष्य में नौकरी के लिए खुद की उम्मीदवारी को अप्रत्यक्ष रूप से मजबूत कर सकते हैं।

वर्तमान दौर में जब नौकरी के लिए उम्मीदवारी की अधिकतम आयु लगातार कम होती जा रही है, उसमें अलग अलग क्षेत्रों के पेशेवरों के लिए बने ग्रुप या कम्युनिटी काफी मददगार हो सकते हैं। इन पर होने वाली चर्चा आपको समय रहते ना सिर्फ खुद के कौशल को बेहतर करने के लिए सचेत करेंगे, बल्कि कुछ लोग सही कोर्स और संस्थान का चयन करने में भी मदद कर सकते हैं।

इन प्लेटफार्म पर पेशेवर ‘विद्या बांटने से बढ़ती है’ वाले विचार में भी यकीन रखते हैं। इसलिए यहाँ पर ना सिर्फ आप दूसरे पेशेवरों की अनुभवी बातों से सीख सकते हैं, बल्कि खुद के अनुभव या विशेषज्ञता से जुड़ी बातें साझा कर सकते हैं।

इसके अतिरिक्त दूसरी लेकिन आपके कॅरियर को प्रभावित करने वाली विशेषज्ञता के पेशेवरों के अनुभवों को पढ़कर उनके दृष्टिकोण को समझने में भी ये प्लेटफॉर्म्स काफी प्रभावी हैं। उदाहरण के लिए यदि आप नेटवर्क इंजीनियर हैं, तो एक वरिष्ठ एचआर प्रोफेशनल के अनुभवों को पढ़कर आप समझ सकते हैं कि आपके और आपके एचआर मैनेजर के बीच हुए मनमुटाव का कारण क्या रहा होगा। हमारे कॅरियर की तरक्की को सभी विभाग के पेशेवर प्रभावित करते हैं, ऐसे में उनके दृष्टिकोण को समझना काफी मददगार साबित हो सकता है।attacknews.in

इन पेशेवर सोशल नेटवर्क्स में ‘लिंक्डइन’ सर्वाधिक लोकप्रिय है, लेकिन ‘विसुअल सीवी’, ‘मीट अप’ और ‘ज़रप्लाई’ भी अपनी खास फीचर्स के लिए जाने जाते हैं। ‘विसुअल सीवी’ अपने नाम के अनुरूप आपको एक खास तरह का ‘डिजिटल’ रिज्यूमे बनाने की सुविधा देता है, जो ना सिर्फ आकर्षक दिखता है, बल्कि आसानी से किसी के साथ शेयर भी किया जा सकता है। ‘मीट अप’ आपको ऑनलाइन और ऑफलाइन मीटिंग का प्लेटफार्म देता है। वहीं ‘जरप्लाई’ पर आप रिज्यूमे पोस्ट करने के साथ साथ आप वीडियो, पोर्टफोलियो और स्टोरी बोर्ड्स बनाकर भी अपने प्रोफाइल को बेहतरीन बना सकते हैं।

‘रेफरहायर’ संबद्धता के सिद्धांत पर काम करता है, तो वहीं एल्गोरिथ्म आधारित खोज के माध्यम से उपयुक्त जॉब सर्च में प्रभावी माना जाता है। इसके साथ एक खास बात है भी है कि आप ‘लिंक्डइन’ अकाउंट से भी लॉग-इन कर सकते हैं। ‘रेफेरहायर’ पर भी आप ‘लिंक्डइन’ के कनेक्शंस को जोड़ सकते हैं। वैसे तो इसमें से हर एक डिजिटल पेशेवर सोशल नेटवर्क कुछ न कुछ अलग सुविधा देता है, लेकिन ‘लिंक्डइन’ पर आपको कई सारे फीचर मिल जाएंगे। ये प्लेटफार्म आपको ऑनलाइन और ऑफलाइन मीटिंग की सुविधा भी देने लगा है। आप अपने काम से जुड़े वीडियो, प्रेस क्लिपिंग्स, लिंक्स आदि भी प्रोफाइल में जोड़ सकते हैं। अन्य नेटवर्क के काफी सारे फीचर्स ‘लिंक्डइन’ पर ही मिल जाने से ये सर्वाधिक लोकप्रिय पेशेवर सोशल नेटवर्क बनकर उभरा है।

