भोपाल। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव द्वारा जमीन सोसाइटी की जांच एसटीएफ से कराने को लेकर मंत्रालय सहित राजनीतिक गलियारे में खलबली मची हुई है। विगत कई माह से मुख्यमंत्री के साथ पंचायत मंत्री की अनबन की खबर समय-समय पर बाहर आ चुकी है।
इसके पीछे मुख्य कारण पंचायत मंत्री गोपाल एक तीर से दो शिकार करने की तैयारी में है। इससे पहले हम आपको बता दें कि एसटीएफ कुल 77 सोसाइटियों की जांच करेगी। इसमें एक सोसाइटी मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों का है। रोहित सोसाइटी के अधिकांश घरों में मुख्यमंत्री के रिश्तेदार रहते हैं। बड़े पैमाने पर गड़बड़ी भी हुई है और शिकायत भी है। एसटीएफ अब इसकी जांच भी करेगी।
वहीं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री का नाम शौचालय घोटाले से लेकर अन्य घोटाले में सामने आया है और मुख्यमंत्री ने सीधेतौर पर फाइल मंगवा ली है। इधर संघ का सर्वे रिपोर्ट भी भार्गव के काम को निगेटिव नंबर दे रहा है। उम्मीद यह जताई जा रही है कि कैबिनेट विस्तार के दौरान मंत्री पद से गोपाल भार्गव को हटाया जा सकता है।
इसकी पटकथा छह माह पूर्व भी लिखी जा चुकी है। प्रभारी जिलों में मंत्री गोपाल भार्गव पुत्र मोह में फंसे हुए हैं और न्यायपूर्ण तरीके से काम नहीं कर रहे। खुद बीजेपी के सदस्य और विधायक भी इसको लेकर मुख्यमंत्री और पार्टी हाईकमान तक शिकायत पहुंचा चुके हैं। इसलिये एसटीएफ को जांच देकर गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री के ऊपर दबाव बनाने का प्रयास किया है।
विवाद का कारण यह भी
मुख्यमंत्री के साथ विवाद का कारण यह भी है कि गोपाल भार्गव के पुराने प्रकरणों को भी सरकार फिर से खोल रही है। ऐसे में मंत्री भार्गव के लिये विषम परिस्थिति बनी हुई है। सरकार कभी भी सागर दमोह में हुए कथित घोटाले के मामले में जांच शुरू कर सकती है।