उज्जैन. सिंहस्थ के दौरान मौनी बाबा आश्रम के संत सुमन भाई को महामंडलेश्वर की पदवी से नवाजा जाएगा। इस बात की घोषणा बुधवार को अभा अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि महाराज ने गंगाघाट स्थित मौनी बाबा के आश्रम पर की। वे यहां सारस्वत सम्मान के लिए बतौर अतिथि बुलवाए गए थे। सिंहस्थ के पहले मौनी बाबा आश्रम के संत सुमन भाई को महामंडलेश्वर बनाने की घोषणा हो गई। सिंहस्थ में उन्हें संन्यास सहित अन्य विधियों के अनुसार निरंजनी अखाड़े की दीक्षा देकर महामंडलेश्वर बनाया जाएगा।
इसी के साथ वे वानप्रस्थ आश्रम से संन्यासी जीवन आरंभ करेंगे। साथ ही उनका नया नामकरण संस्कार भी किया जाएगा।
महामंडलेश्वर बनाए जाने घोषणा के बाद सुमन भाई ने कहा कि मैं गृहस्थ नहीं, बल्कि 12 साल से वानप्रस्थ आश्रम में रह रहा हूं। अब संन्यासी जीवन आरंभ करूंगा।
सुमन भाई से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे भी इसका पूर्वाभास नहीं था कि महाराज जी मुझे इस पदवी के लायक समझकर इसकी घोषणा करेंगे।
अब तक सुमन भाई को अनेक पदवियों से नवाजा जा चुका है। इनमें काशी हिंदू विश्वविद्यालय से मानस भूषण, डॉक्ट्रेट की उपाधि, बद्री केदार ट्रस्ट से मानस मणि, शुकताल की भागवत पीठ से मानस सम्राट, काशी विश्व परिषद व भारत धर्म महामंडल से मानस सुमन की उपाधि, अभा काशी विद्वत परिषद से मानस राजहंस, सिंगापुर, इंडोनेशिया व अफ्रीका में भी कई पदवियां मिल चुकी हैं।
कार्यक्रम में अर्चना सुमन, पूर्व महापौर मदनलाल ललावत, संत सत्कार समिति की सरोज अग्रवाल, दीपक राजवानी, बीएल मेहता आदि मौजूद थे।