इन डिजिटल पेशेवर सोशल नेटवर्क्स पर कई अन्य फीचर भी हैं जो आपके कॅरियर में मददगार बन सकते हैं। जैसे जैसे जॉब डालने से लेकर उम्मीदवार की शॉर्टलिस्टिंग के लिए पेशेवरों के इन सोशल नेटवर्क का इस्तेमाल एक के बाद एक कंपनियां करने लगी हैं, उसे देखते हुये ये डिजिटल नेटवर्क्स कॅरियर की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं।attacknews.in

इटावा सफारी पार्क एशियन शेरों के लिए बन गया है उनकी आबो-हवा के अनुकूल Attack News

इटावा,14 फरवरी । उत्तर प्रदेश में चंबल के बीहड़ो की बदनाम छवि को बदलने के लिए स्थापित किए गये इटावा सफारी पार्क की आबो हवा एशियन शेरों को रास आने लगी है।

सफारी पार्क के निदेशक पी.पी. सिंह ने बताया कि शेरनी जेसिका का गत 15 जनवरी को जन्मा तीसरा शावक काफी सेहतमंद और उसका वजन भी पूर्व के दो शावको से जयादा है। उन्होंने बताया कि शावक के जन्म के बाद कई दिनों तक शेरनी ने सफारी के डाक्टरों एवं कीपरों को उसके पास नहीं जाने दिया।

उन्होंने बताया कि कल मंगलवार को पार्क के अधिकारियों की टीम ने शावक के पास जाकर कुछ फोटोग्राफ लिये हैं और उसका वजन भी कराया जो चार किलो का है।

उन्होंने बताया कि शावक की सेहत का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। जेसिका का यह तीसरा शावक भी नर है। उन्होंने बताया कि इस शेरनी ने 6 अक्तूबर 2016 को दो नर शावकों को जन्म दिया था जो अब पार्क में अठकेलियां करने लगे हैं और इन दोनों को शेरनी से अलग रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि सफारी में अब शेरों का कुनबा बढ़ने लगा है जिसके चलते लायन सफारी दर्शकों के लिए खुलने के आसार भी बढ़ रहे हैं।attacknews.in

उन्होंने कहा कि तीसरे शावक के सेहतमंद होने से सफारी में प्रसन्नता का माहौल है और इसे वर्ष 2018 में सबसे बड़ा तोहफा मान कर सफारी अफसर चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरणर (सीजेडए) के नियमों के मुताबिक लायन सफारी को जनता के लिए तभी खोला जा सकता है जब वहां कम से कम दस शावक हों। फिलहाल तीन शावक हैं। इसी महीने इनकी संख्या और बढ़ने वाली है।

श्री सिंह ने बताया कि जेसिका के पहले पैदा हुए दो शावकों के नाम शिंबा और सुल्तान हैं जो एक साल से अधिक उम्र के हो गए हैं लेकिन अभी 15 जनवरी को पैदा हुए शावक का नाम नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा कि यह अधिक वजन और भारी शरीर के होने के कारण सफारी प्रशासन उसके नाम को किसी पहलवान के नाम पर रखने का मन बना रहा है फिर भी सफारी प्रशासन लखनऊ से अधिकारियो के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।attacknews.in

उन्होंने बताया कि पार्क में जेसिका के अलावा जुलाई और अगस्त 2015 में शेरनी हीर एवं ग्रीष्मा ने पांच शावकों को जन्म दिया था। दुर्भाग्य से इनकी मृत्यु हो गई थी1 इनमें से हीर के दो शावको की मौत तो जन्म के साथ ही हो गई थी जबकि कुछ दिनों बाद ग्रीष्म के भी तीन शावको की भी मृत्यु हो गई।

गौरतलब है कि सफारी में वर्ष 2012 गुजरात से एक शेर एवं तीन शेरनी लाए गए थे जिनकी संख्या अब बढकर सात हो गई है।attacknews.in

पकौड़ा पुराण:सड़क से 5 सितारा होटलों और देश-विदेश में फैला है इसका कारोबार और रोजगार Attack News

नयी दिल्ली, 14 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पकौड़ा बेचने की तुलना रोजगार से क्या कर दी कि सड़क से लेकर संसद तक चारों आेर ‘पकौड़ा प्रकरण’ की चर्चा होने लगी है। कोई इस बयान के लिए उन पर तंज कस रहा है तो कोई इसकी कड़ी आलोचना कर रहा है, वहीं कुछ नेताओं ने विरोध में बाकायदा सड़क पर पकौड़े की दुकान ही लगा ली।

श्री मोदी के बयान पर सोशल मीडिया पर चल रही चटखारेदार चर्चा, तमाम राजनीति एवं आलोचनाओं को किनारे कर दें तो इस सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता कि पकौड़े वास्तव में देश के लगभग हर हिस्से में बहुतों को रोजगार दे रहे हैं और उनके परिवार का पेट भर रहे हैं। इन गर्मागर्म बहसों और चर्चाओं के बीच जिन पकौड़ों को अचानक इतनी तबज्जो मिलने लगी है, उनके देश के कोने कोने के साथ साथ देश के बाहर भी बहुत कद्रदान हैं और सड़क से लेकर पांच सितारा होटलों तक इनकी धूम है।

दिल्ली के स्ट्रीट फूड में शामिल तरह-तरह की सब्जियों या पनीर के पकौड़े हों, दक्षिण भारत में सड़क किनारे मिलने वाली भजिया हो, बिहार का मुंह में पानी लाने वाला तरुआ या बचका, पश्चिम बंगाल का आलू चॉप, प्याज से बनने वाली पियाजी, केवल बेसन से बनी फुलौरी हो या मछली के पकौड़े, राजस्थान का चटपटा मिर्ची बड़ा हो, महाराष्ट्र में मिलने वाली भाजी या सीफूड के पकौड़े हों अथवा गोवा में बनाये जाने वाले काजू के पकौड़े, सभी बड़े पैमाने पर पसंद किए जाते हैं। देश के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नाम से जाना जाने वाला पकाैड़ा मूल रूप से देसी व्यंजन है।

पूरे भारतीय उप महाद्वीप में इसके कद्रदानों की कमी नहीं है। बेसन के घोल में लिपटी तरह-तरह की सब्जियों और मछली, अंडे तथा सीफूड के पकौड़ों को पाकिस्तान, बंगलादेश और नेपाल में भी खासा पसंद किया जाता है। पकौड़ा अफगानी भोजन का भी अभिन्न हिस्सा है।attacknews.in

दक्षिण एशिया के अलावा यह ब्रिटेन में भी खासा मशहूर है। विशेष रूप से स्‍कॉटलैंड में इसके कद्रदान कुछ ज्‍यादा ही हैं, वहां फास्‍ट फूड स्‍नैक के रूप में यह काफी पसंद किया जाता है। इटली में ऐसा ही एक व्यंजन ‘फ्रितो मिस्तो’ के नाम से जाना जाता है जिसमें सब्जियों, मांस और सीफूड को विशेष प्रकार के घोल में लपेटकर ऑलिव आयल में तला जाता है। अमेरिका और यूरोप में यह ‘फ्रिटर्स’ के नाम से मशहूर है। यहां मक्के के दानों और सब्जियों को छोटे टुकड़ों में काट कर घोल में लपेट कर तला जाता है। चीन में भी इसके चलन का जिक्र मिलता है। इसके अलावा जापान में पारदर्शी चावल के आटे में लिपटा नाजुक सा नजर आने वाला ‘टेंपुरा’ भी पकौड़े का ही एक अवतार है जो मांसाहारी तथा शाकाहारी दोनों ही प्रकार का होता है।

उत्तर भारत में सर्दी और बरसात के रिमझिम मौसम में खास तौर पर लोग पकौड़ों का लुत्फ उठाते हैं। किसी अतिथि के अचानक आगमन पर उसके स्वागत में तुरत-फुरत में यह व्यंजन तैयार किया जा सकता है। दोपहर के भोजन में व्यंजनों की संख्या बढ़ानी हो या शाम की चाय के साथ कुछ स्वादिष्ट खिलाने की इच्छा हो, पकौड़े सबसे पहले याद आते हैं।attacknews.in

शहरों में ही नहीं गांवों में भी जगह-जगह सड़क किनारे ठेलाें पर अक्सर पकौड़े बिकते नजर आ जाते हैं लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि यह केवल सड़क किनारे ही मिलते हैं। नामी-गिरामी रेस्तरां और पांच सितारा होटलों के मेन्यू में भी इसे प्रमुखता से शामिल किया जाता है और लोग इसका खूब लुत्फ उठाते हैं।attacknews.in

रंगमंच का अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव भारत के 17 शहरों में 17 फरवरी से शुरू,30 देशों के 25 हजार कलाकार भाग लेंगें Attack News

नयी दिल्ली 13 फरवरी । आजादी के बाद देश में रंगमंच का पहला सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय महोत्सव ‘थिएटर ओलम्पिक ’17 फरवरी से 51 दिन तक देश के 17 शहरों में आयोजित किया जाएगा। इसमें 30 देशों के 25 हज़ार कलाकार भाग लेंगे।

संस्कृति मंत्रालय और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा आयोजित इस आठवें ओलम्पिक का उद्घाटन लाल किले से उपराष्ट्रपति एम़ वेंकैया नायडू करेंगे और इसका समापन आठ अप्रैल को मुम्बई के गेटवे ऑफ़ इंडिया में होगा। इस ओलम्पिक के दौरान 45 भाषाओं में 450 देशी-विदेशी नाटक होंगे और 600 खुले में प्रदर्शन तथा 250 यूथ फोरम शो भी होंगे।

इसके अलावा रंगमंच के बारे में दो अंतरराष्ट्रीय सेमिनार और छह राष्ट्रीय सेमिनार भी होंगे। इस आयोजन पर 51 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। इस ओलम्पिक का थीम मित्रता का ध्वज रखा गया है। यह जानकारी आज यहाँ संस्कृति मंत्री डॉ महेश शर्मा, संस्कृति मंत्रालय की अपर सचिव सुजाता प्रसाद तथा राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक वामन केंद्रे एवं कार्यवाहक अध्यक्ष अर्जुन देव चरण ने एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में दी।

उन्होंने बताया कि इस ओलम्पिक में दिल्ली के अलावा मुम्बई, जम्मू, भोपाल, वाराणसी, पटना, कोलकाता,जयपुर चंडीगढ़, बेंगलुरु, अहमदाबाद, भुवनेश्वर, चेन्नई, तिरुअनंतपुरम, गुवाहाटी, इम्फाल और अगरतला में नाटकों के शो होंगे। इस ओलम्पिक में ब्रिटन, फ़्रांस, जर्मनी, यूनान, डेनमार्क, इटली, जापान, चीन, रूस के अलावा पोलैंड, आस्ट्रेलिया, बेल्जियम और नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देश भी भाग लेंगे, लेकिन पाकिस्तान भाग नहीं लेगा, क्योंकि उसके किसी नाटक का गुणवत्ता की दृष्टि से चयन नहीं किया गया।

इस आयोजन में शबाना आज़मी, परेश रावेल, मनोज जोशी, हिमानी शिवपुरी, सीमा विश्वास, सौरभ शुक्ल जैसे रंगमंच तथा फिल्म उद्योग से जुड़े कलाकार भाग लेंगे।attacknews.in

ओलम्पिक में मुम्बई और दिल्ली में दो अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी तथा भोपाल, बेंगलुरु, चंडीगढ़, जयपुर, कोलकाता तथा वाराणसी में राष्ट्रीय संगोष्ठियाँ भी होंगी।

ओलम्पिक में 50 कालजयी कलाकारों एवं 50 मास्टर कलाकारों की भी एक कार्यक्रम श्रृंखला आयोजित होगी। इस पूरे आयोजन में रतन थियम, अलीक पद्मसी, माया राव, एम के रैना, राज बिसारिया, त्रिपुरारी शर्मा, बंसी कॉल और सौमित्र चटर्जी जैसे कलाकार भाग लेंगे। ओलम्पिक में नुक्कड़ नाटक, लघु नाटक लेखन, मुसिक बंद के अलावा एक लघु नाटक प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा, जिसमें पहला पुरस्कार एक लाख रुपये का होगा, जबकि दूसरा पचास हज़ार का और तीसरा पच्चीस हज़ार रूपए का होगा।

थिएटर ओलम्पिक की शुरुआत यूनान के डेल्फी शहर से 1993 में हुई थी और यह अब तक जापान,रूस, तुर्की, कोरिया चीन और पोलैंड में हो चुका है।attacknews.in

मणिशंकर अय्यर कहते हैं कि,पाकिस्तानी मुझसे मोहब्बत करते हैं जबकि भारतीयों से नफ़रत मिलती हैं Attack News

इस्लामाबाद 13 फरवरी । कांग्रेस के निलंबित नेता मणिशंकर अय्यर ने अाज एक और विवादित बयान दिया कि पाकिस्तान में उन्हें जितनी मोहब्बत मिली है, भारत में उससे कहीं ज्यादा नफरत मिलती है।

एक टेलीविजन चैनल के मुताबिक श्री अय्यर ने कहा, “ पाकिस्तान में हजारों लोग जिन्हें मैं जानता तक नहीं, मुझसे गले मिलते हैं, शुभकामनाएं देते हैं।

अय्यर ने कहा, मुझे पाकिस्तान में जितना प्यार मिला है, उसकी तुलना में कहीं ज्यादा नफरत भारत में मिलती है। मैं यहां आकर खुश हूं। लोग मेरी बातों पर तालियां बजाते हैं क्योंकि मैं शांति की बात करता हूं। ”attacknews.in

शरद यादव ने राहुल गांधी के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल होने के दिए संकेत Attack News

चंडीगढ़, 13 फरवरी । जदयू के पूर्व नेता शरद यादव ने आज केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में एक अघोषित आपातकाल की स्थिति है और सभी लोकतांत्रिक संस्थाएं खतरे में हैं।

यादव ने यह आरोप भी लगाया कि संविधान को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है।

यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश मुश्किल समय से गुजर रहा है…देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति है। इस आपातकाल और चार दशक पहले लगे आपातकाल के बीच एकमात्र अंतर यह है कि वह प्रत्यक्ष था और तब हमने संघर्ष किया था…।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि देश में अल्पसंख्यकों पर विभिन्न आधार पर हमले हो रहे हैं।attacknews.in

उन्होंने भाजपा की नीतियों को ‘‘घातक बताया, जिसने लोगों का जीवन मुश्किल बना दिया है।’’ उन्होंने कहा कि लव जिहाद के नाम पर समुदायों के बीच विभाजन पैदा किया जा रहा जबकि गाय के नाम पर लोगों की हत्या की जा रही। उन्होंने कहा, ‘‘यह समाज के लिए खतरनाक है।’’ यादव ने कहा कि उन लोगों (भाजपा) ने विदेशों में जमा काला धन वापस लाने का वादा किया था। लोगों को वादा किया गया कि उनके बैंक खातों में 15 लाख रूपये आएंगे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक सक्षम नेता हैं जो किसी भी महागठबंधन का नेतृत्व कर सकते हैं, जिसका भविष्य में गठन होगा।

उन्होंने बिहार की राजनीति पर कहा कि उन्होंने (मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत धड़ा ने) भाजपा से हाथ मिला कर 11 करोड़ लोगों के जनादेश का अपमान किया।attacknews.in

NTPC को मिला बांग्लादेश में 15 वर्ष तक बिजली सप्लाई का ठेका Attack News

नयी दिल्ली, 13 फरवरी । देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी की अनुषंगी इकाई एनवीवीएन (एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम) ने बांग्लादेश को 15 वर्ष तक 300 मेगावाट विद्युत आपूर्ति का ठेका हासिल किया है। कंपनी यह बिजली 3.42 रुपये प्रति यूनिट के अनुमानित शुल्क पर देगी।

सूत्रों के अनुसार कंपनी को बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) की निविदा के तहत 300 मेगावाट बिजली की आपूर्ति से हर साल 900 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।

मोटा-मोटी अनुमान के तहत कंपनी 3.42 रुपये प्रति यूनिट पर यह बिजली बांग्लादेश को आपूर्ति करेगी।

कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘11 फरवरी को खुली वित्तीय बोलियों के आधार पर एनटीपीसी लि. की पूर्ण अनुषंगी एनवीवीएन 300 मेगावाट बिजली की अल्पकाल और दीर्घकाल दोनों में आपूर्ति के लिये सफल बोलीदाता के रूप में उभरी है।’’ हालांकि, कंपनी ने बोली में लगाये गये शुल्क के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। कंपनी के अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर के बीच नौ महीनों की अवधि में औसत शुल्क 3.26 रुपये प्रति यूनिट रहा।

एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम (एनवीवीएन), अडाणी ग्रुप, पीटीसी तथा सिंगापुर की सेंबकार्प ने 11 जनवरी तक बोली लगायी।

एनटीपीसी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच 500 मेगावाट ‘एचवीडीसी (हाई-वोल्टेड डायरेक्ट करंट) इंटर- कनेक्शन’ परियोजना के चालू होने के बाद बिजली की आपूर्ति जून 2018 से शुरू होने की संभावना है।

भारत फिलहाल 600 मेगावाट बिजली बांग्लादेश को निर्यात कर रहा है।attacknews.in

आधार कार्ड नहीं होने पर किसी को भी जरूरी लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा Attack News

नईदिल्ली 13 फरवरी। कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि आधार न होने की वजह से किसी को भी जरूरी लाभ से वंचित नहीं रहना पड़े.

प्रसाद ने राज्य के आईटी मंत्रियों और सचिवों से आज कहा, “आधार एक बडा मंच है, जो सुशासन और बचत की ओर ले जाता है लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि आधार के लिये कानून है. इस कानून में कहा गया है कि आधार कार्ड न होने की वजह से किसी को लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता.”

उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति के पास आधार कार्ड नहीं है तो आधार कार्ड लाने के लिये कहना चाहिये और वैकल्पिक साधन का उपयोग करके उन्हें लाभ प्रदान किया जाना चाहिये. प्रसाद ने राज्यों के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रियों के सम्मेलन में यह बात कही.

प्रसाद ने कहा, “कई बार राशन की दुकानों पर राशन नहीं दिया जाता है. ऐसा नहीं होना चाहिये. आपको इसके बारे में सोचना चाहिये. कोई भी गरीब को राशन देने से मना नहीं कर सकता है.”

केंद्रीय मंत्री की ओर से यह बयान गुरुग्राम अस्पताल की घटना के एक हफ्ते बाद आया. अस्पताल ने एक गर्भवती महिला को सिर्फ इस वजह से भर्ती करने से मना कर दिया था क्योंकि वह आधार कार्ड साथ नहीं लायी थी, जिसके बाद महिला ने अस्पताल के बाहर ही बच्चे को जन्म दे दिया था.attacknews.in

प्रसाद ने कहा कि कई बार बुजुर्गों की उंगलियों की छाप मेल नहीं खाती है. उन्होंने विभाग को निर्देश दिया है इस स्थिति में उनका आधार नंबर एक रजिस्टर में लिख लिया जाए और लाभ प्रदान किया जाये. जिस लाभ के वे हकदार है उसे देने से उन्हें मना नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि हम अगले पांच साल में देश में एक हजार अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इससे 50 से 75 लाख लोगों के लिये रोजगार सृजित होंगे।attacknews.in

ताजमहल में मुमताज की कब्र देखने के लिए अब 200 रूपये अलग से चुकाना होंगे Attack News

नईदिल्ली 13 फरवरी। ताजमहल में मुमताज़ की कब्र देखने के लिए अब दो सौ रुपए का टिकट अलग से लेना होगा.

पहले ताजमहल के प्रवेश का टिकट लेकर आप मुमताज की कब्र तक जा सकते थे और उसके लिए अलग टिकट नहीं लेना होता था पर अब ताजमहल में पर्यटकों की बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने प्रवेश की टिकट चालीस से पचास कर दी है और मुमता की कब्र के पास जाने के लिए अलग टिकट लगा दिया है.

संस्कृति मंत्री डॉ महेश चन्द्र शर्मा ने आज पत्रकारों को बताया कि ताजमहल देखने के लिए भीड़ प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं. रोजाना करीब चालीस-पचास हार पर्यटक आते हैं, लेकिन अवकाश के दिन यह संख्या एक लाख से सवा लाख हो जाती है. इसलिए भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हमने यह कदम उठाया है.

उन्होंने कहा कि टिकट की राशि में वृद्धि करने का मकसद सरकार को धनोपार्जन कराना नहीं, बल्कि बढ़ती भीड़ को रोकना है, क्योंकि हमें इसे भविष्य के लिए भी संरक्षित करना है.

उन्होंने कहा कि अब ताजमहल देखने की अवधि भी केवल तीन घंटे कर दी गयी है, क्योंकि पहले लोग टिकट लेकर दिन भर ताजमहल के अन्दर घूमते रहते थे इस से भीड़ बढ़ जाती थी.

डॉ शर्मा ने कहा कि मेट्रो टिकट की तरह ताजमहल के टिकट होंगे, जिसमें अगर आपकी अवधि तीन घंटे से अधिक हो गयी, तो गेट नहीं खुलगे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पर्यावरण एवं इंजीनीरिंग शोध संसथान ने पिछले दिनों अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ताजमल के बेहतर संरक्षण के लिए भीड़ को नियंत्रित करना जरूरी है. हमने उस रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला किया है, लेकिन विदेशी पर्यटकों के लिए 1250 रुपये ही टिकट का शुल्क रहेगा.attacknews.in

उन्होंने कहा कि जब कोई पर्यटक विशेषकर विदेशी पर्यटक और उनमें खासकर महिला पर्यटक ताजमहल देखने आती हैं, तो गाइड, रिक्शे और टेम्पो वाले तथा दुकान वाले उनके पीछे‘लपक’लेते हैं. इस लपको संस्कृति को खत्म करने के लिए हमने कड़ी कारवाई करने का निर्णय लिया है, क्योंकि यह राष्ट्रीय शर्म का विषय है. कोई मेहमान हमारे देश आता है, तो लोग उसके साथ इस तरह पेश आते हैं, तो इससे भारत की बदनामी भी होती है. इसलिए सभी पर्यटक स्थलों पर इस लपको संस्कृति को खत्म किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटकों के लिए विशेष शौचालय की व्यवस्था की गयी है और प्रवेश द्वार से पहले एक सुविधा केंद्र है, जहां पर्यटक ताजमहल के बारे में वीडियो तथा गाइड आदि की मदद से जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.

उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटकों को सीधे हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन या बस अड्डे से सीधे सुरक्षित ताजमहल तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है और महताब बाग से चांदनी रात में ताजमहल को देखने की व्यवस्था की गयी है.attacknews.in